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रियालिटी शो की शोहरत अस्थायी होती है: संदीप बत्रा

संगीत के रियालिटी शो से निकली प्रतिभाएं कुछ बन नहीं पाती हैं. जिनकी वजह से धीरे धीरे यह चर्चा भी होने लगी है कि रियालिटी शो की वजह से कई बच्चे अपनी प्रतिभा का सदुपयोग करने की बजाय भटक रहे हैं. मगर जो लोग रियालिटी शो के पक्ष में हैं, उनके लिए गायक व संगीतकार संदीप बत्रा बहुत बड़ा उदाहरण बन गए हैं. संदीप बत्रा के बतौर गायक कुछ अलबम बाजार में आ चुके हैं, तो वहीं वह कुछ फिल्मों के लिए आवाज दे चुके हैं. संदीप बत्रा भी टीवी के संगीत प्रधान रियालिटी शो ‘‘फेम गुरुकुल’’ की पैदाइश हैं. जबकि वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं. संदीप का मानना है कि हर बच्चा टीवी के रियालिटी शो का हिस्सा होते हुए भी अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे सकता है. पर इसके लिए उसके माता पिता को भी इस बारे में सोचना चाहिए.

हाल ही में जब संदीप बत्रा से हमारी मुलाकात हुई, तो हमने उनसे पहला सवाल यही किया कि रियालिटी शो से निकलने वाली बहुत कम प्रतिभाएं ही सफलता पा सकी हैं. आपकी सफलता का राज क्या है? इस पर ‘‘सरिता’’ पत्रिका से बात करते हुए संदीप बत्रा ने कहा-‘‘मेरे पास बहुत ज्यादा अनुभव नहीं है. मगर मैंने अपने माता पिता व गुरुजनों से जो कुछ सीखा व समझा है, उसके आधार पर यह कह सकता हूं कि इसमें रियालिटी शो से जुड़ने वाले बच्चों के साथ साथ उनके माता पिता की भी कुछ गलती रहती है. यह सभी रियालिटी शो से जुड़कर शोहरत पाते ही हवा में उड़ने लगते हैं और उन्हें लगता है कि अब सब कुछ आसान हो गया और वह अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना बंद कर देते हैं. जबकि रियालिटी शो के बंद होने के बाद उस शो से जुड़ी प्रतिभाओं का असली संघर्ष शुरू होता है. जहां तक मेरा सवाल है, तो मेरे माता पिता ने मुझ पर यह दबाव बनाकर खा कि पहले मुझे अपनी पढ़ाई पूरी करनी चाहिए.’

संदीप बत्रा आगे कहते हैं- ‘‘देखिए, मुझे तो संगीत का माहौल विरासत में मिला है. मेरी मां स्वयं अच्छी गायक हैं. मैने छह वर्ष की उम्र से गायन शुरू किया था. मैंने स्कूल व कालेज मे संगीत प्रतियोगिताओ में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. मगर मेरी मां मुझसे पढ़ाई भी करवाती थी. आज मैं पेशे से साफ्टवेअर इंजीनियर हूं. मैंने दिल्ली में रहते हुए पं.बलदेव राज शर्मा से संगीत का प्रशिक्षण भी लिया. पर 2005 में सोनी टीवी के रियालिटी शो ‘फेम गुरुकुल’ से लोगों ने मेरी प्रतिभा के बारे में जाना. इस शो के जज जावेद अख्तर, शंकर महादेवन और गायक के के से मुझे संगीत की बारीकियां सीखने का सुनहरा अवसर मिला. साथ में शोहरत भी मिली. पर मेरे माता पिता ने हमेशा मुझे याद दिलाया कि रियालिटी शो की यह शोहरत अस्थायी है. इससे आप सफल हो गए, ऐसा न समझो. इसलिए मैं कठिन मेहनत करता रहा. एक तरफ पढ़ाई, दूसरी तरफ संगीत का रियाज जारी रखा.’’

तो फिर संगीत के क्षेत्र में प्रोफेशनल स्तर पर कब शुरुआत हुई और क्या क्या किया? इस सवाल पर संदीप बत्रा ने कहा-‘‘मेरी मेहनत का परिणाम यह रहा कि 2008 में मेरा पहला संगीत अलबम ‘‘कारी कजरी’’ बाजार में आया. उसके बाद ‘दीपावली आई रे’ व ‘यारियां’ अलबम आए. इसी दौरान मेरी मुलाकात संगीतकार मोंटी शर्मा से हो गयी. उनके साथ मैंने संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘‘रामलीलाःगोलियों की रासलीला’’ तथा विभु पुरी की फिल्म ‘‘हवाईजादा’’ की. वास्तव में इन दोनों फिल्मों का पार्श्वसंगीत मोंटी शर्मा ने किया है. तो जहां जहां गायकी की जरुरत पड़ी, उन्होंने मुझसे गवाया. मैंने कई टीवी विज्ञापनो के लिए जिंगल्स गाए हैं.’’

अब क्या कर रहे हैं? इस सवाल पर संदीप बत्रा ने कहा-‘‘मोंटी शर्मा के ही निर्देशन में मैंने योगेश पगारे की 14 अक्टूबर को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘एक था हीरो’ में दो गाने गाए हैं. इस फिल्म का एक गीत ‘साइकल मेरी..’ मैंने अर्पिता मुखर्जी के साथ गया है, जो कि इन दिनों काफी पसंद किया जा रहा है. तथा इसी फिल्म के एक गीत  ‘आतिश है तू’ को संगीत से संवारा और इस गीत को दिव्या कुमार के साथ गाया है. यह गीत भी काफी लोकप्रिय हो चुका है.’’

गायन के साथ साथ संगीत निर्देशन..? इस पर संदीप बत्रा ने कहा-‘‘मैं तो बचपन से ही गीत लिखने के अलावा उसे संगीत से संवारने व गाने का शौकीन रहा हूं. पर मैं अपनी पहली पहचान गायक के तौर पर ही बनाना चाहा. अब जब गायक के तौर पर पहचान बन गयी है, तो योगेश पगारे ने एक गाने को संगीत निर्देशन से संवारने का जिम्मा दिया, तो इस काम को भी अंजाम दिया. मुझे खुशी है कि मेरे इस काम को पसंद किया जा रहा है.’’

SA ने दर्ज की वनडे इतिहास की दूसरी सबसे बड़ी जीत

डेविड मिलर की तूफानी सेंचुरी (118) के दम पर साउथ अफ्रीका ने डरबन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैच की सीरीज के तीसरे वनडे में इतिहास रच दिया. अफ्रीका ने इस मैच में क्रिकेट हिस्ट्री का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर चेज किया.

ऐसा रहा रोमांचक मैच…

ऑस्ट्रेलिया पहले बैटिंग करने उतरी और 6 विकेट पर 371 रन बनाए. इसमें कप्तान स्टीव स्मिथ ने 108 और डेविड वॉर्नर ने 117 रन बनाए. जवाब में साउथ अफ्रीका ने 4 विकेट और 4 बॉल शेष रहते मैच जीत लिया.

मिलर ने 79 बॉल पर 10 चौके और 6 छक्के लगाकर 118 रन बनाए. मिलर और एंडिले (42 नॉटआउट) के बीच 7वें विकेट के लिए 105 रन की पार्टनशिप हुई.

क्रिकेट हिस्ट्री का दूसरा सबसे बड़ा टारगेट

साउथ अफ्रीका ने इस मैच में वनडे क्रिकेट हिस्ट्री का दूसरा बड़ा टारगेट चेज किया. इससे बड़ा टारगेट (436) चेज करने का रिकॉर्ड भी 10 साल पहले अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही बनाया था.

अफ्रीका से सातवीं फास्टेस्ट सेंचुरी

मिलर ने इस मैच विनिंग इनिंग के दौरान 79 बॉल में सेंचुरी लगाई. यह साउथ अफ्रीका की तरफ से वनडे में सातवीं सबसे तेज सेंचुरी है. इससे तेज छह सेंचुरी में से पांच एबी डीविलियर्स के नाम है.

वैसे यह किसी अफ्रीकी बैट्समैन की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे तेज वन-डे सेंचुरी है. इससे पहले यह रिकॉर्ड क्विंटन डी कॉक के नाम दर्ज था, जिन्होंने 74 बॉल में सेंचुरी लगाई थी.

लगातार हार का पांचवां मौका

ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी पांच वन-डे मैचों की सीरीज के शुरुआती तीन मैच हारने का यह पांचवां मौका है. इससे पहले उसके साथ इस तरह तीन बार इंग्लैंड के और एक बार न्यूजीलैंड के खिलाफ ऐसा हो चुका है.

डेल स्टेन सबसे महंगे

अफ्रीका ने भले ही यह मैच जीता, लेकिन डेल स्टेन उसके सबसे महंगे वन-डे बॉलर बने. स्टेन ने 96 रन देकर 2 विकेट लिए. इससे पहले साउथ अफ्रीका की तरफ से किसी वन-डे में सबसे ज्यादा रन देने का रिकॉर्ड वेन पार्नेल के नाम दर्ज था. उन्होंने 2010 में ग्वालियर में भारत के खिलाफ 95 रन दिए थे.

काबिल: रानी मुखर्जी से होगी रितिक के अभिनय की तुलना

2010 में संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म ‘‘गुजारिश’’ में रितिक रोशन ने पैरलाइज यानी कि पक्षाघात के शिकार म्यूजीशियन से रेडियो जॉकी बने एथान का किरदार निभाया था, जो कि अदालत में ‘इच्छा मौत’ की आज्ञा के लिए लड़ाई लड़ता है. अब वही रितिक रोशन अपने पिता राकेश रोशन के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘‘काबिल’’ में एक ऐसे अंधे इंसान का किरदार निभा रहे हैं, जो कि एक आम इंसान की तरह जिंदगी जीता है और अपनी जिंदगी के गुजर बसर के लिए डबिंग आर्टिस्ट का काम करता है.

फिल्म ‘‘काबिल’’ में एक डबिंग कलाकार के तौर पर अभिनय करते हुए एक दृश्य में रितिक रोशन को  बौलीवुड के कई कलाकारों की आवाज निकालनी होती है. सूत्रों के अनुसार रितिक रोशन ने इस सीन में अमिताभ बच्चन की आवाज निकाली है. यानी कि अब वह फिल्म ‘काबिल’ में कुछ कलाकारों की मिमिक्री करते हुए नजर आएंगे. फिल्म ‘काबिल’ से जुड़े सूत्र दावा कर रहे हैं कि अमिताभ बच्चन की आवाज हूबहू निकालने के लिए रितिक रोशन ने काफी रिहर्सल की और जब उन्होंने टेक दिया, तो उनकी आवाज सुनकर सेट पर मौजूद लोगों के साथ साथ साउंड इंजीनियर रेसूल पुकिटी भी हैरान रह गए. सभी को लगा जैसे कि खुद अमिताभ सेट पर पहुंच गए हों.

इस संबंध में रितिक रोशन कहते हैं-‘‘मिमिक्री मेरा छिपा हुआ टैलेंट है. इसलिए जब मुझे पता चला कि फिल्म ‘काबिल’ में मेरा किरदार अंधे के साथ डबिंग आर्टिस्ट का है, तो मैंने कहा कि मेरे संवाद डब न किए जाएं, मैं खुद ही इस काम को अंजाम दूंगा. मेरे इस काम में साउंड इंजीनियर रसूल पुकुटी से भी काफी मदद मिली.

26 जनवरी 2017 को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘काबिल’’ को लेकर रितिक रोशन व उनके पिता तथा फिल्म के निर्देशक राकेश रोशन दोनों काफी उत्साहित हैं. फिल्म ‘‘काबिल’’ से जुड़ा हर शख्स रितिक रोशन की तारीफों के पुल बांधने में लगा हुआ है, पर वह यह भूल जाते हैं कि इस फिल्म के प्रदर्श के बाद लोग रितिक रोशन के अभिनय की तुलना रानी मुखर्जी से कर सकते हैं. रानी मुखर्जी अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘‘ब्लैक’’ में अंधे का किरदार निभा चुकी हैं. इस फिल्म की जबरदस्त प्रशंसा की जा चुकी है.

सर्जिकल स्ट्राइक या संजीवनी बूटी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूपी पहुंचने से पहले ही उनके शहर बनारस में नये जमाने के पोस्टर लग गये हैं. बनारस में पोस्टर शिव सेना की ओर से लगाये गये हैं. पोस्टर में खास तौर पर रामलीला के तीन किरदारों पर फोकस किया गया है. पोस्टर में मोदी को राम के रूप में तो पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को रावण के रूप में दिखाया गया है. सर्जिकल स्ट्राइक पर सबसे पहले सवाल उठाने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी शिव सेना ने पोस्टर में जगह दी है, लेकिन मेघनाद के रूप में.

वैसे अगर चुनाव नहीं होने होते तो शायद अरविंद केजरीवाल भी ऐसे बयान न देते कि उन्हें भारत से ज्यादा पाकिस्तान में सपोर्ट मिले. कांग्रेस भी शायद संजय निरूपम के बयान से उस तरह किनारा नहीं करती. दिग्विजय सिंह तो खैर अपवाद हैं. कांग्रेस में उन्हें भी आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह की तरह लिया जाना चाहिये, जिस पर किसी का भी कंट्रोल नहीं. शायद, लालू प्रसाद और खुद उनका भी नहीं, लेकिन कोई इस बात से भी इंकार नहीं करता कि वो आलाकमान के मन की बात नहीं कर रहे.

लगता है केजरीवाल ने सबसे पहले सर्जिकल स्ट्राइक की सियासी अहमियत समझी और अगर उन्हें ऐसा लगा कि ये चुनावी मुद्दा बनने जा रहा है तो वो बिलकुल सही सोच रहे हैं. मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक का सरहद पार डिप्लोमेटिक असर हुआ है, तो मुल्क के अंदर सियासी सरगर्मी तेज हो चली है. ब्रांड मोदी एक बार फिर चुनावी बाजार में ट्रेंड करने लगा है. सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह.

समझा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दिल्ली छोड़ कर दशहरा मनाने इस बार लखनऊ जा रहे हैं. लखनऊ के दशहरे में जो पुतला दहन होगा, उसकी थीम भी 'आतंकवाद' बताया जा रहा है.

पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी दोनों ही के लिए संजीवनी बूटी साबित होने जा रही है. उरी हमले के बाद मोदी सरकार को भी जवाब देना मुश्किल हो रहा था. सोशल मीडिया पर '56 इंच का सीना' टैग कर लोग मजाक उड़ाने लगे थे.

यूपी, पंजाब और गोवा में चुनावी माहौल जोर पकड़ने लगा था, लेकिन बीजेपी नेताओं में जीत की उम्मीद न के बराबर दिखने लगी थी. दिल्ली और बिहार में ब्रांड मोदी पूरी तरह फेल हो जाने के बाद केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही थीं. पंजाब की सत्ता में बीजेपी के साझीदार शिरोमणि अकाली दल के नेताओं में भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जोश भरा दिख रहा है. बुलंद तिरंगा मार्च में सड़क पर उतरे समर्थकों ने प्रकाश सिंह बादल के परिवार और पार्टी को नयी आस बंधायी है.

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद माहौल पूरी तरह बदल गया है. कांग्रेस भले ही जोर जोर से शोर मचा रही हो कि ऐसे कई सर्जिकल स्ट्राइक हमने भी किये लेकिन ढोल नहीं पीटा. लेकिन जश्न के नगाड़े की आवाज में ढोल का कोई मोल नजर नहीं आ रहा. गोवा में आरएसएस प्रमुख को लेकर विवाद और केजरीवाल की जोरदार दस्तक के बाद बीजेपी सहमी सहमी नजर आने लगी थी, लेकिन अब उसकी बाछें खिली खिली नजर आ रही हैं. गोवा बीजेपी की ओर से मनोहर पर्रिकर का सम्मान और विजय जुलूस का कार्यक्रम भी तय था, लेकिन उनकी व्यस्ताओं के चलते स्थगित करना पड़ा. पर्रिकर करीब नौ हजार बाइक सवार समर्थकों के साथ रैली में शामिल होने वाले थे. ये विजय जुलूस वास्को में डबलिम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर पणजी तक निकाला जाने वाला था.

पंजाब में भले ही शिवसेना का बहुत प्रभाव न हो लेकिन उसके नेताओं ने लड्डू जरूर बांटे और अब महाराष्ट्र में संजय निरूपम के खिलाफ हल्ला बोलने पर आमादा है. सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल सियासी वजहों से उठ रहे हैं. सवाल उठाने वालों में अब तक केजरीवाल, संजय निरूपम और दिग्विजय सिंह आगे आये हैं. केजरीवाल ने सबूत मांगे हैं. निरूपम और दिग्विजय ने भी केजरीवाल के ही अंदाज में ऐसा किया है. कांग्रेस की ऑफिशयल लाइन अलग है.

क्या करें जब फोन की स्‍क्रीन न करे काम

स्‍मार्टफोन यूजर्स को अक्‍सर एक शिकायत होती है कि उनका फोन एकदम से बंद पड़ जाता है या उसकी स्‍क्रीन पर कुछ भी करिए, कुछ नहीं होता है. ये सभी की प्रॉब्‍लम है, इसका मतलब ये नहीं है कि आपका फोन खराब हो गया है.

अगर आपके फोन में स्‍क्रीन फ्रीज होने की दिक्‍कत है तो परेशान न हों. इस आर्टिकल में बताये जाने वाले कुछ टिप्‍स को अपनाएं और अपने फोन की समस्‍या को फिक्‍स कर लें.

चार्ज करें

कई बार फोन चार्ज न होने पर ऐसे हो जाता है और स्‍क्रीन काम नहीं करती है. अगर बैट्री लेवल 50 प्रतिशत से कम है तो उसे चार्जिंग पर लगा दें. उसके 10 मिनट बाद देखें, आपका फोन काम करने लगेगा.

फोन को स्‍वीच ऑफ कर दें

अगर फोन हैंग हो जाएं या उसकी स्‍क्रीन ही काम करना बंद कर दें. तो सबसे पहले अपने फोन को स्‍वीच ऑफ कर दें. 2 मिनट बाद उसे ऑन करें और आपका फोन बिलकुल सही से काम करने लगेगा.

रिस्‍टार्ट करें

फोन के बंद हो जाने पर या काम न करने की स्थिति में उसे रिस्‍टार्ट करने की कोशिश करें. रिस्‍टार्ट होने पर फोन ठीक से काम करने लगेगा.

बैट्री निकाल दें

आप अपने फोन की बैट्री निकाल दें और 2 मिनट बाद फिर से लगाकर ऑन करें. आप देखेंगे कि फोन सही से काम करने लगा है.

एप को अनइंस्‍टॉल करें

जिन एप का आप इस्‍तेमाल नहीं करते हैं या जो एप काफी ज्‍यादा स्‍पेस घेरती हैं उन्‍हें फोन से अनइंस्‍टॉल कर लें. आपका फोन अपने आप सही से काम करने लगेगा.

रिलायंस ने बेचा पावर ट्रांसमिशन प्रॉजेक्ट्स

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने पावर ट्रांसमिशन ऐसेट्स को अरबपति गौतम अडानी की कंपनी अडानी ट्रांसमिशन को बेचने का अग्रीमेंट किया है. रिलायंस इन्फ्रा इससे मिलने वाली रकम से कर्ज चुकाएगा. दोनों कंपनियों ने यह नहीं बताया कि सौदा कितने में हुआ है, लेकिन करीबी सूत्रों का कहना है कि इसमें रिलायंस इन्फ्रा के तीन ट्रांसमिशन ऐसेट्स की एंटरप्राइज वैल्यू 2,000 करोड़ रुपये लगाई गई है.

सौदे के बारे में रिलायंस इन्फ्रा के सीईओ ललित जालान ने कहा, ‘हमने तीन ऐसेट्स बेच दी हैं और मुंबई के ट्रांसमिशन प्रॉजेक्ट्स अपने पास रखे हैं. नए ओनरशिप मॉडल के तहत हम नए प्रॉजेक्ट्स के लिए बोली नहीं लगाएंगे. कंपनी इंजिनियरिंग और कंस्ट्रक्शन सेगमेंट पर ध्यान देगी.’ उन्होंने कहा, ‘अब हम कंस्ट्रक्शन, पावर, डिफेंस और ओएंडएम बिजनस पर ध्यान देंगे.’

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कर्ज चुकाने के लिए नॉन-कोर ऐसेट्स बेच रही है. वह रोड और मुंबई पावर बिजनस से भी फंड जुटाने की कोशिश में जुटी है. हाल ही में उसने अपनी सीमेंट सब्सिडियरी बिड़ला कॉर्प को 4,800 करोड़ में बेचने का सौदा पूरा किया था.

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा, ‘इस डील से अडानी ट्रांसमिशन का स्केल बढ़ेगा. यह कंपनी की ऑर्गेनिक और इन-ऑर्गेनिक जरियों से शेयरहोल्डर्स की वैल्यू बढ़ाने के इरादे से भी मेल खाती है.’

अडानी ट्रांसमिशन देश में प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी पावर ट्रांसमिशन प्रॉजेक्ट डिवेलपर है. सौदा पूरा होने के बाद उसके पास 10,000 सर्किट किलोमीटर के पावर ट्रांसमिशन प्रॉजेक्ट्स हो जाएंगे. इस डील में तीन ऑपरेशनल प्रॉजेक्ट्स, वेस्टर्न रीजन सिस्टम स्ट्रेंथनिंग स्कीम के तहत आने वाले दो प्रॉजेक्ट्स और एक पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के साथ जॉइंट वेंचर शामिल है. दोनों कंपनियों ने कहा कि रेग्युलेटरी अप्रूवल के बाद ही सौदा पूरा होगा.

सौदे की खबर आने के बाद रिलायंस इन्फ्रा का शेयर 0.2 पर्सेंट चढ़कर 591.05 रुपये पर बंद हुआ. वहीं, अडानी ट्रांसमिशन 7.4 पर्सेंट की बढ़त के साथ 43.05 रुपये पर रहा. अडानी ग्रुप पावर ट्रांसमिशन बिजनस को तेजी से बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

इससे पहले कंपनी ने जीएमआर एनर्जी से मारू ट्रांसमिशन सर्विस कंपनी में 74 पर्सेंट हिस्सेदारी और अरावली ट्रांसमिशन सर्विस कंपनी से 49 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदने का सौदा किया था. इसमें उसने आगे चलकर 100 पर्सेंट स्टेक लेने का भी ऑप्शन रखा है.

ब्लॉक वेबसाइट को ऐसे करें अनब्‍लॉक

अगर आपके वर्कप्‍लेस पर कोई ऐसी वेबसाइट ब्‍लॉक कर दी जाती है जिसे आप सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल करते हों या उसकी जरूरत आपको बहुत पड़ती है तो उलझन होने लगती है कि क्‍या किया जाए.

अगर एडमिनिस्ट्रिेशन को बताया जाये तो वो उसे कभी अनब्‍लॉक नहीं करेंगे और आप कहीं और उसे इस्‍तेमाल कर नहीं सकते हैं. हम आपको बता रहे हैं कि अपने वर्कप्‍लेस पर किसी ब्‍लॉक वेबसाइट को कैसे अनब्‍लॉक करें.

इंटरनेट ऑप्‍शन को बदल दें

अगर आपको किसी वेबसाइट को अनब्‍लॉक करना है तो सबसे पहले इंटरनेट ऑप्‍शन को बदल दें. अगर आपके पैनल पर "Due to Restrictions On This Account," मैसेज लिखकर नहीं आता है तो आप आसानी से वेबसाइट को अनब्‍लॉक कर सकते हैं. इसके लिए, Control Panel > Security > Restricted Sites पर जाएं और जिस साइट को एक्टिव करना चाहते हैं तो एक्टिव कर दें. आपका काम हो जाएगा.

HTTP से HTTPS

जिस वेबसाइट को चलाना चाहते हैं या अनब्‍लॉक करना चाहते हैं उसके यूआरएल को HTTP से HTTPS कर दें और रिफ्रेश कराकर चलाएं. आपकी वेबसाइट चल जाएगी.

पोर्टेबल प्रॉक्‍सी सर्वर का इस्‍तेमाल

किसी वेबसाइट को अनब्‍लॉक करने के लिए आप पोर्टबल प्रॉक्‍सी सर्वर कर इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं.

गूगल ट्रांसलेट का इस्‍तेमाल

आप जिस यूआरएल को खोलना चाहते हैं उसे गूगल ट्रांसलेट पर डालें और फिर आपके सामने किसी और तरीके से वो लिंक आ जाएगा. आप उससे ट्राई करके खोल सकते हैं. इस तरीके से वेबसाइट को अनब्‍लॉक नहीं किया जा सकता है लेकिन आप यूज कर सकते हैं.

RBI का दिवाली गिफ्ट, सस्ते होंगे दुकान और मकान

मकान, वाहन और दूसरे कार्यों के लिये कर्ज लेने वालों को रिजर्व बैंक ने दिवाली का तोहफा दिया है. रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में हुई पहली मौद्रिक समीक्षा में कर्ज सस्ता करने की दिशा में पहल की गई.

केन्द्रीय बैंक ने मुख्य नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत कटौती की है. इस कटौती से रेपो दर पिछले छह साल के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई. गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में यह पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा है जिसमें स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार गठित छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने ब्याज दरों के बारे में विचार विमर्श कर निर्णय लिया है.

समिति में तीन सदस्य सरकार की तरफ से नामित किये गये हैं जबकि बाकी तीन सदस्य रिजर्व बैंक से हैं. एमपीसी की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया गया. रेपो दर में ताजा कटौती से बैंकों को कर्ज सस्ता करने में मदद मिलेगी और मकान, वाहन तथा कंपनियों के लिये कर्ज सस्ता होगा.

नीतिगत दर में कटौती से उत्साहित वित्त मंत्रालय ने कहा कि इससे सकल घरेलू उत्पाद में आठ प्रतिशत वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी. मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि बैंक इस कटौती का लाभ प्रभावी ढंग से ग्राहकों तक पहुंचायेंगे.

बैंकों ने भी मौद्रिक नीति के कदमों का लाभ आगे पहुंचाने का वादा किया. बैंक यदि ब्याज दरों में कटौती करते हैं तो उसका लाभ उसके मौजूदा और संभावित कर्ज लेनदारों को उपलब्ध होगा.

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल के बाद रेपो दर में यह पहली कटौती है. रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के जाने के बाद दरों में नरमी की काफी उम्मीद की जा रही थी, उसी उम्मीद के बीच रेपो दर में यह कटौती हुई है.

रघुराम राजन पर अक्सर दरों को उंचा रखकर आर्थिक वृद्धि का गला घोंटने के आरोप लगते रहे हैं. यहां तक कि सत्ताधारी भाजपा के भी कुछ लोग उनपर ऐसा आरोप लगाते रहे हैं.

फेसबुक जल्द ला सकता है ये फीचर्स

मार्क जुकरबर्ग का सपना है कि फेसबुक को दुनिया के हर कोने में सभी लोगों के बीच अच्‍छी और बेहतरीन नेटवर्क सुविधा के साथ पहुंचाया जाए ताकि संचार क्रांति सफल हो सके.

इसके लिए मार्क के नेतृत्‍व में फेसबुक ने अब तक कई सारे प्रयास किए हैं और उनमें सफल भी रहा. जिनमें से फेसबुक लाइट एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है जो कि कम से कम स्‍पीड में भी चलता है.

अगर अफवाहों पर गौर करें तो जल्‍द ही फेसबुक में नए फीचर्स आने वाले हैं जो ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों के बीच अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रहेगा. आइए जानते हैं इन फीचर्स के बारे में.

मैसेंजर लाइट

जिन लोगों के फोन में 2जी नेटवर्क है और उनके पास हाई स्‍मार्टफोन नहीं हैं उनके लिए मैसेंजर लाइट आ रहा है जो कम से कम नेटवर्क में भी बात करवाने में सफल रहेगा. यूजर्स इसे मैसेंजर की तरह ही इस्‍तेमाल कर सकते हैं कोई फर्क नहीं होगा.

''मैसेंजर डे'' में फेसबुक मिमिक्‍स स्‍पैनचैट स्‍टोरी फीचर्स

 यह फेसबुक के लिए नया नहीं है कि वो स्‍नैपचैट के फीचर्स को कॉपी करें. लेकिन फेसबुक इस बार मैसेंजर डे फीचर्स को लांच करेगा, जो स्‍नैपचैट स्‍टोरी फीचर की प्रतिकृति है. इस एप का इस्‍तेमाल करते हुए, यूजर्स अपनी फोटो और वीडियो को भी शेयर कर सकते हैं. लेकिन इसका कैच प्‍वाइंट ये रहेगा कि आप इसमें पब्लिश करने के 24 घंटे बाद ही उसे हटाया जा सकेगा.

पोल फीचर

फेसबुक मैसेंजर में पोल फीचर आएगा. यह फीचर, आईओएस और एंड्रायड दोनों में ही उपलब्‍ध होगा. इसमें पोल आईकॉन दिखेगा जिसमें पोल को डाला जा सकता है और उस ग्रुप में एड लोग उस पर वोट कर सकते हैं. बूस्‍ट कर्न्‍वसेशन ट्वीटर में यह फीचर सबसे पहले आया था, उसी की तरह अब फेसबुक भी बातचीत को ज्‍यादा इंटरेक्टिव बनाने के लिए बूस्‍ट कर्न्‍वसेशन का फीचर लाने वाला है. इससे यूजर्स का इंगेजमेंट, उनके दोस्‍तों के अपडेट पर

चैट एसिस्‍ट

फीचर इस फंक्‍शन के माध्‍यम से यूजर्स मैसेंजर के माध्‍यम से किसी भी समय पेमेंट का भुगतान कर सकता है. इस फीचर को इस्‍तेमाल करके यूजर्स, डेबिट या क्रेटिड कार्ड या नेटबैकिंग के माध्‍यम से आसानी से भुगतान कर सकते हैं. साथ ही यूजर्स को किसी अन्‍य थर्ड पार्टी एप को जोड़ने की जरूरत नहीं रह जाती है. देखना ये हैं कि ये फीचर आता भी है या नहीं.

बैड लोन की रिकवरी पर केंद्र का रुख नरम

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे टॉप बॉरोअर्स की पहचान करें और अगर उन्हें कर्ज चुकाने में दिक्कत हो रही हो तो इसमें उनसे बातचीत कर उनकी मदद का रास्ता निकालें. सरकार का यह कदम फंसे हुए कर्ज के मामले में उसके रुख में नरमी का संकेत दे रहा है.

अधिकारियों ने कहा कि यह माना जा रहा है कि नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स के मामले में सख्ती से निवेश प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि नए कदम का मकसद क्रेडिट ग्रोथ और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना है. फाइनैंस मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने ईटी को बताया कि जिन प्रमोटरों के प्रॉजेक्ट चलने लायक होंगे, उन्हें उनके मौजूदा और नए, दोनों तरह के प्रॉजेक्ट्स के मामले में मदद दी जाएगी. अधिकारी ने कहा, 'पहले चरण में बैंक 50-100 टॉप बॉरोअर्स की पहचान करेंगे और देखेंगे उन्हें कितना कर्ज दिया गया है और अदायगी का मामला किस हालत में है.'

अधिकारी ने कहा कि वाजिब मामलों में बैंक ऐसे बॉरोअर्स की कैश क्रेडिट लिमिट बढ़ाने जैसे उपायों से मदद करेंगे. उन्होंने कहा, 'इस संबंध में बैंकिंग रेग्युलेटर आरबीआई की भी सहमति ली गई है.' अधिकारी ने कहा कि सरकारी बैंकों के तिमाही प्रदर्शन की समीक्षा पिछले महीने की गई थी और उसी दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.

आरबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल ने भी अपने पहले मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू में मंगलवार को संकेत दिया था कि बैड लोन से निपटने में नरमी दिखाई जाएगी. पटेल ने कहा था, 'हमें एनपीए के मसले से कड़ाई से निपटना होगा, लेकिन इसके साथ व्यावहारिक रुख भी अपनाना होगा ताकि इकॉनमी में क्रेडिट की कमी का अहसास न हो.' उन्होंने कहा था कि आरबीआई इस स्थिति से निपटने के लिए कई स्तरों पर कदम उठाएगा. उन्होंने कहा था कि आरबीआई बैंकों और सरकार के साथ मिलकर काम करेगा. एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि इस वक्त क्रेडिट ग्रोथ में कमजोरी की सबसे बड़ी वजह इन्वेस्टमेंट में सुस्ती को माना जा रहा है, ऐसे में इस तरह के कदमों से इंडिया इंक का हौसला बढ़ेगा.

अधिकारी ने कहा, 'बैड लोन से निपटने पर बढ़े फोकस के कारण कुछ बैंक कर्ज देने में हिचकने लगे थे. सरकार ने बैंकों को भरोसा दिया है कि लोन देने के निर्णय के बारे में बाद में उन्हें निशाना नहीं बनाया जाएगा और बैंकों के बोर्ड की मंजूरी वाले प्रस्तावों की बेवजह जांच नहीं की जाएगी.' आरबीआई ने अपनी अक्टूबर मॉनिटरी पॉलिसी रिपोर्ट में कहा कि बड़े और पुराने प्रॉजेक्ट्स के मामले में फाइनैंशल दिक्कतें काफी ज्यादा हैं और ऐसी स्थिति खासतौर से आयरन, स्टील, कंस्ट्रक्शन, टेक्सटाइल्स और पावर सेक्टरों में है, जिन्हें बैंक से कर्ज मिलने में दिक्कत हो रही है. बैंकों के बोर्ड अपने टॉप बॉरोअर्स के नए प्रस्तावों पर भी चर्चा करेंगे और अगर जानबूझकर डिफॉल्ट करने या पैसा इधर-उधर करने का मामला न हो तो बैंक इन नए प्रॉजेक्ट्स को सपॉर्ट देने पर गौर करेंगे.

आरबीआई का नेतृत्व बदलने पर रुख में बदलाव अच्छी बात नहीं है. कंपनियों की दिक्कतें जल्द सुलझाने का लीगल फ्रेमवर्क पहले से है. यह बात सही है कि बैंकरप्सी कोड में यूएस चैप्टर 11 जैसे प्रावधान नहीं हैं, जिनके तहत कंपनी को ऐसेट्स होल्ड करने का ऑटोमैटिक स्टे मिल जाता है, लेकिन जोर कंपनियों को रिकवर करने का एक निश्चित समय देने पर होना चाहिए और ऐसा न होने पर कंपनी को तत्काल बेचा जाना चाहिए. क्या बैंकरप्सी कोड में बदलाव होना चाहिए? इस पर बहस की जरूरत है.

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