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दिल की आंखों से…

अपनी आंखों से सोचती हूं मैं

और पोरों से देखती हूं मैं

जो भी हालात हैं मेरे अंदर के

सब से बेहतर जानती हूं मैं

 

इक अजब टूटफूट जारी है

अंदर ही अंदर मर रही हूं मैं

रातभर जागने में सोती हूं मैं

और सोते में जागती हूं मैं

 

इतनी वहशत है अपने होने से

अपने आप से भागती हूं मैं

मेरा हो कर भी जो नहीं मेरा

दिलोजान उस पे वारती हूं मैं

 

कोई बस भी मेरा नहीं चलता

लाख इस दिल को रोकती हूं मैं

गरचे नौबीना ही सही ऐ गुल

दिल की आंखों से देखती हूं मैं.

– गुलनाज

समझौते

घर बचाने के लिए जिल्लत की आग में

जलना पड़ा मुझे

 

भूखे बच्चों की खातिर

नंगे पांव चलना पड़ा मुझे

 

सच को सच साबित करने के लिए

मुसीबतों के दरिया से गुजरना पड़ा मुझे

 

अपने उसूलों को जिंदा रखने के लिए

हर रोज एक मौत मरना पड़ा मुझे

 

सूखे पत्तों सा मुझे न उड़ा ले जाए कहीं

वो सिरफिरी हवा थी, संभलना पड़ा मुझे

 

कल ला देंगे बाजार से खिलौना तुझे

इस बहाने से हर रोज बहलना पड़ा मुझे

 

गर्दिश में जब हालत देखी मैं ने

पत्थर था, मोम सा पिघलना पड़ा मुझे.

– डा. तेजपाल सोढ़ी ‘देव’

 

मीना बनेंगी माही

फिल्म ‘साहब, बीवी और गैंगस्टर’ की मदहोश बीवी का किरदार निभाने वाली अदाकारा माही गिल जल्द ही एक ऐसा किरदार निभाने जा रही हैं जो निजी जिंदगी में शराब और गम में डूबा रहता था. जी हां, हम बात कर रहे हैं अभिनेत्री मीना कुमारी की. खबर है कि माही गिल फिल्म ‘गैंग्स औफ घोस्ट्स’ में मीना कुमारी के स्टाइल में आइटम नंबर करती नजर आएंगी. सतीश कौशिक निर्देशित इस फिल्म में माही का नशीला रूप दर्शकों को कितना मदहोश करता है, यह तो वक्त ही बताएगा.                       

शाहिद की खुशी

बहुत दिनों बाद शाहिद कपूर को डांस करने का भरपूर मौका मिल रहा है. ‘रैंबो राजकुमार’ में शाहिद कपूर अभिनेता व निर्देशक प्रभुदेवा के साथ डांस करेंगे. शाहिद का कहना है कि निर्देशक का डांस स्टाइल नया है जो एक चुनौती है. पूरे गाने में डांस ही डांस है. मैं इसे करने के लिए बहुत उत्साहित हूं. शाहिद का कहना है कि गाना बहुत मजेदार है. वे अच्छा परफौर्म करने के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं. शाहिद भैया, आप की मेहनत रंग लाए और आप डांसिंग स्टार बन जाएं, हम तो यही कह सकते हैं.

 

भारी पड़ गया टैटू

प्यार का इजहार टैटू के जरिए करना किस कदर भारी पड़ सकता है, यह कोई प्रतीक बब्बर से पूछे. दरअसल, फिल्म ‘एक दीवाना था’ की शूटिंग के दौरान प्रतीक अपनी सहअभिनेत्री एमी जैक्सन पर इतना फिदा हुए कि अपने बाजू पर उन के नाम का टैटू गुदवा लिया. यहां तक तो ठीक था लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद दोनों में ब्रेकअप हो गया तो अब प्रतीक उस टैटू से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं. बहरहाल, प्रतीक ने टैटू को मौडीफाई कराने की सोची है.

 

प्रीति का राग़

डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा अपने फलतेफूलते फिल्मी कैरियर को छोड़ आईपीएल टीम खरीद कर क्रिकेट की दुनिया में उतरीं लेकिन कुछ खास लाभ नहीं मिला. न ही उन की टीम किंग्स इलैवन का प्रदर्शन अच्छा रहा और न ही नेस वाडिया के साथ उन की पार्टनरशिप चली. उलटे फिल्मी कैरियर भी डूब गया. गौरतलब है कि उन की ज्यादातर फिल्में या तो रिलीज नहीं हो पा रही हैं और जो होती हैं वे फ्लौप हो जाती हैं. अब सुना है कि क्रिकेट और फिल्मों के बाद प्रीति राजनीति करने की सोच रही हैं और जल्द ही अरविंद केजरीवाल की ‘आम आदमी पार्टी’ जौइन करेंगी.

 

नरगिस बनी जर्नलिस्ट

फिल्म ‘रौक स्टार’फेम नरगिस फाखरी लंबे अरसे से सिल्वर स्क्रीन पर भले नजर न आई हों पर जल्द ही वे जौन अब्राहम के साथ फिल्म ‘मद्रास कैफे’ में नजर आएंगी. इस फिल्म में नरगिस जर्नलिस्ट की भूमिका निभा रही हैं. नरगिस के मुताबिक जर्नलिस्ट का रोल करने से पहले उन्हें रिसर्च के लिए कई मीडिया पर्सनैलिटीज से मिलना- जुलना पड़ा और कई इवैंट्स भी अटैंड करने पड़े. वे रिपोर्टर के जौब को बेहद मुश्किल मानती हैं.

 

पुलिसगीरी

संजय दत्त के जेल जाने के बाद रिलीज हुई उन की पहली फिल्म ‘पुलिसगीरी’ तमिल फिल्म ‘सामी’ की रीमेक है. फिल्म के निर्माता ने फिल्म के निर्देशन की जिम्मेदारी ‘सामी’ के ही निर्देशक के एस रविकुमार को सौंपी. ‘पुलिसगीरी’ में संजय दत्त की गांधीगीरी बिलकुल भी नहीं है, उलटे गुंडों से गुंडागीरी करते दिखाया गया है. चूंकि फिल्म तमिल की रीमेक है, निर्देशक भी वही है इसलिए इस में नयापन ढूंढ़ने की कोशिश करना बेमानी है.

फिल्म का नायक डीसीपी रुद्र (संजय दत्त) जांबाज है. शहर में एक राजनीतिबाज बनाम गुंडे नागोरी (प्रकाशराज) का आतंक है. डीसीपी रुद्र शहर के लोगों को नागोरी के आतंक से मुक्त कराना चाहता है. रुद्र की बहादुरी को देख कर सहर (प्राची देसाई) उसे चाहने लगती है. डीसीपी रुद्र न सिर्फ नागोरी के गुंडों की फौज को खत्म करता है, नागोरी को मार कर शहरवासियों को उस के आतंक से बचाता भी है.

फिल्म की यह कहानी काफी घिसीपिटी है. पूरी फिल्म में संजय दत्त छाया रहा है. लगता है जेल जाने के बाद संजय दत्त को इस फिल्म के जरिए भुनाने की कोशिश की जा रही है. इस फिल्म के मुंबई में हुए प्रीमियर शो के दौरान संजय दत्त की पत्नी मान्यता ने दर्शकों से संजय दत्त की इस फिल्म को देखने की अपील भी की. फिल्म सी ग्रेड की लगती है. निर्देशक ने पूरा ध्यान संजय दत्त के ऐक्शन दृश्यों पर ही केंद्रित किया है. ऐसे दृश्य देख कर फ्रंटबैंचर्स खूब तालियां बजाएंगे. प्राची देसाई ने 1-2 गानों में संजय दत्त के साथ सिर्फ ठुमके ही लगाए हैं. राजपाल यादव हंसाता कम है, खिझाता ज्यादा है. फिल्म का निर्देशन घिसापिटा है. गीतसंगीत कुछ अच्छा है.

रमैया वस्तावैया

प्रभुदेवा दक्षिण का जानामाना डांस डायरैक्टर है. कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में निर्देशन देने के बाद उस ने ‘वांटेड’ और ‘राउडी राठौर’ जैसी सुपरहिट ऐक्शन फिल्में बौलीवुड में बनाईं. इस बार उस ने कौमेडी में अपने हाथ आजमाए हैं और कुछ हद तक वह सफल भी हुआ है.‘रमैया वस्तावैया’ का टाइटल राज कपूर की प्रसिद्ध फिल्म ‘श्री 420’ के गाने से लिया गया है. फिल्म रोमांटिक कौमेडी है, जिसे प्रभुदेवा ने अपनी अलग स्टाइल में प्रस्तुत किया है. फिल्म का नायक नया है और उसे सहारा देने के लिए प्रभुदेवा ने कई पुराने घिसेपिटे कलाकारों को साथ में
रखा है.

कहानी इतनी सी है कि किसान रघु (सोनू सूद) अपनी मां की मौत के बाद अपनी बहन सोना (श्रुति हसन) को पालतापोसता है. बड़ी होने पर सोना अपनी फ्रैंड की शादी में जाती है जहां उस की मुलाकात आस्ट्रेलिया से आए युवक राम (गिरीश कुमार) से होती है. दोनों में प्यार हो जाता है. राम की मां (पूनम ढिल्लों) को यह गवारा नहीं होता. वह सोना को खरीखोटी सुना कर उस के भाई की भी बेइज्जती करती है. सोना वापस लौट जाती है. लेकिन राम उस के पीछेपीछे उस के गांव आ जाता है. वह सोना के भाई से उस का हाथ मांगता है. रघु राम के आगे शर्त रखता है कि उसे गांव में रह कर खेतीबाड़ी करनी होगी और जानवरों की देखभाल करनी होगी. राम मान जाता है. वह खूब मेहनत कर रघु का दिल जीत लेता है. आखिरकार रघु उन दोनों की शादी कराने पर राजी हो जाता है. राम के मातापिता को भी अपनी गलती पर पश्चात्ताप होता है और वे सोना को बहू स्वीकार कर लेते हैं.

फिल्म की कहानी में कुछ भी नया नहीं है. गिरीश कुमार की यह पहली फिल्म है. रोमांटिक दृश्यों में वह जमा है. अपनी ऊलजलूल हरकतों से उस ने दर्शकों को खूब हंसाया भी है. श्रुति हसन का काम भी अच्छा है. फिल्म का फर्स्ट हाफ ‘मैं ने प्यार किया’ की याद ताजा करता है. फिल्म का निर्देशन सामान्य है. प्रभुदेवा ने जैकलीन फर्नांडीस के साथ खुद एक डांस गीत भी परफौर्म किया है. फिल्म के बाकी गाने भी अच्छे हैं. छायांकन अच्छा है.

 

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