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YRKKH: अभिमन्यु और अभिनव उठाएंगे ये कदम, जानें क्या होगा आगे

सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है में इन दिनों कब क्या हो जाए किसी को कुछ पता नहीं है, इन दिनों सीरियल की कहानी में अबीर पर ज्यादा फोक्स किया जा रहा था, लेकिन अब कहानी में  गणगौण पूजा के बारे में दिखाया जा रहा है.

बता दें कि गोयनका औऱ बिरला परिवार में गणगौण पूजा की तैयारी शुरू हो गई है,दोनों परिवार मिलकर मूर्ति बनाते हैं. हालांकि आने वाले एपिसोड में और भी ज्यादा ट्विस्ट देखने को मिलने वाला है, आगे देखने को मिलेगा कि दोनों परिवार मिलकर मूर्ति बना रहे होते हैं,

तभी कायरव मुस्कान की मदद के लिए आगे आता है, वह मुस्कान की मूर्ति पर मुकुट लगाता है,लेकिन सुरेखा इस बात को नोटिस कर लेती है और स्वर्णा को कहती है कि पहाड़ी दमाद अपनी मर्जी से तो नहीं लाई, लेकिन अभ क्या पहाड़ी बहू लाने की तैयारी चल रही है, लेकिन जैसे ही मुस्कान इस बात को सुनती है वह कायरव से दूर रहने का फैसला करती है.

आगे सीरियल में देखने को मिलेगा की सभी लोग तैयार होने चले जाते हैं, तभी कमरे के आगे अक्षरा अभिनव औऱ अबीर तैयार हो रहे होते हैं. दूसरी तरफ मंजरी आरोही को तैयार कर रही होती है तो अभिमन्यु उसकी तारीफ कर रहा होता है.

हालांकि इन सबके बावजूद भी अभिनव को खाली और अकेलापन महसूस होता है जिससे वह अभिमन्यु को कॉल करके सारी बात बताता है, अभिममन्यु सभी बातों को सुनने के बाद से यह फैसला लेता है कि हमें अपनी माओ को समझाने की जरुरत है.

रूपाली गांगुली ने बेटे के संग काटा केक, ये सितारे पहुंचे बर्थ डे को खूबसूरत बनाने

टीवी एक्ट्रेस रूपाली गांगुली ने अपने खास अंदाज से लोगों का दिल जीत लिया है, एक्ट्रेस ने बीती रात अपना 46वां जन्मदिन मनाया है,जिसमें टीवी के कई मशहूर सितारे शामिल होकर रूपाली के जन्मदिन को खास बनाया है.

बता दें कि उनके जन्मदिन में हर्षद चोपड़ा , शिवांगी जोशी,आयशा सिंह,सुधांशु सिंह अपने पत्नी के साथ पार्टी में शिरकत करते नजर आएं. वहीं रूपाली गांगुली व्हाइट और ब्लैक रंग के ड्रेस में अपने बर्थ डे पार्टी में एंट्री मारी थी. जिसमें वह काफी ज्यादा खूबसूरत लग रही थीं.

 

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वारयल हो रहे रूपाली की तस्वीर में आप उसके चेहरे पर साफ खुशी देख सकते हैं कि रूपाली कितनी ज्यादा एक्साइट लग रही थी अपने जन्मदि वाले दिन.

बता दें कि इस पार्टी में सबसे खास अंदाज में नजर आएं हर्षद चोपड़ा और प्रणाली राठौर जिन्हें देखकर सभी लोग तारीफ करने लगें, इनकी जोड़ी काफी शानदार लग रही थी, बता दें कि इनकी बॉन्डिंग एक-दूसरे से काफी ज्यादा अच्छी है.

वहीं शिवांगी जोशी ब्लैक कलर के गाउन में एंट्री मारी जिसे देखकर लोग काफी ज्यादा उनकी तारीफ कर रहें हैं, शिवांगी काफी खूबसूरत लग रही थीं इस ड्रेस में.

वहीं अश्लेषा सावंत अपने बॉयफ्रेंड के साथ पहुंची, उनका ग्लैमर लुक सभी को काफी ज्यादा पसंद आ रहा था.

जिंदगी में ताजगी रोमांस के साथ

पतिपत्नी के बीच अच्छे रिश्ते का होना एक सुखद एहसास होता है जिसे इस दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति पाना चाहता है. इस रिश्ते में रोमांस ही है जो पतिपत्नी के बीच की बौंडिंग को और ज्यादा मजबूत बनाता है. सुमित और पूजा के विवाह को हुए 10 साल बीत चुके हैं. लेकिन दोनों के बीच का प्यार देख कर लगता है जैसे कुछ ही अरसा हुआ है. दोनों का कहना है कि आज भी दोनों अपने रिश्ते में वही ताजगी और नयापन महसूस करते हैं जो शुरुआती दिनों में था.

दरअसल उन्होंने अपने रिश्ते को बो ि झल नहीं बनने दिया. दोनों ने एकदूसरे की खुशी का खयाल रखा. उन दोनों ने सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक रिश्ता भी इतना मजबूत बनाया हुआ है कि उस में मैं की भावना नहीं है. लेकिन हर कोई सुमित और पूजा की तरह खुशहाल नहीं होता. अकसर पतिपत्नी में विवाह के कुछ ही वर्षों बाद आपसी झगड़े, तेरामेरा, रूठनामनाना शुरू हो जाता है. ऐसा नहीं है कि पतिपत्नी के रिश्ते के बीच में छिटपुट झगड़े, रूठनामनाना हो ही न. यह सब हो, लेकिन उन्हें कैसे निबटाया जाए, यह माने रखता है. खराब रिश्ते की सब से बड़ी निशानी है एकदूसरे के साथ रहने के बाद भी खुश न रह पाना. साथी को खुश करने का सिर्फ यही मतलब नहीं है कि अच्छे पार्टनर की सारी बात मान लें. अपने साथी के साथ हंसीमजाक करने से भी खुशी मिलती है.

जिन कपल्स के बीच कुछ समय तक साथ रहने के बाद हंसीमजाक नहीं हो पाता है, उन को एकदूसरे के साथ बोरियत होने लगती है. प्यार व रोमांस की वजह से ही हर रिश्ता कामयाब होता है. आइए यहां जानें कि कैसे बनते हैं पतिपत्नी के बीच मजबूत रिश्ते. बातें आसान हैं और मन को छू लेने वाली हैं-

एकदूसरे को पूरा समय देना : पतिपत्नी के रिश्ते को गहरा करने के लिए एकदूसरे के साथ समय बिताएं. उन की बातें सुनें, उन्हें जानने की कोशिश करें. साथी के साथ समय बिताते समय ध्यान रखें कि आप जितना उन को सहज महसूस करवाएंगे, उतना ही आप दोनों का रिश्ता करीबी होगा और रिश्ते में मजबूती आएगी.

साथी की अहमियत समझें : जिस तरह का बरताव आप अपने साथी से करेंगे वैसा ही वह भी करेगा.इसलिए एकदूसरे की रिस्पैक्ट करें. खुद को सही साबित करने के चक्कर में अपने पाटर्नर की इन्सल्ट न करें और न ही नीचा दिखाने की कोशिश करें. रिश्ते की शुरुआत में आप दोनों ने एकदूसरे को खुश रखने का वादा किया था, इसलिए दोनों को एकदूसरे की जरूरतों को पूरा करना होगा और अपने होने का उन को एहसास कराना होगा.

एकदूसरे को धोखा न देना : दांपत्य की नींव है विश्वास, जिस पर पतिपत्नी का रिश्ता टिका होता है. इसलिए इस में एक बार शक घर कर जाए तो नींव में ऐसा घुन लगता है कि जिस से नींव चरमरा जाती है. एकदूसरे की बातों पर विश्वास करना और धोखा न देना ही रिश्ते को सफल बनाता है. रिश्ते में खुलापन रखें : पतिपत्नी के रिश्ते में खुलापन बहुत जरूरी है ताकि दोनों अपनी कोई भी बात कहने में ि झ झकें नहीं.

अगर आप की कोई फरमाइश है तो अपने पार्टनर को बताएं. यह न सोचें कि वह आप के कहे बगैर ही सम झ जाए. हर कोई अंतर्यामी नहीं होता. तारीफ जरूरी है : अपने साथी की खूबियों की तारीफ करें और इस तारीफ को हो सके तो घरवालों के सामने भी करें.

इस से आत्मविश्वास बढ़ता है. यही नहीं, कमजोरियों को दूर करने में उन की मदद भी करें. अपशब्द न बोलें : कई बार किसी मामूली बात को ले कर भी झगड़ा हो जाता है. ऐसे में अपने साथी को अपशब्द बोलने से बचें. न ही बातचीत बंद करें. इस से रिश्ता खराब होता है. इसलिए तर्कवितर्क करते समय आपा न खोएं.

माफी मांगना सीखें : ‘सौरी’ छोटा सा शब्द है लेकिन बिगड़ी बात बना देता है. इसलिए गलती होने पर माफी जरूर मांग लें. इस से झगड़ा आगे नहीं बढ़ता.

सरप्राइज दें : अपने साथी की रुचियों को सम झें और उस में अपनी रुचि दिखाएं. बीचबीच में पार्टनर को सरप्राइज जरूर दें. अगर आप के पार्टनर को लौंगड्राइव का शौक है तो कभीकभी उसे बिना बताए लौंगड्राइव का प्रोग्राम बना सकते हैं. छोटेछोटे गिफ्ट भी सरप्राइज दे सकते हैं. इस से आप का बजट नहीं बिगड़ेगा और पार्टनर भी सरप्राइज देख कर खुश हो जाएगा. प्यार को कभी खत्म न होने दें : ‘आई लव यू’ ये 3 शब्द सारे गुस्से को खत्म कर देते हैं. इसलिए इसे कहने से न चूकें. शादी को तरोताजा, जोश से भरने के लिए डेटिंग जैसी चीज को खत्म न करें. डेटिंग आप के पहले वाले दिन लौटा देती है. पुरानी यादें ताजा हो जाती हैं. सब परेशानी घर पर छोड़ कर रात को दोनों कभी डिनर पर जाएं. यह संभव न हो तो दिन में दोनों कहीं साथ में वक्त गुजारें. जिंदगी में कुछ लमहे अपने लिए जीने बहुत जरूरी हैं.

EID 2023: घर पर ट्राय करें ये टेस्टी दम बिरयानी

अक्सर हमारे दोस्त या करीबी रिश्तेदार घर पर आते रहते हैं डिनय या फिर लंच पर ऐसे में आप चाहे तो उन्हें दम बिरयानी बना के पड़ोस सकते हैं. तो आइए जानते हैं इसे बनाने की आसान विधि.

समग्री :

– बासमती चावल  200 ग्राम (1/2 घंटा भीगे हुए)

– चिकन (700 ग्राम)

– प्‍याज (01 कटा हुआ)

– हरी धनिया (1/2 कप कटी हुई)

– पुदीना (02 बड़े चम्मच)

– केसर ( 01 चम्‍मच)

– दूध (1/2 कप)

– घी ( 02 चम्‍मच)

– तेल ( 05 चम्‍मच)

– लौंग (03 नग)

– दालचीनी लकड़ी (02 इंच का टुकड़ा)

– छोटी इलायची ( 03)

– काली मिर्च (08 नग)

– नमक ( स्‍वादानुसार)

– मैरिनेट करने के लिये सामग्री:

– दही ( 1/2 कप)

– हरी मिर्च (05 बीच से काट लें),

– अदरक लहसुन पेस्‍ट (01 छोटा चम्‍मच)

– लाल मिर्च पाउडर (01 छोटा चम्‍मच)

– हल्‍दी पाउडर (1/4 छोटा चम्‍मच)

– गरम मसाला पाउडर  (1/2 छोटा चम्‍मच)

– हरी धनिया  (1/2 कप बारीक कटी हुई)

– पुदीने की पत्‍ती (1/2 कप कतरी हुई)

– नींबू का रस (02 छोटे चम्‍मच)

– नमक (स्‍वादानुसार)

दम बिरयानी बनाने की विधि :

– सबसे पहले चिकन अच्छी तरह से धो लें.

– इसके बाद मैरिनेट वाली सभी सामग्री को आपस में मिक्स करके उसमें चिकन पीस को अच्छी तरह से     लपेट दें और मैरिनेट होने के लिए 4-5 घंटे के लिये रख दें.

– अब भीगे हुए चावलों को धुल कर पर्याप्त पानी डाल कर उबाल लें.

– चावल जब 2/3 भाग पक जाएं, उन्हें उतार लें.

– चावल में पानी बचा हो, तो उसे निकाल दें.

– अब एक पैन में एक चम्मच घी गर्म करें.

– उसमें लौंग, तेज पत्‍ता, पुदीना और नमक डालें और हल्का सा चला कर चावल डाल दें.

– चावल को चलाते हुए मध्यम आंच पर 2 मिनट तक फ्राई करें.

– उसके बाद उन्हें गैस से उतार कर अलग रख दें।

– अब एक कटोरी में दूध लेकर उसमें केसर भिगो दें.

– एक पैन में एक चम्‍मच तेल गरम करें.

– तेल गरम होने पर उसमें प्‍याज डाल कर भून लें.

– इसे उतार कर अलग रख दें, अब एक भारी तले वाले कुकर में बचा हुआ तेल गर्म करें और मेरिनेट किये हुए चिकन पीस फ्राई कर लें.

– चिकन पीस को अलग करके रख दें.

– अब उसी कुकर में आधे चावल और बचे हुए घी की एक लेयर बिछाएं.

– उसके ऊपर फ्राई चिकन, भुना हुआ प्‍याज, बचे हुए मसाले, हरी धनिया और केसर वाला दूध डाल कर ऊपर से बचे हुए चावल की लेयर लगा दें.

– अब कुकर का ढक्कन बंद कर दें और धीमी आंच में 20 मिनट तक पकाएं.

– इसके बाद गैस बंद कर दें.

मरती संवेदनाएं और तमाशबीन समाज

आएदिन हत्याओं की खबरें, हिंसा, आगजनी की वारदातें समाज की संवेदनहीन प्रवृत्ति की ओर इशारा करती हैं. समाज में संवेदना या यों कहें मानवता मर रही है. सरेआम चाकू, छुरी व पिस्टल चला कर न केवल हत्याएं हो रही हैं, बल्कि अपने घिनौने कृत्य का वीडियो बना कर वायरल भी किया जा रहा है.

अकसर देखा गया है कि सड़क हादसे में अगर कोई घायल अवस्था में है, तो लोग या तो मुंह फेर कर चले जाते हैं या भीड़ लगा लेते हैं. मदद करने की भावना जैसे खत्म हो गई हो. अकसर बसों में देखा गया है कि कुछ बदतमीज लोग महिलाओं के साथ बदसुलूकी करते हैं, लेकिन उस समय दूसरे लोग आंख मूंद कर चुप रहते हैं.

व्यक्ति खुद पर आई मुसीबत के लिए दूसरों की मदद की अपेक्षा करता है, वहीं दूसरों को परेशान देख कर खुद कोई प्रतिक्रिया नहीं देता. ठंड में बहुत से लोग दम तोड़ देते हैं, कहीं भूख से तड़पते लोग दिखाई देते हैं. ऐसे लोगों की मदद के लिए भी समाज में मदद करने की भावना खत्म होती जा रही है.

अब न तो रिश्तों का लिहाज है, न ही समाज व परिवार का भय. आएदिन दुष्कर्म की घटनाएं सुननेपढ़ने को मिलती हैं. मासूम बच्चियों को भी हवस का शिकार बना कर मार दिया जाता है. तमाम रिश्ते शर्मसार हो रहे हैं. भाई ही भाई की हत्या कर रहा है. बेटा अपने बाप को मारने पर तुला है. मांबाप को घर से निकाल दिया जाता है.

अस्पताल जाओ, तो चिकित्सक सीधे मुंह बात नहीं करते. अमीर लोग अपनी शानोशौकत में खोए हैं. व्यक्ति की सारी संवेदना बस अपने तक ही सिमट कर रह गई है.

जैसेजैसे समाज का शहरीकरण हो रहा है, वैसेवैसे लोग संवेदनहीन और विवेक शून्य होते जा रहे हैं. कहीं यह सामाजिक दायित्वबोध और मानवता तो समाप्त होने के संकेत तो नहीं हैं? अगर ऐसा नहीं है, तो फिर सड़क या फिर रेलवे लाइन पर दुर्घटना के शिकार व्यक्ति की मदद के लिए हाथ आगे क्यों नहीं बढ़ते?

बीते दिनों जयपुर के गांधीनगर रेलवे स्टेशन पर रेलवे लाइन को पार करते समय राजस्थान विश्वविद्यालय के एक प्रोफैसर गिर पड़े और उन का पांव ट्रेन की चपेट में आ गया. उस वक्त रेलवे स्टेशन के निकट सैकड़ों लोग मौजूद थे, लेकिन किसी ने उन की मदद की जहमत नहीं उठाई. वह बेचारे लहूलुहान जख्मी हालत में कराहते रहे, पर एक भी हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा.

बाद में राजस्थान विश्वविद्यालय के ही एक कर्मचारी की नजर उन पर पड़ी, तो उस ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों को सूचित किया. उन्होंने तत्काल छात्रों के साथ मौके पर पहुंच कर जख्मी प्रोफैसर को अस्पताल पहुंचाया.

यह घटना दोपहर की है. यदि रात होती तो शायद वह वहीं तड़पतड़प कर मरने को मजबूर होते. यह जयपुर या फिर शहरी क्षेत्रों में होने वाली न तो पहली और न ही आखिरी घटना है. आएदिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. लोग रेलवे लाइन या सड़क किनारे तड़पते रहते हैं, आनेजाने वाले लोग एक नजर देखते हैं और मुंह मोड़ कर आगे बढ़ जाते हैं.

आखिर हम ऐसे क्यों होते जा रहे हैं? मानवता और इनसानियत के नाते भी मदद को आगे क्यों नहीं आते? कुछ दिन पहले जयपुर के एक मैडिकल कालेज अस्पताल के गेट पर एक महिला दर्द से कराहती रही और आखिर में उस ने दम तोड़ दिया. परंतु, किसी ने भी उस की मदद नहीं की.

आजकल हर किसी को जल्दी रहती है, खासकर शहर में रहने वाले लोगों को. किसी को दफ्तर पहुंचने की जल्दी है, तो किसी को अपनेअपने कार्य व कर्मस्थल पर पहुंचने की. ऐसे में हम भूल जाते हैं कि सिर्फ अपना व अपने घरपरिवार के अलावा भी एक दायित्व और है इनसानियत का.

लोग समझते हैं कि यदि किसी जख्मी व्यक्ति की मदद करेंगे तो बेकार में पुलिस, कोर्टकचहरी के चक्कर में फंस जाएंगे. इस से अच्छा है कि आगे बढ़ चलें. परंतु, उन के जेहन में कभी यह बात नहीं आती कि अगर कभी उन के साथ ऐसा हुआ और यों ही लोग उन्हें देख कर आगे बढ़ जाएंगे तो उन पर क्या बीतेगी?

बीती 4 जनवरी को दिल्ली पुलिस के एक एएसआई शंभूदयाल मायापुरी इलाके में मोबाइल छीनने वाले एक आरोपी को पकड़ कर ले जा रहे थे, तभी आरोपी ने उन पर चाकू से ताबड़तोड़ हमले कर दिए. आरोपी का नाम अनीश बताया जा रहा है.

शंभूदयाल पर हमला करने के बाद आरोपी पास के एक कारखाने में छिप गया और वहां भी उस ने एक मजदूर को चाकू की नोंक पर बंधक बना लिया. दिल्ली पुलिस ने किसी तरह उस मजदूर को छुड़ाया और अनीश को गिरफ्तार किया.

इस घटना में घायल एएसआई शंभूदयाल की इलाज के दौरान मौत हो गई. अब दिल्ली सरकार ने उन्हें शहीद बताते हुए उन के परिवार को एक करोड़ रुपए की राशि देने की घोषणा की है.

चूंकि आरोपी का नाम अनीश है, तो समाज में आग लगाने के लिए तैयार बैठे लोगों ने फौरन ही इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की. आरोपी का नाम मोहम्मद अनीस बताते हुए इस पर फिर हिंदूमुस्लिम विवाद खड़ा करने की कोशिश सोशल मीडिया के जरीए शुरू हो गई.

हालांकि यहां दिल्ली पुलिस ने फौरन बात संभालते हुए ट्वीट कर साफ किया कि शंभूदयाल की हत्या करने वाले आरोपी का नाम अनीश राज, पुत्र प्रह्लाद राज है. यह एक अपराधी है. दिल्ली पुलिस ने ट्वीट में यह भी लिखा कि मामला सांप्रदायिक नहीं है. सोशल मीडिया में कुछ हैंडल्स द्वारा गलत व भ्रामक जानकारी दी जा रही है.

सोशल मीडिया नफरत फैलाने का सब से सस्ता, सुलभ साधन बन चुका है, इस में कोई दोराय नहीं है. लेकिन समाज में नफरत परोसने वालों को यह जरूर देख लेना चाहिए कि वे कैसे अपने लिए ही गड्ढा खोद रहे हैं. हो सकता है कि नफरत के जरीए सियासत में फायदा हो. धर्म की रक्षा के नाम पर सत्ता हासिल हो जाए. लेकिन इस में समाज के तानेबाने को कितना नुकसान पहुंच चुका है, शंभूदयाल की मौत उस का जीताजागता उदाहरण है.

आरोपी ने उन पर चाकू से हमला किसी अंधेरी, सुनसान जगह पर नहीं किया, बल्कि कैमरे में कैद हुआ है कि आरोपी बीच बाजार में उन पर चाकू मार रहा है. आसपास लोग खड़े हैं, जिन में से कुछ उसे रोकने के लिए आगे बढ़ते हैं, तो आरोपी उन सब को भी चाकू से डरा देता है.

अगर आरोपी के पास बंदूक होती, तब लोगों का डरना स्वाभाविक था, क्योंकि उस में दूर से किसी को भी मारा जा सकता है, लेकिन चाकू लिए आदमी को अगर सारे लोग हिम्मत जुटा कर घेरते और किसी तरह उसे रोकते तो शायद शंभूदयाल आज जीवित होते.

एक चाकू से बहुत सारे लोगों का डर कर पीछे हट जाना, इस बात का उदाहरण है कि अब हमारे समाज से हिम्मत को तोड़ने में नफरत कामयाब रही है. मुमकिन है कि अपने सामने एक आदमी की चाकू से हत्या के बाद बहुत सारे लोग घर जा कर आराम से खापी कर सो भी गए होंगे या फिर इस घटना को किसी फिल्मी कहानी की तरह बता रहे होंगे कि हमारे सामने ऐसा हुआ.

समाज इतना संवेदनहीन एक दिन में नहीं बना है. इसे बाकायदा नफरत की घुट्टी पिलापिला कर स्वार्थी और संवेदनहीन बनाया गया है. ऐसे समाज निर्माण की जिम्मेदारी सरकार पर भी है, जो दिवास्वप्नों में उलझा कर, नए भारत के निर्माण का दावा कर पुरानी सभी अच्छी चीजों को खत्म करने की अघोषित मुहिम में लगी हुई है.

एक पुलिसकर्मी अपना काम करते हुए मारा जाता है और इस स्थिति पर चिंतामग्न होने की जगह अनीस बनाम अनीश का विवाद खड़ा करने की कोशिश होती है.

ऐसा ही पिछले दिनों श्रद्धा और आफताब मामले में हुआ. जिस में एक लड़की प्यार में न केवल धोखे का शिकार हुई, बल्कि क्रूरता से मारी गई. उस पर भी हिंदूमुसलमान का खेल शुरू हो गया. सरकारों को इस बात की चिंता होने लगी कि लव जिहाद बढ़ रहा है. अंतर्धार्मिक विवाहों पर सरकारी नजर रखने की तैयारियां शुरू हो गईं. लेकिन इस सवाल पर गौर नहीं फरमाया गया कि आखिर श्रद्धा इतनी अकेली क्यों पड़ी कि अपने प्रेमी के साथ असहज होने के बावजूद उस से अलग नहीं हो पाई?

इस साल की शुरुआत में एक और हैवानियत भरा मामला दिल्ली में ही सामने आया, जिस में एक लड़की 12 किलोमीटर तक कार के पहियों के नीचे कुचलतीघिसटती रही. उस लड़की की जान तो चली गई, लेकिन उस का चरित्र हनन किए बिना समाज को चैन कैसे पड़ता.

वह लड़की नशा करती थी या नशे के व्यापार में थी? उस का अपने पुरुष मित्र से झगड़ा हुआ या वह इतनी रात तक अकेले बाहर क्यों थी? इन सारे सवालों पर चर्चा होने लगी. जबकि सवाल यह होना चाहिए था कि उस लड़की को किन वजहों से देर रात तक घर से बाहर काम पर रहना पड़ता था? अगर वह रात को काम करती है और देर से घर लौटती है, तब भी राजधानी की सड़कें इतनी सुरक्षित क्यों नहीं हैं कि किसी को, किसी भी वक्त, कोई डर या परेशानी न हो?

अगर उस लड़की ने नशे की हालत में वाहन चलाया, तो फिर वे लड़के क्या होश में थे, जो पहियों के नीचे दबे शरीर को नहीं देख पाए? इस तरह के सवालों के जवाब ढूंढ़ने में समाज के लिए असहज स्थिति बन जाती, इसलिए बेहतर है लड़की का ही चरित्र हनन कर दें.

जरूरी है कि हम खुद को बदलें. सामाजिक मूल्यों को समझें और समाज से संवेदनहीनता को दूर करने के लिए आगे बढ़ें. क्योंकि, एक के ही चलने से कारवां बनता है, नहीं तो इनसानियत कलंकित होती रहेगी.

कंगन: जब सालों बाद बेटे के सामने खुला वसुधा का राज

प्रियंका चोपड़ा ने शेयर की अपनी बेटी मालती मैरी की क्यूट तस्वीर, फैंस ने लुटाया प्यार

बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक धमाल मचाने वाली एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. दरअसल प्रियंका ने अपनी बेटी को लेकर पहली बार भारत भ्रमण पर निकली है. जिसकी तस्वीर खूब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

तस्वीर में मालती मैरी अपनी बेटी के साथ नजर आ रही हैं. जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रही है, बता दें कि प्रियंका की शेयर की हुई तस्वीर में मालती मैरी काफी ज्यादा क्यूट लग रही हैं.

 

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मालती ने अपनी क्यूटनेस से लोगों को दिल जीत लिया है, मालती का नया लुक जैसे ही सोशल मीडिया पर आया तुरंत वायरल हो गया,इन्होंने अपने क्यूटनेस से लोगों का दिल जीत लिया है, जिसमें लोग प्रियंका की भी तारीफ कर रहे हैं कि उन्होंने अपनी बेटी की परवरिश कितने सही तरीके से किया है. वायरल हो रही तस्वीर में प्रियंका अपनी बेटी मालती के साथ मिरर सेल्फी लेती नजर आ रही हैं.

बता दें कि प्रियंका अपनी बेटी को किस करते नजर आईं, वहीं प्रियंका जैसे ही भारत लौटी है वह अपनी बेटी मालती मैरी के साथ सिद्धिविनायक दर्शन करने भी गई थी. जिसकी तस्वीर प्रियंका ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

मालती मैरी अपनी जन्म के बाद से पहली बार इंडिया आई हैं औऱ आते ही छा गई हैं.

अनुपमा की डांस एकेडमी पर कब्जा करेगी डिंपल, वनराज भड़काएगा अनुज को

अनुपमा सीरियल जब से शुरू हुआ है तबसे लगातार चर्चा में बना हुआ है, बता दें कि इस सीरियल में हर रोज एक नया ट्विस्ट आ रहा है. इन दिनों अनुज औऱअनुपमा की दूरी की खबर लगातार चल रही है. जिससे फैंस भी काफी ज्यादा दुखी हैं. बता दें कि अनुज और अनुपमा छोटी अनु की वजह से दूर हुए हैं.

वहीं दूसरी तरफ डिंपल अनुपमा के खिलाफ हो गई है, वहीं वनराज अनुपमा को फिर से पाने की कोशिश में लग गया है उसने काव्या से तलाक लेकर फिर से अनुपमा को पाना चाहता है, लेकिन इस सीरियल का मामला यहीं शांत नहीं होता है अभी आने वाले एपिसोड में और भी ज्यादा ट्विस्ट देखने को मिलने वाला है.

वहीं आने वाले एपिसोड में देखने को मिलेगा की वनराज सबकुछ छोड़कर मुंबई जाने की सोचता है, नई जॉब की तलाश में लेकिन बता दें कि वनराज अनुज के लिए मुंबई जा रहा है, काव्या इस बात से नाराज हो जाती है, काव्या और बा की बहस हो जाती है, लेकिन वहीं वनराज अनुपमा से दोस्ती के लिए मरा जा रहा है.

वहीं कहानी में देखने को मिलेगा कि वनराज और तोषु अनुपमा की डांस एकेडमी में ज्यादा दखल दे रहे हैं, जिससे डजिंपल परेशान होकर तोषू को दोष देती है. और उसे बिजनेस से बाहर कर देती है. तोषू को दोषी ठहराकर वह उसे काम से निकाल देती है. जिसके बाद से तोषू अब सारी कहानी अनुपमा को बताएगा.

Summer Special: जानें किस फल से क्या है फायदा

फलों में स्वास्थ्य के लिए सब से महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. ये पोषक तत्व बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. फलों के सेवन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर बनती है. आइए, आज जानते हैं किस फल के सेवन से क्या लाभ होता है…

  1. आम
    इस में एंटी ऑक्सीडेंट्स होता है. यह शरीर में बनने वाले फ्री रैडिकल्स को रोकता है, जिस से कोलोन, ब्रैस्ट, प्रोस्टेट आदि कैंसर से बचा जा सकता है. यह टारटरिक, मैलिक और साइट्रिक एसिड से भरपूर होता है. ये शरीर के क्षारीय तत्व को बनाए रखने में मदद करते हैं. इस में मौजूद ग्लूटामिन एसिड याददाश्त को बढ़ाता है.

2. संतरा
इस में पोटैशियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिस से ब्लडप्रेशर कंट्रोल रहता है. संतरे में फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित करने में सहायक है. इस में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो संक्रमण से बचा कर  रखते हैं. संतरे में विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है.

3 पपीता.
इस में पैपेन एंजाइम व बीटा कैरोटीन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन क्रिया को चुस्तदुरुस्त बनाने में मदद करते हैं. इसे खाने से कैंसर से भी बचा जा सकता है, क्योंकि इस में बीटा कैरोटीन नामक तत्व पाया जाता है. पीलिया के रोगी को प्रतिदिन एक पका पपीता खाना चाहिए.

4. सेब
इसे खाने से विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम, कैलोरी, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, मैगनीज, कॉपर, जिंक, प्रोटीन और विटामिन बी1 तत्व हमारे शरीर को मिलते हैं. एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, नियमित सेब खाने से हम कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचे रहते हैं. इस के नियमित सेवन से कई विषनाशक पदार्थ जैसे शीशा, पारा आदि शरीर से बाहर निकल जाते हैं. लाल सेब में क्वेरसेटिन नामक एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है.

5. केला
इस में कैरोटिनॉइड यौगिक पाया जाता है, जिस से अंधेपन का खतरा दूर होता है. इस में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होते हैं, जो पाचनक्रिया को बेहतर बनाते हैं. इस में पोटैशियम पाया जाता है, जो रक्त संचार को ठीक और दिमाग को चुस्त और अलर्ट रखता है. केला विटामिन B6 का एक बढ़िया स्रोत है, जो नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है.

6. नाशपाती
नाशपाती में फाइबर का खजाना होता है. फाइबर की वजह से पाचनतंत्र मजबूत रहता है. इस में मिलने वाला पैक्टिन नामक तत्व कब्ज से राहत दिलाता है. इस में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जो हीमोग्लोबिन के लेबल को बढ़ाता है. इस में कुछ ऐसे यौगिक पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करते हैं. इस में एंटी ऑक्सीडेंट और विटामिन सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिस से रोग प्रतिरक्षा प्रणाली बेहतर बनती है.

7 . अनानास
इस का रस या शर्बत पीने से तेज गर्मी व पसीने की समस्या दूर होती है. अनानास को छील कर उस के छोटेछोटे टुकड़े कर के खाने से पित्त विकार दूर होते हैं.  रोजाना अनानास का रस पीने से मोटापा कम होता है, क्योंकि अनानास का रस चर्बी को पिघलाता है. अनानास का रस गले तथा मुंह के जीवाणु जन्य रोगों में लाभकारी सिद्ध होता है. यह हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है.

8. अंगूर
कुछ समय तक लगातार अंगूर के रस का सेवन करने से माइग्रेन की समस्या से काफी राहत मिलती है. इस का सेवन हाईब्लड प्रेशर में काफी लाभदायक होता है. अंगूर में ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. टीबी, कैंसर और ब्लड-इंफेक्शन जैसी बीमारियों में यह फायदेमंद होता है.

सर्वाइकल कैंसर: जांच करवाने में हिचक क्यों

आज पूरी दुनिया में हर दस में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त है. इस भयानक आंकड़े के बावजूद महिलाएं इस की जांच कराने में हिचकती हैं. ऐसे मामलों में जितनी सावधानी बरती जाए कम है, वरना परिणाम घातक हो सकते हैं. यह एक चौका देने वाला तथ्य है कि पिछले 2 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार भारत में 70 हजार से अधिक महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर के कारण हुई है. इन में से अधिकतर महिलाओं की मृत्यु का कारण सर्वाइकल कैंसर, उस के लक्षण, बचाव व सही समय पर इलाज की सही जानकारी का अभाव होना है.

यदि सही समय पर लक्षणों पर गौर किया जाए और सही निर्देशानुसार इलाज किया जाए तो सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु के आंकड़ों में गिरावट लाई जा सकती है. गर्भाशय के मुख्य द्वार को सर्विक्स कहा जाता है. सर्विक्स में सैल्स की अनियमित वृद्धि को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. यह कैंसर सर्विक्स में हयूमन पेपीलोमा वायरस यानी एचपीवी के कारण होता है. आज पूरी दुनिया में 10 में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त है. बीमारी और इलाज संबंधी जानकारी के अभाव में यह खतरनाक बीमारी महिलाओं के लिए जानलेवा बनती जा रही है. यह बीमारी 40 साल या इस से अधिक आयु की महिलाओं में अधिक होती है. सर्विक्स यूट्रस के मुखद्वार के ऊपर स्थित होता है. इसे यूट्रस की बच्चेदानी का मुख्य द्वार भी कहा जाता है. जैसेजैसे सर्विक्स में कैंसर फैलता है, वह ऊपर की तरफ यूट्रस में या फिर नीचे की तरफ योनि में नीचे फैलना शुरू हो जाता है. यह मुख्यतया एचपीवी के कारण होता है.

सामान्य तौर पर इस वायरस की 2 वैराइटीज नंबर 16 और 18 सर्वाइकल कैंसर पैदा करती हैं. 99.7 फीसदी केसों में सर्वाइकल कैंसर के लिए एचपीवी जिम्मेदार होता है. द्य हाई रिस्क पार्टनर, हिस्ट्री औफ सैक्सुअली स्थानांतरित बीमारी वाले व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

यह खतरनाक बीमारी मल्टीपल पार्टनर्स के साथ सैक्सुअल एक्टिविटीज करने की वजह से होती है. द्य इक्युनो सप्रेशन या एड्स के कारण इम्यूनिटी कम हो जाती है जिस से सर्वाइकल कैंसर की आशंका बढ़ जाती है.

अर्ली एज यानी 20 साल की आयु से पहले सैक्सुअल एक्टिविटीज में इन्वौल्व होने के कारण भी सर्वाइकल कैंसर हो जाता है.

अल्कोहल एवं सिगरेट का अधिक इस्तेमाल करना भी सर्वाइकल कैंसर होने के खतरे को बढ़ा देता है.

इस के अलावा प्राइवेट पार्ट की साफसफाई न करने या फिर बारबार गर्भधारण करने में भी सर्वाइकल कैंसर की आशंका बढ़ जाती है.

यह आनुवांशिक बीमारी भी हो सकती है. सर्वाइकल कैंसर की शुरुआती चरण वाली स्थिति को डिस्प्लेसिया कहा जाता है. इस चरण में इलाज आसानी से किया जा सकता है. ध्यान न देने पर यह बीमारी अगर कैंसर में बदल जाए तो इसे कार्सिनोमा कहा जाता है. यहां कंडीशन थोड़ी मुश्किल हो जाती है.

शुरुआती चरण में सर्वाइकल कैंसर की पहचान नहीं हो पाती है लेकिन फिर भी कुछ ऐसी शारीरिक गतिविधियां हैं जिन के माध्यम से इस की पहचान करने में आसानी होती है. पेशाब के दौरान दर्द पेशाब करते समय यदि किसी महिला को तेज दर्द का एहसास होता है तो यह सर्वाइकल कैंसर का पहला लक्षण माना जाता है.

पेट के निचले हिस्से में दर्द आमतौर पर महिलाओं को मासिकधर्म के दौरान पेट के निचले हिस्से में हलका दर्द होता है. लेकिन मासिकधर्म बंद होने के बाद भी दर्द का एहसास होता है तो इस स्थिति में डाक्टर से कंसल्ट करें क्योंकि यह योनि में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण की पुष्टि करता है.

असामान्य ब्लीडिंग शारीरिक संबंध बनाने के बाद ब्लीडिंग या फिर तेज दर्द सर्वाइकल कैंसर का लक्षण है. इस के अलावा मासिकधर्म बंद होने के बाद भी रक्तचाप इस बीमारी की पुष्टि करता है. भूख या वजन का घटना भी इस में शामिल है. व्हाइट डिस्चार्ज मासिकधर्म शुरू होने से पहले थोड़ाबहुत सफेद पानी का आना सामान्य है लेकिन जरूरत से ज्यादा सफेद, बदबूदार पानी का रिसाव होता है तो इसे नजरअंदाज न करें. रोकथाम बीमारी की स्क्रीनिंग कराएं.

इस के संक्रमण से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन का टीकाकरण कराएं. इन दवाइयों का कोई साइड इफैक्ट नहीं होता है. 10 से 40 साल की महिलाएं सर्विक्स कैंसर वैक्सीन का इस्तेमाल कर सकती हैं. डायग्नोसिस सर्वाइकल कैंसर का पता करने के लिए बायोप्सी, सीटी स्कैन एवं पेट स्कैन कराएं. इस का इलाज भी इस की स्टेज पर निर्भर करता है जिस में कीमो थेरैपी, रेडियो थेरैपी और सर्जरी शामिल हैं. इस वायरस से बचाव के लिए पूर्व सावधानियां बरतें :

कम उम्र में सैक्स ऐक्टिविटी में इन्वौल्व होने से बचें.

असुरक्षित यौन संबंधों से बचें. इस स्थिति से निबटने के लिए कंडोम का इस्तेमाल बेहतर होगा.

बारबार गर्भधारण करने से बचें.

महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट्स की समयसमय पर अच्छे से साफसफाई पर विशेष ध्यान दें.

स्वास्थ्य की दृष्टि से अल्कोहल और स्मोकिंग बहुत खतरनाक है लेकिन सर्वाइकल कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए शराब और धूम्रपान से दूर रहें. सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन बनने लगी हैं पर वे बहुत महंगी हैं और अभी सरकार इन्हें उन इलाकों में नहीं दे रही है जहां यह ज्यादा है.

सैक्स ट्रेड में लगी औरतों में यह कैंसर ज्यादा होता है और उन से घरों तक पहुंच जाता है जब ग्राहक वेश्या के बाद पत्नी के साथ सोता है. वैक्सीन का उपयोग तभी संभव है जब बहुत लोगों को इस की जानकारी हो और सभी सैक्सुअली ऐक्टिव औरतों को लगाई जा सकें.

सब से बड़ी दिक्कत है कि औरतें अपने को एक्जामिन कराने को तैयार नहीं होतीं क्योंकि इस तरह का यौन रोग उन के चालचरित्र पर धब्बा डालता है. वे अंत तक उस कैंसर को छिपा कर रखने की कोशिश करती हैं.

सर्वाइकल कैंसर का यौन अंग में होना ही उस के फैलने का सब से बड़ा कारण है क्योंकि हमारे यहां यह टैबू है कि यौन रोग तो केवल वेश्याओं को होता है. आयुर्वेद दवाओं के नाम पर भी औरतों को बहकाया जाता है और वे इलाज के लिए अश्वगंधा, सतावरी, अशोक छाल व गुगुल जैसी दवाइयों के सहारे ठीक होने की कल्पना कर के कीमती समय नष्ट कर देती हैं और अंत में यह कैंसर फैल जाता है.

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