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व्‍हाट्सएप में आया वीडियो कॉलिंग फीचर

व्‍हाट्सएप ने यूजर्स के लिए वीडियो कॉलिंग फीचर की शुरुआत कर दी है. हालांकि अभी यह अपडेट सिर्फ विंडोज फोन यूजर्स के लिए उपलब्‍ध है. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फीचर व्‍हाट्सएप बीटा v2.16.260 के अपडेट में पहले से इनेबल होकर आ रहा है.

वीडियो कॉल करने के लिए यूजर्स को सिर्फ कॉल बटन दबाना होगा और फिर ‘वॉयस’ और ‘वीडियो’ विकल्‍प में से एक को चुनना होगा. इसमें यूजर्स को फ्रंट कैमरा से रियर कैमरा और कॉल म्‍यूट करने का विकल्‍प दिया गया है. इसके अलावा यूजर्स को मिस्‍ड कॉल आने पर नोटिफिकेशन भेजा जाएगा.

कॉल बैक करने के लिए आपको उसी मेन्‍यू पर क्लिक करना होगा. अभी तक यह नहीं बताया गया है कि यह फीचर एंड्रॉयड और आईओएस पर कब आएगा. हालां‍कि जब यह अपडेट विंडोज फोन में आ गया है तो एंड्रॉयड और आईओएस प्‍लेटफॉर्म पर भी जल्‍द पहुंचने की उम्‍मीद है.

व्हाट्सएप ने अपने यूजर्स के लिए एक नया कैमरा फीचर अपनी एप में जोड़ा है जिसके चलते अब वे अपनी फोटो या वीडियो पर लिख सकते हैं और उसमें इमोजी भी जोड़ सकते हैं. यानी अब कोई भी यूजर्स नए वर्जन में फोटो और वीडियो को कस्टमाइज कर सकता है.लिहाजा इस नए फीचर के प्रयोग से यूजर फोटो और वीडियो में कुछ भी लिख सकते हैं और फोटो या वीडियो में इमोजी का यूज कर अपनी फीलिंग शेयर कर सकते हैं. और ये सब करना बहुत ही आसान होगा. जैसे ही आप किसी को फोटो या वीडियो भेजेंगे तो आटोमैटिकली फोटो या वीडियो को एडिट करने का टूल आपके सामने आ जाएगा और फिर आप उसे यूज कर पाएंगे.

व्हाट्सएप ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘‘आज हम आपके अपने दुनियाभर में फैले दोस्तों एवं परिवारों के साथ साझा की जाने वाली फोटो और वीडियो को और अधिक व्यक्तिगत रूप (कस्टमाइज) देने जा रहे हैं. व्हाट्सएप के नए कैमरा फीचर से अब आप अपने वीडियो और फोटो में लिख सकते हैं साथ ही इमोजी भी जोड़ सकते हैं.’

RBI ने आसान किए FDI के नियम

आरबीआई ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को और सरल बना दिया है. इस बीच वह फॉरेन करेंसी नॉन-रेजिडेंट-बैंक डिपॉजिट के मैच्योर होने पर 26 अरब डॉलर देश से बाहर जा सकने की स्थिति निपटने की तैयारी भी कर रहा है. आरबीआई ने बैंकों और बीमा कंपनियों को छोड़कर अन्य रेगुलेटेड फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों में ऑटोमैटिक रूट से 100% फॉरेन इनवेस्टमेंट की इजाजत दी है.

आरबीआई ने स्टार्टअप्स में वेंचर कैपिटल फंड्स के निवेश के नियम भी आसान किए हैं. साथ ही, उसने एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग के नियमों में ढील दी है. भारत में 2015 के दौरान एफडीआई की मात्रा 28% बढ़कर 44.2 अरब डॉलर रही. यूनाइटेड नेशंस की जून में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इस साल इंडिया में एफडीआई का आंकड़ा 60 अरब डॉलर से ज्यादा हो सकता है.

भारत में अधिकांश इक्विटी इनवेस्टमेंट सिंगापुर, मॉरीशस, अमेरिका, जापान, जर्मनी और ब्रिटेन से आता है. विदेशी निवेश की आवक और बढ़ाने के लिए आरबीआई ने दूसरी फाइनेंशियल सर्विसेज में ऑटोमैटिक रूट से 100% विदेशी निवेश की इजाजत दी है. इनमें ऐसी एक्टिविटीज शामिल हैं, जिन्हें आरबीआई, सेबी और इरडा जैसे रेगुलेटर रेगुलेट करते हों.

आरबीआई ने कहा कि जो फाइनेंशियल सर्विसेज रेगुलेटेड न हों या आंशिक तौर पर रेगुलेटेड हों या जिनके रेगुलेशन के बारे में अस्पष्टता हो, उनमें 100% तक विदेशी निवेश की इजाजत सरकारी मंजूरी के जरिए होगी. जिस एक्टिविटी को खासतौर से किसी एक्ट के जरिए रेगुलेट किया जा रहा हो, उसमें विदेशी निवेश उस एक्ट में बताई गईं फॉरेन इनवेस्टमेंट लेवल्स/लिमिट्स के मुताबिक होगा. 

नोट 7 के बाद अब आइफोन 7 में भी हुआ ब्लास्ट

सैमसंग के गैलेक्सी नोट 7 के ब्लास्ट होने की खबरें तो आपने सुनी ही होंगी. लेकिन आज हम आपको ऐसी खबर बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. दरअसल, गैलेक्सी नोट 7 के बाद ऑस्ट्रेलिया के एक व्यक्ति ने ये दावा किया है कि आईफोन 7 उसकी कार में ब्लास्ट हो गया है. उस व्यक्ति ने बताया कि जब फोन ब्लास्ट हुआ तब वो उस कार में नहीं था इसलिए उसे किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ.

एक रिपोर्ट की मानें तो मैट जोन्स नाम का एक व्यक्ति जो कि एक सर्फिंग इंस्ट्रक्टर है, वो अपना आईफोन 7 कार में छोड़कर सर्फिंग क्लास देने गया था. जब वो वापस लौटा तो उसकी कार की खिड़कियां बिल्कुल काली हो चुकी थी. जैसे ही उसने कार का दरवाजा खोला तो उसकी कार में आग लग गई थी. मैट जोन्स ने दावा किया है कि ये हादसा आईफोन के ब्लास्ट होने के चलते ही हुआ है.

फिलहाल इस हादसे की जानकारी एप्पल कंपनी को दे दी गई है. कंपनी इस मामले की जांच पड़ताल कर रही है. गैलेक्सी नोट 7 के बाद आईफोन 7 का ब्लास्ट होना एक गंभीर समस्या है. हालांकि, एप्पल इस मामले की गहन जांच कर रही है. प्राप्त खबरों की मानें तो कंपनी इसकी वजह पता लगाने की पूरी कोशिश कर रही है.

ATM सेंध: सर्जिकल स्ट्राइक का बदला?

बैंकों के डेबिट कार्ड्स से जुड़ी अहम जानकारी में लगी सेंध के मामले में नई जानकारियां सामने आई हैं. जानकारी मिली है कि साइबर हमलों को लेकर बार-बार अलर्ट किए जाने के बावजूद बैंकों ने इस खतरे को कोई खास तवज्जो नहीं दी. देश पर होने वाले साइबर हमलों पर नजर रखने वाली भारत सरकार की सर्वोच्च निगरानी एजेंसी कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम-इंडिया (CERT-In) ने भी ऐसी कई चेतावनियां जारी की थीं. यह एजेंसी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को वक्त-वक्त पर संभावित साइबर खतरों के बारे में अडवाइजरी जारी करती है.

पाक से साइबर हमले की चेतावनी

CERT-In ने इस साल जुलाई और अगस्त में भी चेतावनियां जारी की थीं. इसी क्रम में सबसे ताजा अलर्ट इस साल 7 अक्टूबर को दी गई. वॉर्निंग दी गई कि पाकिस्तान की तरफ से बैंकों के नेटवर्क पर 'साइबर हमला' हो सकता है. यह अलर्ट जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के बाद सीमा पर भारत के जवाबी हमले के मद्देनजर जारी की गई. इस एडवाइजरी के जारी होने से एक महीने पहले सितंबर की शुरुआत में ही बैकों को साइबर सुरक्षा में सेंध से जुड़ी शिकायतें मिलने लगी थीं. वहीं, सीमा पर भारत के जवाबी हमले के बाद पाकिस्तानी हैकर्स द्वारा विभिन्न भारतीय वेबसाइट्स को निशाना बनाया गया. कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसे 7 हजार हमले पाकिस्तानी हैकर्स ने अंजाम दिए.

क्या है मामला?

मैलवेयर इन्फेक्शन की वजह से बैकों की साइबर सुरक्षा में लगी सेंध के कारण करीब 32 लाख डेबिट कार्ड की क्रिटिकल इन्फर्मेशन खतरे में पड़ने की बात सामने आई है. हालांकि, नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, पूरी दुनिया में सिर्फ 1.3 करोड़ रुपए की अवैध धन निकासी हुई है. सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों और पेमेंट गेटवे कंपनियों को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया है. हालांकि, माना जा रहा है कि अगर जारी अलर्ट को लेकर त्वरित और ठोस कार्रवाई होती तो इस साइबर हमले को काफी हद तक बेअसर किया जा सकता था.

बैंकों ने दर्ज नहीं कराई शिकायत

इस सेंध की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले बैंकों में एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, यस और एक्सिस बैंक शामिल हैं. सभी का कहना है कि उनका सिस्टम दुरुस्त है और प्रभावित कार्ड्स का इस्तेमाल शायद उन एटीएम पर हुआ जो संबंधित बैंकों के नेटवर्क के बाहर के थे. 32 लाख कार्ड्स की जानकारी में सेंध लगने की आशंका की खबर मीडिया में आने के बाद CERT-In और द नैशनल क्रिटिकल इन्फर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) ने एसबीआई, एक्सिस और एचडीएफसी को ईमेल भेजकर कहा था कि वे इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज कराएं. हालांकि, बैंकों की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. अफसरों का कहना है कि बैंकों द्वारा इस मामले को रिपोर्ट न करना भी नियमों का उल्लंघन है.

फोन बिना रूट किए करें ये जरूरी टास्क

भारत के लिहाज से देखें तो यहां ज्यादातर यूजर्स एंड्रायड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन एंड्रायड डिवाइस में कई जरुरी टास्क परफॉर्म करने के लिए स्मार्टफोन को रूट करने की जरुरत पड़ती है. स्मार्टफोन को रूट करना हमेशा सही नहीं माना जाता है. इसलिए कई लोग फोन को रूट नहीं करते हैं और ऐसा करने से कतराते हैं.

हालांकि एंड्रायड डिवाइस में आप स्मार्ट हैक्स के जरिए कई काम कर सकते हैं और आपको इसे रूट करने की भी आवश्यकता नहीं होगी. आज हम आपको ऐसे ही कमाल के हैक्स बताने जा रहे हैं जो आपके बेहद काम आएंगे और आपको इस्तेमाल करने के लिए फोन रूट नहीं करना होगा.

अपना डेस्कटॉप फोन से करें कंट्रोल

गूगल ने हाल ही में एक नया एप पेश किया है, जिसका नाम है क्रोम रिमोट डेस्कटॉप. यह एप आपको अपने एंड्रायड फोन से डेस्कटॉप को कंट्रोल करने देती है. अपने डेस्कटॉप को कंट्रोल करने के लिए आपको अपने स्मार्टफोन में इस एप को डाउनलोड करना होगा और उसी नाम का क्रोम एक्सटेंशन अपन डेस्कटॉप पर भी एड करना होगा.

स्क्रीन रिकॉर्डिंग

यदि आपके घर पर कोई बच्चा है या फिर कोई ऐसे टीनेजर जो बार बार आपका फोन लेते हैं तो बेहतर है कि आप अपने फोन में इन में से कोई एक एप जरुर रखें. Rec, AZ Screen recorder या Shou एप्स हैं जो आप इस्तेमाल कर सकते हैं. इन एप्स के लिए आपको फोन रूट करने की जरुरत नहीं होगी.

इनकमिंग और आउटगोइंग कॉक्स का रिकॉर्ड

आटोमेटिक कॉल रिकॉर्डर जैसी एप्स को एंड्रायड स्मार्टफोन रूटिंग की जरुरत नहीं है. आपको केवल इस एप्स को डाउनलोड कर इसे इंस्टॉल करना होगा.

नेविगेशन बटन एप शॉर्टकट

फोन में ऐसी कई एप्स होती हैं जो हम अक्सर इस्तेमाल करते हैं. इन एप्स को आप चाहें तो शॉर्टकट में इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपके लिए इन्हें इस्तेमाल करना आसान हो जाएगा.

बैकग्राउंड में प्ले करें यूट्यूब

जब यूट्यूब पर वीडियो देख रहे हों और एकदम से आप होमस्क्रीन पर जाएं तो आपका वीडियो चला जाता है और यूट्यूब बंद हो जाता है. लेकिन थर्ड पार्टी एप Awesome pop-up video का इस्तेमाल करने से आप यूट्यूब का इस्तेमाल आसानी से कर सकते हैं.

पेटीएम से भी मिलेगा आपको रेल का टिकट

पेटीएम से मोबाईल रिचार्ज, ऑटो-टैक्सी का भाड़ा और बिजली, पानी का बिल तो आपने कई बार अदा किया होगा लेकिन हो सकता है कि आने वाले दिनों में आप पेटीएम से ही रेल का टिकट खरीद सकें तो कैसा रहेगा? जी हां. यह संभव हो सकता है और रेलवे ने इसकी कवायद भी शुरू कर दी है. रेलवे को लग रहा है कि अगर उसकी यह स्कीम अमल में आ जाती है तो इससे न सिर्फ पैसेंजर के लिए टिकट लेना आसान हो जाएगा बल्कि इससे रेलवे का खर्चा कम हो जाएगा और पेटीएम को भी फायदा मिलेगा.

इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक पेटीएम से अनरिजर्व टिकट की संभावनाओं को टटोलने के लिए काफी कवायद हो चुकी है. फिलहाल कुछ ऐसे मसले हैं, जिनके मामले में अभी स्पष्टीकरण दिए जा रहे हैं ताकि जब इसे लागू किया जाए तो किसी तरह की दिक्कत न हो. अगर रेलवे अधिकारी स्पष्टीकरण से संतुष्ट हो जाते हैं तो आने वाले दिनों में पेटीएम से रेल टिकट खरीदना संभव हो जाएगा.

इंडियन रेलवे के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि दरअसल, अभी रिजर्व टिकट खरीदने के लिए तो ऑप्शन हैं कि रेलवे काउंटर के अलावा खुद ही कंप्यूटर से रेल टिकट रिजर्व कराया जा सकता है लेकिन अनरिजर्व टिकट के लिए अभी भी दिक्कत है. कुछ जगह जरूर पेपरलेस टिकट मिलने लगा है लेकिन अगर सभी रूटों पर पेपरलेस टिकट सिस्टम शुरू किया जाए तो उसमें काफी लंबा वक्त लगेगा. ऐसे में अगर पेटीएम वाला विकल्प अपनाया जाए तो इसमें ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. अगर एक बार रेलवे बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर अमल का फैसला कर लिया तो उसके बाद एक महीने में पूरे भारत में अनरिजर्व रेल टिकट लेना आसान हो जाएगा.

रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक अगर फैसला हो जाता है तो अनरिजर्व रेल टिकटिंग सिस्टम को पेटीएम सिस्टम से जोड़ना होगा. इसके बाद जिस भी व्यक्ति के पास स्मार्ट फोन होगा, वह पेटीएम से टिकट ले सकेगा. उसके तहत सिर्फ एक क्यूआर कोड होगा, जिसे स्कैन करना होगा. उसके बाद रेल यात्रा शुरू होने से लेकर समाप्त होने का स्टेशन का नाम भरना होगा. किराए की राशि सीधे रेलवे के अकाउंट में जमा हो जाएगी और यात्री के मोबाइल पर रेल टिकट आ जाएगा.

फीफा रैंकिंग में भारत ने लगाई छलांग

भारतीय फुटबॉल टीम ने फीफा की ताजा रैंकिंग में 11 स्थान की लंबी छलांग लगाते हुए 137वां स्थान हासिल किया. अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने इसकी घोषणा की. एआईएफएफ के मुताबिक यह भारत की अगस्त, 2010 के बाद सर्वोच्च रैंकिंग है.

भारत ने 114वीं रैंकिंग वाली टीम प्योर्टो रिको को सितंबर में हुए दोस्ताना मैच में मात दी थी, उसका फायदा भारत को इस रैंकिंग में मिला है. भारत ने इस दौरान 230 अंक एकत्रित किए. टीम के मुख्य कोच स्टीफन कोंस्टैनटाइन इस बात से खुश हैं. एआईएफएफ की वेबसाइट ने कोच के हवाले से लिखा है, ‘जब मैं अपने दूसरे कार्यकाल के लिए यहां आया था, तब मेरा लक्ष्य हमारी फीफा रैकिंग में सुधार लाने का भी था. अभी तक हमें जो परिणाम मिले हैं उससे यह पता चलता है कि हमें सफलता मिली है.’

उन्होंने कहा, ‘यह पूरी टीम का प्रयास है. अगर एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव कुशल दास मुझे मेरे तरीके से काम करने नहीं देते तो यह मुमकिन नहीं हो पाता.’ कोंस्टैनटाइन ने जब फरवरी 2015 में दूसरी बार टीम की जिम्मेदारी संभाली तब भारतीय टीम की रैंकिंग 171वीं थी. मार्च 2015 में टीम को दो स्थान का नुकसान हुआ था और वह 173वीं रैकिंग पर फिसल गई थी.

कबड्डी वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा भारत

कबड्डी वर्ल्ड कप के दूसरे सेमीफाइनल में जिसकी उम्मीद थी वही हुआ. मेजबान भारत ने दूसरे सेमीफाइनल में थाईलैंड को 53 अंकों के अंतर से मात देते हुए फाइनल में जगह बना ली है. आसान मुकाबले में भारत ने थाईलैंड को 73-20 से मात देते हुए फाइनल में प्रवेश किया. फाइनल में उसका सामना ईरान से होगा. ईरान ने कोरिया को पहले सेमीफाइनल में कड़े मुकाबले में 28-22 से हराते हुए फाइनल में जगह बनाई है.

सभी को इस ड्रीम फाइनल की उम्मीद थी और अब शनिवार को एशियाई कबड्डी के दो दिग्गज विश्व विजेता बनने के लिए एक दूसरे से जोर आजमाइश करेंगे. भारत को सेमीफाइनल मुकाबला जीतने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई. उसने शुरुआत से ही बेहतरीन खेल दिखाया और लगातार पांच अंक हासिल किए. थाईलैंड की टीम को इसके बाद एक अंक मिला. लेकिन भारत ने लगातार अंक लेना जारी रखा और पहले हाफ की समाप्ति तक 36-8 की बढ़त ले ली. मेजबानों का फाइनल में पहुंचना तय लग रहा था.

स्टेडियम में हर तरफ भारत के समर्थन की आवाजें थीं. दूसरे हाफ में दर्शकों को बस अंतिम मिनट का इंतजार था. भारत ने इस हाफ में भी अपना दबदबा कायम रखा और थाई खिलाड़ियों को आसानी से आउट किया. इस हाफ में मेजबानों ने 37 अंक अपने खाते में डाले. वहीं थाईलैंड की टीम सिर्फ 12 अंक ही अपने नाम कर सकी. भारत के लिए अजय ठाकुर ने इस मैच में कुल 11 अंक अपने नाम किए. इस मैच से पहले उनके 41 अंक थे. अब उनके कुल 52 अंक हो गए हैं जोकि बांग्लादेशी कप्तान अरुदजमन मुंशी के बराबर हैं.

भारत ने रेड से 42 और टैकल से 18 अंक अपने नाम किए. ऑलआउट से वह 12 अंक हासिल करने में सफल रही. उसे एक अतिरिक्त अंक भी मिले. वहीं थाईलैंड ने रेड से 12 और टैकल से चार अंक जोड़े. ऑलआउट से उसे एक भी अंक नहीं मिला. वह एक अतिरिक्त अंक हासिल करने में सफल रही.

सुशील कुमार ने कुश्ती छोड़ WWE किया जॉइन

भारत के ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट कुश्ती खिलाड़ी सुशील कुमार के वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट (WWE) जॉइन करने की खबर है. हालांकि सुशील की ओर से अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है. WWE जॉइन करने की खबरों के बाद से सुशील ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. सुशील कुमार से जब संपर्क साधने की कोशिश की जाती है तो वह किसी बहाने से फोन काट देते हैं और फिर फोन स्विच ऑफ कर देते हैं.

ओलंपिक में कुश्ती का सिल्वर मेडल देश के नाम करने वाले सुशील 2016 में रियो में हुए ओलंपिक के लिए चोट के कारण क्वालिफाई नहीं कर पाए थे. इंटरनैशनल रेसलिंग फेडरेशन (IWF) ने सुशील की 66 किलोग्राम कैटिगरी हटा दी थी. उन्होंने IWF से दोबारा फ्रेश ट्रायल कराने की गुजारिश की. उसके बाद सुशील ने कोर्ट का सहारा भी लिया.

कोर्ट का फैसला अपने पक्ष में आने पर सुशील के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रहने के लिए कोई ऑप्शन नहीं बचा था. सूत्रों के अनुसार WWE के चैंपियन रहे ग्रेट खली ने सुशील को WWE में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया. उसके बाद खली की मदद से 33 साल के सुशील ने WWE के अधिकारियों से मिल कर डील फाइनल की है.

31 अक्टूबरः विषयवस्तु के साथ न्याय नहीं

मराठी फिल्म ‘‘धग’’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म निर्देशक शिवाजी लोटन पाटिल से कुछ दिन पहले जब उनकी 1984 के सिख विरोधी दंगों पर आधारित फिल्म ‘‘31 अक्टूबर’’ को लेकर चर्चा हुई थी, तो उस वक्त शिवाजी लोटन पाटिल ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि, ‘‘सेंसर बोर्ड ने हमारी फिल्म के 40 दृश्य काट दिए.

उन्होंने बीच बीच में दृश्य काटे हैं, अब जो दृश्य हटा, उसकी जगह खालीपन आ गया, उसे भरने के चक्कर में आस पास के दृश्य भी हटाए, तो राजनीति के सारे  दृश्य हट गए.

आपके पास 12 पत्ते हैं, उसमें से दो पत्ते निकाल दें, तो वह जगह तो खाली हो ही जाएगी. फिल्म की आत्मा तो रही नहीं. हम उस वक्त की घटना की वास्तविकता को दिखाना चाहते थे, पर अब यह एक परिवार की भावानात्मक कहानी रह गयी है.’’

शायद इसी के चलते 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जिस तरह की घटनाएं हुई थीं, जिस तरह से सिस्टम व राज्य प्रायोजित कारनामे हुए थे, उनसे वाकिफ लोगों को फिल्म ‘‘31 अक्टूबर’’ देखकर इस बात का अहसास होना स्वाभाविक है कि फिल्म में हकीकत नहीं बयां की गयी है.

फिल्म ‘‘31 अक्टूबर’’ की शुरूआत 31 अक्टूबर 1984 की सुबह सात बजे से होकर देर रात तक चलती है. कहानी के केंद्र में सरदार देवेंद्र सिंह (वीर दास), उनकी पत्नी तेजेंदर कौर(सोहा अली खान) और उनके तीन छोटे बच्चे हैं.

फिल्म की शुरूआत में दिखाया गया है कि देवेंद्र सिंह व उनकी पत्नी तेजेंदर सिंह कितने भले लोग हैं. हर इंसान की मदद की ही बात सोचते हैं.

मगर इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख विरोधी दंगो की अग्नि में पूरा देश जल उठता है. तेंजेदर कौर को पता चलता है कि किस तरह उनकी कई रिश्तेदारों के साथ साथ सरदार यानी कि सिख परिवारों का कत्लेआम हो रहा है. उस वक्त जिन पर देवेंद्र सिंह को सबसे ज्यादा भरोसा था, वह भी उनसे कन्नी काट लेते हैं. फिर भी देवेंद्र सिंह के कुछ हिंदू दोस्त उस रात देवेंद्र सिंह के परिवार को बचाने को आगे बढ़ते हैं.फिर इनके साथ दिल्ली के  एक छोर से दूसरे छोर पहुंचने तक जो कुछ होता है,वही सब फिल्म में नजर आता है.

उस वक्त की असलियत को दिखाने में असफल फिल्मकार व पटकथा की कमी के लिए उसके पास अब सेंसर बोर्ड का बहाना तो है ही. निर्देशक व पटकथा लेखक ने उस वक्त जिस तरह से राजनेता इस कत्लेआम का हिस्सा बने थे, उसका जिक्र नहीं कर पाया. पिछले 32 वर्ष से अदालत में जो मुकदमे चल रहे हैं, उनका सही ढंग से जिक्र भी फिल्म में नहीं है. संजीदा विषय पर एक स्तरहीन फिल्म बनकर रह गयी. फिल्म के संवाद बहुत घटिया हैं. इस तरह की फिल्म के लिए संवाद बहुत मायने रखते हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो वीर दास ने भले ही चेहरे पर दाढ़ी व सिर पर सिख पगड़ी बांध ली हो, पर वह दर्शकों से जुड़ नहीं पाते. वह एक गंभीर किरदार को निभाने में बुरी तरह से असफल रहे हैं. इस फिल्म से यह बात उभरती है कि वीर दास सिर्फ हास्य किरदारों के लिए ही ठीक है.

एक सरदारनी के किरदार में सोहा अली से बहुत आपेक्षाएं थीं, जिसे पूरा करने में वह काफी हद तक सफल रही हैं. अपनी आंखों के सामने किसी अपने की हत्या होते देख कुछ न कर पाने व मजबूर चुप रह जाने के दर्द को वह बयां कर जाती हैं. एनआरआई से प्यार कर बैठी लड़की के छोटे किरदार में सेजल शाह प्रभावित नहीं कर पाती.

फिल्म के निर्माता हैरी सचदेवा की तरफ से फिल्म के अंत में एक पंक्ति आती है ‘‘ए ट्रिब्यूट बाय हैरी सचदेवा’’. पर फिल्म देखने पर लगता है कि सिख विरोधी दंगों में पीड़ितों के संग यह फिल्म पूरी तरह से न्याय नहीं कर पायी. फिल्म में एक शराबी द्वारा एक सरदार को सुरक्षा देने के नाम पर उसके पास मौजूद पैसा, घड़ी व सोने की चैन वगैरह लेने के बाद उसे दंगाईयों के हवाले कर देने के दृश्य  को पिरोकर फिल्मकार ने मुख्य संजीदगी से भटकाव का अहसास कराता है. इस  दृश्य की वजह से पिछले 32 वर्ष से अदालत में चल रहे मुकदमें बेमानी हो जाते हैं.

फिल्मकार के इरादों पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. यह फिल्म अंत में यह संदेश देती है कि 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया. मगर जिस तरह से फिल्म बनी है, उससे इसे अपेक्षित दर्शक मिल सकेंगे,इसमें संदेह है.

1 घंटा 42 मिनट की अवधि वाली फिल्म के लेखक व निर्माता हैरी सचदेवा, निर्देशक शिवाजी लोटन पाटिल, कैमरामैन रमानी रंजन दास तथा कलाकार हैं- सोहा अली खान, वीर दास, सेजल शाह, नागेश भोसले, दीपराज राणा, लखा लखविंदर सिंह, विनीत शर्मा, दया शंकर पांडे व अन्य.

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