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एक मुकाम दो रास्ते

मेरा 7 साल का बेटा हर चीज को बार बार छूता है, क्या यह किसी प्रकार की बीमारी है ?

सवाल
मेरा बेटा 7 साल का है. कुछ दिनों से उस के व्यवहार में बदलाव आया है. वह हर चीज को बारबार छूता है और अपने हाथों को बारबार एक ही दिशा में चलाता है. मैं ने कई लोगों को ऐसा करते देखा है. क्या यह किसी प्रकार की बीमारी है? इस का क्या उपाय है?

जवाब
इस संबंध में डा. सुबोध गुप्ता (एमडी, मैडिसिन) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों के पेरैंट्स को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य बीमारी है. ऐसे बच्चे हाइपर ऐक्टिव कहलाते हैं जो एक क्रिया को बारबार करना पसंद करते हैं और अगर इन्हें रोका नहीं जाता तो इन की यह आदत बढ़ती चली जाती है. इसलिए इन में एनर्जी आउटलेट ज्यादा होना चाहिए यानी इन में भरी एनर्जी का बाहर निकलना जरूरी है ताकि वे सामान्य व्यवहार कर सकें.

इस के लिए आप उसे रोज बाहर खेलने के लिए ले जाएं और उसे दौड़ने, कूदने, बैडमिंटन, फुटबौल, बास्केटबौल आदि गतिविधियों में शामिल करें. इस से धीरेधीरे आप उस में सुधार होता देखेंगी और वह सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार करने लगेगा.

दीपिका की ननद का हुआ निकाह, शोएब के घर से हुई विदाई

दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम के घर से उनकी बहन सबा इब्राहिम की डोली उठ गई है. वह अपने सपनों के सुसुराल चली गई हैं. इस शादी का इंतजार सभी फैंस को था. निकाह की रस्म के दौरान उनका पूरा परिवार जश्न मनाता दिखा.

वहीं दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम ने निकाह मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है, शादी की रस्मों के दौरान दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते नजर आएं हैं. शादी की रस्मों के दौरान दीपिका कक्कड़ सबा के साथ चलती हुई दिखाई दी.

अपनी शादी की रस्म के दौरान सबा इब्राहि घूंघट पहनकर पहुंची थी. सबा इब्राहिम का यह अंदाज देखकर फैंस को अंकिता लोखंडे की याद आ गई थी.

सबा इब्राहिम की निकाह की तस्वीरे सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. निकाह होते ही सबसे पहले सबा इब्राहिम ने अपना ब्राइडल फोटो शूट करवाया है. इस तस्वीर में सबा इब्राहिम शरमाती हुई नजर आ रही है.

 

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अपनी शादी के दिन सबा इब्राहिम ने गोल्डन कलर का लहंगा पहना था जिसमें वह काफी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी. सबा की शादी की तस्वीर के सभी फैंस तारीफ कर रहे हैं. उनके लहंगे के साथ उनकी ज्वैलरी भी उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही है.

शादी के बंधन में बंधी पलक मुच्छल, लाल जोड़े में लग रही थी खूबसूरत

06 नवंबर का दिन वाकई यादगार रहा , एक तरफ जहां आलिया और रणबीर कपूर मम्मी पापा बन गए, तो वहीं दूसरी तरफ मशहूर सिंगर पलक मुच्छल शादी के बंधन में बंध गई. पलक और मिथुन 2 से एक हो गए हैं.

पलक और मिथुन दोनों काफी लंबे समय से रिलेशन में थें, फैंस को इनके शादी का इंतजार था, अब दोनों हमसफर बनके पूरी दुनिया के सामने हैं. दुल्हन बनी पलक मुच्छल और मिथुन की जोड़ी काफी ज्यादा प्यारी लग रही थीं. दोनों साथ में अच्छे लग रहे थें

 

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इनकी फोटो ने फैंस का दिल जीत लिया है. फोटो शेयर करते हुए पलक लिखती हैं कि आज हम दोनों सदैव के लिए एक हुए. तस्वीर में पलक और मिथुन मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं. अपनी जिंदगी के खास लम्हें में पलक ने लाल रंग का लहंगा पहना था.

वहीं उनके पार्टनर मिथुन ऑफ व्हाइट कलर के ड्रेस में नजर आएं बता दें कि फैंस को इनके गाए हुए गाने भ बेहग पसंद आते हैं.इन्हें इऩके नए गाने का इंतजार रहता है.

बता दें कि शादी के बाद से मिथुन ने एक ग्रैंड रिसेप्शन भी रखा है. जिसमें उनके कुछ खास करीबी रिश्तेदार शामिल होंगे. दुल्हन बनी पलक किसी परी से कम नहीं लग रही थी.

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आरएसएस की पौराणिकता

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने पांव और पसारने के लिए अपनी शाखाओं का विस्तार कर रहा है. वह अपनी 65 हजार शाखाओं को बढ़ा कर एक लाख करने की तैयारी में जुटा है. देश में कोई समाजसेवी संस्था बना कर किसी को भी जनता के पैसे से जनहित के कार्य करने का पूरा हक है. संविधान का दिया यह हक़ समाज को जोड़ता है. सवाल तो तब खड़ा होता है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस देश को प्राचीन पौराणिक मान्यताओं की ओर घसीटने को समाज सुधारना मानता व मनवाता है.

संघ के प्रोत्साहन से अब एक और शब्द प्रचारित किया जा रहा है और वह शब्द है- सनातन धर्म. हिंदू धर्म के अलावा यह क्या व कौन सा धर्म है? दरअसल, यह हिंदू धर्म की एक और कट्टर सोच है जिस में सारा जोर हिंदू धर्म के पूजापाठ का महिलाकरण कर के आम लोगों को सारे दिन धर्म के नाम पर कभी उस की पूजा, कभी उस को चढ़ावा, कभी फलां माला को जपने, कभी इसी धर्म के धंधेबाजों को खाना खिलाने और गाय दान करने जैसे कृत्यों पर है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या उस का रंग लिए सैकड़ों छोटेबड़े स्वामियों के आश्रमों, मठों, सैंटरों की कतारों में ध्यान, पूजापाठ, आज इस का दिन, कल उस का दिन मनवा कर देश की जनता को लगातार बहकाया जा रहा है और उस की उत्पादकता को नष्ट किया जा रहा है.

संघ के एजेंडे में पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, जनसंख्या असंतुलन, मातृभाषा जैसे बड़े बोझिल शब्द शामिल हैं जो लगभग इसी रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दोहराए गए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर प्रवचन में सुनने को मिलते हैं जो शुरू तो ‘भाइयोबहनो’ से होते हैं लेकिन अंत तक पौराणिक बन जाते हैं.

देश को जरूरत पूजापाठ की नहीं, सही प्रबंधन की है. देश की जनता कितनी भूखी है, यह विश्व हैंगर इंडैक्स ने साफ कर दिया है. कुटुंब प्रबोधन के नाम पर देश में कितनी लड़कियों को बलात्कार के बाद आत्महत्या तक करनी पड़ती है, यह छिपा नहीं है. कितनी पत्नियां पतियों के जुल्मों की शिकार हैं, कितनी लड़कियां कुंडलीदोषों के कारण कुंआरी बैठी हैं, कितनी विधवाएं अकेलेपन और तिरस्कार को सह रही हैं. इन सब को संघ अपने कर्मों का फल भोगना मानता है.

संघ हिंदू समाज पर हो रहे हमलों पर चिंता कर रहा है पर यह चिंता नहीं कर रहा कि प्रतिष्ठित व पैसे वाले हिंदू आखिर क्यों भारत की पुण्य भूमि को छोड़ कर भलेचंगों के देशों में पढऩे या सदा के लिए बसने जा रहे हैं. संघ उलटे इस बात पर गर्व करता है कि विदेशों में उस का डंका बज रहा है और उस के समर्थक विदेशों में पूजापाठ कर रहे हैं, यहां तक कि सडक़ पर गोल आकार के बैरियर तक को पूज रहे हैं.

संघ की एक व्यक्ति की अपनी निजी स्वतंत्रता में कोई रुचि नहीं है. संघ की शाखाएं असल में सदस्यों को भेड़चाल में प्रशिक्षण देती हैं. एक सी भाषा, एक सी पोशाक, एक सोच. हम आज अफगानिस्तान में इसलाम का सब से ज्यादा ख़राब स्वरूप देख रहे हैं जहां इसलामी कट्टरवाद के नीचे भुखमरी पनप रही है. भारत 1947 में आजाद हुआ था. बाद में पौराणिक आदेशों की जगह संविधान ने ली जिस में स्वतंत्रताओं वाला खंड 4 सब से अधिक महत्त्वपूर्ण है. आज हम खुद ही इसी स्वतंत्रता को धर्म की वेदी पर स्वाहा कर रहे हैं.

सांप सीढ़ी वाले प्यार का खौफनाक अंजाम

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के थाना हाईवे क्षेत्र स्थित नगला बोहरा में रिटायर्ड फौजी तेजवीर सिंह का घर
है. वे फरीदाबाद में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. शाम लगभग 5 बजे उन के घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया. बोला शादी का कार्ड देना है. दरवाजा तेजवीर सिंह की बड़ी बेटी सोनम ने खोला. युवक शादी का कार्ड देने की बात कहता हुआ घर के अंदर आ गया. कार्ड के साथ मिठाई का डिब्बा भी था.
अनजान युवक को देख कर मां उस से कुछ पूछती, तब तक युवक ने तेजवीर सिंह की बेटी सोनम पर शादी के कार्ड में छिपा कर लाए चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार करने शुरू कर दिए.
जब बेटी को बचाने मां सुनीता बीच में आईं तो युवक ने उन पर भी चाकू से वार किए. घर में घुसते ही युवक ने खूनी होली खेली. शोर सुन कर आसपास के लोग जैसे ही घर की ओर दौड़े, युवक ने खुद के सीने व पेट पर भी कई चाकू मारे. इस से वह जख्मी हो गया और वहीं गिर गया. यह घटना 19 जून, 2022 की है.
घर में हुए इस खूनखराबे को देख कर सोनम की छोटी बहन और छोटे भाई की बुरी हालत हो गई. घर में चारों तरफ खून ही खून देख कर वे डर से कांपने लगे. सोनम की तो मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि मां सुनीता गंभीर रूप से घायल पड़ी थीं.
फर्श पर युवती की लाश और पास में पड़े खून के धब्बे. ये वो तसवीर थी, जिस ने कृष्ण की नगरी मथुरा के मोहब्बत जैसे खूबसूरत शब्दों को उलट कर रख
दिया था.
इसी बीच जुटी भीड़ में से किसी ने थाना हाईवे पुलिस को घटना की सूचना दे दी. सूचना मिलते ही थानाप्रभारी अजय कौशल पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए.

पुलिस ने आननफानन में ग्रामीणों की मदद से घायल सुनीता और युवक को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया. घायल सुनीता को सिटी हौस्पिटल व आरोपी को जिला हौस्पिटल में भरती कराया गया. बाद में युवक को आगरा के एस.एन. मैडिकल कालेज रैफर कर दिया गया. दोनों की हालत नाजुक थी.
एसपी (सिटी) मार्तंड प्रकाश सिंह ने घटना के बाद जानकारी दी कि हमलावर युवक व मृतका की मां सुनीता की हालत गंभीर है. इसलिए दोनों से पूछताछ नहीं की जा सकी है. युवक की बैग में उस का आधार कार्ड मिला था.
इस बीच घटना की गंभीरता को देखते हुए थानाप्रभारी ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया.
जानकारी मिलते ही एसपी (सिटी) मार्तंड प्रकाश सिंह, सीओ (रिफाइनरी) धर्मेंद्र चौहान घटनास्थल पर पहुंच गए. फोरैंसिक टीम को भी बुला लिया गया.
पुलिस और फोरैंसिक टीम ने घटनास्थल से चाकू, मिठाई का डिब्बा और एक बैग बरामद किया. बैग में ट्रेन की टिकट, आईडी मिली. पुलिस ने इन सभी चीजों को अपनी कस्टडी में ले लिया. मौके की काररवाई निपटा कर पुलिस ने सोनम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
इस सनसनीखेज वारदात ने सभी को हिला कर रख दिया था. ग्रामीण तरहतरह की चर्चा कर रहे थे कि युवक कौन है? और उस की फौजी के परिवार से क्या दुश्मनी थी? यह केवल चर्चा थी. वास्तविक हकीकत किसी को नहीं पता थी. इस का पता हाईवे थाना पुलिस ही लगा सकती थी.

घटना की सूचना पर फरीदाबाद से फौजी तेजवीर सिंह मथुरा आ गए. उन की तहरीर पर थाना हाईवे पुलिस ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.
इस बीच पुलिस ने अपने स्तर से जानकारी जुटाने के साथ ही परिजनों व अन्य से पूछताछ शुरू की. शुरुआती जांच में पता चला कि युवक की सोनम से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी. आशंका व्यक्त की गई कि इकतरफा प्यार में युवक ने घटना को अंजाम दिया है.
घायल युवक की पहचान उस के पास से मिले आधार कार्ड से हुई. 23 वर्षीय युवक शिवम कश्यप मुजफ्फरनगर के थाना नई मंडी के गांव ककुड़ा का रहने वाला था.

पुलिस ने शिवम के घर वालों को भी घटना की जानकारी दी. इस पर शिवम के घर वाले भी देर रात आगरा के अस्पताल पहुंच गए.
रिटायर्ड फौजी तेजवीर सिंह के परिवार में पत्नी सुनीता के अलावा 2 बेटियां व एक बेटा है. इन में सब से बड़ी बेटी सोनम की उम्र 17 साल और छोटी की 16 साल थी. उन दोनों से छोटा बेटा था. सोनम रतनलाल फूल कटोरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 9वीं कक्षा की छात्रा थी. तेजवीर सिंह चाहते थे कि उन की बेटी जिंदगी में कोई ऊंचा मुकाम हासिल करे. पुलिस ने मृतका की छोटी बहन व अन्य से गहनता से पूछताछ की. पुलिस की जांच और पूछताछ के बाद घटना के पीछे सोनम के कत्ल की जो कहानी सामने आई, वह चौंकाने वाली निकली.

लूडो ऐप पर औनलाइन लूडो खेली जाती है. 3 साल पहले इस खेल में मुजफ्फरनगर के शिवम कश्यप उर्फ अवि की पहचान मथुरा निवासी 17 वर्षीय सोनम से हुई थी. खेलखेल में दोनों में दोस्ती हो गई.
दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं तो नोएडा में 2 बार सोनम और शिवम की मुलाकात भी हुई. दोनों ने एकदूसरे को अपनेअपने मोबाइल नंबर भी दे दिए. अब अकसर दोनों में बातें होने लगीं. छोटी बहन को अपनी बड़ी बहन सोनम की युवक से दोस्ती की बात पता थी.
जब 2 युवा दिल मिलते हैं तो दिलों में मोहब्बत के तराने गूंजने लगते हैं. उन्हें खानापीना कुछ भी अच्छा नहीं लगता. बस दिल चाहता है कि वह अपने प्यार को हर पल सामने पाए. किशोरवय के इस प्यार में दोनों ही बह गए. बिना कुछ सोचेसमझे दोनों भविष्य के सपने
संजोने लगे.
सोनम और युवक के बीच चल रहे मोहब्बत के इस खेल की जानकारी जब घर वालों को हुई तो मां सुनीता ने बचपन को पीछे छोड़ कर जवानी की दलहीज पर कदम रख चुकी बेटी सोनम को डांटते हुए युवक से बातचीत करने पर अंकुश लगा दिया.
सोनम ने शिवम को हकीकत बताते हुए फिलहाल फोन न करने की बात कही. मछली जैसे बिना पानी के तड़पती है, ऐसे ही सोनम और उस का प्रेमी शिवम उर्फ अवि तड़पने लगे. सोनम की मां द्वारा अपने प्यार पर बंदिश लगाने से वह भड़क गया. प्रेमी शादी का दबाव डाल रहा था. घर वालों के मना करने पर उस ने सोनम
के घर वालों से बातचीत करने का
निर्णय लिया.

अवि मुजफ्फरनगर के श्रीराम कालेज में बीसीए अंतिम वर्ष का छात्र है. उस के पिता दुकान करते हैं. घाटा होने से दुकान बंद हो गई. अवि के एक भाई और एक बहन भी है. उस ने अपने घर वालों को बताया कि वह एक नौकरी के संबंध में इंटरव्यू के लिए जा रहा है.
शिवम सोनम की मां सुनीता से मिलने के लिए 19 जून, 2022 को मुजफ्फरनगर से सुबह साढ़े 8 बजे ट्रेन में सवार हो कर मथुरा के लिए चला था. उस ने चाकू मुजफ्फरनगर से ही खरीद लिया था. वह शाम 5 बजे मथुरा पहुंचा और मथुरा के गोवर्धन चौराहे से उस ने मिठाई खरीदी थी.
शाम 6 बजे वह सोनम के घर पहुंचा था. अवि सोनम की मां से इस बारे में बातचीत करने और समझाने आया था. इसी बीच बहसबाजी में उस ने सोनम पर चाकू से वार किया. सोनम ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो अवि ने गुस्से में उस पर भी चाकू से वार कर दिया.
जब सुनीता सोनम को बचाने आगे आईं तो उस ने चाकुओं से वार कर के सोनम व सुनीता को बुरी तरह से घायल कर सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था. पकड़े जाने के डर से उस ने अपने आप को भी चाकू मार कर घायल कर लिया था.
सुनीता की कमर व पीठ पर 2 वार तथा सोनम की पीठ पर 3 वार चाकू से किए जो आरपार हो गए थे, जिस से सोनम का दिल व फेफड़े पूरी तरह फट गए. सोनम की मौत का कारण भी ताकत से किए गए चाकू के वार ही बने. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.

शिवम अपने घर से नौकरी का इंटरव्यू देने के बहाने निकला था. लेकिन उस के मन में क्या चल रहा है, कोई नहीं जानता था. घटना की जानकारी के बाद उस के घर वाले आगरा पहुंच गए. पुलिस कस्टडी में अवि का इलाज चल रहा था.
मथुरा में हुई इस सनसनीखेज घटना ने प्रेम के ढाई अक्षरों को ही दफन करदिया. कहते हैं कि इश्क अच्छोंअच्छों का दिमाग खराब कर देता है. दिल दहलाने वाली इस घटना ने कृष्ण की नगरी मथुरा के गांव बोहरा में खौफ पैदा कर दिया था.

मृतका की छोटी बहन ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से दोनों के बीच दोस्ती हुई थी, लेकिन घर वालों ने सोनम पर अंकुश लगा दिया था. इस के चलते सोनम ने प्रेमी अवि से बात करने से इंकार कर दिया. इसी से नाराज हो कर वह सोनम की हत्या कर खुदकुशी किए जाने के इरादे से शादी के कार्ड में चाकू छिपा कर कार्ड देने के बहाने घर में घुसा और हमला कर दिया. बीच में मां के आने पर उन्हें भी घायल कर दिया.
आजकल कई औनलाइन गेम्स खेलने वाली यह युवा पीढ़ी किस तरफ जा रही है, इस का ध्यान परिजनों को रखना चाहिए. औनलाइन गेम खेलने वालों की हरकतों में बदलाव दिख जाता है. युवा पीढ़ी की हरकतों पर परिवार को पैनी नजर रखनी चाहिए.
घर का बच्चा कहां जा रहा है और क्या कर रहा है, सावधान रहते हुए कड़ी नजर रखी जाएगी तभी ऐसी सनसनीखेज घटनाओं से बचा जा सकता है.

मेरे पति काफी ज्यादा कंजूस हैं मैं उनसे परेशान हूं क्या करूं ?

सवाल

मेरी उम्र 38 साल है, पढ़ीलिखी गृहिणी हूं. मेरे 2 बच्चे हैं जो 10वीं और 12वीं में हैं. घर में रुपएपैसे की कोई दिक्कत नहीं. अच्छा बड़ा घर है. मेरी परेशानी है मेरे पति. पति का स्वभाव अजीब है. वे अच्छी जौब में हैं, अच्छीखासी सैलरी है, विदेश जाते रहते हैं औफिशियली वर्क से. इतना सब होते हुए भी कंजूसी से काम लेते हैं. बच्चों को वैसे तो बहुत प्यार करते हैं पर जब बच्चे बाहर घूमनेफिरने की बात करते हैं तो कहते हैं, इन्हें घर पर पहले खिलापिला दो ताकि बाहर ज्यादा खानेपीने की जिद न करें.

मेरे मायके वालों की वे बिलकुल इज्जत नहीं करते. यदि वे घर आ जाएं तो इग्नोर करते हैं. मेरी इंपौर्टेंस बिलकुल नहीं है उन की लाइफ में जबकि पूरा घर मैं संभालती हूं. बच्चों की पढ़ाई, स्कूल सब मु झे देखना होता है. ड्राइविंग जानती हूं, अपने को वेल मेंटेन रखती हूं. फिर भी पति न जाने मुझ से क्या चाहते हैं. कभीभी उन्हें लगता है कि मैं यह घरबार छोड़ कर चली न जाऊं तो फिर मुझ से मीठीमीठी बातें करनी शुरू कर देते हैं, मु झे बहलाने लगते हैं. बच्चे बड़े हो गए हैं. वे सब देखतेसम झते हैं. इसलिए साल में एक बार दोतीन दिनों के लिए बाहर घूमने का प्रोग्राम बना लेते हैं.

इन्होंने शादी के बाद कभी मेरी प्रशंसा नहीं की. सासससुर कईकई दिनों के लिए हमारे पास रहने के लिए आते हैं. मैं उन की पूरी सेवा करती हूं. उन से कहती हूं कि अपने बेटे को समझाएं तो कहते हैं कि पतिपत्नी के मामले में हम नहीं बोलते.

मुझे लगता है, मैं ने अपनी जिंदगी यों ही बेकार कर दी, उबाऊ सी जिंदगी जी रही हूं. बच्चों की लाइफ खराब न हो जाए, यह सोच कर पति से अलग नहीं हो सकती. क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा. आप ही कोई रास्ता बताएं.

जवाब

आप जैसी पढ़ीलिखीसम झदार औरतों की यही खराबी है कि अपने लिए स्टैंड नहीं ले सकतीं.

अरे भईआप पति की पूरी की पूरी गृहस्थी संभाल रही हैं. वह कमा कर दे रहा है तो आप भी उस घर को चलाने में अपना 100 प्रतिशत दे रही हैं तो आप के काम की कद्र क्यों नहीं?

आप तारीफ के दो शब्दों की हकदार क्यों नहीं. पति घर में नहीं होते तो पीछे से घर व बच्चों की जिम्मेदारी आप ही उठाती हैं तभी तो वे बेफिक्र हो कर बाहर जा कर कमा पाते हैं. फिर आप के काम को कम क्यों सम झा जाता हैइस सब के लिए आप जिम्मेदार हैं. आप ने ही अपने को कम आंका है. आप ने खुद अपने लिए स्टैंड नहीं लिया. जब पहली बार पति ने आप के मायके वालों को इग्नोर कियाआप को तभी आवाज उठानी चाहिए थी. आप जब अपने सासससुर की पूरी सेवा व आवभगत करती हैं तो पति का भी फर्ज है कि वे आप के मातापिता की इज्जत करें.

आप अपने पति से साफसाफ बात करें. वे आप से चाहते क्या हैंआप उन की सब बातें मानती हैं तो उन से मजबूती से कहें कि अब मु झे सम्मानभरा जीवन जीना हैवरना आप को भी कुछ अपने लिए सोचना पड़ेगा. पत्नी के कई अधिकार हैं. आप किसी तरह का डर मन में मत रखिए. जिंदगी में अपने हक के लिए लड़ना पड़ता हैफिर चाहे वह घर हो या बाहर.  

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