जनपरिजन अपने क्षेत्र से जनप्रतिनिधि चुन कर देश की सरकार के गठन में अपना दायित्व पूरा कर देते हैं. सरकार का कर्तव्य है कि वह तमाम सरकारी कामों के साथ देशजनों का हित करे. ऐसी ही व्यवस्था राज्यस्तर पर भी है.
देश की यानी केंद्र की सरकार और राज्य सरकारें क्या अपने दायित्व ईमानदारी से निभाती हैं? जवाब है नहीं, शायद ही कोई हो जो ईमानदारी से अपना कार्यकाल पूरा करे. हालांकि, हर सरकार जनहित की बात करती नज़र ज़रूर आती है. कुछ सरकारें जनहित के दावे भी करती हैं लेकिन, सिर्फ, जबानी.
हवा हुए दावे :
कोरोना, लौकडाउन, बीमारों के इलाज में भेदभाव और घर वापस जा रहे प्रवासी मजदूरों पर हर ओर किए गए ज़ुल्म ने देश की व सभी राज्यों की सरकारों को नंगा कर दिया है. सरकारें राजनीति कर नहीं, बल्कि खेल रही हैं, एक-दूसरे को मात देने में लगी हैं. कहीं जनहित नहीं हो रहा. कोई जनहित नहीं कर रहा. बस, जबानी दावे किए जा रहे हैं.
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जागरूक करती जबां :
सरकारों की जबानों से इतर, कोई जबान है जो दावा नहीं, बल्कि हकीकत में जनहित कर रही है. उस जबान को आप सुनते रहते हैं. वह आप के साथ है हर वक्त. उसे सब ने अपने मोबाइल में कैद कर रखा है. मोबाइल में छिपी हजारों जबानों में वह जबान भी है जो हकीकत में जनहित कर रही है.
वह जबान जनहित में क्या कहती है, यह तो आप सब ने कई बार सुना है, यहां उस जबान को पढ़िए –
“कोरोना वायरस या कोविड-19 से आज पूरा देश लड़ रहा है. मगर याद रहे, हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं. उन से भेदभाव न करें. उन की देखभाल करें. और इस बीमारी से बचने के लिए जो हमारी ढाल हैं, जैसे डाक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, पुलिस, सफाई कर्मचारी आदि, उन को सम्मान दें. उन्हें पूरा सहयोग दें. इन योद्धाओं की करो देखभाल, तो देश जीतेगा कोरोना से हर हाल. अधिक जानकारी के लिए स्टेट हेल्पलाइन नंबर या सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर 1075 पर कौल करें. भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी.”
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मिलिए ‘जनहित’ से :
आखिर इस फोन कौलर ट्यून में किस की जबान से यह आवाज आ रही है? जनहित का संदेश देने वाली इस जबान को सभी देशजन जाननापहचानना चाहते हैं. तो जानिए, यह जबान या आवाज देश की जानीमानी वायसओवर आर्टिस्ट जसलीन भल्ला की है. देशवासियों को जागरूक करने वाली इस आवाज की मल्लिका 40-वर्षीय जसलीन भल्ला ने अपने कैरियर की शुरुआत स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट से की थी. जर्नलिजम की फील्ड छोड़ कर उन्होंने वौयसओवर के क्षेत्र में जोरआजमाइश की और हिट हो गईं.
वौयसओवर की फील्ड में जसलीन 10 वर्षों से ज्यादा समय से फुलटाइम काम कर रही हैं. वे कई मशहूर विज्ञापनों को अपनी आवाज दे चुकी हैं. जसलीन ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि कई बार लोग यकीन नहीं करते कि यह आवाज उन्हीं की है. ऐसे में लोग उन से उसी मैसेज को बोल कर सुनानेदिखाने को कहते हैं. जसलीन बताती हैं कि वौयसओवर आर्टिस्ट होना उन के लिए गर्व की बात है.
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जसलीन ने एक इंग्लिश डेली को बताया कि उन्हें बिलकुल अंदाजा नहीं था कि उन की इस वौयस रिकौर्डिंग का इतना असर होगा. उन के इस कौलर ट्यून को इतनी पौपुलैरिटी मिली है कि इस पर मीम भी बने हैं. वहीँ, कहींकहीं तो लोगों ने इस कौलर ट्यून से तंग आ कर सरकार से इसे बंद करने की अपील भी कर दी है. इस पर जसलीन ने हंसते हुए बताया कि सब से पहले उन के परिवारवालों ने ही उन को चिढ़ाना शुरू कर दिया था और उन के पास उन के दोस्तों व रिश्तेदारों से भी इस संबंध में मैसेज आते हैं.
अजीब लगता है :
जसलीन से जब पूछा गया कि जब वे खुद किसी को कौल करती हैं और उन को अपनी ही आवाज सुनाई देती है तो उन्हें कैसा लगता है, तो उन का जवाब था, “बहुत ही अजीब सा लगता है. आप किसी को कौल करते हो और 30 सेकेंड तक आप को अपनी ही आवाज सुनाई देती है.”
जसलीन ने बताया कि उन्हें नहीं पता था प्रोड्यूसर की ओर से जो मैसेज उन्हें रिकौर्डिंग के लिए मिला था, वह हर भारतीय के फोन पर बजेगा. उन्होंने याद किया, ‘प्रोड्यूसर की ओर से बताया गया था कि हेल्थ मिनिस्ट्री के लिए जरूरी मैसेज रिकौर्ड करने हैं. इस में टोन थोड़ा गंभीर और जिम्मेदारीभरा सा रखना है.
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गर्व महसूस होता है :
एक मीडिया इंटरव्यू में जसलीन ने बताया, “मैं ने वास्तव में फरवरी के आखिरी सप्ताह में एक प्रोडक्शन हाउस के लिए यह संदेश रिकौर्ड किया था, मुझे नहीं पता था कि यह एक सार्वजनिक अभियान के लिए था. अब जब भी मैं यह सुनती हूं तो खुद पर गर्व महसूस करती हूं.”
बता दें कि 6-7 मार्च से भारत सरकार ने कोरोना वायरस से सचेत करने के लिए इस कौलर ट्यून को सेट कर दिया है. जब भी आप किसी को कौल करते हैं, तो सब से पहले एक महिला की आवाज में कोरोना वायरस से सचेत करने के लिए एक संदेश बोला जाता है.
खूबसूरत आवाज की मल्लिका जसलीन भल्ला ने दिल्ली मेट्रो, स्पाइसजेट,इंडिगो, डोकोमो, होर्लिक्स और स्लाइस मैंगो ड्रिंक आदि के लिए काम किया है. दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने के दौरान आप ने, ‘दरवाजे आप के बाईं ओर खुलेंगे, कृपया अंतर को ध्यान में रखें…’, तो सुना होगा, वह भी जसलीन भल्ला की ही आवाज है.
बहरहाल, महामारी के दौर में हर जन दूसरे जन का हित करे. सरकार पर कोई निर्भर न रहे. सरकार के मुखिया ने तो पहले ही कह दिया है – आत्मनिर्भर बनो. सो, सब से अच्छा है कि आत्मनिर्भर बनो. भारत सरकार द्वारा जनहित में जारी !