क्रिकेट के इतिहास में कई बदलाव आए हैं. 1877 से पहला टेस्ट मैच खेले जाने के 100 साल बाद के समय में इतने बदलाव नहीं आए जितने उसके बाद के 40 सालों में अब तक आ गए. लेकिन सबसे चिंतित बदलाव क्रिकेट छोटे हो रहे प्रारूप को लेकर है. पहले क्रिकेट का प्रारूप बड़ा होता था. अभी तक टेस्ट क्रिकेट  मैच में पहले पांच दिन का होता आया है. अब उसे चार दिन का किए जाने की बात शुरु हो चुकी है.

इसी बीच वनडे प्रारूप आया 50 ओवर के मैच फिर उसके बाद टी20 अब इंग्लैंड ने 100 गेंदों का मैच लाने की तैयारी शुरु कर दी है. क्रिकेट के छोटे होते जा रहे इस फौर्मेट पर भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने चिंता जताई है. उन्हें डर है कि कहीं क्रिकेट इतना छोटा न हो जाए की अपना अस्तित्व ही खो दे.

सौरव ने अपना डर हाल ही में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की ओर से प्रस्तावित 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर की है. गांगुली ने शुक्रवार को कहा कि ईसीबी के इस 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरूत है. हालांकि गांगुली ने यह भी कहा कि यह देखना होगा कि यह किस तरह से अस्तित्व में आता है.

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गांगुली ने कहा, "यह वास्तव में 16.3 ओवर का खेल है. 50 ओवर से क्रिकेट 20 ओवर तक आया और अब लगभग साढ़े 16 ओवर तक. देखते हैं कि क्या होता है. मुझे लगता है कि उनके दिमाग में ओवरों की वजह 100 की संख्या है. हमें देखना होगा कि क्रिकेट और कितना छोटा होता है."

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