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राधिका आप्टे लेकर आ रही हैं दो रोमांचक फिल्में

गत वर्ष लघु फिल्म ‘आहिल्या’ में कामुक स्त्री आहिल्या का चरित्र निभाकर जबरदस्त चर्चा बटोरने के बाद राधिका आप्टे ने ‘माझी द माउंटेन मैन’’ और ‘‘कौन कितने पानी में’’ अलग तरह के किरदार निभाकर काफी शोहरत बटोरी थी. अब इस साल वह एक साथ दो रोमांचक फिल्मों को लेकर चर्चा में हैं. जिनमें से एक रोमांचक फिल्म ‘‘फोबिया’’ की वह शूटिंग पूरी कर चुकी हैं. ‘फोबिया’ एक मनोवैज्ञानिक रोमांचक फिल्म है. जबकि दो फरवरी को वह दूसरी रोमांचक फिल्म ‘‘कबली’’ की शूटिंग करने के लिए मलेशिया रवाना हुई हैं. ‘कबली’ एक तमिल भाषा की अपराध रोमांचक फिल्म है, जिसमें राधिका आप्टे के साथ रजनीकांत हीरो हैं.

एशिया कप, टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का ऐलान

बीसीसीआई की चयन समिति ने विश्व कप टी20 और एशिया कप के लिए टीम की घोषणा कर दी है. पवन नेगी को जहां टीम में जगह मिली है, वहीं ऑस्ट्रेलिया टूर पर घायल हुए मोहम्मद शमी ने भी वापसी की है जबकि भुवनेश्वर कुमार बाहर हो गए हैं. दोनों टूर्नामेंट के लिए एक ही टीम है.

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, शिखर धवन, सुरेश रैना, विराट कोहली, युवराज सिंह, आर. अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, आशीष नेहरा, पवन नेगी, मोहम्मद शमी, हार्दिक पंड्या, अजिंक्य रहाणे, हरभजन सिंह

एशिया कप में और कौन-सी टीमें लेंगी हिस्सा
– भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश के साथ एक अन्य टीम भी खेलेगी.

– अफगानिस्तान, हांगकांग, ओमान और यूनाइटेड अरब अमीरात के बीच क्वालिफाइंग मुकाबले 19 फरवरी से होंगे.

– इनमें से एक टीम मेन टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई करेगी.

– पहला मैच भारत और बांग्लादेश के बीच खेला जाएगा.

– एशिया कप पहली बार टी-20 फॉर्मेट में खेला जा रहा है.

एशिया कप में टीम इंडिया का शेड्यूल
– 24 फरवरी : vs बांग्लादेश

– 27 फरवरी : vs पाकिस्तान

– 1 मार्च : vs श्रीलंका

– 3 मार्च : vs टीबीडी

– 6 मार्च : फाइनल

टी-20 वर्ल्ड कप में भारत का मुकाबला कब-कब

– 1st मैच: vs न्यूजीलैंड, 15 मार्च

– 2nd मैच: vs पाकिस्तान, 19 मार्च

– 3rd मैच: vs क्वालिफाइंग-1, 23 मार्च

– 4th मैच: vs ऑस्ट्रेलिया, 27 मार्च

– सेमीफाइनल : 30 और 31 मार्च

– फाइनल : 3 अप्रैल (कोलकाता में)

मैसेजिंग एप व्हाटसएप के हुए एक अरब यूजर्स

मैसेजिंग एप व्हाटसएप के अब एक अरब (वन बिलियन) यूजर्स हो गए हैं. व्हाटसएप ने अपने ब्लॉग और फेसबुक पोस्ट के जरिये यह जानकारी सार्वजनिक की. व्हाटसएप ने 800 मिलियन यूजर्स वाले फेसबुक मैसेंजर और 650 मिलियन यूजर्स वाले वी चैट को भी पीछे छोड़ दिया है. व्हाटसएप के को-फाउंडर जान कौम और फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक टाइमलाइन पर एक बधाई संदेश भी पोस्ट किया. 

सबसे ज्यादा वीडियो होते हैं शेयर
व्हाटसएप के को-फाउंडर जान कौम के मुताबिक व्हाटसएप के जरिये रोजाना 42 अरब (बिलियन) मैसेजेज और 1.6 अरब (बिलियन) इमेजेज और 250 बिलियन वीडियो रोजाना शेयर होते हैं. व्हाटसएप के जरिये लोग 53 भाषाओं में मैसेजिंग की जा सकती है. व्हाटसएप पर लगभग एक अरब (वन बिलियन) ग्रुप्स बन चुके हैं. इस कंपनी को 57 इंजीनियर्स की टीम संचालित कर रही है.

तब थे 450 मिलियन यूजर्स
बता दें कि 19 फरवरी 2014 को फेसबुक ने व्हाटसएप को अधिग्रहित किया था तब व्हाटसएप के 450 मिलियन यूजर्स थे. वर्ष 2015 मार्च में व्हाटसएप के 700 मिलियन यूजर्स हो गए.

256 लोग जुड़ सकेंगे एक ग्रुप में
व्हाटसएप ने गुरुवार से व्हाटसएप ग्रुप में यूजर्स की संख्या भी बढ़ाई है. अब एक व्हाटसएप ग्रुप में 256 यूजर्स ग्रुप चैट कर सकेंगे. अभी तक किसी ग्रुप से सिर्फ 100 यूजर्स ही जुड़ सकते थे.

जमाना हैशटैग शादियों का

फैशन ट्रैंड की तरह विवाह ट्रैंड भी हर मौसम में बदलता रहता है. पहले भारत में नईनवेली दुलहन के कपड़ों का रंग लाल हुआ करता था, लेकिन आज रौयल ब्लू व हौट पिंक को पसंद किया जा रहा है. शादी में जो मेहमान आते हैं उन के लिए अब गुलाबजामुन, जलेबियां, रबड़ी व वैनिला आइसक्रीम ही पर्याप्त नहीं है तिरामीशु व बकलावा भी जरूरी हो गए हैं. विवाह के फोटो भी अब स्वाभाविक व प्राकृतिक पृष्ठभूमि वाले हो गए हैं, क्योंकि अब कैमरे के लिए कोई फ्रीज नहीं करता है.

ताजा ट्रैंड सोशल वैडिंग का है, जिस में हैशटैग क्रिएट किए जाते हैं और मेहमानों में वितरित किए जाते हैं ताकि वे विवाह को लाइव ट्वीट कर सकें और फेसबुक व इंस्टाग्राम पर तसवीरें व अपडेट पोस्ट कर सकें. आप जैसे ही विवाह मंडप में प्रवेश करेंगे तो ‘संजीव वैड्स शालिनी’ के ठीक नीचे हैशटैग लिखा होगा, जैसे प्त स्स् 2द्गस्रह्य स्स्. आजकल की शादियों में यह एक आम नजारा हो गया है.

हालांकि कुछ लोग अब भी इस ट्रैंड से बचने का प्रयास करते हैं, लेकिन ज्यादातर जोड़े सोशल मीडिया व स्मार्टफोन कैमरे के महत्त्व को समझते हुए उसे गले लगा रहे हैं. 2014 में अमेरिकी वैबसाइट मशेबल व द नौट डौट कौम ने एक सर्वे किया था, जिस के अनुसार इंटरव्यू किए गए जोड़ों में से 55% ने कहा कि उन्होंने वैडिंग हैशटैग का प्रयोग किया और 20% ने कहा कि उन्होंने अपने मेहमानों को प्रोत्साहित किया कि वे उन के हैशटैग का इस्तेमाल करें व समारोह कार्यक्रमों के साथ शेयर करें.

भारत में यह ट्रैंड उस समय मशहूर हुआ जब फिल्म ऐक्टर सलमान खान की बहन अर्पिता की शादी में लोगों ने हैशटैग का इस्तेमाल किया और फेसबुक व इंस्टाग्राम पर तसवीरें व अपडेट्स पोस्ट किए. लेकिन अब इस की स्थिति यह हो गई है कि छोटे शहरों व कसबों में भी इस के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है.

हाल ही में नम्रता चौहान का विवाह मेरठ के एक कसबे मवाना में हुआ. नम्रता बताती हैं, ‘‘लोग आप की शादी पर बहुत ज्यादा तसवीरें खींचते हैं और थोक के भाव में औनलाइन पोस्ट कर देते हैं. इन को ट्रैक करना असंभव हो जाता है. हैशटैग के जरीए आप बिना किसी मुश्किल के सभी तसवीरों को देख लेते हैं. फिर आप को आश्चर्य उस समय होता है कि इन तसवीरों में वे शानदार पल भी कैद हो जाते हैं जिन्हें अकसर शादी को कवर करने वाला फोटोग्राफर कैमरे में कैद करने से चूक जाता है.’’

जो हैशटैग इस्तेमाल किए जा रहे हैं वे मजेदार और आकर्षक भी हो सकते हैं और इतने साधारण भी कि सिर्फ जोड़ों के नाम दे दिए जाएं. लेकिन कभीकभी विकल्पों के अभाव में साधारण हैशटैग का ही इस्तेमाल करना पड़ जाता है. एक शादी में तो यह भी देखने को मिला कि हैशटैग केवल प्रवेशद्वार पर ही प्रिंट नहीं किया गया था, बल्कि पूरे वैन्यू में जगहजगह प्रिंट कर के लगाया गया था.

सोशल मीडिया का अन्य फायदा यह भी है कि फोटोग्राफर तो तमाम तसवीरें 1-2 सप्ताह के बाद ही लाता है, लेकिन सोशल मीडिया पर इन्हें फौरन देखा जा सकता है. शानदार पलों को तसवीरों में देखने के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ती है. चूंकि दोनों घरों में हो रहे बहुत से कार्यक्रमों को होने वाले पतिपत्नी एकसाथ नहीं देख सकते, इसलिए सोशल मीडिया के जरीए आसानी से मालूम हो जाता है कि एकदूसरे के घर में कैसी तैयारियां चल रही हैं. हैशटैग से पोस्ट व तसवीरें परिवार व दोस्तों से बाहर दूसरों तक भी पहुंच जाती हैं, लेकिन बदलते जमाने में इस की परवाह करता कौन है?

एक ही शाम के 3 निमंत्रण

शादी को ले कर बहुत से ट्रैंड बदल रहे हैं, लेकिन एक बात जिसे बदलना सब से कठिन हो रहा है वह है शुभ मुहूर्त. यह सब को मालूम है कि शुभ मुहूर्त में की गई शादी भी कठिनाई भरी हो सकती है और उस का नतीजा भी तलाक के रूप में सामने आ सकता है. कहते हैं सब से ज्यादा गुण राम और सीता के मिले थे, लेकिन रामायण से मालूम होता है कि सीता को 14 वर्ष वनवास में, जिस में उन का अपहरण भी हुआ और फिर अयोध्या लौटने पर जीवन का बड़ा हिस्सा आश्रम में राम से अलग गुजारना पड़ा. लेकिन इस के बावजूद हर कोई चाहता है कि विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है. चूंकि शुभ साए अकसर कम ही होते हैं, जैसे 2014 में तो 2-3 ही थे, तो ऐसे में एक ही दिन में एक शहर में हजारों विवाह आयोजित किए जाते हैं. 14 फरवरी, 2015 को अकेले मेरठ में ही 5,000 शादियां हुईं.

अगर छोटे से शहर में ही एक दिन में इतनी शादियां होंगी तो जाहिर है, अगर आप थोड़े से भी सामाजिक दृष्टि से सक्रिय हैं, तो आप के पास एक ही दिन के कम से कम 3-4 निमंत्रण तो अवश्य होंगे. ऐसे में आप क्या करें खासकर जब तीनों शादियां ही शहर के अलगअलग कोनों में आयोजित हों. कहने का अर्थ यह है कि एकसाथ कई जरूरी कार्यक्रम, आयोजन स्थलों की एकदूसरे से दूरी, ट्रैफिक जाम और सभी समारोह एक ही समय पर- तो ऐसा शुभ साया आप के लिए तो खुशी नहीं मुसीबत ही ले कर आएगा. गृहिणी निशा चौधरी बताती हैं, ‘‘मुझे एक ही दिन 3 शादियों में जाना है. एक मेरी सहेली की है, एक मेरे कजिन की है और एक मेरे पति के कजिन की है. हालांकि मैं अपनी सहेली और कजिन के बहुत करीब हूं, लेकिन पूरा समय उन दोनों को नहीं दे सकती, क्योंकि तीसरी शादी ससुराल में है, उसे मिस नहीं कर सकती. मैं बहुत सोच रही हूं कि तीनों की ही नाराजगी से कैसे बचूं? ऐसा करूंगी कि सहेली से दिन में मिल आऊंगी, कजिन की शादी में थोड़ी देर के लिए जा कर अपना चेहरा सब को दिखा आऊंगी और फिर ससुराल की शादी में जयमाला के समय तक पहुंचने का प्रयास करूंगी, बशर्ते ट्रैफिक ने इजाजत दे दी तो. अगर ट्रैफिक में ही फंस गई तो किन्हीं 2 से शादी पर न पहुंचने की शिकायत सुन लूंगी.’’

दरअसल, ऐसी स्थिति में सारा खेल समय प्रबंधन का है. यह अलग बात है कि साए के समय जो ट्रैफिक का हाल रहता है उस में 2 वैन्यू को एक ही शाम में पूरा करना आसान काम नहीं होता है. इस संदर्भ में रूपेश त्यागी बताते हैं, ‘‘मैं ने तो ऐसा कई बार किया है. एक ही दिन में कई शादियां अटैंड की हैं. बात समझने की यह है कि पहले एक शादी में जाओ, मेजबान से मिलो और आधे घंटे तक जानपहचान के लोगों से दुआसलाम करते रहो. फिर उपहार दो और अगले वैन्यू की तरफ निकल लो. सब से महत्त्वपूर्ण यह है कि आप का जो अंतिम वैन्यू है वहां डिनर करो. लेकिन मेजबान से मिलना कहीं भी न भूलें वरना आप की सारी कोशिश बेकार हो जाएगी.’’

भाषा से निबटना होगा

प्ले स्कूल चलाना अब खासे मुनाफे का धंधा बन रहा है. एस. श्रीनिवास रेड्डी, जो हैदराबाद के प्ले स्कूलों के एक ऐसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, का कहना है कि प्ले स्कूल चलाने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होती. 20,000-25,000 में जगह किराए पर लो, 2-3 शिक्षक और 2-3 आयाएं रखो और साल में 50 से 100 बच्चों से क्व20,000 से 25,000 तक की फीस पा लो. यह हिसाब सारे देश में एक जैसा है. ऐसा नहीं है कि मातापिता नहीं जानते कि प्ले स्कूलों में क्या हो रहा है. पर उन्हें बच्चों को प्ले स्कूलों में भेजना होता ही है जहां बच्चे अपने हमउम्र बच्चों के साथ मिल खेल सकें और कुछ पढ़ना, कुछ गाना, कुछ अनुशासन, कुछ घर से बाहर रहना सीख सकें.

व्यावसायिक होते हुए भी मांओं के लिए ये प्ले स्कूल आवश्यक हैं और किसी खास अनुमति की आवश्यकता न होना एक वरदान है. अनुमति से तो फीस बढ़ जाएगी, क्वालिटी बढ़े या न बढ़े. इन स्कूलों को हर तरह की छूट मिलती रहे यह जरूरी है. वास्तव में तो हर अकेले रिटायर्ड दंपती को अपने घर में प्ले स्कूल खोलने के लिए उत्साहित करें. इस से उन का समय बीतेगा, कुछ आय होगी और खाली घर का सदुपयोग भी होगा.

इन स्कूलों में खराबी यही है कि फैशन के चलते ये स्कूल बच्चों पर अंगरेजी थोप रहे हैं. बच्चों को तो वह बोलने की आदत होती है, जो घर में बोला जाता है. अगर घर में हिंदी, तमिल या तेलुगु बोली जाती है तो वे स्कूल में भी वही बोलेंगे पर शान के कारण उन्हें अंगरेजी मारपीट कर सिखाई जा रही है. बड़े शहरों में तो अंगरेजी पढ़ेलिखे शिक्षक मिल भी जाएं पर छोटे शहरों में ये नहीं मिलते और वहां बच्चे न अपनी भाषा सीखते हैं न अंगरेजी.

बच्चों को सही बोलना आए उस के लिए प्ले स्कूल जरूरी है और ये मालिकमालकिन की प्रतिष्ठा पर ही सफल हों, अच्छा है. पर भाषा से इन्हें निबटना होगा. 4 शब्द अंगरेजी के सिखाने के चक्कर में टैंटनुमा वातावरण में चल रहे इन स्कूलों को टैंटों जैसी ही नींव न बनाने दें. अपनी भाषा में ही मजबूत जमीन बनेगी.

महिंद्रा ने पेश की पावरफुल ई-कार e2o

ऑटो एक्‍सपो में भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनी महिंद्रा ने अपनी सबसे पावरफुल इलेक्ट्रिक कार ई2ओ पेश की. यह पुरानी इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले अधिक पावरफुल और मजबूत है. कंपनी के मुताबिक इसकी रफ्तार भी बेमिसाल है. यह मात्र 8 सेकेंड में 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. ऑटो एक्‍सपो में कंपनी ने एक्‍सयूवी एयरो का कॉन्‍सेप्‍ट मॉडल और ट्रक ब्रेजो भी पेश किया है.

पेट्रोल डीजल और पॉल्‍यूशन से फ्री
ऑटो एक्‍सपो में महिंद्रा का फोकस ईको फ्रेंडली व्‍हीकल पर रहा. कंपनी ने अपनी इलेक्ट्रिक कार ई2ओ को नया संस्‍करण पेश किया है. यह दो दरवाजे वाली कॉम्‍पेक्‍ट कार है. इस कार की अधिकतम स्‍पीड 120 किमी प्रति घंटा है. इसकी पावर की बात करें तो आपको 100 किमी. की रफ्तार पर पहुंचाने के लिए सिर्फ 8 सेकेंड लगते हैं. यह कार लीथियम आयन बैटरी का इस्‍तेमाल किया जाता है. जिसे आसानी से चार्ज किया जा सकता है.

पेश हुआ एक्‍सयूवी का कॉन्‍सेप्‍ट मॉडल
महिंद्रा ने अपनी फेमस एसयूवी एक्‍सयूवी 500 का कॉन्‍सेप्‍ट मॉडल एक्‍सयूवी एयरो को पेश किया है. यह प्रीमियम एसयूवी सेगमेंट के लिए तैयार किया गया है. हालांकि कंपनी ने इसकी अधिक स्‍पेसिफिकेशंस जारी नहीं की हैं. लेकिन संभव है कि यह कॉन्‍सेप्‍ट मॉडल बाजार में पहले से मौजूद टोयोटा और हुंडई की एसयूवी को कड़ी टक्‍कर देंगी. कंपनी ने यहां कॉमर्शियल सेगमेंट में अपना ट्रक ब्रेजा भी पेश किया. यह ट्रक जितना पावरफुल है उतना सुंदर भी है. कंपनी अगले कुछ महीनों में इसे लॉन्‍च भी कर देगी.

सनम तेरी कसमः संगीत से सजी रोमांटिक फिल्म

‘‘माता पिता की बद्दुआ का उनके बच्चों पर असर होता है…’’ की बात करने वाली यह एक शापित व दुःखद प्रेम कथा है. उपरी दृष्टिकोण से फिल्म के कथानक मे कोई नवीनता नहीं है. ‘सनम तेरी कसम’ देखते समय बीच बीच में दर्शकों को टीवी सीरियल ‘जस्सी जैसी कोई नहीं’ के अलावा ‘कट्टी बट्टी’ या ‘अॅंखियों के झरोखे से’ जैसी कुछ फिल्मों की याद आ सकती है. मगर फिल्म के लेखक व निर्देशकद्वय राधिका राव व विनय सप्रू का कहानी को बयां करने का अंदाज नया है.

कहानी में कई मोड़ ऐेसे हैं, जो कि नयापन का अहसास कराने के साथ साथ फिल्म के साथ दर्शकों को जोड़कर रखते हैं. इसी के साथ फिल्म भावनात्मक है. कई सीन दर्शकों को रूलाते है, तो हंसाते भी हैं. लेकिन पिता द्वारा अपनी जीवित बेटी का श्राद्धकर्म करने की बात गले नहीं उतरती. यह अविश्वसनीय और आज के आधुनिक युग में इस तरह की चीजों को बढ़ावा देना भी गलत ही कहा जाएगा.

इतना ही नहीं ‘‘जब इंसान किसी चीज को बहुत दिल से चाहता है,फिर चाहे वह सुख हो या दुःख वह जरूर पूरा हो जाता है.’’ इस मूल संदेश को पहुंचाने की मंशा से बनी फिल्म ‘‘सनम तेरी कसम’’ इस संदेश को दर्शकों तक पहुंचाने में कामयाब रहती है.

फिल्म की कहानी इंदर परिहार (हर्षवर्धन राणे) और सरस्वती पार्थसारथी उर्फ सरू (मावरा होकाने) के इर्द गिर्द घूमती है.इंदर और सरू दोनो मुंबई की एक ही इमारत में रहते हैं. इंदर आठ साल जेल में बिताने के बाद इस इमारत में रहने आया है. इंदर से अति मार्डन लड़की प्यार करती है और रोज उससे मिलने आती है. दोनों का रोमांस खुलेआम चलता रहता है. जिससे सरू का पिता जयराम पार्थसारथी (मनीष चैधरी) काफी नाराज रहते हैं. उधर सरू एक दक्षिण भारतीय ब्राम्हण परिवार से है. उसकी छोटी बहन कावेरी की शादी संजय नामक युवक से तय हो चुकी है. मगर सरू का देसीपन लुक होने की वजह से दस लड़के उसके साथ शादी करने से इंकार कर चुके हैं. सरू के पिता उसके लिए दक्षिण ब्राम्हण के साथ साथ आईआईटी आईआईएम में पढ़े लड़के की तलाश कर रहे हैं. इधर दो दिन के लिए सरू के माता पिता मुंबई से बाहर जाते हैं, तभी संजय, कावेरी को धमकी देता है कि एक माह के अंदर यदि उसने उसके साथ शादी नहीं की, तो वह उसे छोड़ देगा. इससे कावेरी दुखी होती है. बहन के दुःख को दूर करने के लिए सरू अपना मेकओवर कराने का निर्णय लेती है.

मुंबई की मशहूर मेकओवर करने वाली लड़की से वह मिलना चाहती है, पर वह तीन माह से पहले बिना सिफारिश नहीं मिल सकती. यह वही लड़की होती है, जो कि इंदर के यहां रोज आती है. सरू,इंदर से मदद मांगने जाती है, मगर इमारत के वाचमैन की गलत बयानी से मामला ऐसा उलझता है कि सरू के पिता सरू को घर से निकाल देते हैं और उसे मर गयी कह कर उसका श्राद्धकर्म भी कर डालते हैं. फिर कावेरी,संजय के साथ शादी कर अमेरिका चली जाती है.

इधर इंदर, सरू को रहने के लिए एक घर दे देता है. दोनों मिलते रहते हैं. सरू जिस लायब्रेरी में काम करती है, वहीं कार्यरत युवक अभिनव(अनुराग सिन्हा) को वह चाहती है, पर वह उसे महत्व नहीं देता है. इधर इंदर के कहने पर मशहूर आर्टिस्ट (विजय राज) की मदद से सरू अपना लुक बदल लेती है और अब वह सुंदर लगने लगती है. उसे देखकर अभिनव उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखता है, पर ऐन वक्त पर पीछे हट जाता है. क्योंकि अभिनव के पिता ऐसी लड़की के साथ अपने बेटे की शादी के खिलाफ हैं, जिस लड़की का श्राद्धकर्म उसके पिता कर चुके हों. तब सरू, इंदर के साथ उसी होटल के कमरे में रहने जाती है, जहां वह अभिनव के साथ शादी के बाद हनीमून मनाने वाली थी. मगर सुबह पता चलता है कि अभिनव उससे मिलने आया था और अभिनव से मिलने के बाद सरू गायब हो गयी है. इंदर उसकी तलाश शुरू करता है. तो पता चलता है कि सरू को ब्रेन ट्यूमर है.

इंदर, सरू को खुश रखने का प्रयास करता है.कई घटनाक्रम तेजी से बदलते हैं. फिर इंदर,सरू को बताता है कि उसे आठ साल जेल में उस अपराध की सजा काटनी पड़ी, जो अपराध उसने किया ही नहीं था. और उसके पिता  ने उसका साथ नहीं दिया था. इंदर व सरू कोर्ट में शादी करते हैं, जहां सरू के माता पिता भी पहुंच जाते हैं. शादी के रजिस्टर पर इंदर के बाद सरू साइन करती है और गिर जाती है. अस्पताल में उसकी मौत हो जाती है. मरने से पहले सरू, इंदर से कहती है कि ईश्वर ने उसकी जिंदगी में प्यार भेज दिया, पर श्राप को अपना काम तो करना ही है.

फिल्म के हीरो हर्षवर्धन राणे और हीरोईन मावरा होकाने की यह पहली हिंदी फिल्म है. दोनों की जबरदस्त स्क्रीन केमिस्ट्री के चलते यह फिल्म अंत तक दर्शकों को बांधकर रखती है. एक संजीदा किरदार को हर्षवर्धन राणे ने बड़ी खूबी से निभाया है. उनके अंदर बौलीवुड में सफल हीरो बनने के गुण नजर आते हैं. तो वहीं फिल्म में इंटरवल के बाद मावरा होकाने काफी खूबसूरत नजर आयी है. उनके अंदर अभिनय क्षमता की कमी नहीं है. इसका भी वह अहसास कराती हैं. फिल्म की अवधि दो घंटे पैंतीस मिनट की है, इसे यदि दो घंटे में समेटा जाता, तो फिल्म ज्यादा प्रभावशाली साबित होती. निर्देशक ने कई सीन को टीवी सीरियल की तरह जबरन खींचा है. फिल्म के लिए लोकेशन भी अच्छी चुनी गयी है. फिल्म का गीत व संगीत अच्छा है. पुलिस इंस्पेक्टर के छोटे से किरदार में भी मुरली शर्मा अपनी छाप छोड़ जाते हैं. सुदेश बेरी ने इस फिल्म में अभिनय क्यों किया, यह बात समझ से परे है.

फिल्म के निर्माता दीपक मुकुट, निर्देशकद्वय राधिका राव व विनय सप्रू, संगीतकार हिमेश रेशमिया, कैमरामैन चिरंतन दास.

जब सनी लियोनी ने रजनीश दुग्गल को जड़े छह तमाचे

पत्रकार व फिल्म प्रचारक से निर्देशक बने राजीव चैधरी की फिल्म ‘‘बेइमान लव’’ की शूटिंग के दौरान अभिनेत्री सनी लियोनी ने इस फिल्म के अपने सह कलाकार रजनीष दुग्गल को इतने जोरदार तमाचे जड़े कि वह दो दिन तक शूटिंग नहीं कर पाएं. सूत्रों के अनुसार राजीव चैधरी अपनी प्रेम कहानी प्रधान फिल्म ‘‘बेइमान लव’’ की शूटिंग मुंबई के पांच सितारा होटल ‘‘नोवाटेल’’ के पब में कर रहे थे. राजीव चैधरी, सनी लियोनी व रजनीश दुग्गल पर एक सीन फिल्मा रहे थे. इस सीन में सनी लियोनी को रजनीश दुगगल को थप्पड़ मारना होता है. कई रीटेक हो गए, पर जिस तरह से इस सीन में निर्देशक राजीव चैधरी प्रभाव चाहते थे, वह नहीं आ पा रहा था. इस पर राजीव चैधरी ने झुंझलाहट के साथ सनी से कहा कि वह ठीक से तमाचा भी नहीं मार सकती. अब निर्देशक राजीव चैधरी की इस बात से सनी लियोनी को जोश आ गया या गुस्सा, यह तो पता नहीं चला, मगर सनी लियोनी ने पूरी ताकत से लगातार छह तमाचे रजनीश दुग्गल को जड़े कि सीन तो बेहतर तरीके स फिल्मा लिया गया. लेकिन उसके बाद पता चला कि रजनीश दुग्गल का चेहरा बहुत ज्यादा लाल हो गया है और उन्हें दर्द भी हो रहा है.

इतना ही नहीं रजनीष दुग्गल की नाक में भी चोट लग गयी थी. तो शूटिंग रोकनी पडी. वैसे रजनीश का चेहरा देखकर सनी लियोनी ने भी उन्हे सॉरी कहा. मगर सूत्र बताते हैं कि फिर लाल चेहरे की वजह से रजनीष दुग्गल पूरे दो दिन तक शूटिंग नहीं कर पाए.

परदे पर आमने सामने होंगे जॉन अब्राहम-निशिकांत कामत

हिंदी, तमिल और मराठी भाषा की नौ फिल्मों का निर्देशन कर चुके राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक निशिकांत कामत अब पहली बार फिल्म ‘‘रॉकी हैंडसम’’ में विलेन का किरदार निभाकर अभिनय करते हुए नजर आएंगे. एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘‘रॉकी हैंडसम’’, 2010 की चर्चित कोरियन फिल्म ‘‘द मैन फ्राम नो व्हेअर’’का भारतीय संस्करण है. ‘‘रॉकी हैंडसम’’ के निर्माता जॉन अब्राहम, लेखक व निर्देशक निशिकांत कामत हैं. फिल्म में जॉन अब्राहम और श्रुति हासन की मुख्य भूमिका है. जबकि फिल्म में गोवन केविन परेरा के खलनायक वाले किरदार में निशिकांत कामत खुद नजर आएंगे. यह पहली फिल्म है, जिसमें निशिकांत कामत ने अभिनय किया है और इसके लिए उन्होने अपने बाल भी मुंडवाए हैं.

यॅूं तो निशिकांत कामत का दावा है कि खुद के निर्देशन में उनका अभिनय करने का कभी ईरादा नहीं रहा. मगर केविन परेरा के किरदार को निभाने वाले कलाकार के अंतिम समय में न आने की वजह से उन्हे इस किरदार को निभाना पड़ा. वह कहते हैं-‘‘मैं अभिनय करना पसंद करता हूं. मगर खुद के निर्देशन में अभिनय करने को लेकर मैं हमेशा डरता रहा हूं. इतना ही नहीं अभिनय करना और खुद को निर्देशित करना आसान नहीं होता है. इस बार सेट पर केविन परेरा का किरदार निभाने वाले कलाकार के न पहुंचने की वजह से मुझे इस किरदार को निभाना पड़ा. और मुझे उन चमकीले कपड़ों को पहनने का मौका मिला, जिन्हे आमतौर पर मैं निजी जिंदगी में नहीं पहनता हूं. मैंने ही पटकथा लिखी थी, इसलिए किरदार के बारे में जानता था. मैं गोवा में तीन साल रह चुका हॅूं, इसलिए मैं गोवन के कुछ शब्दों से भी परिचित था, जिन्हे केविन परेरा को बोलना था. पर अब फिर से ऐसा नहीं करुंगा.

डायरेक्ट इश्क़ में मेरा पहला सीन बाइक पर है: निधि

निधि सुब्बैयह जिन्हे बाइक चलाना बहुत पसंद है वो आनेवाली फिल्म डायरेक्ट इश्क में बाइक चलाते हुए दिखेंगी. निधि ने बताया की मैंने कॉलेज में अपने दोस्त की पलसर बाइक चलाना सीखा. जब मुझे पता चला की डायरेक्ट इश्क में मेरी एंट्री बाइक पे होगी तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई और मैंने बड़ी आसानी से वो सीन कर लिया.

फिल्म को बनाया है प्रदीप शर्मा ने बाबा मोशन पिक्चर्स बैनर तले  और निर्देशित किया है राजीव रुईया ने. फिल्म की ज़्यादा शूटिंग बनारस में हुई है. फिल्म में रजनीश दुग्गल, अर्जुन बिजलानी और राजेश श्रृंगारपुरे भी हैं. फिल्म 19 फ़रवरी को समस्त भारत में रिलीज़ होगी.

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