Download App

इस त्यौहारी मौसम होगी नौकरियों की बारिश

नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस त्यौहारी सीजन में अस्थाई नौकरियों में 20 से 25 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है. लागत बचाने तथा विभिन्न कामकाज में नए टैलेंट जोड़ने के इरादे से कंपनियां इस सीजन में बढ़ती मांग को पूरा करने की तैयारी कर रही हैं. त्यौहारी सीजन गणेश पूजा से नए साल तक करीब पांच माह के लिए रहता है. ऐसे में कंपनियों को आर्डरों तथा डिलिवरी ग्रोथ को पूरा करने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की जरूरत होती है.

E-Commerce कंपनियां करेंगी ज्‍यादा नियुक्तियां

– E-Commerce कंपनियों, लाजिस्टिक्स, FMCG, रिटेल, आपूर्ति श्रृंखला तथा ट्रोसपोर्टेशन में इन दिनों मांग अधिक रहती है.

– इन उद्योगों से जुड़ी कंपनियां दिवाली से क्रिसमस तक के त्योहारी सीजन में अपने – कुल कारोबार का करीब 40 से 50 प्रतिशत तक हासिल करती हैं.

– इस दौरान ये कंपनियां बड़ी तादाद में अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं.

– इनमें इंटर्न तथा कॉलेजों और एकेडमिक इंस्‍टीट्यूशंस के युवा शामिल हैं.

इतनी मिलती है सैलरी

– ऐसे अस्थाई कर्मचारियों को 12,000 से 15,000 रुपए के मासिक वेतन के अलावा परफॉरमेंस आधारित वैरिएबल पेमेंट भी मिलता है.

– फ्यूचर समूह त्यौहारी मौसम के लिए 1,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की तैयारी कर रहा है.

– यह पिछले साल की तुलना में 20% अधिक है.

ये देश है वीर दलालों का

सपा नेता और उद्योगपति अमर सिंह अपने धर्म भतीजे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से रो देने तक की हद तक झुब्ध हैं, क्योंकि इस भूतपूर्व भतीजे ने बिना किसी शर्मोहया या लिहाज के उन्हें दलाल जैसे वाहियात और सभ्य समाज में वर्जित हो चले सबोधन से नवाज कर उनके चेहरे से नूर का नकाब उतार दिया है.

दुख इस कदर अमर सिंह के दिल से फूटा पड़ रहा है कि वे खुद न्यूज़ चैनल वालों को बुला बुला कर अपनी दलाली की मिसालें बता रहे हैं कि देखो जब यह आस्ट्रेलिया गया था, तब उंगली पकड़कर मैं इसे ले गया था, ये देखो उसकी शादी का एलबम जिसके हर फोटो और फ्रेम में मैं हूं और ये भी देखो वो भी देखो ….. .

यादवी कुनबे में चल रहे महाभारत का अंतिम पर्व सबके सामने है, बस पितामह भीष्म आकर बाण शैय्या पर लेट कर सूर्य के उत्तरायन होने का इंतजार नहीं कर रहे. तय है वे नहीं चाह रहे कि यूपी के चुनाव में उनके अपने ही आपस में लड़ मिट कर अपने ही वंश का नामोनिशान मिटा लें, जिससे इतिहास भरा पड़ा है.

खैर मुद्दे और दुख का विषय अमर सिंह को दलाल कहा जाना है, जिससे आहत लोकतंत्र के इस महात्मा विदुर को आज के संजयों के सामने अपने खून के आंसू दिखाने पर मजबूर होना पड़ रहा है और यह सफाई देना पड़ रही है कि वे कलयुग की कैकैयी या मंथरा नहीं हैं, जैसा कि सोशल मीडिया वाली प्रजा कह और समझ रही है. लोग चटखारे लेकर कह रहे हैं कि गौर से देखिये इस शख्स को यही है वो जो आदमी कम पनौती ज्यादा है, इसी ने जयाप्रदा का तलाक करवाया, अंबानी भाइयों को लड़वाया, बच्चन परिवार में सास जया भादुरी और बहू ऐश्वर्या राय के चूल्हे अलग करवा दिये, यह आदमी सुब्रत राय सहारा से जुड़ा तो उन्हें जेल की हवा खानी पड़ रही है और यही वो आदमी है जो यादव परिवार में पड़ी फूट और कलह का जिम्मेदार है.

भारत सरकार को इसकी काबिलियत और हुनर का फायदा उठाते इसे चीन भेज देना चाहिए, यह वहां भी एक पाकिस्तान बनवा देगा. लोग दीवाली के त्योहार के वक्त में होली जैसे हंसी मज़ाक कर रहे हैं, किसी को अमर सिंह की व्यथा और वेदना से सरोकार नहीं कि उनका असल दुख अखिलेश यादव द्वारा दलाल जैसे वाहियात संबोधन से नवाजा जाना है. अखिलेश की नादानी या समझदारी कुछ भी कह लें ने उन्हें मुलायम के दोस्त के बजाय भाई तो बना दिया है पर आजकल भाई भाई के संबंध भी कैसे होते हैं, यह किसी भी घर में झांककर महसूस किया जा सकता है. रही बात दलाल शब्द या सम्बोधन की तो वह वाकई बड़े दिलचस्प तरीके से सियासी डिक्शनरी में परवान चढ़ रहा है.

अपने बड़बोलेपन के चलते कुख्यात हो चले जस्टिस मार्कन्डेय काटजू ट्वीट कर रहे हैं कि क्यों महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़वनीस राज ठाकरे और करण जौहर के बीच 5 करोड़ मे फिल्म प्रदर्शित होने की मध्यस्थता (दलाली का परिष्कृत पर्यायवाची शब्द) कर गुंडों के सामने घुटने टेक रहे हैं. कुछ दिन पहले यूपी की सभा मे राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अभिनेता राज बब्बर को लपेटा था कि इनकी सबसे अच्छी फिल्म दलाल थी, तो राज बब्बर शरमा गए थे क्योंकि देह व्यापार पर बनी फिल्म दलाल में वे वाकई दलाल के रोल में थे, जो खुद कों चमड़ी का दलाल बताता रहता है.

इन उदाहरणों से सिद्ध होता है कि दलाली सर्वव्यापी है, बगैर उसके तो मोक्ष भी नहीं मिलता. इस मिथ्या और नश्वर जगत में दलाली ही पार लगाती है, इसलिए अमर सिंह को बेवजह दुखी नहीं होना चाहिए, लोग उनकी निंदा नहीं, बल्कि  तारीफ ही कर रहे हैं कि वे एक प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं, जिसने चुनाव पूर्व सपा की लुटिया डुबोकर अपनी चौधराहट दिखा दी है.

पिता पुत्री के स्नेह और इमोशन पर बनीं फिल्म ‘शिवाय’

अजय देवगन कि बैनर तले बनी फिल्म शिवाय एक एक्शन और थ्रिलर फिल्म है, जिसे अजय देवगन ने लिखा और निर्देशित भी किया है. फिल्म की कहानी नई नहीं है, ऐसी कई फिल्में पहले भी आ चुकी हैं, एक पिता का अपनी पुत्री से स्नेह और इमोशन उसे कहां से कहां तक ले आता है, ये बताने की कोशिश की गयी है. फिल्म का एक्शन और सिनेमेटोग्राफी अच्छी है. हुत सारे खतरनाक स्टंट और वीएसऍफ का प्रभाव फिल्म में देखने को मिला, जो अधिकतर विदेशी फिल्मों में होता है. इसके अलावा बुल्गारिया और मसूरी के बर्फीले पहाड़ों पर स्टंट भी देखने लायक था, लेकिन फिल्म में एक निर्देशक के रूप में अजय देवगन काम करने में असमर्थ रहे, फिल्म के कई दृश्य बेवजह ठूसे हुए लगे. अजय देवगन अभिनेता के रूप मे ठीक थे. कहानी इस प्रकार है.

शिवाय (अजय देवगन) एक हिमालय का पर्वतारोही है और सभी पर्यटकों को ट्रैकिंग करवाता है. ऐसे में ट्रैकिंग करते वक्त बर्फीले तूफान में घिरकर वह बुल्गारियन लड़की ओल्गा (एर्रिका कार) के नजदीक आता है. ओल्गा जब अपने देश बुल्गारिया जाने वाली होती है, तब पता चलता है कि वह मां बनने वाली है. शिवाय की जिद पर वह एक गूंगी बच्ची गौरा (अबीगैल यामेस) को जन्म देकर वापस अपने देश चली जाती है. बेटी के बड़ी होने पर मां से मिलने की जिद करने पर शिवाय उसे लेकर बुल्गारिया जाता है, जहां उसकी बेटी किडनैप हो जाती है. उसे कई प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. बेटी की खोज में वहां के दूतावास में काम करने वाली सायशा सहगल उसे मदद करती है. इसी तरह कहानी पिता और बेटी के इर्दगिर्द घूमती हुई अंजाम तक पहुंचती है.

फिल्म में गिरीश कर्नाड पिता के रूप में जचें. फिल्म की स्क्रिप्ट जरुरत से अधिक लम्बी थी, इसे कम करने पर फिल्म शायद बेहतर होती. सायसा को बहुत कुछ करने का मौका नहीं मिला, जितना मिला उतना ठीक था. गाने की बात करें तो वह ठीकठाक थे. मिथुन का टाइटल सोंग ‘बोलो हर हर’ अच्छा था. एक्शन फिल्मों को पसंद करने वाले इसे एक बार देख सकते हैं. इसे टू स्टार दिया जा सकता है.

चीन की मुद्रा युआन 6 वर्षों के निचले स्तर पर

चीन की मुद्रा युआन की केंद्रीय समता दर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह वर्षों के निचले स्तर तक पहुंच गई है. चाइना फॉरेन एक्सचेंज ट्रेड सिस्टम के मुताबिक, युआन की केंद्रीय समता दर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 122 आधार अंक घटकर 6.7858 हो गई.

चीन के हाजिर विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में युआन को प्रत्येक कारोबारी दिन केंद्रीय समता मूल्य से अधिकतम दो फीसदी कमजोर होने या मजबूत होने दिया जा सकता है. डॉलर के मुकाबले युआन का केंद्रीय समता मूल्य प्रत्येक कारोबारी दिन अंतरबैंक बाजार खुलने से पहले बाजार के विविध घटकों द्वारा पेश मूल्य के भारित औसत के बराबर होता है.

एटीएम में फिंगर प्रिंट या रेटिना स्कैन से होगी पहचान

अगले साल से नए एटीएम यूजर्स की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया और अधिक पुख्ता होने जा रही है. 1 जनवरी 2017 के बाद जो भी नई एटीएम मशीन्स बनाई जाएंगी, उनमें आधार को लिंक करने की तकनीक भी शामिल होगी. एटीएम मशीन में आपको फिंगर प्रिंट स्कैन या रेटिना स्कैन करके अपनी पहचान बतानी होगी.

इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले महीने सभी बैंकों को नोटिफिकेशन जारी कर, कार्ड संबंधी ट्रांजैक्शन्स के लिए आधार कार्ड की पहचान को लिंक करने के लिए कहा था. भारत में कैशलेस ट्रांजैक्शन भी लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं और आधार कार्ड भी पर्याप्त रूप से जारी हो चुके हैं और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही इस नई तकनीक को जोड़ने का फैसला लिया गया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक के जुड़ने के साथ ही एटीएम या पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनल्स लगाने की लागत में इजाफा होगा. हालांकि, दूसरी ओर इस कदम से कैशलेस इकॉनमी बनाने और फलस्वरूप ब्लैक मनी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. सिटीबैंक और स्टैन्डर्ड चार्टेड बैंक की पूर्व डिजिटल हेड गौरी मुखर्जी की अध्यक्षता वाले आरबीआई के एक वर्किंग ग्रुप ने 2011 में आधार कार्ड को कार्ड ट्रांजैक्शन्स से लिंक करने की सिफारिश की थी.

ऐसे होती है Jio सिम के लिए बारकोड की “चोरी”

रिलायंस जियो सिम कार्ड खरीदने के लिए सबसे पहला दस्तावेज जो मांगा जाता है वह आपके 4जी सिमकार्ड का बारकोड है. लेकिन इन दिनों बारकोड चोरी हो जाने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. काफी लोगों ने 31 दिसंबर तक वेलकम ऑफर की सुविधा देने वाली रिलायंस जियो का सिम खरीद लिया है, लेकिन कई ऐसे भी हैं जो 4जी स्मार्टफोन होते हुए भी सिम इसलिए नहीं खरीद पाए क्योंकि किसी ने उनका बारकोड चोरी कर लिया.

क्या है बारकोड की चोरी

दरअसल रिलायंस जियो सिम का इस्तेमाल सिर्फ 4जी स्मार्टफोन में ही हो सकता है. इसके अलावा एक फोन के लिए सिर्फ एक ही सिम प्रोवाइड कराया जाता है. कंपनी के नियम के मुताबिक ग्राहक को सिम खरीदने से पहले अपने फोन में MyJio ऐप डाउनलोड करनी होगी और एक बारकोड जेनरेट करना होगा. इस बारकोड को दिखाने के बाद ही जियो सिम खरीद सकते हैं. दरअसल यह बारकोड आपके फोन के IMEI नंबर से जेनरेट होता है, और एक IMEI नंबर पर एक ही बारकोड बन सकता है. ऐसे में अगर आपके IMEI नंबर पर आपसे पहले ही जियो सिम खरीदा जा चुका है तो यह बारकोड चोरी का मामला है.

कैसे होता है बारकोड चोरी

दरअसल बारकोड के नीचे बारकोड की डिजिट भी जेनरेट होती है. इस डिजिट को सिम खरीदते समय भरा जाता है. कई दुकानदार शुरुआत और बाद के नंबर बदलकर कोड को डाल देते हैं. असल में जियो बारकोड की आखिरी पांच डिजिट्स में ही अंतर होता है. जियो सिम बेच रहे कर्मचारियों को इतना अनुभव हो गया है कि किस सिरीज का बारकोड चल रहा है. ऐसे में कई बार अंदाजा सही लग जाता है और कोड काम कर जाता है. यह कोड किसी ऐसे फोन का होता है जिसने अभी तक सिम नहीं खरीदा है. इसके अलावा पैक्ड मोबाइल का बार कोड तक चोरी किया जा रहा है. फोन का बारकोड इस्तेमाल करके उसे बेच दिया जाता है. ऐसे में नया 4जी फोन खरीदने के बावजूद सिम नहीं मिल पाता.

दीवाली पर संभल कर करें गैजेट्स की खरीदारी

कुछ लोग सही गैजेट के चयन के लिए ऑनलाइन साइटों पर फोन और लैपटॉप के रिव्यू भी पढ़ते हैं लेकिन ये रिव्यू पेड भी हो सकते हैं, जिससे यूजर को बाद में अपनी पसंद पर पछतावा करना पड़ सकता है. जानिए गैजेट खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

फोन के फीचर जरूर परखें

1.डिसप्ले का रेजोल्यूशन

आमतौर पर लोग बड़े डिसप्ले वाला फोन खरीदना पसंद करते हैं लेकिन वे इसके रेजोल्यूशन पर ध्यान नहीं देते. कम कीमत में एचवीजीए और वीजीए रेजोल्यूशन वाले फोन बेहद लोकप्रिय हैं लेकिन डिसप्ले क्वालिटी के मामले में ये कमजोर होते हैं. ऐसे में बजट ठीक-ठाक है तो बड़ी स्क्रीन के साथ-साथ यह भी देखें कि फोन में 1920*1080 या इससे अधिक रेजोल्यूशन का फुल एचडी डिसप्ले है या नहीं. इससे फोन पर गेम खेलने और वीडियो देखने का अनुभव बेहतर हो जाता है. यह भी सुनिश्चित करें कि डिसप्ले को खरोंच से बचाने के लिए उस पर गोरिल्ला ग्लास का सुरक्षा कवच चढ़ाया गया है या नहीं.

2.प्रोसेसर और रैम

स्मार्टफोन बाजार में ऑक्टाकोर प्रोसेसर से लैस फोन भारी तादाद में मौजूद हैं लेकिन इनमें से अधिकतर फोन की रैम प्रोसेसर के हिसाब से कम होती है. अगर फोन का प्रोसेसर अच्छा है तो रैम भी अधिक होनी चाहिए. क्वाडकोर प्रोसेसर वाला फोन खरीद रहे हैं तो उसमें 2 जीबी रैम होने से फोन की स्पीड अच्छी रहेगी. वहीं, ऑक्टाकोर प्रोसेसर का चयन कर रहे हैं तो कम से कम 3 जीबी रैम वाला फोन खरीदें. क्वाडकोर में चार प्रोसेसर और ऑक्टाकोर में आठ प्रोसेसर होते हैं.

3.स्टोरेज जरूर देखें

कंपनियां स्मार्टफोन में जितनी इंटरनल मेमोरी देती हैं, उतनी यूजर को इस्तेमाल के लिए नहीं मिल पाती है. 8 जीबी स्टोरेज वाले फोन में यूजर लगभग 6.2 जीबी और 16 जीबी वाले फोन में करीब 12.4 जीबी मेमोरी का ही प्रयोग कर पाते हैं क्योंकि बाकी मेमोरी फोन में पहले से मौजूद एप घेरे होते हैं. इसके अलावा अधिक इंटरनल मेमोरी वाले फोन में यह देखें कि इसमें मेमोरी कार्ड स्लॉट दिया गया है या नहीं.

4.कैमरा क्वालिटी

-अधिक मेगापिक्सल के कैमरे के लालच में आकर अक्सर लोग फोन खरीद लेते हैं, जबकि अच्छी फोटो खींचने के लिए मेगापिक्सल के साथ-साथ कैमरे के सेंसर और अन्य फीचर भी बहुत मायने रखते हैं. मिसाल के तौर पर आईफोन में 8 मेगापिक्सल का कैमरा मौजूद है, जो 6,000 रुपये तक के कई बजट फोन में भी आसानी से मिल जाता है लेकिन एलईडी फ्लैश, ऑटोफोकस और तमाम सेंसर की कमी के चलते ये फोन आईफोन की बराबरी नहीं कर पाते. फोन कैमरे का अपर्चर भी अच्छा होना चाहिए, ताकि कम रोशनी में बेहतरीन तस्वीरें खींची जा सकें.

5.ऑपर्रेंटग सिस्टम और बैटरी

गूगल अपना एंड्रॉयड नॉगेट ऑपरेटिंग सिस्टम पेश कर चुका है. हालांकि यह अभी कुछ ही फोन में आया है लेकिन यूजर चाहें तो लॉलीपॉप या मार्शमेलो से लैस हैंडसेट भी बेफिक्र होकर खरीद सकते हैं. यही नहीं, फोन की बैटरी पर भी ध्यान देना बेहद जरूरी है. बैटरी जितने अधिक एमएएच की होगी, उतना बेहतर रहेगा. ऑपरेटिंग सिस्टम भी फोन की बैटरी खपत को प्रभावित करता है, इसलिए मार्शमेलो या लॉलीपॉप ऑपरेटिंग सिस्टम का चयन करें, जो कम बैटरी खाते हैं.

लैपटॉप में ये खूबियां जरूरी

1.स्टोरेज और यूएसबी पोर्ट

-बाजार में 500 जीबी से 1 टेराबाइट तक की स्टोरेज क्षमता वाले लैपटॉप अधिक संख्या में मौजूद हैं. रोजमर्रा के काम के लिए इतनी स्टोरेज काफी होगी. कई कंपनियां मुफ्त में क्लाउड स्टोरेज भी उपलब्ध करा रही हैं. 20 से 30 हजार रुपये की कीमत में इतने स्टोरेज वाले लैपटॉप के कई विकल्प मौजूद हैं. इसके अलावा लैपटॉप में बेहतरीन बैटरी और कम से कम 3 यूएसबी पोर्ट होने चाहिए.

2.प्रोसेसर और रैम

-लैपटॉप में इंटेल और एएमडी के प्रोसेसर अधिक इस्तेमाल होते हैं. अगर आपका बजट ठीक है तो कम से कम इंटेल का कोर आई-3 प्रोसेसर वाला लैपटॉप खरीदें. इससे कम कोर वाले प्रोसेसर का लैपटॉप न लें. 25 से 30 हजार रुपये की कीमत में इस प्रोसेसर के कई लैपटॉप हैं. अगर बजट और अधिक है तो इंटेल का आई-5 कोर प्रोसेसर बेहतर रहेगा. एएमडी के एपीयू प्रोसेसर पर विचार किया जा सकता है. आजकल 4 जीबी रैम वाले लैपटॉप का चलन अधिक है. इससे कम रैम होने पर सिस्टम हैंग होने की शिकायत सता सकती है. अगर भारी गेम या ग्राफिक्स के शौकीन हैं तो जीपीयू और 4 जीबी से अधिक रैम वाला लैपटॉप लेने फायदे का सौदा साबित होगा.

3.डिसप्ले

-15.6 इंच के डिसप्ले वाले लैपटॉप उपभोक्ताओं के बीच अधिक लोकप्रिय हैं. इससे बड़े डिसप्ले वाले लैपटॉप को लाने और ले जाने में दिक्कत आ सकती है. कई सस्ते लैपटॉप में 11.6 इंच की स्क्रीन दी गई होती है. बजट अधिक है तो कम से कम 13 इंच से बड़ा लैपटॉप जरूर लें. डिसप्ले का रेजोल्यूशन कम से कम 1920७108 पिक्सल हो तो बेहतर रहेगा.

ऑफर की असलियत ऐसे जानें

कई ई-कॉमर्स साइटें गैजेट्स पर 40 से 70 फीसदी तक की छूट की पेशकश करती हैं. हालांकि खरीदारी से पहले यह देखना जरूरी है कि गैजेट में दाम के मुताबिक फीचर दिए गए हैं या नहीं. कई बार ऑनलाइन साइटें रीफर्बिश्ड स्मार्टफोन भी बेचती हैं. रीफर्बिश्ड फोन ऐसे फोन होते हैं, जिन्हें कंपनियां कुछ तकनीकी खराबी या डिजाइन संबंधी खामी की वजह से वापस मंगवा लेती हैं. कई मामलों में ग्राहक भी तकनीकी खामियों की शिकायत लेकर फोन निर्माता कंपनियों को लौटा देते हैं. कुछ कंपनियां ऐसे फोन खरीदकर इनमें मौजूद खामियों को दूर करती हैं और फिर इन्हें 30 से 70 फीसदी की कीमत पर बेचती हैं. वे इन पर छह महीने से लेकर एक साल तक की वारंटी भी देती हैं.

टूल से करें कीमत की तुलना

इंटरनेट पर कई ऐसे टूल मौजूद हैं, जो अलग-अलग साइटों पर मौजूद सामान की कीमतों की तुलना करते हैं. इनके जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि ऑफर से पहले उस सामान की सही कीमत क्या थी. ‘बाय हटके’ एक ऐसी वेबसाइट है, जो दो स्मार्टफोन की कीमतों और उनके फीचर की तुलना करती है. इतना ही नहीं, किसी सामान को किस वेबसाइट पर कितने रुपये में बेचा जा रहा है, यह उसके बारे में भी बताती है. 

मैं डेल स्टेन से माफी मांगना चाहता हूं: क्लार्क

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क आज कल क्रिकेट जगत में सुर्ख़ियां हैं. हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई पूर्व कप्तान ने अपनी आत्मकथा 'माई स्टोरी' के जरिए बताया कि वह दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन से माफी मांगना चाहते हैं. क्लार्क के इस बयान के बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में माइकल क्लार्क के चर्चे काफी गर्म हैं.

मामला अब से दो साल पहले का है जब 2014 में केपटाउन के न्यूलैंड्स क्रिकेट मैदान पर दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच चल रहा था. उस दौरान ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन को धोखेबाज बोला था.

क्लार्क ने कहा, ‘मैं डेल स्टेन से माफी मांगना चाहता हूं, मुझे अपने किए पर काफी पछतावा है. मैं स्टेन की इज्जत करता हूं. जबकी हम दोनों हमेशा से ही एक दूसरे के प्रतियोगी रहे हैं. मैंने अपनी किताब में अपनी जिन्दगी के 12 सबसे बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ियों को रखा है. उन खिलाड़ियों में डेल स्टेन सबसे ऊपर हैं.’

क्लार्क के अनुसार वह ऐसा करके स्टेन पर व्यक्तिगत हमला नहीं करना चाहते थे , गौरतलब है कि ऑस्ट्रलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज अगले महीने होनी है जिसका पहला टेस्ट मैच 3 नवम्बर से शुरू होगा. इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को पांच मैचों की एकदिवसीय सीरीज में 5-0 से क्लीन स्वीप करके सीरीज को अपने नाम किया था.

श्रीलंका की सैर कराएगा आईआरसीटीसी

आईआरसीटीसी ने श्रीलंका के लिए स्पेशल टूर पैकेज 'रामायण' शुरू करने का ऐलान किया है. इस पैकेज के तहत श्रद्धालुओं को अशोक वाटिका, सीता माता मंदिर, भक्त हनुमान मंदिर, विभीषण मंदिर और मुनीषवरम शिव मंदिर के भी दर्शन कराए जाएंगे.

आईआरसीटीसी के प्रवक्ता ने बताया कि इस पैकेज के तहत पैसेंजरों को दिल्ली एयरपोर्ट से श्री लंका ले जाया जाएगा. इसकी शुरुआत 24 नवंबर की शाम से होगी और यह टूर 29 नवंबर को समाप्त होगा. इसके बाद 10 दिसंबर, 12 जनवरी, 10 फरवरी और 2 मार्च को भी इसी तरह के टूर पर श्रद्धालुओं को ले जाया जाएगा.

पांच रात के इस टूर के दौरान आईआरसीटीसी वीजा से लेकर हवाई किराया, होटल में ठहरने की व्यवयस्था, खाना-पानी, गाइड आदि सभी का खर्चा संभालेगा. इस पूरे पैकेज के लिए आईआरसीटीसी 48 हजार 220 रुपये प्रति पैसेंजर चार्ज करेगा. 5 दिन के इस टूर के तहत पैसेंजरों को श्रीलंका के महत्वपूर्ण शहरों में भी ले जाया जाएगा. इन शहरों में कोलंबो, कैंडी, नोगांबो शामिल हैं.

पीसीबी ने अफरीदी को कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर फेंका

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी को वर्ष 2016 – 17 की अनुबंध सूची से बाहर करके उन्हें साफ संदेश दे दिया कि वह उसकी भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं हैं.

अफरीदी को पिछली अनुबंध सूची में ‘ए’ कैटेगरी में रखा गया था लेकिन इस बार वह सूची में ही जगह बनाने में नाकाम रहे. बोर्ड ने ऑफ स्पिनर सईद अजमल को भी सूची से हटा दिया है. उन्हें आईसीसी ने 2014 में प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन पीसीबी ने तब भी पिछली बार उन्हें सूची में रखा था.

बायें हाथ के तेज गेंदबाज जुनैद खान को भी सूची से हटाया गया है. नई सूची में लेग स्पिनर यासिर शाह को कैटेगरी ‘ए’ में रखा गया है. पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक को भी शीर्ष कैटिगरी में रखा गया है. हालांकि बल्लेबाज अहमद शहजाद और उमर अकमल को कैटिगरी सी में खिसका दिया गया है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें