सवाल
मेरा बेटा 7 साल का है. कुछ दिनों से उस के व्यवहार में बदलाव आया है. वह हर चीज को बारबार छूता है और अपने हाथों को बारबार एक ही दिशा में चलाता है. मैं ने कई लोगों को ऐसा करते देखा है. क्या यह किसी प्रकार की बीमारी है? इस का क्या उपाय है?
जवाब
इस संबंध में डा. सुबोध गुप्ता (एमडी, मैडिसिन) से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों के पेरैंट्स को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह एक सामान्य बीमारी है. ऐसे बच्चे हाइपर ऐक्टिव कहलाते हैं जो एक क्रिया को बारबार करना पसंद करते हैं और अगर इन्हें रोका नहीं जाता तो इन की यह आदत बढ़ती चली जाती है. इसलिए इन में एनर्जी आउटलेट ज्यादा होना चाहिए यानी इन में भरी एनर्जी का बाहर निकलना जरूरी है ताकि वे सामान्य व्यवहार कर सकें.
इस के लिए आप उसे रोज बाहर खेलने के लिए ले जाएं और उसे दौड़ने, कूदने, बैडमिंटन, फुटबौल, बास्केटबौल आदि गतिविधियों में शामिल करें. इस से धीरेधीरे आप उस में सुधार होता देखेंगी और वह सामान्य बच्चों की तरह व्यवहार करने लगेगा.
आजकल देश में एक तरह से राजनीतिक गृह युद्ध की स्थिति है. इसे विस्तृत रूप से रेखांकित करें तो यह एक तरफ है केंद्र की सरकार जिसका नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी कर रही है दूसरी तरफ है देश के अनेक प्रदेशों के मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय राजनीतिक दल साथ में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस.भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र में सरकार बनाने के बाद यह लक्ष्य तय कर लिया है कि देश भर में भाजपा की सरकार ही होनी चाहिए और यह कोई लुकी छुपी बात भी नहीं है. इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कई दफा कर चुके हैं. अब जो परिदृश्य दिखाई दे रहा है उसमें प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के द्वारा लगातार विपक्ष की सरकारों, मुख्यमंत्री और उनके गुड लिस्ट के लोगों को निशाने पर लेने की घटना है आम है.
यह देश देख चुका है कि किस तरह श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित प्रियंका गांधी और अनेक महत्वपूर्ण नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसा गया और माहौल यह की यह लोग सबसे बड़े अपराधी है.हां यह हो सकता है कि गलतियां हुई हो अपराध भी घटित हुआ हो मगर इन सब परिस्थितियों से जो वातावरण देश का बन रहा है वह एक राजनीतिक गृह युद्ध की ओर संकेत दे रहा है जिसके लिए देश की संवैधानिक संस्थाओं को एक बार पुनः चिंतन करना होगा.
आज देश भर में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री झारखंड का बयान चर्चा में है कि अगर मैं अपराधी हूं तो मुझे गिरफ्तार कर लिया जाए. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय की नोटिस को एक तरह से नजरअंदाज किया है. यह घटना देश के इतिहास में एक ऐसा पॉइंट टर्निंग बन सकती है जहां से देश का एक नया राजनीतिक राजमार्ग अथवा संघर्ष की स्थिति निर्मित हो सकती है. परिणाम क्या होगा यह समय के गर्भ में है.
दरअसल,झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के बाद तेवर कड़े कर एक संदेश दिया है. वे चुनौती की मुद्रा में हैं और उसी अंदाज में विरोधियों पर पलटवार की भी तैयारी है. झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट एलान किया है – अगर सरकार के साथ साजिश हुई तो छोड़ेंगे नहीं! 4 नवंबर को रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा समर्थकों की जुटी भीड़ का भी अंदाज तल्ख था. मोर्चा के निशाने पर प्रवर्तन निदेशालय, राज्यपाल और भाजपा है। समर्थकों को इसके खिलाफ आंदोलन के आगाज का निर्देश दिया गया है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता सभी जिला मुख्यालयों में सरकार को अस्थिर करने की कोशिशों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदेश भर में यह संदेश दिया जा रहा है कि हेमंत सोरेन की सरकार को भारतीय जनता पार्टी अस्थिर करने का काम कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सभी जिला इकाइयों को निर्देश जारी किया है कि कार्यकर्ता पूरी मजबूती के साथ प्रदर्शन में शामिल हों.
अब जैसा कि सारा देश जानता है भारतीय जनता पार्टी के तेवर हमेशा आक्रमक रहते हैं जब से देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है और गृह मंत्री के रूप में अमित शाह है भाजपा हर मौके पर वार करने की स्थिति में रहती है यहां भी भाजपा के तेवर यह बता रहे हैं कि हेमंत सोरेन से सत्ता प्राप्त करने के लिए और उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास करने में भाजपा पीछे नहीं रहेगी.
इधर भाजपा ने प्रखंड मुख्यालयों से आंदोलन आरंभ करने की घोषणा की है. परस्पर शक्ति प्रदर्शन की इस कवायद से राजनीतिक टकराव की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राजधानी में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय और राजभवन की सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई है.
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उठ खड़ा होगा संवैधानिक संकट
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जैसी स्थितियां झारखंड सहित देश के कुछ राज्यों में निर्मित हो रही है इस परिपेक्ष में कहा जा सकता है कि आने वाले समय में संवैधानिक संकट खड़े होने की संभावना है. सच तो यह है कि चाहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हो अथवा प्रवर्तन निदेशालय वह केंद्र सरकार के निर्देश और संरक्षण में हैं मगर उनका इस्तेमाल नैतिक रूप से ईमानदारी से किया जाना चाहिए ताकि कोई भी यह न कर सके कि इनका दुरुपयोग किया जा रहा है. ऐसा पहले कई दफा हुआ है जिसका सबसे बड़ा उदाहरण लालू यादव है जिन्होंने हमेशा कानून पर आस्था जाहिर की और हर एक कार्यवाही को सम्मान के साथ स्वीकार किया है .
यह भी सच है जिससे इंकार नहीं किया जा सकता कि आज की कई सरकारें भ्रष्टतम आचरण कर रही है अनेक बड़े घोटाले का खेल जारी है ऐसे में अगर केंद्रीय एजेंसियां शिकंजा कस रही है तो नैतिकता के नाम पर आप विरोध कैसे कर सकते हैं.परिणामस्वरूप आंदोलन के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के अपने-अपने मुद्दे हैं. भाजपा, ईडी और राजभवन के खिलाफ आंदोलन का आह्वान कर सत्तापक्ष की तैयारी राजनीतिक विरोधियों को जवाब देने के साथ-साथ शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में है.उधर भाजपा ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए घेराबंदी तेज की है. देश और प्रदेश की जनता आज दुविधा में है कि वह राज्य सरकार के पक्ष में खड़ी हो अथवा केंद्र सरकार के. आवाम प्रवर्तन निदेशालय केंद्रीय जांच ब्यूरो के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा हेमंत सोरेन के पक्ष में खड़ी हो अथवा केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई के पक्ष में. ऐसे में आने वाला समय संवैधानिक संकट का आगाज कर रहा है.
दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम के घर से उनकी बहन सबा इब्राहिम की डोली उठ गई है. वह अपने सपनों के सुसुराल चली गई हैं. इस शादी का इंतजार सभी फैंस को था. निकाह की रस्म के दौरान उनका पूरा परिवार जश्न मनाता दिखा.
वहीं दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम ने निकाह मे बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है, शादी की रस्मों के दौरान दीपिका कक्कड़ और शोएब इब्राहिम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते नजर आएं हैं. शादी की रस्मों के दौरान दीपिका कक्कड़ सबा के साथ चलती हुई दिखाई दी.
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अपनी शादी की रस्म के दौरान सबा इब्राहि घूंघट पहनकर पहुंची थी. सबा इब्राहिम का यह अंदाज देखकर फैंस को अंकिता लोखंडे की याद आ गई थी.
सबा इब्राहिम की निकाह की तस्वीरे सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. निकाह होते ही सबसे पहले सबा इब्राहिम ने अपना ब्राइडल फोटो शूट करवाया है. इस तस्वीर में सबा इब्राहिम शरमाती हुई नजर आ रही है.
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अपनी शादी के दिन सबा इब्राहिम ने गोल्डन कलर का लहंगा पहना था जिसमें वह काफी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी. सबा की शादी की तस्वीर के सभी फैंस तारीफ कर रहे हैं. उनके लहंगे के साथ उनकी ज्वैलरी भी उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही है.
06 नवंबर का दिन वाकई यादगार रहा , एक तरफ जहां आलिया और रणबीर कपूर मम्मी पापा बन गए, तो वहीं दूसरी तरफ मशहूर सिंगर पलक मुच्छल शादी के बंधन में बंध गई. पलक और मिथुन 2 से एक हो गए हैं.
पलक और मिथुन दोनों काफी लंबे समय से रिलेशन में थें, फैंस को इनके शादी का इंतजार था, अब दोनों हमसफर बनके पूरी दुनिया के सामने हैं. दुल्हन बनी पलक मुच्छल और मिथुन की जोड़ी काफी ज्यादा प्यारी लग रही थीं. दोनों साथ में अच्छे लग रहे थें
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इनकी फोटो ने फैंस का दिल जीत लिया है. फोटो शेयर करते हुए पलक लिखती हैं कि आज हम दोनों सदैव के लिए एक हुए. तस्वीर में पलक और मिथुन मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं. अपनी जिंदगी के खास लम्हें में पलक ने लाल रंग का लहंगा पहना था.
वहीं उनके पार्टनर मिथुन ऑफ व्हाइट कलर के ड्रेस में नजर आएं बता दें कि फैंस को इनके गाए हुए गाने भ बेहग पसंद आते हैं.इन्हें इऩके नए गाने का इंतजार रहता है.
बता दें कि शादी के बाद से मिथुन ने एक ग्रैंड रिसेप्शन भी रखा है. जिसमें उनके कुछ खास करीबी रिश्तेदार शामिल होंगे. दुल्हन बनी पलक किसी परी से कम नहीं लग रही थी.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने पांव और पसारने के लिए अपनी शाखाओं का विस्तार कर रहा है. वह अपनी 65 हजार शाखाओं को बढ़ा कर एक लाख करने की तैयारी में जुटा है. देश में कोई समाजसेवी संस्था बना कर किसी को भी जनता के पैसे से जनहित के कार्य करने का पूरा हक है. संविधान का दिया यह हक़ समाज को जोड़ता है. सवाल तो तब खड़ा होता है जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस देश को प्राचीन पौराणिक मान्यताओं की ओर घसीटने को समाज सुधारना मानता व मनवाता है.
संघ के प्रोत्साहन से अब एक और शब्द प्रचारित किया जा रहा है और वह शब्द है- सनातन धर्म. हिंदू धर्म के अलावा यह क्या व कौन सा धर्म है? दरअसल, यह हिंदू धर्म की एक और कट्टर सोच है जिस में सारा जोर हिंदू धर्म के पूजापाठ का महिलाकरण कर के आम लोगों को सारे दिन धर्म के नाम पर कभी उस की पूजा, कभी उस को चढ़ावा, कभी फलां माला को जपने, कभी इसी धर्म के धंधेबाजों को खाना खिलाने और गाय दान करने जैसे कृत्यों पर है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या उस का रंग लिए सैकड़ों छोटेबड़े स्वामियों के आश्रमों, मठों, सैंटरों की कतारों में ध्यान, पूजापाठ, आज इस का दिन, कल उस का दिन मनवा कर देश की जनता को लगातार बहकाया जा रहा है और उस की उत्पादकता को नष्ट किया जा रहा है.
संघ के एजेंडे में पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, जनसंख्या असंतुलन, मातृभाषा जैसे बड़े बोझिल शब्द शामिल हैं जो लगभग इसी रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दोहराए गए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर प्रवचन में सुनने को मिलते हैं जो शुरू तो ‘भाइयोबहनो’ से होते हैं लेकिन अंत तक पौराणिक बन जाते हैं.
देश को जरूरत पूजापाठ की नहीं, सही प्रबंधन की है. देश की जनता कितनी भूखी है, यह विश्व हैंगर इंडैक्स ने साफ कर दिया है. कुटुंब प्रबोधन के नाम पर देश में कितनी लड़कियों को बलात्कार के बाद आत्महत्या तक करनी पड़ती है, यह छिपा नहीं है. कितनी पत्नियां पतियों के जुल्मों की शिकार हैं, कितनी लड़कियां कुंडलीदोषों के कारण कुंआरी बैठी हैं, कितनी विधवाएं अकेलेपन और तिरस्कार को सह रही हैं. इन सब को संघ अपने कर्मों का फल भोगना मानता है.
संघ हिंदू समाज पर हो रहे हमलों पर चिंता कर रहा है पर यह चिंता नहीं कर रहा कि प्रतिष्ठित व पैसे वाले हिंदू आखिर क्यों भारत की पुण्य भूमि को छोड़ कर भलेचंगों के देशों में पढऩे या सदा के लिए बसने जा रहे हैं. संघ उलटे इस बात पर गर्व करता है कि विदेशों में उस का डंका बज रहा है और उस के समर्थक विदेशों में पूजापाठ कर रहे हैं, यहां तक कि सडक़ पर गोल आकार के बैरियर तक को पूज रहे हैं.
संघ की एक व्यक्ति की अपनी निजी स्वतंत्रता में कोई रुचि नहीं है. संघ की शाखाएं असल में सदस्यों को भेड़चाल में प्रशिक्षण देती हैं. एक सी भाषा, एक सी पोशाक, एक सोच. हम आज अफगानिस्तान में इसलाम का सब से ज्यादा ख़राब स्वरूप देख रहे हैं जहां इसलामी कट्टरवाद के नीचे भुखमरी पनप रही है. भारत 1947 में आजाद हुआ था. बाद में पौराणिक आदेशों की जगह संविधान ने ली जिस में स्वतंत्रताओं वाला खंड 4 सब से अधिक महत्त्वपूर्ण है. आज हम खुद ही इसी स्वतंत्रता को धर्म की वेदी पर स्वाहा कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के थाना हाईवे क्षेत्र स्थित नगला बोहरा में रिटायर्ड फौजी तेजवीर सिंह का घर
है. वे फरीदाबाद में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं. शाम लगभग 5 बजे उन के घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया. बोला शादी का कार्ड देना है. दरवाजा तेजवीर सिंह की बड़ी बेटी सोनम ने खोला. युवक शादी का कार्ड देने की बात कहता हुआ घर के अंदर आ गया. कार्ड के साथ मिठाई का डिब्बा भी था.
अनजान युवक को देख कर मां उस से कुछ पूछती, तब तक युवक ने तेजवीर सिंह की बेटी सोनम पर शादी के कार्ड में छिपा कर लाए चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार करने शुरू कर दिए.
जब बेटी को बचाने मां सुनीता बीच में आईं तो युवक ने उन पर भी चाकू से वार किए. घर में घुसते ही युवक ने खूनी होली खेली. शोर सुन कर आसपास के लोग जैसे ही घर की ओर दौड़े, युवक ने खुद के सीने व पेट पर भी कई चाकू मारे. इस से वह जख्मी हो गया और वहीं गिर गया. यह घटना 19 जून, 2022 की है.
घर में हुए इस खूनखराबे को देख कर सोनम की छोटी बहन और छोटे भाई की बुरी हालत हो गई. घर में चारों तरफ खून ही खून देख कर वे डर से कांपने लगे. सोनम की तो मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि मां सुनीता गंभीर रूप से घायल पड़ी थीं.
फर्श पर युवती की लाश और पास में पड़े खून के धब्बे. ये वो तसवीर थी, जिस ने कृष्ण की नगरी मथुरा के मोहब्बत जैसे खूबसूरत शब्दों को उलट कर रख
दिया था.
इसी बीच जुटी भीड़ में से किसी ने थाना हाईवे पुलिस को घटना की सूचना दे दी. सूचना मिलते ही थानाप्रभारी अजय कौशल पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए.
पुलिस ने आननफानन में ग्रामीणों की मदद से घायल सुनीता और युवक को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया. घायल सुनीता को सिटी हौस्पिटल व आरोपी को जिला हौस्पिटल में भरती कराया गया. बाद में युवक को आगरा के एस.एन. मैडिकल कालेज रैफर कर दिया गया. दोनों की हालत नाजुक थी.
एसपी (सिटी) मार्तंड प्रकाश सिंह ने घटना के बाद जानकारी दी कि हमलावर युवक व मृतका की मां सुनीता की हालत गंभीर है. इसलिए दोनों से पूछताछ नहीं की जा सकी है. युवक की बैग में उस का आधार कार्ड मिला था.
इस बीच घटना की गंभीरता को देखते हुए थानाप्रभारी ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया.
जानकारी मिलते ही एसपी (सिटी) मार्तंड प्रकाश सिंह, सीओ (रिफाइनरी) धर्मेंद्र चौहान घटनास्थल पर पहुंच गए. फोरैंसिक टीम को भी बुला लिया गया.
पुलिस और फोरैंसिक टीम ने घटनास्थल से चाकू, मिठाई का डिब्बा और एक बैग बरामद किया. बैग में ट्रेन की टिकट, आईडी मिली. पुलिस ने इन सभी चीजों को अपनी कस्टडी में ले लिया. मौके की काररवाई निपटा कर पुलिस ने सोनम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
इस सनसनीखेज वारदात ने सभी को हिला कर रख दिया था. ग्रामीण तरहतरह की चर्चा कर रहे थे कि युवक कौन है? और उस की फौजी के परिवार से क्या दुश्मनी थी? यह केवल चर्चा थी. वास्तविक हकीकत किसी को नहीं पता थी. इस का पता हाईवे थाना पुलिस ही लगा सकती थी.
घटना की सूचना पर फरीदाबाद से फौजी तेजवीर सिंह मथुरा आ गए. उन की तहरीर पर थाना हाईवे पुलिस ने युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.
इस बीच पुलिस ने अपने स्तर से जानकारी जुटाने के साथ ही परिजनों व अन्य से पूछताछ शुरू की. शुरुआती जांच में पता चला कि युवक की सोनम से फेसबुक पर दोस्ती हुई थी. आशंका व्यक्त की गई कि इकतरफा प्यार में युवक ने घटना को अंजाम दिया है.
घायल युवक की पहचान उस के पास से मिले आधार कार्ड से हुई. 23 वर्षीय युवक शिवम कश्यप मुजफ्फरनगर के थाना नई मंडी के गांव ककुड़ा का रहने वाला था.
पुलिस ने शिवम के घर वालों को भी घटना की जानकारी दी. इस पर शिवम के घर वाले भी देर रात आगरा के अस्पताल पहुंच गए.
रिटायर्ड फौजी तेजवीर सिंह के परिवार में पत्नी सुनीता के अलावा 2 बेटियां व एक बेटा है. इन में सब से बड़ी बेटी सोनम की उम्र 17 साल और छोटी की 16 साल थी. उन दोनों से छोटा बेटा था. सोनम रतनलाल फूल कटोरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 9वीं कक्षा की छात्रा थी. तेजवीर सिंह चाहते थे कि उन की बेटी जिंदगी में कोई ऊंचा मुकाम हासिल करे. पुलिस ने मृतका की छोटी बहन व अन्य से गहनता से पूछताछ की. पुलिस की जांच और पूछताछ के बाद घटना के पीछे सोनम के कत्ल की जो कहानी सामने आई, वह चौंकाने वाली निकली.
लूडो ऐप पर औनलाइन लूडो खेली जाती है. 3 साल पहले इस खेल में मुजफ्फरनगर के शिवम कश्यप उर्फ अवि की पहचान मथुरा निवासी 17 वर्षीय सोनम से हुई थी. खेलखेल में दोनों में दोस्ती हो गई.
दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं तो नोएडा में 2 बार सोनम और शिवम की मुलाकात भी हुई. दोनों ने एकदूसरे को अपनेअपने मोबाइल नंबर भी दे दिए. अब अकसर दोनों में बातें होने लगीं. छोटी बहन को अपनी बड़ी बहन सोनम की युवक से दोस्ती की बात पता थी.
जब 2 युवा दिल मिलते हैं तो दिलों में मोहब्बत के तराने गूंजने लगते हैं. उन्हें खानापीना कुछ भी अच्छा नहीं लगता. बस दिल चाहता है कि वह अपने प्यार को हर पल सामने पाए. किशोरवय के इस प्यार में दोनों ही बह गए. बिना कुछ सोचेसमझे दोनों भविष्य के सपने
संजोने लगे.
सोनम और युवक के बीच चल रहे मोहब्बत के इस खेल की जानकारी जब घर वालों को हुई तो मां सुनीता ने बचपन को पीछे छोड़ कर जवानी की दलहीज पर कदम रख चुकी बेटी सोनम को डांटते हुए युवक से बातचीत करने पर अंकुश लगा दिया.
सोनम ने शिवम को हकीकत बताते हुए फिलहाल फोन न करने की बात कही. मछली जैसे बिना पानी के तड़पती है, ऐसे ही सोनम और उस का प्रेमी शिवम उर्फ अवि तड़पने लगे. सोनम की मां द्वारा अपने प्यार पर बंदिश लगाने से वह भड़क गया. प्रेमी शादी का दबाव डाल रहा था. घर वालों के मना करने पर उस ने सोनम
के घर वालों से बातचीत करने का
निर्णय लिया.
अवि मुजफ्फरनगर के श्रीराम कालेज में बीसीए अंतिम वर्ष का छात्र है. उस के पिता दुकान करते हैं. घाटा होने से दुकान बंद हो गई. अवि के एक भाई और एक बहन भी है. उस ने अपने घर वालों को बताया कि वह एक नौकरी के संबंध में इंटरव्यू के लिए जा रहा है.
शिवम सोनम की मां सुनीता से मिलने के लिए 19 जून, 2022 को मुजफ्फरनगर से सुबह साढ़े 8 बजे ट्रेन में सवार हो कर मथुरा के लिए चला था. उस ने चाकू मुजफ्फरनगर से ही खरीद लिया था. वह शाम 5 बजे मथुरा पहुंचा और मथुरा के गोवर्धन चौराहे से उस ने मिठाई खरीदी थी.
शाम 6 बजे वह सोनम के घर पहुंचा था. अवि सोनम की मां से इस बारे में बातचीत करने और समझाने आया था. इसी बीच बहसबाजी में उस ने सोनम पर चाकू से वार किया. सोनम ने जब उसे रोकने का प्रयास किया तो अवि ने गुस्से में उस पर भी चाकू से वार कर दिया.
जब सुनीता सोनम को बचाने आगे आईं तो उस ने चाकुओं से वार कर के सोनम व सुनीता को बुरी तरह से घायल कर सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था. पकड़े जाने के डर से उस ने अपने आप को भी चाकू मार कर घायल कर लिया था.
सुनीता की कमर व पीठ पर 2 वार तथा सोनम की पीठ पर 3 वार चाकू से किए जो आरपार हो गए थे, जिस से सोनम का दिल व फेफड़े पूरी तरह फट गए. सोनम की मौत का कारण भी ताकत से किए गए चाकू के वार ही बने. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है.
शिवम अपने घर से नौकरी का इंटरव्यू देने के बहाने निकला था. लेकिन उस के मन में क्या चल रहा है, कोई नहीं जानता था. घटना की जानकारी के बाद उस के घर वाले आगरा पहुंच गए. पुलिस कस्टडी में अवि का इलाज चल रहा था.
मथुरा में हुई इस सनसनीखेज घटना ने प्रेम के ढाई अक्षरों को ही दफन करदिया. कहते हैं कि इश्क अच्छोंअच्छों का दिमाग खराब कर देता है. दिल दहलाने वाली इस घटना ने कृष्ण की नगरी मथुरा के गांव बोहरा में खौफ पैदा कर दिया था.
मृतका की छोटी बहन ने बताया कि फेसबुक के माध्यम से दोनों के बीच दोस्ती हुई थी, लेकिन घर वालों ने सोनम पर अंकुश लगा दिया था. इस के चलते सोनम ने प्रेमी अवि से बात करने से इंकार कर दिया. इसी से नाराज हो कर वह सोनम की हत्या कर खुदकुशी किए जाने के इरादे से शादी के कार्ड में चाकू छिपा कर कार्ड देने के बहाने घर में घुसा और हमला कर दिया. बीच में मां के आने पर उन्हें भी घायल कर दिया.
आजकल कई औनलाइन गेम्स खेलने वाली यह युवा पीढ़ी किस तरफ जा रही है, इस का ध्यान परिजनों को रखना चाहिए. औनलाइन गेम खेलने वालों की हरकतों में बदलाव दिख जाता है. युवा पीढ़ी की हरकतों पर परिवार को पैनी नजर रखनी चाहिए.
घर का बच्चा कहां जा रहा है और क्या कर रहा है, सावधान रहते हुए कड़ी नजर रखी जाएगी तभी ऐसी सनसनीखेज घटनाओं से बचा जा सकता है.
सवाल
मेरी उम्र 38 साल है, पढ़ीलिखी गृहिणी हूं. मेरे 2 बच्चे हैं जो 10वीं और 12वीं में हैं. घर में रुपएपैसे की कोई दिक्कत नहीं. अच्छा बड़ा घर है. मेरी परेशानी है मेरे पति. पति का स्वभाव अजीब है. वे अच्छी जौब में हैं, अच्छीखासी सैलरी है, विदेश जाते रहते हैं औफिशियली वर्क से. इतना सब होते हुए भी कंजूसी से काम लेते हैं. बच्चों को वैसे तो बहुत प्यार करते हैं पर जब बच्चे बाहर घूमनेफिरने की बात करते हैं तो कहते हैं, इन्हें घर पर पहले खिलापिला दो ताकि बाहर ज्यादा खानेपीने की जिद न करें.
मेरे मायके वालों की वे बिलकुल इज्जत नहीं करते. यदि वे घर आ जाएं तो इग्नोर करते हैं. मेरी इंपौर्टेंस बिलकुल नहीं है उन की लाइफ में जबकि पूरा घर मैं संभालती हूं. बच्चों की पढ़ाई, स्कूल सब मु झे देखना होता है. ड्राइविंग जानती हूं, अपने को वेल मेंटेन रखती हूं. फिर भी पति न जाने मुझ से क्या चाहते हैं. कभीभी उन्हें लगता है कि मैं यह घरबार छोड़ कर चली न जाऊं तो फिर मुझ से मीठीमीठी बातें करनी शुरू कर देते हैं, मु झे बहलाने लगते हैं. बच्चे बड़े हो गए हैं. वे सब देखतेसम झते हैं. इसलिए साल में एक बार दोतीन दिनों के लिए बाहर घूमने का प्रोग्राम बना लेते हैं.
इन्होंने शादी के बाद कभी मेरी प्रशंसा नहीं की. सासससुर कईकई दिनों के लिए हमारे पास रहने के लिए आते हैं. मैं उन की पूरी सेवा करती हूं. उन से कहती हूं कि अपने बेटे को समझाएं तो कहते हैं कि पतिपत्नी के मामले में हम नहीं बोलते.
मुझे लगता है, मैं ने अपनी जिंदगी यों ही बेकार कर दी, उबाऊ सी जिंदगी जी रही हूं. बच्चों की लाइफ खराब न हो जाए, यह सोच कर पति से अलग नहीं हो सकती. क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा. आप ही कोई रास्ता बताएं.
जवाब
आप जैसी पढ़ीलिखी, सम झदार औरतों की यही खराबी है कि अपने लिए स्टैंड नहीं ले सकतीं.
अरे भई, आप पति की पूरी की पूरी गृहस्थी संभाल रही हैं. वह कमा कर दे रहा है तो आप भी उस घर को चलाने में अपना 100 प्रतिशत दे रही हैं तो आप के काम की कद्र क्यों नहीं?
आप तारीफ के दो शब्दों की हकदार क्यों नहीं. पति घर में नहीं होते तो पीछे से घर व बच्चों की जिम्मेदारी आप ही उठाती हैं तभी तो वे बेफिक्र हो कर बाहर जा कर कमा पाते हैं. फिर आप के काम को कम क्यों सम झा जाता है? इस सब के लिए आप जिम्मेदार हैं. आप ने ही अपने को कम आंका है. आप ने खुद अपने लिए स्टैंड नहीं लिया. जब पहली बार पति ने आप के मायके वालों को इग्नोर किया, आप को तभी आवाज उठानी चाहिए थी. आप जब अपने सासससुर की पूरी सेवा व आवभगत करती हैं तो पति का भी फर्ज है कि वे आप के मातापिता की इज्जत करें.
आप अपने पति से साफसाफ बात करें. वे आप से चाहते क्या हैं? आप उन की सब बातें मानती हैं तो उन से मजबूती से कहें कि अब मु झे सम्मानभरा जीवन जीना है, वरना आप को भी कुछ अपने लिए सोचना पड़ेगा. पत्नी के कई अधिकार हैं. आप किसी तरह का डर मन में मत रखिए. जिंदगी में अपने हक के लिए लड़ना पड़ता है, फिर चाहे वह घर हो या बाहर.
पृथ्वी का क्लाइमेट चेंज होना दुनियाभर के लिए घातक है. हालत यह है कि ठंडे देश भी इस समय गरमी की मार झेल रहे हैं. अगर यह जल्द नहीं रुका तो आने वाले समय में इस के भयंकर परिणाम देखने को मिल सकते हैं. ‘तेरे मेरे होंठों पे मीठेमीठे गीत मितवा…’ फिल्म ‘चांदनी’ का यह गाना वर्ष 1989 में स्विट्जरलैंड की हरीहरी ग्रासलैंड पर श्रीदेवी और ऋषि कपूर पर फिल्माया गया था. 90 के दशक का एक खूबसूरत गीत जिसे सुनते ही उस देश की खूबसूरती को दर्शक अनायास ही महसूस करते हैं. इस के अलावा फिल्म ‘सिलसिला’ का ‘देखा एक ख्वाब…’, ‘दो लफ्जों की है दिल की कहानी…’ आदि कई रोमांटिक गाने फिल्माए गए.
आज इस खूबसूरत मौसम और सुंदर वादियों वाले देश में इस समय गरम हवा चल रही है. कभी ऐसा था कि जब हिंदी सिनेमा जगत में भी फिल्मों की शूटिंग यूरोप में जाए बिना अधूरी रहती थी. फिल्म ‘संगम’, ‘चांदनी’, ‘दिलवाले दुलहनियां ले जाएंगे’, ‘प्यार का सपना’, ‘हीरो नंबर वन’, ‘साहो’, ‘बौडीगार्ड’ आदि न जाने कितनी ही फिल्में और उन के गाने शूट किए जाते रहे हैं और मजे की बात यह है कि हर अभिनेता और अभिनेत्री का एक सपना यशराज फिल्म्स के साथ काम करने का होता था ताकि वह एक बार यूरोप जा कर किसी गाने या किसी फिल्म को शूट कर सके क्योंकि यशराज की कई फिल्मों की शूटिंग यूरोप में हुई है. मुंह न मोड़ें सचाई से गरम हवा से स्पेन और फ्रांस के जंगलों में लगी आग ने मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. यूनाइटेड किंगडम (यूके) से ले कर हर हिस्से में तापमान नए रिकौर्ड बना रहा है.
स्पेन में लगी आग में 2 व्यक्तियों की मौत ने इसे और गंभीर बना दिया है. स्पेन के पीएम पेद्रो सांचेज ने इस स्थिति को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ा है और कहा है कि अब क्लाइमेट चेंज लोगों की जान लेने लगा है. क्लाइमेट चेंज को एक मोहरा बना कर रिच कंट्री के सभी वैज्ञानिक अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. सचाई को जान कर भी लोग अनजान बन रहे हैं जिस का असर पूरा विश्व भुगत रहा है. अब इस का हल चाहिए क्योंकि कुछ दिनों पहले इंग्लैंड का तापमान 38 डिग्री था जो बढ़ कर 41 डिग्री हो गया. इस से रेल सेवाएं कई स्थानों पर बंद हो गईं और लोगों को घरों से जरूरत न होने पर निकलने से मना कर दिया गया. इस बारे में वैज्ञानिकों ने चेतावनी कई साल पहले भी दी थी पर किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया. खतरा वयस्कों और बीमारों को फ्रांस की गरमी ने तो नया रिकौर्ड बना लिया है.
वहां का तापमान 42 डिग्री सैल्सियस के ऊपर जा चुका है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक गरमी बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. ब्रिटेन के लिए यह गरमी खास चिंता की बात है क्योंकि वहां सिर्फ 3 फीसदी घरों में एयरकंडीशनिंग की सुविधा है. आगे ब्रिटेन, पुर्तगाल और स्पेन में गरमी अधिक बढ़ने का अंदेशा है. अधिक गरमी न झेल सकने की वजह से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. इस संख्या के बढ़ने की आशंका है. जलवायु परिवर्तन की वजह गरमी और आग में बहुत संख्या में जंगली जानवर व पेड़पौधे नष्ट हो चुके हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक इस गरमी का कारण अफ्रीका से आ रही गरम हवाएं हैं. लेकिन ये गरम हवाएं तो पहले भी आती थीं, तब ऐसा कभी देखने को नहीं मिला. यह सही है कि जंगलों को काट कर नष्ट करना, प्राकृतिक संपत्ति का खनन कर उस का धुआं फैलाना आदि भी इस के कारण हो सकते हैं.
दूसरी कई वजहों से धरती लगातार गरम होती जा रही है. एक सदी से जलवायु परिवर्तन के कारण धरती की सतह का औसत तापमान 1.2 डिग्री सैल्सियस बढ़ चुका है. अब यह तापमान आम मौसम को प्रभावित कर रहा है. इस की वजह से रिकौर्ड गरमी पड़ रही है, ऐसा भी कहा जा रहा है. गरमी पड़ने की अवधि भी पहले की तुलना में लंबी हो चुकी है. कई अनुसंधानों से यह साबित हुआ है कि मानव क्रिया के कारण हुए जलवायु परिवर्तन के बिना ऐसी गरमी पड़ना संभव नहीं था. इतना ही नहीं, यूरोप में कुछ महीनों में पानी की कमी भी हो चुकी है. बिजली का संकट भी यूरोप पर गहराया है क्योंकि यूक्रेन और रूस के युद्ध में यूरोप के रूस के विरुद्ध होने की स्थिति में रूस ने वहां बिजली भेजना बंद कर दिया है. विश्व को खतरा कुछ वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आगे यह गरमी दक्षिणपश्चिम भाग में किसी कयामत से कम नहीं होगी. स्पेन और पुर्तगाल में गरमी से मरने वालों की संख्या 748 हो चुकी है. लंदन की गरमी इतनी बढ़ गई है कि वहां पर इंजीनियर्स को 135 साल पुराने लंदन ब्रिज को सिल्वर फौयल से कवर करना पड़ा. वहां बारिश भी कम होने से पानी की समस्या भी बहुत है.
ट्रांसपोर्ट नैटवर्क के लिए भी यह गरमी मुश्किलें पैदा कर रही है. ब्रिटेन में अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि गरमी के कारण यह संभव है कि रेल पटरियां पिघल जाएं. विमानों के टायरों के भी गरम हो कर क्षतिग्रस्त होने की चेतावनी दी गई है. नैचुरल रिसोर्स का अंधाधुंध प्रयोग इस बारे में एनवायरनमैंटलिस्ट भारती चतुर्वेदी कहती हैं, ‘‘अफ्रीका की गरम हवा का इस से कुछ लेनादेना नहीं है. विकसित देशों द्वारा प्राकृतिक रिसोर्स के अंधाधुंध प्रयोग करने की वजह से आज अफ्रीका और दूसरे गरीब देश प्राकृतिक आपदा के प्रकोप झेल रहे हैं. ‘‘क्लाइमेट चेंज तब होता है जब ग्रीन हाउस गैसेस जैसे कार्बनडाईऔक्साइड, मीथेन, नाइट्रस, औक्साइड के अलावा इंडस्ट्रियल गैसेज, मसलन हाइड्रोफ्लुरोकार्बंस, सल्फर एक्साफ्लोराइड, नाइट्रोजन ट्राईफ्लोराइड आदि का हद से अधिक हवा में मिलने से गरमी का बढ़ जाना है. इस से हवा का रुख भी अलग हो जाता है. ग्लेशियर पिघलने लगते हैं, समुद्र का पानी बढ़ता है. इस से पूरा इकोसिस्टम खराब हो जाता है. मौसम बदलने लगता है.
कहीं बाढ़ तो कभी सूखा पड़ने लगता है. जंगल जो मिट्टी को पकड़े रहते हैं उसे काटने पर लैंडस्लाइड होने लगते हैं.’’ अनियमित मौसम भारती आगे कहती हैं, ‘‘यूरोप की बात करें तो वहां भी बारिश होने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया होती है जैसे प्रैशर, हीट, और तापमान बड़ी भूमिका निभाते हैं. क्लाइमेट चेंज से पर्यावरण में बदलाव हो जाता है जिस से मौसम के अनुसार इरैटिक बारिश या अनियमित स्नोफौल नहीं होता. होता भी है तो ढाई महीने की बारिश 3 दिन में हो जाती है. इस समय मौसम, बारिश, सूखा सभी में पूरी तरह से बदलाव आ चुका है. पेरिस में लोगों का पानी में चलना भी अधिक गरमी होने को दर्शाता है. इस के अलावा कनाडा में जाड़े में भी गरमी अधिक होने लगी है जबकि वहां पर ठंड बहुत अधिक होती थी.’’ एनवायरनमैंटलिस्ट का आगे कहना है, ‘‘यूरोप में फ्रांस, जरमनी, इंग्लैंड में सारी इंडस्ट्रीज स्थापित हो गई हैं.
इंडिया की सारी प्राकृतिक संपदा को अंगरेज अपने साथ ले गए. उस समय इंडिया को ‘ज्वैल इन द क्राउन’ कहा जाता था. उस समय पैट्रोल न होने की वजह से कोयले को भरपूर जलाया गया. कोयले को जलाने से ग्रीन हाउस गैस बहुत अधिक पैदा होती है. इस ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. ‘‘विकसित हो कर अमेरिका, यूरोप और चीन ने इतना पैट्रोल जलाया है लेकिन वे इसे जलवायु पर गलत असर नहीं मानते और अपनी ऊंची लाइफस्टाइल बिता रहे हैं, जिस का असर अब दिख रहा है. उन के यहां आज बाढ़ दिख रही है, जबकि भारत में बाढ़ और सूखे को सालों से लोग झेल रहे हैं. हमारी पर कैपिटा इनकम बहुत कम है. भारत और पाकिस्तान ने इतना कोयला नहीं जलाया है. केवल मनुष्य ही नहीं, बल्कि जानवर और फसल दोनों की ही क्षति हो रही है.
मेरे हिसाब से गरीब देशों को इन विकसित देशों को जीवित रहने के लिए हर्जाना देना चाहिए.’’ कमजोर स्वास्थ्य सेवा पहले भारत में न डेंगू, न चिकनगुनिया था, लेकिन अब सबकुछ है. गरमी में मच्छर अधिक पनपते हैं और ये मच्छर हर जगह इस बीमारी को फैलाते हैं. बाढ़ आने पर साफ पानी की कमी होती है. जानवर और लोग पानी में बह जाते हैं या मर जाते हैं. अस्पताल की साफसफाई में कमी होने से इलाज संभव नहीं होता. मु झे डर इस बात से लगता है कि आने वाले समय में कोविड से भी अधिक खतरनाक बीमारी आ सकती है जिस का खतरा पूरे विश्व पर मंडरा रहा है. पूरे यूरोप की गरमी से स्विट्जरलैंड भी प्रभावित हुआ है. वहां के ग्लैशियर्स में दरारें दिखने लगी हैं जो जल्दी पिघलने वाले हैं.
शोध से पता चला है कि इन जगहों पर ठंड में बर्फ जमा होती है और गरमी में धीरेधीरे बर्फ पिघलती है और आम नागरिकों को कृषि और प्रयोग के लिए पानी मिलता है. वैज्ञानिकों ने माना है कि अभी पृथ्वी 1.2 डिग्री सैंटीग्रेड गरम हो चुकी है और इसे 1.5 डिग्री सैंटीग्रेड पर नहीं रोका गया तो आगे बहुत ही भयंकर परिणाम विश्व को देखने पड़ेंगे. यूरोप में कुछ बातें खास ध्यान रखी जा रही हैं जो उसे गरमी से बचा सकें. द्य अधिक फिजिकल एक्टिविटी न करना, जानवरों और बच्चों को घर में रखना. द्य खुद को हमेशा हाईड्रेटेड रखना, लूज और आरामदायक कपड़े पहनना, एल्कोहल, कैफीन और शुगरी ड्रिंक्स को अवौयड करना, 2 से 3 घंटे तक किसी कूल प्लेस पर रहना, गरमी को अंदर न आने देने के लिए किसी शटर का प्रयोग करना, द्य किसी प्रकार की क्रौनिक बीमारी होने पर डाक्टर की राय लेना, कमजोरी, अधिक प्यास, सिरदर्द, असहज आदि होने पर तुरंत किसी ठंडी जगह में जाना और अकेले रह रहे वयस्क, बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखना. द्य करें खास उपाय मुंबई की एनवायरमैंटलिस्ट सुमायरा अब्दुलाली कहती हैं, ‘‘शहरीकरण व जंगलों के काटने से क्लाइमेट चेंज का बहुत अधिक इफैक्ट पड़ा है. लेकिन इस ओर ध्यान लोगों का बहुत कम है.
उन्हें अधिक जागरूक होने की जरूरत है. इसे कम करने के लिए खुद के ऐक्शन को कम कर, सम झदार, शिक्षित होना और जागरूकता को बढ़ाना है.’’ कुछ सु झाव : द्य लाइफस्टाइल में सस्टेनेबल चीजों को अधिक से अधिक शामिल करना. द्य एनर्जी का कम से कम प्रयोग, खासकर कोयले की खुदाई को कम करना, उस का विकल्प ढूंढ़ना, कोयले के जलने से पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के बारे में सोचना, खुद की खपत को कम करना. द्य पश्चिमी देशों को फौलो न करने की कोशिश करना.