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फेसबुक इंक को बड़ा मुनाफा

फेसबुक इंक के राजस्व में साल की पहली तिमाही में 50% का इजाफा हुआ है. कंपनी के चर्चित मोबाइल ऐप और लाइव विडियो की सुविधा ने नए ऐडवर्टाइजर्स को जुड़ने और मौजूदा विज्ञापनदाताओं को अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित किया है. बुधवार को करीब एक घंटे के ही कारोबार में कंपनी के शेयरों में 9.5% का इजाफा हुआ. कंपनी के शेयर 118.39 डॉलर पर पहुंच गए. चार साल पहले कंपनी के आईपीओ की शुरुआत के मुकाबले यह स्तर तिगुना है.

फेसबुक का रेवेन्यू 52% बढ़कर 5.38 अरब डॉलर यानी करीब 35,000 करोड़ रुपये हो गया है. फेसबुक के रेवेन्यू में सबसे बड़ी हिस्सेदारी विज्ञापनों की रही है. विज्ञापन से कंपनी की कमाई में मोबाइल ऐड की 82% हिस्सेदारी रही.

कंपनी ने बताया कि 31 मार्च तक कुल 1.65 अरब लोग फेसबुक से जुड़ चुके हैं. पिछले साल इसी दौरान फेसबुक के कुल 1.44 अरब यूजर थे. कंपनी के नतीजे पेश करते हुए जकरबर्ग ने कहा कि यूजर प्रतिदिन करीब 50 मिनट फेसबुक, इंस्टाग्राम और मेसेंजर पर गुजारते हैं.

विज्ञापनदाता अब टीवी से हटकर मोबाइल और वेब प्लेटफॉर्म पर भी बड़ा निवेश कर रहे हैं. इसका सबसे अधिक फायदा फेसबुक को ही मिल रहा है. हालांकि कंपनी को मोबाइल विडियो मार्केट में प्रतिद्वंद्वी कंपनी स्नैपचैट और यूट्यूब से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. स्नैपचैट और यूट्यूब पर हर दिन करीब एक अरब विडियोज को लोग देखते हैं.

सिलिकॉन वैली स्थित कई कंपनियों के नतीजों के बाद फेसबुक के परिणामों ने तकनीकी जगत में एक उम्मीद बंधाने का काम किया है. सिनोवुस ट्रस्ट कंपनी में सीनियर पोर्टफोलियो मैनेजर के पद पर काम कर रहे डेनियल मॉर्गन ने कहा, 'पिछले सप्ताह इंटल और आईबीएफ और फिर ऐपल एवं ट्विटर के आंकड़े आए थे. लेकिन अब फेसबुक के आंकड़ों ने उम्मीद बंधाने का काम किया है.'

 

एंड्रॉयड फोन्स में कभी क्यों न देखें पॉर्न??

इंटरनेट पोर्नोग्राफी ने भारत में लोगों को तेजी से अपनी ओर खींचा है. ज्‍यादातर लोग अब पीसी की तुलना में स्मार्टफोन के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ रहे हैं. इसी कारण वयस्क सामग्री को अब एप के रूप में पेश किया जा रहा है. गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे एप्स मौजूद हैं और एंड्रॉयड यूजर्स हर दिन अनगिनत बार पोर्न वेबसाइट्स पर विजिट करते हैं. अश्लील सामग्री देखना पूरी तरह से व्यक्तिगत है और देश में कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है. हालांकि, ऐसे कई कारण है जिसके चलते एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर पोर्न देखने से बचना चाहिए.

1.अवैध वीएएस (वैल्यू एडेड सर्विसेज) सब‌क्रिप्‍शन:

पोर्न ज्यादातर नि: शुल्क है. हालांकि, इसको देखना महंगा साबित हो सकता है. लोकप्रिय अश्लील वेबसाइटों मुनाफा कमाने की कोशिश में अवैध वीएएस एक्टिवेट करती हैं. इसका मतलब यह है जिस समय आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर विशेष वेबसाइट ओपेन करते है तो एक वीएएस सदस्यता ऑटोमैटिक फोन में सक्रिय हो जाती है.

जूसअप पैक, कुंडली, ड्रीम गर्ल पैक, आदि के लिए मासिक या दैनिक शुल्क के साथ इस तरह सदस्यता खुद-ब-खुद सक्रिय हो जाती है. आमतौर पर प्रति दिन 5 या 35 रुपए प्रति माह रुपये कीमत होने की वजह से उपयोगकर्ता का ध्यान इस ओर नहीं जाता है.

अगर आपकी जानकारी और सहमति के बिना मोबाइल बैसेंल कम हो रहा है तो "STOP" टाइप करके 155,223 पर मैसेज करें और निर्देश का पालन करें. ट्राई द्वारा आवंटित किया गया यह यह एक टोल फ्री नंबर है. इसके लिए सबसे अच्छा वैकल्पिक हल है फोन को एयरप्लेन मोड पर रखें और वाई-फाई से कनेक्ट करें. इस तरह मोबाइल डेटा के खर्च से बच सकते हैं.

2. अधिक अश्लील टिकर:

पोर्न टिकर एंड्रॉयड के साथ सदियों पुरानी समस्या है. ये एक कानूनी एंड्रॉयड एप्लिकेशन का नकली वर्जन के रूप में आते हैं. जैसे कि अगर आप एंड्रॉयड मोबाइल पर पोर्न देखी और फिर लोकप्रिय गेम डाउनलोड करने के लिए प्ले स्टोर पर गए तो अश्लील टिकर टैम्पल रन, टॉकिंग टॉम आदि के रूप में आ सकते हैं. इसलिए अगर आप बिना जांचें परखे इस पर क्लिक करते हैं तो ट्रोजन वायरस मोबाइल में डाउनलोड हो सकता है.

इसलिए हमेशा इस बात की सलाह दी जाती है कि इंकॉग्निटो मोड में ही इस तरह की वेबसाइट ब्राउज करें और "आप पर नजर रखने के लिए वेबसाइटों को अनुमति न दें".  तुरंत ही कैश क्लिर करें और बिना जांच के एप डाउनलोड ना करें.

3. सिक्योरिटी का सबसे बड़ा खतरा:

उस एंड्रॉयड फोन में पोर्न ब्राउज करना जिसमें बैंकिंग एप्लिकेशन और आपका जीमेल अकाउंट मौजूद है, सिक्योरिटी के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है. इस तरह फोन की सिक्योरिटी और प्राइवेसी किसी भी साइबर अपराधी के हित में है.

4. रैनसमवेयर:

वास्तव में इंटरनेट पर कुछ भी फ्री ऑनलाइन नहीं है. आपको या तो नकद या डेटा के रूप में सब कुछ चुकाना पड़ता है. रैनसमवेयर मालवेयर एक खतरनाक वायरस है जो डिवाइस को लॉक कर देता है और यूजर से उनकी फाइलों की रिकवरी के लिए पैसे की मांग करता है. रैनसमवेयर मालवेयर की सबसे तेजी से बढ़ती किस्म है और यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है. आपकी डिवाइस की हर एक चीज शातिर साइबर आपराधी की दया पर निर्भर हो जाती है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पैसे देने के बाद भी फोन अनलॉक जाएगा. अश्लील वेबसाइटों को पहले से ही इस पर महारत हासिल है.

आया स्मार्ट फोन से भी सस्ता लैपटॉप

कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी लेनोवो ने स्मार्टफोन से भी सस्ता लैपटॉप बाजार में उतारकर सबको हैरान कर दिया है. कंपनी भारत में किफायती आइडियापैड 100एस (Lenovo IdeaPad 100S) लैपटॉप लॉन्च किया है. इसकी कीमत 14,999 रुपये है. यह ई-कॉमर्स साइट स्नैपडील पर उपलब्ध है. यह विंडोज 10 ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ है, इस कीमत में यह इसकी सबसे बड़ी खासियत है.

लेनोवो आइडियापैड 100एस 11.6 इंच एचडी (1366×768 पिक्सल) डिस्प्ले के साथ है. इसके अलावा यह 1.83 गीगाहर्ट्ज क्वाड-कोर इंटल एटम ज़ेड3735एफ प्रोसेसर, 2 जीबी रैम और 32 जीबी इंटरनल स्टोरेज के साथ काम करता है. माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए मैमोरी को बढ़ाया जा सकता है.

लैपटॉप 0.3 मेगापिक्सल वेबकैम, ब्लूटूथ वी4.0, वाई-फाई, दो यूएसबी 2.0 पोर्ट, एचडीएमआई पोर्ट जैसे फीचर्स के साथ है. कंपनी का दावा है कि यह 8 घंटे का बैटरी बैकअप देने में सक्षम है.

आइडियापैड 100एस 1 किलोग्राम वजन और 292 x 202 x 17.5 एमएम डायमेंशन के साथ है. लैपटॉप लॉन्च के मौके पर अशोक नायर निदेशक, होम एंड स्मॉल बिजनेस, लेनोवो इंडिया ने कहा, "सस्ते दाम पर हल्की नोटबुक और बेहतर कार्यक्षमता के साथ यह उपभोक्ताओं के लिए अच्छा विकल्प होगा जो हमेशा कनेक्ट रहना चाहता हैं. IdeaPad 100S दोनों परिवार और पेशेवर उपयोगकर्ताओं के लिए बेजोड़ अनुभव प्रदान करता है.

रामानुजन पर बनी फिल्म देख रो पड़ीं हस्तियां

अमेरिका के सिलिकॉन वैली में मैथमैटिश्यन श्रीनिवास रामानुजन पर बनी मूवी 'द मैन हू न्यू इनफिनिटी' की स्क्रीनिंग हुई. अमेरिका की 50 जानी-मानी हस्तियों को रामानुजन को जानने का मौका मिला. मैथ्स को लेकर उनके स्ट्रगल और इसमें उनकी दिलचस्पी को देख कर लोग इमोशनल हो गए.

जकरबर्ग और पिचई ने भी की शिरकत

फिल्म देखने के बाद फेसबुक फाउंडर मार्क जकरबर्ग और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई ने उनके नाम पर फाउंडेशन बनाने का ऐलान किया. रूसी अरबपति और डिजिटल स्काई टेक्नॉलजी के संस्थापक यूरी मिलर ने यह स्क्रीनिंग की थी. इसमें जकरबर्ग और पिचई के साथ गूगल के फाउंडर सर्गेई ब्रिन, ओकुलुस वीआर के सीईओ ब्रेंडन इर्बी जैसी शख्सियतें मौजूद थीं.

देव पटेल हैं लीड रोल में

ऑस्कर विनिंग मूवी 'स्लम डॉग मिलिनेयर' फेम देव पटेल रामानुजन के रोल में हैं. वहीं, प्रफेसर जी. एच. हार्डी का रोल जेरेमी आयरंस ने किया है. पटेल ने मैथ्स की बेहद मुश्किल इक्वेशन को समझने के लिए प्रफेसर केन ओनो से मदद ली है. रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को मद्रास के इरोड में हुआ था. महज 33 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. मैथ्स पर लिखे एक आर्टिकल ने उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रफेसर जी.एच. हार्डी से मिलवाया. उन्होंने ही रामानुजन को इंग्लैंड बुलाया. मैथ्स को लेकर किए गए उनके अनैलेसिस ने दुनियाभर में हलचल मचा दी. उनके जीवन के इसी ताने बाने को मूवी में बुना गया है.

कमाल के थे रामानुजन

10 साल की उम्र में हाई स्कूल में टॉप किया था.

12 साल की उम्र में ट्रिगोनोमेट्री में महारत हासिल कर ली थी.

सिर्फ मैथ्स में रुचि होने की वजह से इंटर में फेल हो गए. ऐसा कहा जाता है कि वह एक सवाल को हल करने में ही ज्यादा वक्त लगा देते थे, जिससे परीक्षा का समय निकल जाता था.

जब वह सातवीं में थे, तब बीएससी के बच्चों को मैथ्स पढ़ाते थे.

17 साल की उम्र में बरनौली नंबर पर रिसर्च पूरी की.

 

क्यों कोई नहीं बनना चाहता पाक का कोच…

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद की जिम्मेदारी कोई भी पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर नहीं उठाना चाहता है. पाकिस्कान क्रिकेट टीम के कोच पद के लिए आवेदन तारीख समाप्त होने के बाद भी किसी भी मशहूर खिलाड़ी ने कोच बनने के पद के लिए आवेदन नहीं किया है. पीसीबी ने टीम के कोच पद के लिए आवेदन भरने की अंतिम तारीख 25 अप्रैल रखी थी.

माना जा रहा था कि मोहसिन खान, मोइन खान और आकिब जावेद जैसे सीनियर खिलाड़ी टीम के कोच बनने की रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन इनमें से किसी ने भी आवेदन नहीं भरा है.

इन सबके बीच राष्ट्रीय बोर्ड के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है. पूर्व पाकिस्तानी दिग्गज क्रिकेटरों ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पर विदेशी कोच की नियुक्ति का मन बना लेने का आरोप लगाते हुए मुख्य कोच पद के लिए आवेदन ही नहीं दिया है.

पीसीबी के विश्वसनीय सूत्रों ने यह जानकारी दी कि पूर्व क्रिकेटरों ने इस पद के लिए अनिच्छा जाहिर की है. इन क्रिकेटरों का कहना है कि जब बोर्ड ने इस पद के लिए विदेशी कोच को नियुक्त करने का मन बना लिया है तो वह फालतू में आवेदन और अपना समय बरबाद क्यों करें.

पूर्व स्टार तेज गेंदबाज आकिब जावेद ने कहा, 'पीसीबी पहले से ही विदेशी खिलाड़ी को मुख्य कोच बनाने का मन बना चुका है. अगर वह पाकिस्तानी खिलाड़ी को इस पद पर नियुक्त करने के प्रति गंभीर होते तो वह हमसे सीधे कहते.'

पूर्व दिग्गज क्रिकेटर मोहसिन खान और मोईन खान ने भी आकिब जावेद की बातों का समर्थन करते हुए इस पद के लिए आवेदन नहीं किया. गौरतलब है कि विदेशी खिलाड़ियों में दो बार इंग्लैंड टीम के कोच रह चुके पीटर मूर, ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी, जेमी सिडन, स्टुअर्ट लॉ और डीन जोंस के अलावा दक्षिण अफ्रीकी टीम के पूर्व कोच मिकी ऑर्थर ने पाकिस्तानी टीम के मुख्य कोच के लिए आवेदन भरा है.

जिस समिति को नए कोच की नियुक्ति करनी है उसमें पूर्व खिलाड़ी रमीज़ राजा और वसीम अकरम जैसे खिलाड़ी हैं और इन्होंने पहले ही पीसीबी से सिफारिश कर ली है कि टीम के लिए इस वक्त सिर्फ़ एक विदेशी कोच ही ठीक रहेगा.

मोहसिन खान को पहले पाकिस्तान टीम का मुख्य चयनकर्ता बनाया जा रहा था, लेकिन मोहिसन चयनकर्ता नहीं बल्कि कोच बनना चाहते थे जो बोर्ड को पसंद नहीं था.

पाकिस्कान पहले ही इंज़माम उल हक को टीम का मुख्य चयनकर्ता बना चुका है. माना जा रहा है कि मई महीने के पहले हफ्ते में कोच की नियुक्ति हो जाएगी. टी20 विश्व कप में करारी हार के बाद वकार यूनिस ने कोच के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और तब से ये स्थान खाली है.

इन नये फीचर्स के साथ आ रहा है WhatsApp

दुनिया का सबसे बड़े इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने एंड-टू-एंड एन्क्रीप्शन के साथ कई नए फीचर्स हाल ही में लॉन्च किए थे और अब खबर है कि व्हाट्सएप कुछ हफ्ते में ही कई नए और अहम फीचर्स लाने वाला है. फोनरडार की रिपोर्ट के मुताबिक व्हाट्सएप जल्द ही अपने एंड्रॉयड और iOS यूजर्स के लिए 'कॉल बैक' का फीचर लाने वाला है.जिसकी मदद से सिर्फ एक टैब से ही बिना एप खोले यूजर्स कॉल बैक कर सकेंगे.

ये बटन यूजर्स को नोटिफिकेशन बार पर ही मिलेगा जिससे बिना एप खोले आप कॉलबैक किया जा सकेगा.

रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी अपने iOS प्लेटफॉर्म के लिए वॉइस-मेल का ऑप्शन भी लाने वाली है.

इस फीचर में व्हाट्सएप की मदद से यूजर्स वॉइस-मेल रिकॉर्ड कर सकेंगे और उसे सेंड भी कर सकेंगे. इतना ही नहीं नए फीचर में कंपनी PDF फाइल के साथ Zip फाइलें भी भेजी जा सकेंगी.

अगर ऐसा हुआ तो आप भारी फाइलें भी व्हाट्सएप पर आसानी से शेयर कर सकेंगे.

इन फीचर्स को कंपनी इस वक्त बीटा वर्जन पर टेस्ट कर रही है. कुछ हफ्तों में ही ये फीचर्स आपके सामने होंगे.

ICC में अपना रुख बदल सकता है BCCI

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष शशांक मनोहर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) का मुखिया बनने के बाद 'बिग थ्री' को बदलने का प्रस्ताव दिया था. एन श्रीनिवासन के कार्यकाल के दौरान आइसीसी में तीन बड़े देश भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को कार्यकारी और वित्तीय अधिकार मिल गए थे. श्रीनि के धुर विरोधी मनोहर ने आइसीसी अध्यक्ष बनने के बाद पहली ही बैठक में मौजूदा ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव दिया था.

इसके बाद भारत को आइसीसी से मिलने वाले राजस्व में बड़ी कमी होने का अनुमान लगाया गया था, इसके बावजूद भी बीसीसीआई इसको मानने को तैयार था. अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के संकेतों के बाद से बोर्ड ने अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है. अगर लोढ़ा समिति की सिफारिशें हूबहू लागू होती हैं तो बीसीसीआई को विज्ञापन के जरिये मिलने वाले राजस्व में जबरदस्त कमी आएगी और इस कमी को दूर करने के लिए बोर्ड बिग थ्री पर लिए अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रहा है.

…तो होगी राजस्व में गिरावट

बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से हमें जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं उससे हमें अपनी रणनीति बदलनी होगी. अगर लोढ़ा समिति की मैच के ब्रेक के दौरान ही विज्ञापन दिखाने की सिफारिश लागू होगी तो हमारे राजस्व में जबरदस्त गिरावट आएगी. जब उनसे पूछा गया कि बोर्ड अध्यक्ष शशांक मनोहर ने ही आइसीसी से बिग थ्री व्यवस्था खत्म करने का प्रस्ताव दिया था तो बोर्ड ने कहा कि इसको लेकर जून में फैसला होना है.

हम बिग थ्री व्यवस्था खत्म करने पर अडिग हैं, लेकिन ये प्रशासनिक स्तर के होंगे. मतलब अभी सिर्फ भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को आइसीसी के फैसले लेने का अधिकार है. बीसीसीआई इस पक्ष में है कि आइसीसी के दस टेस्ट खेलने वाले देश उसके फैसले में भागीदार हों और इसको लेकर हमारे मत में कोई बदलाव नहीं है, लेकिन जहां तक राजस्व में हिस्सेदारी की बात है तो उसमें हम अब कोई कमी झेलने की स्थिति में नहीं हैं.

हम नहीं चाहेंगे कि आइसीसी से मिलने वाले राजस्व में कमी आए. हमने कुछ इस तरह का प्रस्ताव तैयार किया है जिससे टेस्ट खेलने वाले दस देशों, एसोसिएट देशों को तो आइसीसी से पर्याप्त धन मिले, लेकिन भारत को पहले की तरह मिल रहे राजस्व में कमी नहीं आए. इसके लिए बीसीसीआई ने एक फॉर्मूला तैयार किया है जिसे आइसीसी के समक्ष रखा जाएगा.

पवार ले सकते हैं मनोहर की जगह

लोढ़ा समिति की सिफारिशों और आइसीसी के स्वतंत्र अध्यक्ष पद के चुनाव के कारण शशांक मनोहर अगर बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हैं तो उनकी जगह पूर्व बीसीसीआई व आइसीसी अध्यक्ष शरद पवार इस पद के दावेदार हो सकते हैं. फरवरी में आइसीसी ने कहा था कि बोर्ड ने सर्वसम्मति से पूर्ण परिषद के सामने यह प्रस्ताव रखने पर रजामंदी जताई कि जून 2016 से दो साल के लिए नए अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा. इसके लिए आइसीसी की स्वतंत्र ऑडिट कमेटी के अध्यक्ष की निगरानी में गुप्त मतदान की प्रक्रिया होगी. आइसीसी अध्यक्ष किसी सदस्य बोर्ड में कोई पद नहीं ले सकेगा और कार्यकाल खत्म होने के बाद फिर चुना जा सकता है, लेकिन अधिकतम कार्यकाल तीन बार का होगा.

क्या है बिग थ्री

2014 में एन श्रीनिवासन के अध्यक्ष रहते हुए आइसीसी में संवैधानिक बदलाव किए गए थे जिसमें सारे अधिकार 'बिग थ्री' के पास चले गए थे. मनोहर के आते ही आइसीसी ने वित्त और व्यावसायिक मामलों की समिति और कार्यकारी समिति के नियम और शर्तो में भी बदलाव को मंजूरी दी, ताकि बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड तथा वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रतिनिधियों को स्थायी पदों से हटाकर सभी पूर्ण और सहायक निदेशकों को सदस्यता पाने की पात्रता दी जा सके.

इसका एकमात्र मानदंड संबंधित निदेशक की दक्षता, योग्यता और अनुभव होगा. आइसीसी ने कहा, बोर्ड ने 2014 में किए गए संवैधानिक बदलावों की संपूर्ण समीक्षा पर मंजूरी जताई. अब आइसीसी के संविधान की समीक्षा की जा रही है और सभी सदस्य आइसीसी प्रबंधन को फीडबैक दे रहे हैं. जून, 2016 में आइसीसी के सालाना सम्मेलन में इस पर अंतिम फैसला होगा.

शिकंजे में आयेंगी मायावती

चुनावी बिसात पर भ्रष्टाचार का दांव नेताओं को पटखनी देने का सबसे कारगर हथियार होता है.कांग्रेस से बाहर आकर नया दल बना कर बोफोर्स कांड के अस्त्र से विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर अपनी सरकार बनाई थी. बिहार में लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक को खत्म करने में चारा घोटाले का बडा हाथ था. कांग्रेस की डाक्टर मनमोहन सरकार के जाने में भी घोटालों का प्रमुख हाथ था. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव को आय से अधिक जायदाद का भूत अभी भी परेशान करता है. बसपा नेता मायावती को ताज घोटाले ने बहुत परेशान किया. भ्रष्टाचार का ही डर था जिसने सपा और बसपा दोनो को कांग्रेस का समर्थन देने का लिये मजबूर किया था.उत्तर प्रदेश, बिहार, हिमाचंल प्रदेश, तमिलनाडु सभी प्रदेशों में नेताओं को भष्टाचार ने तगडा डंक मारा है. अब एक पार्टी को दबाव में लाने के लिये दूसरी पार्टी इस हथियार का इस्तेमाल करने लगी है.ऐसे ही हालातों को देखते हुये अदालत तक ने सीबीआई को पिंजरें में बंद तोता कहा था.केवल सीबीआई ही नहीं बहुत सारी जांच संस्थायें है जो नेताओं को शिकजें में कसने का काम करती है.
 
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की बढती ताकत को देखते हुये मायावती कार्यकाल में हुये  घोटालों की फाइल खुलने वाली है. साल 2007 से लेकर 2012 के बीच बसपा सरकार के समय बने स्मारकों में सरकारी पैसे के दुरूपयोग का आरोप लगा था. इन स्मारको में साढे 4 हजार करोड की रकम के खर्च करने का काम हुआ था. इसकी जांच का काम उस समय के लोकआयुक्त एनके मल्होत्रा ने किया. लोकआयुक्त की जांच रिपोर्ट में यह माना गया कि बसपा सरकार के समय स्मारक बनवाने में 1488 करोड का घोटाला किया गया.199 लोगों को इस घोटाले में लिप्त बताया गया. जांच रिपोर्ट फरवरी 2013 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्राी अखिलेश यादव को सौंपी गई. अखिलेश यादव ने इस मुददे पर कोई काम नहीं किया तो अब एक विशेष रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी गई है. इस रिपोर्ट में बसपा के उस समय के कई कददावर नेता, मंत्राी, इंजीनियर और ब्यूरोक्रेट शामिल है.
 
उत्तर प्रदेश विधनसभा चुनावों को देखते हुये यह मुददा फाइलों से बाहर आ सकता है. जिससे बसपा नेता मायावती को परेशानी हो सकती है. मायावती के खिलाफ भ्रष्टाचार एक बडे हथियार के रूप में काम कर सकता है. ऐसे में ताज घोटाले से बची मायावती स्मारक घोटाले की नई मुसीबत में फंस सकती है. वैसे मायावती इन बातों को मनुवदियों की चाल मानती है. जब से अमीरगरीब की खांई चैडी हुई है भ्रष्टाचार के मुददे संवेदनशील होने लगे है. ऐसे में केवल खुद को दलित के बेटी कहने से काम नहीं चलने वाला. ऐसे में भ्रष्टाचार का मुददा मायावती को नुकसान और विरोध्यिों को ताकत दे सकता है. सोशल मीडिया के जमाने में ऐसे आरोपों के वायरल होने में समय नहीं लगता है. कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार को हथियार बना कर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा सरकार नये मुददों से कांग्रेस की तरह मायावती को भी उलझा सकती है. 

…अब सीरियल किलर बनेंगे नवाजुद्दीन सिद्दीकी

बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि निर्देशक अनुराग कश्यप फिल्म ‘रमन राघव 2.0' से जबरदस्त धमाल करेंगे. अनुराग की पिछली फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट' बडे़ पर्दे पर कोई कमाल नहीं कर पाई थी. ‘रमन राघव 2.0' साइको रमन के नाम से भी पहचानी जाती है.

यह एक मनोरोगी सीरियल किलर की कहानी है जिसने 1960 दशक के मध्य में मुंबई की सडकों को आतंकित कर दिया था. ‘बजरंगी-भाईजान' के अभिनेता फिल्म में कुख्यात सीरियल किलर की भूमिका निभाते नजर आएंगे. अभिनेता का कहना है कि यह फिल्म अनुराग की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक होगी.

नवाजुद्दीन ने कहा, ‘ अनुराग रमन राघव से एक जबरदस्त वापसी करेंगे. मुझे इस बात का यकीन है. मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यह अनुराग की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक होगी. इस पर उन्होंने काफी मेहनत भी की है.'

नवाजुद्दीन फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे' और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर' के दोनों भागों में भी अनुराग के साथ काम कर चुके हैं. ‘रमन राघव 2.0' को कान फिल्म उत्सव में भी प्रदर्शित किया जाएगा. यह नवाजुद्दीन की आठवीं फिल्म है जिसे उत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा. ‘रमन राघव 2.0' भारत में 24 जून को रिलीज होगी.

“सुल्तान ब्लॉकबस्टर ही होगी!” – सलमान खान

सलमान खान की सुल्तान को लेकर धीरे धीरे माहौल बन रहा है लेकिन अब सलमान खान खुद सुल्तान के लिए माहौल बनाने लगे हैं. उनकी फिल्म और रियो ओलंपिक्स 2016 को लेकर भले ही जितना विवाद हो रहा हो, लेकिन सलमान खान सुल्तान को लेकर अलग सुर ताल छेड़ चुके हैं. अब उन्होंने हाल ही में कहा कि सुल्तान का ब्लॉकबस्टर होना तय है, कोई रोक ही नहीं सकता. क्योंकि सुल्तान एक स्पोर्ट्स फिल्म नहीं बल्कि एक रोमांटिक फिल्म है. और बॉलीवुड में रोमांस का हिट होना तय है. इसलिए वो जानते हैं कि सुल्तान भी सुपरहिट होगी.

गौरतलब है कि सुल्तान में सलमान खान एक हरियाणवी पहलवान बने हैं और फिल्म में उनका साथ दे रही हैं अनुष्का शर्मा. सबको लग रहा है कि सुल्तान सलमान खान और उनके अखाड़े की कहानी है लेकिन सलमान ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि सुल्तान दरअसल उनकी और अनुष्का की लव स्टोरी है.

इधर सलमान खान की फिल्म 'सुल्तान' के रिलीज डेट की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. जैसा कि कहा जा रहा था, फिल्म ईद के मौके पर ही रिलीज होगी. लेकिन बता दें, फिल्म शुक्रवार यानि की 8 जुलाई को नहीं, बल्कि 6 जुलाई (बुधवार) को ही रिलीज कर दी जाएगी. कोई शक नहीं कि ईद पर मौके पर 5 दिनों का पूरा वीकेंड फिल्म को धमाकेदार ओपनिंग देगा. एक तो ईद रिलीज.. ऊपर से 5 दिनों का स्लॉट.. लगता है निर्माता सलमान खान को एक और 300 करोड़ की फिल्म देने वाले हैं.

अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी फिल्म 'सुल्तान' का टीजर भी रिलीज हो चुका है और सुपरहिट भी. फिल्म में सलमान खान, अनुष्का शर्मा और रणदीप हुडा मुख्य किरदारों में हैं. सुल्तान यशराज बैनर के तले रिलीज हो रही है. लिहाजा, फिल्म को वर्ल्डवाइड शानदार रिलीज मिलेगी. बता दें, फिल्म को उत्तरप्रदेश में टैक्स फ्री घोषित कर दिया गया है.

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