रिलायंस जियो सिम कार्ड खरीदने के लिए सबसे पहला दस्तावेज जो मांगा जाता है वह आपके 4जी सिमकार्ड का बारकोड है. लेकिन इन दिनों बारकोड चोरी हो जाने की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है. काफी लोगों ने 31 दिसंबर तक वेलकम ऑफर की सुविधा देने वाली रिलायंस जियो का सिम खरीद लिया है, लेकिन कई ऐसे भी हैं जो 4जी स्मार्टफोन होते हुए भी सिम इसलिए नहीं खरीद पाए क्योंकि किसी ने उनका बारकोड चोरी कर लिया.
क्या है बारकोड की चोरी
दरअसल रिलायंस जियो सिम का इस्तेमाल सिर्फ 4जी स्मार्टफोन में ही हो सकता है. इसके अलावा एक फोन के लिए सिर्फ एक ही सिम प्रोवाइड कराया जाता है. कंपनी के नियम के मुताबिक ग्राहक को सिम खरीदने से पहले अपने फोन में MyJio ऐप डाउनलोड करनी होगी और एक बारकोड जेनरेट करना होगा. इस बारकोड को दिखाने के बाद ही जियो सिम खरीद सकते हैं. दरअसल यह बारकोड आपके फोन के IMEI नंबर से जेनरेट होता है, और एक IMEI नंबर पर एक ही बारकोड बन सकता है. ऐसे में अगर आपके IMEI नंबर पर आपसे पहले ही जियो सिम खरीदा जा चुका है तो यह बारकोड चोरी का मामला है.
कैसे होता है बारकोड चोरी
दरअसल बारकोड के नीचे बारकोड की डिजिट भी जेनरेट होती है. इस डिजिट को सिम खरीदते समय भरा जाता है. कई दुकानदार शुरुआत और बाद के नंबर बदलकर कोड को डाल देते हैं. असल में जियो बारकोड की आखिरी पांच डिजिट्स में ही अंतर होता है. जियो सिम बेच रहे कर्मचारियों को इतना अनुभव हो गया है कि किस सिरीज का बारकोड चल रहा है. ऐसे में कई बार अंदाजा सही लग जाता है और कोड काम कर जाता है. यह कोड किसी ऐसे फोन का होता है जिसने अभी तक सिम नहीं खरीदा है. इसके अलावा पैक्ड मोबाइल का बार कोड तक चोरी किया जा रहा है. फोन का बारकोड इस्तेमाल करके उसे बेच दिया जाता है. ऐसे में नया 4जी फोन खरीदने के बावजूद सिम नहीं मिल पाता.