उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर जेल के अंदर से अपने रसूख का प्रयोग करते रहे. कोर्ट के आदेश के बाद भी सीबीआई ने उन्नाव रेप कांड की जांच धीमी रखी. सीबीआई पर सत्ता का दबाव साफ दिखता है. रेप पीडि़त लड़की ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी परेशानी बताने के लिए पत्र लिखा तो वह पत्र भी उस तक नहीं पहुंचा.

पीडि़त लड़की को जान से मारने के लिए विधायक ने चक्रव्यूह रचा. सड़क दुर्घटना में उस को मारने की साजिश में रेप पीडि़त लड़की और उस के परिवार को मारने के लिए कार पर ट्रक के टक्कर मारने की योजना बनी. रेप की घटना के 3 वर्षों बाद भी रेप कांड पर सत्ता का दबाव देखा जाता है. कुलदीप की घटना बताती है कि भाजपा दबंग नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है. दबंग और गुंडे टाइप के जो नेता पहले समाजवादी पार्टी में होते थे, अब वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं.

ऐसे दबंग विधायकों की कहानी नई नहीं है. मधुमिता हत्याकांड के बाद उस की बहन निधि ने मजबूती से लड़ाई लड़ी तो बाहुबलि नेता अमरमणि त्रिपाठी और उन की पत्नी मधुमणि को जेल के अंदर ही जिंदगी तमाम करनी पड़ रही है. ऐसे कई और मामले भी हैं. रेप कांड में फंसे उन्नाव के बाहुबलि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने रेप के मामले में पीडि़त को कमजोर करने के लिए हर दांव आजमा लिया पर उस की एक न चली. पूरा देश एक स्वर में कुलदीप सेंगर को सजा दिए जाने की मांग करते हुए पीडि़त के साथ खड़ा नजर आने लगा. इस का प्रभाव यह हुआ कि भारतीय जनता पार्टी को कुलदीप सेंगर को पार्टी से बाहर करना पड़ा.

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