11 दिसंबर दोपहर 3 बजकर  25 मिनट पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (INDIAN SPACE RESEARCH ORGANIZATION-ISRO) ने श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के लौन्च पैड से रीसैट-2 बीआर 1 को लौन्च किया है और ये एक बहुत बड़ी कामयाबी है जो इसरो ने पायी है. इसके सभी 9 उपग्रह 21 मिनट के अंदर ही अपनी कक्षा में स्थापित हो गए हैं.

आपको बता दूं कि RiSaT-2BR1 का वजन 628 किलोग्राम है. देश की सेनाओं के लिए ये बहुत ही महत्वपुर्ण साबित होगा. ये उनकी मदद करेगा हर परिस्थिति में,चाहे बारिश, हो तूफान हो हर मौसम में ये काम करेगा. ये बादलों के पार भी तस्वीर ले पाएगा. चाहे कितना ही ज्यादा मौसम खराब क्यों ना हो लेकिन ये सीमाओं की साफ तस्वीर लेने में मददगार साबित होगा. इसकी सबसे खास बात ये है कि ये दिन और रात दोनों समय काम करेगा. इसरो ने इसे लौन्च करके एक नया रिकार्ड कायम किया है. इसका इस्तेमाल इमेंजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह के रूप में किया जाएगा.

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वैसे तो भारत हमेशा ही कोई ना कोई रिकौर्ड कायम करता रहता है लेकिन इस बार इस लौन्चिंग के तहत देश के दुश्मनों पर भारत आसानी से नजर रख पाएगा. RiSaT-2BR1 अपने साथ 9 उपग्रह साथ लेकर गया है, जिसमें जापान, इजरायल इटली के एक-एक उपग्रह हैं और अमेरिका के अकेले 6 उपग्रह शामिल हैं और इन 9 उपग्रह को मिलाने के बाद इसरो ने अब तक 319 विदेशी सैटेलाइट अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं, इसके कक्षा में स्थापित होने के बाद भारत की राडार इमेंजिंग ताकत कई गुना बढ़ गई है जो भारत के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगा. विशेषशज्ञों ने कहा है कि ये सबसे ज्यादा देश की सीमाओं में हो रहे घुसपैठ को रोकने में मदद करेगा और इससे भारत की शक्ति में भी इजाफा होगा.

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