रेल डिब्बा कारखाना कपूरथला के युवा गोल्फर गगनजीत भुल्लर ने कोरिया के इंचियोन में चल रहे एशियन टूर गोल्फ चैंपियनशिप के दौरान शिनहान डंगी ओपन का खिताब अपने नाम कर लिया.
एशियाई टूर में छठी बार चैंपियन बने भारत के गगनजीत भुल्लर की प्रारंभिक प्रशिक्षण आरसीएफ में हुई है. जिन्होंने रेडिका कोच ज्ञान चंद से गोल्फ की बारीकियां सीखी और अपने पिता एचएस भुल्लर के मार्गदर्शन से बड़ा मुकाम हासिल किया है.
गगनजीत भुल्लर ने कोरिया के इंचियोन में चल रहे एशियन टूर गोल्फ चैंपियनशिप के चौथे व अंतिम दौर पर चार अंडर 67 का स्कोर बनाकर शिनहान डंगी ओपन का खिताब जीता और एशियाई टूर में छठी बार चैंपियन बने.
भुल्लर ने चार दौर में 68, 66, 68 और 67 कार्ड खेले. वह तीसरे दौर के बाद कल संयुक्त चौथे स्थान पर थे, लेकिन उनके शानदार प्रदर्शन से टूर्नामेंट में उनका कुल योग 15 अंडर 269 रहा और उन्होंने इस दस लाख डॉलर इनामी प्रतियोगिता में जिम्बाब्वे के स्काट विन्सेंट और कोरियाई गोल्फर ताइवू किम पर एक शॉट से जीत अर्जित करते हुए खिताब भारत की झोली में डाल दिया.
कलाई की चोट से जूझ रहे भुल्लर गत दो सालों से अच्छा प्रदर्शन नही कर पा रहे थे. वे 2013 में एशियाई टूर का खिताब हासिल किए थे, लेकिन आरसीएफ के 28 वर्षीय गोल्फर ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए शानदार वापसी की और सातवां अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम कर लिया.
एशियाई टूर चैंपियनशिप का खिताब हासिल करने पर खुशी जाहिर करते हुए गगनजीत भुल्लर ने कहा कि चोट के कारण वह पिछले दो साल से संघर्ष कर रहा था, लेकिन वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए अपनी मां सर्बजीत कौर और पिता एचएस भुल्लर को खिताब का तोहफा देने में कामयाब रहे.
बेटे की कामयाबी पर बेहद गदगद उनकी मां सर्बजीत कौर जो स्वंय एक अंतरराष्ट्रीय एथलीट रही हैं, उन्होंने बताया कि परमात्मा ने आज उनकी मन्नत पूरी की है.
गगनजीत भुल्लर ने बताया कि यह जीत मेरे लिए बहुत मायने रखती है. पिछले दो सत्र से मैं अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजरा रहा था. कलाई की चोट से परेशान होने की वजह से मैंने अपना यूरोपियन टूर कार्ड गंवा दिया और एशियाई टूर में भी जीत दर्ज नहीं कर पाया.
इस जीत से अब मेरा आत्म विश्वास फिर से लौटा है. भुल्लर के पिता एचएस भुल्लर ने अपनी खुशी व्यकत करते हुए बताया कि चोट की वजह से जूझ रहे गगन एक साल से बेहद सख्त मेहनत कर रहे थे और काफी लंबे अंतराल के बाद उनके एशियाई टूर में चैंपियन बनने पर उनके पहली बार चैंपियन बनने से भी ज्यादा खुशी महसूस हो रही है.
आरसीएफ खेल संघ के महासचिव जीएस हीरा ने भी गगनजीत भुल्लर व उनके परिवार को बधाई देते हुए बताया कि गगन के खेल से आज आरसीएफ का नाम पूरी दुनिया में चमक रहा है.