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आदार जैन की हीरोईन होगी अन्या सिंह

सबसे पहले ‘‘सरिता’’ पत्रिका ने 16 अक्टूबर को सूचना दी थी कि ‘‘यशराज फिल्मस’’ ने अपनी नई फिल्म से पाकिस्तानी कलाकार अली  जफर के भाई दान्याल जफर को हटाकर रणबीर कपूर के कजिन आदार जैन को हीरो के रूप में चुना है. लगभग दो माह बाद ‘‘यशराज फिल्मस’’ ने इस खबर की पुष्टि कर दी है. इतना ही नही लेखक निर्देशक हबीब फैजल की इस फिल्म में आदार जैन के साथ हीरोइन होंगी दिल्ली की लड़की अन्या सिंह, जिन्हे कई आडीशन के बाद चुना गया है.

‘‘यशराज फिल्मस’’ की कास्टिंग निर्देशक शानू मेहरा कहती हैं-‘‘हमने हबीब फैजल की पटकथा को ध्यान में रखते हुए अभिनेत्री की तलाश शुरू की थी. फिल्म के निर्माता आदित्य चोपड़ा चाहते थे कि किसी नए चेहरे को इस फिल्म में मौका दिया जाए. तो हमने दिल्ली व चंडीगढ़ जाकर सौ से अधिक लड़कियों के आडीशन लिए, पर बात बन नही रही थी. अंततः हमने अन्या सिंह को चुना. अन्या सिंह से हमारी पहली मुलाकात दो वर्ष पहले दिल्ली में एक काफी शॉप में हुई थी. फिर एक साल पहले हमारी दूसरी मुलाकात भी दिल्ली के एक काफी शॉप में ही हुई. मुझे उससे बात करने में आनंद आया था. तो फिर मैने उससे बात की और आडीशन के कई राउंड के बाद उसे चुना गया.’’

आदार जैन इन दिनों बहुत खुश हैं. सूत्रों की माने तो ‘‘यशराज फिल्मस’’ भी आदार जैन को लक्की मान रहा है. वास्तव में कुछ समय पहले तक बौलीवुड में चर्चाएं हो रही थी कि हबीब फैजल की यह कहानी और ‘एक्सेल इंटरटेनमेंट’ द्वारा बनायी जाने वाली लेखक निर्देशक निखिल अडवाणी की फिल्म ‘‘लखनउ सेंट्रल’’ की कहानी एक ही है. शायद ऐसा ही था, इसीलिए हबीब फैजल की इस फिल्म को लेकर ‘यशराज फिल्मस’ बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा था. सूत्रों का दावा है कि जैसे ही ‘यशराज फिल्मस’ ने अपनी फिल्म के साथ आदार जैन को जोड़ा, वैसे ही खबर आयी कि फिल्म ‘‘लखनउ सेंट्रल’’ हमेशा के लिए डिब्बे में बंद कर दी गयी. उसके बाद ‘यशराज फिल्मस’ में हरकतें तेज हुई.

बहरहाल, हबीब फैजल का दावा है कि वह जनवरी 2017 में फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाले हैं. हबीब फैजल ने अन्या सिंह को लेकर कहा-‘‘जब मैने उसकी तस्वीर देखी, तो वह मुझे बच्ची लगी और यह बात मेरी फिल्म की कहानी के लिए फायदेमंद साबित होगी.’’

हीरो की इमेज बदल रही है: इरफान खान

फिल्म कलाकार इरफान खान की पिछली फिल्म ‘मदारी’ भले ही पिट गई हो, लेकिन हमेशा की तरह वे अपनी दिलकश और दमदार अदाकारी से वाहवाही बटोर ले गए. टैलीविजन से ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत करने वाले इरफान खान हिंदी और हौलीवुड की कई फिल्मों में अपनी उम्दा ऐक्टिंग के जलवे दिखा चुके हैं. साल 2012 में फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए इरफान खान बैस्ट ऐक्टर का नैशनल अवार्ड जीत चुके हैं.  हौलीवुड की फिल्म ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन और ‘जुरासिक वर्ल्ड’ ने उन्हें इंटरनैशनल फिल्मों के फलक पर पहुंचा दिया है. 7 जनवरी, 1967 को जयपुर में जनमे इरफान खान कहते हैं कि उन्हें लीक से हट कर काम करने में काफी मजा आता है. वे हीरो की परिभाषा बदलने की कोशिश में लगे हुए हैं. हीरो की बनीबनाई इमेज से बाहर निकल कर कुछ अलग करने में उन्हें कामयाबी मिलने लगी है और जनता भी उन्हें पसंद करने लगी है.

‘बिल्लू’, ‘मकबूल’, ‘हासिल’, ‘द नेमसेक’,  ‘पान सिंह तोमर’, ‘तलवार’, ‘पीकू’, ‘जज्बा’ जैसी फिल्मों ने उन्हें हीरो की घिसीपिटी इमेज को तोड़ने में काफी मदद की है. इन फिल्मों ने उन्हें कामयाबी के साथसाथ स्टारडम भी दिलाई है.

इरफान खान का मानना है कि ऐक्टर ही नहीं, बल्कि किसी भी प्रोफैशन में काम से ही पहचान और इज्जत मिलती है. जिस काम में आप का मन लगे, उसे ही अपना धर्म बना लेना चाहिए. नाम के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए. काम बेहतर और अलहदा होगा, तो नाम खुद ही हो जाएगा. उस के साथ पैसा भी आने लगेगा. कलाकार को पैसे के पीछे भागने के बजाय अच्छे काम की ओर भागने की जरूरत है. उन का मानना है कि फिल्मों का इंटरनैट पर लीक होना गलत बात है. भारत सरकार को फिल्म इंडस्ट्री 4 हजार करोड़ रुपए का सालाना टैक्स देती है. सरकार को इस मामले में सख्ती से निबटना चाहिए. किसी भी फिल्म में करोड़ों रुपए और सैकड़ों लोगों का भविष्य दांव पर लगा होता है, ऐसे में फिल्म के इंटरनैट पर लीक होने से एकसाथ सैकड़ों लोगों को झटका लगता है. साल 1988 में ‘सलाम बौंबे’ से फिल्मों में अपने ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत करने वाले इरफान खान बदलते दौर के सिनेमा के बारे में कहते हैं कि आज फिल्मों में जम कर नए प्रयोग किए जा रहे हैं. नौजवानों को खूब मौका दिया जा रहा है. नईनई कहानियां सामने आने लगी हैं. हार्डकोर ऐक्टर और डायरैक्टर का जमाना है. कामर्शियल और आर्ट फिल्म के बीच का फर्क काफी हद तक खत्म हो चला है. जनता भी इन सारी चीजों को पसंद कर रही है. अब फिल्में केवल डांस और गाने की वजह से नहीं चलती हैं.

इरफान खान बताते हैं कि एक समय ऐसा था कि उन के पास फिल्म ‘जुरासिक पार्क’ देखने के लिए पैसे नहीं थे और आज का समय है कि उन्होंने फिल्म ‘जुरासिक वर्ल्ड’ में ऐक्टिंग की है.  मुंबई फिल्म इंडस्ट्री से निकल कर इरफान खान ने हौलीवुड में भी अपनी एक अलग जगह बना ली है. ‘स्लमडौग मिलिनेयर’, ‘द अमेजिंग स्पाइडरमैन’ और ‘जुरासिक वर्ल्ड’ के जरीए वे हौलीवुड में भी अपनी बेहतरीन ऐक्टिंग की छाप छोड़ चुके हैं. इरफान खान कहते हैं कि किसी फिल्म को चुनने से पहले वे कहानी, पटकथा, डायरैक्टर वगैरह को ठोंकबजा कर देखते हैं और अपनी पसंद के रोल ही चुनते हैं. वे जोर दे कर कहते हैं कि वे आम आदमी के हीरो बनना चाहते हैं. उन की हालिया फिल्म ‘मदारी’ में भी आम आदमी की कहानी बयान की गई थी. आम आदमी जमूरा बन कर पूरा खेल बदल देता है. टैलीविजन से अपने ऐक्टिंग कैरियर की शुरुआत करने वाले इरफान खान बताते हैं कि कई साल तक उन्होंने टैलीविजन के लिए काम किया. ‘भारत एक खोज’, ‘चाणक्य’, ‘चंद्रकांता’ जैसे कई टैलीविजन सीरियलों में काम कर के उन्होंने बड़े फिल्मकारों का ध्यान अपनी ओर खींचा.

माइक हसी बन सकते हैं ऑस्ट्रेलिया के अंतरिम कोच

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइक हसी श्रीलंका के खिलाफ होने वाली टी-20 सीरीज के लिए अपनी राष्ट्रीय टीम के अंतरिम कोच का पदभार संभाल सकते हैं. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि उन्हें तीन मैचों की श्रृंखला के लिए केयरटेकर कोच की जरूरत है क्योंकि मुख्य कोच डैरेन लैहमन फरवरी में होने वाले भारत दौरे पर भी टीम के साथ रहेंगे.

हसी इससे पहले साल की शुरुआत में भारत में हुए टी-20 टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं. साथ ही वह ऑस्ट्रेलिया-ए टीम के सहायक कोच भी रह चुके हैं. हसी ने कहा है, 'मेरी पहले से ही कोचिंग में दिलचस्पी थी, लेकिन मैं नहीं जानता कि मैं पूरी क्षमता से यह काम कर पाउंगा क्योंकि जब आप अंतर्राष्ट्रीय टीम के साथ होते हैं, तो आपको एक साल में कम से कम 10 महीने टीम के साथ रहना पड़ता है और इसी कारण मैंने संन्यास लिया था.'

आगे उन्होंने कहा, 'ऐसा नहीं है कि फुल टाइम कोच के लिए मैं छोटे कार्यकाल के साथ शुरुआत करना चाहता हूं, लेकिन भविष्य में सलाहकार के तौर पर कुछ सप्ताह काम करना रोचक होगा.'

हसी ने इसी साल मार्च में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की जरूरतों को देखते हुए वह फुल टाइम कोचिंग में दिलचस्पी नहीं रखते हैं.

..तो मिलेगा अच्छा बैटरी बैकअप

आजकल गैजेट्स हमारी जिंदगी से ऐसे जुड़ चुके हैं कि कभी-कभी उनका ना होना हमें अधूरेपन का एहसास कराने लगता है. चाहे वो हमारा स्मार्टफोन हो, टैबलेट हो या फिर हमारा लैपटॉप, ये सभी हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन ऐसे में जब काम के वक्त इनकी बैटरी हमें धोखा दे जाए तो फिर परेशान होना लाजमी है. अक्सर हमें अपने गैजेट की बैटरी डाउन होने की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं. लेकिन हम आपको कुछ ऐसे टिप्स देंगे जिससे आप अपने गैजेट की बैटरी लाइफ को बढ़ा सकते हैं.

आमतौर पर स्मार्टफोन , टैबलेट और लैपटॉप की बैटरी एक साल के बाद जल्दी डिस्चार्ज होने लगती है ऐसे में या तो आप नई बैटरी लेने की सोचेंगे या फिर कुछ ऐसे टिप्स अपनाएंगे जिससे आपके गैजेट की बैटरी अच्छा बैकअप दे. ऐसे में नीचे दिए गए टिप्स शायद आपके काम आ सकते हैं.

1. आसपास के तापमान का बैटरी पर असर

जी हां, ये सुनकर आपको थोड़ा आश्चर्य हो सकता है लेकिन ये सच है कि आपके आसपास के तापमान का असर आपकी बैटरी लाइफ पर पड़ता है. अगर आप 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर या 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे के इलाके में रहते हैं तो आपकी बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होगी. ऐसे में आप अपने फोन या टैबलेट को सूरज की सीधी रोशनी से बचाएं. बैटरी के लिए जरूरत से ज्यादा गर्मी और जरूरत से ज्यादा ठंड दोनों ही खतरनाक हैं.

2. फुल डिस्चार्ज Vs आधा डिस्चार्ज

कई यूजर का ये मानना है कि किसी भी गैजेट को 100 फीसदी चार्ज होने के बाद ही चार्ज से हटाया जाए. लेकिन ऐसा करना बैटरी के परफॉर्मेंस के लिए घातक है. अगर आप बैटरी बैकअप को ठीक रखना चाहते हैं तो ना तो उसे कभी फुल चार्ज करें और ना ही पूरा डिस्चार्ज होने दें. कोशिश करें कि जब आपकी बैटरी 80 फीसदी तक चार्ज हो जाए तो उसे चार्ज से हटा दें और जैसे ही गैजेट में 40 फीसदी बैटरी बची हो उसे दोबारा से चार्ज में लगा दें. हां अगर आप कहीं ऐसे जगह जाने वाले हैं जहां चार्जिंग की सुविधा नहीं है तो ऐसे में अपने गैजेट को फुल चार्ज कर लें.

3. ओवर चार्जिंग से बचें

अपने गैजेट की कभी भी ओवर चार्ज ना करें. जैसे ही आपका डिवाइस 100 फीसदी चार्ज हो जाए वैसे ही उसे अनप्लग कर दें. क्योंकि आजकल इस तरह के गैजेट्स में लीथीयम बैटरी का इस्तेमाल हो रहा है, जिसे ओवर चार्ज करने से आपके डिवाइस को नुकसान पहुंच सकता है. अपने लैपटॉप का इस्तेमाल कभी भी चार्जिंग में लगा कर ना करें, ऐसा करने से आपके लैपटॉप की बैटरी ज्यादा बैकअप नहीं देगी.

4. अल्ट्रा-फास्ट चार्जर के इस्तेमाल से बचें

जितना हो सके अल्ट्रा-फास्ट चार्जर के इस्तेमाल से बचें. ऐसे चार्जर्स आपकी बैटरी के परफॉर्मेंस पर बुरा असर डालती हैं. सिर्फ और सिर्फ अपने गैजेट के चार्जर का ही इस्तेमाल करें.

5. नकली चार्जर के इस्तेमाल से बचें

अगर आपके डिवाइस का ओरिजनल चार्जर खराब हो जाए ट्रैफिक सिगनल पर बिकने वाले नकली और सस्ते चार्जर को खरीदने की सोचें भी ना. ऐसे चार्जर्स आपके बैटरी के साथ-साथ आपके गैजेट के लिए भी खतरनाक हैं.

तो अगर आप अपने गैजेट की बैटरी बैकअप बढ़ाना चाहते हैं तो अभी से ही इन टिप्स को अपनाएं, यकीनन आपको फायदा जरूर दिखेगा.

गौरव गिल ने इंडियन रैली जीत रचा इतिहास

भारत के रेसर गौरव गिल ने एफआईए एशिया पसिफिक रैली चैंपियनशिप (एपीआरसी) के अंतिम राउंड में कॉफी डे इंडिया रैली का खिताब अपने नाम कर इतिहास रचा है. गौरव का यह एपीआरसी के इस सत्र में लगातार छठा खिताब है. इससे पहले वह न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान और मलेशिया में जीत हासिल कर चुके हैं. वह एफआईए चैंपियनशिप में सभी राउंड जीतने वाले पहले रेसर बन गए हैं.

गिल ने 17 स्टेज पार करते हुए तीन घंटे 39 मिनट 37.9 सेकेंड में जीत हासिल की. गिल ने यह रेस एमआरएफ स्कोडा फैबिया आर 5 से जीती. वह इस बात से काफी खुश हैं कि वह अपने देश में यह खिताब जीतने में सफल रहे.

गिल ने कहा, 'निश्चित ही यह मेरे लिए सबसे अच्छी जीत है क्योंकि मैं अपने घर में इसे हासिल करने में सफल रहा. मैं इस रैली में पांच जीत के साथ उतरा था. मेरे ऊपर दवाब था और मुझसे काफी उम्मीदें थीं. सबसे महत्वपूर्ण, मुझे उम्मीद है कि मेरी जीत और रिकॉर्ड इस देश में मोटरस्पोर्ट को बढ़ावा देंगे.'

गिल के मुताबिक यह काफी मुश्किल और तकनीकी रैली थी क्योंकि इसका रास्ता बेहद जटिल और सिकुड़ा था. गिल के साथी ग्लैन मैक्नेल ने सहायक ड्राइवर का खिताब अपने नाम किया. वहीं एमआरएफ ने टीम चैंपियनशिप का खिताब जीता. स्कोडा को सर्वश्रेष्ठ उत्पादक का खिताब मिला है.

बिना इंटरनेट भेजे पैसे

विमुद्रीकरण के बाद से देश में कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ ही बैंक और कई कंपनियां भी तेजी से काम कर रहा हैं. एसबीआई जल्द ही बिना इंटरनेट के फोन पर चलने वाला वॉलेट लाने की तैयारी कर रहा है.

नोट बैन के बाद देश को कैशलेस बनाने के लिए बिना इंटरनेट वाले बेसिक फोन पर मोबाइल बैंकिंग एक बड़ी कामयाबी होगी. देश में 90 करोड़ मोबाइल फोन मौजूद हैं, लेकिन इसमें 60 से 65 करोड़ बेसिक फीचर फोन हैं, जबिक शेष स्मार्टफोन हैं.  

इन बेसिक हैंडसेट से बैंकिंग की शुरुआत से नकदी रहित लेन-देन तेज हो सकेगा.

यह चैनल बैंकिंग के लिए बैंकिंग संदेश पहुंचाने का काम करता है. जिसके बाद ही मोबाइल से बैंकिंग संभव है. दरअसल अभी यूएसएसडी (अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंटरी सर्विस डाटा) चैनल के जरिए भी मोबाइल बैंकिंग कर सकते हैं, लेकिन इसका विस्तार कर इसे बेसिक फीचर फोन के लिए तैयार किया जा रहा है.

स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि 15 दिसंबर तक वॉलेट की सुविधा लोगों को मिलने लगेगी. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन का आधार तेजी से बढ़ेगा. हालांकि वॉलेट का नाम तय नहीं है. 13 भाषाओं में स्टेट बैंक का बडी वॉलेट उपलब्ध है. 60-65 करोड़ फीचर फोन हैं, जिनपर इंटरनेट नहीं चल सकता. इसलिए ये योजना काफी कारगर साबित होगी.

बढ़ रही है दिनों दिन गूगल एलो की लोकप्रियता

अपनी मातृभाषा से सबको लगाव होता है और अगर इसी भाषा में मोबाइल पर मैसेजिंग करने को मिल जाए तो फिर सोने पर सुहागा. इसी को ध्यान में रखते हुए गूगल ने अपने स्मार्ट मैसेजिंग ऐप-एलो में अपने हिंदीभाषी यूजर्स की मदद और जवाब के लिए सोमवार को हिंदी भाषा को जोड़ने की घोषणा की. गूगल का मानना है कि आज बड़ी संख्या में गैर-अंग्रेजी भाषी लोग ऑनलाइन आने लगे हैं. ऐसे में गूगल उन सभी लोगों के अनुभव को बेहतर, आसान बनाना चाहता है. इसी प्रयास में गूगल एलो में असिस्टेन्ट एवं स्मार्ट रिप्लाई के लिए हिंदी भाषा का फीचर पेश कर रहा है.

गूगल ने कहा है कि आने वाले एक या दो दिनों में एंड्रॉइड और आईओएस पर शुरू होने वाले ये नए फीचर सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध होंगे. नए यूजर्स को खुद ये नए फीचर मिल जाएंगे जबकि पुराने यूजर्स को को अपना एलो ऐप अपडेट करना होगा.

गूगल के ग्रुप प्रोडक्ट मैनेजर अमित फूले ने अमेरिका से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाददाताओं से कहा, “अपने लॉन्च के बाद से गूगल एलो को बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिला है. विशेष रूप से भारत उन देशों में से एक है, जहां गूगल एलो के यूजर्स की संख्या सबसे अधिक है. गूगल असिस्टेन्ट गूगल एलो का सबसे लोकप्रिय फीचर है- ग्रुप चैट में हर 12 में से एक मैसेज गूगल असिस्टेन्ट को किया जाता है. हम इस रेस्पॉन्स से बेहद उत्साहित हैं और आज का यह लॉन्च लाखों यूजर्स को उनकी अपनी भाषा में ये सुविधाएं उपलब्ध कराएगा.”

गूगल मानता है कि एलो ऐप पर मौजूद असिस्टेन्ट उपयोगकताओं का अपना साथी है और यह उनकी जरूरतों के अनुसार हर जरूरी जानकारी देता है. यह उनके काम पूरे करने में, दोस्तों के साथ चैट करने में, गेम्स खेलने में मदद करता है. यूजर्स अपनी चैट विंडो में चैट जारी रखते हुए एक साथ ये सभी काम कर सकते हैं.

गूगल के मुताबिक एलो अपने यूजर्स को इतनी आजादी देता है कि वे एक समय में चाहे तो अपने पसंदीदा शाहरुख की फिल्म का गाना सुन सकते हैं या फिर अपने पसंदीदा गेम्स पर टाईम पास कर सकते हैं. इन सभी कामों में गूगल असिस्टेन्ट अपने यूजर्स का सच्चा साथी है.

एलो में अपने असिस्टेन्ट के साथ चैट करिए या किसी भी ग्रुप चैट में अपने असिस्टेन्ट को लाने के लिए गूगल टाईप करना होता है. इस लॉन्च के साथ एलो में गूगल असिस्टेन्ट अब से हिन्दी भाषा को समझेगा और इस भाषा में रेस्पॉन्ड भी करेगा. हिन्दी भाषा में असिस्टेन्ट का इस्तेमाल करने के लिए कहें ‘टॉक टू मी इन हिन्दी’ या अपनी डिवाइस की लैंगवेज सेटिंग में जाकर हिंदी भाषा सेट करें.

एलो का एक और अद्वितीय फीचर है ‘स्मार्ट रिप्लाई’. इसके द्वारा उपयोगकर्ता आसानी से तुरन्त रिस्पॉन्ड कर सकते हैं. इन दिनों एलो पर आधे से ज्यादा लोग हर दिन स्मार्ट रिप्लाई का इस्तेमाल करते हैं. मशीन लनिर्ंग द्वारा पावर्ड एलो टेक्स्ट की भाषा तो समझता ही है साथ ही दोस्तों और परिवारजनों द्वारा भेजे गए इमेजेस के लिए रेस्पॉन्स करने में भी मदद करता है- और यह सब हिन्दी भाषा में.

स्मार्ट रिप्लाई उस भाषा को पहचान लेता है, जिसमें आप चैट कर रहें हैं और उसी भाषा में रेस्पॉन्स का सुझाव देने लगता है. अगर आप अंग्रेजी में चैट कर रहें हैं तो यह आपको अंग्रेजी रेस्पॉन्स दिखाने लगेगा. लेकिन अगर आप हिंदी में चैट कर रहें हैं तो यह आपको इसी भाषा में सुझाव देगा. आप अपनी डिवाइस सैटिंग में जाकर भी भाषा सैट कर सकते हैं. तो अब से आप एक टैप के साथ अपने दोस्तों के संदेश ‘क्या हाल है’ पर जवाब भेज सकेंगे ‘सब ठीक है’.

गूगल एलो एंड्रोइड और आईओएस पर उपलब्ध स्मार्ट मैसेजिंग ऐप है. इसी साल सितम्बर में लांन्च किया गया. गूगल एलो आपको अपनी चैट के दौरान आसानी से विचार अभिव्यक्त करने, जानकारी पाने एवं योजनाएं बनाने में मदद करता है. यह एंड्रोइड और आईओएस प्लेटफार्म पर मुफ्त में उपलब्ध है.

टोल पर पुराने नोटों से करें भुगतान

अगर आपके पास 500 और 1000 के पुराने नोट हैं और आप बैंक की लंबी लाइनों से परेशान हैं तो आप टोल प्लाजा पर इनसे भुगतान कर सकते हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी टोल प्लाजा क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड तथा ई-वॉलेट के जरिये भुगतान स्वीकार करेंगे.

इसके अलावा 15 दिसंबर तक 500 रुपए का पुराना नोट भी स्वीकार करेंगे. गृह मंत्रालय ने राज्यों से पर्याप्त संख्या में पुलिस तैनात करने को कहा है ताकि टोल प्लाजा पर कानून व्यवस्था की समस्या उत्पन्न नहीं हो.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी कर हिदायत दी है कि वो सभी टोल प्लाजा पर अतिरिक्त पुलिस बंदोबस्त करे, ताकि यात्रियों को कोई दिक्कत न आए. साथ ही वहां पर अगर कानून-व्यवस्था में कोई बाधा आ रही है, तो उस पर भी ध्यान दे.

पाकिस्तान में कायदे आजम ट्रॉफी स्थगित

पाकिस्तान में कायदे आजम ट्रॉफी का अहम मैच स्थगित कर दिया गया है. टूर्नामेंट में भाग ले रही टीमों के सदस्य जिस होटल में रूके थे उस होटल मे आग लग गई. जिसके कारण प्लेयर्स घायल हो गए और काफी भयभीत भी. दो टीमें यूनाईटेड बैंक और सुई सदर्न होटल में रूकी हुई थीं.

इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गयी जिसमें चार महिलायें शामिल थीं और 75 लोग घायल हो गए.

यूनाईटेड बैंक की टीम के तीन सदस्यों पाकिस्तान के ऑलराउंडर हम्माद आजम, स्पिनर यासिम मुर्तजा और करामात घायल हो गए. ये आग से बचने की कोशिश कर रहे थे जबकि अन्य खिलाड़ी आग देखकर भयभीत हो गये जिसमें पाकिस्तानी बल्लेबाज शान मसूद और सोहेब मकसूद शामिल हैं.

टीम के अधिकारी ने कहा कि यासिम मुर्तजा आग से बचने के लिये दूसरे तल से कूद गये और उनके पैर में फ्रेक्चर हो गया जबकि हम्माद के पैर में चोट लगी, वह बाहर निकलने का रास्ता ढूंढने के लिये खिड़की का शीशा तोड़ने का प्रयास कर रहे थे.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने घोषणा की है कि यूनाईटेड बैंक टीम के मैनेजर ने मैच को स्थगित करने का आग्रह किया क्योंकि खिलाड़ी काफी डर गये थे.

EPFO सुधारेगा अपनी सोशल स्कीम

अगर आपकी सैलेरी 25000 तक है तो आने वाले समय में आप ईपीएफ की सोशल सिक्योरिटी स्कीम का लाभ उठा पायेंगे. मौजूदा समय में जिनका मासिक वेतन 10,000 रुपये है, वे ही ईपीएफओ सोशल सिक्योरिटी स्कीम के लाभ पाने के हकदार हैं.

लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, ‘हम इस बारे में विचार कर रहे हैं, जिससे उन लोगों को जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से ज्यादा और 25,000 रुपये तक है, उनको सोशल स्कीम के दायरे में लाया जाए.’ इधर ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी डीएल सचदेव ने कहा कि इस बारे में विस्तार से बातचीत हो चुकी है. हम चाहते हैं कि सरकार इसको जल्द से जल्द लागू करे.

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