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40 छक्के जड़ इस बल्लेबाज ने तोड़ा विव रिचर्ड्स का 33 साल पुराना रिकार्ड

क्रिकेट अनिश्चतताओं का खेल है. कौन सा बल्लेबाज क्या कमाल कर दिखाए, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. आस्ट्रेलिया में हुए एक घरेलू क्रिकेट मैच के दौरान ऐसा खेल देखने को मिला, जिसे देख हर कोई हैरान है.

35 ओवर के इस मैच में छक्कों की बरसात हुई तो रनों का अंबार लगा. इसके अलावा एक खिलाड़ी ऐसा भी रहा जिसने तिहरा शतक ठोककर इतिहास के सुनहरे पन्नों पर अपना नाम दर्ज करा लिया. ये मुकाबला वेस्ट अगस्ता और सेंट्रल स्टर्लिंग के बीच खेला गया.

इस मैच में वेस्ट अगस्ता के बल्लेबाज जोश डंस्टन ने धमाकेदार बल्लेबाजी की और नाबाद 307 रनों की पारी खेली. पूरी टीम का स्कोर 354 रन रहा और टीम के स्कोर में इस बल्लेबाज ने अकेले 86.72 फीसदी रन बनाए.

डंस्टन ने लगाए 40 छक्के, ठोका तिहरा शतक

अपनी टीम की तरफ से तीसरे नंबर पर खेलते हुए डंस्टन ने मैदान पर आते ही तेजी से रन बनाना शुरू कर दिया. डंस्टन ने बेहद आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए अपनी पारी में 40 गगनचुंबी छक्के जड़े. डंस्टन ने 30 ओवर की बल्लेबाजी की और अपनी पारी में उन्होंने नाबाद 307 रन बनाए.

5 बल्लेबाज हुए शून्य पर आउट

आस्ट्रेलिया के अगस्ता कस्बे में आयोजित डंस्टन पोर्ट अगस्ता क्रिकेट ऐसासिएशन बी ग्रेड मुकाबले में वेस्ट अगस्ता की ओर से खेल रहे जोश अकेले इस मुकाबले के आकर्षण रहे. उनकी टीम के 5 बल्लेबाज शून्य पर आउट हुए, जबकि उनके अलावा सिर्फ एक बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार कर सका. रसेल ने 18 रन बनाए. यह टीम का दूसरा बेस्ट स्कोर रहा. जोश और रसेल ने 7वें विकेट के लिए 203 रनों की साझीदारी की थी. हालांकि इस पारी में रसेल के महज 5 रन थे.

विवियन रिचर्ड्स के बड़े रिकार्ड को छोड़ा पीछे

इस धमाकेदार पारी के साथ ही डंस्टन ने विवियन रिचर्ड्स के रिकार्ड को भी पीछे छोड़ दिया. वनडे क्रिकेट में टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रनों का योगदान देने का रिकार्ड रिचर्ड्स के नाम था. वेस्टइंडीज ने जब 9 विकेट पर 272 रन बनाए थे तो उस मैच में रिचर्ड्स ने अकेले 189 रनों की पारी खेली थी. वेस्टइंडीज के स्कोर में रिचर्ड्स के रनों का हिस्सा 69.48 फीसदी था लेकिन अब डंस्टन (86.72 फीसदी) ने रिचर्ड्स को पीछे छोड़ दिया.

मैच के बाद जोश ने क्या कहा

इस पारी के बाद जोश ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि इस पारी से मैं खुद अब तक शौक में हूं. ईमानदारी से मैंने 300 रन बना डाले. मेरा फोन तो आज लगातार बज रहा है. बता दें कि जोश को इस पारी के बाद लगातार बधाई संदेश आ रहे हैं. उनका ये रिकार्ड सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल हो रहा है.

दीवाली बाद अध्यक्ष पद का नामांकन करेंगे राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का कार्यक्रम जल्द घोषित कर दिया जाएगा. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाकर कार्यक्रम को अंतिम स्वरूप देंगी. कांग्रेस चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण का कहना है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अध्यक्ष चुने जाने की प्रक्रिया 30 अक्तूबर तक पूरी हो जाएगी.

पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद के चुनाव का संभावित कार्यक्रम सौंप दिया है. वह चाहते हैं कि 30 अक्तूबर तक चुनाव की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए. हालांकि, उन्होंने कहा कि सीडब्लूसी इस कार्यक्रम में बदलाव कर सकती है.

कांग्रेस संविधान के मुताबिक, अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद नामांकन के लिए सात दिन का वक्त दिया जाएगा. इसके बाद एक दिन नाम वापसी को दिया जाएगा. चुनाव प्राधिकरण के एक सदस्य ने कहा कि यदि अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ एक नामांकन दाखिल किया जाता है, तो भी निर्विरोध चुने जाने की औपचारिक घोषणा नाम वापस लेने का वक्त खत्म होने के बाद ही की जाएगी.

पार्टी की अधिकतर प्रदेश कांग्रेस कमेटियों ने प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारणी और एआईसीसी के सदस्यों के चयन का अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया है.

सोमालिया के संघर्ष की लंबी दास्तान और हताशा का नया दौर

सोमालिया की राजधानी मोगादिशु में बारूदी ट्रक से जैसा आत्मघाती हमला हुआ और जितनी बड़ी संख्या में लोग वहां मारे गए, वह सोमालिया के इतिहास का सबसे घातक आतंकी हमला है. यह उस दौर की याद दिलाता है, जब 1990 के आसपास सोमालिया में सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई थी, सब अराजकता और खात्मे की ओर था. यह वह दौर था, जब चारों ओर भुखमरी थी, कबीलों के आपसी संघर्ष थे और था इससे उपजा गृह युद्ध.

माना जा रहा है कि ताजा हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस चेतावनी का जवाब है, जिसमें वर्षों से आतंक झेल रहे इस पूर्वी अफ्रीकी इलाके में सक्रिय अल-शबाब से मुक्ति दिलाने की बात कही गई है, लेकिन उम्मीद की जानी चाहिए कि यह हमला विद्रोहियों और कट्टरपंथियों के नए गठजोड़ से उपजा एक और खतरनाक संकेत नहीं साबित होगा. हमले की जिम्मेदारी किसी ने सीधे तौर पर भले न ली हो, लेकिन हालात चरमपंथी गुट अल-शबाब की ओर ही इशारा कर रहे हैं. अल-कायदा से जुड़ा यह गुट पहले भी कई बार राजधानी के महत्वपूर्ण इलाकों को निशाना बना चुका है. इस बार भी हमले के लिए विदेश मंत्रालय सहित कई महत्वपूर्ण मंत्रलयों वाला व्यस्ततम इलाका चुना गया था. इत्तफाक से जांच के लिए ट्रक थोड़ा पहले ही रोका गया, जिसके बाद जान-बूझकर इसे बैरियर से टकराकर धमाका करा दिया गया.

सोमालिया के संघर्ष की लंबी दास्तान है. लंबे समय बाद यहां 2015 में शांति की खबर विश्व के लिए बड़ी घटना के रूप में सामने आई थी. दरअसल आंतरिक युद्ध के माहौल में जब सब कुछ खत्म होने जैसा हो, ऐसे देश में शांति की वापसी बड़ी घटना ही थी. यह वही साल था, जब 20 साल बाद अमेरिका ने सोमालिया में फिर से अपना दूतावास खोला. यही वह साल था, जब मोगादिशु की सड़कें एक बार फिर रोशन रहने लगी थीं.

2012 में इसे पहली बार अपनी केंद्र सरकार मिली, संसद बहाल हुई और नया संविधान मिला. यह वही सोमालिया था, जिसने लंबे समय तक बम के धमाके व तबाही झेली थी, जिसने मिलिशिया के जंगल राज में कबीलों की आपसी लड़ाई से उपजे गृह युद्ध को झेला. वहां बंदूकों से भी उतनी ही मौतें हो रही थीं, जितनी भुखमरी से. ऐसे वक्त में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा था. इसी के आसपास मोगादिशु में अमेरिकी रेंजर्स और सोमालियाई मिलिशिया के टकराव में अमेरिका को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा और उसने अपने सैनिक वापस बुला लिए थे.

ताजा हमले को सोमालिया में अमन बहाली के उन दुश्मनों की कार्रवाई के रूप में लिया जाना चाहिए, जिनके पैर हाल के दिनों में उखड़ने शुरू हुए हैं. सच है कि जब इसी साल वहां सैकड़ों लोगों की जान लेकर कट्टरपंथी और अल-शबाब जैसा संगठन अपनी मजबूती का जश्न मना रहा हो, तो पिछले दिनों की अमेरिकी कार्रवाई और अब ताजा धमकी उसे हताश करने वाली है. सच है कि यही वह साल भी है, जब अमेरिकी सेनाओं के ताबड़तोड़ हमलों में कट्टरपंथियों के तमाम ठिकाने और नेता तबाह भी हुए हैं. ऐसे में, उनकी बौखलाहट स्वाभाविक है और ऐसे कुछ और हमलों से इनकार नहीं किया जा सकता.

यही वह समय है, जब सोमालिया को हताशा के दौर से बाहर निकलने में हर तरह की मदद दी जाए. जब तक हम सोमालिया जैसे छोटे और गरीब देशों को नजरंदाज करते रहेंगे, उनकी समस्याएं भी बढ़ती रहेंगी.

फोन गुम हो जाने पर ऐसे करें अपना डाटा डिलीट

स्मार्टफोन लोगों की लाइफस्टाइल का एक हिस्सा बन गया है. स्मार्टफोन में बहुत जरूरी डेटा रहता है. सोचिए कि आप एक एंड्रौयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और वह अचानक खो जाए. आपके फोन में आपका बैंक से संबंधित डेटा भी है. ऐसा डेटा कि वह किसी गलत आदमी के हाथ पड़ जाए तो आपको कंगाल बना दे.

तो आइये हम आपको कुछ ऐसी ही टिप्स के बारे में बताते हैं कि अगर आपका एंड्रौयड स्मार्टफोन खो जाए तो उस स्थिति में आप घर बैठे कैसे अपने डेटा को बचा सकते हैं. कैसे अपने फोन को घर बैठे लौक कर सकते हैं, कैसे अपने फोन के डेटा को डिलीट कर सकते हैं. फोन को किस स्थिति में ढूंढा जा सकता है, इसके लिए कुछ शर्तें हैं.

  • जो एंड्रौयड फोन खोया है वह चालू हालत में होना चाहिए. मतलब फोन को तभी ढूंढा जा सकता है जब वह चालू हो.
  • फोन में कोई भी गूगल अकाउंट लौगिन होना चाहिए, जैसे ईमेल आदि.
  • फोन में इंटरनेट चलता हुआ होना चाहिए, मतलब फोन मोबाइल डेटा या वाई फाई किसी न किसी माध्यम से इंटरेनट से जुड़ा होना चाहिए.
  • फोन में जीपीएस औन होना चाहिए ताकि फोन की लोकेशन का पता लगाया जा सके.
  • फाइंड माय डिवाइस चालू होना चाहिए.

फोन खो जाने पर अपने कंप्यूटर पर सबसे पहले android.com/find पर जाएं. यहां आपको लौगिन करने के लिए कहा जाएगा. यहां उसी ईमेल आईडी से लौगिन करें जो खोए हुए फोन में चला रखी है. लौगिन करते ही आपकी डिवाइस के साथ गूगल मैप भी दिखाई देने लगेगा.

गूगल मैप पर आपकी डिवाइस की लोकेशन भी दिखाई देने लगेगी. इसमें कई औप्शन भी आपको मिलेंगे. लेफ्ट साइड में फोन के नीचे साउंड प्ले करने का औप्शन आ रहा होगा. यहां क्लिक करने पर फोन रिंग करने लगेगा, फोन अगर साइलेंट पर होगा, तब भी रिंग करेगा.

इसके नीचे लौक का दूसरा औप्शन आ रहा होगा. यहां क्लिक करके फोन, डिस्प्ले मैसेज या फोन नंबर को लौक किया जा सकता है. इसके बाद तीसरा औप्शन डिवाइस से डेटा डिलीट करने का आ रहा होगा. यहां क्लिक करके फोन के पूरे डेटा को डिलीट किया जा सकता है.

आस्ट्रेलियाई टीम की बस पर पथराव के मामले में चार युवक गिरफ्तार

आस्ट्रेलियाई टीम की बस पर पथराव करने के मामले में पुलिस ने रविवार को चार युवकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गिरफ्तार युवकों के नाम का खुलासा अभी नहीं किया क्योंकि यह पता नहीं चल पाया है कि आरोपी किशोर हैं या वयस्क. गौरतलब है कि गुवाहाटी में तीन मैचों की सीरीज के दूसरे टी-20 मैच में आठ विकेट से जीत हासिल करने के बाद जब आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम 10 अक्टूबर की शाम को स्टेडियम से होटल लौट रही थी तब उनकी बस पर पत्थर फेंका गया था. इस दौरान बस का शीशा भी टूट गया था, हालांकि इस घटना में किसी भी खिलाड़ी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था.

पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा, अभी तक हुई जांच से पता चला है कि युवक आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के बुरे प्रदर्शन से नाराज थे. उन्होंने मैच शुरू होने से पहले शराब भी पी थी. रात के खाने के बाद, वे शहर की साकुची इलाके के निकट बामूनपारा चौक में गपशप कर रहे थे जहां उन्होंने टीम की बस को जाते देखा और उनमें से एक ने बस पर पत्थर फेंका और वह सब भाग खड़े हुए.

असम के पुलिस प्रमुख ने बताया कि इन चारों को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश) के तहत गिरफ्तार किया गया. युवकों पर 336 (जीवन को खतरे में लाने), 427 (अपमानजनक क्षति) और 511 (अपराध करने का प्रयास) धाराएं भी लगाई है.

डीजीपी ने कहा कि पुलिस स्थानीय अदालत से युवकों के 10 दिनों की हिरासत की मांग करेगी.

गरीब और पिछड़ा होना बुरा नहीं : डा. वर्षा शिंदे राणे

कुछ करगुजरने की इच्छा हो तो परिस्थिति कितनी भी कठिन हो, आप उसे कर ही लेते हैं, क्योंकि उस में होता है आप का आत्मविश्वास जो आप को आगे बढ़ने में मदद करता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मुंबई की ‘मिसेस मोस्ट ब्यूटीफुल बौडी’ की विनर डा. वर्षा श्ंिदे राणे ने, जो पिछड़े किसान परिवार की होने के बावजूद अपनी मंजिल पाने में समर्थ हुईं.

महाराष्ट्र के नांदेड़ की रहने वाली वर्षा 4 भाईबहनों में एक हैं. उन के लिए अवार्ड को पाना आसान नहीं था. 2 हजार प्रतिभागियों में से केवल 635 प्रतियोगी ही चुने गए थे. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य फ्रैश टैलेंट को ग्लैमरवर्ल्ड में लाना था. प्रतियोगिता बहुत कठिन थी. वर्षा को तो यकीन नहीं हो रहा था कि उन्हें यह खिताब मिला है. टौप 10 में पहुंचने के बाद उन की चुनौती और अधिक बढ़ गई थी. अपने बारे में वे बताती हैं, ‘‘मैं और मेरी बहन बचपन से ही फैशन टीवी देखती थी. मैं छोटे से गांव नांदेड़ की हूं, पर मुझे फैशन बहुत पसंद था. मैं फिल्में बहुत देखती थी. हर शुक्रवार को जो भी नई फिल्म रिलीज होती थी, उसे देखती थी. मेरे अंदर बहुत पैशन था. 8वीं कक्षा में रहते हुए मुझे ‘बैस्ट स्माइल’ और ‘बैस्ट टीथ’ के पुरस्कार मिल चुके हैं.’’

वे आगे कहती हैं, ‘‘मेरे गांव में सिड्को की तरफ से बच्चों की हैल्थ जांच का एक अभियान चला था. सब से अच्छी हैल्थ वाले बच्चे को पुरस्कार दिया जाना था. उस दिन मैं स्कूल नहीं गई थी. मेरी एक सहेली ने मेरे नाम का एक पास ले लिया. यह जांच रविवार को होने वाली थी. मैं वहां गई और फर्स्ट चुन ली गई. इस के बाद मुझे मुंबई के सभी शहरों में से ‘बैस्ट टीथ’ के लिए चुना गया. ऐसा करतेकरते मेरा झुकाव इस ओर होने लगा. फिर मैं ने ‘डेलीवुड मिसेज इंडिया 2017’ की प्रतियोगिता के लिए औनलाइन फौर्म भरा और इस में शामिल हुई व खिताब जीता.’’

किसान परिवार से होने की वजह से वर्षा को कई प्रकार की बातों का सामना करना पड़ा. वे बताती हैं, ‘‘मेरी क्लास की कुछ लड़कियां कहती थीं कि उन के मातापिता तो इंजीनियर, डाक्टर और बड़ी पोस्ट पर काम करते हैं, जबकि मैं एक किसान की लड़की होने पर भी अच्छेअच्छे कपड़े कैसे पहनती हूं. लेकिन, मैं ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया. क्योंकि मेरे मातापिता ने कभी भी मुझे एहसास नहीं होने दिया कि मैं साधारण हूं. उन्होंने मुझे हर तरह की आजादी दी और मैं अपने रंगरूप के हिसाब से अच्छेअच्छे कपड़े पहना करती थी.

‘‘मैं सोचती थी कि मैं कुछ अच्छा कर उन्हें खुशी दूंगी. 12वीं कक्षा पास करने के बाद मैं ने महाराष्ट्र के उद्रीर से आयुर्वेद में अपनी पढ़ाई पूरी की. उस दौरान तो केवल पढ़ाई में ही ध्यान दिया, लेकिन फिल्म देखने का शौक चलता रहा, क्योंकि मुझे फिल्मों से ही पहनावा, मेकअप, स्टाइल आदि का पता चलता था.’’

परिवार का सहयोग वर्षा को शुरू में नहीं मिला, क्योंकि परिवार वाले चाहते थे कि पढ़ाई पूरी कर वह अच्छी नौकरी करे. इसलिए उस ने कभी किसी से कुछ नहीं कहा. उसे डर था कि उस के मातापिता मौडलिंग के क्षेत्र में जाने से कहीं मना न कर दें. इसलिए पहली बार जिस दिन वे इवैंट में जाने वाली थीं, उस से एक दिन पहले उन्होंने मां को बताया कि उन्हें इवैंट में जाना है. मां ने थोड़े गुस्से के बाद, हां कर दी. लेकिन जब पुरस्कार मिला तो मातापिता दोनों खुश हो गए.

मौडलिंग की दुनिया के बारे में वर्षा का कहना है, ‘‘यहां काम मिलना मुश्किल होता है. साथ ही, महिलाओं के साथ इस इंडस्ट्री में शोषण भी अधिक होता है. हर विज्ञापन में महिला को दिखाया जाना बुरा नहीं है, लेकिन महिलाओं के बारे में लोगों की जो धारणा है, उसे बदलने की जरूरत है. डेलीवुड मिसेज इंडिया 2017 का खिताब जीतना मेरे लिए आसान नहीं था. बड़ेबड़े शहरों से कई महिलाएं आई थीं और वे काफी स्मार्ट भी थीं, लेकिन जब मेरा नाम आया तो मुझे खुद पर विश्वास नहीं हो रहा था.’’

वर्षा 4 साल के बच्चे की मां हैं. डिलीवरी के बाद उन्होंने स्वयं को फिट रखने के लिए काफी मेहनत की है. नियमित वर्कआउट करना, सही डाइट लेना आदि उन्होंने 1 साल तक किया है. वर्षा खुद एक डाक्टर हैं, इसलिए कब क्या खाना है, उन्हें पता है.

वे कहती हैं, ‘‘प्रैग्नैंसी के समय और डिलीवरी के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं. मैं ने डिलीवरी के बाद जिम जौइन किया, अपने लिए डाइट प्लान किया, इस से मैं अपने वजन को कंट्रोल कर पाई. इस के अलावा मैं ग्रीन टी, कम तेल वाला खाना खाती हूं.’’

मौडलिंग का अपना काम वर्षा अपने बच्चे के हिसाब से करती हैं. बच्चे की देखभाल उन की प्राथमिकता है. वर्षा का मानना है कि परिवार साथ हो तो महिला हर काम कर सकती है. वे एक नामचीन मौडल और ऐक्टर बनने की इच्छा रखती हैं.

डाक्टरी की पढ़ाई करने के बावजूद वर्षा का मौडल बनने का सपना कभी कम नहीं हुआ. वे प्रियंका चोपड़ा, ट्ंिवकल खन्ना, अक्षय कुमार को बहुत पसंद करती हैं. ट्ंिवकल खन्ना के ट्वीट्स वे रोज पढ़ती हैं. वे मौडलिंग के अलावा मराठी और हिंदी फिल्मों में काम करने की भी इच्छा रखती हैं.

वर्षा ने 21 दिसंबर, 2011 को डा. तुषार राणे से शादी की. उन की शादी अरेंज्ड थी. उन के पति कभी उन्हें किसी काम के लिए मना नहीं करते हैं, बल्कि हर काम में उन का साथ देते हैं.

वर्षा फैशनेबल हैं और हमेशा ब्रैंडेड कपड़े पहनना पसंद करती हैं. वे कहती हैं, ‘‘फैशन तो मैं ने स्कूल से ही शुरू कर दिया था. मुझे जो भी कपड़े पसंद आते थे, मैं बाजार से खरीद लाती थी. अब तो और भी नएनए फैशन को फौलो करती हूं. शौपिंग करने का मुझे बहुत शौक है. टैं्रडी चीजें बहुत खरीदती हूं. मैं फूडी हूं और हर तरह के फूड ट्राई करती हूं. समय मिले तो खाना भी बनाती हूं.’’

मौडलिंग के अलावा वर्षा को ट्रैवलिंग का शौक है. वे वर्ल्ड टूर कर हर जगह की संस्कृति से परिचित होना चाहती हैं. मराठी फिल्मों में वर्षा श्रेयस तलपडे़ और हिंदी में अक्षय कुमार के साथ अभिनय करने की इच्छा रखती हैं.

महिलाओं से उन का कहना है कि महिलाएं हर काम को शादी के बाद भी कर सकती हैं. उन्हें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि शादी के बाद सब खत्म हो गया है. अपने जीवन को अपने हिसाब से जीने में ही मजा है.

हेमा मालिनी : फिल्म अभिनेत्री से ड्रीम गर्ल बनने तक का सफर

बौलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दीं हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं हेमा की जिंदगी में एक दौर ऐसा भी था जब उन्हें पैसों की सख्त जरूरत थी और उनके पास कोई फिल्म नहीं थी. ऐसे में हेमा मालिनी ने बी ग्रेड फिल्मों में काम कर पैसा कमाया था. बात तब की है जब पहली डिलिवरी होने के बाद वह फिल्में ढूढ़ रही थीं.

उस समय हेमा को पैसों की जरूरत थी क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन्हें नोटिस भेजा हुआ था. इस नोटिस के तहत उन्हें जल्द से जल्द इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जुर्माने के तौर पर भरना था. इस किस्से का जिक्र बौलीवुड एक्टर अन्नू कपूर ने अपने एक रेडियो शो में किया था. शो के मुताबिक हेमा इस काम में धर्मेंद्र की मदद नहीं लेना चाहती थीं. वह चाहती थी कि वो अपनी कमाई हुई पैसों से इस पेनल्टी को अदा करें.

उसी दौरान हेमा के पिता भी चल बसे हेमा के लिए वह दौर काफी कठिनाइयों से भरा हुआ था. ऐसे में उन्होंने फैसला किया कि उन्हें जिस तरह की फिल्में भी मिलेगी वो उन्हें करेंगी. इसी सोच के साथ उन्होंने बी ग्रेड फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया. हेमा ने ‘रामकली’ नाम की बी ग्रेड फिल्म में काम किया. इस फिल्म से उन्हें काफी सफलता मिली और इसके बाद कई बी ग्रेड के डायरेक्टर उनके पास फिल्मों के औफर लेकर जाने लगे.

हेमा को उनका अपने घर पर आना पसंद नहीं था लेकिन पैसों की जरूरत की वजह से वह उन्हें मना भी नहीं कर पा रही थीं. इसके बाद उन्होंने कई और बी ग्रेड की फिल्मों में काम किया और साथ ही डांस शो भी किए. लगभग दस साल की कड़ी मेहनत के बाद वह इस पेनल्टी को भरने में कामयाब हुई.

बौलीवुड की यह अभिनेत्री भरतनाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना भी हैं. वह उन गिनी चुनी अभिनेत्रियों में से हैं, जिनमें खूबसूरती और अभिनय का अनूठा संगम देखने को मिलता है. हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर, 1948 को हुआ था.

उनकी शिक्षा दीक्षा चेन्नई के आंध्र महिला सभा में हुई. उनका बचपन तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में बीता, उनके पिता वी.एस.आर. चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे. उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया, लेकिन करियर के शुरुआती दौर में उन्हें वह दिन भी देखना पड़ा, जब एक निर्माता-निर्देशक ने उन्हें यहां तक कह दिया था कि उनमें स्टार अपील नहीं है.

हेमा को तमिल फिल्मों के निर्देशक श्रीधर ने वर्ष 1964 में यह कहकर उन्हें काम देने से इनकार कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है, लेकिन बाद में बौलीवुड में वह ‘ड्रीम गर्ल’ कहलाने वाली एकमात्र अभिनेत्री बनीं. उन्हें पहला ब्रेक अनंत स्वामी ने दिया. उन्होंने हिंदी फिल्मों में ‘सपनों का सौदागर’ (1968) के साथ करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में वह राज कपूर के साथ दिखाई दी थीं. उस समय वह महज 16 वर्ष की थीं.

राज कपूर ने उनका पहला स्क्रीन टेस्ट लिया. खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत है. राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्म ‘जौनी मेरा नाम’ में काम करने का मौका मिला. यह फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई.

उन्हें पहली सफलता ‘जौनी मेरा नाम’ (1970) के साथ ही मिली. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश सिप्पी की फिल्म ‘अंदाज'(1971)में मिला. सत्तर के दशक में माना जा रहा था कि हेमा मालिनी केवल ग्लैमर वाले किरदार ही निभा सकती हैं, लेकिन उन्होंने 1975 की ‘खुशबू’ 1977 की ‘किनारा’ और 1979 की ‘मीरा’ जैसी फिल्मों में संजीदा किरदार निभाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया.

हमारी बेड़ियां

हमारे पड़ोसी के 9 व 11 वर्ष के दोनों बच्चे बहुत उद्दंडी हैं. हर बार दीवाली पर अपनी शान दिखाने के लिए वे बच्चों को 2-3 हजार रुपए के पटाखे दिलाते हैं. बच्चों सहित वे रात के 12 बजे तक पटाखे छुड़ाते रहते हैं. खूब धूमधड़ाका होता है जिस से हम सभी व हमारे 2 पालतू जानवरों को काफी परेशानी होती है.

इस वर्ष दीवाली से पूर्व मैं ने उन से अनुरोध किया था कि वे पटाखे कम ही छुड़ाएं. इस पर उन्होंने मेरा यह कह कर मजाक उड़ाया था कि मैं पटाखों पर पैसे खर्च नहीं करता हूं तो उन्हें तो खर्च करने दूं. आखिर दीवाली पर्व का औचित्य तब तक पूरा नहीं होता है जब तक बड़ेबड़े बम जैसे पटाखे न छुड़ाए जाएं.

मैं ने उन्हें समझाने की कोशिश की, कि दीवाली रोशनी, सौहार्द का त्योहार है. जरूरी तो नहीं कि पटाखों से शोरशराबा किया जाए. लेकिन वे नहीं माने.

दीवाली से 2 दिनों पहले उन का 9 वर्षीय बेटा पटाखे छुड़ा रहा था जिस से उस की आंखों में बारूद के कुछ कण चले गए और आंखों में जलन होने लगी.

बच्चे को अस्पताल में दिखाया गया. दीवाली वाले दिन उन का वह बेटा बिस्तर पर ही रहा.

प्रदीप गुप्ता

*

मैं छठ पर्व मनाने के लिए अपने पैतृक घर गई हुई थी. मेरा घर बिहार की राजधानी पटना से करीब 30 किलोमीटर एक ऐसे गांव में है जहां गंगा नदी की पतली सी धारा प्रवाहित होती है. इसी धारा के कछार पर आ कर लोग छठी मैया और सूर्य देवता को अर्घ्य देते हैं. मैं भी इस पर्व में प्रति वर्ष शामिल होती हूं. मैं गांव पहुंची तो मेरी भांजी अपने 3 वर्षीय पुत्र को ले कर पहले से वहां मौजूद थी.

अर्घ्य देने के लिए शाम को हम सब हंसतेगाते हुए गंगाघाट पर पहुंच गए. फिर कार्य संपन्न कर के 7 बजे घर वापस आ गए. अब सुबह केअर्घ्य की तैयारी होने लगी और इस के लिए घर के हर सदस्य को 3 बजे भोर में उठ कर ही नहाधो लेना था.

हमारी भांजी ढाई बजे रात में ही जाग गई और अपने साथसाथ 3 वर्षीय बच्चे को भी स्नान करा दिया. फलस्वरूप, उसे ठंड लग गई और निमोनिया बुखार हो गया. फिर सांस लेने में इतनी दिक्कत होने लगी कि रोतेचीखते उसे पटना के अस्पताल में भरती कराना पड़ा. एक महीने बाद कहीं जा कर वह बच्चा ठीक हो सका.

प्रेमशीला गुप्ता

 

जियो फोन के दूसरे चरण की बुकिंग दीवाली के बाद होगी शुरू

रिलायंस रिटेल अपने 4जी फीचर फोन जियोफोन की बुकिंग का दूसरा चरण दीवाली के बाद शुरू करेगी. कंपनी पहले चरण में मिली लगभग 60 लाख बुकिंग की आपूर्ति फिलहाल कर रही है. रिलायंस रिटेल के चैनल पार्टनर ने यह जानकारी एक न्यूज एजेंसी को दी.

इसके अनुसार, ‘जियोफोन बुकिंग का दूसरा चरण दीवाली के बाद शुरू होगा. यह अक्टूबर के आखिर में यह नवंबर के पहले हफ्ते में शुरू हो सकता है.’उल्लेखनीय है कि जियोफोन की बुकिंग 24 अगस्त को शुरू हुई थी और जानकारों के अनुसार पहले तीन दिन में ही लगभग 60 लाख लोगों ने 500 रुपये का भुगतान करते हुए प्रीबुकिंग करवाई.

कंपनी के अनुसार जियोफोन की प्रभावी कीमत शून्य होगी लेकिन इसे खरीदने के लिए 1500 रुपये की जमानती राशि देनी होगी जो कि बाद में वापस रिफंड कर दी जाएगी. यानी जब प्री बुकिंग के बाद आप इसे खरीदेंगे तो 1,000 रुपये देने होंगे. हालांकि कंपनी 1,500 रुपये को सिक्योरिटी डिपौजिट बता रही है जिसे तीन साल के बाद फोन को वापस करके ले सकते हैं.

फिलहाल आधिकारिक तौर पर इसके स्पेसिफिकेशन्स नहीं आए हैं, लेकिन हाल में ही इसके फीचर्स लीक हुए हैं. लीक्ड रिपोर्ट के मुताबिक इस फोन में 4जीबी की इंटरनल मेमोरी होगी जिसे माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए बढ़ा कर 128GB तक किया जा सकता है.

इसके रियर में 2MP कैमरा होगा इसके अलावा इसमें जियो टीवी समेत कंपनी के दूसरे ऐप्स भी होंगे. यह फोन 15 भाषाओं को सपोर्ट करता है. कंपनी ने इसके साथ एक खास केबल का ऐलान किया था, लेकिन अभी साफ नहीं है कि इसे कब खरीद सकेंगे.

इस केबल के जरिए मोबाइल को केबल और आम टीवी से कनेक्ट करके इसके कौन्टेंट टीवी पर देख सकते हैं. हालांकि केबल के लिए कस्टमर्स को दूसरा प्लान लेना होगा.

इन्हें आजमाइए

– सीडी से फोटोफ्रेम का निर्माण हो सकता है. फोटो को सीडी के आकार में काट कर सीडी पर चिपका दें. इस तरह बहुत सारे फोटो सीडी पर चिपकाएं. किसी फूल या अन्य आकृति में सभी सीडी चिपका दें. कमरे की दीवार पर लगाएं, खूबसूरत लगेगा.

– कारोबार करते हुए एक इमरजैंसी फंड रखिए और इस इमरजैंसी फंड में हर दिन या हर महीने कुछ पैसे जमा करते जाइए. यदि कारोबार घाटे या कम मुनाफे में चले तो आप के हाथ में कुछ पैसे बचे रहेंगे.

– बच्चों को क्राफ्ट सिखाने के लिए अखबार को अलगअलग आकार में काटिए और उन में रंग भरने के लिए बोलिए. इसे आप बच्चों के कमरे में सजा दें. अपने पहले प्रोजैक्ट को देख कर बच्चे खुश हो जाएंगे.

– पढ़ाई करते वक्त यदि आप विषय को रटेंगे तो कुछ समय बाद भूल जाएंगे. लेकिन उसे समझ लेंगे तो कभी भूलेंगे नहीं. फिर उस के महत्त्वपूर्ण पौइंट्स को याद कर लें.

– जब भी आप कड़ी धूप में बाहर जाएं तो सनस्क्रीन हमेशा साथ में रखें. सूरज की कठोर किरणें त्वचा की रंगत को खराब कर देती हैं.

– सेब को छिलके सहित खाने से कब्ज नहीं होता.

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