शायद ही कभी किसी ने उन्हें माथे पर बिना तिलक के देखा हो. कभीकभी तो यह टीका अंग्रेजी के यू अक्षर के आकार का हो जाता था जो आमतौर पर वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी लगाते हैं. यूपीएससी के तिलकधारी चेयरमेन मनोज सोनी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जबकि उन का कार्यकाल अभी 5 साल और बचा था.

अब मनोज पूरे वक्त समाज और धार्मिक कार्य करेंगे. यह इस्तीफा ऐसे वक्त में दिया गया है जब एक आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर का विकलांगता और जाति प्रमाणपत्र शक और जांच के दायरे में है. जिस से कई सवाल और अंगुलियां स्वभाविकतौर पर मनोज सोनी पर भी उठ रहे हैं. हालांकि वे अपने फैसले का इस गंभीर प्रकरण से कोई वास्ता न होना बता रहे हैं लेकिन मात्र कह देने भर से कोई उन का भरोसा नहीं कर रहा है. राहुल गांधी प्रियंका गांधी, सहित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस मुद्दे पर सरकार को घेरे हुए हैं यानी दाल पूरी काली न सही पर उस में कुछ तो काला है. गौरतलब है कि पूजा का इंटरव्यू मनोज ने ही लिया था और उसे 275 में से 184 मार्क्स दिए थे.

मनोज सोनी की गिनती उन आईएएस अधिकारियों में शुमार होती है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कृपापात्र हैं. इन का काम महत्वपूर्ण प्राशासनिक पद पर रहते सरकार के राष्ट्रवादी एजेंडे को बढ़ावा देना होता है. इस के लिए जरुरी है कि अधिकारी पूजापाठी व कट्टर हिंदूवादी विचारधारा और मानसिकता का हो और उस की निष्ठां संविधान में कम मनु स्मृति में ज्यादा हो. इस पैमाने और शर्तों पर मनोज सोनी भी 100 फीसदी से ज्यादा फिट बैठ रहे थे इसलिए पिछले साल ही मई में यूपीएससी जैसी अहम एजेंसी का मुखिया बना दिया गया था. इस के पहले वे इस के यानी संघ लोक सेवा के सदस्य बनाए गए थे.

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