क्रिकेट के मैदान पर किसी भी गेंदबाज का सपना होता है अपने क्रिकेट करियर में कम से कम एक बार हैट्रिक विकेट लेना. लेकिन क्रिकेट में यह कारनामा करना बेहद मुश्किल है.

जहां मैच में एक हैट्रिक विकेट लेना मुश्किल होता है वहीं क्रिकेट इतिहास में एक बार ऐसा हुआ है जब कोई गेंदबाज एक ही टेस्ट मैच में 2 बार हैट्रिक विकेट लेने में सफल रहा है. यह गेंजबाज और कोई नहीं बल्कि आस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज हैं.

आस्ट्रेलिया के इस स्पिन गेंदबाज ने यह अद्भूत कारनामा साल 1912 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में कर दिखाया था. 28 मई 1912 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर में खेले गए तीन दिवसीय टेस्ट मैच में जिमी ने दोनों पारियों में अपनी गेंदबाजी से हैट्रिक लेकर कमाल कर दिया था.

इस ऐतिहासिक मैच में आस्ट्रेलिया ने टौस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. वारेन बर्ड्सले ने 121 रन, चार्ल्स केलवे के 114 और गेंदबाज जिमी मैथ्यूज के नौट आउट 149 रन के बदौलत आस्ट्रेलिया की टीम ने पहली पारी में 448 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया. जिसके जबाव में साउथ अफ्रीका की टीम केवल 265 रन पर आउट हो गई.

आस्ट्रेलिया के तरफ से गेंदबाजी में बिल विहटी ने 5 विकेट चटकाए तो वहीं लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज ने 3 विकेट चटकाए. जिमी मैथ्यूज ने अपनी 12वें ओवर की अंतिम 3 गेंदों पर रौलेंड ब्यूमांट, सिड पेगलर और टौमी वार्ड के विकेट चटकाकर लगातार 3 गेंद पर 3 विकेट लेकर हैट्रिक विकेट लिया.

साउथ अफ्रीका की टीम को फौलोऔन मिला जिसके कारण अफ्रीकी टीम एक बार फिर से बल्लेबाजी करने उतरी. लेकिन एक बार फिर से आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कमाल करते हुए साउथ अफ्रीका के दूसरी पारी को केवल 95 रन पर सिमेट दिया.

दूसरी पारी में एक बार फिर से मैथ्यूज ने कहर बरपाया और दूसरी बार फिर से हैट्रिक विकेट लेकर चमत्कार कर दिया. इस बार मैथ्यूज ने हर्बी टेलर, रैगी स्क्कार्ज और टौमी वार्ड को लगातार गेंद पर पवेलियन की राह दिखाई.

जिमी मैथ्यूज की करिश्माई गेंदबाजी के सहारे आस्ट्रेलिया ने यह एतिहासिक मैच एक पारी और 88 रन से जीत लिया. मैथ्यूज की हैट्रिक गेंदबाजी में दोनों बार तीसरे शिकार के रूप में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज टौमी वार्ड रहे. क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी गेंदबाज ने ऐसा करतब दिखाया हो.

जिमी मैथ्यूज की हैट्रिक में सबसे कमाल की बात ये थी कि जिन 6 विकेट को मैथ्यूज ने अपना शिकार बनाया था उसमें किसी फिल्डर का कोई भी योगदान नहीं था. जिमी ने या तो बोल्ड आउट किया था या फिर एलबीडब्लू आउट कर इस हैरतअंगेज कारनामें को अंजाम दिया था.

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