अगले साल से नए एटीएम यूजर्स की पहचान सुनिश्चित करने की प्रक्रिया और अधिक पुख्ता होने जा रही है. 1 जनवरी 2017 के बाद जो भी नई एटीएम मशीन्स बनाई जाएंगी, उनमें आधार को लिंक करने की तकनीक भी शामिल होगी. एटीएम मशीन में आपको फिंगर प्रिंट स्कैन या रेटिना स्कैन करके अपनी पहचान बतानी होगी.

इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले महीने सभी बैंकों को नोटिफिकेशन जारी कर, कार्ड संबंधी ट्रांजैक्शन्स के लिए आधार कार्ड की पहचान को लिंक करने के लिए कहा था. भारत में कैशलेस ट्रांजैक्शन भी लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं और आधार कार्ड भी पर्याप्त रूप से जारी हो चुके हैं और इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही इस नई तकनीक को जोड़ने का फैसला लिया गया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तकनीक के जुड़ने के साथ ही एटीएम या पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनल्स लगाने की लागत में इजाफा होगा. हालांकि, दूसरी ओर इस कदम से कैशलेस इकॉनमी बनाने और फलस्वरूप ब्लैक मनी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी. सिटीबैंक और स्टैन्डर्ड चार्टेड बैंक की पूर्व डिजिटल हेड गौरी मुखर्जी की अध्यक्षता वाले आरबीआई के एक वर्किंग ग्रुप ने 2011 में आधार कार्ड को कार्ड ट्रांजैक्शन्स से लिंक करने की सिफारिश की थी.

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