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टी-20 वर्ल्ड कप में साथ दिखेंगे धौनी, यु़वराज और भज्जी

युवा आलराउंडर पवन नेगी एशिया कप और विश्व टी20 की टीम में एकमात्र नया चेहरा होंगे, जबकि चोटों से जूझने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को भी भारत की 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया गया जिसमें चयनकर्ताओं ने युवा और अनुभव का संतुलन बनाने की कोशिश की है.

ऑस्ट्रेलिया में टी20 सीरीज में क्लीनस्वीप करने वाली टीम के अहम खिलाड़ियों को चयनकर्ताओं ने बरकरार रखा है जिसमें युवराज सिंह, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा जैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल हैं.

ऑस्ट्रेलिया में हाल में संपन्न सीरीज में प्रभावित करने वाले युवा खिलाड़ियों जसप्रीत बुमाराह और हार्दिक पांडया को भी टीम में मौका दिया गया है. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने चयन समिति की बैठक के बाद टीम की घोषणा की.

चयन समिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल ने समिति की बैठक के बाद कहा, यह 15 खिलाड़ियों का सर्वश्रेष्ठ संयोजन है जिसके बारे में हम सोच सकते हैं. चयनकर्ताओं ने 25 साल के शमी को चुनकर कुछ जोखिम उठाया है जो मांसपेशियों में चोट के बाद अब भी रिहैबिलिटेशन से गुजर रहे हैं. घुटने की चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहने के बाद पिछले महीने वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी चोटिल हो गए थे.

शमी का चयन फिटनेस पर निर्भर करेगा और अगर वे उबरने में नाकाम रहे तो भारत को उनके विकल्प के तौर पर किसी अन्य खिलाड़ी को चुनने की स्वीकृति होगी. पाटिल ने कहा कि शमी के पास विश्व टी20 से पहले 30 दिन हैं. शमी पर फैसला करने के लिए हमारे पास पर्याप्त समय है. वह हमारे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों में से एक है. फिलहाल मैं यही कह सकता हूं कि वह उबर गया है और उसने गेंदबाजी शुरू कर दी है.

इशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार की तेज गेंदबाजी जोड़ी को भी टीम में जगह नहीं मिली है. इशांत ने 2013 से इस प्रारूप में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं किया है जबकि ऑस्ट्रेलिया में एकदिवसीय मैचों में लचर प्रदर्शन के बाद वह चोटिल होने के कारण टी20 मैचों से बाहर हो गए थे.

इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल मनीष पांडे को भी महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई वाली टीम में शामिल नहीं किया गया है. एशिया कप का आयोजन बांग्लादेश में 24 फरवरी से छह मार्च तक होगा जबकि विश्व टी20 भारत में आठ मार्च से तीन अप्रैल तक खेला जाएगा. हाल में मिश्रित नतीजों के बावजूद पाटिल ने धौनी की कप्तानी पर भरोसा जताया.

उन्होंने कहा कि हमारे पास लोगों को यह कहने का अधिकार नहीं है कि वे कब संन्यास लें, हमें धौनी की कप्तानी पर पूरा भरोसा है. वह एशिया कप और विश्व टी20 में कप्तानी के लिए सही व्यक्ति हैं.

बाएं हाथ के स्पिनर और उम्दा बल्लेबाजी में सक्षम 23 साल के नेगी को घरेलू सर्किट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का इनाम मिला है. वह आईपीएल से निलंबित टीम चेन्नई सुपरकिंग्स का भी हिस्सा रहे हैं. श्रीलंका के खिलाफ इस महीने होने वाली तीन मैचों की टी20 सीरीज के लिए जब उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था तो वह विश्व कप टीम में जगह बनाने के दावेदार बन गए थे.

अजिंक्य रहाणे को टीम में पांडे पर तरजीह दी गई है. पांडे ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें और अंतिम एकदिवसीय मैच में नाबाद शतक जड़ते हुए भारत को सीरीज की एकमात्र जीत दिलाई थी. रहाणे के चोटिल होने के कारण उन्हें यह मौका मिला था और उन्होंने इसका फायदा भी उठाया लेकिन चयनकर्ताओं ने मुंबई के अनुभवी खिलाड़ी को प्राथमिकता दी.

पाटिल ने कहा कि मनीष पांडे ने ऑस्ट्रेलिया में शानदार प्रदर्शन किया, उसके नाम पर भी विचार किया गया. उन्होंने कहा कि जब चयनकर्ता टीम चुनते हैं तो हम हमेशा घरेलू प्रदर्शन को महत्व देते हैं. ऐसा नहीं है कि हम सिर्फ सीनियर खिलाड़ियों पर गौर कर रहे थे, हमने घरेलू खिलाड़ियों के प्रदर्शन, फिटनेस और रिकार्ड पर भी ध्यान दिया. हमने सिर्फ 15 से 16 खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नहीं बल्कि सभी घरेलू खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर ध्यान दिया और फिर इन 15 का चयन किया.

ऑस्ट्रेलिया में सीनियर ऑफ स्पिनर हरभजन को एक भी मैच खेलने को नहीं मिला था लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में बरकरार रखा गया है. पाटिल ने कहा कि हरभजन टीम का हिस्सा है. चयनकर्ताओं, टीम प्रबंधन और कप्तान को हरभजन, उसके रिकार्ड और टीम में उसके योगदान पर भरोसा है.

पाटिल ने कहा कि टीम प्रबंधन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान प्रयोग कर लिए हैं. उन्होंने कहा कि हमने ऑस्ट्रेलिया के दौरान प्रयोग किए और चर्चा की कि कौन खिलाड़ी विकल्प के तौर पर अच्छे होंगे. टी20 प्रारूप में काफी समय नहीं मिलता. छोटे प्रारूप में पिच के अनुसार खिलाड़ी चुनने की नीति काम करती है.

ओह, तो ये मोहतरमा होंगी रविंद्र जडेजा की हमसफर

भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा ने मैकेनिकल इंजीनियर रीवा सोलंकी के साथ सगाई कर ली है. जडेजा के स्वयं के रेस्टोरेंट में चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में सगाई समारोह हुआ और इस क्रिकेटर ने उम्मीद जताई कि जीवन में महिला के आने के बाद भाग्य क्रिकेट और निजी जीवन दोनों में उनका साथ देगा.

रिंग सेरेमनी के बाद जडेजा ने कहा, क्रिकेट के खेल में भाग्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और जब मैंने रीवा से सगाई की तो उम्मीद की कि जीवन में महिला के आगे से भाग्य क्रिकेट और निजी जीवन में बेहतर करने में मदद करेगा.

साल की शुरूआत को अच्छी और सकारात्मक करार देते हुए जडेजा ने कहा, मुझे लगता है कि साल के पहले दो महीने में क्रिकेट में मैंने अच्छा प्रदर्शन किया और सगाई के बाद उम्मीद करता हूं कि अगले दो महीने मेरे क्रिकेट जीवन में और सफलता लेकर आएंगे.

शादी की योजना के बारे में पूछने पर इस आलराउंडर ने कहा, मेरा क्रिकेट कार्यक्रम काफी व्यस्त है लेकिन मैं शादी के लिए कुछ समय निकालने की कोशिश करूंगा. जडेजा ने कहा कि उनका पूरा ध्यान अब क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने पर है विशेषक आगामी विश्व टी20 चैम्पियनशिप में.

उन्होंने कहा, विश्व कप में खेलना प्रत्येक क्रिकेटर का सपना होता है और मैं भी उम्मीद करता हूं कि आगामी टी20 विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा. जडेजा की मंगेतर रीवा की क्रिकेट में अधिक रूचि नहीं है लेकिन उन्होंने कहा कि वह अब मैच देखेंगी.

इस मौके पर सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के सचिव निरंजन शाह और राजकोट शहर के पुलिस आयुक्त मोहन झा भी मौजूद थे. सौराष्ट्र की क्रिकेट टीम भी आमंत्रित थी लेकिन विजयनगर में विदर्भ के खिलाफ रणजी ट्राफी क्वार्टर फाइनल के कारण टीम कार्यक्रम में नहीं पहुंच सकी.

 

घायल वंस अगेनः पुरानी कहानी, पुराने मुद्दे

1990 की सनी देओल अभिनीत सुपर हिट फिल्म ‘‘घायल’’ की रीमेक फिल्म ‘‘घायल वंस अगेन’ ’की शुरूआत वहीं से होती है, जहां पर ‘‘घायल’’ की कहानी खत्म हुई थी. पुरानी फिल्म के दो पात्र अजय मेहरा (सनी देओल) और एसीपी जॉय डिसूजा (ओमपुरी) इस फिल्म में हैं, बाकी नए पत्र आ गए हैं. इस फिल्म को बनाने के पीछे सनी देओल का मकसद यह संदेश लोगों तक पहुंचाना है कि ‘‘यदि आप सच के साथ हैं, तो जीतने तक हार नहीं माननी चाहिए.’’ 

फिल्म की कहानी शुरू होती अजय मेहरा के 14 साल तक जेल में रहने के बाद वापस आने से. वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का मन बनाकर ही जेल से बाहर निकला है. इस बार उसके आदर्शों पर चलने वाले चार युवक भी हैं. अजय मेहरा आरटीआई का उपयोग कर सफेदपोश भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ाई शुरू करता है, मगर उसे सफलता नही मिलती है. अजय मेहरा अब पत्रकार बनकर आरटीआई के आधार पर जानकारी हासिल कर हार्ड हीटिंग समाचार छापता रहता है. उधर चार युवक (शिवमपाटिल, रिशभ अरोड़ा, अंचल मुंजाल व नेहा खान) एक भ्रष्ट नेता द्वारा एसीपी जॉय डिसूजा की हत्या करते हुए देख लेते हैं, इसलिए वह फंस जाते हैं. पर इन चारों युवकों की मदद के लिए अजय मेहरा सामने आता है.

फिल्म की शुरूआत बहुत बोरिंग लगती है. इंटरवल के पहले फिल्म के कई सीन ऐसे है, जिनसे आज की युवा पीढ़ी रिलेट नहीं कर सकती. इंटरवल के बाद फिल्म में कुछ मोड़ आते हैं. इस बार इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाने के साथ साथ इसके लेखन व निर्देशन में भी सनी देओल ने हाथ आजमाया है. उन्होने तमाम एक्शन सीन अपनी ईमेज के अनुरूप रखे हैं, पर वह यह भूल गए कि ‘घायल’ और ‘घायल वंस अगेन’ के बीच 26 साल का अंतराल आ चुका है. इन 26 वर्षों में समाज व देश में काफी बदलाव आ चुका है. युवा पीढ़ी काफी जागरूक हो चुकी है. अब बलात्कार पीडि़ता चुप रहने की बजाय इंसाफ की गुहार लगाती है. यह बात सनी देओल और उनकी लेखन टीम भूल चुकी है.

फिल्म में तमाम दृश्य दोहराए गए हैं. कहानी व सीन में कहीं कुछ भी नयापन नहीं है. फिल्म में अहंकारी गुंडे, चंचल राजनीति, भ्रष्ट उद्योगपति, बलात्कार जैसे सारे पुराने मुद्दे ही हैं. नई सोच का घोर अभाव है. इतना ही नहीं अब सनी देओल 56 साल के हो गए हैं. उनकी उम्र का असर एक्शन दृश्यों में साफ तौर पर नजर आता है. फिल्म में लेखन व निर्देशन की कमियां भी हैं. सनी देओल के प्रशंसक उनका एक्शन देखने के लिए ही यह फिल्म देखना चाहेंगे. इस फिल्म में एक्शन, अंगारे बरसाती आंखों के साथ ही दुश्मन को दहला देने वाले संवाद जरुर सनी देओल के प्रशंसकों को आकर्षित कर सकते हैं. फिल्म खत्म होने के बाद यह समझ में नहीं आता कि सनी देओल ने क्या सोचकर इस फिल्म का निर्माण किया है. अब वह सिर्फ एक्शन दृश्यों के बल पर फिल्म को सफलता दिलाना चाहते हैं, तो यह उनकी भूल साबित हो सकती है.

फिल्म ‘‘घायल वंस अगेन’’ का निर्माण ‘‘सनी साउंड्स प्रा.लिमिटेड’’ के बैनर तले किया गया है. फिल्म के निर्देशक सनी देओल, लेखक सनी देओल, सागर पंड्या व शक्तिमान तलवार, संगीतकार शंकर एहसान लाय, एडीटर चंदन अरोड़ा हैं.

गुवाहाटी: तो ये है यहां का सबसे बड़ा आकर्षण

असम को पूर्वोत्तर का गेटवे कहा जाता है. प्राचीन इतिहास के अनुसार इस का नाम प्राग्ज्योतिषपुर के नाम से जाना जाता था. थाईलैंड की अहोम जाति द्वारा इस क्षेत्र पर कब्जा जमा कर अपना राज कायम करने के बाद से इसे असम या आसाम के नाम से जाना जाता है, इसलिए यहां थाई संस्कृति का असर देखने को मिलता है. असम का सब से बड़ा आकर्षण हरेभरे जंगल, चाय के बागान और विभिन्न प्रकार के वन्य जीवन हैं. असम राज्य पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से क्षेत्रफल की दृष्टि में ज्यादा बड़ा है. पूर्वोत्तर के सभी प्रमुख राज्यों में यहीं से हो कर गुजरना होता है. इस की जीवनधारा मानी जाने वाली ब्रह्मपुत्र नदी इस के बीचोंबीच से हो कर निकलती है.

गुवाहाटी असम के पूर्वोत्तर राज्यों की वाणिज्यिक राजधानी है. असमिया में गुवा का अर्थ होता है अखरोट और हाटी का अर्थ बाजार. हिमालय पर्वतमाला के पूर्व में स्थित इस शहर को पूर्वोत्तर राज्यों का दरवाजा माना जाता है. गुवाहाटी की जलवायु सबट्रापिकल है. यहां गर्मियों में तापमान 22 से 39 डिगरी सेल्सियस और सर्दियों में 10 से 25 डिगरी सेल्सियस हो जाता है.

यहां कलाक्षेत्र म्यूजियम, उमानंद, गुवाहाटी तारामंडल, गुवाहाटी चिडि़याघर आदि देखने लायक हैं. यहां नगर भ्रमण के लिए सिटी बस एक अच्छा साधन है.

दर्शनीय स्थल

पोबितरा वन्यजीव अभयारण्य : भारत के पूर्वोत्तर राज्य के मारीगांव जिले में स्थित यह अभयारण्य गुवाहाटी से 50 किलोमीटर दूर नौगांव और कामरूप जिले की सीमा पर स्थित है. यहां जाने का सब से अच्छा समय नवंबर से मार्च के बीच है. पोबितरा मुख्य रूप से एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है. गैंडे के अलावा अन्य जानवरों जैसे, एशियाई बफैलो, तेंदुए, जंगली भालू आदि भी यहां के निवासी हैं.  गुवाहाटी से यहां आने के लिए कई निजी होटल बजट के अनुकूल होने के कारण लक्जरी प्रदानकरते हैं.

तेजपुर : गुवाहाटी से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तेजपुर सोनितपुर जिले में स्थित है. तेजपुर का असम के इतिहास में प्रमुख स्थान है. यह असम के खूबसूरत शहरों में से एक गिना जाता है. तेजपुर असम का वह छोर है जिस के आगे से अरुणाचल प्रदेश आरंभ हो जाता है. यहां का अग्निगढ़ किला सब से सुंदर पर्यटन स्थल है. भोमोरागुरी में एक विशाल पत्थर पर उकेरा हुआ शिलालेख देखा जा सकता है. यहां से 65 किलोमीटर दूर ओरंग राष्ट्रीय उद्यान स्थित है जो 72 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां पूर्वोत्तर के मानसूनी मौसम का पर्यटक पूरा फायदा उठा सकते हैं.

काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क : 1940 में वन्यजीव अभयारण्य के तौर पर घोषित काजीरंगा पार्क एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है. तीनों एशियाई गैंडों में यहां पाया जाने वाला सब से बड़ा गैंडा देखने के लिए पर्यटकों की अच्छी- खासी भीड़ जुटती है. गुवाहाटी से 217 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह पार्क जोरहाट हवाई अड्डे से 96 किलोमीटर की दूरी पर है. इस का नजदीकी रेलवे स्टेशन फुरकटिंग है. यहां पर्यटन के लिए सब से उपयुक्त समय नवंबर से अप्रैल का माना जाता है. पर्यटकों के लिए यहां रहने के लिए वन विश्राम गृह, लाज, होटल उपलब्ध हैं. इस अभयारण्य को हाथी पर सवार हो कर देखा जाता है साथ ही जीप सफारी भी उपलब्ध हैं जिन्हें विभिन्न लाजों द्वारा बुक करवाया जाता है. 

हाफलांग : 680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हाफलांग एक पहाड़ी पर्यटन स्थल है. हाफलांग गुवाहाटी से 345 किलोमीटर दूर है. यहां बेहद खूबसूरत हाफलांग झील है. इस झील की खूबसूरती के कारण हाफलांग को असम का स्काटलैंड कहा जाता है. झील में नौकाविहार करना पर्यटकों को लुभाता है. इस झील के पास ही एक गरम पानी का सोता है जिस का अपना एक अलग आकर्षण है. हाफलांग में पैराग्लाइडिंग, ग्लाइडिंग और ट्रैंकिग की प्रमुख गतिविधियां भी चलाई जाती हैं.

लक्ष्मीकांत शर्मा को मिली किस जुर्म की सजा

व्यापम महाघोटाले के दिग्गज आरोपी मंत्री रह चुके लक्ष्मीकांत शर्मा को जब जमानत मिली, तो भोपाल से ले कर उन के गृहनगर सिरोंज तक में उन का जोरदार स्वागत किया गया. वापसी का यह नजारा देख कर उन को भारतीय जनता पार्टी में वापस लाने की मांग भी उठी. भाजपा आलाकमान को डर था कि कहीं जेल में पड़ेपड़े लक्ष्मीकांत शर्मा के मन में पार्टी के लिए बदले की भावना न आ गई हो और वे बाहर आ कर कुछ भी न बोल दें. इसलिए भक्तों को निर्देश दिए गए थे. वजह, डेढ़ साल पहले गिरफ्तारी के बाद उन्होंने धौंस दी थी कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला, तो कई बड़ेबड़े नप जाएंगे. उन्होंने मुंह नहीं खोला और कुछ बड़ों की लाज रख ली.

विंटर मेकअप ट्रैंड 2016 के बारे में आप भी जानिए

हौट, गौर्जियस और फैब्यूलस लुक के लिए नए ट्रैंड को समझ उसे अपना कर अपनी पर्सनैलिटी में नया निखार लाया जा सकता है. यह जरूरी नहीं कि खूबसूरत दिखने की चाह में घर में सौंदर्य प्रसाधनों की दुकान खोल लें, बल्कि जरूरत है फैशन, ब्यूटी व मेकअप के बदलते ट्रैंड के साथ अपनी पर्सनैलिटी को अपडेट करने की.

पौप रैड ग्लैम लिप्स

इस सीजन में लिप्स के लिए 100% पौप ग्लैम आइडिया बैस्ट रहेगा यानी निओन मेकअप के चलन के साथ हौट रैड, निओन शेड, प्लम शेड और पिंक ग्लैमरस शेड्स का चलन रहेगा, इसलिए लिपस्टिक का चुनाव करते समय थोड़े बोल्ड और ग्लैमरस शेड शामिल करें.

हेयर वर्क

बालों में फंकी पिनअप, अनइवन लुक, रोलर, शाइनिंग, स्ट्रेटनिंग, सौफ्टी रोलिंग, वीविंग, निटिंग, ट्विस्ट पफ, अनटाइडिंग स्मजिंग चोटी, नोटिड बन आदि स्टाइल का चलन रहेगा, जिन्हें ग्लैमराईज करने के लिए आर्टिफिशियल फ्लोरल से डाईग्नल डिजाइन में डैकोरेट किया जाएगा. इस के अलावा जरकन, पर्ल, ग्लिटर, फैदर आदि से न्यू लुक पाने का चलन रहेगा.

निओन मेकअप

2016 के शुरू में निओन मेकअप का चलन रहेगा. अगर आप आत्मविश्वास से भरपूर फन लविंग पर्सनैलिटी की स्वामिनी हैं और यही अपने मेकअप में दर्शाना चाहती हैं तो निओन मेकअप से बेहतर दूसरा विकल्प नहीं है. अगर आप सब से अलग दिखना चाहती हैं तो अपनी स्किनटोन से 1 शेड लाइटर फाउंडेशन का चुनाव करें. आईशैडो में फन लविंग वाईब्रैंट कलर यलो, औरेंज, पिंक, ब्लू, पर्पल, फ्यूशिया ग्रीन, फ्लोरो ग्रीन, मजैंटा आदि शैड चुनें. वौल्यूमाइजिंग थिक लेयर मसकारा व हैवी ट्रांसपैरेंट लिपग्लौस विद निओन व पेस्टल लिपस्टिक से अपने लुक को कंप्लीट करें. आंखों की क्रीज के लिए वाटरलाइन में व्हाइट लाइनर या पैंसिल का इस्तेमाल करें. यंगर लुकिंग के लिए पिंक शेड ब्राइट लिपस्टिक का चुनाव करें.

हाईलाइटिंग

बालों को हाईलाइट करने में क्रिएटिविटी पर जोर रहेगा. ऐक्सपैरिमैंटल फंकी व निओन हाईलाइटिंग का ट्रैंड रहेगा, जिस में हेयर स्प्रे, हेयर चोक व हेयर ग्लिटर प्रमुख रहेंगे. केवल गोल्डन कौपर हाईलाइटिंग ही नहीं वरन इस बार वाईब्रैंट कलर का भी चलन रहेगा.

शीट मास्क

इंस्टैंट ग्लो के लिए कोरियन शीट मास्क का चलन रहेगा. इस के बेहतर परिणाम के कारण इस का आने वाले सालों में भी ट्रैंड बढ़ेगा. शीट मास्क लगाने में बेहद सरल व सुगम है. यह फेस स्किन को ऐक्सफौलिएशन के द्वारा गजब का निखार देता है. शीट मास्क में ऐंटीऐजिंग, ब्राइटनिंग, हाईड्रेटिंग, मौइश्चराइजिंग, ऐंटीऐक्ने, हाइड्रोजैल, पर्ल मास्क आदि प्रमुख हैं. इन्हें आप औनलाइन भी और्डर कर सकती हैं.

केरैटिन स्मूदनिंग

हेयर ट्रीटमैंट की बात करें तो केरैटिन ट्रीटमैंट का चलन रहेगा. इस में प्रोफैशनल हेयर केयर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से डैमेज हेयर्स को रिपेयर करने में मदद तो मिलती ही है, साथ ही हेयर्स को नरिश व विटामिन मैरिन बोटैनिकल की मदद से बालों में स्मूदनैस व शाइन भी आता है.

मैग्नेटिक नेल आर्ट

नेल आर्ट में एक्रेलिक नेल आर्ट डिजाइन व मैग्नैटिक नेलपेंट्स का काफी चलन देखने को मिलेगा. इस के अलावा निओन शेड पेस्टल, गोल्ड डस्ट, थीम बेस, ज्वैल नेल, नेल पियर्सिंग, फ्यूजन टिप नेल आर्ट आदि का चलन रहेगा. इस के साथ रूटीन लाइफ में मार्बल आर्ट, वर्टिकल लाइन, फैदर टच व फ्लोरल और रेनबो का इफैक्ट देखने को मिलेगा. जिन महिलाओं को ग्लिटर नेलपेंट का शौक है उन के लिए ग्लिटर रिमूवर नेल स्क्रबिंग पैड भी मार्केट में उपलब्ध रहेगा.

स्मोकी विद लौंग लैशेज आईज

इस सीजन में स्मूदी, स्मोकी, मैटेलिक फिनिश ऐक्वैटिक और फौरस्टिंग कलर्स का ट्रैंड देखने को मिलेगा. आईज लुक को कंप्लीट करने के लिए लौंग फेयर आर्टिफिशियल लैशेज से आंखों की ब्यूटी को बढ़ाया जाएगा.

ग्राफिक आईलाइनर

इस सीजन में डबल विंग्स वाला स्ट्रेट थिक आउटर कौर्नर वाले कैट लुक आईलाइनर का फैशन रहेगा. ग्लैमरस लुक के लिए आर्टिफिशियल लैशेज के साथ उभार लिए हुए आईलाइनर का उपयोग डबल विंग्स और ज्योमैटिक विंग्स के रूप में खासा पसंद किया जाएगा. इस के अलावा कलर्स मैटेलिक फिनिशिंग लाइनर का भी क्रेज देखने को मिलेगा.

आई ग्लौस

आई ग्लौस आईज मेकअप का ट्रैंड रहेगा, जिस में कार्बन ग्लौस लाइनर हो या वाइब्रैंट ग्लौस. टोटली स्मजफ्री और लौंगलास्टिंग इफैक्ट के साथ बैस्ट आइडियल फौर 1 मिनट टचअप के लिए ट्राई करें लोरियल पैरिस, लैक्मे व कलरबार.

आज की सोचेंगे कल की नहीं

तमिलनाडु में पिछले दिनों हुई भीषण बारिश के बाद चेन्नई में आई बाढ़ से हुए नुकसान पर ज्यादा आंसू बहाने की जरूरत नहीं है. अगर आप उस सड़क के बीच में चल सकते हैं जहां वाहन 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर दौड़ रहे हों, कानों में म्यूजिक प्लग लगा रखे हों और आंखें मोबाइल स्क्रीन पर हों, तो 5-7% चांस तो कुचले जाने का है ही और अगर आप इस 5-7% कुचले जाने के भय से सड़क पर चलना नहीं छोड़ सकते, तो चेन्नई की बाढ़ से क्या डरना? सारे देश में नदियों, नालों, बीहड़ों, बागों, जंगलों, दलदली इलाकों पर शहर उगाए जा रहे हैं और न बिल्डरों को तमीज है कि वे प्रकृति का खयाल रखें और न ही सब जानने वाली सरकार को. आज पैसा बन जाए, बस यही चाहिए, कल की कल देखी जाएगी.

चेन्नई में घरों में कमर तक पानी घुस गया, बसें बंद हो गईं, सड़कों पर नाव चलने लगीं, हर तरफ बदबू फैल गई, खाने का सामान नष्ट हो गया. ठीक है, 4 दिन में सब ठीक हो जाएगा. जीवन फिर चलने लगेगा. नदियों को भरा जाने लगेगा, नालियों में कूड़ा ठूंसा जाने लगेगा, जंगल काटे जाने लगेंगे. इस तरह की दुर्घटनाओं का क्या, 10-15 साल में एकाध बार होती हैं तो उन के लिए जीना थोड़े छोड़ देंगे? दिल्ली में 1978 की बाढ़ में मौडल टाउन बस्ती डूब गई थी. बहुत नुकसान हुआ था. पर अब 37 सालों में कुछ नहीं हुआ. अगर उस समय मौडल टाउन वाले यमुना के डर से बस्ती खाली कर देते तो बेवकूफ ही कहलाते.

मुंबई में हर 4-5 साल में 8-10 दिन के लिए जान आफत में आ जाती है तो क्या? बाकी दिन तो सिर पर छत रहती है न, दफ्तर चलते हैं न. अगर पर्यावरण वालों की सुनें तो जीना ही मुहाल हो जाए. पर्यावरण वाले तो चाहते हैं कि हम नैशनल पार्कों में हाथियों या शेरों की तरह रह कर प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखें. इन को बता दें कि हम आज की सोचेंगे, कल की नहीं. हमें अपनी चिंता है. पोतेपरपोते अपनी चिंता खुद कर लेंगे. हम आज जो हैं, अपनी मेहनत से हैं. प्रकृति का नाम ले कर हमारा आज का सुख न छीनो. हमें फर्क नहीं पड़ता कि हवा दूषित हो रही है, पानी विषैला हो रहा है, सड़कों पर जाम लगा है, खाना मिलावटी है, आबादी बढ़ रही है, पानी खत्म होने वाला है. जब जो होगा तब की तब देखेंगे. आज अपना दिन खराब न करेंगे. सरकार को कोस तो लिया है. बस कर्तव्य पूरा. अब लग जाओ अपनी सुविधाओं के लिए पर्यावरण के खिलाफ काम करने के लिए.

जय विज्ञान!

हायहाय विज्ञान!!

जब पीयूष मिश्रा ने जड़े मनीष पॉल को थप्पड़

कुशल अभिनेता पीयूष मिश्रा फिल्म तेरे बिन लादेन – डेड ओर अलाइव में खलीली नामक एक भूमिका में नजर आयेंगे. वे अपने मूर्खता भरे दिमाग से एक आतंकवादी संगठन "हरकत ए मंशा" को चलाते है. निर्देशक अभिषेक शर्मा निर्देशित  तेरे बिन लादेन के इस दूसरे संस्करण तेरे बिन लादेन डेड ओर अलाइव में ​मनीष पॉल, सिकंदर खेर और प्रद्युमन सिंह के साथ एमन क्रोस्सोन् (बराक ओबामा के किरदार में ) सुगंधा गर्ग , चिराग व्होरा और राहुल सिंह होंगे.

फिल्म की शूटिंग  दौरान एक सीन में ​पीयूष के किरदार को मनीष को थप्पड़ जड़ना था, लेकिन अभिषेक सीन से संतुष्ट नहीं थे उन्होंने सीन के लिए कई रीटेक लिए और मनीष भी पूरी ईमानदारी साथ सीन करते रहे , सीन पूरा होने तक तक़रीबन 50 थप्पड़ मनीष को पड़ चुके थे. दुर्भाग्य से मनीष ने दूसरे दिन शूटिंग से छुट्टी ली कारण उनका चेहरा सूज गया था.  वॉकवाटर मीडिया और ​फैंटम फिल्म के सहयोग से निर्मित तथा अभिषेक शर्मा निर्देशित फिल्म "तेरे बिन लादेन – डेड ओर अलाइव" आगामी 19 फरवरी को सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी.

आदित्य रॉय कपूर पर छाया किसिंग का ‘फितूर’

सिनेमा इंसान के ज़िदगी का आइना होता है. जो घटनाएं लोगों के जीवन में होती हैं उसे वैसे ही वो 70 एमएम के स्क्रीन पर देखने की इच्छा रखते हैं. आम जीवन में होने वाले सामान्य से लेकर विशिष्ट घटनाक्रमों को फिल्मकार बड़ी ही संजीदगी से उतारते हैं. ऐसे में जब प्यार वाले दृश्यों की बात करें तो हमारे भारतीय सिनेमा में लोग अक्सर झिझक जाते हैं. खासकर अभिनेता. बैडरूम सीन, कामोत्तेजक सीन तो छोड़िए वो सामान्य से किसिंग के सीन में भी काफी नर्वस हो जाते हैं. इसलिए कई अभिनेताओं ने अपने करियर में आजीवन इन दृश्यों से परहेज किया. मजे की बात यह है कि अभिनेत्रियां इस प्रकार के सीन के लिए कब से तैयार रहती हैं.

लेकिन इन सभी झिझक को तोड़ा है आदित्य रॉय कपूर ने. आदित्य ने अपनी आने वाली फिल्म फितूर के एक दृश्य में काफी लंबा किसिंग किया है. किसिंग सीन में उनका साथ दिया है कटरीना कैफ ने. सूत्रों की मानें तो जब इस सीन की शूटिंग की कई तो ज्यादा रिटेक नहीं लिया गया. बल्कि आम शूट की तुलना में इस शॉट को जल्द ही टेक कर लिया गया.

फितूर में इस लंबे सीन का क्या अर्थ होगा यह तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. लेकिन जैसा कि आदित्य ने कटरीना को इतना लंबा किस किया है. तो आदित्य का कटरीना के लिए प्यार कितना जुनूनी है वो आप समझ सकते हैं कि जैसे ही उन्हें इज़हार का मौका मिलता है तो शब्द नहीं अपनी भावनाओं से बता देते हैं. दरअसल किसिंग और अंतरंगता स्क्रीप्ट की डिमांड होती है. फिर भी कलाकार अपने ऑन-स्क्रीन इमेज और रस्मों रिवाजों की दुहाई देते हुए इनसे बचते हैं.

लेकिन बात करे रोमांटिक सिनेमा की तो ये सारे सीन मस्ट हैं. हॉलीवुड की ऑल टाइम रोमांटिक हिट्स को देखें जिसमें बिफोर सनसाइन, आफ्टर सन सेट, लव स्टोरी, ए वॉक टू रिमेंबर, द नोट बुक, 17 अगेन, 51 डेट्स ऐसी मूवीज हैं जिनमें किसिंग सीन को बस प्यार के इजहार के लिए दिखाया गया है. सुपर हीरोज को भी अपना मुखड़ा उतार प्यार का इज़हार करना होता है. स्पाइडर मैन आक्टोवियस से लड़ने से पहले मैरी जेन से मुखड़ा उतारकर उलटे लटकर पीटर पार्कर बनकर किस करता है. बैटमैन का कवच पहनने से पहले ब्रुस वेन, रेचेल से अपने प्यार का इज़हार किस से करता है. ताकि जोकर से लड़ाई में अगर वो मर गया तो तो उसकी प्रेमिका को पता रहे की वो उसे कितना प्यार करता था. हॉलीवुड में मुख्य लड़ाई से पहले प्रेमिका से प्यार का इज़हार को किसिंग सीन से दर्शाने की परंपरा है. या फिर क्लाइमेक्स में जब सारी समस्याएं दूर हो गईं हो तो इस प्रकार के सीन से फिल्म का अंत किया जाता है.

फितूर भी कश्मीर घाटी के विवादों के बीच पली-बढ़ी एक रोमांटिक मूवी है. जहां हो सकता है नायक को क्लाइमेक्स में कोई बड़ा निर्णय लेना पड़े. तो आदित्य का कटरीना के साथ लंबा किसिंग यूं ही गाहे-बगाहे नहीं लिया गया है. 12 फरवरी को रिलीज हो रही इस पैशनेट लव ड्रामा को इंडस्ट्री के साथ लोगों का भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.

बाल आतंकवाद पर पहली फिल्म ‘बिल्लू उस्ताद’

आतंकवादी संगठन आईएसआई एसआई अपने पैर पसारते हुए कई भारतीय युवकों को अपने साथ जोड़ रहा है. ऐसे में एक भारतीय बालक किस तरह इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ काम कर सकता है, इस बात को रेखांकित करने वाली फिल्म का निर्माण शांतनु सिंह अपने बैनर ‘‘नारायण फिल्मस’’ के तहत कर रहे हैं. जिसके निर्देशन व लेखन की जिम्मेदारी सुहादन आंग्रे कर रहे हैं.

फिल्म ‘‘बिल्लू उस्ताद’’ की कहानी एक अनाथ आश्रम में रहने वाले एक बालक बिल्लू और उसके चार दोस्तों की है. यह काफी खुश हैं. पर कहानी में तब मोड़ आता है, जब आतंकवादी संगठन बिल्लू के दोस्तों का अपहरण कर उनका ब्रेनवाश करके उन्हे अपने आतंकवादी गिरोह का हिस्सा बना उन्हे जेहादी बना देता है. उसके बाद बिल्लू एक आईएएस अफसर विजय और एटीएस अफसर सिराज के साथ मिलकर आतंकवादी संगठन को कड़ी टक्कर देता है.  

फिल्म ‘‘बिल्लू उस्ताद’’ की चर्चा करते हुए सुहादन आंग्रे कहते हैं-‘‘हमारी फिल्म ‘बिल्लू उस्ताद’’ का मूल मंत्र यह है कि यदि आतंकवादी संगठन आईएसआई एसआई भारतीय युवकों को अपने जाल में फंसाकर आतंकवाद को बढ़ावा दे सकता हैं, तो बिल्लू जैसा भारतीय बालक अपने देश के बच्चों को इन आतंकवादियों व जेहादियों के खिलाफ लड़ने की ट्रेनिंग दे सकता है. हम अपनी इस फिल्म के माध्यम से टीनएजर बच्चों के अंदर देशभक्ति की भावना को जागृत करना चाहते हैं.इस फिल्म में हम अनाथाश्रम की जिंदगी और बच्चों की खुषियों का भी चित्रण कर रहे हैं.’’

फिल्म के निर्माता शांतनु सिंह कहते हैं- ‘‘हम हास्यप्रद दृश्यों  के साथ लोगों का मनोरंजन करते हुए पूरे समाज को अच्छा संदेश और बच्चों में देशभक्ति की भावना को जगाना चाहते हैं.’’ फिल्म ‘‘बिल्लू बादशाह’’ के लिए संगीतकार श्रीरंग अरस के निर्देशन में कैलाश खेर ने एक गाना रिकार्ड किया है. फिल्म में प्रियांषु चटर्जी और मिथिला नायक की मुख्य भूमिका है.

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