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बैंकों ने बढ़ाया सर्विस चार्ज

देश के प्रमुख बैंक अब अपनी सर्विसेस को महंगा करने जा रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) इनमें सबसे आगे हैं. जहां पीएनबी 6 मई से ही नई दरें लागू करने जा रहा है, वहीं एसबीआई 1 जून से ग्राहकों पर यह अतिरिक्त भार डालेगा. सर्विसेस महंगी होने से बैंक अकाउंट से लेकर चेक और दूसर सभी प्रमुख सेवाएं महंगी हो जाएंगी.

ये सर्विसेस होंगी महंगी

कैश जमा – नए नियमों के अनुसार एसबीआई सेविंग्स और करंट अकाउंट होल्डर किसी भी ब्रांच में एक दिन में 50 हजार रुपए तक कैश बिना कोई सर्विस चार्ज चुकाए जमा कर सकेंगे, जबकि 50 हजार से ज्यादा कैश जमा करने पर प्रति हजार रुपए पर 30 पैसे का सर्विस चार्ज भुगतान करना पड़ेगा. इस सर्विस चार्ज को बैंक तय करेंगे और नॉन होम ब्रांच में एक दिन में अधिकतम 25000 रुपए ही जमा किए जा सकेंगे. अब तक कोई भी अकाउंट होल्डर एक लाख रुपए तक बिना किसी सर्विस चार्ज के जमा कर सकता है.

बैंक अकाउंट – पीएनबी में बैक अकाउंट खोलने के एक साल के अंदर बंद करने पर सेविंग्स अकाउंट पर 200 रुपए से लेकर 500 रुपए, जबकि करंट अकाउंट पर 500 रुपए से लेकर 800 रुपए तक सर्विस चार्ज वसूला जाएगा. फिलहाल इन सर्विसेस के लिए बैंक 100 रुपए से 500 रुपए तक चार्ज ले रहा है.

चैक – चैक रिटर्न होने पर अब ग्राहक पर 300 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक का जुर्माना लगेगा. वर्तमान में यह चार्ज 100 रुपए से 500 रुपए तक है.

बैंक लॉकर – बैंक लॉकर के लिए अब साल में केवल 12 फ्री विजिट होंगी, अब तक साल में 24 बार तक फ्री विजिट की छूट थी. 12 बार के बाद हर विजिट पर 50 रुपए चार्ज देना होगा.

इंटरनेट बैंकिंग होगी सस्ती

एसबीआई ने ऑनलाइन बैंकिंग को प्रमोट करने के लिए उसे सस्ता कर दिया है. इसके तहत अब एनईएफटी ट्रांजेक्शन और आरटीजीएस ट्रांजेक्शन सस्ता हो गया है.

एनईएफटी – 10 हजार रुपए तक के ट्रांजेक्शन पर 2.50 रुपए की जगह अब 2 रुपए देने होंगे. इसी तरह 10 हजार से ज्यादा और एक लाख रुपए तक के ट्रांजेक्शन पर 5 की जगह 4 रुपए देने होंगे. वहीं एक लाख रुपए से ज्यादा और 2 लाख रुपए तक के ट्रांजेक्शन पर 15 की जगह 12 रुपए और दो लाख रुपए से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 25 की जगह 20 रुपए देने होंगे.

आरटीजीएस – 5 लाख रुपए से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर चार्ज 50 रुपए से घटाकर 45 रुपए कर दिया गया है. जबकि उससे कम के ट्रांजेक्शन पर 25 की जगह 20 रुपए देने होंगे.

सैलेरी अकाउंट होल्डर्स को एटीएम इस्तेमाल पर राहत

इसके तहत एसबीआई और उसके समूह बैंकों के एटीएम से सैलेरी अकाउंट होल्डर्स को अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन की सुविधा दी है. इसी तरह दूसरे बैंक के एटीएम के इस्तेमाल पर अनलिमिटेड ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलेगी.

 

महंगाई की मार अब एलपीजी पर…!

एलपीजी निर्माता कंपनियों ने रसोई गैस सिलेंडर के दाम में बढ़ोतरी कर दी है. सब्सिडी वाले सिलेंडर 18 रुपए 50 पैसे व व्यवसायिक सिलेंडर के दाम 21 रुपए बढ़ गए हैं. मई महीने में इसी कीमत पर सिलेंडर की बिक्री की जाएगी.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ गए हैं. पेट्रोल व डीजल की कीमत बढ़ने के साथ ही 30 अप्रैल की आधी रात से एलपीजी निर्माता कंपनियों ने रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी. कीमत बढ़ने के साथ ही मई महीने की दर भी तय कर दी गई है.

 मई में उपभोक्ताओं को 609 रुपए में सिलेंडर खरीदना पड़ेगा. सब्सिडी के रूप में उपभोक्ताओं के खाते में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा 181 रुपए 35 पैसा जमा किए जायेंगे. व्यावसायिक सिलेंडर की कीमत को भी बढ़ाया गया है. 21 रुपए की वृद्धि के साथ ही 1,098 रुपए की दर से सिलेंडर की बिक्री की जाएगी.

केंद्र सरकार ने ‘पहल योजना’ प्रारंभ करने के साथ ही रसोई गैस सिलेंडर को नियंत्रण मुक्त कर दिया है. मसलन एलपीजी निर्माता कंपनियों को हर महीने दाम तय करने की छूट दे दी गई है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता आते ही रसोई गैस सिलेंडर के दाम में भी तब्दीली कर दी जाती है. जब से कीमतों को नियंत्रणमुक्त किया गया है रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में अस्थिरता बनी हुई है.

बीते चार महीने से कीमत में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. इसी तरह पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अस्थिरता का माहौल देखा जा रहा है. अधिक कीमत पर कमर्शियल सिलेंडर की खरीदी कर गोदाम में स्टॉक रखते ही दूसरे महीने अचानक कीमत में कमी कर दी जाती है. इसका घाटा डीलरों को उठाना पड़ रहा है.

सब्सिडी धारकों पर कोई असर नहीं

सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत में गिरावट या फिर दाम ऊंचे होने का असर सब्सिडीधारी उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा. ये अलग बात है कि सिलेंडर खरीदते वक्त जेब ढीली करनी पड़ेगी. दो या तीन बाद सब्सिडी की राशि खाते में जमा करा दी जाएगी.

 

मैच फिक्सिंग में हो सकती है 10 साल की सजा

लोकसभा सांसद और BCCI सेक्रटरी अनुराग ठाकुर ने तीन गैर सरकारी विधेयक पेश किए जिसमें महत्वपूर्ण 'नैशनल स्पोर्ट्स एथिक्स कमिशन' विधेयक भी शामिल है जो मैच फिक्सिंग में शामिल प्लेयर्स को 10 साल जेल की सजा की सिफारिश करता है. इस गैर सरकारी विधेयक में जस्टिस के अलावा जानी मानी खेल हस्तियां शामिल होंगी.

ठाकुर का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि IPL 2013 मैच फिक्सिंग प्रकरण के बाद से BCCI विवाद में रहा है. आईपीएल 2013 फिक्सिंग प्रकरण में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत सहित तीन क्रिकेटरों को गिरफ्तार किया गया था. दो अन्य क्रिकेटर अजित चंदीला और अंकित चव्हाण थे.

नैशनल स्पोर्ट्स एथिक्स कमिशन होगा गठित

यह पूछने पर कि उन्होंने आखिर किन कारणों से लोकसभा में विधेयक पेश किया, ठाकुर ने कहा, 'खेल प्रेमियों के प्रति निष्पक्ष होने के लिए उचित है कि जवाबदेही लाई जाए. मैच फिक्सिंग पर लगाम कसने के लिए कोई नियम नहीं है. यह अनिवार्य है कि इस से लड़ने के लिए कोई कानून हो.'  लोकसभा में पेश विधेयक के अनुसार इसका उद्देश्य नैशनल स्पोर्ट्स एथिक्स कमिशन का गठन है जिस से कि सुनिश्चित हो सके कि सभी खेलों में नैतिक गतिविधियां हो और साथ ही डोपिंग,  मैच फिक्सिंग,  उम्र धोखाधड़ी,  खेलों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का उन्मूलन की दिशा में काम करना शामिल है.

क्या है प्रस्ताव में

ठाकुर द्वारा पेश यह विधेयक अगर पारित हो जाता है तो ना सिर्फ खिलाड़ी पर आजीवन प्रतिबंध लगेगा बल्कि मैच फिक्सिंग के मामले में उसे 10 साल जेल की सजा और रिश्वत की राशि का पांच गुना जुर्माना भी लगेगा. आयु या लिंग की धोखाधड़ी पर छह महीने की जेल और एक लाख रूपये का जुर्माना होगा. खिलाड़ी ही नहीं बल्कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में मदद करने वाले कोचों और खेल महासंघों के सदस्यों को भी इन्हीं धाराओं के तहत सजा दी जाएगी. इस गैर सरकारी विधेयक में ‘राष्ट्रीय खेल नैतिक आयोग’  के गठन की मांग की गई है जिसमें न्यायाधीशों के अलावा जानी मानी खेल हस्तियां शामिल होंगी.

इमरान संग ‘किसिंग सीन’ के रीटेक पर भड़कीं नरगिस

इमरान हाशमी की फिल्में 'किसिंग सीन्स' को लेकर खूब सुर्खियां बटोरती हैं. इमरान की अपकमिंग फिल्म 'अजहर' के साथ भी कुछ यही देखने को मिल रहा है. 'अजहर' में इमरान और नरगिस फाखरी के बीच कई किसिंग सीन हैं. नरगिस ने बताया कि इन किसिंग सीन को शूट करने के दौरान उन्हें कई बार रीटेक करने पड़े,  जिसे लेकर वो काफी खफा हैं.

हालांकि इमरान को किसिंग सीन्स के रीटेक में शायद ही कोई परेशानी हुई हो, लेकिन नरगिस को ऐसा करना बड़ा अजीब-सा लगा. जब नरगिस से किसिंग सीन्स के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा,  'देखिए, मुझे इस बात का बिल्कुल भी पता नहीं था कि 'अजहर' में इतने सारे किसिंग सीन हैं. फिर एक-एक किसिंग सीन के लिए कई-कई रीटेक हुए.

यह बहुत बेहूदा है कि किसिंग सीन के लिए भी बार-बार रीटेक देने पड़े. इस दौरान मुझे बहुत अजीब महसूस हो रहा था. अब मुझे लग रहा है कि इन किसिंग सीन्स की वजह से मुझे ज्यादा भुगतान होना चाहिए.'

नरगिस फाखरी ने बताया कि जब वो कोई किसिंग या इंटीमेट सीन करती हैं,  तो उन्हें बहुत अजीब-सा महसूस होता है. उन्होंने कहा,  'आपको देखने से मैं शर्मिली नहीं लगती होऊंगी,  लेकिन सच्चाई ये है कि मैं बेहद शर्मिली हूं. इसलिए जब भी मुझे कोई बोल्ड सीन शूट करना होता है, तो मुझे बेहद शर्म महसूस होती है.

इस शर्म और तनाव को दूर करने के लिए मैं हंसने लगती हूं,  चुटकुले भी सुनाती हूं. हालांकि इस दौरान अगर सामने वाला आपको कंफर्टेबल महसूस कराए, तो आधा काम बन जाता है. इस मामले में इमरान काफी अच्छे हैं.'

बता दें कि 'अजहर' विवादों से घिरे रहे पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान अजहरुद्दीन के जीवन पर आधारित है. इमरान फिल्म में अजहर और नरगिस फाखरी व प्राची देसाई उनकी पत्नियों के किरदार में नजर आएंगी. 'बिग बॉस' फेम गौतम गुलाटी भी इस फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखने जा रहे हैं. वह रवि शास्त्री के किरदार में नजर आएंगे. फिल्म 13 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.

ऐसे पकड़ें वाई-फाई की चोरी

इंटरनेट हम सभी की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है. हम घर पर हों, ऑफिस में या बाहर, हर जगह हमें इंटरनेट की जरूरत महसूस होने लगी है. यही वजह है कि वाई-फाई का इस्तेमाल बढ़ता चला जा रहा है. ऐसे में जब आप अपना वाई-फाई खोलते हैं, तो उसमें जिसका भी वाई-फाई खुला होता है उसका नाम आपके फोन में शो होने लगता है. लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो चोरी-छिपे दूसरों के इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. बहुत से लोग दूसरों के वाई-फाई का पासवर्ड हैक करके उसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस सब से अंजान यूजर इसका भुगतान करता है. बहुत से यूजर्स ऐसे होते हैं कि उन्हें पता ही नहीं होता कि उनका वाई-फाई कौन इस्तेमाल कर रहा है. ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कुछ ट्रिक्स जिसके जरिए आप अपने वाई-फाई की चोरी पकड़ सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो ट्रिक्स:

1. आपने ध्यान दिया होगा कि वाई-फाई राउटर में कईं तरह की लाइट जलती है उसमें से एक लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी की होती है. एक लैन की होती है तो एक वायरलेस डिवाइस की. ऐसे में आप वायरलेस डिवाइस को बंद कर वाई-फाई की चोरी का पता लगा सकते हैं. अगर आप कंप्यूटर, लैपटॉप जैसे डिवाइसेज को बंद करेंगे तो 4 में से 3 लाइटें बंद हो जाएंगी. लेकिन अगर इससे भी लाइटें बंद नहीं होती तो जरूर ही आपका वाई-फाई कोई चोरी कर रहा है.

2. वाई-फाई राउटर पर डिवाइस चेक करने के लिए उसके IP एड्रेस को देखें. इसके लिए सबसे पहले विन+आर से कमांड प्रॉम्प्ट पर जाएं. फिर विंडो में आईपीकॉन्फिग टाइप करे. इसके बाद डिफॉल्ट IP एड्रेस का पता चल जाएगा. ब्राउजर में जाकर IP एड्रेस टाइप करें. फिर ब्राउजर आपको राउटर में लॉगइन करने को कहेगा. यदि आपने राउटर की डिफॉल्ट सेटिंग्स नहीं बदली है तो आपको आईडी और पासवर्ड, एडमिन और पासवर्ड दिखाई देगा.

3. राउटर पर लॉगइन होने के बाद कनेक्टेड डिवाइसेस या अटैच डिवाइसेस सेक्शन पर क्लिक करें. कई राउटर में यह डिवाइस लिस्ट के नाम से भी होता है. इस लिस्ट में आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी की आपके वाई-फाई से कितने लोग जुड़े हुए हैं. आपको यह भी पता लग जाएगा कि कौन आपके वाई-फाई का गलत इस्तेमाल कर रहा है.

4. वाई-फाई की चोरी को पकड़ने के लिए आप किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी कर सकते है. इंटरनेट पर आजकल बहुत से ऐसे सॉफ्टवेयर मौजूद है जो आपकी मदद कर सकते हैं.

5. यदि कोई और आपके वाई-फाई का गलत इस्तेमाल कर रहा है तो आपके वाई-फाई की स्पीड स्लो हो जाएगी. तो अगर आपके वाई-फाई की स्पीड ज़्यादा है, मगर वह चल स्लो रहा है, तो वाई-फाई चोर की तलाश शुरू कर दें.

आखिर क्या है सनी लियोनी का दर्द??

सनी लियोनी को बॉलीवुड में आए पांच साल हो चुके हैं. इस दौरान वे कई हिट फिल्‍मों में भी काम कर चुकी हैं. लेकिन सनी लियोनी का मानना है कि बॉलीवुड ने उन्‍हें अभी तक ठीक तरह से नहीं अपनाया है. हालांकि उन्‍होंने बताया कि आमिर खान और रनवीर अच्‍छे हैं.

जल्‍द ही रिलीज होने वाली अपनी फिल्‍म ‘वन नाइट स्‍टैंड’ के बारे में सनी लियोन ने कहा कि कोई माने या ना माने, इस बात (वन नाइट स्‍टैंड) का वजूद है. भारत हो या पश्चिमी देश कहीं पर भी लोग अपने अंतरंग पलों के बारे में बात नहीं करते.

सनी ने कहा कि पूरी दुनिया में डबल स्‍टैंडर्ड है. लंबे समय से महिलाओं और पुरुषों की बराबरी की लड़ाई चल रही है. यह आज की बात नहीं है. हाल के दिनों में इंटरव्यू में उनसे उनके पहले के पेशे को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में सनी ने कहा कि मैं किसी व्‍यक्ति के विचारों को नहीं बदल सकती. यदि मुझसे मिलने के बाद वे उनके विचार बदल जाए तो यह अच्‍छी बात है. बार-बार लोगों से नहीं कह सकती कि मेरी भी भावनाएं हैं. मैं भी इंसान हूं. कई बार लोग पहले से ही धारणाएं बनाकर आते हैं.

सनी लियोनी ने आगे कहा कि उन्‍हें आज भी नहीं लगता कि वे बॉलीवुड में फिट होती है. मैं लोगों को टीवी, रेड कार्पेट और अन्‍य जगहों पर देखती हूं तो लगता है कि वे कितने कूल हैं. लेकिन मैं इतनी कूल नहीं हूं. जब मैं इस इंडस्‍ट्री में आई थी तो मैं अकेली थी. एक अवार्ड शो में लोग नहीं चाहते थे कि मैं स्‍टेज पर उनके साथ जाऊं.

सनी का कहना है कि इंडस्‍ट्री में मेरे कुछ दोस्‍त हैं. आमिर खान और किरण राव ने मुझे अपने घर बुलाया, वे काफी अच्‍छे लोग हैं. लेकिन अभी भी ऐसा कोई नहीं है जिसे मैं अलसुबह 4 बजे फोन कर सकूं.

बॉलीवुड के हॉटेस्‍ट एक्‍टर के बारे में पूछे जाने पर सनी लियोनी ने बताया कि रणवीर सिंह रोचक और अच्‍छे इंसान हैं. आमिर खान गुड लुकिंग हैं.

एडल्ट फिल्मों में काम करने को ले कर इस 34 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है- 'मैं फिलहाल किसी सेक्स कॉमिडी फिल्म में काम नहीं करना चाहती.' हालांकि, उन्होंने साथ ही कहा, 'यदि मेरे पास कोई सही प्रॉजेक्ट आता है तो मैं इस बारे में सोचूंगी. यदि कल कोई मेरे पास आता है तो मैं शायद हां भी कह सकती हूं. यह इस पर निर्भर करता है कि मेरे सामने कैसी फिल्म का प्रस्ताव रखा जाता है.'

अपनी लोकप्रियता के बारे में सनी ने कहा कि मेरे प्रशंसकों की वजह से ही मैं यहां हूं. अगर किसी दिन मैं नंबर दो पर आ जाती हूं तो नंबर वन बनने वाले के लिए मेरे मन में खुशी होगी. इसका मतलब होगा कि उसने मुझसे ज्‍यादा मेहनत की. 

रामपाल पर कहर, बाकी पर रहम

सरकार अगर नाराज हो जाये तो क्या कुछ नहीं हो सकता ? बडे से बडे रसूखदार को पल भर में नेस्तनाबूद किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की बिसंवा विधनसभा के विधयक रामपाल यादव इसकी ताजा मिसाल है. रामपाल यादव समाजवादी पार्टी के ही विधयक है. जाति से भी यादव है. ऐसे में जब उनके लखनउ और सीतापुर जिलों में बने अवैध् निर्माण को जेसीबी और पोकलैंड मशीनों से गिराया गया. जिसका विरोध् करते हुये विधयक रामपाल यादव, उनके संबंध्ी और समर्थको ने पुलिस और दूसरे लोगों पर पिस्तौल से हमला करने का दुस्साहस भरा कदम उठा लिया. तब पुलिस ने विधयक रामपाल सहित आध दर्जन लोगों पर मुकदमा लिखा कर जेल भेज दिया था.अ पनी ही पार्टी के राज में किसी विधयक के खिलाफ ऐसे कदम से पता चला है कि सरकार कितनी सख्त और न्यायप्रिय है.

रामपाल के मसले को थोडा करीब से देखे तो मामला इतना सख्त नही है जितना दिखता है. दरअसल रामपाल यादव सीतापुर में समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत चुनाव में बगावत कर चुके थे. जिसकी वजह से समाजवादी पार्टी का जिला पंचायत प्रत्याशी चुनाव हार गया था. रामपाल को उम्मीद थी कि जिला पंचायत चुनाव जीतने के बाद वह पार्टी के साथ वापस आ जायेगा. सपा ने रामपाल की बगावत को गंभीरता से लिया. रामपाल के लखनउ में जियामउ में अवैध् निर्माण का मसला पुराना चल रहा था. कई बार लखनउ विकास प्राध्किरण की टीम वहां से खाली हाथ वापस आ चुकी थी. रामपाल को इस बार भी उम्मीद थी कि इस बार भी ऐसा ही हो जायेगा. अपने पुराने रूतबे के गुरूर में रामपाल के करीबी लोगों ने लखनउ विकास प्राध्किरण के लोगों पर पिस्तौल तान दी. सरकार के अफसरों को पता चल चुका था कि रामपाल यादव का रसूख टूट चुका है.

रामपाल और उनके समर्थको के विरोध् को दरकिनार करते हुये लखनउ और सीतापुर में उनके अवैध् निर्माण को ढहा दिया गया. विरोध् करने वालों को जेल भेजने के साथ ही साथ पार्टी से भी निकाल दिया गया. इस पूरे प्रकरण को मुख्यमंत्राी के सख्त कदम और आने वाले विधनसभा चुनावों में उनकी स्वच्छ छवि के रूप में पेश किया जा रहा है. पेंच यह है कि अगर मामला केवल अवैध् निर्माण का था तो केवल रामपाल पर यह कहर क्यो ? राजधनी लखनउ में ही समाजवादी पार्टी के 3 और विधयको पर अवैध् कब्जे का आरोप है. भारतीय जनता पार्टी ने अवैध् कब्जा करने वाले विधयकों के खिलाफ मुहिम भी चला रखी है. इसके बाद भी अखिलेश सरकार ने इन विधयको के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाये. ऐसे में साफ लगता है कि रामपाल पर कहर और दूसरो पर रहम का फलसफा कुछ और ही है.

लुभा रहा है फौंडेंट केक

केक खाने वालों में बहुत सारे लोगों को क्रीम वाला केक कम पंसद आता है. ऐसे लोगों के लिये फौंडेंट केक ज्यादा पसंद आता है. विदेशो में तों केक खाने के बाद प्रयोग होने वाली डिश में शुमार किया जाता है. किसी भी तरह की खुशी के मौके पर स्पेशल केक तैयार कराये जाते है. अब भारत में भी यह चलन बढने लगा है. जन्मदिन, शादी की सालगिरह और दूसरे मौको के लिये खास तरह के केक तैयार होने लगे है. कुछ लोगों को खाने में क्रीम वाले केक पसंद नहीं आते यह ज्यादा कैलोरी के भी होते है. ऐसे लोगों के लिये बिना क्रीम वाले पफाउडेंट केक तैयार होने लगे है. लखनउ में कस्टमाइज्ड केक बनाने वाली शुभी वालिया कहती है ‘केक कल्चर बदल रहा है. केक में तरह तरह के डिजाइन बनने लगे है. किसी शौप का उदघाटन होता है तो वह अपने बिजनेस के हिसाब से केक तैयार कराता है. वंेडिग केक अलग तरह से होते है और बर्थडे केक अलग तरह से. खुशियों के दूसरे मौको पर भी केक काट कर जश्न मनाया जाता है.’

बडे शहरों की तर्ज पर छोटे शहरों में भी केक का चलन बढने से यह बिजनेस बढ गया है. वैसे तो ज्यादातर केक लोग बेकरी से ही लेते है. बेकरी में केक खास डिजाइन के नहीं होते है. ऐेसे में केक को बनाने का शौक रखने वाले अपना अलग बिजनेस चला रहे है. लखनउ के कृष्णानगर इलाके में ‘पौश पूफ रेस्ंत्रा’ चलाने वाली शुभी वालिया लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये उनके मनपंसद डिजाइन के केक तैयार करती है. फौंडेंट केक उनकी खासियत है.वह कहती है ‘केक और बेकरी  के प्रोडक्ट्स बनाने में रूचि रखने वाली महिलाये खुद भी केक बना कर अपना बिजनेस कर सकती है. जरूरत होती है कि केक बनाने की सही ट्रेनिंग लेने के बाद ही इसकी शुरूआत करे.’

शुभी कहती है फौंडेंट केक में आइसिंग शुगर के जरीये डिजाइन तैयार किये जाते है. डिजाइन के सूखने में समय लगता है. जिस कारण ऐसे केक बनने में समय लगता है. आज कस्टमर अपनी मनपंसद डिजाइन के केक पसंद करता है. ऐसा केक 1250 रूपये किलो से बिकना तैयार होता है. डिजाइन के हिसाब से कीमत बढती जाती है. इस तरह के 1 किलो से 3 किलो के बीच बनने वाले केक ज्यादा पसंद किये जाते है. बडे शहरों में जहां 20 से 30 हजार वाले केक बिकने लगे है वहीं लखनउ जैसे शहरों में भी 5 हजार तक के केक पसंद किये जाने लगे है. ’ शुभी केक स्टूडियों बनाना चाहती है जहां पर कस्टमर को हर उस तरह के केक मिल सके जो वह सोच सके. शुभी के काम में उनके पति सोमित उनकी मदद करते है. दोनो को ही फूड में तरह तरह के प्रयोग करना पसंद है. जिसकी वजह से वह अपने बिजनेस के साथसाथ ‘पौश पूफ रेस्ंत्रा’ भी चलाते है.

मुझे अलग-अलग किरदार पसंद है – शुभांगी अत्रे पूरे

‘कस्तूरी’ धारावाहिक से चर्चा में आई अभिनेत्री शुभांगी अत्रे इन दिनों ‘भाभीजी घर पर है’ धारावाहिक में अंगूरी भाभी की भूमिका निभा रही हैं. यह मौका उन्हें तब मिला जब पहले शो पर काम कर रही शिल्पा शिंदे ने शो के बीच में प्रोडक्शन हाउस से झगडा कर शो को छोड़ दिया . शुभांगी इस चरित्र को लेकर काफी खुश हैं. शुभांगी ने इससे पहले कई धारावाहिको मे काम किया है .जिसमें ‘कसौटी जिंदगी की’,’दो हंसो का जोड़ा’ ,’चिड़ियाघर’ आदि प्रमुख है. इस भूमिका के बारे मैं शुभांगी कहती है कि यह शो मेरे लिए चुनौती है मुझे आशा है कि कुछ ही दिनों मे मैं दर्शको का दिल जीत लूंगी. जब प्रोडक्शन हाउस का मुझे कॉल आया तो मैं उत्साहित हो गई, क्योंकि यह एक अच्छा शो है.

वह आगे कहती है कि मैं मेंटली तैयार हूँ कि मेरी तुलना शिल्पा से होगी पर मैं इसे सकारात्मक रूप में ले रही हूँ. इसमे भोजपुरी शब्द थोड़े मुश्किल है ,जिसे मैं प्रोडक्शन हाउस की मदद से सीख रही हूँ .इसमे कुछ शब्द नुक्ता लहजा थोड़ा कठिन है ,जिसे मुझे ध्यान रखना पड़ता है .यह मेरा दूसरा कोमेडी शो है. और मैं खुश हूँ कि इसमे मुझे काम मिला .

शुभांगी को बचपन से ही अभिनय का शौक था. जिसमें साथ दिया था उनके माता पिता और अब पति ने. वह बताती हैं कि मेरी माँ मेरी सबे बड़ी क्रिटिक हैं. वह पहले दिन से मेरी अभिनय देख रही हैं. कहाँ क्या गलती हो रही है. वह बताती है जिसे मैं सुधारने की कोशिश कर रही हूँ. वैसे किसी भी काम को करने में समय लगता है, मैं कोई कंप्यूटर तो नहीं की ‘फीड’ कर दिया और हो गया. क्रिएटिव वर्क है तो अधिक समय लगता है. इस चरित्र में अंगूरी भाभी की चाल छम्मक-छल्लो जैसी है. मम्मी ने एडवाइस दिया कि कैसे करना है. इसके अलावा ‘हाय दैया’ और ‘सही पकड़े है’ ये मेरी बातचीत का हिस्सा बन रहे है. मैं इसमे खूब मेहनत कर रही हूँ. थोड़े दिनों में दर्शक मुझे भी पसंद करने लगेंगे .

कुलदीप की बेअसर ‘घर वापसी’

'घर वापसी' धर्म के नाम पर दंगल करने वालों को बेशक रास नहीं आ रहा हो, लेकिन नेताओं को इस शब्द से कोई परहेज नहीं है. तभी तो हरियाणा जनहित कांग्रेस (भजनलाल) के प्रमुख कुलदीप बिश्नोई की तकरीबन 9 साल के बाद कांग्रेस में घर वापसी हुई है.

हरियाणा जनहित कांग्रेस का गुरुवार, 28 अप्रैल को सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में विलय कर दिया गया. हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने दिल्ली में इस विलय की घोषणा की.

यह विलय बड़े नेताओ की मौजूदगी में हुआ, जिस में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, अशोक तंवर, किरण चौधरी और कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी शकील अहमद मौजूद रहे.

याद रहे कि हजकां को कुलदीप बिश्नोई के पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल ने साल 2007 में कांग्रेस से अलग होने के बाद बनाया था. कांग्रेस पार्टी की ओर से साल 2005 में जाट नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा को प्राथमिकता दिए जाने से नाराज हो कर भजनलाल ने यह पार्टी बनाई थी. 3 जून, 2011 को भजनलाल की मृत्यु हो जाने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी की कमान संभाल ली थी.

उन्होंने इस विलय का ऐलान करते हुए कहा कि वे कभी कांग्रेस से अलग नहीं हुए थे. कांग्रेस उन के खून में है और मतभेद अब दूर हो चुके हैं.

क्या वाकई ऐसा ही है? दरअसल, साल 2014 के संसदीय चुनावों के लिए हजकां ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था. पिछले हरियाणा विधानसभा चुनाव में यह पार्टी अलग से लड़ी थी और इसे कुल 2 सीटें ही मिली थी. कुलदीप बिश्नोई आदमपुर, हिसार से जीते थे, जबकि उन की पत्नी रेणुका बिश्नोई हांसी से जीती थीं.

कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि वे कांग्रेस को मजबूत करने के लिए काम करेंगे. वे पार्टी के एक आम कार्यकर्ता की तरह काम करेंगे और उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी हैं, न ही वे किसी पद के लालच में वापस आए हैं. 

इस घर वापसी पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर के कहा कि हजकां का कांग्रेस में विलय तो हो गया है, लेकिन इस का कोई फायदा नहीं होने वाला. उन्होंने अंग्रेजी में लिखा कि एचजेसी मर्जिज विद कांग्रेस. इट इज लाइक जीरो प्लस जीरो, इज इक्वल टू जीरो.

इस बात में दम भी दिख रहा है, क्योंकि हाल ही में हरियाणा में जाट बनाम गैरजाट के नाम पर जो राजनीति हुई है, उस से कांग्रेस का कुलदीप बिश्नोई को अपने साथ लेना ज्यादा फायदे का सौदा लग नहीं रहा है. कांग्रेसी नेता भूपेंदर सिंह हुड्डा को यह विलय रास नहीं आ रहा है, क्योंकि वे कभी नहीं चाहेंगे कि कांग्रेस में उन का कद छोटा हो.

भविष्य में इस विलय का जो भी अंजाम हो लेकिन हरियाणा की राजनीति में इस 'घर वापसी' से कोई हलचल मची हो, ऐसा लग नहीं रहा है.

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