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फिल्म ‘‘अजहर’’को प्रेरणादायक कहानी मानते हैं इमरान हाशमी?

सीरियल किसर के रूप मे मशहूर अभिनेता इमरान हाशमी इन दिनों मशहूर क्रिकेटर मो. अजहरुद्दीन के जीवन पर बनी नाटकीय फिल्म‘‘अजहर’’को लेकर उत्साहित हैं. इस फिल्म में इमरान हाशमी ने मो.अजहरुद्दीन का किरदार निभाया है,जिन पर क्रिकेट मैच फिक्सिंग का आरोप भी लगा था. यह एक अलग बात है कि बाद में अदालत ने बाइज्जत बरी कर दिया था. पर इमरान हाशमी की नजर में यह फिल्म एक प्रेरणादायक कहानी व फिल्म है. ख्ुाद इमरान हाशमी कहते हैं-‘‘मेरी राय में फिल्म‘अजहर’एक प्रेरणादायक कहानी है. इस फिल्म को देखते हुए दर्शक कई प्रेरणा ले सकता हैं.

लोग सोचेंगे कि मैच फिक्सिंग में तो अजहर भाई ने पैसे लिए थे,पर उससे पहले क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में उनका बीस साल का करियर रहा है. बीस साल की जिंदगी रही है. वह भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन रहे हैं. उन्होंने टीम को कई बार जिताया है. उन्होंने जिस तरह का बेहतरीन क्रिकेट खेला,उसे आप भुला नहीं सकते. पर मैच फिक्सिंग वाला मुद्दा उनकी जिंदगी का काला दाग वाला हिस्सा है. उन्होंने पूरे 12 साल तक कोर्ट केस लड़ा. मेरी नजर से यह भी एक प्रेरणादायक कहानी है. हो सकता है कि कुछ लोग यह भी कहें कि अदालत ने भले उन्हें बरी कर दिया हो,पर हमें लगता है कि अजहर भाई ने पैसे लेकर मैच फिक्सिंग की थी. महज एक गलती की वजह से किसी भी इंसान की सारी अच्छाईयों पर परदा नहीं डाला जा सकता. हम सभी को अदालत के निर्णय को स्वीकार करना चाहिए.’’
 

संगीता बिजलानी बन खुश हैं नरगिस फाखरी

अमरीकन मूल की अदाकारा नरगिस फाखरी ने जब से बौलीवुड में कदम रखा है, तब से वह लगातार हिट फिल्में देती जा रही हैं. इन दिनों वह फिल्म‘अजहर’को लेकर उत्साहित है. जिसमें उन्होने मो.अजहरुद्दीन की दूसरी पत्नी और अभिनेत्री संगीता बिजलानी का किरदार निभाया है. खुद नरगिस फाखरी बताती हैं-‘‘मुझे अपना किरदार बहुत पसंद आया. फिल्म‘अजहर’में मैने संगीता बिजलानी का किरदार निभाया है. यह एक डैशिंग, स्टाइलिश, फैशनेबुल किरदार है. 1990 के दशक की ज्वेलरी व कास्ट्यूम पहनना मेरे लिए बहुत बेहतरीन /फैंटास्टिक अनुभव रहा.

मैं इस किरदार के साथ कुछ हद तक रिलेट कर पायी. क्यांकि मेरी ही तरह यह भी किरदार भी पहले माॅडल और फिर अभिनेत्री बनी. एक इंसान के तौर पर मैं उनके साथ जुड़ सकी.यह बहुत ही रोचक किरदार है. संगीता बिजलानी व मो.अजहरुद्दीन की प्रेम कथा को दर्शक अजहरुद्दीन की आॅंखों से देख सकेंगे. मगर मैंने अपनी निजी जिंदगी में किसी शादीशुदा पुरुष से प्यार नहीं किया.’’
संगीता बिजलनी के किरदार के साथ न्याय करने के लिए नरगिस फाखरी ने उनकी कुछ पुरानी फिल्में देखी. वह कहती हैं-‘‘इस किरदार को निभाने से पहले मैंने संगीता बिजलानी के अभिनय से सजी कुछ फिल्में देखीं. निर्देशक से पूरी कथा को समझा. वर्कशाप किया. मैंने खुद कोई रिसर्च नहीं किया.’’

नौरीन की निजता का सम्मान करना आता है प्राची देसाई को

हैदराबाद निवासी नौरीन की जिन्दगी काँटों से भरी हुई है. उनकी जिंदगी में तमाम मुसीबतें आयी. जब वह महज सोलह साल की थीं, तभी नौरीन ने मशहूर क्रिकेटर अजहरुद्दीन के संग व्याह रचा लिया था. मो. अजहरुद्दीन के साथ उनका वैवाहिक जीवन महज नौ साल ही टिक पाया. उसके बाद अजहरुद्दीन ने फिल्म अभिनेत्री संगीता बिजलानी के साथ दूसरा ब्याह रचा लिया था. लेकिन मीडिया से सदैव दूरी बनाए रखने वाली नौरीन ने आज तक मो. अजहरुद्दीन या उनकी अपनी निजी जिन्दगी के साथ जो कुछ बीता, उस पर कभी कुछ नहीं कहा. फिल्म ‘‘अजहर’’ में नौरीन का किरदार निभाने वाली अदाकारा प्राची देसाई ने हैदराबाद में नौरीन से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान नौरीन ने प्राची के सामने अपने मन की कई बात इस शर्त के साथ रखी कि प्राची उनकी निजता का हनन नहीं होेने देंगी.

प्राची देसाई भी नौरीन की निजता का ख्याल रखते हुए कई बात को उजागर नहीं करना चाहतीं. जब हमने प्राची देसाई से पूछा कि अजहरुद्दीन से अलगाव के मुद्दे पर नौरीन ने प्राची से क्या कहा, तो प्राची ने विनम्रता के साथ कहा- ‘‘मैं इस सवाल का जवाब नही दे पाउंगी. मैं बहुत निजी स्तर पर उनसे मिली थी. हमारे बीच बहुत सी बातें निजता के आधार पर हुई हैं. इसलिए मैं उन्हें सार्वजनिक नहीं कर सकती. नौरीन बहुत प्रायवेट इंसान हैं. उनकी हर बात को सार्वजनिक करना उचित भी नही होगा. वह कभी लाइम लाइट में नहीं रही. मैं उनकी इच्छाओं,उनकी निजता का सम्मान करती हूं. उनसे मेरी मुलाकात और उनसे मेरी जो बातें हुई हैं,उससे मुझे अभिनय करने में मदद मिली. पर उन चीजों को मैं मीडिया लाना उचित नहीं समझती हूं. वैसे भी हर इंसानी रिश्ते की अपनी सीमाएं होनी चाहिए. ’’
 

जब पिटने से बचे निखिल घई

हर कलाकार की कोशिश होती है कि वह अपने किरदार में इस कदर घुस जाए कि लोग उसे उस किरदार से ही पहचानने लगे. पर कई बार कलाकार का यह प्रयास उनके लिए मुसीबत का सबक बन जाता है. जी हां! ऐसा कई कलाकारों के साथ हो चुका है. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के बाराबंकी शहर में अभिनेता निखिल घई अपनी शीघ्र रिलीज होने वाली फिल्म ‘‘खेल तो अब शुरू होगा’’ की शुटिंग कर रहे थे.

इस फिल्म में निखिल घई का किरदार एक मुस्लिम कसाई वाले का है. शुटिंग के बीच में थोड़ा सा वक्त मिलने पर वह अपनी वैनिटी वैन के पास बैठकर फ्रूट जूस/फलों का रस पीने लगे. उधर से गुजर रहे कुछ लोगों की नजर जब उन पर पड़ी तो उन्हे लगा कि यह बंदा सड़क पर बैठकर शराब पी रहा है. उन्होने निखिल को घेर कर सवाल जवाब करने शुरू कर दिए. अच्छा हुआ कि युनिट के लोग बगल मं ही थे. युनिट के सदस्यों ने उन लोगों को समझाया कि वह अभिनेता हैं और फिल्म के अपने मुस्लिम कसाई की वेशभूषा पहनकर बैठे हुए जूस पी रहे हैं. बड़ी मुश्किल से निखिल घई उस दिन पिटने से बच गए. इसकी चर्चा चलने पर निखिल घई कहते हैं-‘‘इस घटनाक्रम से मुझे इस बात का भरोसा हो गया कि मैं अपने किरदार में डूबा हुआ था.
 

……तो फेसबुक की गिरफ्त में हैं आप

फेसबुक एक पापुलर सोशल साइट है जिसके पीछे हर उम्र के लोग दीवाने हैं. इस सोशल साइट के जरिए दोस्‍तों, परिवार जनों और दूर देश के मित्रों के साथ हमेशा टच में रहा जा सकता है. लेकिन आजकल यंग जेनरेशन ही नहीं बल्कि अधेड़ उम्र के लोग भी फेसबुक पर ज्‍यादा से ज्‍यादा समय बिताते हैं.

ऐसे में कई लोगों को फेसबुक की भयानक लत लग जाती है और वो अपना सारा टाइम उसी को देते हैं. क्‍या आप भी फेसबुक पर अपना बहुत सारा टाइम गवां देते हैं…. जानिए इन 10 लक्षणों से कि कहीं आपको भी फेसबुक की लत तो नहीं लग गई:

होम पेज

अगर आपने अपने इंटरनेट ब्राउजर पर फेसबुक को होमपेज बना रखा है तो आपको फेसबुक की लत लग चुकी है.

दो से ज्‍यादा स्‍टेटस

अगर आप एक दिन में दो से ज्‍यादा स्‍टेटस अपडेट करते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि आपको फेसबुक की भयानक आदत लग चुकी है.

बहुत सारे दोस्‍त

फेसबुक फ्रैंडलिस्‍ट में 500 से ज्‍यादा दोस्‍त होना और उनमें से कई दोस्‍त ऐसे होना, जिनसे आप कभी मिले न हों और न ही आप उन्‍हें व्‍यक्तिगत तौर पर जानते हों. अगर ऐसा है तो आप फेसबुक के आदी हो चुके हैं.

काम पर ध्‍यान न देना

जब भी आप फेसबुक पर होते हैं तो आपको ध्‍यान नहीं रहता है कि आपको कुछ अन्‍य काम भी करने हैं.

लोगों को टैग करते रहना

आप फेसबुक पर फोटो अपलोड करते हैं और उस पर ज्‍यादा से ज्‍यादा लाइक और कमेंट पाने के लिए दूसरे लोगों को टैग कर देते हैं, चाहें उस फोटो से उनका कोई वास्‍ता हो या नहीं.

प्रोफाइल पिक्‍चर बदलते रहना

हर दूसरे दिन एक प्रोफाइल पिक्‍चर बदलना, साफ दिखाता है कि आप फेसबुक के लिए क्रेजी हैं और दोस्‍तों के बीच दिखावा करने में विश्‍वास रखते हैं.

अभी भी फेसबुक

अगर आपने 4 मिनट के इस आर्टिकल को पढ़ने के दौरान भी फेसबुक चेक लिया है तो आप वाकई में फेसबुक के फैन हैं.

वॉल साफ करते रहना

कई लोग फेसबुक पर बहुत टाइम बिताते हैं लेकिन अपनी वॉल को क्‍लीन करते रहते हैं, बेकार के टैग हटा देते हैं ताकि सभी को लगे कि आप फेसबुक पर आते ही नहीं. लेकिन जनाब, आप भूल जाते हैं कि मैसेंजर भी देखा जा सकता है कि पिछली बार आप कब फेसबुक पर थे.

ग्रुपबाजी

फेसबुक पर दस से ज्‍यादा ग्रुप के मैंबर होना, बात देता है कि आप फेसबुक के आदी हो चुके हैं.

रिलेशनशिप स्‍टेटस

लोगों का ध्‍यान अपनी ओर खींचने के लिए आप कई बार रिलेशनशिप स्‍टेटस को बदलते रहते हैं. ताकि आपको ज्‍यादा अटेंशन मिले और आपको हर पल एफबी पर कुछ नया कहने और करने को मिलता रहें.

चुनावी सीजन ने बढ़ाई कोर सेक्टर की रफ्तार

जब भी नेता वोट मांगने के लिए सड़कों पर निकलते हैं, ऐसा लगता है कि इससे इंडस्ट्रियल सेक्टर की ग्रोथ तेज होती है. इकनॉमिक डेटा इसकी गवाही दे रहे हैं. कोर सेक्टर की ग्रोथ मार्च में 6.4% रही. इस सेक्टर को इंडस्ट्रियल सेक्टर का अहम पैमाना माना जाता है. मार्च में कोर सेक्टर की रफ्तार पिछले 16 महीनों में सबसे तेज रही है.

इलेक्शन कमीशन ने असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी के चुनावों की तारीख का ऐलान 4 मार्च को किया था. कोर सेक्टर में इसी तरह की तेजी फरवरी 2014 में भी आई थी, जिसके बाद अप्रैल और मई में लोकसभा चुनाव हुए थे. उस वक्त कोर सेक्टर की ग्रोथ 6.1% पहुंच गई थी.

वहीं, सितंबर 2013 में दिल्ली, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले इसकी रफ्तार में 9% की बढ़ोतरी हुई थी, जो जनवरी 2010 के बाद सबसे तेज ग्रोथ थी.

चुनाव और कोर सेक्टर के बीच क्या रिश्ता है? दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान गाड़ियों का जमकर इस्तेमाल होता है. इस बार कमर्शियल व्हीकल सेल्स में बढ़ोतरी और रोड प्रोजेक्ट्स पर काम तेज होने से भी रिफाइनरी प्रॉडक्शन पर पॉजिटिव असर पड़ा है. कोर सेक्टर इंडेक्स में रिफाइनरी वेटेज के लिहाज से तीसरे नंबर पर है.

मार्च में पेट्रोल, डीजल सहित रिफाइनरी प्रॉडक्शन में 10.8% की बढ़ोतरी हुई, जो दिसंबर 2012 के बाद सबसे अधिक है. साल भर पहले इसी अवधि में इसमें 1.5% की गिरावट आई थी. उसके बाद नवंबर 2015 तक इसमें लगातार बढ़ोतरी हुई. मार्च में पेट्रोल सेल्स बढ़कर 20.4 लाख टन हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड है.

पेट्रोलियम मिनिस्ट्री की डिवीजन पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रचार के चलते रिफाइनरी वॉल्यूम में बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के मुताबिक, मार्च में व्हीकल प्रॉडक्शन में सालाना 12.8% का इजाफा हुआ. कई क्षेत्रों में रोड रिपेयर और सड़कों को चौड़ा करने का काम भी शुरू हुआ है. चुनाव से पहले अक्सर ऐसे काम में तेजी आती है. इससे डीजल की खपत बढ़ी है. रोड बनाने में इस्तेमाल होने वाले बिटुमेन में मार्च में 16.9% और फ्यूल ऑयल में 39.4% का इजाफा हुआ है.

 

बंद होने वाला है विंडोज 10 का फ्री अपग्रेडेशन

अगर आपने अभी तक विंडोज 10 अपग्रेड नहीं किया है तो जल्द से जल्द अपग्रेड कर लें क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट अब विंडोज 10 के लिए अपनी मुफ्त सेवा बंद करने जा रही है. कंपनी के ब्लॉग के मुताबिक जल्द ही विंडोज 10 के लिए आपको $119 (लगभग 7,926 रुपए) चुकाने होंगे.

माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट युसुफ मेहदी ने कंपनी के ब्लॉग पर लिखा है, 'माइक्रोसॉफ्ट विंडोज 10 यूजर्स के लिए अब तक फ्री था, लेकिन यह ऑफर 29 जुलाई को खत्म हो जाएगा. इसके बाद यूजर्स को नए डिवाइस में विंडोज 10 मिलेगा और इसके होम वर्जन के लिए 119 डॉलर चुकाने होंगे.' गौरतलब है कि जब माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले साल इसे लॉन्च किया था तो ऐतिहासिक ऐलान करते हुए इसे फ्री कर दिया था.

युसुफ मेहदी ने ब्लॉग में विंडोज 10 की सफलता के बारे में भी लिखा है. कंपनी के मुताबिक, 'विंडोज 10 ऑपरेटिंग सिस्टम को दुनिया भर के 300 मिलियन (30 करोड़) डिवाइसेज में यूज किया जा रहा है. इनमें कंप्यूटर के साथ स्मार्टफोन भी शामिल हैं.' युसुफ ने जानकारी दी कि माइक्रोसॉफ्ट की पर्सनल असिस्टेंट कोर्टाना ने अभी तक विंडोज 10 में 6 बिलियन (6 अरब) सवालों के जवाब दिए हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि विंडोज 10 पर पहले से ज्यादा गेम खेले जा रहे हैं. इसके लॉन्च के बाद से 9 बिलियन (9 अरब) घंटे से ज्यादा गेम खेले गए हैं. कंपनी ने यह भी दावा किया कि मार्च में माइक्रोसॉफ्ट के नए ब्राउजर ऐज पर 63 बिलियन (63 अरब) मिनट बिताए गए हैं जो कि पिछले क्वार्टर से 50 फीसदी ज्यादा है.

मोबाइल डेटा कम खर्च करने के 7 आसान तरीके

अनलिमिटेड डेटा प्लान महंगे होने की वजह से ज्यादातर स्मार्टफोन यूजर लिमिटेड डेटा प्लान ही लेते हैं. मगर अक्सर यह चिंता सताती है कि डेटा खत्म न हो जाए. मगर हम दे रहे हैं आपको ऐसे टिप्स, जिनपर अमल करके आप डेटा की बचत कर सकते हैं और आपका डेटा प्लान पूरा महीना निकाल देगा. आगे जानें, कौन से हैं वे तरीके, जिनकी मदद से आप ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन पर डेटा की खपत कम कर सकते हैं:

1. क्रोम में डेटा कंप्रेशन इस्तेमाल करें

स्मार्टफोन पर वेब ब्राउजिंग में बहुत ज्यादा डेटा खर्च होता है. बहुत सारी वेबसाइट्स हेवी होती हैं और ज्यादा डेटा तो उनमें आने वाले विज्ञापनों को लोड करने में खर्च हो जाता है. आप Chrome में डेटा कंप्रेशन फीचर के जरिए कम डेटा खर्च कर सकते हैं. इस फीचर के ऐक्टिवेट होने के बाद गूगल वेबसाइट्स और ब्राउजर के बीच होने वाले डेटा ट्रांसफर को खुद मैनेज करता है और ज्यादा बचत करता है.

क्रोम ओपन करें और 3 डॉट्स वाले मेन्यू पर टैप करें. यहां से Settings में जाएं. यहां पर आपको Data Saver का ऑप्शन दिखेगा. इसे सिलेक्ट करें. अब आपका ब्राउजर कम डेटा इस्तेमाल करेगा.

2. बैकग्राउंड डेटा बंद करें

बहुत सारे एप ऐसे हैं, जो लगातार डेटा इस्तेमाल करते रहते हैं. जिस वक्त स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं किया जा रहा होता, उस वक्त भी वे नोटिफिकेशंस वगैरह पाने और हर चीज अपडेटेट रखने के लिए इंटरनेट से जुड़े रहते हैं. जरूरी नहीं है कि सभी एप को इस तरह ऐक्टिव रखा जाए. आप काम के एप्स के अलावा अन्य एप्स को जररूत के हिसाब से बैकग्राउंड में भी डेटा इस्तेमाल करने से रोक सकते हैं. इसके लिए Settings में जाएं, Data Usage सिलेक्ट करें और जिस एप को डेटा इस्तेमाल करने से रोकना है, उसे सिलेक्ट करें. इसके बाद ‘Restrict app background data’ लेबल को ऑफ कर दें.

3. एप्स को वाई-फाई पर अपडेट करें

एप्स को कभी भी सिम कार्ड के नेटवर्क पर अपडेट न करें. हमेशा किसी वाई-फाई नेटवर्क पर जाने के बाद ही एप अपडेट करें. ऐसा करने के लिए आपको गूगल प्ले स्टोर में जाकर ऑटो अपडेट फीचर ऑफ करना होगा. Google Play Store पर जाएं और Settings पर टैप करें. यहां पर आपको Auto-update apps बटन दिखाई देगा. यहां Auto-update apps over Wi-Fi only ऑप्शन सिलेक्ट करें.

4. ऑनलाइन स्ट्रीमिंग से बचें

ऑनलाइन विडियो और म्यूजिक स्ट्रीम करने में बहुत ज्यादा डेटा खर्च होता है. मोबाइल डेटा पर यह सब करने से बचें. आप अपने फोन पर ही विडियो या म्यूजिक स्टोर कर सकते हैं. फिर भी आपको स्ट्रीमिंग करनी ही है तो स्ट्रीमिंग क्वॉलिटी Low रखें.

5. काम के कॉन्टेंट को कैश करके रखें

कुछ ऐसे एप्स हैं, जो डेटा को मोबाइल पर ही कैश (एक तरह से स्टोर) रखने में मदद करते हैं. जैसे कि Google Maps और Google Play. वाई-फाई नेटवर्क में जाने पर ज्यादा से ज्यादा डेटा कैश करने की कोशिश करें. इससे आप उसे बाद में इस्तेमाल कर पाएंगे और मोबाइल डेटा भी खर्च नहीं होगा.

6. अकाउंट सिंक सेटिंग्स चेक करें

रियल टाइम सिंकिंग और पुश नोटिफिकेशंस वैसे तो बहुत काम की होती हैं, मगर इनके लिए स्मार्टफोन लगातार नेट के जरिए कन्टेंट चेक करता रहता है. इसमें बहुत डेटा खर्च होता है. बेहतर होगा कि आप अकाउंट सिंक सेटिंग को जरूरत के हिसाब से ही एडजस्ट करें. इसके लिए Settings में जाकर Accounts में जाएं और Sync के लिए उन्हीं सर्विसेज को चुनें, जिनकी पुश नोटिफिकेशन या सिंकिंग जरूरी है.

7. डेटा मैनेजमेंट एप डाउनलोड करें

डेटा मैनेजमेंट एप्स से भी आप डेटा बचा सकते हैं. ये एप्स डेटा को कंप्रेस करते हैं और 50 फीसदी तक सेविंग कर सकते हैं. ये कुछ ऐप्स को डेटा ऐक्सेस करने से भी रोक देते हैं. आप Opera Max या CM Data मैनेजर जैसे एप ट्राई कर सकते हैं.

2020 तक 120 अरब डॉलर होगा भारत का ई-कामर्स

एसोचैम-फोरेस्‍टर की एक रिपार्ट में यह बताया गया है कि 2020 तक भारत देश की ई-कामर्स क्षेत्र की आय 120 अरब डॉलर के करीब पहुंच जाएगी. इसका मतलब यह है कि ई-कामर्स की सालाना वृद्धि 51 प्रतिशत है, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्‍यादा है. 2016 में देश की ई-कामर्स की आय फिलहाल 30 अरब डॉलर है.

चीन और जापान से भी ज्‍यादा भारत का वृद्धि दर

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का ई-कामर्स चीन और जापान जैसे देशों से अभी भी पीछे है लेकिन इसका वृद्धि दर दूसरें देशों की तुलना में बहुत ज्‍यादा है. भारत की सालाना वृद्धि 51% के मुकाबले चीन का ई-वाणिज्य कारोबार 18% की दर से, जापान का 11% की दर से तथा दक्षिण कोरिया का 10% की दर से वद्धि कर रहा है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ब्रिक्स देशों में भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 2016 में 40 करोड़ है,  ब्राजील में 21 करोड़ तथा रूस में 13 करोड़ है.

75% ग्राहक 15 से 34 उम्र वाले

आजकल हर कोई इंटरनेट के महत्‍व को समझता है और सभी इसका जोरों-शोरो से इस्‍तेमाल करते हैं. हर कोई ई-कामर्स से रूबरू है और यह इनको काफी सुविधाजनक भी लगता है क्‍योंकि इससे उनको घर बैठे ही सारा सामान मिल जाता हैं. एसोचैम-फोरेस्‍टर की अध्‍ययन रिपोर्ट में इस बात को भी बताया गया है कि भारत देश में करीब 75% आनलाइन ग्राहक 15 से 34 साल की उम्र तक के हैं.

 

बेहोशी में भी अपने डायलॉग दोहरा रहा था ये एक्टर

अपने दमदार अभिनय से फिल्मों में अपने हर किरदार के साथ न्याय करने के लिए पहचाने जाने वाले ऐक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि 'रमन राघव 2.0' में उनके किरदार पर उन्हें इतनी मेहनत करनी पड़ी थी कि एक बार तो वह एक अस्पताल में आधी बेहोशी की हालत में भी फिल्म के डायलॉग बोल रहे थे.

'रमन राघव' को सनकी रमन के नाम भी जाना जाता है. वह एक मनोरोगी सीरियल किलर था और 1960 के दशक के दौरान मुंबई की गलियों में उसकी दहशत थी. अनुराग कश्यप के निर्देशन में बनी इस फिल्म में नवाजुद्दीन राघव की भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमने करीब 20 दिन फिल्म की शूटिंग की. शूटिंग के दौरान एक दिन मेरी तबीयत ठीक नहीं थी और मुझे अस्पताल ले जाया गया. मुझे बाद में बताया गया कि जब मैं अस्पताल में आधी बेहोशी की हालत में था, मैं तब भी फिल्म के संवाद दोहरा रहा था.'

नवाजुद्दीन ने कहा कि बड़े पर्दे के किसी भी किरदार ने उन्हें पहले कभी इतना परेशान नहीं किया. उन्होंने कहा, 'मेरी पत्नी आई और उन्होंने मुझे ऐसे देखा और अनुराग से पूछा कि वह मुझसे क्या करा रहे हैं. इस हद तक मेरे साथ कभी ऐसा नहीं हुआ. यह भूमिका मुझे दिमागी रूप से थका रही थी. 'नवाजुद्दीन ने कहा, 'मुझे पहले यह बात समझनी पड़ी कि यह किरदार अलग दुनिया से आता है, वह हमारी या आपकी तरह नहीं सोचता. ऐसे लोगों की, खासकर रमन राघव की मानसिकता अलग है.'उन्होंने कहा, 'जो वह आसानी से करता था, हमारे लिए वह सोचना भी आसान नहीं है. मुझे किरदार के भीतर घुसना पड़ा, उसे पूरी तरह समझना पड़ा और इसके बाद मैंने इसे पर्दे पर निभाया. यह वास्तव में बहुत मुश्किल था.' यह फिल्म कान समारोह के डायरेक्टर्स फोर्टनाइट वर्ग में दिखाई जाएगी. इस उत्सव की शुरुआत 11 मई से होगी.

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