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एक पैर से बल्लेबाजी करता है यह भारतीय बल्लेबाज, देखें वीडियो

हम क्रिकेट के मैदान पर अक्सर खिलाड़ियों को छक्के-चौके लगाते देखते हैं. भारत में क्रिकेट को धर्म सरीखे माना जाता है. लोग सचिन, कोहली जैसे क्रिकेटर को अपना देवता मानते हैं. इसी देश में एक ऐसा भी क्रिकेटर है जो केवल एक पैर से ही चलता है.

इस युवक ने कहावत, ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपने में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता है, हौंसलो से उड़ान होती है’ को सच कर दिखाया है.

ये बात सुनने में अजीब लगे पर ये सच है. इस शख्स के पास केवल एक पैर है और वह उसी पैर के सहारे जबरदस्त बल्लेबाजी करता है और खूब रन बनाता है.

इलाके के सभी गेंदबाज उससे खौफ खाते हैं. सोशल मीडिया पर कश्मीर के इस नायाब क्रिकेटर का वीडियो एक कश्मीरी पेज से अपलोड किया गया.

इस युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें साफ दिख रहा है कि एक क्रिकेटर जिसके पास एक पैर नहीं है वह कैसे अपने बल्ले से रनों की बारिश कर रहा है. यह वीडियो उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन में हादसों या संघर्षों के सामने अपना मनोबल खो बैठते हैं या हार मान लेते हैं.

शुरू होने से पहले ही खत्म हुई नवाज की फिल्म

नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने अपनी आत्मकथा के कुछ पन्ने अंग्रेजी अखबार में  क्या छपवाए उनके बुरे दिनों की शुरुआत हो गयी. एक तरफ वह विवादों से घिर गए, तो दूसरी तरफ नवाजुद्दीन की पूर्व प्रेमिका ने उन पर मानहानि का मुकदमा दायर दिया, तो तीसरी तरफ मशहूर फिल्मकार विशाल भारद्वाज के साथ उनकी प्रेम कहानी प्रधान फिल्म शुरू होने से पहले ही बंद हो गयी.

कुछ दिन पहले ही विशाल भारद्वाज ने नवाजुद्दीन सिद्दिकी और अदिति राव हैदरी को लेकर एक रोमांटिक फिल्म बनाने की घोषणा की थी. इस फिल्म की वजह से नवाजुद्दीन सिद्दिकी भी काफी खुश थे. आखिरकार उनके करियर की यह पहली सोलो रोमांटिक फिल्म जो होने वाली थी.

लेकिन ताजातरीन खबर यह है कि अब विशाल भारद्वाज और नवाजुद्दीन सिद्दिकी के बीच बातचीत तक बंद हो चुकी है. दोनों एक दूसरे के लिए अजनबी बन चुके हैं, तथा विशाल भारद्वाज ने इस फिल्म को हमेशा के लिए न बनाने का निर्णय ले लिया है. जबकि नवाजुद्दीन के नजदीकी दावा करते हैं कि नवाजुद्दीन ने खुद ही पटकथा पसंद न आने के कारण फिल्म छोड़ दी है.

तो वहीं बौलीवुड में अलग चर्चाएं हैं. बौलीवुड में चर्चा है कि इस रौमकौम फिल्म की कहानी व कहानी सुनाने के अंदाज को लेकर दोनों के बीच इस कदर रचनात्मक मतभेद और बहस हुई कि दोनों के बीच बातचीत बंद होने के साथ ही फिल्म बंद कर दी गयी.

जबकि एक अन्य सूत्र इस फिल्म के बंद होने के लिए पूर्णरूप से नवाजुद्दीन सिद्दिकी को ही दोषी ठहरा रहे हैं. बौलीवुड के इन सूत्रों का दावा है कि पिछले कुछ समय के अंदर नवाजुद्दीन की सोलो हीरो वाली जितनी फिल्में प्रदर्शित हुई, वह सभी बौक्स औफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी, जिसके चलते उनका बाजार गड़बड़ाया हुआ है.

मगर नवाजुद्दीन सिद्दिकी लगातार अपनी कीमत बढ़ाते जा रहे थे. इसी के चलते विशाल भारद्वाज से भी उनका टकराव हुआ. परिणामतः फिल्म बंद हो गयी.

वैसे नवाजुद्दीन सिद्दिकी तो इन सब से परे अपनी कई वर्षों से लटकी फिल्म ‘‘मानसून शूटआउट’’ के शीघ्र प्रदर्शन को लेकर उत्साहित हैं.

सिम को आधार से लिंक कराने के लिये कंपनियों ने अनोखे अंदाज में शुरू की सेवा

टेलिकौम कंपनियां उपभोक्ताओं की सहूलियत के लिए सिम कार्ड और आधार को लिंक करने के लिए अलग-अलग तरीके ला रही हैं. इस तरह से यूजर आसानी से अपना मोबाइल नंबर आधार से लिंक करवा पाएंगे. मोबाइल रीवेरिफिकेशन के काम में भी इन तरीकों से तेजी आएगी.

वोडाफोन ने तैनात की वैन

इसके तहत वोडाफोन ने राजस्थान के अंदरुनी इलाकों में मोबाइल वैन तैनात की है. इससे यूजर्स सिम और आधार को घर के आस-पास आसानी से लिंक करवा पाएंगे. कंपनी के एक एग्जिक्युटिव ने बताया, ‘अगर यह प्रयोग सफल रहा तो हम देश के दूसरे हिस्सों में भी इसका इस्तेमाल करेंगे.’ नंबर से आधार लिंक करने के अलावा यह वैन यूजर्स को 2G और 3G कनेक्शन को 4G में अपग्रेड करने में भी मदद कर रही है.

आइडिया भी ग्रामीण इलाकों में कर रहा मदद

आइडिया भी ग्रामीण इलाकों में लिंकिंग में मादत कर रहा है. कंपनी के एक एग्जिक्युटिव के अनुसार, कंपनी आधार वेरिफिकेशन के लिए ग्रामीण इलाकों में अस्थायी टेंट लगा रही है. सीनियर सिटीजन और विकलांगों के आधार रीवेरिफिकेशन के लिए आइडिया उनके घर पर टीम भेज रहा है.

एयरटेल लगा रहा स्पेशल कैंप

एयरटेल यूजर्स की लिंकिंग में मदद करने के लिए स्पेशल कैंप लगा रही है. इससे ग्रामीण इलाकों में रीवेरिफिकेशन का काम तेजी से पूरा किया जा सकेगा. कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम रूरल मार्केट में ऐसी पहल लंबे समय से कर रहे हैं. कंपनी के कस्टमर बेस में रूरल मार्केट की हिस्सेदारी 50 पर्सेंट है.’

6 फरवरी आधार से नंबर लिंक कराने की आखिरी तारीख

केंद्र सरकार ने मोबाइल नंबर से आधार लिंक कराने की आखिरी तारिख 6 फरवरी 2018 रखी है. मोबाइल कंपनियों ने UIDAI से इस प्रोसेस के लिए थोड़े और समय की मांग की है. UIDAI ने ओटीपी आधारित वेरिफिकेशन सिस्टम के लिए 30 नवम्बर की डेडलाइन रखी है.

सेल्युलर औपरेटर्स एसोसिएशन औफ इंडिया (सीओएआई) ने यूआईएडीआई और दूरसंचार विभाग को बताया है कि ओटीपी बेस्ड रीवेरिफिकेशन प्रोसेस को 30 नवंबर तक तैयार करना संभव नहीं है. इसका प्रोसेस बहुत लम्बा है और उसके लिए थोड़ा और समय दिया जाना चाहिए.

सीओएआई के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने कहा, ‘कस्टमर अक्वीजिशन नौर्म में बदलाव के बाद कंपनियों को कम-से-कम 4-6 हफ्ते का समय जरूरी तकनीकी बदलाव के लिए चाहिए, तभी ओटीपी के जरिए रीवेरिफिकेशन हो पाएगा.’

रणवीर सिंह ने अनोखे अंदाज में किया अपने प्यार का इजहार

रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण बौलीवुड के ऐसे कपल हैं जो अपने प्यार का इजहार करने से पीछे नहीं हटते हैं. वहीं दोनों ने साफ तौर से कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया है कि वो एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं. कई बार दोनों की सगाई, शादी के साथ ही ब्रेकअप की खबरें सामने आती रहती हैं. अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी देखा जा रहा है. इस वीडियो में एक्टर अपनी लेडीलव के लिए गाना गाते हुए नजर आ रहे हैं.

दीपिका को यह वीडियो लक्स गोल्डन दीवास में दिखाया जाता है. जिसमें रणवीर उनके लिए एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा गाना गाते हैं. इसके बाद वो कहते हैं कि मंदिर में हो एक जलता दीया यानी दीपिका. आपके बारे में क्या कहूं जिस तरीके से आप अपने करोड़ों चाहने वालों की जिंदगी में उजाला बनकर आई हैं, मेरी जिंदगी में भी उजाला बनकर आई हैं, आपकी तरह कोई नहीं है. आपको ढेर सारा प्यार.

वीडियो देखकर दीपिका जोर-जोर से हंसती और शर्माती हैं. एक्ट्रेस रणवीर के लिए कहती हैं कि वो जोकर हैं. इससे पहले एक इंटरव्यू में बाजीराव मस्तानी स्टार ने कहा था कि जब वो रणवीर के साथ होती हैं तो उन्हें किसी शख्स या चीज की जरुरत नहीं होती है. उन्होंने कहा था, हम एक-दूसरे की उपस्थिति में सहज रहते हैं. कभी बुद्धिमानी वाली बातचीत होती है तो कभी केवल खामोशी और कभी बच्चों वाली मासूमियत होती है. हम एक दूसरे को स्थिर रखते हैं, हम उस तरह से काफी अच्छे हैं.

फिलहाल दीपिका और रणवीर की फिल्म पद्मावती का पूरे देशभर में विरोध हो रहा है. जिसकी वजह से इसकी रिलीज डेट खिसका ली गई है. फिल्म में दीपिका चित्तौड़ की महारानी पद्मावती बनी हैं तो रणवीर दिल्ली सल्तनत के राजा अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में हैं. वहीं शाहिद कपूर महाराजा रावल रतन सिंह के किरदार में हैं.

धोनी नहीं हैं कैप्टन कूल : सुरेश रैना

जब भी टीम इंडिया के सबसे चुस्त फील्डरों की बात होती है तो उसमें सुरेश रैना का नाम भी शामिल होता है. यो-यो फिटनेस टेस्ट पास न कर पाने के कारण उत्तर प्रदेश का यह खिलाड़ी फिलहाल टीम से बाहर है, लेकिन फैन्स को उनकी जल्द वापसी की उम्मीद है. अभी वह रणजी ट्रौफी में व्यस्त हैं. लेकिन एक टौक शो ब्रेकफास्ट विद चैम्पियंस में उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है.

शो के दौरान टीवी प्रेजेंटर गौरव कपूर से बातचीत में रैना ने कहा कि एमएस धोनी टीम इंडिया के सबसे कूल प्लेयर नहीं हैं. वह कई बार फील्ड पर गुस्सा हो जाते हैं और दूसरों को यह नजर नहीं आता. रैना ने कहा, ‘आप उनका चेहरा देखकर पता नहीं लगा सकते कि वह क्या सोच रहे हैं. वह भी कई बार गुस्सा हो जाते हैं, लेकिन दिखाते नहीं हैं. ओवर के खत्म होने के बाद जब कैमरा बंद हो जाते हैं और टीवी पर विज्ञापन नजर आते हैं, तब धोनी कहते हैं-सुधर जा तू’.

भारत-पाकिस्तान के बीच हुए एक मैच को याद करते हुए रैना ने कहा, ‘उस मुकाबले में उमर अकमल ने धोनी से शिकायत की कि मैं उसे गालियां दे रहा हूं. जब धोनी ने मुझसे पूछा कि क्या हुआ तो मैंने कहा कि गालियां नहीं दीं, सिर्फ कुछ गेंदें फेंककर मैं उस पर प्रेशर बना रहा हूं’.

माही भाई बोले-और दे साले को, रैना ने शो में धोनी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘वह अच्छे गेम लीडर हैं. उन्हें पता है कि आगे क्या होने वाला है. उनके पास हमेशा 3 प्लान- प्लान ए, प्लान बी और प्लान सी तैयार रहते हैं. वह उन्हें हमेशा साथ लेकर चलते हैं. वह एक रात पहले प्लान बनाते हैं और स्थिति के मुताबिक उन्हें इस्तेमाल करते हैं’.

इसी वजह से वह इतने कूल रहते हैं. रैना ने यह भी कहा कि जब भी वह निचले क्रम पर उतरते हैं और गेंद मारने की बजाय उसे डिफेंड करते हैं तो इसका मतलब वह गेंदबाज को चेतावनी दे रहे हैं. वह ये कि अगर अगर मैं शौट नहीं मार रहा हूं तो कभी भी मार सकता हूं.

गौरतलब है कि एमएस धोनी ने इसी साल जनवरी में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ दी थी. उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप और 2013 की आईसीसी चैम्पियंस ट्रौफी जीती है.

पीएफ ब्याज दर में हो सकती है कटौती

नौकरीपेशा लोगों को सरकार झटका दे सकती है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पीएफ पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. सीमित संसाधनों के चलते इस वर्ष के लिए भी ईपीएफ पर ब्याज दर में कटौती की जा सकती है. बीते वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ईपीएफओ ने 8.65 फीसदी की दर से ब्याज देने का एलान किया था. लेकिन चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इसमें कटौती करके इसे 8.30 फीसदी किया जा सकता है.

दो वजह से होगी बड़ी कटौती

ईपीएफओ के सूत्रों के मुताबिक, लेबर मिनिस्ट्री (श्रम मंत्रालय) की ओर से भी ब्याज दरों में कटौती को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है. ब्याज दरों में मुख्य तौर पर दो वजह से कटौती की जाएगी. पहली वजह ईपीएफ खाते में ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) यूनिट को सीधे जमा किया जाएगा. दूसरी बड़ी वजह है कि ईपीएफओ को निवेश पर होने वाली आय में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज की मौजूदा दर को बनाए रखना मुश्किल होगा.

कटौती के बाद कितनी होगी ब्याज दर?

भविष्य निधि संगठन ने चालू वित्त वर्ष की कुल आमदनी का अनुमान नहीं लगाया है. इसी आय के आधार पर ईपीएफओ ब्याज दर तय करता है. लेकिन, सूत्रों की मानें तो इस बार की ब्याज दर पहले से तय की गई है. अगर चालू वित्त वर्ष में भी आमदनी में गिरावट रहती है तो ब्याज दर स्थिर रखना मुश्किल होगा. ऐसी स्थिति में ब्याज दर घटकर 8.30 की जा सकती है.

देख पाएंगे पीएफ का बैलेंस

आपको बता दें कि ईपीएफओ ने मूल्यांकन और इक्विटी निवेश के लेखांकन के लिए पौलिसी को मंजूरी दी है. इस पॉलिसी के तहत हर वित्तीय वर्ष के आखिरी में खाताधारकों के पीएफ में ईटीएफ इकाइयों को क्रेडिट किया जाएगा. इसके बाद आप अपना पीएफ बैलेंस देख सकेंगे.

1 दिन में निकाल सकेंगे पीएफ

दो दिन पहले हुई सेंट्रल बोर्ड औफ ट्रस्टी की बैठक में श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार भी शामिल हुए. इस बैठक में अहम फैसला लेते हुए ईपीएफओ अब एक ही दिन में एनपीसीआई के जरिए पीएफ निकासी को मंजूरी दे दी. इस फैसले के बाद पीएफ फंड को खाताधारक आसानी से निकाल सकेंगे. हालांकि, अभी इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा, लेकिन ईपीएफओ इसकी तैयारी शुरू कर देगा.

निकाल सकेंगे अपना पैसा

पीएफ में ईटीएफ का हिस्सा शामिल होने के बाद पीएफ धारक के पास अपना पैसा निकालने का विकल्प रहेगा. पीएफधारक ईटीएफ यूनिट को बेचकर या फिर नकदी वाले हिस्से में से किसी से भी राशि निकाल सकेंगे. साथ ही ईटीएफ पर मिलने वाले लाभांश को खाताधारक अपने खाते में ट्रांसफर कर सकेंगे.

एक ही मैच में इस आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने लिए थे 2 हैट्रिक विकेट

क्रिकेट के मैदान पर किसी भी गेंदबाज का सपना होता है अपने क्रिकेट करियर में कम से कम एक बार हैट्रिक विकेट लेना. लेकिन क्रिकेट में यह कारनामा करना बेहद मुश्किल है.

जहां मैच में एक हैट्रिक विकेट लेना मुश्किल होता है वहीं क्रिकेट इतिहास में एक बार ऐसा हुआ है जब कोई गेंदबाज एक ही टेस्ट मैच में 2 बार हैट्रिक विकेट लेने में सफल रहा है. यह गेंजबाज और कोई नहीं बल्कि आस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज हैं.

आस्ट्रेलिया के इस स्पिन गेंदबाज ने यह अद्भूत कारनामा साल 1912 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में कर दिखाया था. 28 मई 1912 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर में खेले गए तीन दिवसीय टेस्ट मैच में जिमी ने दोनों पारियों में अपनी गेंदबाजी से हैट्रिक लेकर कमाल कर दिया था.

इस ऐतिहासिक मैच में आस्ट्रेलिया ने टौस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. वारेन बर्ड्सले ने 121 रन, चार्ल्स केलवे के 114 और गेंदबाज जिमी मैथ्यूज के नौट आउट 149 रन के बदौलत आस्ट्रेलिया की टीम ने पहली पारी में 448 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. जिसके जबाव में साउथ अफ्रीका की टीम केवल 265 रन पर आउट हो गई.

आस्ट्रेलिया के तरफ से गेंदबाजी में बिल विहटी ने 5 विकेट चटकाए तो वहीं लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज ने 3 विकेट चटकाए. जिमी मैथ्यूज ने अपनी 12वें ओवर की अंतिम 3 गेंदों पर रौलेंड ब्यूमांट, सिड पेगलर और टौमी वार्ड के विकेट चटकाकर लगातार 3 गेंद पर 3 विकेट लेकर हैट्रिक विकेट लिया.

साउथ अफ्रीका की टीम को फौलोऔन मिला जिसके कारण अफ्रीकी टीम एक बार फिर से बल्लेबाजी करने उतरी. लेकिन एक बार फिर से आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कमाल करते हुए साउथ अफ्रीका के दूसरी पारी को केवल 95 रन पर सिमेट दिया.

दूसरी पारी में एक बार फिर से मैथ्यूज ने कहर बरपाया और दूसरी बार फिर से हैट्रिक विकेट लेकर चमत्कार कर दिया. इस बार मैथ्यूज ने हर्बी टेलर, रैगी स्क्कार्ज और टौमी वार्ड को लगातार गेंद पर पवेलियन की राह दिखाई.

जिमी मैथ्यूज की करिश्माई गेंदबाजी के सहारे आस्ट्रेलिया ने यह एतिहासिक मैच एक पारी और 88 रन से जीत लिया. मैथ्यूज की हैट्रिक गेंदबाजी में दोनों बार तीसरे शिकार के रूप में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज टौमी वार्ड रहे. क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी गेंदबाज ने ऐसा करतब दिखाया हो.

जिमी मैथ्यूज की हैट्रिक में सबसे कमाल की बात ये थी कि जिन 6 विकेट को मैथ्यूज ने अपना शिकार बनाया था उसमें किसी फिल्डर का कोई भी योगदान नहीं था. जिमी ने या तो बोल्ड आउट किया था या फिर एलबीडब्लू आउट कर इस हैरतअंगेज कारनामें को अंजाम दिया था.

बड़े खर्चे के लिए छोटी प्लानिंग

क्या आप लंबे समय से कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन समय समय पर बड़े खर्चे आने के कारण आपको अपनी कार के ड्रीम प्‍लान को आगे खिसकाना पड़ता है. किसी समय जब आप कार के डाउनपेमेंट के लिए राशि जुटा पाते हैं, तो पता चलता है कि कार की कीमत भी और बढ़ गई है. तब आपको एक बार फिर से पैसे जमा होने का इंतजार करना होगा. अक्‍सर आपके साथ ऐसा होता होगा.

अगर आप आने वाले एक या दो साल में कुछ बड़ा खरीदना चाहते हैं, तो इसके लिए जरूरी है सही प्लानिंग. इसके लिए कुल राशि को जानें और उसे बराबर हिस्सों में बांट लें. ऐसा करने से आपको पैसे जमा करने का पर्याप्त समय मिल जाएगा. मंहगी चीज जैसे की गाड़ी या स्कूटी के लिए पहले से प्लानिंग जरूरी है. जानिए आप कैसे कर सकते हैं प्लानिंग.

अपने टार्गेट अमाउंट को जानें

किसी भी चीज को खरीदने से पहले उसकी कीमत जान लें. इसके बाद अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार फैसला करें क्या आप उसे खरीदने की स्थिति में हैं या नहीं. महंगी चीज खरीदने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपकी जरूरतें कितनी है.

उदाहरण के तौर पर अगर आप 60,000 रूपये की स्कूटी खरीदना चाहतो हैं तो यह राशि आपका टार्गेट अमाउंट है.

अपने टार्गेट अमाउंट को बराबर हिस्सों में बांट लें

एक बार अपनी टार्गेट राशि को जानने के बाद इसे बांट लें. मान लीजिए जैसे आपका टार्गेट अमाउंट 60,000 रूपये हैं तो इसे 12 महीनों में बांटने से हर महीने का 6000 रूपये बनेगा. ऐसा करने से आप पूरे साल अपने टार्गेटेड अमाउंट को ध्यान में रखकर बचत कर पाएंगे.

इस टार्गेट अमाउंट को जमा करने के लिए कैसे करें निवेश

जमा करने के लिए आप हर महीने अपनी सैलरी से बचत कर के बैंक में जमा कर सकते हैं या फिर कोशिश करें कि अपने पैसे को ऐसी जगह निवेश करें जहां से आपको ज्यादा से ज्यादा ब्याज मिल सकता है. इससे आप साल के अंत तक अपनी अनुमानित राशि से ज्यादा जमा कर पाएंगे.

क्या करें अगर टार्गेटेड अमाउंट बहुत ज्यादा हो

मान लीजिए कि आपकी टार्गेटेड राशि 2.5 लाख रूपये हैं. ऐसे में आपको 21000 रूपये महीने की बचत करनी होगी. ऐसे में बैंक में जमा करने से आपको ज्यादा ब्याज नहीं मिलेगा. निवेश और पूंजी बढ़ाने के लिए ऐसे निवेश विकल्प का चयन करें, जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा ब्याज मिल सके. इस स्थिति में सिर्फ बचत काम नहीं आएगी आपको निवेश की ओर भी बढ़ना होगा.

स्मार्टफोन खरीदने के बाद जरूर करें ये काम

आपने नया स्मार्टफोन तो खरीद लिया है लेकिन क्या आपने अपने फोन के सिक्योरिटी के लिए कोई ऐप या कोई फीचर अपनाया है. नहीं, तो स्मार्टयफोन खरीदते ही कुछ जरूरी काम जरूर कर लें. स्मार्टफोन खरीदते ही करें ये काम.

डिस्प्ले की सुरक्षा

अक्सर ऐसा होता है कि प्रीमियम स्मार्टफोन तक का डिस्प्ले टूट जाता है. अपने स्मार्टफोन की सुरक्षा के लिए उस पर अच्छी क्वालिटी का टेम्पर्ड ग्लास लगवाएं. सामान्य स्क्रीन गार्ड फोन की स्क्रीन को सिर्फ स्क्रैच आदि से बचाता है, लेकिन फोन गिर जाए तो उसकी स्क्रीन को टूटने से टेम्पर्ड ग्लास ही बचाता है.

स्मार्टफोन का बीमा कराएं

स्मार्टफोन का भी बीमा कराया जा सकता है. आजकल कई कंपनियां यूजर्स को स्मार्टफोन का बीमा औफर कर रही हैं. इसमें फिजिकल डैमेज, लिक्विड डैमेज और किसी मकैनिकल खराबी के लिए बीमा शामिल है. अगर कभी समार्टफोन में इस तरह की दिक्कतें आ जाएं तो इससे काफी फायदा होता है.

ऐपलौक (AppLock) करें इंस्टौल

आप कभी भी नहीं चाहेंगे कि कोई आपके निजी मेसेज, फोटो और दूसरे डेटा को देखें. इसके लिए आप ऐपलौक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे एंड्रौयड फोन के लिए गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. मोबाइल में मौजूद जिस भी ऐप, फोटो गैलरी आदि को आप चाहेंगे, इस ऐप की मदद से लॉक कर सकेंगे.

बैक कवर का यूज

मोबाइल की सुरक्षा को लेकर कभी समझौता न करें. अपने स्मार्टफोन की बौडी को स्क्रैच, निशान और डेंट आदि से बचाने के लिए अच्छी क्वालिटी का बैक कवर खरीदें. आजकल बाजार में फैशनेबल और बढ़िया दिखने वाले कवर आसानी से उपलब्ध हैं. जरूरत के हिसाब से बैक कवर या फ्लिप वाले कवर चुन सकते हैं.

फोन चोरी होने पर पता लगाएं

स्मार्टफोन के चोरी होने या खोने पर काफी दिक्कत होती है. इस दिक्कत से बचने के लिए सुनिश्चित करें कि आपके एंड्रायड स्मार्टफोन पर एंड्रायड डिवाइस मैनेजर एक्टिवेट हो. इससे आपको स्मार्टफोन की लोकेशन पता लगाने में मदद मिलेगी.

इसके लिए अपने स्मार्टफोन की गूगल सेटिंग्स (Google Settings) में जाएं. स्क्रौल डाउन करें और आपको सिक्योरिटी (Security) का औप्शन नजर आएगा. इसे टैप करें और एंड्रायड डिवाइस मैनेजर (Android Device Manager) पर जाएं. रिमोटली लोकेट दिश डिवाइस (Remotely locate this device) और अलाव रिमोट लौक एंड इरेज औन और औफ (Allow remote lock and erase on or off) को टिक कर दें. इसमें यह भी ध्यान रखें की बात है कि लोकेशन (Location) की सेटिंग में जाकर एक्सेस टू माई लोकेशन (Access to my location) को भी औन करके रखना है. इसके अलावा फोन में गूगल साइन इन होना चाहिए.

एंटी-मालवेयर सौफ्टवेयर का इस्तेमाल

यह जरूरी है कि आप अपने स्मार्टफोन की स्क्रीन की सुरक्षा की तरह ही उसके डेटा की सुरक्षा भी करें. नया फोन लेते ही सबसे पहले उसमें एंटी वायरस और डेटा सिक्योरिटी सौफ्टवेयर इंस्टौल करें जिससे मोबाइल के महत्वपूर्ण डेटा और दूसरे सौफ्टवेयरों से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के 68 दिन के नियम पर उठ रहे हैं सवाल

‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने जब से किसी भी फिल्म को पारित करने के लिए ‘‘सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952’’ की धारा 41 का सख्ती से पालन करते हुए फिल्म के सेंसर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के 68 दिन बाद सेंसर प्रमाण पत्र देने का ऐलान किया है, तब से बौलीवुड में एक नई बहस शुरू हो गयी है.

भारतीय सिनेमा से जुड़ा हर फिल्मकार यह तो मानता है कि ऐसा नियम 1952 से ही था. कई निर्माताओं का मानना है कि फिल्म निर्माण बहुत कठिन काम है. यह रचनात्मक दबाव के साथ ही अति खर्चीला मसला है. इसलिए केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अफसर अब तक फिल्म निर्माताओं की तकलीफ को समझकर, मानवता के आधार पर 68 दिन के नियम का सख्ती से पालन नहीं कर रहे थे. तो अब ऐसा करने से उन्हें परहेज क्यों हो रहा है?

जबकि कुछ फिल्म निर्माता राम रहीम की फिल्म‘मैसेंजर आफ गौड’का उदाहरण देते हुए ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’पर सवाल उठा रहे हैं कि कैसे कुछ फिल्में सिर्फ एक दिन के अंदर सेंसर से पारित की गयी थी. अब लोग सवाल कर रहे हैं कि सेंसर बोर्ड उन फिल्मों के नाम बताए, जिन्हें 68 दिन के नियम का पालन करते हुए सेंसर प्रमाणपत्र दिया गया हो.

इतना ही नहीं केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के इस नियम के चलते हौलीवुड के फिल्मकारों के भी हाथ पांव फूल गए हैं. अब हर किसी को अपनी प्रदर्शन योग्य फिल्म के भविष्य को लेकर आशंकाओं ने घेर लिया है. कई हौलीवुड फिल्मों के वितरण और बौलीवुड फिल्मों के निर्माण व वितरण से जुड़े एक स्टूडियो के अधिकारी इस बात को स्वीकार करते हुए कि 68 दिन का नियम था, कहते हैं, ‘‘68 दिन का नियम था. मगर अब तक हम सभी यह मानकर अपनी फिल्में सेंसर बोर्ड के पास 21 दिन पहले भेजते रहे हैं कि फिल्म को सेंसर प्रमाण पत्र मिल जाएगा और अब तक ऐसा होता भी रहा है.’’

तो वहीं तमाम फिल्मकार ‘‘सिनेमैटोग्राफी एक्ट 1952’’ का हवाला देते हुए यह भी कह रहे हैं कि इस नियम के तहत‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’के अध्यक्ष अपने विवेक से 68 दिन के इस नियम को अनदेखा कर सकते हैं. तो फिर अब प्रसून जोशी क्यों 68 दिन के नियम पर सख्ती बरत रहे हैं.

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