संजीव निकहत से शादी के सपने अपनी आंखों में संजोए अपने शहर लौट आया. वह जल्द से जल्द अपने वकील से मिल कर मोनिका से तलाक के बारे में डिस्कस करना चाहता था. अपने शहर पहुंच कर जब संजीव मोनिका के बाप की दी हुई कोठी की जगह अपने पुराने बंगले में अपनी मां रजनीदेवी के पास पहुंचा तो उसको जो नयी बात पता चली, उसने उसकी सारी परेशानी बैठे-बिठाये ही हल कर दी. दरअसल टीवी चैनलों और अखबारों के जरिए उसके और निक्की खान के रोमान्स के चर्चे पहले ही मोनिका और उसके पिता सेठ राजनारायण तक पहुंच चुके थे. सेठ राजनारायण ने इस बात को लेकर संजीव के मां-बाप को काफी खरी-खोटी सुनायी थी और उनसे सारे सम्बन्ध खत्म कर लिये थे. मोनिका का गुस्सा तो सातवें आसमान पर था. वह तो अब संजीव की शक्ल भी नहीं देखना चाहती थी. यहां तक कि उसने खुद अपने वकील से मिलकर तलाक के कागजात तैयार करवा कर उसके घर भिजवा दिये थे, जिन पर सिर्फ संजीव को हस्ताक्षर भर करने थे. सेठ राजनारायण ने संजीव को अपने तमाम कारोबार और कोठी से बेदखल कर दिया था. यह सारी बातें संजीव की मां रजनीदेवी संजीव को फोन पर बताना चाहती थीं, मगर संजीव ने तो मुम्बई जाते ही अपना फोन नम्बर ही बदल दिया था. अखबारों के जरिए रजनीदेवी को पता चला था कि वह निक्की खान के साथ रह रहा है तो उन्होंने निक्की खान के बंगले पर भी कई बार फोन किया, लेकिन किसी ने उनकी बात संजीव से नहीं करवायी.