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दिल्ली में ओला शटल देगी फ्री सर्विस…!

दिल्ली में ऑड-इवन के तहत 22 और 29 अप्रैल को मुफ्त सेवा देगी ओला शटल. देश भर में मोबाइल ऐप के जरिये टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी ओला कैब दिल्‍ली में अपनी निशुल्‍क सेवा देने जा रही है.

हालांकि यह सर्विस बस दो दिन के लिए दी जाएगी. यह निशुल्‍क सेवा ऑड इवन नियम के तहत 22 और 29 अप्रैल को राजधानी में उपलब्‍ध रहेगी.

ऐप के जरिए टैक्सी बुकिंग सेवा देने वाली कंपनी ओला के उपाध्यक्ष संदीप साहनी ने ओला की खास स्‍कीम के बारे में जानकारी दी है.दिल्ली में हर दिन हजारों लोग ओला शटल का इस्तेमाल करते हैं.

ओला वर्तमान में दिल्ली एनसीआर में 120 रूटों पर 500 से अधिक शटल बसें चलाती है. जिसके आधार पर ओला कैब कंपनी ने जिसमें कल 22 अप्रैल शुक्रवार को और 29 अप्रैल शुक्रवार को यह सर्विस दिल्‍ली में निशुल्‍क रहेगी.

कैशबैक मिलेगा

हालांकि इस दौरान यात्रियों को कूपन कोड ऑड इवन का इस्‍तेमाल करना होगा. इससे उन्हें अपनी यात्रा के लिए 100 प्रतिशत कैशबैक मिलेगा. हाल ही में ओला कैब को अपने किराए में बढ़ोत्‍तरी पर कड़ा विरोध झेलना पड़ा था.

दिल्ली सरकार की कड़ी आलोचना से ओला कैब को कई फैसले बदलने पड़े. हाल ही में राज्‍य सरकार ने अधिक किराया वसूलने के लिए ओला कैब कंपनी को परमिट रद्द करने की धमकी दी. हालांकि इसके बाद ओला कैब कंपनी ने किराए बढ़ोत्‍तरी पर रोक लगा दी है.

 

गूगल की ऑटो ड्राइविंग कार का एक्सिडेंट

गूगल को टेक्नोलॉजी की दुनिया में नए-नए प्रयोगों के लिए जाना जाता है और जब इस कंपनी ने खुद चलने वाली कार पर काम करना शुरू किया था, तो सबको विश्वास था कि गूगल का प्रयोग सफल जरूर होगा. हुआ भी कुछ ऐसा ही. गूगल की खुद चलने वाली कारें सड़क पर दौड़ने लगीं और सबसे अच्छी बात यह थी कि इससे पहले तक उनकी वजह से कोई एक्सिडेंट नहीं हुआ था.

कार ने बस को मारी टक्कर

मगर अब हालात बदल चुके हैं. कैलिफोर्निया डीएमवी की एक फाइलिंग (जिसे पहली बार मार्क हैरिस ने रिपोर्ट किया था) के अनुसार गूगल की एक खुद चलने वाली कार लेक्सस एसयूवी ने एक बस को साइड से टक्कर मार दी.

टक्कर के वक्त गूगल की कार की स्पीड थी सिर्फ 3 किलोमीटर प्रति घंटा

प्राप्त सूचनाओं के अनुसार गूगल लेक्सस कार जब बस से टकराई, तो उस वक्त उसकी स्पीड तीन किलोमीटर प्रति घंटा की थी, जबकि बस की रफ्तार 24 किलोमीटर प्रति घंटा थी. गूगल की कार में बैठे व्यक्ति का कहना है कि उसे ऐसा महसूस हुआ था कि बस गूगल की कार को निकलने देगी, इसलिए उसने लेक्सस कार के सेल्फ ड्राइविंग कंप्यूटर को कंट्रोल करने की कोशिश नहीं की. मगर बस की रफ्तार कम नहीं हुई और वह गूगल की कार से जा टकराई.

क्या ड्राइवर-रहित सुरक्षित कार का सपना कभी होगा सच

गूगल की खुद चलने वाली कार की टेस्ट ड्राइव के दौरान हुई इस दुर्घटना में किसी को चोट नहीं आई है. लेकिन बेहद कम गति पर चलने पर भी कार का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना एक खतरनाक संकेत तो है ही. यदि तेज गति पर कार इस तरह बस से भिड़ जाती, तो यह जानलेवा भी हो सकता था. गूगल की खुद चलने वाली कार की दुर्घटना ने इस सवाल को फिर से उठा दिया है कि क्या ड्राइवर-रहित सुरक्षित वाहन का सपना कभी सच हो सकेगा?

दालों की जमाखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक देश है. इसके बावजूद भी घरेलू मांग उत्पादन से अधिक होने के कारण दालों की भरपाई आयात से की जाती है.

केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य दालों की जमाखोरी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. जिससे दालों की कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सके. वहीं केंद्र सरकार दालों की कीमतों पर निगरानी रखे हुए है.

हालांकि दालों की कीमत पिछले साल के 200 रूपए तक प्रति किलो के स्तर से काफी नीचे है लेकिन फिर भी देश के अधिकांश भागों में इसके भाव 83-177 रूपए प्रति किलो तक ऊंचे बने हुए हैं.

पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, हम इस बार दालों की कीमतों पर निगरानी रख रहे हैं. राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को कहा गया है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने दालों के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं किया और राजग सरकार ने अब दालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई हैं.

आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर खुदरा बाजारों में उड़द दाल के भाव 177 रूपए प्रति किलो, तूअर 163 रूपए, मूंग दाल 122 रूपए, मसूर दाल 98 रूपए व चना दाल 74 रूपए प्रति किलो हैं. सरकार घरेलू बाजारों में दालों की आपूर्ति बढ़ाने तथा बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठा रही है

रियो ओलंपिक के लिए नेमार ने छोड़ा कोपा अमेरिका

बार्सिलोना के ब्राजीली फुटबॉल स्टार नेमार जून में अमेरिका में कोपा अमेरिका टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे ताकि वह अगस्त में रियो ओलंपिक में अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेल सकें.

क्लब ने एक बयान में कहा कि एफसी बार्सिलोना ब्राजीली फुटबॉल महासंघ और उसके अध्यक्ष मार्को पोलो डेल नीरो को धन्यवाद देना चाहता है जिन्होंने क्लब का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया कि नेमार 2016 में सिर्फ ओलंपिक में खेलेगें जो तीन से 21 अगस्त तक होने हैं.

उन्होनें कहा कि इस तरह से वे कोपा अमेरिका खेलने से मुक्त हो गए जो अमेरिका में तीन से 26 जून तक खेला जाएगा. ब्राजीली कोच डुंगा को उम्मीद थी कि नेमार दोनों टूर्नामेंट खेलेंगे लेकिन बार्सिलोना ने कहा कि नेमार को ओलंपिक से पहले पर्याप्त आराम मिल जाएगा.

कमाई में ओबामा नंबर 4, तो नंबर 1 कौन?

पिछले दिनों खबर आई कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा की सैलरी में करीब 10 प्रतिशत की कमी आई है. इसके बाद से हर कोई यह जानना चाहता था कि आखिर अमेरिका के राष्‍ट्रपति के तौर पर बराक ओबामा को कितनी सैलरी मिलती है?

क्‍या उनकी सैलरी दुनिया के बाकी राष्‍ट्राध्‍यक्षों से सबसे ज्‍यादा है? तो हम आपको बता दें कि राष्‍ट्रपति ओबामा सैलरी के लिहाज से दुनिया के चौथे नेता है. अगर वह नंबर वन नहीं हैं तो फिर दुनिया किस नेता को सबसे ज्‍यादा सैलरी मिलती है. इसका जवाब है कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हाइसेन लूंग. आइए आपको बताते हैं कि दुनिया के कौन से नेता को कितनी सैलरी मिलती है और वह किस पायदान पर हैं.

किसकी कितनी सैलरी

1. ली हाइसेन लूंग

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लूंग को 2.4 मिलियन सिंगापुर डॉलर प्रति वर्ष सैलरी के तौर पर मिलते हैं. अगर हम अमेरिकी डॉलर में इन्‍हें तब्‍दील करें तो यह रकम करीब 1.76 मिलियन डॉलर है. हूंग पिछले 11 वर्षों से सिंगापुर के प्रधानमंत्री हैं.

2. ल्यूंग चुन यिंग

हांगकांग के चीफ एग्जिक्‍यूटिव ल्‍यूंग चुन यिंग को प्रतिवर्ष सैलरी के तौर पर करीब 5,76,000 अमेरिकी डॉलर मिलते हैं. वह पिछले तीन वर्षों से इस पद की जिम्‍मेदारी संभाल रहे हैं.

3. जोहानन स्‍नाइडर अम्‍माननन

स्विट्जरलैंड के राष्‍ट्रपति जोहानन स्‍नाइडर अम्‍माननन की एनुअल इंकम 460,000 अमेरिकी डॉलर है. हालांकि उन्‍हें अभी पद की जिम्‍मेदारी लिए हुए दो माह ही हुए हैं.

4. बराक ओबामा

सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा इस पायदान पर चौथे नंबर पर हैं. उन्‍हें हर वर्ष 4,00,000 अमेरिकी डॉलर बतौर सैलरी हासिल होते हैं. ओबामा पिछले सात वर्षों से भी ज्‍यादा समय से इस पद पर हैं.

5. मैलकम टर्नबुल

ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैलकम टर्नबुल, जिन्‍होंने पिछले वर्ष ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की जिम्‍मेदारी संभाली है उनकी सैलरी 3,96,000 अमेरिकी डॉलर है.

6. वेर्नर फेमैन

सेंट्रल यूरोप के देश ऑस्ट्रिया के चासंलर वेर्नर फेमैन को हर वर्ष 3,43,000 अमेरिकी डॉलर सैलरी के रूप में मिलते हैं. वह पिछले सात वर्षों और तीन माह से ऑस्ट्रिया के चांसलर पद पर हैं.

7. जैवियर बेट्टल

लक्‍जमबर्ग के प्रधानमंत्री 43 वर्षीय जैवियर बेट्टल सैलरी के लिहाज से सातवें नंबर पर आते हैं. दो वर्षों से भी ज्‍यादा समय से वह इस देश के प्रधानमंत्री हैं और उन्‍हें हर वर्ष 2,55,000 अमेरिकी डॉलर सैलरी मिलती है.

8. जस्टिन ट्रूड्यू

कनाडा के युवा और लो‍कप्रिय नेता और अब इस देश के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रड्यू को हर वर्ष 2,53,000 अमेरिकी डॉलर की सैलरी हासिल होती है.

9. एंजेला मार्केल

जर्मन चांसलर और दुनिया की सबसे ताकतवर महिला एंजेला मार्केल को हर वर्ष 2,44,000 अमेरिकी डॉलर की सैलरी मिलती है. मार्केल पिछले 10 वर्षों से जर्मन की चांसलर हैं.

10. चार्ल्‍स मिशेल

यूरोपियन यूनियन की राजधानी बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्‍स मिशेल को करीब 2,39,000 अमेरिकी डॉलर सैलरी मिलती है. वह पिछले एक वर्ष से इस पद पर अपनी जिम्‍मेदारियों को अंजाम दे रहे हैं.

11. स्‍टीफन लोफेन

स्‍वीडन के प्रधानमंत्री स्‍टीफन लोफेन को 2,35,000 अमेरिकी डॉलर की सैलरी हर वर्ष मिलती है. वह वर्ष 2014 से स्‍वीडन के पीएम हैं.

12. लार्स लोक्‍के

रैसम्‍यूसेन डेनमार्क के प्रधानमंत्री हैं लार्स लोक्‍के और उन्‍हें हर वर्ष 2,22,000 अमेरिकी डॉलर की सैलरी मिलती है.

13. एंडा केनी

आयरलैंड के प्रधानमंत्री एंडा केनी को हर वर्ष 2,09,000 अमेरिकी डॉलर सैलरी के तौर पर हासिल होते हैं. वह पिछले पांच वर्षों से इस आयरिश देश के पीएम हैं.

14. डेविड कैमरुन

ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरुन को हर वर्ष 1,42,500 पौंड यानी 2,06,000 अमेरिकी डॉलर की सैलरी मिलती है. कैमरुन पिछले पांच वर्षों से ब्रिटेन के पीएम हैं और पिछले वर्ष उन्‍हें चुनावों में बड़ी जीत हासिल हुई थी.

15. मार्क रूट्टे

नीदरलैंड के पीएम मार्क को हर वर्ष सैलरी के तौर पर 2,04,000 अमेरिकी डॉलर मिलते हैं.

लोढा कमेटी की सिफारिश, राहुल जौहरी BCCI के पहले CEO

बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर अमल करते हुए राहुल जौहरी को अपना पहला सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) नियुक्त किया है. जौहरी 1 जून 2016 से अपना पदभार संभालेंगे. बुधवार को बीसीसीआई के अधिकारियों ने मुंबई में हुई बैठक में यह फैसला लिया.

कौन हैं राहुल जौहरी?

राहुल जौहरी डिस्कवरी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे.  यहां ये डिस्कवरी नेटवर्क साउथ एशिया के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसि‍डेंट और जनरल मैनेजर के पद पर थे. जौहरी करीब 15 साल तक डिस्कवी से जुड़े रहे.

BCCI के मुंबई दफ्तर को संभालेंगे जौहरी

बीसीसीआई की ओर से घोषणा की गई है कि राहुल जौहरी सीधे बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर को रिपोर्ट करेंगे और ये मुंबई स्थित बीसीसीआई के दफ्तर में बैठेंगे. जौहरी की नियुक्ति का ऐलान करते हुए BCCI ने कहा कि क्रिकेट को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार करने में जौहरी की अहम भूमिका होगी. साथ ही उनके नये अनुभवों का इस्तेमाल किया जाएगा.

जौहरी के अनुभव का बोर्ड को मिलेगा फायदा

वहीं बीसीसीआई के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राहुल जौहरी जैसे अनुभवी और टेलेंटेड शख्स बोर्ड के साथ जुड़े. उन्होंने कहा कि राहुल जौहरी के पास लंबा अनुभव है और उम्मीद है कि वे इंडियन स्पोटर्स को एक नया आयाम देंगे.

BCCI से जुड़कर जौहरी खुश

इस मौके पर राहुल जौहरी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए कुछ करने का मौका मिला है. मीडिया इंडस्ट्री में 20 साल के अनुभव के अलावा राहुल जौहरी डिस्कवरी नेटवर्क के साथ 15 साल तक काम कर चुके हैं.

लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट में सिफारिश

गौरतलब है कि जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने सिफारिश की थी कि क्रिकेट से हटकर मैनेजमेंट को देखने के लिए एक सीईओ की नियुक्ति जरूरी है. लोढ़ा कमेटी ने सीईओ की नियुक्ति की सिफारिश के साथ ही उसे पांच साल का अनुबंध देने की सिफारिश भी की थी लेकिन बीसीसीआई ने जौहरी के कार्यकाल को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी है. इसके अलावा रिटायर्ड जस्टिस आर एम लोढ़ा की अगुवाई वाले तीन सदस्यीय समिति ने BCCI में सुधार के लिए कई सुझाव दिए थे. समिति ने BCCI के प्रशासनिक ढांचे के भी पुनर्गठन का सुझाव दिया और सीईओ के पद का प्रस्ताव रखा था जो 9 सदस्यीय शीर्ष परिषद के प्रति जवाबदेह होगा. सुप्रीम कोर्ट ने भी बीसीसीआई को दो टूक कह दिया था कि लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट को लागू करना ही होगा.

लाल रंगः गंभीर विषय पर बनी बचकानी फिल्म

इंसान के जीवित रहने के लिए खून की अहमियत सर्वोपरि है. लोग दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए खुशी खुशी अपना रक्त दान करते हैं. हर किसी को पता है कि भारत में खून की बिक्री गैरकानूनी है. लोग स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं. मगर कुछ लोगों ने खून का गैरकानूनी व्यापार कर लाखों रूपए से अपनी तिजोरी भरने में लगे हैं. अफसोस की बात यह है कि जिन डाक्टरों को इंसान की जिंदगी बचाने का दायित्व होता है, वही डाक्टर खून के अनैतिक व गैरकानूनी व्यापार का हिस्सा बने हुए हैं. इस अति घृणित व्यापार जैसे संजीदा, गंभीर व संवदेनशील विषयवस्तु पर बनी अति बचकानी फिल्म है ‘‘लाल रंग’’.

फिल्म की कहानी दो दोस्तों करनाल के शंकर (रणदीप हुडा) और हरियाणा के राजेष धीमान (अक्षय ओबेराय) ओर खून के अनैतिक व्यापार के इर्दगिर्द घूमती है. शंकर अपने आप में माफिया, पर गरीबों का मसीहा है. लोग उससे डरते हैं. उसकी पहुंच बड़े-बड़े लोगों तक है. वह एक फोन करके किसी को पुलिस के चंगुल से छुड़ा देता है. वह गरीब रिक्शेवालों को सौ या दो सौ रूपए देकर उनका खून निकालता है और फिर उस खून को पांच हजार में बेचता रहता है. एक कठोर अपराधी के लिबास के नीचे शंकर का कोमल हृदय भी नजर आता है. वह पेशेवर रक्तदाता के जीवन को लेकर चिंतित भी नजर आता है.

शंकर करनाल में अपना एक गैर कानूनी ब्लड बैंक चलाता है. उसके तार दिल्ली तक फैले हुए हैं. शंकर का एक साथी सूरज  दिल्ली में इसी तरह से खून जमा कर शंकर को लाकर देता रहता है. शंकर और राजेष की मुलाकात करनाल के पैथोलॉजी कालेज में होता है, जहां दोनो पैथोलॉजी में डिप्लोमा के विद्यार्थी हैं. शंकर क्लास में जाता ही नही है. पर उसकी उपस्थिति लगती रहती है. कॉलेज की एडमिनिस्ट्रेटर नीलम के संग उसके यौन संबंध भी हैं. कॉलेज से जुड़े डाक्टर व लैब सहायक भी उसकी मुट्ठी में है. शंकर खून के इस अनैतिक व्यापार से राजेश को भी जोड़ लेता है. राजेश अपनी सहपाठी पूनम शर्मा (प्रिया बाजपेयी) से प्यार करता है.

एक दिन कॉलेज की तरफ से ‘रक्त दान शिविर’ का आयोजन होता है, जहां शंकर व राजेश कॉलेज के डाक्टर व लैब सहायक की मदद से ऐसा खेल खेलते है कि रक्त दान शिविर में जमा हुआ आधे से ज्यादा रक्त शंकर के पास आ जाता है. डेंगू फैलने पर शंकर इस रक्त  को मनमानी दाम में बेचकर बीस लाख से अधिक कमा लेता है. इस बीच एक रिक्शेवाले की मौत हो जाती है क्योंकि खून के सौदागरो ने सौ या दो सौ रूपए देकर उसका रक्त चूस लेता है. शहर का एसपी गजराज इसकी जांच शुरू करता है. सूरज को पुलिस पकड़ लेती है, पर शंकर के एक फोन से वह छूट जाता है. उसके बाद गजराज इस धंधे को खत्म करने के लिए कमर कस लेता है. इसी बीच पता चलता है कि शंकर की बचपन की प्रेमिका डॉ. राशि खन्ना अब किसी और से शादी करने जा रही है क्योंकि राशि व उसके परिवार वालों को खून के अवैध व्यापार से नफरत है. शंकर अपने खून के धंधे को बंद करने की बजाय प्रेमिका राषि को अलविदा कह देता है.

इधर पैसे को लेकर शंकर व राजेश में अनबन हो जाती है. राजेश अपना अकेले रक्त का अवैध धंधा शुरू कर देता है. वह बलविंदर को खून देने के लिए एक एचआईवी ग्रसित इंसान का खून लेकर बेच देता है. बलविंदर बाद में फांसी लगा लेता है. पुलिस जांच में राजेश का नाम सामने आता है. पर गजराज बड़ी मछली पकड़ना चाहता है. वह राजेश से कहता है कि असली बॉस का नाम बता दे, तो वह उसे छोड़ देगा. राजेश, शंकर का नाम बताना चाहता है, पर शंकर उसे धमका देता है. अब राजेश चुप हो जाता है. पर राजेश को पुलिस गिरफ्तार करे, उससे पहले ही शंकर आत्मसपर्मण कर देता है. शंकर को पांच साल की सजा हो जाती है. राजेश व पूनम शादी कर लेते हैं. पांच साल बाद जेल से बाहर आने पर शंकर एनजीओ बनाकर जरुरतमंदो को रक्त उपलब्ध करना शुरू करता है.

फिल्म के तमाम दृष्य अजीबोगरीब व अविश्सनीय लगते हैं. फिल्म में खून का अवैध व्यापार, किसी भी गरीब को चंद रूपए व बिस्कुट का पैकेट देकर उसका खून निकाल लेना, रोमांस, जेल जाना, सब कुछ बहुत आसान सा लगता है.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो आक्रामक शंकर के किरदार में रणदीप हुडा का अभिनय सराहनीय है. अक्षय ओबराय का अभिनय भी ठीक है. दो दोस्तो के रूप में  रणदीप हुडा और अक्षय ओबराय की केमिस्ट्री अच्छी है. प्रिया बाजपेयी को अभिनय के नाम पर कुछ करने के लिए है ही नहीं. ‘पी से पी एम तक’ जैसी असफल फिल्म करने के बाद मीनाक्षी दीक्षित ने इस फिल्म में अति छोटा और महत्वहीन किरदार निभाया है. वह इस तरह के किरदार व फिल्में करके बॉलीवुड में लेबी रेस का घोड़ा कभी नहीं बन सकती. 

पटकथा स्तरहीन है. फिल्म में हरियाणवी भाषा का ज्यादा पुट है. कुछ संवाद अच्छे हैं. संगीत भी स्तरीय है. पर निर्देशक सय्यद अहमद अफजाल पूरी तरह से मात खा गए हैं. फिल्म में महिला पात्र जबरन ठूसे गए नजर आते हैं. इंटरवल के बाद तो पूरी फिल्म बिखरी हुई सी लगती है.

‘‘क्रिअन पिक्चर्स ’’ कै बैनर तले बनी फिल्म ‘‘लाल रंग’’ की निर्माता नितिका ठाकुर, निर्देषक सय्यद अहमद अफजल, संगीतकार विपिन पटवा व शिराज उप्पल, कलाकार-रणदीप हुडा, अक्षय ओबेराय, रजनीश दुग्गल, प्रिया बाजपेयी और मीनाक्षी दीक्षित हैं.

100 साल में पहली बार डालर पर होगा महिला का फोटो

अमेरिका के सौ साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी महिला का चेहरा 20 डालर के नोट पर छापा जाएगा. पूर्व राष्ट्रपति जैक्सन को पहले यह स्थान प्राप्त था. अब जैक्सन 20 डालर के नोट के बेकसाड पर दिखाई देंगे. टबमैन से पहले 19वीं शताब्दी में मार्था वाशिंगटन को 1 डालर के सिल्वर सर्टिफिकेट पर स्थान मिला था.

बुधवार को राजस्व अधिकारी जेकब जे लिउ ने महिलाओं और सिविल राइट लिडर्स के चित्रों को 10 डालर और 5 डालर के नोटों में शामिल करने की घोषणा की.अभी करेंसी का नया डिज़ाइन तैयार नहीं किया गया है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दशक तक इसका सर्कुलेशन शुरू हो जाएगा.

टबमैन का जन्म 1820 के आस पास एक गुलाम परिवार में हुआ था. उन्होंने बहुत से गुलामों को आजाद कराया और गुलामी का कड़ा विरोध किया. उन्होंने दासता विरोधी जॉन ब्राउन की भी सहायता की. कुछ इतिहासकारों का मानना है की उन्होंने सिविल वार में यूनियन आर्मी के साथ एक कूक, एक नर्स और एक  जासूस के तौर पर काम किया. यूद्ध में किसी मोर्चे का नेतृत्व करने वाली वह पहली महीला थीं.

उन्हें वीरता और आजादी का आइकन माना जाता है.

 

अब बिना किसी नंबर के चलाएं WhatsApp

आपने अभी तक व्हाट्सएप को कई तरह इस्तेमाल किया होगा. एक फ़ोन पर दो व्हाट्सएप, एक नंबर से दूसरे नंबर पर स्विच और भी काफी कुछ. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि आप बिना किसी नंबर के व्हाट्सएप कैसे यूज़ कर सकते हैं.

इसके लिए आपको फॉलो करने होंगे कुछ स्टेप्स. जिनकी मदद से आप बिना किसी नंबर का प्रयोग कर व्हाट्सएप यूज़ कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं-

अनइंस्टॉल व्हाट्सएप

सबसे पहले यदि आपके फोन में पहले से व्हाट्सएप है तो उसे अनइंस्टॉल कर दीजिए.

व्हाट्सएप डाउनलोड करें

अब पुनः व्हाट्सएप को अपने एंड्रायड फोन पर डाउनलोड कर इंस्टॉल करें

फ्लाइट मोड

इसके बाद अपने फोन की सभी मैसेजिंग सर्विसेज को ब्लॉक कर दें. इसके लिए अपने फोन को फ्लाइट मोड पर रखें जो अपने आप सभी मैसेजिंग सर्विसेज को ब्लॉक कर देगा.

कोई भी नंबर डालें

अब वॉट्सऐप को ओपन कर कोई भी नंबर डालें. ऐसे में वॉट्सऐप नंबर तो एक्सेप्ट कर लेगा, लेकिन कोई वैरिफिकेशन मैसेज नहीं भेज पाएगा.

वैरिफिकेशन

वॉट्सऐप का वैरिफिकेशन अभी भी बचा होगा इसलिए यूजर्स इसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. अब वॉट्सऐप आपसे वैरिफिकेशन करने का दूसरा तरीका पूछेगा. इस समय ‘Verify through SMS' ऑप्शन पर क्लिक करें और अपना ईमेल ऐड्रेस डालें. जैसे ही आप सेंड (SEND) बटन पर क्लिक करें उसी समय कैंसिल (Cancel) बटन पर क्लिक करें. ये ऑथोराइजेशन प्रोसेस को बंद कर देगा.

'स्पूफ टेक्स्ट मैसेज'

अब एंड्रायड यूजर्स को 'स्पूफ टेक्स्ट मैसेज' (Spoof Text Message) एप इंस्टॉल करनी होगी.

डिटेल्स भरें

अब जब आप पहले दी हुई प्रक्रिया को पूरा कर लें तब इस ऐप में आकर कुछ डिटेल्स भरें. इसमें नीचे दी गई डिटेल्स का इस्तेमाल करें. To: +447900347295 From: + (कंट्री कोड)(मोबाइल नंबर) Message: आपका ईमेल ऐड्रेस

फेक नंबर पर भेजी जाएंगी डिटेल्स

अब ये डिटेल्स उस फेक नंबर पर भेजी जाएंगी, बस आपका काम हो गया.

क्या दीपिका की ये शर्त मान जाएंगे कबीर खान…!

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने बॉलीवुड दबंग सलमान खान की फिल्म में काम करने की शर्त रखी है.

चर्चा है कि दीपिका और सलमान निर्देशक कबीर खान की आगामी फिल्म 'ट्यूबलाइट' में साथ दिखाई देने वाले हैं. दीपिका ने कबीर सामने यह शर्त रखी है कि फिल्म में उनका किरदार हल्का नहीं होना चाहिए.

सलमान की फिल्म में लीड रोल सलमान का ही होता है. इस कारण से जब दीपिका को सलमान के साथ फिल्म ऑफर की गई तो दीपिका ने फिल्म निर्माता के सामने यह शर्त रख दी. 

यह पहली बार होगा जब यह जोडी बड़े पर्दे पर साथ में दिखाई देगी. दीपिका अब सिर्फ बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी चर्चित चेहरा बन गई है. बॉलीवुड में दीपिका ने सभी बड़े स्टार्स के साथ काम किया है.

 

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