भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक देश है. इसके बावजूद भी घरेलू मांग उत्पादन से अधिक होने के कारण दालों की भरपाई आयात से की जाती है.
केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य दालों की जमाखोरी करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. जिससे दालों की कीमतों पर नियंत्रण रखा जा सके. वहीं केंद्र सरकार दालों की कीमतों पर निगरानी रखे हुए है.
हालांकि दालों की कीमत पिछले साल के 200 रूपए तक प्रति किलो के स्तर से काफी नीचे है लेकिन फिर भी देश के अधिकांश भागों में इसके भाव 83-177 रूपए प्रति किलो तक ऊंचे बने हुए हैं.
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कहा, हम इस बार दालों की कीमतों पर निगरानी रख रहे हैं. राज्य सरकारों से जमाखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को कहा गया है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने दालों के क्षेत्र में ज्यादा काम नहीं किया और राजग सरकार ने अब दालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई हैं.
आंकड़ों के अनुसार ज्यादातर खुदरा बाजारों में उड़द दाल के भाव 177 रूपए प्रति किलो, तूअर 163 रूपए, मूंग दाल 122 रूपए, मसूर दाल 98 रूपए व चना दाल 74 रूपए प्रति किलो हैं. सरकार घरेलू बाजारों में दालों की आपूर्ति बढ़ाने तथा बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठा रही है