नौकरीपेशा लोगों को सरकार झटका दे सकती है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पीएफ पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. सीमित संसाधनों के चलते इस वर्ष के लिए भी ईपीएफ पर ब्याज दर में कटौती की जा सकती है. बीते वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ईपीएफओ ने 8.65 फीसदी की दर से ब्याज देने का एलान किया था. लेकिन चालू वित्त वर्ष 2017-18 के लिए इसमें कटौती करके इसे 8.30 फीसदी किया जा सकता है.
दो वजह से होगी बड़ी कटौती
ईपीएफओ के सूत्रों के मुताबिक, लेबर मिनिस्ट्री (श्रम मंत्रालय) की ओर से भी ब्याज दरों में कटौती को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है. ब्याज दरों में मुख्य तौर पर दो वजह से कटौती की जाएगी. पहली वजह ईपीएफ खाते में ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) यूनिट को सीधे जमा किया जाएगा. दूसरी बड़ी वजह है कि ईपीएफओ को निवेश पर होने वाली आय में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज की मौजूदा दर को बनाए रखना मुश्किल होगा.
कटौती के बाद कितनी होगी ब्याज दर?
भविष्य निधि संगठन ने चालू वित्त वर्ष की कुल आमदनी का अनुमान नहीं लगाया है. इसी आय के आधार पर ईपीएफओ ब्याज दर तय करता है. लेकिन, सूत्रों की मानें तो इस बार की ब्याज दर पहले से तय की गई है. अगर चालू वित्त वर्ष में भी आमदनी में गिरावट रहती है तो ब्याज दर स्थिर रखना मुश्किल होगा. ऐसी स्थिति में ब्याज दर घटकर 8.30 की जा सकती है.
देख पाएंगे पीएफ का बैलेंस
आपको बता दें कि ईपीएफओ ने मूल्यांकन और इक्विटी निवेश के लेखांकन के लिए पौलिसी को मंजूरी दी है. इस पॉलिसी के तहत हर वित्तीय वर्ष के आखिरी में खाताधारकों के पीएफ में ईटीएफ इकाइयों को क्रेडिट किया जाएगा. इसके बाद आप अपना पीएफ बैलेंस देख सकेंगे.