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खाली समय में महेंद्र सिंह धोनी करते हैं ये काम

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले टी-20 मैच के बाद से ही आलोचकों के निशाने पर हैं. उनके टीम में रहने को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं. वीवीएस लक्ष्मण, आकाश चोपड़ा, अजित अगरकर जैसे पूर्व क्रिकेटर धोनी की जगह टीम में किसी युवा को लेने की वकालत करते आ रहे हैं.

मैदान पर कैप्टन कूल से मशहूर धोनी रियल लाइफ में भी काफी शांत स्वभाव के है. इतनी आलचनाओं के बाद भी वह अभी तक शांत हैं और अपनी लाइफ को अपने तरीके से एन्जौय कर रहे हैं. हाल ही में धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वो अपने पालतू कुत्ते के साथ मस्ती करते नजर आ रहे हैं. वह अपने कुत्ते को एक अलग तरह से ट्रेनिंग दे रहे हैं. बता दें कि धोनी शुरू से ही डौग लवर रहे हैं. इस वीडियो को देखने पर लगता है कि वह कुत्ते के साथ कुछ फुर्सत के पल बिता रहे हैं.

वीडियो में धोनी अपने कुत्ते को सर्किल में से कूदना सीखा रहे हैं. डौगी लगातार धोनी के कहने पर सर्किल में से कूद रहा है. धोनी के पास जोया और लीली नामक दो डौगी है. जिसके साथ वो छुट्टियों में काफी समय व्यतीत करते हैं.

इस वीडियो को अब तक 10 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. इसके अलावा धोनी की पत्नी साक्षी ने भी सोमवार को अपने इंस्टाग्राम पर कुछ वीडियो शेयर किया है. जिसमें फैंस से बचने के लिए धोनी ने अपने मुंह को तौलिये से ढक रखा है.

ZOYA(Dutch shepherd) does some training and LILY(husky) does the cheering job

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धोनी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं. ऐसे में श्रीलंका और भारत के बीच होने वाले तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में उन्हें काफी समय अपने परिवार के साथ बिताने का मौका मिलेगा. धोनी को जब भी हौलीडे मिलता है. वह उस समय को अपनी फैमली के साथ ही बिताना पसंद करते हैं.

क्या आपको पता है एप्पल वौच की ये सेटिंग्स

वौच या घड़ी आजकल सिर्फ समय देखने के लिए ही है बल्कि और भी कई कामों के लिए उपयोग में आती है. एप्पल वौच इसका एक उदाहरण है. इससे न केवल आप टेक्स्ट सेंड कर सकते हैं बल्कि अपने वर्क से सम्बंधित भी कई काम इससे पूरे किये जा सकते हैं. अगर आपके पास भी एप्पल वौच है तो हम आपको इसके कुछ ऐसे सीक्रेट टिप्स बताने जा रहे हैं जिससे आप इसका और भी बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाएंगे.

कस्टमाइज करें एप स्क्रीन

एप्पल वौच की एप स्क्रीन को कस्टमाइज किया जा सकता है. स्क्रीन को एप के जरिए कस्टमाइज किया जा सकता है. इसी के साथ आप स्क्रीन का स्क्रीनशौट भी ले सकते हैं. यह ठीक आईफोन की ही तरह काम करता है. पावर बटन और क्राउन को एक साथ प्रेस करें. इसके बाद स्क्रीन फ्लैश होगी और स्क्रीनशौट एप पर सेव हो जाएगा.

लिख सकते हैं जेनरिक मैसेज

एप्पल वौच पर मैसेज रिप्लाई टाइप नहीं किया जा सकता और यूजर्स हर बार सिरी को निर्देश देना नहीं चाहते. लेकिन इसका भी एक उपाय है. आप जेनरिक मैसेज लिख कर वौच से सेंड कर सकते हैं.

हार्ट रेट नापे

इसके अलावा अधिकतर यूजर्स को यह पता है की हार्ट रेट को एक्सरसाइज एप से ही नापा जा सकता है. लेकिन इसका एक तरीका और है. वौच फेस को एक बार ऊपर की ओर स्वाइप और एक-दो बार दाएं-बाएं स्वाइप करने से भी हार्ट रेट पता लगाया जा सकता है. जब तक आपको हार्ट रीडर स्क्रीन ना दिखने लगे तब तक स्क्रीन को टैप करके रखें.

जीपीएस एनाब्लस एप्स

वॉच में इनबिल्ट जीपीएस नहीं है. ऐसे में रनकीपर, मैप माय और स्ट्रावा जैसी जीपीएस एनाब्लस एप्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.

क्राउन

किसी भी चीज को एक्सेस करने या रन करने के लिए मेन्यू में उलझे रहना जरुरी नहीं है. इसका एक शौर्टकट भी है. क्राउन को तेजी से डबल-टैप करने पर आपको अंतिम बार यूज की गई एप मिल जाएगी. इन छोटी-छोटी टिप्स से आप ना केवल एप्पल वौच का बेहतर उपयोग कर पाएंगे बल्कि समय की बचत भी कर पाएंगे.

जन्मदिन विशेष : शोएब नहीं इनसे होने वाली थी सानिया की शादी

15 नवंबर 1986 को मुंबई में पैदा हुई सानिया मिर्जा ने जीवन में अनेक उतार चढ़ाव देखे हैं, लेकिन कभी हार न मानने वाली सानिया निरंतर टेनिस की दुनिया में नाम और शोहरत कमाती रहीं.

सानिया का जन्म मुंबई में हुआ था, लेकिन उनका बचपन हैदराबाद में बीता. हैदराबाद में ही सानिया ने टेनिस खिलने की शुरुआत की. सानिया के टेनिस करियर में अनेक उतार चढ़ाव और चुनौतियों का सामना किया है. कभी हिम्मत न हारने वाली सानिया युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रही हैं.

कम उम्र में ही सफलता के झंडे का गाड़ने वाली सानिया ने अपनी करियर की शुरुआत साल 1999 में की. उस समय सानिया की उम्र महज 14 साल थी, जब उन्होंने वर्ल्‍ड जूनियर टेनिस चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था.

साल 2000 में सानिया ने पाकिस्तान में खेले गए इंटेल जूनियर चैंपियनशिप जी-5 मुकाबले में सिंगल और डबल मुकाबले में जीत हासिल की. डबल मुकाबलों में सानिया की जोड़ी पाकिस्तान के जाहरा उमर खान के साथ थी.

सिर्फ प्रोफेशनल ही नहीं सानिया ने अपने नीजी जिंदगी मे भी काफी उतार चढ़ाव देखे हैं. पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी से शादी करने में उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ा. लेकिन इन सब के बावजूद 2010 में सानिया ने शोएब मलिक से शादी कर लिया. लेकिन, क्‍या आप जानते हैं कि शोएब से शादी करने से पहले सानिया की सगाई हो चुकी थी?

जी हां, ये तो सभी जानते हैं कि सानिया मिर्जा और शोएब मलिक का अफेयर था, जिसके बाद दोनों ने शादी की. पर शोएब से मिलने से पहले सानिया का नाम किसी और से भी जुड़ा. सानिया की जिनसे सगाई हुई थी उनका नाम था सोहराब मिर्जा. ये सगाई 10 जुलाई 2009 को हैदराबाद में हुई थी.

उस समय खबरें आई थीं कि सानिया और सोहराब बचपन से एक-दूसरे के दोस्‍त हैं. दोनों ही मिर्जा परिवार भी लंबे समय से परिचित हैं और उन्‍होंने ही ये शादी तय कराई थी.

पर कुछ कारणों से ये रिश्‍ता टिक नहीं सका. सानिया ने एक इंटरव्‍यू में कहा था कि वे दोनों अच्‍छे दोस्‍त हैं लेकिन एक दूसरे को कंपेटिबल नहीं हो पा रहे. फिर सानिया के जीवन में शोएब मलिक आए और उनसे उनकी शादी हुई.

बता दें कि सानिया मिर्जा टेनिस के अलावा अपने फैशन ट्रेंड को लेकर भी हमेशा चर्चा में रहती हैं. सानिया मिर्जा को 2004 में अर्जुन अवार्ड और 2006 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. उन्‍हें उम्‍दा खेल के लिए कई सम्‍मान मिले हैं. वे शादी के बाद भी भारत की ओर से टेनिस खेलती हैं.

मेरी पत्नी के गाल ब्लैडर में पथरी हो गई है. डाक्टर ने निकालने की सलाह दी है. इसे निकालने से समस्या तो नहीं होगी.

सवाल
मेरी पत्नी के गाल ब्लैडर में पथरी हो गई है. डाक्टर ने सर्जरी द्वारा निकालने की सलाह दी है. जानना चाहता हूं इसे निकालने से कोई स्वास्थ्य समस्या तो नहीं होगी?

जवाब
सर्जरी के द्वारा स्टोन के साथ गाल ब्लैडर को भी निकाल दिया जाता है, क्योंकि अगर इसे न निकाला जाए तो इस में फिर से पथरी विकसित हो सकती है.

एक बार जब गाल ब्लैडर निकल जाता है तो बाइल गाल ब्लैडर में स्टोर होने के बजाय सीधे आप के लिवर से बह कर छोटी आंत में चला जाता है. आप को जीने के लिए गाल ब्लैडर की आवश्यकता नहीं होती है. गाल ब्लैडर को निकालने से आप की भोजन को पचाने की शक्ति प्रभावित नहीं होती है. लेकिन गाल ब्लैडर के न होने से कई निश्चित स्वास्थ्य समस्याएं जैसे फैटी लिवर, अपच होने का खतरा बढ़ जाता है. अत्यावश्यक फैटी ऐसिड्स और वसा में घुलनशील पोषक तत्त्वों की कमी विकसित हो सकती है.

यूट्यूब पर वायरल हो रहा है ‘सेलीब्रेशन सौंग’, आपने देखा क्या..!

इन दिनों यूट्यूब पर ‘‘सेलीब्रेशन’’ गीत ने हंगामा मचा रखा है. सिर्फ ‘यूट्यूब’ ही क्यों सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर सिर्फ इसी गीत की चर्चा हो रही है. इस गीत को गार्गी रूप सिंह ने अपनी मधुर आवाज में गाया है. इसका वीडियो भी उन्हीं पर फिल्माया गया है. इस गीत के लेखक राज हंस ने ही इसे संगीत से संवारने के साथ साथ इसके वीडियो का निर्देशन भी किया है. वास्तव में इस गीत की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि परदे पर इस गीत को देखते हुए लोगों को उत्तर भारत की सभ्यता, संस्कृति व गांव के माहौल की याद आ जाती है.

मूलतः ग्वालियर, मध्यप्रदेश निवासी गार्गी रूप सिंह की शिक्षा दिक्षा ग्वालियर में हुई. वह बचपन से ही संगीत की शिक्षा लेती आयी हैं. स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद संगीत जगत में कुछ करने की मंशा के साथ गार्गी रूप सिंह मुंबई पहुंची. मुंबई में उन्हें सबसे पहले हिंदी फिल्म ‘‘लव टर्न’’ में पार्श्व गायन करने का अवसर मिला. फिल्म ‘‘लव टर्न’’ दिसंबर माह में प्रदर्शित होने वाली है. इस फिल्म के परदे पर आने से पहले ही वह अपने ‘सेलीब्रेशन’ गीत की वजह से जबरदस्त शोहरत बटोर रही हैं.

खुद गार्गी रूप सिंह कहती हैं, ‘‘इस गीत की रचना करते समय मैंने तथा गीतकार व संगीतकार हंस राज ने इस बात का ख्याल रखा कि इसे अपने देश की मिट्टी की महक से जोड़कर पेश किया जाए. इसी के चलते इसके संगीत में उत्तर भारत का अहसास होता है. इसके वीडियो को देखते हुए लोग अपनी जड़ों से जुड़ पा रहे हैं. इसके वीडियो में आपने देखा होगा कि उत्तर भारत के गावों, कस्बों व छोटे शहरों में शादी के मौके पर जिस तरह लोग अपने घरो की छतों पर चारपाई डालकर डीजे बजाते हुए नाचते गाते हैं, वैसा ही सब कुछ इस गीत में है.’’

इन दिनों ‘क्लब सांग’ का जमाना है. सभी गायक व संगीतकार ऐसे गीतों को बना रहे हैं, जो कि डांस क्लब में बजे और लोग उस पर थिरकें. पर उससे हटकर आपने देशी गीत पर काम करने की बात क्यों सोची? इस सवाल पर ‘सेलीब्रेशन’ गीत के गीतकार व संगीतकार हंस राज ने कहा, ‘‘हमारा मकसद महज क्लब या डांस बार में जाने वालों के लिए गीत बनाना नहीं रहा. हमारा मकसद हर आम इंसान तक इसे पहुंचाना रहा. इसलिए हमने आम इंसान की पसंद का ख्याल कर इस गीत को लिखा, संगीत से संवारा और उसी के अनुरूप हमने इसका वीडियो बनाया. हमारे इस गीत को सुनते व देखते हुए हर आम इंसान के पैर खुद ब खुद थिरकने लगते हैं.’’

चार वर्ष बाद नवाज की फिल्म “मानसून शूटआउट” होगी प्रदर्शित

2013 में संपन्न ‘‘कांस अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह’’ में गुनीत मोंगा, अनुराग कश्यप, विवेक रंगाचारी और अरूण रंगाचारी निर्मित तथा अमित कुमार निर्देशित फिल्म ‘‘मानसून शूटआउट’’ का विश्व प्रीमियर हुआ था. उस वक्त नवाजुद्दीन सिद्दिकी, विजय वर्मा और तनिष्ठा चटर्जी की मुख्य भूमिकाओं वाली इस अपराध व रोमांचक फिल्म को काफी सराहा गया था. मगर उस वक्त तक नवाजुद्दीन सिद्दिकी स्टार नहीं बने थे.

इस वजह से इस फिल्म को सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने के लिए वितरक नहीं मिले थे. अब चार वर्ष में काफी कुछ बदल चुका है. अब नवाजुद्दीन सिद्दिकी स्टार कलाकार बन चुके हैं. उनके प्रशंसकों की संख्या काफी बढ़ चुकी है. तो अब निर्माताओं ने इस फिल्म को 15 दिसंबर को प्रदर्शित करने की योजना पर काम करना शुरू किया है.

इसी के चलते फिल्म के निर्माताओं ने फिल्म ‘‘मानसून शूट आउट’’ का पहला पोस्टर जारी किया है. जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दिकी मुंबई की पृष्ठभूमि में अपने गंजे सिर व जख्मी अवतार मे बेहद खतरनाक नजर आ रहे हैं. जबकि पोस्टर में अभिनेता विजय वर्मा हाथ में बंदूक लहराते हुए नजर आ रहे हैं. यानी कि इस फिल्म में एक बार फिर नवाज ग्रे किरदार में नजर आएंगे. मजेदार बात यह है कि निर्माताओं की नजर में नवाज इतने बड़े स्टार हो गए हैं कि उन्होने पोस्टर में फिल्म की हीरोईन तनिष्ठा चटर्जी को कोई स्थान नहीं दिया है.

नवाजुद्दीन सिद्दिकी को उनकी पूर्व प्रेमिका ने भेजा दो करोड़ की मानहानि का नोटिस

नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने अपनी आत्मकथा के कुछ अंश एक अंग्रेजी पत्रिका में छपवा कर ऐसी मुसीबत मोल ले ली है, जिससे उबर पाना फिलहाल उनके लिए आसान नहीं नजर आ रहा है. लगभग बीस दिन पहले नवाजुद्दीन सिद्दिकी की किताब के वह अंश, जिनमें उन्होंने अपनी पूर्व प्रेमिकाओं के साथ अपने संबंधों का खुलासा किया है, एक अंग्रेजी अखबार में छपे थे. उसके बाद उनकी पूर्व प्रेमिकाओं ने उन्हें झूठा बताते हुए ऐसा विरोध किया कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी को ट्वीटर पर आकर न सिर्फ माफी मांगनी पड़ी, बल्कि यह भी ऐलान करना पड़़ा कि वह अपनी आत्मकथा की इस किताब को बाजार में लेकर नहीं आएंगे.

इसके बावजूद इस किताब की वजह से पैदा हुई मुसीबतों से वह उबर नहीं पा रहे हैं. एक तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग ने उनके खिलाफ जांच शुरू की है तो दूसरी तरफ उनकी पूर्व प्रेमिका और अभिनेत्री सुनीता राजवार ने उनके खिलाफ दो करोड़ रूपए की मानहानि की कार्यवाही की कानूनी नोटिस भेजी है. सुनीता राजवार का आरोप है कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने अपनी किताब में उनके नाम और उनके संबंध में जो कुछ लिखा, उसकी वजह से उनका वैवाहिक जीवन संकट में आ गया और उनका घोर अपमान हुआ है.

ज्ञातव्य है कि अपनी किताब में नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने अभिनेत्री निहारिका व सुनीता राजवार के साथ अपने प्रेम संबंधो को लेकर काफी विस्तार से खुलासे किए हैं.

इसी पर एक वेब साइट से बात करते हुए सुनीता राजवार ने कहा है- ‘‘मेरी समझ में नहीं आता कि नवाज को मेरा या निहारिका का नाम उजागर करने की क्या जरुरत थी? जो उन्होंने मेरे साथ किया, वही उन्होंने निहारिका के साथ किया. यदि निहारिका ने नवाज से शारीरिक संबंध बनाए, तो स्वाभाविक तौर पर उसने उनसे प्यार किया और उसने उन पर यकीन किया.

ऐसे में नवाज उसे इतने घटिया और गंदे तरीके से धोखा कैसे दे सकते हैं? किताब बेचने के लिए इस तरह का सेनसेलाइजेशन बहुत गलत है. उन्होंने पृष्ठ संख्या 56 पर एक अन्य महिला के बारे में भी जिक्र किया है, मगर उसका नाम वह छिपा गए. तो फिर मेरा व निहारिका का नाम ही क्यों लिखा? आखिर मैंने या निहारिका ने उनका क्या बिगाड़ा था? मेरे हिसाब से नवाजुद्दीन सिद्दिकी का यह अति घटिया उपन्यास है. आप सम्मान जनक तरीके से भी हर बात को लिख सकते थे.’’

सुनीता राजवार आगे कहती हैं- ‘‘यदि मैंने अपने पति से नवाज के साथ प्रेम की बात छिपायी होती, तो अब वह इस बात को अखबार में पढ़कर मुझे घर से बाहर न फेंक देते? आप कल्पना कीजिए कि पति को अपने आफिस में किस तरह की बातें सुननी पड़ती हैं? उन्हें किस मनःस्थिति से गुजरना पड़ता है, जब लोग अखबार में छपी उसकी पत्नी की खबर को चटकारे लेकर एक दूसरे को सुनाते हैं? आप कल्पना कीजिए कि शादीशुदा पत्नी के सास ससुर को किस सदमे से गुजरना पड़ रहा होगा? उनके सामने आपका साथ देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता? क्या यह सब उचित व सहज है? अब तो नुकसान हो चुका है. इसीलिए मैंने दो करोड़ रूपए की मानहानि का मुकदमा किया है.’’

सुनीता राजवार कहती हैं- ‘‘नवाजुद्दीन एक ऐसे घटिया इंसान हैं, जो कि पहले आपके साथ के रिश्ते को लेकर गंभीरता नहीं बरतते. उसके अलावा 15-20 वर्ष बाद आपको थप्पड़ भी मारने का काम भी करते हैं. हमारा समाज ऐसा है कि वह हमेशा लड़की की ही गलती बताता है? जिंदगी एक यात्रा है. हम अपनी जिंदगी या अपने पति या पत्नी के बारे में शादी के बाद भी धीरे धीरे बहुत कुछ जान पाते हैं?’’

सुनीता राजवार के अनुसार नवाजुद्दीन सिद्दिकी को लोग एक अच्छा कलाकार मानते हैं. वह कहती है-‘‘तो फिर उनके अंदर ऐसा क्या जागा कि वह ऐसा बर्ताव कर रहे हैं? हमें लगता है कि कलाकार परदे पर जैसा नजर आता है, वैसा होता है, पर यह गलत है. वह कह रहे हैं कि उन्होंने किताब वापस ले ली, बाजार में नही डाल रहे हैं, जबकि किताब की तमाम प्रतियां बाजार में मौजूद हैं. लोग उसे पढ़ भी रहे हैं. मैंने या निहारिका ने भी उनके खिलाफ कोई बात नही की, कि उन्हें हमसे बदला लेने की जरुरत पड़ी हो? नवाज ने हमें शांति, चैन से रहने देने की बजाय हमें बहुत नुकसान पहुंचाया है.’’

यशवंत सिन्हा का पीएम मोदी पर निशाना, तुगलक से की तुलना

बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री यशवंत सिन्‍हा सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा है कि 14वीं सदी के दिल्ली सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ने भी 700 साल पहले नोटबंदी की थी. इस विवादित कदम के लिए मोदी की आलोचना करते हुए सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 3.75 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है.

इसके साथ ही वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में त्रुटियां बताते हुए और इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की आलोचना करते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि देशवासियों का यह मांग करना उचित होगा कि जेटली उन्हें हुई कठिनाइयों के लिए पद छोड़ें. उन्होंने यह भी कहा कि जेटली, गुजरात की जनता पर बोझ लगते हैं. जेटली गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं.

मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना कर रहे सिन्हा ने यह आरोप भी लगाया कि सभी पहलुओं पर विचार किये बिना जीएसटी को लागू कर दिया गया. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री सिन्हा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को नोटबंदी और जीएसटी के रूप में एक के बाद एक दो झटके लगे.

सिन्हा को ‘लोकशाही बचाओ आंदोलन’ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी तथा जीएसटी के प्रभाव और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के बारे में विचार व्यक्त करने के लिए गुजरात आमंत्रित किया था. सिन्हा ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ”हमारे वित्त मंत्री गुजरात से नहीं हैं और वह यहां से राज्यसभा में चुने गये हैं. वह गुजरात की जनता पर बोझ हैं. अगर उन्हें यहां से नहीं चुना जाता तो एक गुजराती को मौका मिलता.”

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री केवल एक व्यवस्था में विश्वास करते हैं कि ”चित्त भी मेरी, पट्ट भी मेरी.” सिन्हा ने कहा कि अगर जीएसटी की दरें तय करते समय उचित तरीके से ध्यान दिया जाता तो इस तरह की विसंगतियां और अराजकता से बचा जा सकता था.

उन्होंने कहा, ”वह देश में गहराई तक दोषपूर्ण कर प्रणाली लागू करने का श्रेय नहीं ले सकते और इस देश की जनता को भली भांति इस मांग को उठाने का अधिकार है कि उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए.”

जेटली ने कुछ दिन पहले कहा था कि सिन्हा 80 साल की उम्र में काम की तलाश कर रहे हैं. इस पर सिन्हा ने कहा कि वह अब भी तंदुरुस्त हैं और उन लोगों की तरह नहीं हैं जो बैठकर भाषण देते हैं. उनका इशारा संसद में बजट भाषण के बीच में जेटली के बैठ जाने की तरफ था.

उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि कुछ लोगों ने उनके और उनके बेटे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.

गुजरात में ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी भाजपा

चुनाव आयोग ने गुजरात में सत्ताधारी भाजपा को इलेक्ट्रानिक प्रचार में ‘पप्पू’ शब्द का इस्तेमाल करने से रोक दिया है. यह शब्द कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आयोग ने इसे आपत्तिजनक कहा है.

आयोग के इस कदम की पुष्टि करते हुए भाजपा सूत्रों ने कहा कि प्रचार सामग्री में किसी शब्द का किसी व्यक्ति से संबंध नहीं है. गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पिछले महीने पार्टी द्वारा सौंपी गई प्रचार सामग्री में इस शब्द पर आपत्ति जताई है.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनाव से संबंधित कोई भी प्रचार सामग्री तैयार करने से पहले इसे समिति को सौंपना होता है. समिति उसका प्रमाणपत्र देती है. हालांकि समिति ने पप्पू शब्द पर आपत्ति जताई है क्योंकि इसे अपमानजनक माना है. समिति ने हमसे इसे हटाने या उसकी जगह दूसरे शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कहा है.

उन्होंने कहा कि पार्टी इस शब्द को हटाकर दूसरी स्क्रिप्ट चुनाव आयोग को सौंपेगी. पप्पू शब्द का किसी व्यक्ति विशेष से जुड़ा नहीं होने का पक्ष रखते हुए फैसले पर विचार करने के लिए कहा था. लेकिन उन्होंने इसे नामंजूर कर दिया.

गुजरात में तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चा भरा

चुनाव आयोग द्वारा पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद मंगलवार को तीन निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है. राज्य में दो चरणों में नौ और 14 दिसंबर को चुनाव कराए जाएंगे और 18 दिसंबर को मतगणना होगी.

स्मार्टफोन के लिए ले रहे हैं पावरबैंक, तो इन बातों का रखें खास ख्याल

पहले फीचर फोन्स का चलन था जिनकी बैटरी एक बार चार्ज करने पर तीन दिन तक चल जाती थी. वहीं, आज के समय में स्मार्टफोन्स की बैटरी एक दिन भी ठीक से नहीं चल पाती. आज आपको हर किसी के पास स्मार्टफोन मिल जाएगा, लेकिन उसकी बैटरी की समस्या एक बड़ी समस्या बन गई है. अब हर जगह चार्जर ले जाना संभव नहीं हो पाता. ऐसे में यूजर्स ने पावर बैंक का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. पावर बैंक खरीदते समय यूजर्स सबसे ज्यादा ध्यान उसकी बैटरी क्षमता पर देते हैं. लेकिन इसके अलावा भी कई बातें हैं जिनपर ध्यान देना बेहद जरूरी है, तो चलिए जानते हैं कि पावरबैंक खरीदते समय और किन किन बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है.

स्मार्टफोन की जरुरत पर दें ध्यान

कई जगहों पर फोन या किसी अन्य डिवाइस को चार्ज करने की सुविधा नहीं होती है ऐसे में आपको पावर बैंक की आवश्यकता होती है, पर उसका ज्यादातर इस्तेमाल तभी किया जाता है जब आप कहीं घूमने जा रहे हों. ऐसे में पावर बैंक का टुवान करते समय ध्यान रखें कि अगर आपके पास एक डिवाइस है तो कम क्षमता वाला पावरबैंक लें और अगर आपके पास एक से ज्यादा डिवाइस हैं तो ज्यादा क्षमता वाला पावरबैंक खरीदें.

आउटपुट वोल्टेज

ध्यान रहे कि आपके पावरबैंक का आउटपुट वोल्टेज हमेशा आपके फोन चार्जर के आउटपुट वोल्टेज के बराबर होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो आपका फोन चार्ज नहीं हो पाएगा. वहीं, आप अपने चार्जर से पावरबैंक को भी चार्ज नहीं कर पाएंगे.

बैटरी क्षमता

जब भी आप पावरबैंक लेने जाएं तो उसकी बैटरी क्षमता पर विशेष ध्यान दें. देख लें कि जो पावरबैंक आप खरीदने जा रहे हैं उसमें कितने mAh की बैटरी है. mAh का मतलब एम्पियर आवर होता है. टेक एक्सपर्ट की मानें तो यूजर्स को हमेशा अपने स्मार्टफोन की बैटरी क्षमता से 2.5 गुना ज्यादा क्षमता वाला पावरबैंक खरीदना चाहिए. इससे बेहतर आउटपुट बेहतर मिलता है.

यूएसबी चार्जिंग

अपने फोन के लिए आप जब भी पावरबैंक खरीदें तो उसकी यूएसबी चार्जिंग पर पूरा ध्यान दें. बाजार में मिलने वाले कई पुराने पावरबैंक ऐसे होते हैं जो अपने ही केबल से काम करते हैं और उनमें किसी अन्य केबल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ऐसे पावरबैंक आपके फोन के लिए किसी काम के नहीं होंगे इसलिए यूएसबी चार्जिंग को ध्यान में रखकर ही पावरबैंक लें.

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