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डुप्लेसिस ने शर्ट उतार कर बनाया खाना, हरभजन ने वायरल किया वीडियो

आईपीएल 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने अभियान की शानदार शुरुआत की है. पहले उन्होंने मुंबई को एक करीबी मुकाबले में पराजित किया और फिर दो साल बाद अपने ‘घर’ लौटकर चेपौक स्टेडियम में कोलकाता के मुंह से लगभग हारा हुआ मैच छीन लिया. जाहिर है टीम के भीतर खुशी का माहौल बन गया और इसे सेलिब्रेट करने के लिए कोच स्टीफन फ्लेमिंग और टीम के बल्लेबाज फाफ डुप्लेसिस ने टीम के लिए शेफ बन गए. मजेदार बात यह रही कि हरभजन सिंह ने शर्टलेस शेफ फाफ डुप्लेसिस का एक वीडियो भी शूट कर लिया और इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर भी कर दिया है.

बता दें कि दो साल के प्रतिबंध के बाद आईपीएल में वापस लौटी चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेले जाने वाले सभी मैच पुणे में शिफ्ट कर दिए गए हैं. यह कावेरी जल विवाद के कारण किया गया है. हालांकि, इस टीम के फैन्स और खिलाड़ी भी इससे खुश नहीं हैं, लेकिन अब अपने सभी मैच चेन्नई को पुणे में खेलने होंगे.

चेन्नई और कोलकाता के बीच 10 अप्रैल को हुए इंडियन प्रीमियर लीग के मैच के दौरान दर्शकों के बीच से शरारती तत्वों ने भारतीय टीम के खिलाड़ी रवींद्र जडेजा पर जूता भी फेंका, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. यह घटना मैच में पहले बल्लेबाजी कर रहे कोलकाता की पारी के आठवें ओवर में घटी. कुछ लोगों ने लौन्ग औन पर फील्डिंग कर रहे जडेजा पर जूता फेंका. हालांकि, जूता उन्हें नहीं लगा. इसी समय दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डुप्लेसिस और तेज गेंदबाज लुंगी एनगिडी भी वहां चहल कदमी कर रहे थे.

चेन्नई टीम के खिलाड़ी और फैन्स सोशल मीडिया पर भावुक ट्वीट कर चुके हैं. भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना ने ट्वीट करके अपने निराश प्रकट भी की है. इन सबके बीच चेन्नई के खिलाड़ी काफी खुश हैं और फैन्स को भी खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में हरभजन सिंह ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है.

इस वीडियो में दक्षिण अफ्रीका के कप्तान और चेन्नई के बल्लेबाज फौफ डुप्लेसिस शेफ बने नजर आ रहे हैं. डुप्लेसिस शर्ट उतारकर साथी खिलाड़ियों के लिए खाना बना रहे हैं. हरभजन सिंह ने इस वीडियो को शेयर किया है.

बता दें कि आईपीएल के सात मैचों का आयोजन 10 अप्रैल से 20 मई के बीच होना था. चेन्नई से मैचों के पुणे शिफ्ट होने के बाद चेन्नई के फैन ही नहीं, बल्कि टीम के खिलाड़ी भी भावुक हो गए. टीम के खिलाड़ियों ने मैचों के चेन्नई से शिफ्ट होने के बाद खिलाड़ियों ने भावुक ट्वीट किए हैं. खास बात है कि सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि टीम के विदेशी खिलाड़ियों ने भी मैदान बदले जाने को लेकर ट्वीट किए हैं.

पूर्व औस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और इस सत्र में सीएसके की तरफ से खेल रहे शेन वाटसन ने ट्वीट किया, ‘‘हमारी टीम @चेन्नईआईपीएल और यहां चेन्नई के प्रशंसकों के लिए दुखद है कि हम इस सत्र में आगे यहां कोई मैच नहीं खेलेंगे. पिछले मैच में माहौल शानदार था. उम्मीद है कि तमिलनाडु में स्थिति में जल्द ही सुधार होगा.’’ भारतीय बल्लेाज सुरेश रैना ने कहा, ‘‘हमें इस सत्र में अपने घरेलू मैदान पर ना खेलने और चेन्नई के दर्शकों का मनोरंजन नहीं कर पाने की कमी खलेगी. आप हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे.’’

हरभजन सिंह ने तो तमिल में ट्वीट किया है. हरभजन सिंह ने कहा, ‘‘यह दिल तोड़ने वाली खबर है. चेन्नई में कोई आईपीएल मैच नहीं होगा. चेन्नई के प्रशंसकों ने दो साल तक इंतजार किया. उम्मीद है कि मामले का जल्द समाधान होगा और चेन्नई में जल्द मैचों की वापसी होगी.’’

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कावेरी नदी के जल के बंटवारे में तमिलनाडु के हिस्से का पानी घटा दिया और कर्नाटक का हिस्सा बढ़ा दिया था. इसके अलावा कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का अभी गठन नहीं हुआ. इन बातों को लेकर तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन जारी है. कुछ तत्वों ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड (सीएमबी) और कावेरी जल नियामक समिति (सीडब्ल्यूआरसी) का गठन नहीं करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हेतु आईपीएल के मैचों के आयोजन के खिलाफ आंदोलन करने की धमकी दी थी.

VIDEO : टेलर स्विफ्ट मेकअप लुक

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युवा जोड़ों में यौनसंबंधों के प्रति बढ़ती अरुचि की क्या है वजह

सैक्सलैस विवाह के 70% केस युवा जोड़ों के हैं और यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. इस के लिए एक ही उपाय है कि दूसरी चीजों की तरह सैक्स के लिए भी समय निकालें, क्योंकि जब आप इस का स्वाद जानेंगे तभी इसे करेंगे. कुछ समय एकदूसरे के साथ जरूर बिताएं. कन्फ्यूशियस ने कहा था कि खाना व यौन इच्छा दोनों मानव की प्राकृतिक जरूरतें हैं.

मनोविज्ञानी और मनोचिकित्सक डा. पुलकित शर्मा इस बढ़ते रोग के संबंध में कुछ सवालों के जवाब दे रहे हैं:

सैक्सलैस विवाह सामान्य होने का कोई सूचक है?

हां, है. विवाहित लोग कैरियर के तनाव से घिरे हैं और अब उन के पास अंतरंगता के लिए बिलकुल भी समय नहीं है. दूसरा, अब चिड़चिड़ाहट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. विवादों को सुलझाने के बजाय स्त्री तथा पुरुष सैक्स की इच्छापूर्ति को बाहर ढूंढ़ रहे हैं.

क्यों कोई विवाह सैक्सलैस होता है?

यदि हम इन बातों को छोड़ दें कि किसी साथी को सैक्स संबंधी या मानसिक समस्या हो तो भी विवाह की शुरुआत सैक्सलैस नहीं होती, लेकिन बाद में हो जाती है. शुरुआत में अपनी यौन क्षमता को ले कर पुरुषों में विशेष घबराहट होती है. उन्हें डर रहता है कि वे अपने साथी को संतुष्ट कर पाएंगे या नहीं और यह डर इतना ज्यादा होता है कि वे अपनी यौन क्रिया को सही अंजाम नहीं दे पाते. शुरुआत में जोड़े सैक्स तथा अपने संबंधों को अच्छा बताते हैं, लेकिन समय के साथ प्यार तो बढ़ता है, परंतु विवाह सैक्सलैस हो जाता है.

तनाव से डिप्रेशन बढ़ता है, जिस से सैक्सुल इच्छा घटती है व प्रदर्शन ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है. तीसरा कारण है पोर्नोग्राफी. यह लोगों की कल्पनाओं को रंग देती है, जिस से वे जो रील में देखते हैं वैसा ही रियल में करने की कोशिश करते हैं.

क्या सैक्सलैस विवाह वाले जोड़े कम खुश रहते हैं?

भले ही रिश्ता अच्छा हो, परंतु सैक्सहीन विवाहित जोड़े नाखुश रहते हैं, क्योंकि सैक्स प्यार व आत्मीयता का जरूरी हिस्सा है. इस विवाह को कोई एक साथी इच्छाहीन व बेकार महसूस करता है.

क्या सैक्स को दोबारा सक्रिय किया जा सकता है?

हां. बस पहले यह जानने की जरूरत है कि समस्या कहां है? क्या यह समस्या बाह्य है जैसे तनाव, पारिवारिक माहौल आदि. इस बारे में खुल कर बात करें व बिना साथी की इच्छा से कोई फैसला न करें ताकि दूसरा साथी बुरा न महसूस करे. काम का तनाव घटा कर एकदूसरे के साथ ज्यादा समय बिताएं, आपसी विवाद सुलझाएं, यौन क्रियाओं को बढ़ाएं, एकदूसरे की जरूरतों को समझें व इच्छापूर्ति की कल्पना करें, साथी को आराम दें, उसे उत्साहित करें. मनोवैज्ञानिक से सलाह भी ले सकते हैं.

क्या सैक्सहीन विवाह वाले तलाक की ओर बढ़ रहे हैं?

हां, ऐसा हो रहा है, क्योंकि एक साथी अपनेआप को उत्तेजित महसूस करने लगता है या वह महसूस करने लगता है कि उसे धोखा दिया जा रहा है. इसलिए वह भी सैक्स का विकल्प बाहर खोजने लगता है, जिस से बंधेबंधाए रिश्ते में समस्या आने लगती है.

यौन संतुष्टि दर में कमी

भारत में हुए सैक्स सर्वे दर्शाते हैं कि पिछले दशक में यौन संतुष्टि की दर मात्र 29% रह गई. सैक्स से बचने के लिए पत्नियों की पुरानी आदत है कि आज नहीं हनी. आज मुझे सिरदर्द है. 50% पुरुष भी अपनी पत्नी से सैक्स न करने के लिए सिरदर्द का झूठा बहाना बनाते हैं. 43% पति मानते हैं कि उन की आदर्श बिस्तर साथी उन की पत्नी नहीं है. 33% के करीब पत्नियां मानती हैं कि विवाह के कुछ सालों बाद सैक्स अनावश्यक हो जाता है. 14% स्त्रीपुरुषों को नहीं पता कि वे बैडरूम में किस चीज से उत्तेजित होते हैं जबकि 18% के पास कोई जवाब नहीं है कि वे सैक्स के बाद भी संतुष्ट हुए हैं. 60% जोड़े यौन आसन के बारे में कल्पना करते हैं. फिर भी आधे से ज्यादा जोड़े नए आसन के बजाय नियमित आसन ही अपनाते हैं. 39% जोड़े ही यौन संतुष्टि पाते हैं.

VIDEO : टेलर स्विफ्ट मेकअप लुक

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अक्टूबर : कमजोर कहानी में कलाकारों का दमदार अभिनय

‘विक्की डोनर’, ‘पिकू’ और ‘पिंक’ जैसी फिल्मों के सर्जक शुजीत सरकार की प्यार में कोई शर्त नहीं होती के साथ ही पैशनेट प्यार की बात करने वाली फिल्म ‘‘अक्टूबर’’ दर्शकों को अवसाद व उदासी ही बांटती है.

फिल्म की कहानी दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल से शुरू होती है, जहां होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद कुछ लड़के व लड़कियां ट्रेनी के रूप में काम कर रहे हैं. इनके साथ शर्त है कि इन्हे ट्रेनी के दौरान उपस्थित बनाए रखते हुए शिकायत का मौका नहीं देना है. बीच में खुद छोड़ कर गए या होटल प्रबंधक ने उन्हे निकाल दिया, तो उनके माता पिता को होटल प्रबंधक को तीन लाख रूपए चुकाने पड़ेंगे.

इन ट्रेनी लड़के व लड़कियों में 21 साल का दानिश वालिया उर्फ डैन (वरुण धवन) और शिवली अय्यर (बंदिता संधू) भी हैं. डैन करियर ओरिएंटेड है और ट्रेनीशिप खत्म होने के बाद वह अपना रेस्टारेंट खोलने का सपना देख रहा है. हर दिन उससे कुछ न कुछ ऐसी गड़बडी होती रहती है कि उसे डांट सुननी पड़ती है. शिवली को अक्टूबर माह में खिलने वाले एक खास फूल से काफी लगाव है. डैन व शिवली के बीच कोई अच्छी दोस्ती भी नहीं है.

31 दिसंबर की रात होटल में नए वर्ष की पार्टियां हो रही हैं. यह सारे ट्रेनी भी तीसरी मंजिल की छत पर पार्टी मना रहे हैं. कुछ लड़के व लड़कियों ने शराब पी है. शिवली ने शराब नहीं ली. अचानक वह पूछती है कि ‘डैन कहां है?’ और फिर वह छत की दीवार पर जाकर बैठ जाती है. बैठते ही वह नीचे गिर जाती है. डाक्टर व एम्बूलेंस आती है, बुरी तरह से घायल शिवली को अस्पताल ले जाया जाता है. डाक्टर घोष उसका आपरेशन करते हैं. पर वह कोमा में चली जाती है. उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है. पता चलता है कि शिवली की मां प्रोफेसर है और उसकी एक छोटी बहन व एक भाई भी है.

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पिता का आठ वर्ष पहले ही देहांत हो गया था. शिवली के चाचा नहीं चाहते कि अब शिवली के इलाज पर पैसे खर्च किए जाएं, डाक्टरों को भीशिवली के कोमा से बाहर आने व जिंदा होने की उम्मीदें कम हैं. पर मां का दिल नहीं मानता. इधर डैन भी शिवली को देखने आता है. एक दिन उसके साथी बताते हैं कि छत से गिरने से पहले शिवली ने पूछा था था कि ‘डैन कहां है?’ इस बात से डैन को लगता है कि शिवली उसे चाहती है. उसके बाद वह हर दिन अस्पताल में शिवली के पास रहने का प्रयास करता है.

डैन बार बार कहता है कि शिवली के इलाज के लिए डाक्टरों को कुछ वक्त दिया जाना चाहिए. खैर, शिवली कोमा से बाहर आ जाती है. पर अपाहिज हो गयी है. होटल में डैन की अनुपस्थिति व गलत व्यवहार के कारण उसे होटल से निकाल दिया जाता है. इससे उसकी मां बहुत नाराज होती हैं. उन्हे तीन लाख रूपए भी चुकाने पड़ते हैं. इसी के चलते होटल वाले उसे निकाल देते हैं. डैन की मां इस बात से नाराज है कि डैन ने सही ढंग से अपनी ट्रेनिंग नहीं पूरी की और अब उन्हे तीन लाख रूपए भी चुकाने पड़ेंगे. उसके बाद शिवली की मां डैन को समझाकर काम करने के लिए कहती है.

डैन को कुलू के एक होटल में मैनेजर की नौकरी मिल जाती है. इधर शिवली हिंसक हो जाती है. अंततः डैन वापस आता है. और फिर से अस्पताल में शिवली के आस पास रहने लगता है. कुछ दिन बाद अस्पताल से शिवली को घर ले जाया जाता है. अब डैन, शिवली के घर जाकर उसकी देखभाल करता है, कभी कभी व्हील चेअर पर शिवली को बैठाकर गार्डेन में घुमाने ले जाता है. मगर कुछ दिन बाद शिवली इस संसार को छोड़कर चली जाती है. शिवली की मां अक्टूबर माह में खिलने वाले फूल का पौधा डैन को सौंपकर दिल्ली छोड़कर चेन्नई चली जाती हैं.

फिल्मकार शुजीत सरकार की फिल्म  ‘अक्टूबर’ एक अनकहे और पैशनेट प्यार की कहानी है. मगर कहानी में बहुत ज्यादा नवीनता नहीं है. इस फिल्म को देखते हुए दर्शक की नजरों के सामने 27 मई 2016 को प्रदर्शित फिल्म ‘‘वेटिंग’’ जरुर घूमती है, जिसमें नसिरूद्दीन शाह व कलकी कोचलीन की अहम भूमिकाएं थी. कहानी लगभग वही है, सिर्फ पात्रों की अदला बदली है.

खैर, शुजीत सरकार ने भी अपनी इस फिल्म में बिना शर्त वाले प्यार की बात की है, पर फिल्म उदासी लिए हुए धीमी गति से चलती है. फिल्म का क्लायमेक्स अवसाद के अलावा कुछ नहीं देता. प्यार को रूह से महसूस करने व प्यार को गहराई से समझने के लिए एक लघु फिल्म के रूप में यह फिल्म अच्छी बन सकती थी, मगर फीचर फिल्म के लिए जिस तरह से कहानी धीमी गति से बढ़ती है, जिस तरह से फिल्म में दर्द, गम व उदासी को पिरोया गया है, उससे  भी दर्शक के सब्र का बांध टूटता है. वैसे कुछ भावनात्मक दृश्य काफी अच्छे बन पड़े हैं.

आम हिंदी फिल्मों से एकदम भिन्न और पूरी फिल्म जिस तरह से सुस्त गति से आगे बढ़ती है, उसके चलते फिल्म को देखते रहने का दर्शकों का सब्र का बांध टूट जाता है. परिणामतः फिल्मकार दर्शकों को किरदारों की जिंदगी की तह में जाकर निश्छल जज्बातों से जोड़ नही पाते हैं. पैशनेट प्यार को दर्शाते समय निर्देशक व लेखक यह भूल गए कि आज तेज गति से भागती जिंदगी के दौर में दर्शक इतना सब्र नहीं दिखा सकता, जितना उन्हे दर्शकों से अपेक्षा है.

‘कौफी डे से शुरू और कौफी डे पर खत्म होने वाले प्यार’ के युग में प्यार की गहराई को समझने का किसके पास वक्त है. इसलिए बेहतरीन कलाकारों की मौजूदगी के बावजूद इस फिल्म को बाक्स आफिस पर दर्शक मिलेंगे, ऐसी उम्मीद कम है. इतना ही नहीं फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी यह है कि फिल्म का एक भी किरदार दर्शक की रूह को हिलाने का काम भी नहीं करता. कोई भी किरदार दर्शकों के दिलो दिमाग पर अमिट छाप नहीं छोड़ता है.

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जहां तक अभिनय का सवाल है, तो वरुण धवन ने एक बार फिर बाजी मार ली है. डैन के किरदार को वरुण धवन ने अपने अभिनय से जीवंत कर दिया है. शिवली के किरदार में बंदिता संधू ने अपनी आंखों के भावों से काफी कुछ कहने का प्रयास किया है और एक कलाकार के रूप में वह काफी उम्मीदें जगाती है. शिवली की मां के किरदार में गीतांजली राव ने भी बेहतरीन अभिनय किया है.

कैमरामैन अविक मुखोपाध्याय की भी प्रशंसा की जानी चाहिए जिन्होंने दिल्ली को भी अति खूबसूरत तरीके से परदे पर उकेरा है.

एक घंटा पचपन मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘अक्टूबर’’ का निर्माण ‘राइजिंग सन फिल्मस’ के बैनर तले रौनी लाहिरी और शील कुमार ने किया है. फिल्म के निर्देशक शुजीत सरकार, लेखक जूही चतुर्वेदी, संगीतकार शांतनु मोयत्रा, कैमरामैन अविक मुखोपाध्याय तथा कलाकार हैं – वरुण धवन, बंदिता संधू, गीतांजली राव, साहिल वेंडालिया, प्रशांत सिंह व अन्य.

नेहा कक्कड़ ने हिमांश कोहली को बनाया अपना हमसफर

बौलीवुड की जानी मानी गायिका नेहा कक्कड़ और यारियां फेम अभिनेता हिमांश कोहली के अफेयर के चर्चे बहुत समय से हैं. हालांकि दोनों ने कभी भी अपने रिश्ते को सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन हाल ही में नेहा ने एक बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अपने और हिमांश कोहली के रिश्ते के बारें में खुलकर बात की.

नेहा ने कहा ‘चर्चे बिल्कुल सही हैं. लेकिन, लोगों का ध्यान हम पर बहुत देर से गया. जबकि, हमारा रिश्ता तो चार साल पहले आई यारियां फिल्म से ही शुरू हो गया था.

नेहा ने कहा, हम बहुत अच्छे दोस्त हैं और अब तो हमसफर बन चुके हैं. क्योंकि, काम के सिलसिले में हम ज्यादातर साथ में सफर करते हैं. इसके बाद नेहा ने कहा कि वो दोनों अच्छे दोस्त बन कर ही खुश हैं और फिलहाल अपने इस ‘यारियां’ को इससे आगे बढ़ाने के बारे में कुछ भी नहीं सोचा है’, अगर उनका यह रिश्ता दोस्ती तक ही रहे तो ही ज्यादा ठीक है.

खबरों के मुताबिक दोनों ने न्यू ईयर और वेलेंटाइन डे भी साथ में मनाया था. दोनों भले ही अपने रिश्ते को औफिशियल न करें, लेकिन सोशल मीडिया पर दोनों की नजदीकियां साफ देखी जा सकती हैं.

बता दें कि हाल ही में नेहा ने ऐ हमसफर नामक वीडियो सौन्ग की शूटिंग की है जिसमें वो हिमांश के साथ रोमांस करती नजर आएंगी. इस गाने को नेहा और उनके भाई टोनी कक्कड़ ने गाया है. यह वीडियो सौन्ग 17 अप्रैल को रिलीज होगा.

VIDEO : एमरेल्ड ग्रीन नेल आर्ट

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माफी मांगने में उस्ताद हैं मार्क जुकरबर्ग?

सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग अमेरिकी संसदीय समिति के समक्ष दो दिवसीय गवाही में हाजिर हुए. यहां पर उनसे कई तीखें सवाल पूछे गए. जैसा कि आप जानते हैं कि जुकरबर्ग कैंब्रिज एनालिटिका डेटा लीक के मामले पर सवालों से घिरे हुए हैं. वो जिस तरह से पहले भी अपनी गलतियां मान रहे थे और माफी मांग रहे थे. ठीक वैसा ही नजारा अमेरिकी संसदीय समिति में भी देखने को मिला उन्होंने वहां कई सवालों का जवाब तो दिया, लेकिन कुछ सवालों के जवाब में वो उलझते हुए दिखे. कई सवालों का उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और माफी मांगी.

फेसबुक के लिए यह सेशन काफी अहम था, क्योंकि ऐसे समय में जब दुनिया भर में फेसबुक की कड़ी आलोचना हो रही है मार्क जुकरबर्ग तीखे सवालों के जवाब देने के लिए अमेरिकी सांसदों के समक्ष पेश हुए. आपको बता दें कि जुकरबर्ग पहले और दूसरे दिन 44 अमेरिकी सांसदों द्वारा पूछे जाने वाले कई सवालों का जवाब दे चुके हैं. दूसरे दिन लगभग 5 घंटे तक सवाल और जवाब का सिलसिला चला जिसमें उन्होंने डेटा शेयर को लेकर माफी मांगी. साथ ही उन्होंने भारत में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के बारे में कहा कि वे इसमें पूरी सावधानी बरतने की कोशिश करेंगे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्क जुकरबर्ग कई हफ्तों से इन सांसदों के सामने सवालों के जवाब देने की तैयारी कर रहे थे. दूसरे दिन सेनेटर्स को दिए गए जवाब मे जुकरबर्ग अपने टौप एडवाइजर्स और लौयर्स के साथ सदन में मौजूद थे और सवालों के जवाब दे रहे थे. उनके पास कुछ दस्तावेज भी रखे थे, रिपोर्ट्स के मुताबिक उनमें मुख्य बिंदु लिखे थे जिनके इर्द-गिर्द के सवालों का ही जवाब उन्होंने दिया है.

ऐसा पहली बार भी नहीं हो रहा है जब फेसबुक पर डाटा की निजता के हनन का आरोप लगा हो और इस आरोप के लिए माफी मांगी गई हो. आठ साल पहले इलेक्ट्रानिक फ्रंटियर फाउंडेशन नाम की संस्था ने दावा किया था कि फेसबुक ने अपनी स्थापना के कुछ समय बाद ही डाटा गोपनीयता की सेटिंग में ऐसे बदलाव किए थे जिनके तहत यूजर अपना कुछ डाटा सार्वजनिक करने पर मजबूर थे.

फेसबुक पर क्या है आरोप?

– फेसबुक पर आरोप है कि उसने बिना इजाजत यूजर्स के निजी डेटा कैंब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किए थे.

– राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अमेरिका के फेसबुक यूजर्स के निजी डेटा का इस्तेमाल किया गया था.

जुकरबर्ग की महज माफी ही काफी नहीं

फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की माफी एक अच्छा कदम जरूर है लेकिन यह काफी नहीं है. वक्त आ गया है कि लोग फेसबुक, गूगल जैसी चीजों के सच को समझें. सोमवार को जुकरबर्ग अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश होने से पहले वाशिंगटन में सांसदों से मुलाकात कर सांसदों के सामने माफी मांगी. उन्होंने माना कि फेसबुक से गलती हुई है और भविष्य में बेहतर तरीके से काम करने का वादा भी किया.

यह माफी बहुत जरूरी थी क्योंकि जुकरबर्ग केवल फेसबुक के संस्थापक, सीईओ और अध्यक्ष ही नहीं हैं, बल्कि कंपनी के 60 प्रतिशत मताधिकार भी उन्हीं के पास है. ऐसे में वे कंपनी के एक ऐसे नेता हैं, जो उसकी हर हरकत के लिए जिम्मेदार हैं. लेकिन जुकरबर्ग के झांसे में मत आइए. वह अब इन नियमों को मान रहे हैं क्योंकि यह उनकी मजबूरी है. अमेरिका में 2016 के चुनावों में रूस का हाथ होने और ब्रेक्जिट में कैम्ब्रिज एनेलिटिका की भूमिका की खबर के बाद, दुनिया भर में ना ही जनता और ना सरकारें अब फेसबुक को नजरअंदाज कर सकती हैं. इसलिए जुकरबर्ग को सिर्फ इसलिए नहीं छोड़ा जा सकता कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है और कुछ अस्पष्ट से वादे कर दिए हैं कि वह अपने हर ऐप की जांच कराएंगे. यह कतई काफी नहीं है.

वीडियो : एमरेल्ड ग्रीन नेल आर्ट

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अब 1 रूपये में किराए पर मिलेगी कार, पढ़ें पूरी खबर

दिल्ली-एनसीआर में सड़कों पर जल्द ही और ज्यादा इलेक्ट्रिक कारें दिखने वाली है, किराए पर कार देने वाली कंपनी जूमकार लोगों को इलेक्ट्रिक कार उपलब्ध कराने की कोशिश में लगी है. इसके लिए जूमकार ने महिंद्रा के साथ समझौता किया है. इस समझौते के तहत महिंद्रा इलेक्ट्रिक दिल्ली में 100 इलेक्ट्रिक कार उपलब्ध कराएगी, जो कि e20Plus कार होंगी. जूमकार के मुताबिक यह कार जल्द ही मिलनी शुरू हो जाएंगी.

दोनों कंपनियों ने मैसूर, हैदराबाद और जयपुर के बाद अपनी इस सेवा का विस्तार दिल्ली-एनसीआर में करने का निर्णय लिया है. जूमकार के को-फाउंडर ग्रेग मोरन ने बताया कि “शुरुआत में इन इलेक्ट्रिक कारों को 1 रुपए प्रति घंटे की दर से किराए पर लिया जा सकेगा. जूमकार, कार को फुल चार्ज करके देगी. अगर आप ज्यादा दिन के लिए कार को किराए पर लेते हैं तो आप इसे घर पर भी चार्ज कर सकते हैं. इस इलेक्ट्रिक कार को दिल्ली एयरपोर्ट और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से भी लिया जा सकेगा.”

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महिंद्रा e2o Plus कार एक बार फुल चार्ज होने पर 140 किलोमीटर की दूरी तय कर लेती है, यह कंपनी का दावा है. यह कार 85 किलोमीटर प्रति घंटे की टौप स्पीड पकड़ने में सक्षम है. यह महिंद्रा की लेटेस्ट ड्राइवट्रेन तकनीक पर आधारित इलेक्ट्रिक कार है. इस कार में कस्टमर्स 4 ट्रिम लेवल्स (P2, P4, P6, P8) के बीच चुनाव कर सकते हैं.

इसके साथ ही महिंद्रा ने इस इलेक्ट्रिक कार के लिए चार कलर औप्शन भी दिए हैं, महिंद्रा की इस e20 प्लस इलेक्ट्रिक कार के पी2, पी4 और पी6 वैरियंट्स में 48 वोल्ट की बैटरी लगी है. जबकि पी8 वेरिएंट 72 वोल्ट की बैटरी के साथ आता है.

48 वोल्ट की बैटरी 3 फेज इंडक्शन मोटर्स को पावर भेजती है और इससे 25.5bHP का पावर और 70 न्यूटन मीटर का टौर्क जेनरेट होता है. जबकि 72 वोल्ट बैटरी से 40bHP का पावर और 91 न्यूटन मीटर का टौर्क जेनरेट होता है. इस कार में टेलिमैटिक के जरिए रिमोट डायग्नोस्टिक, स्मार्टफोन कनेक्टिविटी, नया और अडवांस इन्फोटेनमेंट सिस्टम, रीजेनरेटिव ब्रेक्स, हिल होल्ड कंट्रोल्स जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं.

VIDEO : एमरेल्ड ग्रीन नेल आर्ट

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चंकी पांडे की बेटी ने किया कुछ ऐसा, कि 8 घंटे में हो गए 98,000 फौलोअर्स

बौलीवुड के जानेमाने हीरो चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अचानक बढ़े फौलोअर्स की संख्या को लेकर चर्चा में हैं. अभी तक उनके फौलोअर्स की संख्या 1,901 थी. मगर स्टूडेंट औफ द ईयर का पहला पोस्टर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर करते ही कुछ ही घंटों के भीतर उनके फौलोअर्स की संख्या 98,000 पहुंच गयी. फौलोअर्स की संख्या में हुआ ये इजाफा नीचे दी गईं तस्वीरों से जाहिर होता है.

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जाने माने एक्टर चंकी पांडे और भावना पांडे की बेटी अनन्या इंटरनेट पर काफी एक्टिव रहती हैं. अन्य स्टार बच्चों की तरह, अनन्या भी इंस्टाग्राम पर लोकप्रिय हैं. पूर्व में भी वो अपनी पोस्ट्स को लेकर अक्सर चर्चाओं में आयी हैं. हालांकि वो अभी बस 19 वर्ष की ही हैं और पढ़ाई कर रही हैं.

बताते चलें की ‘स्टूडेंट औफ द ईयर 2’ फिल्म का निर्माण धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले किया जा रहा है और जैसा की नाम से ही जाहिर है, ये इस कड़ी की दूसरी फिल्म है. फिल्म का निर्देशन पुनीत मल्होत्रा कर रहे हैं. टाइगर श्राफ, तारा सुतारिया आदि सितारों से सजी यह फिल्म 23 नवंबर को प्रदर्शित होगी.

बिक सकता है एक्सिस बैंक, यह बैंकर लगा सकता है बोली

एक्सिस बैंक की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं. बैंक की सीईओ शिखा शर्मा के कार्यकाल घटाने का अनुरोध के बाद एक तरफ उनके उत्तराधिकारी की खोज हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ बैंक के बिकने की खबरें भी तेज हैं. एशिया के सबसे अमीर बैंकर एक्सिस बैंक को खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं. इसका जिक्र जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने एक रिपोर्ट में किया है. नोमुरा का दावा है कि एशिया के सबसे अमीर बैंकर उदय कोटक बैंक को खरीदने के लिए बोली लगा सकते हैं. यह उनके लिए शानदार मौका है. आपको बता दें, एक्सिस बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट सेक्टर बैंक है.

एक्सिस की लोन बुक कोटक से दोगुनी

जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा का दावा है कि एक्सिस बैंक के पास कोटक महिंद्रा बैंक की तुलना में दोगुनी लोन बुक है. अगर दोनों बैंकों को मिला दिया जाए मतलब मर्जर कर दिया जाए तो लोक बुक काफी बड़ी हो जाएगी. साथ ही दोनों के पास इतनी ब्रांच होंगी जितनी अभी तक किसी बैंक के पास नहीं हैं. नोमुरा की यह रिपोर्ट एक्सिस बैंक के इस बयान के एक दिन के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि शिखा शर्मा दिसंबर 2018 में पद छोड़ देंगी. उनका चौथा कार्यकाल जून से शुरू हो रहा है और सामान्य परिस्थिति में इसे मई 2021 में खत्म होना था, लेकिन अब वह 31 दिसंबर को खत्म हो जाएगा.

मर्जर की स्थिति में क्या?

अगर दोनों बैंकों का मर्जर होता है तो उसके बाद बनने वाले बैंक के पास 5,760 ब्रांच होंगी. इतनी ब्रांच देश के किसी प्राइवेट सेक्टर बैंक के पास नहीं है. ICICI बैंक के पास 4,860 ब्रांच हैं. मर्जर के बाद बैंक की लोन बुक 6.16 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी, जो HDFC बैंक की 6.31 लाख करोड़ की लोन बुक से कुछ ही कम होगी.

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रिजर्व बैंक का भी दबाव

नोमुरा की रिपोर्ट में बताया गया है कि कोटक के लिए एक्सिस बैंक को खरीदने का शानदार मौका है. क्योंकि, शिखा 9 महीने तक ही इसकी सीईओ रहेंगी. रिजर्व बैंक भी एक्सिस के बोर्ड पर दबाव बना रहा है. इसके साथ वह बैंकिंग इंडस्ट्री की बैलेंस शीट क्लीन करने की भी मुहिम चला रहा है. नोमुरा का कहना है कि मौजूदा शेयर प्राइस पर 2.15 का स्वाईप रेशियो ठीक होगा.

हिस्सेदारी कम करने में मिलेगी मदद

अगर दोनों बैंकों के बीच डील होती है तो इसका मतलब यह है कि एक्सिस बैंक के 2.15 शेयरों के लिए कोटक महिंद्रा बैंक का एक शेयर मिलना चाहिए. इस डील के बाद कोटक की हिस्सेदारी बैंक में अभी के 30 फीसदी से घटकर 17.6 फीसदी रह जाएगी. इससे दिसंबर 2018 तक बैंक में उन्हें अपनी हिस्सेदारी कम करने की शर्त को भी पूरा करने में मदद मिलेगी.

पहले भी हो चुकी है मर्जर पर बात

नोमुरा का कहना है कि एक्सिस बैंक ने ज्यादातर बैड लोन की पहचान पहले ही कर ली है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछली बार जब दोनों बैंकों के बीच मर्जर की बात हुई थी, उसके बाद से कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर ने एक्सिस बैंक को 30 फीसदी से आउटपरफौर्म किया. इसलिए उस समय की तुलना में डील अभी कहीं ज्यादा आकर्षक है

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हार के बाद शाहरुख खान ने टीम के सदस्यों संग लगाए ठुमके

आंद्रे रसेल द्वारा 36 गेंदों में 11 छक्के और महज एक चौके की मदद से खेली गई 88 रनों की पारी भी कोलकाता को हार से बचा नहीं पाई. चेन्नई ने मंगलवार (10 अप्रैल) को एम.ए. चिदम्बरम स्टेडियम में खेले गए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण के मैच में कोलकाता को पांच विकेट से हरा कर अपने घर में दो साल बाद विजयी वापसी की है. कोलकाता ने चेन्नई के सामने 203 रनों की विशाल चुनौती रखी थी, जिसे मेजबान टीम ने आखिरी ओवर में एक गेंद बाकी रहते हुए पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया.

दिनेश कार्तिक की कोलकाता और महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई के बीच हुआ यह मैच काफी रोमांचक रहा. रसेल की पारी पर सैम बिलिंग्स की 23 गेंदों में दो चौके और पांच छक्कों की मदद से खेली गई 53 रनों की पारी भारी पड़ गई. बिलिंग्स के अलावा चेन्नई के लिए शेन वाटसन ने 19 गेंदों पर 42 रनों की पारी खेली जिसमें तीन चौके और इतने ही छक्के शामिल थे. कोलकाता के खिलाड़ी रसेल की 36 गेंद में 11 छक्कों और एक चौके की मदद से नाबाद 88 रन की पारी की बदौलत छह विकेट पर 202 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया.

Fun time with the boss himself! #SRK

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भले ही शाहरुख खान की टीम ने यह मैच हार लिया हो, लेकिन किंग खान खिलाड़ियों की हौसला अफजाई में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. मैदान पर महेंद्र सिंह धोनी की बेटी जीवा के साथ मस्ती करने के बाद अब शाहरुख का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

इस वीडियो में शाहरुख खान कोलकाता के खिलाड़ियों के साथ डांस करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को आंद्रे रसेल ने अपने औफिशियल इंस्टाग्राम से शेयर किया है. इस वीडियो में शाहरुख खान, आंद्रे रसेल, शिवम मावी और कमलेश नागरकोटी को अपनी फिल्म रावन के गाने ‘छम्मक छल्लो’ पर डांस करना सिखा रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है- बौस के साथ फन टाइम.

बता दें कि टौस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी कोलकाता ने एक समय अपने पांच विकेट 10 ओवरों में 89 रनों पर ही खो दिए थे, लेकिन रसेल ने जैसे ही क्रीज पर कदम रखा, रनों का सैलाब उमड़ पड़ा. कोलकाता ने आखिरी के 10 ओवरों में 113 रन बटोरे और इसी कारण टीम 20 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 202 रन बनाने में सफल रही. यह रसेल का आईपीएल में सर्वोच्च स्कोर भी है.

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मोहब्बत की परिणति : सोहनी को कैसे चुकानी पड़ी कीमत

रविवार 21 जनवरी, 2018 का अलसाया हुआ दिन था. बसंत ऋतु ने दस्तक दे दी थी, लेकिन सूरज की किरणों में फिर भी तेजी नहीं आई थी. सिहराती सर्द हवाओं के बीच आसमान दिन भर मटमैले बादलों से ही अटा रहा. लेकिन मौसम की बदमिजाजी से लोगों की आमदरफ्त में कोई तब्दीली नहीं आई थी.

कोटा स्टेशन की बाहरी हदों से शुरू होने वाले बाजार में रोजमर्रा की रौनक जस की तस कायम थी. अगर कोई फर्क था तो इतना कि लोगों के चेहरों पर कशमकश के भाव थे और शौपिंग की बजाय उन की उत्सुकता चोपड़ा फार्म जाने वाली गली नंबर-2 की तरफ थी, जिसे पूरी तरह पुलिसकर्मियों ने घेर रखा था.

तेज होती खुसुरफुसुर से ही पता चला कि किसी ने एक महिला और उस के बेटे की हत्या कर दी है. यह वारदात वहां रहने वाले चर्चित भाजपा नेता नीरज पाराशर के परिवार में हुई थी. बदमाशों ने घर में घुस कर नीरज पाराशर की पत्नी सोहनी और 12 साल के बेटे पीयूष को गोली मार दी थी.

बेटी तान्या वारदात का शिकार होने से बच गई थी. दरअसल, गोली लगने से पहले ही सोहनी ने उसे घर से बाहर फेंक दिया था. शोर मचा तो आसपास के रहने वाले लोग फौरन मौके पर पहुंच गए, लेकिन बदमाश तब तक भाग चुके थे.

खबर मिलने पर भीममंडी के थानाप्रभारी रामखिलाड़ी पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गए थे. इस दोहरे हत्याकांड की खबर जब उन्होंने आला अधिकारियों को दी तो एएसपी समीर कुमार, डीएसपी शिवभगवान गोदारा, राजेश मेश्राम भी वहां आ गए. 10 मिनट बाद आईजी विशाल बंसल और एसपी अंशुमान भोमिया भी वहां पहुंच गए.

पुलिस अधिकारियों के सामने जो चुनौती मुंह बाए खड़ी थी, उस से निपटना आसान नहीं था. क्योंकि कुछ ही दिनों पहले स्टेशन क्षेत्र में एक और भाजपा नेता की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी. इस के अलावा शहर में हत्या की और भी कई वारदातें अनसुलझी पड़ी थीं. इस सब को ले कर एसपी साहब के चेहरे पर तनाव साफ दिखाई दे रहा था.

केस बड़ा पेचीदा था. पुलिस इस बात पर भी हैरान थी कि इस चहलपहल वाले इलाके में नीरज पाराशर के मकान में बदमाश बेखौफ हो कर आए और मांबेटे को गोलियों से भून कर चले गए.

सोहनी की करपटी और उस के बेटे पीयूष के सीने में गोलियां लगी थीं. लग रहा था जैसे उन्हें गोली बहुत करीब से मारी गई थी. एक गोली कमरे की दीवार पर भी लगी थी, दीवार पर गोली टकराने का निशान बन गया था. पुलिस ने मौके से गोली का खोल भी बरामद कर लिया.

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सूचना मिलने पर पुलिस फोटोग्राफर, क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम, डौग स्क्वायड और एफएसएल की टीमें भी वहां पहुंच गई थीं. सभी टीमें अपनेअपने ढंग से काम कर के लौट गईं. थानाप्रभारी रामखिलाड़ी मीणा ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और आगे की जांच में जुट गए.

उन्होंने नीरज पाराशर से बात की तो उस ने बताया कि घटना के वक्त वह सब्जी लेने के लिए बाजार गया हुआ था. सरेआम हुई इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. गोली चलाने वाले कौन थे, किस तरफ भागे थे, किसी को कुछ पता नहीं था. पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

पुलिस ने पड़ोसियों से बात की तो उन्होंने बताया कि हम ने गोलियां चलने की आवाज तो नहीं सुनी अलबत्ता मार दिया…मार दिया… की चीखपुकार जरूर सुनी थी. जिस के बाद वे लोग पाराशर के मकान की तरफ दौड़े. हालांकि कुछ लोगों ने पाराशर के मकान से एक आदमी को भागते देखा, लेकिन वह कौन था, कैसे आया और कहां गया, इस बाबत कुछ नहीं बता पाए.

पुलिस पूछताछ में रोताबिलखता नीरज ठीक से कुछ नहीं बता पा रहा था. टुकड़ों में जो कुछ वह कह रहा था, उस से पुलिस सिर्फ इतना समझ पाई कि उस की पत्नी सोहनी मुरैना की रहने वाली थी, जहां पड़ोस में रहने वाले चंद्रकांत पाठक उर्फ दिलीप से उस का अफेयर था. 2 महीने पहले सोहनी उस के साथ भाग गई थी, जिस की गुमशुदगी की सूचना उस ने थाना भीममंडी में दर्ज करा रखी थी.

पिछले दिनों उसे सोहनी के मुरैना में होने का पता चला तो वह मुरैना जा कर उसे ले आया. नीरज ने पुलिस को बताया कि वारदात करने वाला चंद्रकांत पाठक के अलावा कोई नहीं हो सकता. थानाप्रभारी ने यह सारी जानकारी एसपी अंशुमान भोमिया को दे दी.

इन सब बातों से अंशुमान भोमिया को लगा कि पूरे घटनाक्रम में सोहनी की कोई महत्त्वपूर्ण भूमिका रही होगी. इसलिए उन का पूरा ध्यान उस के अतीत और उस के प्रेमी चंद्रकांत पाठक पर अटक गया.

नीरज ने एसपी साहब से मुलाकात की. उस ने उन्हें एक नई जानकारी यह दी कि चंद्रकांत पाठक ने चेतन शर्मा के नाम से एक फरजी फेसबुक आईडी बना रखी थी. चंद्रकांत एक उच्चशिक्षित युवक था, साथ ही अच्छा शूटर भी. मध्य प्रदेश में उसे शार्पशूटर का अवार्ड मिल चुका था.

पुलिस ने नीरज से इस बारे में विस्तार से जानकारी मांगी कि सोहनी कब और कैसे गायब हुई थी? इस पर नीरज ने बताया, ‘‘नवंबर, 2017 में मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अपनी ससुराल मुरैना गया था. वहां से 20 नवंबर को हम कोटा लौट आए थे. 22 नवंबर को मैं गोवर्धन परिक्रमा के लिए वृंदावन चला गया था.

मेरी गैरमौजूदगी में चंद्रकांत पाठक आया और जबरन पत्नी को ले कर चला गया. उस समय दोनों बच्चे भी घर पर थे, जो सो रहे थे. बाद में जब बेटा पीयूष सो कर उठा और उस ने मां को नहीं देखा तो उस ने मुझे फोन किया. तब मैं ने पत्नी की गुमशुदगी की सूचना दर्ज कराई और अपने स्तर पर भी उस की तलाश करता रहा, लेकिन निराशा ही हाथ लगी.’’

उस ने आगे बताया, ‘‘सर, जनवरी, 2018 में अचानक मेरे पास पत्नी का फोन आया. उस ने किसी और के मोबाइल से फोन किया था. पत्नी ने मुझे बताया कि चंद्रकांत ने उसे कैद कर रखा है, आ कर उसे छुड़ा लें. यह जानने के बाद मैं मुरैना गया और पत्नी को साथ ले कर कोटा आ गया. चंद्रकांत पत्नी से कोई संपर्क न कर सके, इसलिए मैं ने पत्नी का फोन नंबर भी बदल दिया था. इस से खीझ कर एक दिन चंद्रकांत ने मुझे फोन पर ही धमकी दी कि सोहनी से बात करवा दो वरना पूरे परिवार को जान से मार देगा.’’

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नीरज से पूछताछ के समय एसपी अंशुमान भोमिया भी वहीं मौजूद थे. उन्होंने नीरज को तीखी नजरों से देखा, वह उन से आंखें नहीं मिला सका. नीरज के हावभाव और बातों से उन्हें उसी पर शक होने लगा था. लेकिन उन्होंने जानबूझ कर उसे ज्यादा कुरेदना उचित नहीं समझा. इसी बीच एक नई जानकारी ने पुलिस की तहकीकात का रुख मोड़ दिया.

पता चला कि चंद्रकांत पाठक शनिवार 20 जनवरी, 2018 की देर रात कोटा पहुंचा था और स्टेशन क्षेत्र के ही एक होटल में ठहरा था. पुलिस का मानना था कि निश्चित रूप से उस ने अगले रोज 21 जनवरी को दिन भर नीरज के घर के आसपास रेकी की होगी और जैसे ही उसे मौका मिला, वह वारदात को अंजाम दे कर भाग गया.

पुलिस ने नीरज और सोहनी की फेसबुक देखी तो इस प्रेम कहानी का काफी कुछ खुलासा हो गया. फेसबुक पर मोहब्बत और नफरत के जज्बात साथसाथ मौजूद थे. पत्नी के इस तरह छोड़ कर चले जाने से नीरज पाराशर इस हद तक परेशान था कि उस की यादें सहेजने के लिए पुराने फोटो शेयर करने के साथ मोहब्बत और हिकारत दोनों उगल रहा था.

15 दिसंबर, 2017 को नीरज ने अपनी फेसबुक पर लिखा, ‘आई हेट सोहनी पाराशर एंड माई लाइफ…’ 28 दिसंबर को सुर बदला तो उस के मन में सोहनी के लिए  तड़प पैदा हुई. उस ने लिखा, ‘आप कहां हो सोहनी, कम बैक प्लीज…’

31 दिसंबर को मोहब्बत ने जोर मारा तो नए साल की मुबारकबाद देते हुए लिखा, ‘विश यू ए हैप्पी न्यू ईयर सोहनी पाराशर’. 5 जनवरी को वैराग्य का भाव जागा तो कुछ अलग ही असलियत उजागर हुई, ‘सोहनी पैसे की दीवानी थी’. नीरज ने आगे लिखा, ‘इस दुनिया में कोई रिश्ता इंपोर्टेंट नहीं है, सब कुछ केवल पैसा है.’

पुलिस ने चंद्रकांत पाठक के फरजी नाम चेतन शर्मा की फेसबुक सर्च की तो चंद्रकांत और सोहनी की तूफानी मोहब्बत खुल कर सामने आ गई. 15 जनवरी को चंद्रकांत ने सोहनी के साथ करीब डेढ़ सौ फोटो शेयर किए थे, जो होटलों में मौजमस्ती और घूमनेफिरने की तस्दीक कर रहे थे.

17 जनवरी, 2018 को चंद्रकांत ने जो कुछ फेसबुक पर लिखा, उस ने उस के इरादों पर मुहर लगा दी. चंद्रकांत ने लिखा था, ‘इस दुनिया को अलविदा, मेरी जिंदगी यहीं तक थी. माफ कर देना, सभी का दिल दुखाया, बट गलत  मैं था. माफ कर देना… लव यू आल…सौरी.’

टूटे हुए दिल से निकले अल्फाज चंद्रकांत की उस मनोदशा की तसदीक कर रहे थे, जब कोई शख्स खुदकुशी का फैसला करता है जबकि सोहनी का कत्ल तो कुछ और ही कहानी की तरफ इशारा कर रहा था.

मामला काफी संदिग्ध था. नीरज अपनी बात पर अडिग था कि उस की पत्नी सोहनी की हत्या चंद्रकांत पाठक ने की है. लेकिन एसपी अंशुमान भोमिया के इस सवाल का उस के पास कोई जवाब नहीं था कि अगर तुम्हारी पत्नी से उस का अफेयर था तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि वह उस की हत्या करने पर आमादा हुआ और मासूम बच्चे से चंद्रकांत की क्या दुश्मनी थी जो उस ने उसे भी गोली मार दी?

नीरज इस बाबत भी चुप्पी साधे रहा. एसपी अंशुमान भोमिया ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर कुमार की अगुवाई में तेजतर्रार अफसरों डीएसपी शिवभगवान गोदारा, राजेश मेश्राम और भीमंडी नयापुरा और रेलवे कालोनी के थानाप्रभारियों को शामिल कर के एक पुलिस टीम बनाई और चंद्रकांत की तलाश में भेज दी. इस टीम ने उसे बिलासपुर, श्योपुर और देहरादून में तलाशा.

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पुलिस की यह कोशिश रंग लाई. चंद्रकांत को मध्य प्रदेश के श्योपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. थाने ला कर जब उस से पूछताछ की गई तो पता चला कि वह उच्चशिक्षित था. उस ने मैथ्स, कैमिस्ट्री और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी. पीजीडीए किए चंद्रकांत पाठक के पास मास्टर औफ फाइन आर्ट्स की भी डिग्री थी.

इतना ही नहीं, वह सटीक निशानेबाज भी था. उसे बेस्ट शूटर का प्रोसीडेंट अवार्ड भी मिल चुका था. वह एनसीसी का सी सर्टिफिकेट होल्डर भी था.

एसपी भोमिया ने उस से पूछा कि इतना क्वालीफाइड हो कर भी उस ने इतनी संगीन वारदात को अंजाम कैसे दिया. इस बारे में उस ने जो कुछ बताया, उस से पूरी कहानी मोहब्बत पर आ कर सिमट गई.

चंद्रकांत पाठक उर्फ दिलीप उर्फ चेतन शर्मा मूलरूप से मुरैना के दत्तपुरा का रहने वाला था. सोहनी का परिवार उस के घर के ठीक सामने ही रहता था. दोनों का बचपन एक साथ खेलतेपढ़ते बतियाते बीता था. बचपन की यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई, दोनों ही नहीं समझ सके. अलबत्ता दोनों मोहब्बत में इस कदर डूबे थे कि एकदूसरे के बिना रहने की कल्पना करना भी उन्हें गवारा नहीं था.

लेकिन पारिवारिक बंदिशों के कारण यह मोहब्बत जीवनसाथी की डोर में नहीं बंध पाई. कालांतर में सोहनी का विवाह कोटा के नीरज पाराशर से हो गया और चंद्रकांत ने भी परिवार की जिद के आगे सिर झुका कर कहीं दूसरी जगह शादी कर ली.

दोनों अलगअलग रिश्तों की डोर में बंध तो गए, लेकिन आशिकी खत्म नहीं हुई. चंद्रकांत के पिता का मुरैना में डीजे का काम था. वह पिता के काम में ही हाथ बंटाने लगा. बाद में चंद्रकांत के भी एक बेटा हो गया और सोहनी भी 2 बच्चों की मां बन गई.

इस के बावजूद सोहनी और चंद्रकांत के संबंध बने रहे. सोहनी अपने मायके मुरैना आती तो वह चंद्रकांत से जरूर मिलती. किसी तरह नीरज को इस बात की भनक लग गई. इस के बाद दोनों ने मिलने में ऐहतियात बरतनी शुरू कर दी. चंद्रकांत का कहना था, ‘कोई 2 महीने पहले मैं बिलासपुर में था. सोहनी वहीं आ गई थी. सोहनी अपनी ससुराल वालों को बिना बताए आई थी. इस के बाद चंद्रकांत ने सोहनी के साथ रहना शुरू कर दिया था.

‘इसी दौरान चंद्रकांत ने 20 लाख रुपए में अपनी दुकान बेची थी. वह रकम उस के पास मौजूद थी. इस बीच सोहनी उस की गैरहाजिरी में अपने पति के साथ कोटा चली गई. जाते समय वह मेरे 2 लाख रुपए और गहने अपने साथ ले गई थी. सोहनी ने मेरे साथ फरेब किया था.’

‘‘सोहनी के कत्ल की नौबत क्यों आई? अगर फरेब की कोई वजह थी तो उस मासूम बच्चे को क्यों मारा?’’ एसपी भोमिया ने पूछा.

‘‘नहीं सर, मेरा इरादा ऐसा नहीं था. मैं नीरज की गैरमौजूदगी में ही सोहना से मिलना चाहता था. ऐसा मैं ने किया भी.’’ एक पल रुकते हुए चंद्रकांत ने कहना शुरू किया, ‘‘मैं ने अपनी रकम और जेवरात सोहनी से मांगे तो वह उल्टे मुझ पर ही बरस पड़ी. मैं ने उसे डराने के लिए पिस्टल दिखाई, लेकिन अचानक बच्चा मेरे ऊपर झपट पड़ा और पिस्टल छीनने की कोशिश करने लगा. इस छीनाझपटी में ही ट्रिगर दब गया और बच्चे को गोली लग गई.

‘‘सोहनी को तो मुझे मजबूरी में मारना पड़ा. उसे नहीं मारता तो वह बेटे की हत्या की गवाह बन जाती. बेटे की मौत से सोहनी को अपनी बेटी की जान भी खतरे में नजर आई तो उस ने बच्ची को दरवाजे की तरफ फेंक दिया. सोहनी पर मैं ने 2 गोलियां चलाईं. अफरातफरी में निशाना चूक गया और एक गोली दीवार में धंस गई. एक गोली उस की कनपटी पर लगी थी. उस के बाद मैं बुरी तरह दहशत में आ गया था. इस के बाद मैं पहले दिल्ली चला गया फिर श्योपुर आ गया.’’

पुलिस ने उस से पूछताछ करने के बाद उसे भादंसं की धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 2 लाख की रकम और जेवरात अभी पुलिस बरामद नहीं कर पाई. कथा लिखे जाने तक चंद्रकांत जेल में बंद था.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

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