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कबड्डी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को ‘नो एंट्री’

टीम की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के कारण आयोजकों ने छह बार के उप विजेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है. आयोजन समिति के अध्यक्ष और पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिकंदर सिंह मलुका ने कहा, 'भारतीस सेना के नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमला करने के बाद राज्य में स्थिति को देखते हुए 3 से 17 नंवबर तक होने वाले विश्व कप के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित करना सही नहीं होगा.'

कबड्डी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को 'नो एंट्री'

भारत और पाकिस्तान के खेल प्रेमियों को कबड्डी के मैदान पर भारत और पाकिस्ता के बीच भिड़ंत देखने को नहीं मिलेगी. उरी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. जिसके चलते वर्ल्ड कप के आयोजकों ने पाकिस्तान की टीम को टूर्नामेंट नहीं बुलाने का फैसला लिया है. ये टूर्नामेंट में पंजाब में तीन नवंबर से शुरू होगा.

टूर्नामेंट में 11 टीमें हिस्सा लेंगी

पाकिस्तान की 'नो एंट्री' के बाद टूर्नामेंट में अब 12 की जगह 11 टीमें हिस्सा लेंगी. मेजबान भारत के अलावा जो दूसरे देश इसमें हिस्सा लेंगे उनमें ईरान, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, थाईलैंड, जापान, अर्जेंटीना और कीनिया शामिल हैं.

पीएफ गिरवी रख घर खरीद सकेंगे एंप्लॉयीज

देश के करीब 4 करोड़ ईपीएफओ खाताधारक अगले साल से अपने पीएफ की रकम को गिरवी रखकर घर खरीद सकेंगे. यही नहीं पीएफ खाताधारकों के पास यह सुविधा भी होगी मासिक किस्त चुकाने के लिए भी इस खाते का इस्तेमाल कर सकें. ईपीएफओ के सेंट्रल प्रोविडेंट फंड कमिश्नर वीपी जॉय ने कहा, 'हम एक ईपीएफओ सदस्यों के लिए हाउसिंग स्कीम पर काम कर रहे हैं. पीएफ निकासी के क्लेम की ऑनलाइन सेटलिंग के लिए ऑनलाइन सर्विस की लॉन्चिंग के बाद हम इस स्कीम को लॉन्च करेंगे.'

जॉय ने कहा कि इस स्कीम के तहत सब्स्क्राइबर अपनी पीएफ के पैसे को गिरवी रखकर लोन ले सकेंगे और उसके पैसे से ही लोन की मासिक किस्त का भुगतान कर सकेंगे. इस स्कीम के तहत ईपीएफओ सुविधा प्रदाता के तौर पर काम करेगा और सदस्यों को अफोर्डेबल होम लेने में मदद करेगा. इससे एंप्लॉयीज अपनी नौकरी के दौरान ही घर खरीद सकेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ईपीएफओ की जमीन खरीदने और सदस्यों के लिए घर तैयार करने की योजना नहीं है.

इससे पहले ईपीएफओ की ओर से नियुक्त किए गए पैनल ने भी एंप्लॉयीज के लिए इस तरह की स्कीम शुरू किए जाने का सुझाव दिया था. प्रस्तावित स्कीम के तहत ईपीएफओ मेंबर, बैंक या हाउसिंग एजेंसी और ईपीएफओ के बीच करार होगा. इसके तहत वह पीएफ की राशि को गिरवी रख सकेंगे.

गोल्फर भुल्लर ने जीता शिनहान डंगी ओपन खिताब

रेल डिब्बा कारखाना कपूरथला के युवा गोल्फर गगनजीत भुल्लर ने कोरिया के इंचियोन में चल रहे एशियन टूर गोल्फ चैंपियनशिप के दौरान शिनहान डंगी ओपन का खिताब अपने नाम कर लिया.

एशियाई टूर में छठी बार चैंपियन बने भारत के गगनजीत भुल्लर की प्रारंभिक प्रशिक्षण आरसीएफ में हुई है. जिन्होंने रेडिका कोच ज्ञान चंद से गोल्फ की बारीकियां सीखी और अपने पिता एचएस भुल्लर के मार्गदर्शन से बड़ा मुकाम हासिल किया है.

गगनजीत भुल्लर ने कोरिया के इंचियोन में चल रहे एशियन टूर गोल्फ चैंपियनशिप के चौथे व अंतिम दौर पर चार अंडर 67 का स्कोर बनाकर शिनहान डंगी ओपन का खिताब जीता और एशियाई टूर में छठी बार चैंपियन बने.

भुल्लर ने चार दौर में 68, 66, 68 और 67 कार्ड खेले. वह तीसरे दौर के बाद कल संयुक्त चौथे स्थान पर थे, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन से टूर्नामेंट में उनका कुल योग 15 अंडर 269 रहा और उन्होंने इस दस लाख डॉलर इनामी प्रतियोगिता में जिम्बाब्वे के स्काट विन्सेंट और कोरियाई गोल्फर ताइवू किम पर एक शॉट से जीत अर्जित करते हुए खिताब भारत की झोली में डाल दिया.

कलाई की चोट से जूझ रहे भुल्लर गत दो सालों से अच्छा प्रदर्शन नही कर पा रहे थे. वे 2013 में एशियाई टूर का खिताब हासिल किए थे, लेकिन आरसीएफ के 28 वर्षीय गोल्फर ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए शानदार वापसी की और सातवां अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम कर लिया.

एशियाई टूर चैंपियनशिप का खिताब हासिल करने पर खुशी जाहिर करते हुए गगनजीत भुल्लर ने कहा कि चोट के कारण वह पिछले दो साल से संघर्ष कर रहा था, लेकिन वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए अपनी मां सर्बजीत कौर और पिता एचएस भुल्लर को खिताब का तोहफा देने में कामयाब रहे.

बेटे की कामयाबी पर बेहद गदगद उनकी मां सर्बजीत कौर जो स्वंय एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट रही हैं, उन्होंने बताया कि परमात्मा ने आज उनकी मन्नत पूरी की है.

गगनजीत भुल्लर ने बताया कि यह जीत मेरे लिए बहुत मायने रखती है. पिछले दो सत्र से मैं अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजरा रहा था. कलाई की चोट से परेशान होने की वजह से मैंने अपना यूरोपियन टूर कार्ड गंवा दिया और एशियाई टूर में भी जीत दर्ज नहीं कर पाया.

इस जीत से अब मेरा आत्म विश्वास फिर से लौटा है. भुल्लर के पिता एचएस भुल्लर ने अपनी खुशी व्यकत करते हुए बताया कि चोट की वजह से जूझ रहे गगन एक साल से बेहद सख्त मेहनत कर रहे थे और काफी लंबे अंतराल के बाद उनके एशियाई टूर में चैंपियन बनने पर उनके पहली बार चैंपियन बनने से भी ज्यादा खुशी महसूस हो रही है.

आरसीएफ खेल संघ के महासचिव जीएस हीरा ने भी गगनजीत भुल्लर व उनके परिवार को बधाई देते हुए बताया कि गगन के खेल से आज आरसीएफ का नाम पूरी दुनिया में चमक रहा है.

बिना एडमिन के भी व्हाट्सएप ग्रुप में हो सकेंगे शामिल

इंस्टेट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप लगभग हर कोई इस्तेमाल करता है. अगर कोई व्हाट्सएप यूज करता है तो जाहिर है कि वो किसी न किसी व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ होगा. क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप अपने दोस्त को किसी व्हाट्सएप ग्रुप में एड करना चाहते हैं और आपके पास एडमिन राइट नहीं है. अगर हां, तो व्हाट्सएप आपके लिए एक शानदार फीचर लेकर आया है. कंपनी ने एंड्रायड और आईओएस में एक अपडेट जारी किया है. जिसके तहत पब्लिक ग्रुप का इनवाइट लिंक अपने दोस्त को (जिसे आप ग्रुप में एड करना चाहते हैं) भेजने से ही वो बिना एडमिन परमीशन के ग्रुप में एड हो जाएगा.

1. इसके लिए आपको व्हाट्सएप का बीटा वर्जन इंस्टॉल करना होगा.

2. इसके बाद आपको अपना अकाउंट ओपन करना है. आपको अपने दोस्त को इनवाइट लिंक भेजना है.

3. जब आप उस लिंक को सेंड कर देंगे तो आपके दोस्त के पास एक नोटिफिकेशन जाएगा जिसमें लिखा होगा कि क्या आप 'ABC' ग्रुप ज्वाइन करना चाहते हैं? ये ग्रुप XYZ द्वारा बनाया गया है और इसमें BCD participants हैं. इसमें join group का ऑप्शन दिया होगा जिसपर उसे क्लिक करना होगा.

4. जैसे ही आपका दोस्त उस लिंक पर क्लिक करेगा एक वेरिफिकेशन शुरु हो जाएगी. जैसे ही वेरिफिकेशन पूरी होगी आपका दोस्त बिना एडमिन परमीशन के ग्रुप में शामिल हो जाएगा.

अगर आपको नए व्हाट्सएप में इनवाइट लिंक का ऑप्शन न मिले तो आप इनवाइट लिंक भेजने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं. ध्यान रहे कि इसके लिए आपको अपने पुराने व्हाट्सएप को अनइंस्टॉल करना होगा और GB whatsapp की एपीके फाइल को डाउनलोड करना होगा. एक बार प्रोसेस पूरा होने के बाद आप इसे अनइंस्टॉल कर गूगल प्ले स्टोर से दोबारा व्हाट्सएप डाउनलोड कर सकते हैं.

कैसे भेजें इनवाइट लिंक?

1. इसके लिए आपको सबसे पहले GB whatsapp की एपीके फाइल को डाउनलोड करना होगा.

2. GB whatsapp से आप अपना अकाउंट खोलें.

3. इसके बाद सेटिंग्स में जाकर ग्रुप इंफो पर क्लिक करें.

4. यहां एड मेंबर पर टैप करें. फिर जिसे आपको एड करना है उसके नाम पर क्लिक करें.

5. यहां आप इनवाइट ग्रुप लिंक पर टैप करें.

6. कुछ ही समय में व्हाट्सएप ग्रुप लिंक बन जाएगा आप उसे भेज सकते हैं.

टेस्ट खिलाड़ियों की मैच फीस हुई दोगुनी

टेस्ट टीम के अंतिम 11 में जगह बनाने वाले खिलाड़ियों की मैच फीस अब दोगुनी कर दी गई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने टेस्ट खिलाड़ियों की मैच फीस 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी है. वहीं रिजर्व खिलाड़ियों को अब 3.5 लाख रुपये की जगह 7 लाख रुपये मिलेंगे.

बीसीसीआई ने स्पेशल जनरल मीटिंग से पहले वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई. इस वर्किंग कमिटी की बैठक का अजेंडा आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने को लेकर चर्चा करना था. इसके साथ ही इस बैठक मे नैशनल क्रिकेट अकादमी के नए अध्यक्ष का चुनाव और खिलाड़ियों की सैलरी और इमदाद में बढ़ोतरी पर भी चर्चा की गई.

बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा, 'मैंने हमेशा कहा कि टेस्ट क्रिकेट और क्रिकेटर्स को लेकर हमें कुछ अतिरिक्त करने की जरूरत है और यह इस दिशा में पहला कदम है.'

स्टेट एसोसिएशन्स ने ढांचागत सुधार के लिए अधिक धन की मांग की थी इसलिए फुल मेम्बर्स को सालाना इमदाद भी अब 60 करोड़ से बढ़ाकर 70 करोड़ रुपये कर दी गई है.

अब कहीं भी चलाएं फ्री वाई-फाई!

गूगल ने अपने ‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक वाई-फाई प्लेटफार्म गूगल स्टेशन, यूट्यूब गो लांच किया. गूगल स्टेशन मॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, कैफे, विश्वविद्यालय जैसी जगहों पर लगाए जाएंगे.

इसके साथ ही गूगल अस्सिटेंट के हिंदी में लांच करने की घोषणा की गई, जोकि साल के अंत तक उपलब्ध होगा. यह गूगल के मोबाइल मैसेजिंग एप allo के साथ मिलेगा.

कंपनी ने इसके अलावा तीन सीरीज एक्सेस, प्लेटफार्म और प्रोडक्ट गूगल प्ले, क्रोम, यूट्यूब गो, गूगल स्टेशन, गूगल डुओ और allo सेवाओं की घोषणा की है.

गूगल के अधिकारी सीजर सेनगुप्ता ने बताया, “हर सेकेंड तीन भारतीय ऑनलाइन आते हैं और हम उनके लिए सुनिश्चित करते हैं कि उनका अनुभव बेहतरीन हो और उनके काम का हो. लेकिन पहले के लोग जो इंटरनेट से जुड़े और आगे के अरबों लोग जो इससे जुड़ेंगे, उन दोनों की जरूरतें और उम्मीदें बिल्कुल अलग है. और हम इसके लिए काम कर रहे हैं कि आनेवाले सालों में लोग तकनीक का किस तरह से इस्तेमाल करेंगे.”

गूगल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जॉन गियान्नड्रेया का कहना है, “गूगल अब 100 भाषाओं में ट्रांसलेट करता है और इनमें से 12 भाषाएं भारत की है.”

गूगल के चैटिंग गूगल ड्यू और गूगल एलो के प्रोडक्ट लीडर अमित फुले का कहना है कि भारत और अमेरिका में सबसे ज्यादा लोग डुओ का इस्तेमाल कर रहे हैं और एलो को भारत में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है.

क्या है allo?

गूगल एलो एक नया स्मार्ट मैसेजिंग एप हो जो यूजर को प्लानिंग बनाने, इंफॉर्मेशन पाने और अपने आप को आसानी से अभिव्यक्त करने में मदद करता है. यह सारी चीजें चैट के अंदर ही कर सकते हैं.

allo में स्मार्ट रिप्लाई, फोटो शेयरिंग, इमोजी और स्टिकर जैसे विकल्प मौजूद हैं. फुले ने कहा कि गूगल अस्सिटेंट भारत में अब तक केवल अंग्रेजी में ही उपलब्ध था, इस साल के अंत तक यह हिंदी में भी उपलब्ध होगा.

क्या है क्रोम में नया

क्रोम के नए फीचर्स को लेकर गूगल के वाइस चेयरमैन (क्रोम) राहुल रॉय ने कहा कि नया प्रोडक्ट डेटा बचाता है, ऑफ लाइन भी चलता सकता है और मटीरियल का सटीक तरीके से चयन करता है, साथ ही यह अब 2G कनेक्शन पर भी काम करता है.

गूगल की उपाध्यक्ष (यूट्यूब) जोहाना राइट ने यूट्यूब गो को लांच किाय और कहा कि इसका इंटरफेस आसान है. यह स्लो इंटरनेट के साथ भी काम करता है. डेटा कम खर्च करता है और यूजर को पर्सनल सुझाव देता है.

इस फोन से आपकी हर जानकारी हो रही है ट्रैक

अगर आप एप्पल यूजर हैं तो ये खबर खासतौर से आपके लिए है. आईफोन यूजर्स अगर ये सोचते हैं कि वो iMessage के जरिए अपने दोस्तों से बात करते हैं और किसी को उनकी चैट के बारे में पता नहीं चलता, तो आप गलत सोचते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट के ऑर्डर पर एप्पल कंपनी आपके iMessages के साथ-साथ आपकी जानकारी जैसे कॉन्टैक्स और लोकेशन तक कानूनी प्रयोग के लिए शेयर कर सकती है. इसके अलावा आप जिसे भी मैसेज करते हैं उसकी तारीख और समय के साथ-साथ आपका आईपी एड्रेस भी ट्रेस किया जाता है. हालांकि, कंपनी ये सभी जानकारी सिर्फ वैध कोर्ट ऑर्डर पर ही शेयर कर सकती है.

वैसे तो आईफोन के iMessages end-to-end encryption के जरिए सुरक्षित हैं लेकिन जब भी यूजर्स iCloud के जरिए अपने डाटा का बैकअप लेते हैं तो उनका सारा डाटा जैसे मैसेज, फोटोग्राफ आदि एप्पल द्वारा कंट्रोल किया जाता है न की आपके द्वारा. ऐसे में अगर एप्पल चाहे तो आपके iMessages को जरुरत के मुताबिक पढ़ सकती है.

वहीं, यूजर्स iTunes के जरिए भी बैकअप ले सकते हैं लेकिन एक नॉर्मल यूजर के लिए ये मुमकिन नहीं हो पाता है. आईफोन यूजर्स के लिए इससे भी बुरी खबर ये है कि हाल ही में हुए एक मामले में यह सामने आया है कि iOS 10 iTunes के पासवर्ड प्रोटेक्टेड बैकअप पर भी दुष्प्रभाव पड़ा है. इसके परिणाम स्वरुप end-to-end encryption की सुरक्षा भी कमजोर पड़ गई है जिससे हैकर्स आसानी से iOS हैक कर सकते हैं. हालांकि, कंपनी ने जल्द ही बग को फ्किस करने की बात कही है.

भारत बना अंडर-18 एशिया कप हॉकी चैंपियन

अभिषेक के आखिरी क्षणों में किये गये गोल की बदौलत भारत ने फाइनल में मेजबान बांग्लादेश को 5-4 से हराकर अंडर-18 एशिया कप पुरूष हॉकी टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया. भारत ने इस जीत से टूर्नामेंट के शुरूआती मैच में बांग्लादेश से मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया.

तब भी दोनों टीमों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला और आज भी दर्शकों ने खेल का भरपूर आनंद उठाया लेकिन आखिर में भारत चैंपियन बनने में सफल रहा.

भारत ने तेजतर्रार शुरूआत की और कुछ अच्छे मूव बनाए. इन दोनों टीमों के बीच पिछले मैच में बांग्लादेश ने जवाबी हमले करके अपनी जीत सुनिश्चित की थी और भारत ने उसे ध्यान में रखते हुए इस बार अधिक सतर्कता बरती.

भारत को छठे मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस पर गोल नहीं हो पाया. बांग्लादेश ने जवाबी हमले के लिये इंतजार किया और ऐसे एक मौके पर उसने अपना पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया. भारतीय गोलकीपर पंकज कुमार राजक ने शुरू में शॉट रोक दिया लेकिन एम रोमन सरकार रिबाउंड पर गोल करके अपनी टीम को बढ़त दिलाने में सफल रहे.

शिवम आनंद ने भारत को बराबरी दिलायी. उन्होंने सर्कल के पास से गेंद थामी और बांग्लादेश के दो रक्षकों को छकाकर रिवर्स फ्लिक से गोल किया. भारत को पहले हाफ एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन यह भी बेकार गया.

दूसरी तरफ बांग्लादेश की तरफ से मोहम्मद मोहसिन ने गोल कर के हाफ टाइम तक मेजबान टीम को 2-1 से आगे रखा. ऐसे में जबकि मैच टाईब्रेकर की तरफ बढ़ रहा था तब इबुंगो सिंह कोंजेंगबाम ने भारत को बढ़त दिला दी लेकिन मेहताब हुसैन ने 64वें मिनट में बांग्लादेश को फिर से बराबरी दिला दी.

भारत ने आखिरी क्षणों में गोल करने के लिये अपनी तरफ से भरसक प्रयास किये और इसका उसे फायदा भी मिला जब अभिषेक ने हूटर बजने से कुछ सेकेंड पहले गोल करके भारत को खिताब दिलाया. भारत के हार्दिक सिंह को मैन ऑफ द मैच और पंकज कुमार को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर आंका गया.

‘कुछ नहीं’ से ‘कुछ बनने की कहानी’ पर प्यार की दास्तान हो गयी हावी

बायोपिक फिल्म और वह भी क्रिकेटर की जिंदगी पर बायोपिक फिल्म बनाना आसान नहीं होता है. कुछ समय पहले मो. अजहरुद्दीन की बायोपिक फिल्म ‘अजहर’ का बाक्स ऑफिस पर जो हश्र हुआ था, वह किसी से छिपा नहीं है.

अब ‘ए वेडनेस्ड’, ‘बेबी’, ‘स्पेशल छब्बीस’ जैसी फिल्मों के सर्जक नीरज पांडे मशहूर क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक फिल्म लेकर आए हैं. उन्होंने इस फिल्म की कथा को 2011 के विश्व कप क्रिकेट विजय पर जाकर खत्म कर दिया. जब एम एस धोनी का करियर सर्वोच्च शिखर पर था.

इस फिल्म में एम एस धोनी की निजी जिंदगी की प्रेमकथा को कुछ ज्यादा ही महत्व दिया गया है. फिल्म की लचर पटकथा, निर्देशकीय कमी और फिल्म की लंबाई फिल्म दर्शकों को बोर कर सकती है. मगर फिल्म के कैमरामैन के अलावा एडीटर बधाई के पात्र हैं. उन्होंने क्रिकेट के कुछ मशहूर मैचों में एडीटिंग टेबल पर बड़ी खूबसूरती से एम एस धोनी की जगह सुशांत सिंह राजपूत का चेहरा बैठा दिया है.

फिल्म के निर्देशक नीरज पांडे ने अपने इंटरव्यू में दावा किया था कि उन्होंने यह फिल्म किसी इंसान को अगरबत्ती दिखाने यानी कि धोनी को महिमा मंडित करने के लिए नहीं बनायी है, मगर पूरी फिल्म में वह यही करते नजर आए हैं. एम एस धोनी से जुड़े विवादों को उन्होंने नजरंदाज कर दिया है.

फिल्म ‘एम एस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी’ की शुरूआत रांची के अस्पताल में महेंद्र सिंह धोनी के जन्म से शुरू होती है. पहली बेटी के बाद बेटे के जन्म से पान सिंह धोनी (अनुपम खेर) काफी खुश होते हैं. पान सिंह एक स्टेडियम व उस क्षेत्र की रिहायषी कॉलोनी में पानी के वितरण करने वाले पंप रूम में नौकर हैं.

उनका बेटा महेंद्र पढ़ाई में कम फुटबॉल में ज्यादा दिलचस्पी लेता है. पर स्कूल की टीम में विकेट कीपर की जरुरत होने पर स्कूल के शिक्षक बनर्जी उसे विकेट कीपिंग करने के लिए तैयार करते हैं. उसके बाद महेंद्र की रूचि क्रिकेट की तरफ हो जाती है. पिता चाहते हैं कि उसे सरकारी नौकरी मिल जाए. मगर महेंद्र सिंह क्रिकेट खेलते रहते हैं.

माही की किस्मत साथ देती है और उन्हें रेलवे में टीसी की नौकरी मिल जाती है. पर वह ज्यादा समय तक नौकरी नही करते. नौकरी छोड़कर क्रिकेट में रम जाते हैं. पर एक ऑफर ऐसा आता है, जिससे माही की जिंदगी बदल जाती है.

वह रांची से दिल्ली पहुंच जाते हैं. फिर सफलता ही सफलता उनके कदम चूमती है. माही की जिंदगी में प्रियंका (दिशा पटनी) आती हैं, जो कि उन्हें हवाई जहाज में यात्रा करते हुए मिली थी. उनकी प्रेम कहानी आगे बढ़ती है. पर जब माही पाकिस्तान में क्रिकेट मैच खेलने जाते हैं, तभी एक कार दुर्घटना में प्रियंका की मौत हो जाती है. फिर माही की जिंदगी में साक्षी आ जाती है. साक्षी (कियारा अडवाणी) से शादी और विश्वकप जीत के साथ फिल्म खत्म हो जाती है.

माही ने छोटे व बड़े क्रिकेट के कई मैच होते हैं, उन सबको समेटने के चक्कर में कई जगह यह फिल्म डाक्यूमेंटरी लगने लगती है. निर्देशक की गलतियां गिनाने बैठा, तो पेज भर जाएंगे. इंटरवल के बाद फिल्म पर से निर्देशक की पकड़ धीमी पड़ जाती है, क्योंकि तब उनका ध्यान प्रेम कहानी पर ज्यादा हो जाता है. निर्देशक माही के संघर्ष को भी सही ढंग से उकेर नही पाए, बल्कि ऐसा लगता है कि माही को तो सारे अवसर मिलते जा रहे हैं. कोई न कोई शुभचिंतक हमेशा उन्हें आगे बढ़़कर कुछ न कुछ ऑफर दे रहा है. वैसे भी जिंदा इंसान पर फिल्म बनाना कठिन होता है. ऐसे में उस इंसान के काले पक्ष को फिल्म मे दिखाना असंभव हो जाता है. जबकि हर इंसान के कुछ स्याह पन्ने होते ही हैं. मगर निर्देशक ने सिर्फ अच्छी बातों पर ही जोर दिया है.

फिल्म का सकारात्मक पक्ष यह है कि फिल्म में माही के किरदार को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने बहुत ही बेहतरीन तरीके से जीवंत किया है. सुशांत सिंह राजपूत के अभिनय की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है. अनुपम खेर, कुमुद मिश्रा, राजेश शर्मा भी अपनी जगह ठीक हैं. फिल्म का संगीत भी ठीक है.

तीन घंटे दस मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ के निर्माता अरूण पांडे व फॉक्स स्टार स्टूडियो, निर्देशक नीरज पांडे, कहानी व पटकथा लेखक नीरज पांडे व दिलीप झा, कैमरामैन संतो थोडियाल, एडीटर श्री नारायण सिंह हैं.

जल्द बिना एटीएम कार्ड के ही निकलेंगे पैसे

जरा सोच के देखिए कि बिना एटीएम कार्ड के अगर पैसे निकलने लगें तो कैसा होगा. अगर आप भी चाहते हैं कि बिना एटीएम कार्ड के ही आप अपने खाते से एटीएम का इस्तेमाल करके पैसे निकाल सकें तो जल्द ही आपकी ये चाहत पूरी होने वाली है.

1 जनवरी 2017 से ऐसे एटीएम आ जाएंगे, जहां से पैसे निकालने के लिए आपको किसी एटीएम कार्ड की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सिर्फ फिंगरप्रिंट के आधार पर ही इन एटीएम से पैसे निकाले जा सकेंगे.

रिजर्व बैंक ने लिया फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को बैंकों से कहा है कि वह 1 जनवरी 2017 तक एटीएम का एक नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें, जिसमें एटीएम से पैसे कार्ड से तो निकाले ही जा सकेंगे, साथ ही आधार कार्ड आधारित बायोमीट्रिक जानकारी के समायोजन से फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके भी पैसे निकाले जा सकेंगे.

रुकेगी धोखाधड़ी

इस तरह से एटीएम का इस्तेमाल करके होने वाली धोखाधड़ी पर भी लगाम लगेगी. इतना ही नहीं, जब ऐसा हो जाएगा तो कार्ड से होने वाली खरीदारी के जरिए की जाने वाली धोखाधड़ी भी रुकेगी.

जल्द ही स्वाइप मशीन में भी कार्ड को स्वाइप करने के बाद आपको पिन नंबर की जगह फिंगर प्रिंट देने होंगे, जिनसे धोखाधड़ी के मामलों के तेजी से कमी आएगी.

कई झंझटों से मिलेगी मुक्ति

इस सुविधा के बाद किसी को भी एटीएम मशीन पर कार्ड लेकर नहीं जाना होगा. सिर्फ फिंगरप्रिंट से व्यक्ति की पहचान कर ली जाएगी. ऐसे में आपको कार्ड रखने के झंझट और उसके खोने से होने वाली परेशानी के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी.

किसी भी कार्ड से ट्रांजैक्शन अधिक सुरक्षित नहीं था, इसलिए उसके साथ पिन नंबर भी अनिवार्य किया गया, लेकिन पिन नंबर लीक हो जाने से बहुत से फर्जीवाड़े की खबर आती है. यही कारण है कि अब आधार कार्ड आधारित बायोमीट्रिक पहचान का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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