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इस पर नेहा डर गई और संदीप उस का शारीरिक शोषण करता रहा. रणवीर ने लगभग 4 साल तक गाजियाबाद में नौकरी की. बाद में उस की नौकरी छूट गई तो वह अपने गांव तिलसड़ा आ गया.

नेहा का बेटा 5 साल का हो चुका था. वह उसे गांव के प्राइमरी स्कूल में नहीं पढ़ाना चाहती थी. बेटे को शहर में पढ़ाने के लिए नेहा ने पति पर दबाव डाला तो रणवीर ने कानपुर शहर में बर्रा विश्व बैंक के बी ब्लौक में एक कमरा किराए पर ले लिया और नेहा के साथ रहने लगा.

यह मकान सपा नेता वैभव मिश्रा का था. वह बर्रा में ही अपने दूसरे मकान में परिवार सहित रहते थे. किराए के मकान में आ कर नेहा ने अपने बेटे का दाखिला इंग्लिश मीडियम स्कूल में करा दिया. किराए के इसी मकान में नेहा की मुलाकात प्रवीण कुमार श्रीवास्तव से हुई. वह मूलरूप से पटेलनगर, कालपी का रहने वाला था और डी ब्लौक बर्रा में किराए पर रहता था. प्रवीण कुमार सपा नेता वैभव मिश्रा का ड्राइवर था. इस के अलावा वह मकान का किराया भी वसूलता था.

नेहा को मिला नया प्रेमी

चंचल व हंसमुख नेहा से प्रवीण की जल्द ही दोस्ती हो गई. दोस्ती प्यार में बदली, फिर दोनों के बीच नाजायज रिश्ता बन गया. इस के बाद वह नेहा की हर तरह से मदद करने लगा. नेहा का पति रणवीर सिंह किसान था. कभी वह नेहा के साथ रहता तो कभी महीनों तक गांव में, जिस से प्रवीण को नेहा से मिलने में कोई बाधा नहीं होती थी.

संदीप सिंह नेहा की टोह में लगा रहता था. वह अय्याश प्रवृत्ति का था. उसे जब पता चला कि नेहा अब बर्रा विश्व बैंक कालोनी में रहने लगी है तो वह वहां भी आने लगा और नेहा का शारीरिक शोषण करने लगा. नेहा जब उस का फोन रिसीव नहीं करती तो वह विभिन्न नंबरों से काल करता. नेहा जब फोन रिसीव कर लेती तो वह उसे भद्दीभद्दी गालियां देता और अश्लील फोटो नातेरिश्तेदारों व घर वालों को भेजने की धमकी देता.

दरअसल नेहा के पास स्मार्टफोन नहीं था. संदीप ने फेसबुक पर उस के नाम की आईडी बना रखी थी, जिसे वह खुद ही अपडेट करता था. अकसर वह सोशल साइट पर नेहा की फोटो के साथ किसी न किसी रिश्तेदार का फोन नंबर डाल कर घर वालों को परेशान करता रहता था. संदीप ने नेहा के मौसेरे भाई को नेहा की अश्लील फोटो भेज भी दी थी.

शारीरिक शोषण और संदीप की गंदी हरकतों से आजिज आ कर नेहा ने अपने नए प्रेमी प्रवीण कुमार श्रीवास्तव को अपनी व्यथा सुनाई और संदीप से निजात दिलाने की बात कही. इस पर प्रवीण ने नेहा को बातचीत के जरिए समस्या को सुलझाने की सलाह दी.

पहली मार्च को होली थी. संदीप होली मनाने पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली से अपने घर घाटमपुर आया. इन दिनों संदीप के पिता महेंद्र सिंह नौबस्ता (कानपुर) के आशानगर में नया मकान बनवा रहे थे. संदीप इसी निर्माणाधीन मकान में कई रोज रह कर देखरेख करता था.

8 मार्च को संदीप ने नेहा सिंह से बात करने के लिए उस का फोन नंबर मिलाया. लेकिन नेहा ने फोन रिसीव नहीं किया. कई बार प्रयास के बाद नेहा ने फोन रिसीव किया तो वह नाराज हुआ और कर्रही (बर्रा) में मिलने को कहा. नेहा मिलने आई तो संदीप ने उसे गालियां दीं और फोन न उठाने तथा मिलने से इनकार करने पर 2 थप्पड़ भी जड़ दिए. नेहा तमतमा कर घर चली गई और संदीप पत्नीबच्चों के साथ दिल्ली चला गया.

चोट खाई नागिन बन गई नेहा अपमानित नेहा ने प्रेमी प्रवीण कुमार से संपर्क किया और संदीप द्वारा बेइज्जत करने और थप्पड़ मारने की बात बताई. नेहा ने कहा कि संदीप की ज्यादतियां अब बरदाश्त नहीं होतीं. अत: उसे रास्ते से हटाना ही होगा, जिस के लिए तुम्हें साथ देना होगा.

अगर तुम ने साथ नहीं दिया तो आज के बाद मुझ से बात नहीं करना. प्रेमिका की जिद पर प्रवीण कुमार संदीप को रास्ते से हटाने को राजी हो गया. साथ देने के लिए उस ने अपने दोस्त बर्रा निवासी देवेंद्र नागर को भी राजी कर लिया.

18 मार्च, 2018 को संदीप ने दिल्ली से नेहा को फोन किया कि वह 19 मार्च को कानपुर आ रहा है, उसे मिलना होगा. इस पर नेहा ने जवाब दिया कि बेटे शुभम के पेपर 15 मार्च को खत्म हो गए हैं. अब वह अपनी ससुराल तिलसड़ा (घाटमपुर) में है, इसलिए मिलना संभव नहीं है. इस पर संदीप ने उस के फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी दी. धमकी से नेहा डर गई और बर्रा विश्व बैंक कालोनी स्थित मकान में मिलने का वादा कर लिया.

संदीप के शहर आने की जानकारी पर नेहा 19 मार्च की दोपहर ससुराल से कानपुर आ गई. किराए के मकान पर पहुंचने के बाद नेहा ने प्रवीण कुमार को मैसेज किया कि संदीप आ रहा है. आ जाना, आज उसे उल्टा करना है. मैसेज पढ़ कर प्रवीण अपने दोस्त देवेंद्र के साथ रात 9 बजे नेहा के कमरे पर पहुंच गया. नेहा ने दोनों को छत पर बैठा दिया.

इधर 19 मार्च को संदीप रात 10 बजे दिल्ली से कानपुर आया. इस बीच वह पिता, पत्नी व प्रेमिका के संपर्क में रहा. रास्ते में उस ने खाने का सामान व शराब की बोतल खरीदी, फिर रात 12 बजे के आसपास नेहा के घर पहुंच गया.

नेहा ने संदीप के साथ खाना खाया और उसे शराब पिलाई. इस के बाद संदीप ने बदन से सारे कपड़े उतारे और नेहा के शरीर से खेलने लगा. शारीरिक भूख मिटाने के बाद संदीप अंडरवियर में ही पलंग पर लेट गया और कुछ ही देर में खर्राटे भरने लगा.

उचित मौका देख कर नेहा ने छत पर बैठे प्रवीण व उस के दोस्त देवेंद्र नागर को कमरे में बुला लिया. तीनों मिल कर संदीप का गला स्टोल (दुपट्टे) से कसने लगे तो वह हाथपैर चलाने लगा. तभी नेहा हंसिया ले आई और उस ने संदीप के सिर, गले व दिल पर कई वार किए. प्रवीण ने भी संदीप को हंसिए से गोदा जिस से उस की मौत हो गई.

संदीप को मौत के घाट उतारने के बाद नेहा और उस के प्रेमी प्रवीण ने उस के गले से सोने की चेन और अंगुलियों से दोनों अंगूठियां उतार लीं. पैंट की तलाशी ली तो जेब में पैसे मिले, जो निकाल लिए. फिर संदीप को अंडरवियर पहनाया जो जल्दबाजी में उल्टा पहना दिया गया. फिर पैंटशर्ट पहनाई और लाश चादर में लपेट दी.

शव को ठिकाने लगाने के लिए प्रवीण कुमार रात 3 बजे अपने मालिक वैभव मिश्रा के घर पहुंचा और बताया कि उस की बहन की तबीयत ज्यादा खराब है, उसे अस्पताल पहुंचाना है. अत: कार की चाबी चाहिए. वैभव मिश्रा ने पहले तो इनकार किया. लेकिन पत्नी के कहने पर कार की चाबी दे दी. कार ले कर प्रवीण कुमार नेहा के कमरे पर आया और संदीप के शव को कार में रख कर तीनों पांडु नदी के काठ पुल पर पहुंचे और शव को पुल के नीचे फेंक दिया. लाश फेंक कर वे वापस लौट आए.

इधर 21 मार्च को गहोई निवासी बबलू भदौरिया ने पांडु नदी में एक युवक की लाश पानी पर तैरती देखी तो उस ने बर्रा थानाप्रभारी को सूचना दे दी.

थानाप्रभारी भास्कर मिश्रा ने तीनों अभियुक्तों से पूछताछ के बाद 23 मार्च, 2018 को कानपुर कोर्ट में सीएमएम की अदालत में पेश किया, जहां से तीनों को जिला जेल भेज दिया गया. कथा संकलन तक उन की जमानत नहीं हुई थी.

– कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

 

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