केक खाने वालों में बहुत सारे लोगों को क्रीम वाला केक कम पंसद आता है. ऐसे लोगों के लिये फौंडेंट केक ज्यादा पसंद आता है. विदेशो में तों केक खाने के बाद प्रयोग होने वाली डिश में शुमार किया जाता है. किसी भी तरह की खुशी के मौके पर स्पेशल केक तैयार कराये जाते है. अब भारत में भी यह चलन बढने लगा है. जन्मदिन, शादी की सालगिरह और दूसरे मौको के लिये खास तरह के केक तैयार होने लगे है. कुछ लोगों को खाने में क्रीम वाले केक पसंद नहीं आते यह ज्यादा कैलोरी के भी होते है. ऐसे लोगों के लिये बिना क्रीम वाले पफाउडेंट केक तैयार होने लगे है. लखनउ में कस्टमाइज्ड केक बनाने वाली शुभी वालिया कहती है ‘केक कल्चर बदल रहा है. केक में तरह तरह के डिजाइन बनने लगे है. किसी शौप का उदघाटन होता है तो वह अपने बिजनेस के हिसाब से केक तैयार कराता है. वंेडिग केक अलग तरह से होते है और बर्थडे केक अलग तरह से. खुशियों के दूसरे मौको पर भी केक काट कर जश्न मनाया जाता है.’

बडे शहरों की तर्ज पर छोटे शहरों में भी केक का चलन बढने से यह बिजनेस बढ गया है. वैसे तो ज्यादातर केक लोग बेकरी से ही लेते है. बेकरी में केक खास डिजाइन के नहीं होते है. ऐेसे में केक को बनाने का शौक रखने वाले अपना अलग बिजनेस चला रहे है. लखनउ के कृष्णानगर इलाके में ‘पौश पूफ रेस्ंत्रा’ चलाने वाली शुभी वालिया लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये उनके मनपंसद डिजाइन के केक तैयार करती है. फौंडेंट केक उनकी खासियत है.वह कहती है ‘केक और बेकरी  के प्रोडक्ट्स बनाने में रूचि रखने वाली महिलाये खुद भी केक बना कर अपना बिजनेस कर सकती है. जरूरत होती है कि केक बनाने की सही ट्रेनिंग लेने के बाद ही इसकी शुरूआत करे.’

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