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अपना खुद का चक्रव्यूह : भाग 3

इस पर नेहा डर गई और संदीप उस का शारीरिक शोषण करता रहा. रणवीर ने लगभग 4 साल तक गाजियाबाद में नौकरी की. बाद में उस की नौकरी छूट गई तो वह अपने गांव तिलसड़ा आ गया.

नेहा का बेटा 5 साल का हो चुका था. वह उसे गांव के प्राइमरी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहती थी. बेटे को शहर में पढ़ाने के लिए नेहा ने पति पर दबाव डाला तो रणवीर ने कानपुर शहर में बर्रा विश्व बैंक के बी ब्लौक में एक कमरा किराए पर ले लिया और नेहा के साथ रहने लगा.

यह मकान सपा नेता वैभव मिश्रा का था. वह बर्रा में ही अपने दूसरे मकान में परिवार सहित रहते थे. किराए के मकान में आ कर नेहा ने अपने बेटे का दाखिला इंग्लिश मीडियम स्कूल में करा दिया. किराए के इसी मकान में नेहा की मुलाकात प्रवीण कुमार श्रीवास्तव से हुई. वह मूलरूप से पटेलनगर, कालपी का रहने वाला था और डी ब्लौक बर्रा में किराए पर रहता था. प्रवीण कुमार सपा नेता वैभव मिश्रा का ड्राइवर था. इस के अलावा वह मकान का किराया भी वसूलता था.

नेहा को मिला नया प्रेमी

चंचल व हंसमुख नेहा से प्रवीण की जल्द ही दोस्ती हो गई. दोस्ती प्यार में बदली, फिर दोनों के बीच नाजायज रिश्ता बन गया. इस के बाद वह नेहा की हर तरह से मदद करने लगा. नेहा का पति रणवीर सिंह किसान था. कभी वह नेहा के साथ रहता तो कभी महीनों तक गांव में, जिस से प्रवीण को नेहा से मिलने में कोई बाधा नहीं होती थी.

संदीप सिंह नेहा की टोह में लगा रहता था. वह अय्याश प्रवृत्ति का था. उसे जब पता चला कि नेहा अब बर्रा विश्व बैंक कालोनी में रहने लगी है तो वह वहां भी आने लगा और नेहा का शारीरिक शोषण करने लगा. नेहा जब उस का फोन रिसीव नहीं करती तो वह विभिन्न नंबरों से काल करता. नेहा जब फोन रिसीव कर लेती तो वह उसे भद्दीभद्दी गालियां देता और अश्लील फोटो नातेरिश्तेदारों व घर वालों को भेजने की धमकी देता.

दरअसल नेहा के पास स्मार्टफोन नहीं था. संदीप ने फेसबुक पर उस के नाम की आईडी बना रखी थी, जिसे वह खुद ही अपडेट करता था. अकसर वह सोशल साइट पर नेहा की फोटो के साथ किसी न किसी रिश्तेदार का फोन नंबर डाल कर घर वालों को परेशान करता रहता था. संदीप ने नेहा के मौसेरे भाई को नेहा की अश्लील फोटो भेज भी दी थी.

शारीरिक शोषण और संदीप की गंदी हरकतों से आजिज आ कर नेहा ने अपने नए प्रेमी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव को अपनी व्यथा सुनाई और संदीप से निजात दिलाने की बात कही. इस पर प्रवीण ने नेहा को बातचीत के जरिए समस्या को सुलझाने की सलाह दी.

पहली मार्च को होली थी. संदीप होली मनाने पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली से अपने घर घाटमपुर आया. इन दिनों संदीप के पिता महेंद्र सिंह नौबस्ता (कानपुर) के आशानगर में नया मकान बनवा रहे थे. संदीप इसी निर्माणाधीन मकान में कई रोज रह कर देखरेख करता था.

8 मार्च को संदीप ने नेहा सिंह से बात करने के लिए उस का फोन नंबर मिलाया. लेकिन नेहा ने फोन रिसीव नहीं किया. कई बार प्रयास के बाद नेहा ने फोन रिसीव किया तो वह नाराज हुआ और कर्रही (बर्रा) में मिलने को कहा. नेहा मिलने आई तो संदीप ने उसे गालियां दीं और फोन न उठाने तथा मिलने से इनकार करने पर 2 थप्पड़ भी जड़ दिए. नेहा तमतमा कर घर चली गई और संदीप पत्नीबच्चों के साथ दिल्ली चला गया.

चोट खाई नागिन बन गई नेहा अपमानित नेहा ने प्रेमी प्रवीण कुमार से संपर्क किया और संदीप द्वारा बेइज्जत करने और थप्पड़ मारने की बात बताई. नेहा ने कहा कि संदीप की ज्यादतियां अब बरदाश्त नहीं होतीं. अत: उसे रास्ते से हटाना ही होगा, जिस के लिए तुम्हें साथ देना होगा.

अगर तुम ने साथ नहीं दिया तो आज के बाद मुझ से बात नहीं करना. प्रेमिका की जिद पर प्रवीण कुमार संदीप को रास्ते से हटाने को राजी हो गया. साथ देने के लिए उस ने अपने दोस्त बर्रा निवासी देवेंद्र नागर को भी राजी कर लिया.

18 मार्च, 2018 को संदीप ने दिल्ली से नेहा को फोन किया कि वह 19 मार्च को कानपुर आ रहा है, उसे मिलना होगा. इस पर नेहा ने जवाब दिया कि बेटे शुभम के पेपर 15 मार्च को खत्म हो गए हैं. अब वह अपनी ससुराल तिलसड़ा (घाटमपुर) में है, इसलिए मिलना संभव नहीं है. इस पर संदीप ने उस के फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी दी. धमकी से नेहा डर गई और बर्रा विश्व बैंक कालोनी स्थित मकान में मिलने का वादा कर लिया.

संदीप के शहर आने की जानकारी पर नेहा 19 मार्च की दोपहर ससुराल से कानपुर आ गई. किराए के मकान पर पहुंचने के बाद नेहा ने प्रवीण कुमार को मैसेज किया कि संदीप आ रहा है. आ जाना, आज उसे उल्टा करना है. मैसेज पढ़ कर प्रवीण अपने दोस्त देवेंद्र के साथ रात 9 बजे नेहा के कमरे पर पहुंच गया. नेहा ने दोनों को छत पर बैठा दिया.

इधर 19 मार्च को संदीप रात 10 बजे दिल्ली से कानपुर आया. इस बीच वह पिता, पत्नी व प्रेमिका के संपर्क में रहा. रास्ते में उस ने खाने का सामान व शराब की बोतल खरीदी, फिर रात 12 बजे के आसपास नेहा के घर पहुंच गया.

नेहा ने संदीप के साथ खाना खाया और उसे शराब पिलाई. इस के बाद संदीप ने बदन से सारे कपड़े उतारे और नेहा के शरीर से खेलने लगा. शारीरिक भूख मिटाने के बाद संदीप अंडरवियर में ही पलंग पर लेट गया और कुछ ही देर में खर्राटे भरने लगा.

उचित मौका देख कर नेहा ने छत पर बैठे प्रवीण व उस के दोस्त देवेंद्र नागर को कमरे में बुला लिया. तीनों मिल कर संदीप का गला स्टोल (दुपट्टे) से कसने लगे तो वह हाथपैर चलाने लगा. तभी नेहा हंसिया ले आई और उस ने संदीप के सिर, गले व दिल पर कई वार किए. प्रवीण ने भी संदीप को हंसिए से गोदा जिस से उस की मौत हो गई.

संदीप को मौत के घाट उतारने के बाद नेहा और उस के प्रेमी प्रवीण ने उस के गले से सोने की चेन और अंगुलियों से दोनों अंगूठियां उतार लीं. पैंट की तलाशी ली तो जेब में पैसे मिले, जो निकाल लिए. फिर संदीप को अंडरवियर पहनाया जो जल्दबाजी में उल्टा पहना दिया गया. फिर पैंटशर्ट पहनाई और लाश चादर में लपेट दी.

शव को ठिकाने लगाने के लिए प्रवीण कुमार रात 3 बजे अपने मालिक वैभव मिश्रा के घर पहुंचा और बताया कि उस की बहन की तबीयत ज्यादा खराब है, उसे अस्पताल पहुंचाना है. अत: कार की चाबी चाहिए. वैभव मिश्रा ने पहले तो इनकार किया. लेकिन पत्नी के कहने पर कार की चाबी दे दी. कार ले कर प्रवीण कुमार नेहा के कमरे पर आया और संदीप के शव को कार में रख कर तीनों पांडु नदी के काठ पुल पर पहुंचे और शव को पुल के नीचे फेंक दिया. लाश फेंक कर वे वापस लौट आए.

इधर 21 मार्च को गहोई निवासी बबलू भदौरिया ने पांडु नदी में एक युवक की लाश पानी पर तैरती देखी तो उस ने बर्रा थानाप्रभारी को सूचना दे दी.

थानाप्रभारी भास्कर मिश्रा ने तीनों अभियुक्तों से पूछताछ के बाद 23 मार्च, 2018 को कानपुर कोर्ट में सीएमएम की अदालत में पेश किया, जहां से तीनों को जिला जेल भेज दिया गया. कथा संकलन तक उन की जमानत नहीं हुई थी.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

बढ़ाए फोन की इंटरनल मेमोरी, ये है ट्रिक

क्या आपको पता है कि आप फोन के मेमोरी कार्ड को इंटरनल मेमोरी बना सकते हैं. अगर नहीं… तो आज हम आपको ऐसी ट्रिक बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपने फोन की इंटरनल मेमोरी को बढ़ा सकते हैं इसके लिए आपको किसी भी तरह का कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है. यह आप कुछ सिंपल स्टेप में फोन की सेटिंग में बदलाव कर ऐसा कर सकते हैं.

ऐसे बढ़ाए इंटरनल मेमोरी

हम जो ट्रिक आपको बताने जा रहे हैं उसके माध्यम से आपके फोन की इंटरनल मेमोरी और SD कार्ड मेमोरी एक ही हो जाएगी. ऐसा करने पर फोन की सभी चीजें आपकी इंटरनल मेमोरी में सेव हो जाएंगी. ऐसा होने पर आपको ज्यादा मेमोरी यूज करने को मिल जाएगी. फोन की मेमोरी फुल होने पर आपको मीडिया फाइल्स को SD कार्ड में मूव नहीं करना होगा. इसके लिए आपको ये स्टेप फौलो करने होंगे.

यह करना होगा

  • फोन की इंटरनल मेमोरी और माइक्रो एस डी कार्ड की मेमोरी को एक करने के लिए सबसे पहले स्मार्टफोन की Settings में जाकर Storage पर टैप करें. अब इसमें आपको Portable Storage (पोर्टेबल स्टोरेज) का औप्शन मिलेगा, उस पर टैप करें.
  • इसके बाद फोन में नया पेज ओपन होगा जिसमें आप टौप पर दिखाई दे रहे तीन डौट को टैप करें. अब फिर से Settings का औप्शन दिखेगा, उस पर टैप करें.
  • Settings में जाने के बाद Format as internal पर टैप करें.
  • फिर Erase & Format पर टैप करना होगा और आगे की प्रोसेस फौलो करते जाएं. ऐसा करने से पहले अपना डाटा सेव करके रख लें. ताकि डाटा के डिलीट होने का कोई चांस न रहे.
  • इस प्रोसेस के पूरा होने पर इंटरनल स्टोरेज SD Card की स्टोरेज ले लेगी. अब आप जो भी ऐप और गेम इंस्टौल करेंगे वो इंटरनल स्टोरेज में सेव होंगे.

फ्रीज खरीदते समय इन बातों का रखें पूरा खयाल

गर्मी का मौसम दिन पर दिन परवान चढ़ रहा है. इस मौसम में अगर आप फ्रिज खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो खरीदारी करते समय आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत है. बता दें कि आजकल बाजार में उपभोक्ताओं की जरूरत के हिसाब से कई ब्रांड्स के फ्रिज उपलब्ध हैं.

कैसा हो आपका फ्रिज?

आजकल बाजार में सिंगल डोर फ्रिज, डबल डोर, वार्डरोब लुक रेफ्रिजरेटर, टौप फ्रीजर, बौटम फ्रीजर, साइड बाय साइड फ्रीजर और बिल्ट इन फ्रीजर जैसे फीचर्स वाले कई फ्रिज उपलब्ध हैं. लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे सभी आपके लिए हों. आप अपने जरूरत के हिसाब और बजट के हिसाब से फ्रीज खरीदें. क्योंकि बाजार में आपको कम कीमत से लेकर अधिक कीमत तक में विभिन्न फीचर्स वाले फ्रिज मिल जाएंगे.

फ्रिज की क्षमता

बाजार में आपको फ्रिज में छोटे से लेकर बड़े साइज तक की रेंज मिल जाएंगी, लेकिन आपको कौन-सा फ्रिज चाहिए, इस बात का फैसला आपको अपनी जरूरत के अनुरूप करना होगा. छोटे परिवार यानी तीन से चार सदस्यों के लिए 190 से 250 लीटर तक की क्षमता वाला फ्रिज सही रहता है. अगर परिवार बड़ा है, तो आप अपने परिवार के सदस्यों की संख्या और जरूरत के अनुरूप ही इसकी क्षमता का चुनाव करें. जरूरी फीचर्स फ्रिज का चुनाव करते समय उसकी क्षमता, कम्प्रेसर, कूलिंग सिस्टम, एयर फिल्टरेशन सिस्टम, डी-फ्रौस्ट फीचर और वारंटी आदि पर ध्यान दें.

स्पेस के अनुरूप चुनें

बड़े शहरों में फ्लैट्स में जगह की कमी के चलते रसोई काफी छोटे होते हैं. अगर आप फ्लैट में रहते हैं तो इस बात को ध्यान में रखते हुए फ्रिज का चुनाव करें, जो घर के दरवाजे से आराम से अंदर आ जाए और सेट भी हो जाए. छोटे घरों के लिए कौम्पेक्ट डिजाइन मल्टी फ्रीजर फ्रिज भी उपलब्ध हैं, क्योंकि छोटे घरों में बड़े फ्रिज रखने में काफी दिक्कत होती है.

स्टार रेटिंग का ध्यान रखें

फ्रिज 24 घंटे और 365 दिन चलने वाला उपकरण है, इसलिए इसमें बिजली भी काफी खर्च होती है. बाजार में फ्रिज में आपको एनर्जी सेविंग मौडल्स मिलेंगे, जिसमें बिजली की खपत कम होती है. इसका पता स्टार रेटिंग से होता है, जितने समय में एक स्टार रेटिंग वाला फ्रिज 100 रुपये की बिजली खपत करेगा, उतने ही समय चलने में 5 स्टार रेटिंग का फ्रिज करीब 69 रुपये की बिजली की खपत करता है. लंबे समय को मद्देनजर रखते हुए 5 स्टार फ्रिज ही फायदेमंद रहेगा. बाजार में अब इन्वर्टर तकनीक पर आधारित फ्रिज भी आ गए हैं, जो 5 स्टार रेटिंग वाले सामान्य फ्रिज के मुकाबले 20 से 30 फीसदी ज्यादा एनर्जी सेविंग करते हैं. कीमत में यह फ्रिज सामान्य फ्रिज के मुकाबले थोड़े मंहगे होते हैं.

स्टाइल एवं डिजाइंस

फ्रिज की दुनिया में अब डिजाइन और स्टाइल की रेंज में भी कोई कमी नहीं है. इसमें आपको काफी वैरायटी मिल जाएगी. किचन को मौडयुलर लुक देने के लिए रेफ्रिजरेटर में अनूठे डिजाइंस मिलेंगे. नौर्मल रेंज में फ्रिज को डिजाइनर लुक देने के लिए आजकल कई ब्रांड फ्लोरल प्रिंट्स उपलब्ध करवा कर रहे हैं, जो देखने में स्टाइलिश लगते हैं.

ऊपर दिए गए विभिन्न बातों को ध्यान में रखने के पश्चात ही आप फ्रिज खरीदें, तो आपको इसका अच्छा परिणाम मिलेगा.

राज कुमार राव की विनम्रता

राज कुमार राव की गिनती अब सफल कलाकारों में होने लगी है. मगर जब वह बौलीवुड में जमने के लिए संघर्ष कर रहे थे, उन दिनों उन्हें तमाम निर्माता निर्देशकों ने रिजेक्ट कर दिया था. पर अब वही फिल्मकार जब राज कुमार राव के पास अपनी फिल्म का औफर लेकर आते हैं, तो राज कुमार राव खुद को विजेता महसूस करते हुए उनका अपमान तो नहीं करते पर उनकी फिल्म स्वीकार भी नहीं करते हैं.

इस बारे में खुद राज कुमार राव कहते हैं – ‘‘इसमें हार जीत वाला कोई मसला नही हैं, लेकिन जिन्होंने कभी मुझे रिजेक्ट किया था यदि वह मेरे पास आते हैं, तो मैं उनकी इज्जत करते हुए बड़ी विनम्रता के साथ कह दूंगा कि मैं उनकी फिल्म नहीं कर सकता. उनसे मेरी कोई निजी दुश्मनी नहीं है, पर मुझे उनके माइंड सेट, उनकी सोच से समस्या है. यदि कल वह मेरे अंदर की क्षमता को नहीं भांप पाए, तो आज कैसे भांप सकते हैं. लेकिन मैं उनका अपमान करूं, यह संभव नहीं है.’’

मौत के एक साल बाद सामने आया इंदर कुमार का ‘सुसाइड’ वीडियो

बौलीवुड अभिनेता और प्रोड्यूसर इंदर कुमार की 28 जुलाई, 2017 को मौत हो गई थी. सलमान खान की फिल्म ‘वौन्टेड’ में उनके को-स्टार रहे इंदर कुमार की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था. लेकिन अब उनका एक सुसाइड वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. यह वीडियो काफी तेजी से वायरल भी हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो उनके मौत के पहले का है. वीडियो को देखकर उनके निधन पर कई तरह के सवालिया निशान लगाएं जा रहे हैं. वीडियो को देखकर यह तो समझ आ रहा है कि इस वीडियो को खुद इंदर ने ही शूट किया है.

वायरल हो रहे इस वीडियो में इंदर कुमार आत्महत्या तकने का कारण बताते नजर  रहे हैं वह इस वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि वो सिक्स पैक के साथ आए तो एक्टर बनने थे लेकिन उनके हाथ नाकामियाबियों के सिवा और कुछ ना लगा. वे बौलीवुड में एक बड़े एक्टर नहीं बन पाए. उनकी अय्याशियों ने उन्हें बर्बाद कर दिया. जिसके चलते वो अपने लक्ष्य से भटक गए और इसलिए अब वो आत्महत्या करने जा रहे हैं.

जैसा कि आप देख सकते हैं वीडियो में उनके एक हाथ में शराब की बोतल है और दूसरे हाथ में मोबाइल जिससे वह वीडियो बना रहे हैं. इस वीडियो में उन्होंने अपने मम्मी-पापा को भी मैसेज दिया है. उन्होंने कहा, ‘मां-पापा आपने मुझे सबकुछ दिया लेकिन मैं कुछ नहीं कर पाया. हो सके तो मुझे माफ कर देना. आई एम सौरी.’

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये वीडियो इंदर का रियल लाइफ वीडियो नहीं है. बल्कि निधन से पहले किसी फिल्म के लिए शूट का हिस्सा है. कहा जा रहा है कि इस विडियो को लेकर इंदर कुमार की पत्नी जल्द ही प्रेस कौन्फ्रेंस करेंगी और इसका पीछे का सच लोगों के सामने लेकर आएंगी.

योगी को चुनौती : हिन्दू युवा वाहिनी में घमासान

जिस हिन्दू युवा वाहिनी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ताकत माना जाता है वहीं से उनको चुनौती मिल रही है. 2017 के विधानसभा चुनावों के पहले हिन्दू युवा वाहिनी ने प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह को संगठन से बाहर निकाल दिया था. सुनील सिंह पर आरोप लगा कि उन्होंने संगठन के लोगों को चुनाव मैदान में उतार कर आदेश की अवहेलना की थी. हिन्दू युवा वाहिनी को योगी आदित्यनाथ के नाम से ही जाना जाता था. पहले सुनील सिंह उसके प्रदेश अध्यक्ष और योगी आदित्यनाथ उसके सरंक्षक थे.

सुनील सिंह अपने निष्कासन को गलत मानते हैं. उनका कहना है कि योगी जी उनके गुरू है. भाजपा ने उनको गुमराह किया है. सुनील सिंह ने अपनी बात रखने के लिये लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में आनन फानन में एक बैठक का आयोजन किया और खुद को हिन्दू युवा वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया.

योगी सरकार को यह काम सही नहीं लगा. बिना अनुमति के बैठक करने के आरोप में सरकार ने गेस्ट हाउस के व्यवस्थाधिकारी आरपी सिंह को निलंबित कर दिया. सुनील सिंह कहते है हिन्दू युवा वाहिनी का मैं प्रदेश अध्यक्ष हूं. मैं अपने संगठन का विस्तार करना चाहता हूं. इसलिये अब इसका राष्ट्रीय स्तर पर गठन किये जाने की जरूरत पर बल दिया और खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया. हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री पीके मल्ल का कहना है कि जो आदमी संगठन से पहले ही निकाला जा चुका है उसके दावों का कोई मतलब नहीं रह जाता है.बै ठक के बाद से सुनील ही पर्दे से गायब हैं.

sunil singh declares himself as national president of hindu yuva vahini

योगी भले ही सुनील सिंह को अपने संगठन से निकाल चुके हों, पर सुनील सिंह आज भी योगी को ही अपना गुरु मानते हैं. उनका कहना है योगी जी मेरे लिये राम की तरह हैं. मैं उनका सेवक हनुमान हूं. भाजपा के कुछ लोग उनको लड़ाना चाहते हैं. जिस दिन योगी जी भाजपा के काले जादू से बाहर आयेंगे उस दिन उनको गले लगायेंगे. सुनील सिंह कहते हैं मैं भाजपा से अपने गुरु के अपमान का बदला लूंगा. भाजपा आज हमारे गुरु को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दे तो वह भाजपा कार्यालय में चाय पिलाना मंजूर कर लेंगे. सुनील सिंह खुद को हनुमान बताते कहते हैं कि हनुमान ने लंका में आग लगाने के लिये राम से इजाजत नहीं ली थी. मेरे लिये भी भाजपा लंका की ही तरह है.

भाजपा और हिन्दू युवा वाहिनी के लोग सुनील सिंह के कामों को विरोधी गतिविधियां मानते हुये विपक्षी दलों की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं. दूसरी ओर राजनीति के जानकार यह मान रहे हैं कि हिन्दू युवा वाहिनी के विवाद को भड़का कर योगी को कमजोर करने की कोशिश में भाजपा के कुछ लोग भी लगे हैं. उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह चर्चा का विषय है कि भाजपा में योगी का भविष्य 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम पर निर्भर करेगा. ऐसे में अगर योगी ताकतवर रहेंगे तो उनके खिलाफ मनमानी करना आसान नहीं होगा. ऐसे में अगर हिन्दू युवा वाहिनी कमजोर रहेगी, तो योगी आदित्यनाथ पार्टी के हर फैसले को मान लेंगे.

कर्नाटक चुनावों के बाद सरकार ने बढ़ाए पेट्रोल और डीजल के दाम

कर्नाटक चुनाव के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी की गई है. दिल्ली में पेट्रोल 17 पैसे और डीजल 21 पैसे तक महंगा हो गया है. आपको बता दें, पेट्रोल-डीजल के दाम पिछले 19 दिनों से होल्ड पर थे. 19 दिन बाद एक साथ इतने दाम बढ़ाए गए हैं. कर्नाटक चुनाव के चलते तेल कंपनियों ने रोजाना होने वाले बदलाव पर 24 अप्रैल से रोक लगा रखी थी. पहले से ही तय माना जा रहा था कि कर्नाटक चुनाव होते ही एक साथ पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाएंगे.

रिकौर्ड ऊंचाई पर पहुंचा डीजल

दिल्ली में पेट्रोल के दाम में 17 पैसे का इजाफा किया गया है. यह 74.99 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है. वहीं, डीजल के दाम 21 पैसे बढ़ाए गए हैं, यह 66.14 रुपए प्रति लीटर पहुंच गया है. डीजल का यह रिकौर्ड स्तर है. जबकि पेट्रोल 55 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया है. मुंबई में पेट्रोल 17 पैसे बढ़कर 82.65 प्रति लीटर पर पहुंच गया है. वहीं, डीजल 23 पैसे महंगा होकर 70.43 के पास पहुंच गया है.

नुकसान पूरा कर रही हैं कंपनियां

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औयल मार्केटिंग कंपनियों (IOC, HPCL, BPCL) ने पेट्रोल-डीजल की रोजाना बदलने वाली कीमतों पर कर्नाटक चुनाव के चलते रोक लगा रखी था. हालांकि, कंपनियों को इससे नुकसान हो रहा था. इसलिए अब भरपाई के लिए कंपनियां रोजाना धीरे-धीरे करके दाम बढ़ाएंगी. अमेरिकी डौलर के मुकाबले रुपया 15 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है, जिसकी वजह से कंपनियों की लागत बढ़ गई है. कच्चा तेल खरीदना कंपनियों के लिए महंगा हो गया है. ऐसे में कंपनियां को अपना नुकसान पूरा करने के लिए 5 रुपए तक पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने होंगे.

क्रूड की कीमतों में उछाल जारी

वैश्विक बाजार में कच्चा तेल की कीमतों में लगातार इजाफा जारी रही है. 2014 नवंबर के बाद पहली बार वैश्विक बाजार में डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 70 डौलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई हैं. वहीं, ब्रेंट क्रूड के दाम 76 डौलर प्रति बैरल से ऊपर निकल चुका है. ऐसे में कंपनियों के पास कीमतों में कटौती की गुंजाइश नहीं है.

और महंगा होगा पेट्रोल-डीजल

सीनियर एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, यह पहले से तय था कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी. हालांकि, यह मामूली इजाफा किया गया है. अभी कीमतों में तेज इजाफा देखने को मिल सकता है. नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल पर 4 से 5 रुपए और डीजल पर 2 से 3 रुपए तक का इजाफा हो सकता है. हालांकि, यह इजाफा एक दिन में नहीं होगा.

गुजरात चुनाव के वक्त भी बढ़े थे दाम

वर्ष 2017 दिसंबर में गुजरात चुनाव के समय भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 15 दिनों के लिए होल्ड पर रखा गया था. मतदान के दिन तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें नहीं बढ़ी थीं. लेकिन, चुनाव के बाद एक साथ पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपए बढ़े थे. उस वक्त भी तेल कंपनियों ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए ही ऐसा किया था. हालांकि, उस वक्त क्रूड के दाम निचले स्तर पर थे.

महंगाई भी बढ़ेगी

पेट्रोल और डीजल के महंगे होने से महंगाई का बढ़ना भी तय माना जा रहा है. अब क्रूड महंगा होने और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा होने पर महंगाई बढ़ने का खतरा है. जानकारों का भी यही मानना है कि महंगाई में कुछ हद तक बढ़ोतरी होगी.

ग्रोथ पर भी पड़ेगा असर

अरुण केजरीवाल के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल महंगा होने से देश की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ेगा. सरकार का फिस्कल डेफिसिट और चालू खाता घाटा दोनों बढ़ सकते हैं. डौलर के मुकाबले रुपया और कमजोर हो सकता है. इसका असर इंपोर्ट और इंपोर्ट होने वाली चींजों पर साफ दिखाई देगा. दोनों ही महंगी हो जाएंगी.

अपना खुद का चक्रव्यूह : भाग 2

प्रवीण ने बताया कि बर्रा विश्व बैंक निवासी नेहा सिंह के कहने पर उस ने अपने दोस्त देवेंद्र नागर के साथ मिल कर नेहा सिंह के घर पर ही संदीप की हत्या की थी और शव को कार में रख कर पांडु नदी में फेंक दिया था.

प्रवीण कुमार की निशानदेही पर पुलिस ने नेहा सिंह और देवेंद्र नागर को उन के बर्रा स्थित घर से हिरासत में ले लिया. नेहा सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने आला कत्ल हंसिया, लूटी गई नकदी, मोबाइल फोन, सोने की चेन, 2 अंगूठियां तथा बैग भी बरामद कर लिया.

संदीप से लूटे गए पैसों में से प्रवीण कुमार ने 3 पैंटशर्ट खरीदी थी. पुलिस ने वह भी बरामद कर लीं. हत्या में प्रयुक्त कार को भी पुलिस ने बरामद कर लिया. पुलिस द्वारा अभियुक्तों से की गई पूछताछ में नाजायज रिश्तों की सनसनीखेज कहानी प्रकाश में आई.

हंसतेखेलते परिवार के दरवाजे पर मौत की दस्तक

उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर से करीब 30 किलोमीटर दूर एक बड़ी आबादी वाला कस्बा घाटमपुर है. तहसील होने के कारण हर रोज यहां खूब चहलपहल रहती है. इसी कस्बे के जवाहरनगर मोहल्ले में महेंद्र सिंह अपने परिवार के साथ रहते थे. उन के परिवार में पत्नी मालती के अलावा 2 बेटे संदीप, कुलदीप और 2 बेटियां थीं.

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महेंद्र सिंह प्रतिष्ठित और धनाढ्य व्यक्ति थे. राजनैतिक लोगों में भी उन की अच्छी पहुंच थी. दोनों बेटियों की वह अच्छे परिवारों में शादी कर चुके थे.

भाईबहनों में संदीप सब से छोटा था. वह पढ़ाईलिखाई में तेज था. इंटरमीडिएट पास करने के बाद उस ने इलैक्ट्रिकल से पौलिटेक्निक का डिप्लोमा किया था. इस के बाद उस ने सरकारी नौकरी की कोशिश की लेकिन असफल रहा.

जब नौकरी नहीं मिली तो संदीप ने अपने पिता से कानपुर में कोई दुकान खोलने की इच्छा जाहिर की. थोड़े प्रयास के बाद उन्हें नौबस्ता के चित्रा डिग्री कालेज के पास एक दुकान किराए पर मिल गई. चूंकि संदीप ने इलैक्ट्रिकल से डिप्लोमा किया था, अत: उस ने बिजली के सामान की दुकान खोल ली. कुछ ही समय में उस की दुकान ठीकठाक चलने लगी.

दुकान पर ही एक रोज उस की मुलाकात रेनू से हुई. उस रोज वह दुकान पर अपनी प्रैस ठीक कराने आई थी. 20 वर्षीय रेनू बेहद खूबसूरत थी. पहली ही नजर में वह संदीप के दिल में रचबस गई. वह संदीप की दुकान से कुछ ही दूर स्थित कच्ची बस्ती में रहती थी. उस के मातापिता की मौत हो चुकी थी. उस का एक भाई अजय था, वह उसी के साथ रहती थी. अजय टैंपो चलाता था.

संदीप ने रेनू का फोन नंबर ले लिया, जिस के बाद वह किसी न किसी बहाने उस से बात करता रहता था. लगातार बात होने से संदीप और रेनू के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं. संदीप भी सजीला व हृष्टपुष्ट युवक था. रेनू भी उसे चाहने लगी थी. चाहत दोनों ओर से बढ़ी तो दोनों घूमनेफिरने भी जाने लगे. एक दिन बाजार बंदी के दिन संदीप रेनू को मोतीझील पार्क ले गया. वहीं पर बातचीत के दौरान संदीप ने रेनू से अपने प्यार का इजहार कर दिया.

रेनू संदीप के चेहरे पर एक गहरी नजर डाल कर बोली, ‘‘संदीप, प्यार तो मैं तुम से करती हूं, लेकिन मुझे डर लग रहा है.’’

‘‘कैसा डर?’’ संदीप ने पूछा.

‘‘यही कि तुम मुझे मंझधार में तो नहीं छोड़ दोगे?’’

‘‘कैसी बात करती हो रेनू, तुम तो मेरे दिल में बसी हो. मैं वादा करता हूं कि मैं तुम्हारे हर सुखदुख में साथ दूंगा और जीवन भर साथ निभाऊंगा.’’

रेनू और संदीप का प्यार परवान चढ़ ही रहा था कि उसी दौरान किसी तरह उन के घर वालों को इस की भनक लग गई. यह रिश्ता न तो रेनू के भाई अजय को मंजूर था और न ही संदीप के पिता महेंद्र सिंह को.

पर संदीप और रेनू एकदूसरे को दिलोजान से चाहते थे, इसलिए घर वालों के विरोध के चलते दोनों भाग गए. इस पर रेनू के भाई अजय ने इस की रिपोर्ट थाना नौबस्ता में दर्ज करा दी.

नौबस्ता पुलिस संदीप के पिता और भाई को पकड़ लाई. इस की भनक जब संदीप और रेनू को लगी तो दोनों थाने में हाजिर हो गए. उन के आने पर पुलिस ने दोनों पक्षों का समझौता करा दिया. इस के बावजूद दोनों ने आर्यसमाज पद्धति से विवाह कर लिया. विवाह के बाद दोनों हंसीखुशी जीवन व्यतीत करने लगे.

प्यार की मिठास बदलने लगी कड़वाहट में

रेनू की शादी को अभी एक साल ही बीता था कि संदीप के जीवन में एक और लड़की नेहा सिंह आ गई. नेहा सिंह मूलरूप से हमीरपुर के बंडा गांव की रहने वाली थी. 3 भाईबहनों में वह सब से बड़ी थी. नेहा के पिता हाकिम सिंह खेतीकिसानी करते थे. वह साधारण परिवार से थे. उन की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं थी.

इसी बंडा गांव में संदीप का ननिहाल था. संदीप कभीकभी ननिहाल जाता था. उस के मामा और नेहा का घर अगलबगल था. दोनों परिवारों में घनिष्ठता भी थी. इसलिए नेहा का आनाजाना बना रहता था. एक बार जब संदीप ननिहाल गया तो सजीधजी नेहा से उस की आंखें चार हुईं. नेहा भी संदीप को देख कर प्रभावित हुई. फिर दोनों में बातचीत होने लगी. जल्द ही बातचीत प्यार में बदल गई. बाद में उन्होंने अपनी हसरतें भी पूरी कर लीं.

इधर संदीप और नेहा के प्यार की भनक हाकिम सिंह को लगी तो उन्होंने आननफानन में नेहा का विवाह कानपुर के तिलसड़ा गांव निवासी रणवीर सिंह के साथ कर दिया. लेकिन शादी के बाद भी संदीप ने नेहा का पीछा नहीं छोड़ा और वह उस की ससुराल भी जाने लगा. नेहा के पति रणवीर सिंह ने विरोध जताया तो नेहा ने उसे रिश्तेदार बता कर पति का विरोध दबा दिया.

उन्हीं दिनों संदीप सिंह की दिल्ली में रिलायंस कंपनी में इलैक्ट्रिशियन के पद पर नौकरी लग गई. वह पत्नी रेनू के साथ पुरानी दिल्ली (दाईवाड़ा) में किराए के मकान में रहने लगा. दूर व व्यस्त रहने के कारण संदीप का नेहा से मिलना बंद हो गया. दिल्ली में संदीप व रेनू हंसीखुशी से रहने लगे. अब तक रेनू 2 बच्चों की मां बन चुकी थी.

इधर नेहा ने भी शादी के एक साल बाद एक बेटे को जन्म दिया. बेटे के जन्म के बाद नेहा ने पति रणवीर सिंह पर दबाव डाला कि वह शहर जा कर कोई नौकरी करे ताकि पैसा आए. रणवीर सिंह ने पत्नी की बात मान कर कोशिश की तो एक दोस्त की मार्फत उसे गाजियाबाद की एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी मिल गई. कुछ महीने बाद नेहा भी पति के साथ गाजियाबाद में रहने लगी.

बाद में संदीप को जब पता चला कि नेहा अपने पति के साथ गाजियाबाद में रह रही है, तो उस की बांछें खिल उठीं. एक रोज वह नेहा के कमरे पर जा पहुंचा. दोनों एकदूसरे को देख चहक उठे. पुरानी यादें ताजा हो गईं. मिलन की प्यास जागी तो दोनों खुद को रोक नहीं सके.

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इस के बाद तो यह आए दिन का सिलसिला बन गया. रणवीर ड्यूटी पर जाता तो संदीप आ जाता. फिर दोनों मौजमस्ती करते. इसी दरम्यान एक रोज संदीप ने धोखे से नेहा का अश्लील वीडियो बना लिया और आपत्तिजनक स्थिति के फोटो भी मोबाइल में कैद कर लिया.

मोबाइल गुम होने पर इस नंबर पर कौल कर पता लगाएं कहां है आपका फोन

अगर आपका फोन गुम या चोरी हो जाए तो ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि बस एक नंबर डायल कर आप अपने फोन को आसानी से खोज सकते हैं. जी हां, ये मजाक नहीं सच है. दरअसल, एक सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर तैयार किया गया है. इसके जरिए आईएमईआई नंबर और मोबाइल से जुड़ी सभी जानकारी पता चल जाएगी. इसपर शिकायत करने के बाद फोन पर कोई भी नेटवर्क काम नहीं करेगा और पुलिस चोरी या गुम हुए फोन तक आसानी से पहुंच जाएगी. खबरों के मुताबिक दूरसंचार विभाग अगले 2-3 हफ्ते के अंदर इसे महाराष्ट्र सर्किल से शुरुआत कर सकता है. इतना ही नहीं ये दिसंबर तक पूरे देश में शुरू हो सकता है. सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर 14422 भी जारी किया है जिसपर चोरी या गुम मोबाइल की शिकायत की जा सकती है.

टेलीकौम मंत्रालय की पहल

टेलीकौम विभाग (DoT) ने की इसकी पहल शुरू की है. सरकार की तरफ से जारी इस हेल्पलाइन नंबर पर आप अपनी शिकायत फोन करके या फिर एसएमएस के जरिए भी कर सकते हैं. ऐसा करते ही आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी.

टेलीकौम विभाग ने तैयार किया मैकेनिज्म

दूरसंचार प्रौद्योगिकी केंद्र (सी-डौट) ने चोरी या गुम मोबाइल का पता लगाने के लिए एक मैकेनिज्म तैयार किया है. इसे सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) नाम दिया गया है. सीईआईआर में देश के हर नागरिक का मोबाइल मौडल, सिम नंबर और आईएमईआई नंबर है.

पुलिस को दिया जाएगा मैकेनिज्म

मोबाइल मौडल पर फोन बनाने वाली कंपनी की तरफ से जारी आईएमईआई (IMEI) नंबर मिलाने के लिए तैयार मैकेनिज्म सी-डौट ने ही बनाया है. इस मैकेनिज्म को चरणबद्ध तरीके से राज्यों की पुलिस को सौंपा जाएगा. मोबाइल के खोने पर शिकायत दर्ज होते ही पुलिस और सर्विस प्रोवाइडर कंपनी मोबाइल मौडल और आईएमईआई का मिलान करेंगी.

शिकायत के बाद कोई सिम काम नहीं करेगी

सी-डौट के मुताबिक, शिकायत मिलने पर मोबाइल में कोई भी सिम लगाए जाने पर नेटवर्क नहीं आएगा. लेकिन, उसकी ट्रैकिंग होती रहेगी.

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क्रिकेट का छोटा हो रहा प्रारूप चिंता का विषय : सौरव गांगुली

क्रिकेट के इतिहास में कई बदलाव आए हैं. 1877 से पहला टेस्ट मैच खेले जाने के 100 साल बाद के समय में इतने बदलाव नहीं आए जितने उसके बाद के 40 सालों में अब तक आ गए. लेकिन सबसे चिंतित बदलाव क्रिकेट छोटे हो रहे प्रारूप को लेकर है. पहले क्रिकेट का प्रारूप बड़ा होता था. अभी तक टेस्ट क्रिकेट  मैच में पहले पांच दिन का होता आया है. अब उसे चार दिन का किए जाने की बात शुरु हो चुकी है.

इसी बीच वनडे प्रारूप आया 50 ओवर के मैच फिर उसके बाद टी20 अब इंग्लैंड ने 100 गेंदों का मैच लाने की तैयारी शुरु कर दी है. क्रिकेट के छोटे होते जा रहे इस फौर्मेट पर भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने चिंता जताई है. उन्हें डर है कि कहीं क्रिकेट इतना छोटा न हो जाए की अपना अस्तित्व ही खो दे.

सौरव ने अपना डर हाल ही में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की ओर से प्रस्तावित 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर की है. गांगुली ने शुक्रवार को कहा कि ईसीबी के इस 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरूत है. हालांकि गांगुली ने यह भी कहा कि यह देखना होगा कि यह किस तरह से अस्तित्व में आता है.

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गांगुली ने कहा, “यह वास्तव में 16.3 ओवर का खेल है. 50 ओवर से क्रिकेट 20 ओवर तक आया और अब लगभग साढ़े 16 ओवर तक. देखते हैं कि क्या होता है. मुझे लगता है कि उनके दिमाग में ओवरों की वजह 100 की संख्या है. हमें देखना होगा कि क्रिकेट और कितना छोटा होता है.”

यहां अंडर-16 क्रिकेट टूर्नामेंट प्रो स्टार लीग के मौके पर गांगुली ने कहा, “आपको इसे लेकर सावधान रहना होगा. ऐसा नहीं होना चाहिए की दर्शक आएं, पलक झपके और मैच खत्म. दर्शक खेल का लुत्फ लेना चाहते हैं जिसे एक निश्चित समय तक ले जाने का दबाव रहे और जिसमें उन्हें सही प्रतिभा और सही विजेता दिखे.”

यह होगा असर फौर्मट छोटा हो जाने से

गांगुली का मानना है कि खेल का प्रारुप जितना छोटा होता जाएगा, सर्वश्रेष्ठ और आम प्रतिभा के बीच अंतर कम होता जाएगा. उन्होंने कहा, “प्रारुप जितना छोटा होता जाएगा, अच्छे और आम खिलाड़ी के बीच का अंतर उतना कम होता जाएगा.” गांगुली ने कहा कि असल क्रिकेट तो टेस्ट मैच ही है क्योंकि आपको एक ही ऊर्जा से दिन के आखिरी सत्र तक गेंद फेंकनी होती है.

उन्होंने कहा, “इसलिए टेस्ट क्रिकेट अभी तक सबसे बड़ी चुनौती है. यहां आपको सुबह आकर गेंदबाजी करनी है फिर दिन में भी और फिर चायकाल के बाद भी और अंत तक आपको 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करनी होती है.” भारत के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले गांगुली ने कहा, “इसके लिए एकाग्रता की जरूरत होती है, तकनीक की जरूरत होती है. टी-20 बना रहेगा क्योंकि इसके वित्तीय कारण हैं और इसमें मजा भी आता है लेकिन असल मजा लंबे प्रारुप में है.”

युवा दर्शकों को आकर्षित करना है मकसद

अप्रैल में 100-बाल क्रिकेट का प्रस्ताव आया था जिसका मकसद युवा दर्शकों को आकर्षित करना है. हालांकि इंग्लैंड के ही कुछ खिलाड़ी इस प्रारुप के खिलाफ हैं. ईसीबी के निदेशक एंड्रयू स्ट्रास ने कहा था कि यह प्रस्ताव वह 2020 में लागू करेंगे जिसका मकसद बच्चों और माताओं को ग्रीष्मकाल की छुट्टियों में खेल से जोड़ना होगा.

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