गूगल को टेक्नोलॉजी की दुनिया में नए-नए प्रयोगों के लिए जाना जाता है और जब इस कंपनी ने खुद चलने वाली कार पर काम करना शुरू किया था, तो सबको विश्वास था कि गूगल का प्रयोग सफल जरूर होगा. हुआ भी कुछ ऐसा ही. गूगल की खुद चलने वाली कारें सड़क पर दौड़ने लगीं और सबसे अच्छी बात यह थी कि इससे पहले तक उनकी वजह से कोई एक्सिडेंट नहीं हुआ था.
कार ने बस को मारी टक्कर
मगर अब हालात बदल चुके हैं. कैलिफोर्निया डीएमवी की एक फाइलिंग (जिसे पहली बार मार्क हैरिस ने रिपोर्ट किया था) के अनुसार गूगल की एक खुद चलने वाली कार लेक्सस एसयूवी ने एक बस को साइड से टक्कर मार दी.
टक्कर के वक्त गूगल की कार की स्पीड थी सिर्फ 3 किलोमीटर प्रति घंटा
प्राप्त सूचनाओं के अनुसार गूगल लेक्सस कार जब बस से टकराई, तो उस वक्त उसकी स्पीड तीन किलोमीटर प्रति घंटा की थी, जबकि बस की रफ्तार 24 किलोमीटर प्रति घंटा थी. गूगल की कार में बैठे व्यक्ति का कहना है कि उसे ऐसा महसूस हुआ था कि बस गूगल की कार को निकलने देगी, इसलिए उसने लेक्सस कार के सेल्फ ड्राइविंग कंप्यूटर को कंट्रोल करने की कोशिश नहीं की. मगर बस की रफ्तार कम नहीं हुई और वह गूगल की कार से जा टकराई.
क्या ड्राइवर-रहित सुरक्षित कार का सपना कभी होगा सच
गूगल की खुद चलने वाली कार की टेस्ट ड्राइव के दौरान हुई इस दुर्घटना में किसी को चोट नहीं आई है. लेकिन बेहद कम गति पर चलने पर भी कार का दुर्घटनाग्रस्त हो जाना एक खतरनाक संकेत तो है ही. यदि तेज गति पर कार इस तरह बस से भिड़ जाती, तो यह जानलेवा भी हो सकता था. गूगल की खुद चलने वाली कार की दुर्घटना ने इस सवाल को फिर से उठा दिया है कि क्या ड्राइवर-रहित सुरक्षित वाहन का सपना कभी सच हो सकेगा?
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