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आपकी कार को और भी स्मार्ट बना देंगे ये गैजेट्स

गैजेट्स हमारी लाइफ को स्मार्ट बना रहे हैं. छोटे-छोटे गैजेट्स हमारी बड़ी-बड़ी मुश्किलों को चुटकियों में आसान कर रहे हैं. बात चाहे हेल्थ की हो, होम सिक्योरिटी की या फिर अपने टाइम को मैनेज करने की, ये सब काम गैजेट्स शानदार तरीके से कर रहे हैं. हम आपको कुछ ऐसे स्मार्ट गैजेट्स के बारे में बता रहे हैं, जो कि आपके ड्राइविंग एक्सपीरियंस को खास बनाने के साथ कार को देंगे स्मार्ट लुक.

स्मार्टफोन माउंट

आजकल ज्यादातर लोग अपनी कार में स्मार्टफोन माउंट का इस्तेमाल करते हैं. ड्राइव करते समय नेविगेशन का इस्तेमाल करने के लिए ये डिवाइस सबसे अच्छा है. इसके अलावा आप अपने स्मार्टफोन को भी इसमें रख सकते हैं.

कार कौफी मेकर

रोड ट्रिप को लेकर लोग अक्सर काफी रोमांचित रहते हैं. फैमिली या पुराने दोस्तों के साथ लौन्ग ड्राइव में अगर आपको गाड़ी के अंदर गरमा-गरम कौफी मिल जाए तो शायद इससे बेहतर और कुछ नहीं. हैंडप्रेसो कौफी मेकर एक ऐसा ही स्मार्ट गैजेट है, जिसकी मदद से आप सफर के दौरान कार में कौफी बनाकर पी सकते हैं. कम पावर वाला यह कौफी मेकर आसानी से आपकी कार के 12V सौकेट से अटैच होकर आपको स्ट्रौन्ग कौफी बनाने की सुविधा देता है.

जंप स्टार्ट कि‍ट

अचानक आपकी कार की बैट्री में खराबी आ जाए और कार बंद पड़ जाए तो ऐसे वक्त में जंप स्टार्ट कि‍ट की मदद से कार को स्टार्ट कर सकते हैं. जंप स्टार्ट कि‍ट दरअसल एक बैट्री की तरह होती है जिसकी मदद से झटके से गाड़ी को स्टार्ट करने में मदद मिलती है.

व्हीकल ट्रैकर

महंगा स्मार्टफोन खो जाने पर उसे ट्रेस करके ढूंढ निकालने की कुछ संभावनाएं होती हैं, लेकिन कभी आपकी कार खो या चोरी हो जाए तब क्या? ऐसे में एक स्मार्ट गैजेट ऐसा है जो आपकी मदद कर सकता है. व्हीकल ट्रैकर ऐसा ही डिवाइस है, जो कार के औन बोर्ड डायग्नोस्टिक पोर्ट में इनस्टाल किया जाता है. जिसके बाद इसे एक ऐप के जरिए औपरेट किया जाता है, जिसे यूजर अपने स्मार्टफोन में इनस्टाल कर सकता है.

GPS सिस्टम बेस्ड यह गैजेट कार की लोकेशन को ट्रेस करके उसकी सही स्थिति बताएगा. इस स्मार्ट गैजेट की मदद से कार चोरी हो जाने पर उसकी लोकेशन आसानी से पता लगाई जा सकती है.

GPS ट्रैकर

GPS ट्रैकर एक बहुत ही काम का गैजेट है जो आपके फोन से कनेक्ट होकर हमेशा लोकेशन बताता रहता है. इतना ही नहीं अगर गाड़ी चोरी भी हो जाती है तब यह कार को ट्रेस करने में काफी मदद करता है.

ब्लाइंड स्पौट अलर्ट

यह एक उपयोगी गैजेट है, कार के साइड मिरर में एक लाइट लगी होती है. जब कोई आपके ब्लाइंड स्पौज में आता है तब मिरर में लगी लाइट फ्लैश करती है पुरानी कारों में भी इस फीचर को ऐड किया जा सकता है.

इन-कार एंटरटेनमेंट सिस्टम

कम बजट वाली गाड़ियों को खरीदते समय हमें कई बार कुछ फीचर्स से समझौता करना पड़ता है, जिनकी हमें कई बार बहुत जरूरत पड़ती है. अगर आप म्यूजिक और मूवी के शौकीन हैं और अपनी कार में एंटरटेनमेंट स्क्रीन को मिस करते हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप आसान तरीके से एक पोर्टेबल स्क्रीन अपनी कार में जोड़ सकते हैं. एक्सटर्नल स्क्रीन को सिर्फ 12V के पावर सौकेट की जरूरत होगी, जो कि किसी भी कार में होता है. यह एक्सटर्नल एक छोटे टैब की तरह आपकी कार में आसानी से अटैच हो सकता है. इन-कार एंटरटेनमेंट सिस्टम माइक्रो SD कार्ड और यूएसबी पोर्ट के साथ आता है. ब्लूटूथ और 3.5mm औडियो जैक जैसे फीचर्स के साथ आप लंबी ड्राइव के दौरान शानदार म्यूजिक का मज़ा ले सकते हैं.

WiFi हौटस्पौट

अगर आप टेकसेवी हैं. इंटरनेट के बगैर आपका गुजारा नहीं हो सकता है तो एक डिवाइस ऐसा है जो कि आपको कार में भी हाई-स्पीड इंटरनेट देगा. बाजार में ऐसे कई पोर्टेबल डिवाइस उपलब्ध हैं, जिन्हें आप अपनी कार में अटैच करके हौट स्पौट की तरह आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी लौन्ग ड्राइव, या पिकनिक ट्रिप में जाते समय कार में लगे ये पोर्टेबल वाई-फाई डिवाइस काफी काम आ सकते हैं. एक बार में करीब 10-15 गैजेट्स इनमें आसानी से कनेक्ट किए जा सकते हैं.

तो अगली बार जब आप फैमिली या दोस्तों के साथ लौन्ग ट्रिप प्लान करें तो ये स्मार्ट गैजेट्स अपनी कार में लगाना बिल्कुल न भूलें.

आपने आज तक नहीं देखा होगा ऐसा अजीबोगरीब शौट

कभी-कभी क्रिकेट में खिलाड़ी कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं. कुछ कामयाब भी होते हैं, तो कुछ नाकाम. लेकिन इनमें से कुछ ‘सुपर से ऊपर’ करने की कोशिश में मजाक का विषय भी बन जाते हैं. कुछ ऐसा ही श्रीलंका के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चमारा सिल्वा के साथ हुआ.

दरअसल, श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में चमारा सिल्वा घरेलू मैच के दौरान एक अजीबो-गरीब शौट खेल बैठे. जिसके बाद उनका अनोखा शौट खेलता हुआ यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हो गया.

श्रीलंका के दो बड़े क्लबों एमएएस यूनीशेला और तीजे लंका के बीच मैच खेला जा रहा था. सिल्वा बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन तभी अचान से वो शौट खेलने के लिए विकेट के पीछे चले गए. बौल बल्ले तक आने से पहले ही स्टंप पर टकरा गई और वो बोल्ड हो गए.

बता दें कि पिछले साल सितंबर में घरेलू मैचों के दौरान नियमों के उल्लंघन के आरोप में चमारा सिल्वा पर दो साल के लिए बैन लगा दिया गया था. इसके बाद उन्हें बस घरेलू मैच खेलने की ही छूट दी गई थी. चमारा सिल्वा श्रीलंका के लिए 75 वनडे और 16 टी-20 मुकाबले खेल चुके हैं. उनके खाते में दो वनडे शतक भी हैं.

शुरू से अंत तक जानें पद्मावती विवाद की पूरी कहानी

रानी पद्मिनी पर बननेवाली फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. जहां एक ओर पद्मावती के सितारों और मेकर को कड़ी सुरक्षा दी गई है, वहीं लोगों में इसे लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है. बता दें कि 1540 में कवि मलिक मोहम्मद जायसी ने ‘पद्मावत’ लिखा, जिसमें बताया गया कि  खिलजी के आक्रमण के बाद रानी पद्मिनी ने जौहर किया था, इसके अलावा 1589 में हेमरतन की गौरा बादल की चौपाई में भी पद्मावती के जौहर की कहानी बताई गई है.

वहीं जब भंसाली ने अपनी फिल्म की कहानी में पद्मावती को नाचते हुए दिखाया, तो लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. इसके बाद तो एक के बाद एक विवाद इस घटनाक्रम में जुड़ता ही चला गया. आइये जानते हैं क्या है ये पद्मावती विवाद.

थप्पड़ से शुरू हुआ किस्सा

27 जनवरी को जयपुर के जयगढ़ किले में जब पद्मावती की शूटिंग चल रही थी, तब करणी सेना ने वहां हमला बोल दिया था, जिसके बाद धक्का-मुक्की और मारपीट शुरू हो गई थी. बात यहां तक आ पहुंची कि डायरेक्टर भंसाली को मार खानी पड़ी.

आग के हवाले किया सेट

इस मारपीट के बाद जब संजय लीला भंसाली ने फिल्म की शूटिंग कोल्हापुर में शिफ्ट की, तो वहां भी उन्हें नहीं बक्शा गया और 14 मार्च की रात 40-50 लोगों की भीड़ ने पेट्रोल डालकर फिल्म का सेट जला दिया, जिसमें लाखों रुपयों का नुकसान हो गया.

स्टिंग ओपरेशन से हुआ खुलासा

26 सितंबर को एक न्यूज चैनल ने स्टिंग औपरेशन से पद्मावती को लेकर एक और खुलासा किया, इसमें श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और मुंबई संयोजक उम्मेद सिंह को फिल्म का विरोध न करने की एवज में डेढ़ करोड़ रुपए मांगते दिखाया गया.

कई राज्यों में पहुंचा विवाद

इसके बाद पद्मावती विवाद राजस्थान में न रहकर मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और कर्नाटक तक पहुंच गया. इन राज्यों में भी पद्मावती का विरोध जोरो-शोरों से होने लगा.

पद्मावती पर सियासत गर्म

इस फिल्म को लेकर सियासत इस कदर गर्म हुई कि देश के वरिष्ठ नेताओं ने इसके खिलाफ बयानबाजी कर दी. इसमें राजनाथ सिंह, उमा भारती, लालू प्रसाद यादव, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई नेता शामिल हुए.

राजघरानों की नाराजगी का दबाव

पद्मावती के निर्माताओं को न सिर्फ करणी की, बल्कि राजस्थान के राजघरानों की भी नाराजगी उठानी पड़ी. इन घरानों ने भंसाली से मांग की, फिल्म की रिलीज से पहले उन्हें फिल्म दिखाई जाए.

राजपूती घरानों ने किया विरोध

यह मामला इस कदर तूल पकड़ चुका है कि राजपूतों ने चितौड़गढ़ का किला बंद रखकर प्रदर्शन किया.

नाक काटने की दी गई धमकी

पद्मावती के प्रमोशन में ढिलाई न देखकर करणी सेना के महिपाल मकराना ने विवादित बयान जारी किया कि ‘राजपूत कभी महिलाओं पर हाथ नहीं उठाते, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका पादुकोण का वही हाल करेंगे, जो लक्ष्मण ने सूर्पणखा का किया था.’

विवादित बयानों की आई बाढ़

इसके बाद तो जैसे लोगों ने दीपिका और संजय लीला भंसाली को नुकसान पहुंचाने की कसम खा ली. संभल में प्रोटेस्टर्स ने पोस्टर लगाए, जिसमें उन्होंने संजय लीला भंसाली का सिर काटने वाले को 50 लाख इनाम की घोषणा की. वहीं पहले दीपिका की नाक काटने के लिए 5 करोड़ और बाद में उनका सिर काटने के लिए 1 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की गई.

बढ़ाई गई पुलिस सुरक्षा

लोगों के हिंसक बर्ताव को देखते हुए महाराष्ट्र पुलिस पद्मावती के स्टार्स और भंसाली की मदद करने पहुंची और उन्हें कड़ी सुरक्षा दी गई. यहां तक कि दीपिका पादुकोण के बंगलुरु वाले मकान में, जहां उनके माता-पिता रहते हैं, वहां भी सुरक्षा तिगुनी कर दी गई.

साइन की जा रही है पिटीशन

दीपिका पादुकोण को मिलने वाली इन धमकियों के बाद बौलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आजमी ने एक पिटीशन बनाई, जिसमें उन्होंने मोदी जी से इन सभी लोगों के खिलाफ कारवाई करने की मांग की, जो महिलाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए करोड़ों का इनाम रखने की घोषणा कर रहे हैं. ये पिटीशन साइन करने के लिए बौलीवुड की सभी अभिनेत्रियां एकजुट होकर सामने आईं हैं और अब ये पिटीशन जल्द से जल्द प्रधानमंत्री मोदी को दे दी जाएगी.

आपके स्मार्टफोन के लिए खतरनाक हैं ये ऐप्स

आज स्मार्टफोन हमारी जरूरत बन चुकी है. यह कहना गलत नहीं होगा कि स्मार्टफोन के बिना आज एक दिन भी गुजारना मुश्किल है. लेकिन स्मार्टफोन यूजर्स को सबसे बड़ी टेंशन बैटरी खत्म होने की होती है।

अगर आप भी बार-बार अपने स्मार्टफोन की बैटरी खत्म होने से परेशान हैं तो एक बार इन ऐप्स को चेक कर लीजिए. यदि इनमें से किसी ऐप का काम नहीं हो तो उसे तुरंत हटा दीजिए. ये ऐप्स आपके फोन की बैटरी को सबसे ज्यादा बर्बाद करते हैं.

कैन्डी क्रश सागा

इस गेम ने जितना आपका समय बर्बाद किया है, उतनी ही आपके फोन की बैटरी भी बर्बाद की है. यह गेमिंग ऐप आपके मोबाइल का सबसे ज्यादा बैटरी बर्बाद करता है.

व्हाट्सऐप

क्या आपको पता है कि आपका सबसे अच्छा दोस्त आपके स्मार्टफोन की बैटरी के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है?

फेसबुक

वैसे तो फेसबुक को आप अपने फोन से नहीं हटा सकते लेकिन इसकी जगह आप फेसबुकर लाइट का इस्तेमाल कर सकते हैं. बैटरी खत्म करने में फेसबुक ऐप का भी बड़ा हाथ है.

ओएलएक्स

ओएलएक्स और क्विकर जैसे फ्री क्लासिफाइड ऐप फोन की बैटरी बहुत बर्बाद करते हैं. ये ऐप्स लगातार आपकी लोकेशन को ट्रैक करते हैं. अगर जरूरत ना हो तो ऐसे ऐप भी फोन में रखने से परहेज करें.

पेट रेस्क्यू सागा

बैटरी खपत करने के मामले में दूसरा नाम इस लोकप्रिय गेम का है. एवीजी ने इस ऐप को भी बैटरी, स्टोरेज और डेटा कन्जप्शन के हिसाब से एक खतरनाक ऐप माना है.

लुकआउट सिक्यौरिटी ऐंड ऐंटीवाइरस

आपके स्मार्टफोन को वाइरस से बचाने का दावा करने वाला यह ऐप फोन की बैटरी पर हमला करने में काफी आगे है.

विरासत के नियमों से तो कांग्रेस से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी बंधी है

राहुल गांधी कोई युवा तो नहीं रह गए हैं, पर जब राजनीति में जगह ही 65-70 साल वालों को मिले, तो राहुल को 47 की आयु में पुरानी पार्टी की बागड़ोर संभाल लेना थोड़ा सुकून देने वाला है. भाजपा व दूसरे लोग इसे विरासत की राजनीति कहते हैं. पर यह आरोप आधा ही सही है. अखिलेश यादव, उद्घव ठाकरे, विजय गोयल, स्टालिन जैसे बीसियों ऐसे युवा नेता हैं, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली है, पर उन में से हरेक को अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.

1965 में इंदिरा गांधी को लालबहादुर शास्त्री की अचानक मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री पद मिल गया, पर असली शक्ति भारी संघर्ष के बाद ही मिली. सोनिया गांधी को 1998 में सीताराम केसरी से लड़ कर कांग्रेस का अध्यक्ष पद मिला. राहुल गांधी को अध्यक्ष पद न मिले और कांग्रेस किसी नेता के अभाव में छिन्नभिन्न हो जाए, इस की भरपूर कोशिश भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी को पप्पू कह कर मजाक उड़ा कर की.

राहुल गांधी ने हिचकिचाहट के बाद खुद को अध्यक्ष पद के लिए तैयार किया. गुजरात चुनावों में (परिणाम चाहे जो भी हों) उन्होंने कोई कसर न छोड़ी और बीमार होती मां सोनिया गांधी के बिना अकेले नरेंद्र मोदी के पक्के गढ़ पर हमला ही नहीं किया, उस की चूलें हिला दीं. चुनावों से पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह को सकते में डाल दिया. नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी के कारण उस जीएसटी कानून में बदलाव लाने पड़े, जिसे वे वेद वाक्य मान कर चल रहे थे. एक युवा ने पंडितों के बलदूते चल रही वृद्घों की पार्टी को हिला कर रख दिया.

राहुल गांधी की ही हिम्मत थी कि उन्होंने हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव आदि से हाथ मिला कर युवाओं  का एक नया गठजोड़ तैयार कर लिया है, जो धर्म की पुरानी कढ़ाई पर रीति रिवाजों के काढ़े को पकाने की लगभग सफल कोशिश कर चुके हैं और आधे से ज्यादा देश को मिला भी चुके हैं. राहुल गांधी ने एक समानांतर पार्टी ही नहीं गठजोड खड़ा कर दिया और कांग्रेस को नया लुक दे दिया.

भारत दूसरे देशों की अपेक्षा एक युवा देश है और इस का नेतृत्व उन हाथों में होना चाहिए जो नया सोचते हैं. फैसले तर्क और विमर्श पर हों, इतिहास की गर्त में जा चुके अपठनीय ग्रंथों के आधार पर नहीं. पुराने का महत्व है, उन की छाया हमारे ऊपर रहती है, पर वह हमारा अकेला मार्गदर्शक न हो. आज युग विज्ञान की नई खोजों को घर घर पहुंचाने का है, विज्ञान के सहारे सरकार को घर घर पर निगरानी करने का नहीं. राहुल गांधी ने अब तक जो कहा है उस से नहीं लगता कि वह नियंत्रण और एक तरफा कथन में विश्वास रखते हैं. अपनी मीटिंगों में खुल कर आम आदमियों से बात करते हैं, जबकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह (बाकी तो हुक्म बजाने वाले हैं) भाषण देते हैं. नरेंद्र मोदी प्रवचनकर्ताओं की तरह आस्था पर जोर देते हैं, जो मैं ने कहा वही सच है. राहुल गांधी कहते हैं कि विद्वान तो सब जगह हैं, उन की सुनने में कोई हर्ज नहीं.

विरासत के नियमों से कांग्रेस से ज्यादा तो भारतीय जनता पार्टी बंधी है. कांग्रेस पर जवाहर लाल नेहरू से शुरू हुई सत्ता की कड़ी का आरोप लग सकता है, पर भारतीय जनता पार्टी तो काल्पनिक हजारों सालों से पूजे जा रहे राम, कृष्ण, विष्णु आदि की विरासत के बोझ से तली है. डायनेस्टी का हल्ला मचाने वाले डायनासोरों के समय की सोच के बोझ से दबे पड़े हैं.

शाओमी ने लौंच किया अब तक का सबसे सस्ता पावरबैंक

चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी शाओमी ने अपने प्रोडक्ट लाइअप का विस्तार किया है. कंपनी ने भारत में अपने दो पावरबैंक्स लौन्च किए हैं. पहला 20000mAh Mi Power Bank 2i और दूसरा 10000mAh Mi Power Bank 2i है.

ये दोनों ही पावरबैंक्स नोएडा प्लांट में बनाए गए हैं. कंपनी ने दावा किया है कि ये पावरबैंक्स 9 स्तर की प्रोडक्शन टेस्टिंग और 3 स्टेज के इंस्पेक्शन से गुजरे हैं.

शाओमी पावरबैंक्स की कीमत

10000mAh Mi Power Bank 2i की कीमत 799 रुपये है. तो वहीं, 20000mAh Mi Power Bank 2i की कीमत 1,499 रुपये है. इन्हें ई-कौमर्स वेबसाइट अमेजन और फ्लिपकार्ट के अलावा कंपनी की आधिरकारिक वेबसाइट Mi.com समेत औफलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध कराया जाएगा. इसे 23 नवंबर से औनलाइन खरीदा जा सकेगा और दिसंबर से औफलाइन स्टोर्स पर उपलब्ध कराया जाएगा.

एमआई 10000mAh एमआई पावरबैंक 2i

यह ड्यूल यूएसबी आउटपुट और टू वे क्विक चार्ज के साथ आता है. इसका मतलब इस पावरबैंक से एक समय पर दो डिवाइस को चार्ज किया जा सकता है. लुक की बात करें तो यह डिवाइस अल्ट्रा स्लिम और हल्की है. इस पावरबैंक की वास्तविक आउटपुट कैपेसिटी 6500 एमएएच है और यह 90 फीसद से ज्यादा कनवर्जन रेट उपलब्ध कराता है. यह 5V/2A, 9V/2A and 12V/1.5A चार्जिंग के साथ कंपेटिबल है जो यूजर्स को उनका लैपटौप, स्मार्टफोन और टैबलेट कनेक्ट और चार्ज करने की अनुमति देता है.

यह ड्यूल यूएसबी आउटपुट का सपोर्ट करता है. इसे स्मार्टफोन्स, टैबलेट्स और लैपटौप्स को चार्ज करने के लिए बनाया गया है. अगर यूजर एक पोर्ट का इस्तेमाल कर चार्जिंग करता है तो यह पावरबैंक क्विक चार्ज 3.0 को सपोर्ट करेगा.

आपको बता दें कि इनके अलावा भी भारत में 1,000 रुपये से कम कीमत में अन्य पावरबैंक्स उपलब्ध हैं.

इंटेक्स आइटी पावर बैंक 11K 11000mAh

इसकी कीमत 799 रुपये है। इसका वजन 280 ग्राम है. इसमें 11000 एमएएच बैटरी क्षमता से लैस लिथियम-आयन बैटरी दी गई है. साथ ही माइक्रो कनेक्टर भी दिया गया है. वहीं, इसमें 5V 1A, 5V2A और 5V 2A आउटपुट दिए गए हैं.

मोटोरोला P1500 पावर पैक माईक्रो

इसकी कीमत 740 रुपये है. इसका वजन 50 ग्राम है. इसमें 1500 एमएएच बैटरी क्षमता से लैस लिथियम पौलिमर बैटरी दी गई है. साथ ही माइक्रो कनेक्टर भी दिया गया है. वहीं, इसमें बार शेपर, इनपुट 1ए, आउटपुट पावर 1ए जैसे फीचर्स दिए गए हैं.

गरीबी से लड़कर यह भारतीय क्रिकेटर बना स्टार बौलर

क्रिकेट भले ही ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ियों को शोहरत और पैसा जमकर मिलता है मगर वो खिलाड़ी किन परिस्थितियों से निकलकर इस मुकाम तक पहुंचा है इसका अंदाजा किसी को नहीं होता. 25 अक्टूबर 1987 को नागपुर में तिलक यादव के घर 3 बच्चों के बाद जन्मे उमेश तंग हालात में पले-बढ़े. तिलक यादव यूं तो मूलत: यूपी के थे लेकिन कोयला खदान में बतौर मजदूर काम करने के चलते अपने परिवार के साथ नागपुर के एक गांव में गुजर-बसर कर रहे थे.

पिता की इच्छा थी कि 2 बेटी और 2 बेटों में से कोई एक संतान कौलेज में पढ़े लेकिन माली हालात ऐसे थे कि चाहने के बावजूद ये ना हो सका. घर का खर्च ही बेहद मुश्किल से निकल पा रहा था ऐसे में उमेश का कौलेज में पढ़ने का सपना महज ख्वाब ही बनकर रह गया. उमेश प्रतिभावान थे, तो क्रिकेट में हाथ आजमाया. पिता को अपना फैसला बताया और विदर्भ की ओर से खेलने लगे.

उमेश यादव ने जब 20 वर्ष की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने आगाज किया था तो उन्हें लाल रंग की एसजी टेस्ट गेंद से खेलने का अंदाजा नहीं था लेकिन भारत के इस प्रमुख तेज गेंदबाज ने कहा कि वह शुरू से ही जानते थे कि अपनी रफ्तार हासिल करने की क्षमता से उच्च स्तर पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.

सन् 2008 में उमेश यादव को रणजी में खेलने का सुनहरा मौका मिला, जिसे उन्होंने बखूबी भुनाते हुए 75 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए. इसके चलते दलीप ट्रौफी में चांस मिला और 2010 में किस्मत ने जोर मारा तो उमेश यादव को दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से 18 लाख रुपए में आईपीएल के लिए खरीद लिये गयें.

यहां से परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ हद तक सुधरने लगी. आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के आधार पर उमेश यादव को 2010 में ही वनडे और अगले साल टेस्ट में डेब्यू का मौका मिला. हालांकि पिता चाहते थे कि उमेश पुलिस में भर्ती हो मगर किस्मत को यही मंजूर था.

फिर धिरे धिरे कर उमेश यादव की बौलिंग की लोग मिसाल देने लगे और देखते ही देखते एक गरीब परिवार का उमेश जिसकेपास अपनी पढ़ाई तक के पैसे नहीं थे वह उमेश से उमेश यादव यानी भारतीय क्रिकेट टीम का स्टार बौलर बन गया.

आदित्य रौय कपूर होंगे मोहित सूरी की नई फिल्म के हीरो

‘‘एक विलेन’’ जैसी सफलतम फिल्म के निर्देशक लंबे समय से अपनी नई संगीतमय फिल्म को शुरू करने के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं, मगर बात ही नही बन पा रही थी. वास्तव में मोहित सूरी अपनी इस फिल्म के साथ फरहान अख्तर को जोड़ना चाहते थे, मगर फरहान अख्तर ने उनकी इस फिल्म को करने से साफ साफ मना कर दिया था.

यह एक अलग बात है कि इस बात को स्वीकार करने के लिए मोहित सूरी तैयार ही नही है. वह एक ही राग अलापते रहे कि फरहान अख्तर से उनकी बातचीत चल रही है. मगर अब खुद मोहित सूरी ने इंस्टाग्राम पर संगीतकार मिथुन के साथ तस्वीर डालकर अपनी इस फिल्म की शुरूआत करने की सूचना दे दी है.

फरहान अख्तर के अति करीबी सूत्र बताते हैं कि इस संगीतमय फिल्म के हीरो के तौर पर मेाहित सूरी ने ‘आशिकी 2’ फेम अभिनेता आदित्य रौय कपूर को जोड़ा किया है. आदित्य रौय कपूर के अतिनजदीकी सूत्र भी इस बात को कबूल करते हैं कि मोहित सूरी ने आदित्य रौय कपूर के पास अपनी इस फिल्म की पटकथा भेजी थी, जिसे पढ़ने के बाद आदित्य रौय कपूर ने इस फिल्म को करने के लिए हामी भर दी है. अब सिर्फ कौन्ट्रैक्ट के पेपर पर हस्ताक्षर होने बाकी है.

मगर मोहित सूरी इस बारे में कुछ भी कहने को तैयार नही है. वह इंस्टाग्राम पर जाकर यह स्वीकार करते हैं कि उन्होने अपनी म्यूकिजल फिल्म की शुरूआत संगीतकार मिथुन के साथ गीत को रिकार्ड करके कर दी है. आखिर मोहित सूरी की इस चुप्पी का राज क्या है?

पेंशन धारक जल्द जमा कराएं अपना जीवन प्रमाण पत्र वरना नही मिलेगी पेंशन

पेंशनधारकों के लिए बड़ी खबर है कि बैंक आपका पैसा रोक सकता है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने एक जरूरी फरमान जारी किया है. अगर आपका पेंशन अकाउंट है और आपने बैंक में लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं कराया है तो बैंक आपका पैसा रिलीज नहीं करेगा.

बैंक ने अपने सभी पेंशन खाताधारकों को नवंबर अंत तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने को कहा है. अगर सर्टिफिकेट जमा नहीं होगा तो पेंशनर्स अपनी पेंशन अकाउंट से नहीं निकाल पाएंगे. आपको बता दें कि नवंबर महीने के अब सिर्फ 9 दिन ही बचे हैं. लिहाजा पेंशनर्स को अगले 9 दिन के अंदर अपना सर्टिफिकेट जमा कराना होगा.

बैंक में 36 लाख पेंशन खाते

SBI देश का सबसे बड़ा बैंक है और देशभर में सबसे ज्यादा पेंशन खाते इसी बैंक के पास हैं. बैंक के मुताबिक उसके पास करीब 36 लाख पेंशन खाते हैं और 14 सेंट्रेलाइज्ड पेंशन प्रोसेसिंग सेल भी हैं. हर साल साल के अंत में पेंशनधारको को बैंक जाकर अपना जीवन प्रमाण पत्र देना होता है ताकि बैंक उनके पेंशन के पैसे को आसानी से रीलीज कर सके.

ट्विट के जरिए दी जानकारी

SBI ने ट्विट के जरिए जानकारी दी है कि अगर नवंबर में जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं कराता है तो नवंबर के बाद उसकी पेंशन रोक दी जाएगी. यानी की जन लोगो को बैंको द्वारा पेंशन योजन का लाभ मिलता है, उनका पेंशन रोक दिया जाएगा और उन्हे पेंशन नही मिलेगी. इसलिये भारतीय स्टेट बैंक ने यह जानकारी ट्वीट कर दी.

क्या है नियम

नियमों के मुताबिक नवंबर में सभी पेंशन धारको को जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना जरूरी होता है. सिर्फ SBI के पेंशन खाताधारकों के लिए ही यह नियम नहीं है, बल्कि दूसरे बैंकों के पेंशन खाताधारकों के लिए भी है. अगर आपका पेंशन खाता किसी दूसरे बैंक में है तो उस बैंक में भी नवंबर के दौरान जीवन प्रमाण पत्र जमा कराना जरूरी है.

कांग्रेस की कृष्ण कंपनी

गुजरात चुनाव में हर कोई और खरबों का कारोबार करने वाले सटोरिए भी, अभी हिचकते हुए ही सही, इस बात पर सहमत हो रहे हैं कि वहां भाजपा की हालत खस्ता है और वक्त गुजरते भावों में उतारचढ़ाव आएगा. भाजपा की खस्ता हालत का फायदा कांग्रेस को ही मिलेगा, यह भी पूरे आत्मविश्वास से कहने में लोग हिचक रहे हैं तो इस की न दिखने वाली एक वजह अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप को जीत दिलाने वाली दुनिया की नामी लीडिंग कंपनी कैंब्रिज एनालिटिक्स से कांग्रेस का खटाई में पड़ा करार भी है.

यह कंपनी चुनावी रणनीति बनाने और आक्रामक प्रचार अभियान का खाका खींचने के लिए मशहूर है.

कांग्रेस से 3 दौर तक एनालिटिक्स की मीटिंगें हुईं पर फीस पर आ कर बात अटक गई. 3 मीटिंगों में सार निकला कि अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो कर लड़े तो ही भाजपा को पटखनी दी जा सकती है. अध्यक्ष बनने जा रहे राहुल गांधी इतने पैसों का तो इंतजाम एक दफा कर सकते हैं पर पूरे विपक्ष को एकजुट कर पाने की क्षमता उन में नहीं है.

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