उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर के बाद पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी के नेता स्वामी चिन्मयानंद पर लगे आरोप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गले की फांस बन गये है. उन्नाव और शाहजहांपुर की घटना के बहाने योगी आदित्यनाथ की जातीय घेराबंदी की जा रही है. दोनों मामले में मुख्यमंत्री की बदनामी का सबब बन रही है. असल में कुलदीप सेंगर और स्वामी चिन्मयानंद दोनो ही ठाकुर जाति के लोग है. कुलदीप सेंगर के मामले में योगी के साथ उत्तर प्रदेश के डीजीपी तक पर जातिगत आधार पर आरोप लगाये गये थे. स्वामी चिन्मयानंद के मामलें में जाति के साथ ही साथ संत की छवि और पहनावा भी आरोपों को हवा देने का काम कर रही है.

इस बारे में खुद स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि मेरी बदनामी की आड़े में मुख्यमंत्री की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची जा रही है. मैं पूरी तरह से निर्दोश हूं. उन्नाव कांड में भी विधायक कुलदीप सेंगर ने कहा कि लड़की के साथ हुई सडक हादसे से मेरा कोई मतलब नहीं है. कुलदीप मामले में पीड़ीता लडकी और उसके परिवार के साथ हुये सडक हादसे की जांच कर रही सीबीआई कोर्ट के आदेश के बाद भी 45 दिन में मामले की चार्जशीट दाखिल नहीं कर पा रही है. सीबीआई बारबार से कोर्ट से समय बढाने की मांग कर रही है.

खुद ही राजस्थान गई लड़की: 

जिस लड़की के गायब होने का आरोप स्वामी चिन्मयानंद पर लग रहा था वह खुद ही अपने दोस्त के साथ राजस्थान गई थी. एलएलएम यानि मास्टर औफ लौ की पढ़ाई करने वाली छात्रा ने 24 अगस्त 2019 को एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करके पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजेपी के नेता स्वामी चिन्मयानंद पर शोषण का आरोप लगाया. इसके बाद लड़की गायब हो गई. 30 अगस्त को लड़की के पिता ने शाहजहांपुर कोतवाली में धारा 364 और धारा 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने चिन्मयानंद के खिलाफ धमकी और अपहरण की धाराओं में केस दर्ज कर लड़की तलाश शुरू कर दी. लड़की तलाश के लिये पोस्टर लगाये गये. जिसको लेकर लड़की की जानकारी उजागर करने आरोप पुलिस को झेलना पड़ा.

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