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"वैसा ही था...?’’ शालिनी भाभी ने वैसा पर जोर दे कर कहा.‘‘मैं समझी नहीं,’’ यह सुन कर मेरा चेहरा बन गया. "आप को पता नहीं कि उन्होंने पटना में एक महिला से शादी की थी,’’ जान कर मुझे तीव्र आघात लगा. मुझे उन के चरित्र को ले कर कभी शकशुबहा नहीं हुआ. मेरे मांबाप ने मुझे उन के बारे में जो बताया, वही मेरा सामान्य ज्ञान था.

कुछ सोच कर मैं ने पूछा, ‘‘आप को कैसे पता चला?’’ ‘‘बाद में बताऊंगी. अभी सिर्फ इतना जानो कि उस का नाम सुंदरी था. वह वाकई में बेहद खूबसूरत थी. जब वह पहली बार नौकरी में आई, तब सारा महकमा उस का दीवाना हो गया. मगर, उस ने किसी को घास नहीं डाली. मगर, कब तक? नई उम्र की नई उमंग. उमंगों ने हिलोर मारी, तो एक अधिकारी पर दिल आ गया. अधिकारी से उन का रिश्ता बना और वह पेट से हो गई. सुंदरी ने इस की चर्चा उस अधिकारी से की.

"हमें जल्द से जल्द शादी कर लेनी चाहिए,’’ सुंदरी परेशान थी. अधिकारी पेशोपेश में पड़ गया. कहतेकहते 2 महीना गुजर गया. सुंदरी बेचैन. करे तो क्या करे. एक दिन मौका पा कर सुंदरी अधिकारी के आवास पर आई. वे अकेले रहते थे. ‘‘आप को मुझ से आज ही कोर्ट मैरेज करनी होगी?’’ सुंदरी बिफर पड़ी.

‘‘ऐसा मेरे लिए संभव नहीं है,’’ अधिकारी ने साफ लफ्जों में ऐसा कह दिया. ‘क्यों...?’’ ‘‘क्योंकि, मैं पहले से ही शादीशुदा हूं.’’ यह जान कर सुंदरी के पैरों तले जमीन ही खिसक गई. लगा कि अचेत हो कर वह जमीन पर गिर पड़ेगी. उसे अधिकारी ने संभाला.

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