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पेरिस घोषणापत्र पर डोनाल्ड ट्रंप अलाप रहे हैं सबसे अलग राग

इस सप्ताह की शुरुआत में बौन सम्मेलन में सीरिया ने भी जलवायु परिवर्तन पर पेरिस घोषणापत्र का समर्थन कर दिया, जिससे तय हो गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलग राग से अमेरिका अकेला ऐसा देश बचेगा, जो इस इस वैश्विक मुद्दे पर अलग-थलग है. एक जून को रोज गार्डेन में जब ट्रंप ने इसके खिलाफ जाने की घोषणा की थी, तभी इसे बेईमानी की हद तक वादा खिलाफी माना गया था.

ऐसे में, बौन बैठक के देशों को यही कहा जा सकता है कि वे अपनी शपथ का सम्मान करें और उस ट्रंप को नजरअंदाज कर दें, जिन्हें समझा पाना संभव नहीं. उन्हें धरती को पर्यावरण संकट से बचाने वाले 2020 के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर विचार-विमर्श और ईमानदार प्रयास जारी रखने चाहिए. उम्मीद है कि विभिन्न देश, उनकी सरकारें और उनके संस्थान जैसा काम कर रहे हैं, उसमें स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में कल ट्रंप अलग-थलग दिखाई देंगे.

समझौते से बाहर रहने का ट्रंप का फैसला एक पहलू है. असली खतरा तो ऊर्जा संयंत्रों, ग्रीन हाउस गैसों, मीथेन उत्सर्जन, वाहनों की दक्षता क्षमता और कोयला संयंत्रों के सब्सिडी विस्तार पर उनके रुख से है, जो हालात को विपरीत दिशा में ले जाने वाले हैं. इस बीच जलवायु पर कुछ हास्यास्पद कदम भी सामने आए हैं.

सबसे ताजा व हास्यास्पद तो ट्रंप की वह पहल है, जिसमें टेक्सास की रेग्युलेटर कैथलीन हार्नेट को व्हाइट हाउस की पर्यावरण गुणवत्ता मानक कौंसिल का मुखिया बनाने की बात है. इस नियुक्ति पर अंतिम मुहर लगी, तो वह प्रशासन की वैसी नीति आगे बढ़ाती दिखेंगी, जो कार्बन-डाइऑक्साइड को इंसान के लिए हानिरहित और ‘संयंत्रों के लिए पौष्टिक’ बताती है.

माना जाता है कि कैथलीन व्हाइट हाउस के उन सारे नीति-नियंताओं के अनुकूल हैं, जिन्होंने ट्रंप भक्ति में सरकारी एजेंसी की वेबसाइट से न सिर्फ जलवायु परिवर्तन के तमाम संदर्भ हटा दिए, बल्कि अपने वैज्ञानिकों को इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट देने से भी रोक दिया. जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका में पहले भी धारा के विपरीत बातें हुई हैं, लेकिन बराक ओबामा के शासनकाल में बहुत कुछ सकारात्मक हुआ. आज वही देश इस मामले में अलग-थलग पड़ता दिख रहा है.

वीडियो : बारिश के बीच कीवी खिलाड़ियों के साथ धोनी ने खेला ये खेल

भारत-न्यूजीलैंड के बीच 3-3 मैचों की वनडे और टी-20 सीरीज अब खत्म हो चुकी है. दोनों ही सीरीज में भारत ने न्यूजीलैंड को 2-1 से मात दी. हालांकि, 7 नवंबर को तिरुवनंतपुरम में खेला गया तीसरा और निर्णायक टी-20 मुकाबला काफी रोमांचक रहा. बारिश के कारण मैच काफी देर बाद शुरू हुआ और दोनों टीमों को केवल 8-8 ओवर खेलने का मौका ही मिला. इस मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को 6 रनों से मात दी.

तीसरे टी-20 में बारिश के कारण काफी समय बर्बाद हुआ, इस बीच एमएस धोनी समेत अन्य खिलाड़ियों ने क्या किया इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया है. इस वीडियो में एमएस धोनी, मनीष पांडे के साथ जोड़ी बनाकर न्यूजीलैंड के टौम ब्रूस और मार्टिन गप्टिल के साथ ड्रेसिंग रूम में वौलीबौल का मैच खेलते नजर आ रहे हैं.

गप्टिल ने यह वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है, उन्होंने कैप्शन देते हुए लिखा है, “आप बारिश के खलल डालने के बाद क्या करते हैं? मैं टौम ब्रूस, मनीष पांडे और एमएस धोनी के साथ वौलीबौल के साथ मैच खेला.”

What do you do in a rain delay? Play soccer volleyball with @tombruce42 @mahi7781 and @manishpandeyinsta !

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भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ ओवरों में पांच विकेट खोकर 67 रन बनाए थे. कीवी टीम आठ ओवरों में छह विकेट खोकर 61 रन ही बना सकी. भारत ने दिल्ली में खेले गए पहले मैच में जीत हासिल करते हुए 1-0 की बढ़त ले ली थी जबकि कीवी टीम ने राजकोट में जीत के साथ सीरीज 1-1 से बराबर कर ली थी.

महान खिलाड़ी अपना भविष्‍य खुद तय करते हैं : रवि शास्त्री

भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्‍त्री ने पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी की आलोचना करने वाले पूर्व क्रिकेटरों को आड़े हाथों लिया है. रवि शास्‍त्री ने आलोचना का केंद्र बने महेंद्र सिंह धोनी का जोरदार समर्थन करते हुए उन्हें पूरी तरह से टीम मैन बताया है. शास्‍त्री ने कहा कि कुछ ईर्ष्‍यालु लोग चाहते हैं कि धोनी के इंटरनेशनल करियर खत्‍म हो जाए.मालूम हो कि शास्‍त्री से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्‍तान विराट कोहली भी धोनी के प्रति इसी तरह की भावनाएं जता चुके हैं.

धोनी के बचाव में उतरें शास्‍त्री ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि बड़ी संख्‍या में ऐसे ईर्ष्‍यालु लोग आसपास हैं जो धोनी का करियर खत्‍म होते देखना चाहते हैं लेकिन उनके जैसे महान खिलाड़ी अपना भविष्‍य खुद तय करते हैं. हम जानते हैं कि धोनी टीम में फिट बैठते हैं. वे एक महान लीडर थे और अब टीम मैन के रूप में योगदान दे रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि माही एक सुपरस्‍टार हैं. वे हमारे महान क्रिकेटरों में से एक हैं. ऐसे में वे हमेशा चर्चा का विषय रहते हैं. भारतीय टीम धोनी की अहमियत को अच्‍छी तरह से समझती है और इस बेहतरीन विकेटकीपर बल्‍लेबाज की आलोचना से उनके करियर पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

गौरतलब है कि राजकोट में दूसरे टी20 मैच में धोनी ने 37 गेंदों पर 49 रन की पारी खेली थी लेकिन इसके बावजूद भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद से ही टी20 मैचों में खेलने के लिए कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी आलोचना करनी शुरू कर दी थी. वीवीएस लक्ष्‍मण, अजित आगरकर और बाद में आकाश चोपड़ा ने कहा था कि चयनकर्ताओं को टी20 में धोनी के विकल्‍प के रूप में विचार करना चाहिए.

चैटिंग का नया ठिकाना बना पेटीएम इनबाक्स

पेटीएम सिर्फ वालेट या आनलाइन शापिंग ऐप ही नहीं रहा, अब यह मैसेजिंग प्लेटफार्म भी हो गया. जी हां अब आप इसे मैसेजिंग एप की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पेटीएम की कंपनी ने इनबाक्स फीचर लौन्च किया है. जो कोई अलग ऐप नहीं बल्कि पेटीएम ऐप का ही हिस्सा है. इसके लिए आपको सिर्फ अपने ऐप को ही अपडेट करना होगा. लेटेस्ट पेटीएम ऐप में सबसे नीचे की तरफ नेविगेशन बार में इनबाक्स का विकल्प दिखेगा. जिसके जरिये यूजर मैसेज, तस्वीरें और वीडियो भेज सकते हैं. इसके अलावा आप पैसे भेजने और मांगने के लिए भी इसे इस्तेमाल कर पाएंगे. व्हाट्सऐप की तरह यह भी लाइव लोकेशन शेयरिंग फीचर से लैस है.

व्हाट्सऐप को चुनौती देने के इरादे से पेटीएम ने अपने ब्लाग पोस्ट पर इसके इक एक नये फिचर मैसेज रीकौल फीचर की जानकारी दी है. इसके अलावा, पेटीएम इनबाक्स में एक और व्हाट्सऐप फीचर- लोकेशन शेयरिंग भी दिया गया है.

पेटीएम से चैट करने के लिए क्या करें

पेटीएम से चैट करने के लिए आपको सबसे पहले अपना ऐप अपडेट करना होगा, इसके बाद नेविगेशन बार में इनबाक्स का विकल्प दिखेगा इस पर टैप करें.

इसके बाद आपको सबसे ऊपर मैसेज, नोटिफिकेशन, आर्डर और गेम्स आइकन दिखेंगे. नीचे, दांयीं तरफ दिख रहे नए मैसेज बटन पर क्लिक करें.

अब इन सारी आसान सी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आप पेटीएम इस्तेमाल करने वाले कौन्टेक्ट से चैट शुरू कर सकते हैं. यहां आपको वहीं कौन्टेक्ट दिखेंगे जो पेटीएम इस्तेमाल करते हैं. आप चाहें तो ग्रुप भी क्रिएट कर सकते हैं

लेकिन अगर आप किसी ऐसे यूजर के साथ चैट करते हैं या पैसे मंगाते हैं जिनके पास लेटेस्ट वर्जन (या आईओएस यूजर) नहीं है तो उन्हें आपका मैसेज नहीं मिलेगा.

चैट विंडो में सबसे नीचे की तरफ मैसेज, कैमरा, गैलरी, सेंड एंड रिसीव मनी और एक लोकेशन आइकन दिखेगा, जिसके जरिये आप मैसेज में जाकर टेक्स्ट मैसेज भेज सकते हैं, कैमरा आइकन में जाकर आप रियल टाइम तस्वीरें लेकर साझा कर सकते हैं, गैलरी में जाकर पहले से फोन में सेव तस्वीरें भेजी जा सकती हैं.

पैसे भेजने और मंगाने के लिए आपको दो अलग-अलग आइकन दिखाई देंगे. इसका इस्तेमाल करने के लिए जितने रुपये भेजना चाहते हैं वो लिखें और आगे की प्रक्रिया पूरी करें

लोकेशन विकल्प पर टैप कर आपकी लोकेशन कौन्टेक्ट के साथ शेयर हो जाएगी. यह गूगल मैप्स के जरिए संभव होता है.

गौर करने वाली बात है कि आज देश में पेटीएम के बड़े यूजर हैं. ई-कौमर्स डील का फायदा लेने, उबर के भुगतान और कैश की उपलब्धता ना होने पर आफलाइन भुगतान करने के चलते बहुत सारे लोग अब पेटीएम का इस्तेमाल करते हैं. भारत में नवंबर 2016 में नोटबंदी के समय तेजी से पेटीएम यूजर की संख्या बढ़ी. पेटीएम का यह भी कहना है कि अभी ऐप के 20 करोड़ से ज्यादा वालेट हैं.

नये साल पर बुजुर्गों और दिव्यांगों को बैंक दे रहा है ये तोहफा

नया साल आने में कुछ ही दिन शेष रह गये हैं, ऐसे में 70 साल से अधिक के बुजुर्गों और दिव्यांगों कको नये साल का तोहफा मिलने वाला है, यह तोहफा इन्हें बैंको की तरफ से दिया जा रहा है. आप सोच रहें होंगे किस तरह का तोहफा, तो जरा ठहरिये ठहरिये हम बताते हैं आपको.

दरअसल 70 साल से अधिक के बुजुर्गों और दिव्यांगों को 2018 के शुरुआत में उनके घर पर ही बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. आपको बता दे कि इसकी सूचना भारतीय रिजर्व बैंक ने दी है. उन्होंने गुरुवार को बैंकों को आदेश दिया कि 70 साल से अधिक के बुजुर्गों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को उनके घर जाकर सामान्य बैंकिंग सुविधाएं दी जाएं. आरबीआई का यह आदेश बैंकों के अलावा छोटे वित्तीय और पेमेंट बैंक्स के लिए भी है, जिसे 31 दिसंबर 2017तक लागू करने को कहा गया है इसी के साथ ही उन्हें अपने बैंक ब्रांचों और वेबसाइट्स पर इसकी जानकारी देने को भा कहा है.

नोटिफिकेशन जारी करते हुए आरबीआई ने कहा, ‘ऐसा देखा गया है कि कई बार बैंक ब्रांचों में वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को हतोत्साहित किया जाता है या उन्हें लौटा दिया जाता है. इन कठिनाइयों ध्यान में रखते हुए बैंकों को आदेश दिया जाता है कि ऐसे लोगों को कैश लेनदेन, चेकबुक और डिमांड ड्राफ्ट जैसी सुविधाएं घर पर मुहैया कराई जाएं. वे उन्हें मूलभूत बैंकिंग सुविधाएं देने के लिए संयुक्त रूप से काम करें.

नोटिफिकेशन में आगे यह भी कहा गया है कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ‘जीवन प्रमाण’ योजना के अलावा पेंशनर्स लाइफ सर्टिफिकेट को पेंशन भुगतान करने वाले बैंक की किसी भी ब्रांच में जमा कर सकते हैं. आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि सभी सेविंग अकाउंट होल्डर्स को हर साल कम से कम 25 चेक वाले चेकबुक मुफ्त में उपलब्ध कराएं.

बता दें कि ‘विशेष’ ग्राहकों को घर पर जो सुविधाएं दी जाएंगी उनमें कैश जमा करना, नकदी निकासी, डिमांड ड्राफ्ट डिलिवरी, केवाईसी डाक्युमेंट्स और लाइफ सर्टिफिकेट प्राप्त करना शामिल है.

औनलाइन शौपिंग कर बचाएं पैसे

ये औनलाइन शौपिंग का जमाना है. हम घर बैठे ही अपनी सारी जरूरत की चीजें मंगवा लेते हैं. खाने के लिए फल-सब्जियों से लेकर लेटेस्ट फैशन ट्रेन्ड के कपड़े, हम आराम से घर पर बैठकर ही मंगवा सकते हैं. पर कई बार हम डिस्काउंट पाने से चूक जाते हैं. अगर आप भी औनलाइन शौपिंग पर जबरदस्त डिस्काउंट लेने की फिराक में हैं और आपको सफलता नहीं मिल रही है तो हताश होने की जरूरत नहीं है. हम लेकर आए हैं ट्रिक्स जिनसे आप अपना काफी पैसा बचा सकेंगे.

अक्सर ऐसा होता है कि आप नया स्मार्टफोन खरीदने के लिए औनलाइन शौपिंग साइट्स पर ब्राउज करते हैं लेकिन पता चलता है कि इन पर कोर्इ सेल नहीं चल रही है या फिर सेल कुछ सेकंड में ही खत्म हो चुकी है.

साइन अप अलर्ट

अपने पसंदीदा शौपिंग साइट के न्यूजलैटर के लिए साइन अप करें. इससे आपको साइट पर आने वाली सेल के बारे में पहले ही पता चल जाएगा. इसके अलावा रजिस्टर्ड यूजर्स को ये साइट्स प्रिफरेंस देती है.

क्लोजिंग डाउन सेल

शौपिंग वेबसाइट्स पर क्लोजिंग डाउन सेल पर निगाह रखें और तलाशें कि क्या इसमें आपकी जरूरत का कोर्इ सामान मिल रहा है या नहीं.

र्इबे शौपिंग वेबसाइट पर आपको थोक भावों में जरूरत का सामान कम कीमत में उपलब्ध हो सकता है. ऐसा इसलिए कि अक्सर रिटेलर्स अपना बचा हुआ स्टौक र्इबे वेबसाइट पर ट्रांसफर कर देते हैं. इसलिए थोक में सामान खरीदते समय आप अपना काफी पैसा बचा सकते हैं.

औनलाइन वेयरहाउस क्लियरेंस

फैशन के शौकीनों के बीच इस तरह की सेल काफी पौप्यूलर होती है. यहां आपको कपड़ों और एसेसरीज पर अच्छा खासा डिस्काउंट मिल जाता है. इसके लिए आप या तो इन वेयराहाउस के न्यूजलैटर्स के लिए साइन अप करें या फिर कोर्इ अलर्ट सेट कर दें. इससे आप लाइन में पहले नंबर पर होंगे.

पे टू बिड औक्शन

यहां नए प्रोडक्ट्स जबरदस्त डिस्काउंट पर आसानी से मिल जाते हैं. इनकी खास बात यह है कि यहां पर कम कीमत में महंगे प्रोडक्ट शामिल किए जाते हैं. यहां पर आपको प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए बोली लगानी पड़ती है. यहां पर आपको प्रोडक्ट्स पर अच्छा खासा डिस्काउंट मिल सकता है. खास बात यह है कि यहां प्रोडक्ट की कीमत आप खुद तय करते हैं.

व्हाट्सऐप कौल करना चाहते हैं रिकार्ड, तो डाउनलोड करें ये ऐप

कई बार फोन पर की हुई कुछ जरूरी बातों को हम रिकार्ड करना चाहते हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा सुन सकें. फोन पर कौल रिकार्ड करना आसान है. लेकिन अगर बात फेसबुक मैसेंजर या व्हाट्सऐप पर आए कौल्स की हो और इन्हें रिकार्ड करने की जरूरत पड़े तो कैसे करेंगे. ऐसी समस्या से बचने के लिए भी एक खास तरीका है जिसकी मदद से कौल को रिकार्ड किया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

गूगल प्ले स्टोर पर ढेरों ऐप्लीकेशन मौजूद हैं जो स्क्रीन रिकार्ड करने का फीचर देते हैं. ऐसा ही एक ऐप DU Recorder है. इसे डाउनलोड करें. इसके बाद स्क्रीन पर एक पौप टाइप का आइकन दिखेगा. ऐप के आइकन पर क्लिक करने पर यूजर को स्क्रीन रिकार्ड करने और पौज करने का विकल्प मिलेगा.

इस ऐप्लीकेशन की मदद से आप वीडियो के साथ औडियो भी रिकार्ड कर सकते हैं, जो यूजर के लिए काफी उपयोगी साबित हो सकती है. ऐप की मदद से व्हाट्सऐप या फेसबुक मैसेंजर पर वीडियो कौल आने पर रिकार्डर को औन कर दें. इसके बाद वह वीडियो कौल अपने आप रिकार्ड हो जाएगी.

ए जेड स्क्रीन रिकार्डर ऐप

स्क्रीन रिकार्डर के लिए Screen Recorder  ऐप की मदद ले सकते हैं. इस ऐप में भी आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है. इसमें भी स्क्रीन पर दिख रहे आइकन पर क्लिक करना और वीडियो रिकार्ड करना है.

इस ऐप को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. इसे शुरू करने के बाद आप स्क्रीन के केंद्र में चार आइकन रिकार्डिंग प्रारम्भ करने के लिए ऐप सेटिंग का समायोजन करने के लिए आपके रिकार्डेड वीडियो का फोल्डर एक्सेस करने के लिए और बाहर जाने के लिए विकल्प दिखाई देंगे. इसकी सेटिंग से आप वीडियो आउटपुट की गुणवत्ता चुन सकते हैं या रिकार्डिंग के दौरान की गई बातचीत को देख सकते हैं. एक बार जब यह रिकार्ड करना प्रारम्भ करता है तो स्क्रीन के निचले दाहिने कोने में एक लाल बिंदु दिखाई देने लगता है.

स्क्रीन रिकार्डर विद औडियो एडिटर का कमाल

यह ऐप स्क्रीन रिकार्डर के साथ सामने वाले कैमरे की मदद से वीडियो को भी मिलाने की शक्ति रखता है. यह रिकार्डिंग को फोन की इंटरनल मेमोरी में सेव करता है. गौर करने वाली बात यह है कि इसके लिए किसी भी तरह के लौगइन की जरूरत नहीं होती है.

इस ऐप से वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दोस्तों के साथ साझा भी कर सकते हैं. अगर यूजर फोन में किसी खास ट्रिक के बारे में अपने संबंधियों को बताना चाहते हैं तो यह ऐप आपके लिए बेहद ही उपयोगी साबित हो सकता है. यह ऐप गूगल प्लस्टोर पर Screen Recorder With Audio And Editor & Screenshot नाम से मौजूद है.

सावधानी से प्रयोग में लाएं एटीएम, वरना बन सकता है क्लोन

इन दिनों एटीएम कार्ड धोखाधड़ी की संख्या बढ़ गई है. कारण है ब्लैक स्ट्रिप (मैग्नेटिक पट्टी) वाले पुराने एटीएम कार्ड की क्लोनिंग आसानी से होना. जानकारों की मानें तो हर 100 में से एक व्यक्ति के कार्ड की नकल बनाई जा रही है. बैंकों ने भी यह मान लिया है कि सिर्फ ब्लैक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड सुरक्षित नहीं हैं. इसलिए बैंक प्रबंधन उपभोक्ताओं को अब चिप वाले कार्ड जारी कर रहे हैं.

पुराने एटीएम कार्ड की मैग्नेटिक स्ट्रिप में खातेदार की सारी जानकारी होती है. कार्ड स्वैप करने पर मशीन सारी जानकारी जुटा लेती है. अपराधी एटीएम और स्वैप मशीन के आसपास अतिरिक्त डिजिटल डिवाइस लगाते हैं जिसे फिक्स करने की जरूरत नहीं होती है.

स्वैप होने के बाद मशीन में बटन के पास माइक्रो कैमरे लगाते हैं, जिससे पिन पता चल जाता है. ट्रांजेक्शन पूरा होते ही अपराधी डिजिटल डिवाइस को कम्प्यूटर सिस्टम से जोड़ते हैं और एटीएम कार्ड का सीक्रेट नंबर हासिल कर क्लोन कार्ड पर चढ़ा देते हैं. वहीं कैमरे से पिन ले लेते हैं.

कार्ड को ऐसे रखें सुरक्षित

मैग्नेटिक या ब्लैक स्ट्रिप वाले एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करते समय मशीन में कार्ड स्लौट ध्यान से देखें. उसे थोड़ा सा हिलाएं, जिससे अगर वहां कोई अतिरिक्त डिवाइस लगा होगा तो तुरंत गिर जाएगा.

पिन डालने के दौरान बटन वाली जगह को दूसरे हाथ से ढंक लें, ताकि वहां लगे माइक्रो कैमरे पिन देख न सकें.

इसलिए सुरक्षित हैं चिप वाले कार्ड

चिप वाले कार्ड पुराने कार्ड से सुरक्षित माने जाते हैं, क्योंकि जरूरी जानकारी चिप में होती है. इसे रीड करने के लिए विशेष सौफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है, जो केवल बैंकों के पास हैं जबकि मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड के रीडर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं.

रुपे कार्ड भी दे रहे उपभोक्ताओं को

बैंक कई तरह के एटीएम कार्ड उपभोक्ताओं को दे रहे हैं. इनमें मास्टर कार्ड व वीजा कार्ड प्रमुख हैं. कुछ बैंक छोटे खातेदारों को रुपे कार्ड भी जारी कर रहे हैं. इसके पीछे वजह है कि यह भारत में तैयार कार्ड है, जो मुफ्त दिया जा रहा है. ये कार्ड खासकर जन-धन योजना वालों को दिए जा रहे हैं. दूसरी तरफ निजी बैंक सिर्फ चिप वाले एटीएम जारी कर रहे हैं. हालांकि ज्यादातर बैंक चिप वाले कार्ड ही दे रहे हैं.

आरबीआई का आदेश

आरबीआई ने 2012-13 में एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा था कि विदेश में सिर्फ चिप वाले कार्ड इस्तेमाल होंगे. सिंपल ब्लैक स्ट्रिप कार्ड वहां मान्य नहीं हैं. इसके चलते विदेश जाने वालों को नए कार्ड जारी किए गए.

अब मिलेंगे चिप बेस्ड कार्ड

पुराने कार्ड के क्लोन की वजह से ज्यादातर बैंकों ने व्यवस्था में बदलाव कर दिया है. अब सिर्फ चिप वाले कार्ड जारी किए जा रहे हैं. यही वजह है कि बैंकों ने एक्सपायर होने से पहले उपभोक्ताओं को कार्ड के लिए आवेदन देने को कहा है. ताकि जल्द से जल्द नए कार्ड दिए जा सकें.

आसानी से मिलती है मशीन

क्लोन के लिए अपराधी जिन डिजिटल मशीन का इस्तेमाल करते हैं, वह आसानी से मिल जाती है. इसके लिए पुलिस काफी सतर्कता बरते हुए है. वहीं ऐसे अपराधों से बचने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. ग्राहक अपने कार्ड को बैंक से चिप वाले कार्ड में बदलवा सकते हैं.

केन्द्र सरकार ने कर्मचारियों को दिया तोहफा, ले सकेंगे 25 लाख का लोन

केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए मकान खरीदने के लिए लोन शर्तों में ढील दी है. आवास की बढ़ती जरूरतों को देखते हुये सरकार ने एचबीए नियमों को आसान बनाने की पहल की है. इससे भवन निर्माण क्षेत्र में छाई मंदी से भी उबरने में मदद मिलेगी.

अब केंद्रीय कर्मी पहले से ज्यादा एडवांस ही नहीं ले सकेंगे बल्कि उन्हें पहले की अपेक्षा ब्याज भी कम भरना पड़ेगा. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिये हाउस बिल्डिंग एडवांस नियमों में बदलाव किया है.

अब वह एक करोड़ रुपये तक की कीमत वाले घर बनाने या खरीदने के लिये 25 लाख रुपये तक का एडवांस ले सकेंगे. इससे पहले यह सीमा तीस लाख रुपये तक के मकान के लिए 7.50 लाख रुपये थी.

मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिये आवास हेतु भवन निर्माण के लिये एडवांस राशि जारी करने के नियमों (एचबीए) में बदलाव कर यह सुविधा शुरू की है. मौजूदा व्यवस्था में भवन निर्माण या खरीद के लिये मकान की अधिकतम कीमत 30 लाख रुपये थी और इसके लिए 7.50 लाख रुपये तक का ही एडवांस मिलता था.

मंत्रालय की ओर से नियमों में संशोधन की आज जारी जानकारी के मुताबिक इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा. नए नियमों के मुताबिक पति और पत्नी, दोनों के केंद्रीय कर्मचारी होने की स्थिति में दोनों को एक साथ या अलग-अलग एडवांस लेने की छूट दी गई है. इससे पहले सिर्फ पति या पत्नी को ही एडवांस राशि लेने का विकल्प दिया गया था. हालांकि केंद्रीय कर्मचारी को उसके जीवनकाल में एक ही बार एडवांस राशि लेने का नियम अब भी बरकरार है.

इसी तरह, अगर कोई कर्मी अपने मकान का विस्तार करना चाहता है तो वह अब 10 लाख रुपये तक का ऐडवांस ले सकेगा. पहले यह सीमा महज 1.80 लाख रुपये ही थी. सरकार ने ब्याज दरों में छूट देकर राहत दी है. पहले इस तरह के ऐडवांस हाउस लोन पर 9.5 फीसदी ब्याज लिया जाता था लेकिन अब यह 8.5 फीसदी लिया जाएगा. मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आवास की बढ़ती जरूरतों को देखते हुये सरकार ने एचबीए नियमों को आसान बनाने की पहल की है. इससे भवन निर्माण क्षेत्र में छाई मंदी से भी उबरने में मदद मिलेगी.

आप के व्यवहार पर निर्भर है बच्चे का भविष्य

एक विज्ञापन में सास के द्वारा अपना चश्मा न मिलने की बात पूछने पर बहू कहती है, ‘‘जगह पर तो रखती नहीं हैं और फिर दिन भर बकबक करती रहती हैं.’’

अगले ही पल मां जब अपने बेटे से पूछती है कि लंचबौक्स बैग में रख लिया तो बेटा जवाब देता है, ‘‘क्यों बकबक कर रही हो रख लिया न.’’

मां का पारा एकदम हाई हो जाता है और फिर बेटे को एक चांटा मारते हुए कहती है, ‘‘आजकल स्कूल से बहुत उलटासीधा बोलना सीख रहा है.’’

बच्चा अपना बैग उठा कर बाहर जातेजाते कहता है, ‘‘यह मैं ने स्कूल से नहीं, बल्कि आप से अभीअभी सीखा है.’’

मां अपने बेटे का चेहरा देखती रह जाती है. इस उदाहरण से स्पष्ट है कि बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं, क्योंकि बच्चे भोले और नादान होते हैं और उन में अनुसरण की प्रवृत्ति पाई जाती है. आप के द्वारा पति के घर वालों के प्रति किया गया व्यवहार बच्चे अब नोटिस कर रहे हैं और कल वे यही व्यवहार अपनी ससुराल वालों के प्रति भी करेंगे. अपने परिवार वालों के प्रति आप के द्वारा किए जाने वाले व्यवहार को हो सकता है आज आप के पति इग्नोर कर रहे हों पर यह आवश्यक नहीं कि आप के बच्चे का जीवनसाथी भी ऐसा कर पाएगा. ऐसी स्थिति में कई बार वैवाहिक संबंध टूटने के कगार पर आ जाता है. इसलिए आवश्यक है कि आप अपने बच्चों के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें ताकि उन के द्वारा किया गया व्यवहार घर में कभी कलह का कारण न बने.

न करें भेदभाव: इस बार गरमी की छुट्टियों में रीना की ननद और बहन दोनों का ही उस के पास आने का प्रोग्राम था. रीना जब अपने दोनों बच्चों के साथ मौल घूमने गई तो सोचा सब को देने के लिए कपड़े भी खरीद लिए जाएं. बूआ के परिवार के लिए सस्ते और मौसी के परिवार के लिए महंगे कपड़े देख कर उस की 14 वर्षीय बेटी पूछ ही बैठी, ‘‘मां, बूआ के लिए ऐसे कपड़े क्यों लिए?’’

‘‘अरे वे लोग तो गांव में रहते हैं. उन के लिए महंगे और ब्रैंडेड लेने से क्या लाभ? मौसी दिल्ली में रहती हैं और वे लोग हमेशा ब्रैंडेड कपड़े ही पहनते हैं, तो फिर उन के लिए उसी हिसाब के लेने पड़ेंगे न.’’

रीना की बेटी को मां का यह व्यवहार पसंद नहीं आया. न तोड़ें पति का विश्वास: विवाहोपरांत पति अपनी पत्नी से अपने परिवार वालों के प्रति पूरी ईमानदारी बरतने की उम्मीद करता है. ऐसे में आप का भी दायित्व बनता है कि आप अपने पति के विश्वास पर खरी उतरें. केवल पति से प्यार करने के स्थान पर उस के पूरे परिवार से प्यार और अपनेपन का व्यवहार करें.

रीमा अपनी बीमार ननद को जब अपने पास ले कर आई तो बारबार उन की बीमारी के चलते उन्हें हौस्पिटलाइज करवाना पड़ता. यह देख कर रीमा की मां ने एक दिन उसे समझाया, ‘‘देख बेटा वे शुरू से जिस माहौल में रही हैं उसी में रह पाएंगी. बेहतर है कि तुम इन्हें अपनी ससुराल में जेठानी के पास छोड़ दो और प्रति माह खर्चे के लिए निश्चित रकम भेजती रहो.’’

इस पर रीमा बोली, ‘‘मां, आज विपिन की जगह मेरी बहन होती तो भी क्या आप मुझे यही सलाह देतीं?’’

यह सुन कर उस की मां निरुत्तर हो गईं और फिर कभी इस प्रकार की बात नहीं की.

पतिपत्नी के रिश्ते की तो इमारत ही विश्वास की नींव पर टिकी होती है, इसलिए अपने प्रयासों से इसे निरंतर अधिक मजबूती प्रदान करने की कोशिश करते रहना चाहिए.

आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें: सोशल मीडिया पर एक संदेश पढ़ने को मिला, जिस में एक पिता अपने बेटे को एक तसवीर दिखाते हुए कहते हैं, ‘‘यह हमारा फैमिली फोटो है.’’

8 वर्षीय बालक भोलेपन से पूछता है, ‘‘इस में मेरे दादादादी तो हैं ही नहीं, क्या वे हमारे फैमिली मैंबर नहीं हैं?’’

पिता के न कहने पर बच्चा बड़े ही अचरज और मासूमियत से कहता है, ‘‘उफ, तो कुछ सालों बाद आप भी हमारी फैमिली के मैंबर नहीं होंगे.’’

यह सुन कर बच्चे के मातापिता दोनों चौंक उठते हैं. उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है. इस से साफ जाहिर होता है कि बच्चे जो भी आज देख रहे हैं वे कल आप के साथ वही व्यवहार करने वाले हैं. इसलिए मायके और ससुराल में किसी भी प्रकार का भेदभाव का व्यवहार कर के अपने बच्चों को वह रास्ता न दिखाएं जो आप को ही आगे चल कर पसंद न आए.

पारदर्शिता रखें: दूसरों की बुराई करना, अपमान करना, ससुराल के प्रति अपनी जिम्मेदारी न निभाना, मायके के प्रति अधिक लगाव रखना जैसी बातें पतिपत्नी के रिश्ते को तो कमजोर बनाती ही हैं, अपरोक्षरूप से बच्चों पर भी नकारात्मक प्रभाव छोड़ती हैं, इसलिए आवश्यक है कि रिश्तों में सदैव पारदर्शिता रखी जाए. मेरी बहन और उस के पति ने विवाह के बाद एकदूसरे से वादा किया कि दोनों के मातापिता की जिम्मेदारी उन दोनों की है और उसे वे मिल कर उठाएंगे, चाहे हालात कैसी भी हों. वे पीछे नहीं हटेंगे.

आज उन के विवाह को 10 वर्ष होने वाले हैं. आज तक उन में मायके और ससुराल को ले कर कभी कोई मतभेद नहीं हुआ.

जिम्मेदारी महसूस करें: अकसर देखा जाता है कि पति अपने परिवार की जिम्मेदारी को महसूस करते हुए परिवार की आर्थिक मदद करना चाहता है और पत्नी को यह तनिक भी रास नहीं आता. ऐसे में या तो घर महाभारत का मैदान बन जाता है या फिर पति पत्नी से छिपा कर मदद करता है. यदि ससुराल में कोई परेशानी है, तो आप पति का जिम्मेदारी उठाने में पूरा साथ दे कर सच्चे मानों में हम सफर बनें. इस से पति के साथसाथ आप को भी सुकून का एहसास होगा.

बुराई करने से बचें: रजनी की सास जब भी उस के पास आती हैं, रजनी हर समय उन्हें कोसती है, ‘‘जब देखो तब आ जाती हैं, कितनी गंदगी कर देती हैं, ढंग से रहना तक नहीं आता.’’

उस की किशोर बेटी यह सब देखती और सुनती है, इसलिए उसे अपनी दादी का आना कतई पसंद नहीं आता.

ससुराल पक्ष के परिवार वालों के आने पर उन के क्रियाकलापों पर अनावश्यक टीकाटिप्पणी या बुराई न करें, क्योंकि आप की बातें सुन कर उन के प्रति बच्चे वही धारणा बना लेंगे. इस के अतिरिक्त मायके में ससुराल की और ससुराल में सदैव मायके की अच्छी बातों की ही चर्चा करें. नकारात्मक बातें करने से बचें ताकि दोनों पक्षों के संबंधों में कभी खटास उत्पन्न न हो.

जिस प्रकार एक पत्नी का दायित्व है कि वह अपनी ससुराल और मायके में किसी प्रकार का भेदभावपूर्ण व्यवहार न करे उसी प्रकार पति का भी दायित्व है कि वह अपनी पत्नी के घर वालों को भी पर्याप्त मानसम्मान दे और यदि पत्नी के मायके में कोई समस्या हो तो उसे भी हल करने में वही योगदान दे, जिस की अपेक्षा आप अपनी पत्नी से करते हैं, क्योंकि कई बार देखने में आता है कि यदि लड़की अपनी मायके के प्रति कोई जिम्मेदारी पूर्ण करना चाहती है, तो वह उस की ससुराल वालों को पसंद नहीं आता. इसलिए पतिपत्नी दोनों की ही जिम्मेदारी है कि वे अपनी ससुराल के प्रति किसी भी प्रकार का भेदभावपूर्ण व्यवहार न रखें.

यह सही है कि जहां चार बरतन होते हैं आपस में टकराते ही हैं, परंतु उन्हें संभाल कर रखना भी आप का ही दायित्व है. बच्चों के सुखद भविष्य और अपने खुशहाल गृहस्थ जीवन के लिए आवश्यक है कि बच्चों के सामने कोई ऐसा उदाहरण प्रस्तुत न किया जाए जिस पर अमल कर के वे अपने भविष्य को ही दुखदाई बना लें.

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