लेखिका- ज्योति

मेरा यह लेख पढ़ने से पहले एक बार आप यह इमेजिन करिए कि आप अपनी फैमिली के साथ लौन्ग ड्राइव पर जा रहे हैं, रोड एकदम खाली है. आपने सोचा अरे वाह road  तो खाली है चलो स्पीड बढ़ाते हैं. आपकी स्पीड हुई  100 ,अरे वाह अभी भी कोई नहीं है आसपास,आपकी स्पीड हुई 120,अभी भी कोई नहीं है  स्पीड हुई 160 चलो और तेज करता हूं 180 फिर अचानक आपके सामने से कोई वाहन निकलता है ,और फिर........  ???????

क्या हुआ? आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते ,जब आप इसके बारे में सोच नहीं सकते तो आप कर कैसे सकते हैं, इतनी जल्दी क्यों? ओवर स्पीडिंग  के  कारण  हर साल जाने कितने  मासूमों  की जान चली जाती है. कुछ आंकड़ों के अनुसार -

एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं के कारण भारत में 1 साल में 58. 58 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान होता है, जिसका मूल्य देश की GDP के लगभग 3 % के बराबर  है . अधिकतम सड़क दुर्घटनाएं ओवर-स्पीडिंग के कारण होती हैं. एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में भारत में 1.5लाख से भी अधिक लोगों की जान गई है.

W.h.o. की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की दुर्घटनाओं से संबंधित मौतों में 11 % हिस्सा भारत का है. रिपोर्ट में सामने आया है कि सड़क दुर्घटनाओं की वजह से सबसे ज्यादा मौतें  तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में हुई हैं. दुर्घटनाओं में हुई मौतों में 18 से 60 वर्ष की आयु के लोगों की 84.7% हिस्सेदारी पाई गई है.

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