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रियो ओलंपिक्स में नहीं खेलेंगे सुशील कुमार

दो बार के ओलंपिक्स विजेता पहलवान सुशील कुमार रियो ओलंपिक्स में इस बार नहीं खेलेंगे. इंडियन ओलंपिक्स असोसिएशन (आईओए) की संभावित खिलाड़ियों की सूची से सुशील बाहर हैं.

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) द्वारा आईओए को भेजी गई रियो ओलंपिक्स में हिस्सा लेने संभावित खिलाड़ियों की सूची में सुशील कुमार का नाम नहीं है. ऐसे में यह कयास और मजबूत हो गए हैं कि 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में नरसिंह यादव भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

74 किलोग्राम वजन वर्ग में कौन सा पहलवान भारत का प्रतिनिधित्व करेगा, इसे लेकर WFI ने ट्रायल न कराने का फैसला लिया था. हालांकि फाइनल लिस्ट अभी भेजी जानी है.

सुशील ने कहा, 'मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मेरा अतीत बहुत शानदार है तो मुझे ही भेजा जाना चाहिए. मैं चाहता हूं कि जब दो उम्मीदवार हैं तो दोनों के बीच ट्रायल होना चाहिए. दोनों में से जो भी अपना सर्वश्रेष्ठ दे सके, उसे ही प्रतियोगित के लिए भेजा जाना चाहिए. ओलंपिक्स में देश के लिए एक कोटा होता है व्यक्तिगत नहीं, इसलिए सबको निष्पक्ष तरीके से मौका चलना चाहिए.'

नरसिंह यादव का कहना है कि उन्होंने जीतकर रियो के लिए क्वॉलिफाइ किया है, इसलिए ओलिंपिक्स में जाने का हक उनका बनता है. दूसरी ओर सुशील कुमार का कहना है कि रियो ओलंपिक्स में जाने का मौका मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि फेडरेशन को 74 किलोग्राम में ट्रायल करना चाहिए.

गौरतलब है कि लंदन ओलिंपिक्स के बाद सुशील कुमार ने सिर्फ दो टूर्नामेंट में भाग लिया है. अब आखिरी फैसला भारतीय कुश्ती महासंघ  को करना है.

वेस्टइंडीज के क्रिकेट की ‘आवाज’ का निधन

वेस्टइंडीज क्रिकेट की आवाज माने जाने वाले दिग्गज कमेंटेटर, लेखक और पत्रकार टोनी कोजियर का 75 साल की उम्र में निधन हो गया. वो काफी समय से बीमार चल रहे थे. कोजियर को 3 मई को गले और पैर में इंफेक्शन की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसके बाद उनका निधन हो गया.

कोजियर ने 1958 में एक युवा क्रिकेट लेखक के रूप में अपना करियर शुरू किया था जिसके बाद समय के साथ वो अपने क्षेत्र में बुलंदियों को छूते गए. इसी महीने की एक तारीख को उनका आखिरी कॉलम प्रकाशित हुआ था. उनके पिता जिमी भी क्रिकेट लेखक थे. कोजियर ने 1965 में ऑस्ट्रेलिया के वेस्टइंडीज दौरे के साथ कमेंटेरी की शुरुआत की.

आईसीसी ने ट्विटर पर लिखा, 'टोनी कोजियर के निधन की खबर सुनकर बेहद दुख हुआ. क्रिकेट की महान अवाजों में से एक. क्रिकेट समुदाय के लिए बड़ा नुकसान.'

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने टवीट किया, 'बेहद दुखद, सभी महान खिलाड़ियों को भूल जाइए, टोनी कोजियर के कारण मैं वेस्टइंडीज क्रिकेट को प्यार करता था. भगवान टोनी की आत्मा को शांति दे.'

कोजियर से जुड़ी अहम जानकारियां

1.1958 में उन्होंने बल्ले की जगह कलम को तवज्जो देनी शुरू की और अपना पहला लेख लिखा, लेकिन उन्हें असली कामयाबी मिली जब वो रेडियो और बीबीसी (BBC) के लिए कॉमेंट्री करने लगे.

2. वो वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट की सबसे बड़ी आवाज माने जाते थे. 2003 में क्रिकेट की सबसे बड़ी मैगजीन विस्डन ने आंकड़ा जारी किया कि टोनी कोजियर ने अभी तक लगभग 266 टेस्ट मैच कवर कर लिए हैं. जाहिर है अगले 13 सालों में ये आंकड़ा 300 के पार गया होगा.

3. टोनी कोजियर को खाने में आइसक्रीम बहुत पसंद थी. उनके देहांत के बाद वेस्ट इंडीज के मशहूर क्रिकेटर माइकल होल्डिंग ने कहा कि भगवान टोनी को जहां भी ले गया हो, बस उन्हें आइसक्रीम से दूर न रखे.

4. टोनी कोजियर ने कभी भी उच्च लेवल या फर्स्ट क्लास लेवल का क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन क्रिकेट में उनकी रुचि इतनी ज्यादा थी और खेल की समझ और क्रिकेट के हर पहलू को बारीकी से समझने की उनकी कला ने उन्हें वेस्ट इंडीज़ क्रिकेट का सबसे बड़ा लेखक बना दिया.

5.1940 में उनका जन्म हुआ और उनकी पहली पसंद क्रिकेट नहीं बल्कि हॉकी थी. वो बार्बेडॉस के एक छोटे क्लब के लिए पॉकी के गोल कीपर थे पर क्रिकेट से अपने आप को दूर नहीं रख पाए. अपने क्लब की ओर से वो सलामी बल्लेबाजी और विकेट कीपिंग भी करते थे.

सनी लियोनी अब नहीं करेंगी किसी को KISS!

बॉलीवुड बोल्ड और सेक्सी हिरोइन सनी लियोनी ने एक बड़ा फैसला ले लिया है. सनी के इस फैसले को सुनकर फिल्ममेकर्स सन्न हैं. दरअसल, सनी ने फैसला लिया है कि भविष्य में वे अपनी फिल्मों में किस सीन नहीं करेंगी. आप भी यह सुनकर हैरान हो गए न, लेकिन ये सच है.

सनी ने आखिरी बार फिल्म 'रागिनी एमएमएस 2' में अपने को-स्टार को किस किया था. इसके बाद सनी ने अपने किसी भी को-स्टार के साथ किस सीन नहीं किया है. हालांकि सनी को अंतरंग सीनों से कोई ऐतराज नहीं है. सनी फिल्म की स्क्रिप्ट की डिमांड के मुताबिक अंतरंग सीन करती रहेंगी, लेकिन 'नो किसिंग क्लॉज' के साथ.

सनी की हाल में 'एक पहेली लीला', 'कुछ कुछ लोचा है', 'मस्तीजादे' और 'वन नाइट स्टैंड' जैसी फिल्में आई हैं. इन फिल्मों को अगर आपने देखा हो तो जरुर गौर किया होगा कि इनमें सनी का एक भी किस सीन नहीं है. हालांकि इन सभी फिल्मों में सनी के अपने को-स्टार्स के साथ कई अंतरंग दृश्य हैं, लेकिन किस सीन एक भी नहीं है.

माना जाता है कि बिना किस सीन के रोमांस और अंतरंग दृश्य अधूरे होते हैं. ऐसे में सनी की इस अजीबोगरीब शर्त ने फिल्ममेकर्स की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. अब देखना होगा कि फिल्ममेकर्स सनी को किस सीन के लिए कैसे मनाते हैं.

सनी लियोनी को ना सिर्फ बॉलीवुड, बल्कि पूरी दुनिया ने 'बोल्ड एंड ब्यूटीफुल' के खिताब से नवाजा है. लेकिन ये सेक्सी सायरन सनी खुद को 'बेवकूफ' मानती हैं. बॉलीवुड अभिनेत्री अपने उन दिनों के किस्से खुद सुनाती हैं, जब वे टॉमब्वाइश लुक में रहा करती थीं और ढेरों बेवकूफी से भरी हरकतें भी किया करती थीं.

एक इंटरव्यू में सनी ने शाहरुख खान की फिल्म 'रईस' में एक आइटम नंबर की शूटिंग के दौरान हुए 'बेवकूफी भरे अनुभव' को भी साझा किया था. सनी ने बताया कि जब सेट पर उनसे मिलने कुछ लोग आए तो वे बालों में बदसूरत कर्लर्स के साथ ही वैनिटी वैन से बाहर आ गई थी. इसका अहसास उन्हें काफी देर बाद हुआ.

सनी के अगले खुलासे पर तो यकीन करना मुश्किल ही नहीं, नामुकिन सा लगता है. आज अपनी सेक्स अपील के लिए जानी जाने वाली सनी एक वक्त पर बहुत पढ़ाकू हुआ करती थीं. सनी ने बताया कि कॉलेज के दिनों में वह बहुत पढ़ाकू किस्म की स्टूडेंट हुआ करती थी, लेकिन कॉलेज से पहले एक एवरेज स्टूडेंट ही थी. उन्हें बिजनेस और मार्केटिंग में काफी इंटरेस्ट था. 18 साल की उम्र से पहले लड़कों को मुझमें कोई इंटररेस्ट नहीं था.

एक इंटरव्यू में निर्देशक मिलाप जावेरी ने कहा था कि फिल्म 'मस्तीजादे' में सनी कैटरीना से ज्यादा हॉट लग रही थीं. जब सनी से पूछा गया कि कैटरीना से तुलना के बाद वे कैसा महसूस कर रही हैं तो सनी का जवाब था- उन्हें लगता है कि कैटरीना बॉलीवुड के सबसे खूबसूरत लोगों में से एक हैं. सनी ने कहा कि वे मिलाप के इस कमेंट को कॉम्प्लीमेंट की तरह लेंगी, क्योंकि कैटरीना बहुत खूबसूरत हैं.

कभी एडल्ट स्टार रही सनी लियोनी ने 2012 में महेश भट्ट कि फिल्म 'जिस्म 2' से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा. हाल ही में एक टीवी शो के दौरान सनी ने अपने नाम के बारे में भी खुलासा किया. सनी ने बताया कि 19 साल की उम्र जब वे एक एडल्ट मैग्जीन के लिए इंटरव्यू देने गई थीं. जब उनसे उनका नाम पूछा गया तो सनी का जवाब था- सनी. सनी ने टीवी शो के दौरान बताया कि सनी उनके भाई संदीप का निकनेम है.

मनोहर ने रचा इतिहास, बने ICC के पहले स्वत्रंत चेयरमैन

वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासक शशांक मनोहर को निर्विरोध आईसीसी का पहला स्वतंत्र चेयरमैन चुना गया जिन्होंने दो दिन पहले बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. आईसीसी की पूर्ण परिषद ने बोर्ड द्वारा प्रस्तावित संवैधानिक सुधारों को मंजूरी दे दी जिसके बाद 58 बरस के मनोहर का चयन किया गया.

मनोहर ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. वह आईसीसी के पहले स्वतंत्र चेयरमैन हैं और उनका दो साल का कार्यकाल तुरंत प्रभाव से शुरू होगा. चुनाव प्रक्रिया के तहत आईसीसी के सभी निदेशकों को एक व्यक्ति को नामित करने का अधिकार था जो आईसीसी का मौजूदा या पूर्व निदेशक होना चाहिये. दो या अधिक पूर्ण सदस्य निदेशकों के सहयोग से नामित व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार होगा जो 23 मई तक पूरे हो जाने चाहिये.

आईसीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि मनोहर इस पद के लिये अकेले उम्मीदवार थे लिहाजा उनका चयन निर्विरोध हुआ है. चुनावी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे ऑडिट कमेटी के स्वतंत्र अध्यक्ष अदनान जैदी ने प्रक्रिया पूरी होने का ऐलान किया और मनोहर को विजयी बताया गया. मनोहर पहले 2008 से 2011 तक बीसीसीआई अध्यक्ष रहे. जगमोहन डालमिया के निधन के बाद उन्हें अक्तूबर 2015 में फिर चुना गया और इसी के आधार पर वह तब से आईसीसी चेयरमैन थे.

मनोहर ने कहा ,‘ आईसीसी का अध्यक्ष चुना जाना फक्र की बात है और मैं आईसीसी निदेशकों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मेरी क्षमताओं पर भरोसा जताया. मैं बीसीसीआई में अपने सभी साथियों का भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर मेरे कार्यकाल में सहयोग किया.’  

उन्होंने कहा ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए यह रोमांचक समय है चूंकि हम 2014 के संवैधानिक सुधारों की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं. अंतिम लक्ष्य खेल का विकास है और मैं सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं ताकि गौरवशाली इतिहास और समृद्ध परंपरा के धनी इस खेल के भविष्य का खाका खींचा जा सके.’ नये स्वतंत्र चेयरमैन के पद के लिये पूर्ण परिषद ने सोमवार को आईसीसी संविधान में विभिन्न संशोधनों को मंजूरी दी . इसके तहत अध्यक्ष का पद 2016 से खत्म हो जाएगा.

आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले के बाद भारतीय क्रिकेट को पाक साफ करने का बीड़ा उठाने वाले मनोहर ने सात महीने के कार्यकाल के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष पद छोड़ दिया. उन्होंने ऐसे समय में पद छोड़ा है जब उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त जस्टिस लोढा समिति ने बीसीसीआई में आमूलचूल सुधारों की सिफारिश की है.

हालांकि आपको बता दें कि अपने इस्तीफे के बाद मनोहर ने एक चौंकाने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने कहा, 'मैं मौजूदा हालात में काम नहीं कर सकता था. मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया.'

उन्होंने कहा, 'मैं इससे ज्यादा और कुछ नहीं कहना चाहता कि मैं बीसीसीआई को अपनी शर्तों पर चलाना चाहता था. मैं अपनी छवि को बर्बाद नहीं करना चाहता था. मैं बोर्ड को दूसरों के प्रभाव में आकर नहीं चलाना चाहता था.'

नागपुर के रहने वाले पेशे से वकील मनोहर ने पिछले साल अक्टूबर में जगमोहन डालमिया की मौत के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर अपनी दूसरी पारी की शुरुआत की थी. 58 वर्षीय मनोहर ने साफ कर दिया कि वह बीसीसीआई के संचालन से खुश नहीं थे.

ये टॉप एंड्रॉयड Security Apps हैं बड़े काम के

फोन स्लो चलना, बार-बार हैंग होना भी वायरस का कारण होता है. यहां हम आपको बता रहे हैं, ऐसे टॉप एंड्रॉयड सिक्युरिटी एप्स जो वायरस अटैक को रोककर उन्हें रिमूव कर देते हैं.

1. CM Security Antivirus Apps

यह टॉप सिक्युरिटी एप है. यह एप दो पार्ट्स में है. एक एंटी वायरस प्रोटेक्शन दूसरा एप-लॉक. एंटी वायरस प्रोटेक्शन में यह एप नई एप्स को स्कैन करने के साथ ही वेबसाइट्स, फाइल्स को स्कैन करता है. डेवलपर्स का दावा है कि यह एप दूसरे एप्स की तुलना में 500 प्रतिशत फास्ट स्कैन करता है.

यह URLs की रियल टाइम स्कैनिंग करने के साथ ही वार्निंग मैसेज भी देता है. इसका Applock सिस्टम गलत पासवर्ड डालने वाले की सेल्फी ले लेता है.

रेटिंग- 4.7

इन्स्टॉल- 50 करोड़

एंड्रॉयड- 5.0 या इससे ऊपर

साइज- डिवाइस पर निर्भर

2. Avast Mobile Security App

यह एंड्रॉयड सिक्युरिटी एप बेहद पॉपुलर है. इसका कम्प्यूटर वर्जन भी है. इस एप में वायरस और मालवेयर को स्कैन करने के साथ ही वायरस रिमूवल टूल है. साथ ही इसमें App परमिशन मैनेजमेंट टूल, एप लॉकिेंग, कॉल ब्लॉकर जैसे फीचर्स भी है. यह एप 99.2 प्रतिशत लेटेस्ट एंड्रॉयड मालेवयर को डिटेक्ट कर लेता है. 

रेटिंग- 4.5

इन्स्टॉल- 50 करोड़

एंड्रॉयड- 5.0 या इससे ऊपर

साइज- डिवाइस पर निर्भर

3. Kaspersky Internet Security App

यह एप फ्री और पेड दोनों वर्जन में उपलब्ध है. इसमें एंटी फिशिंग है जो कि बेस्ट फीचर है. वेब ब्राउजर यूज करने पर यह रियल टाइम फिशिंग प्रोटेक्शन देता है. इसके साथ ही यह टेक्स्ट मैसेज, WhatsApp, ईमेल्स की सस्पिशियस लिंक को स्कैन करता है.

रेटिंग- 4.7

इन्स्टॉल- 50 करोड़

एंड्रॉयड- डिवाइस पर निर्भर

साइज- डिवाइस पर निर्भर

4. AFWall+

यह एक पॉवरफुल एप है. यह जैसे ही फोन में काम करता है फोन रूट होने लगता है. इसमें एप के प्रोटेक्शन के लिए लॉक पैटर्न भी दिया गया है. 

रेटिंग- 4.3

इन्स्टॉल- 5 लाख

एंड्रॉयड- 4.0.3

साइज- 4.0 MB

5. Malwarebytes Anti-Malware

यह एप आपके फोन को मालवेयर, इन्फेक्टेड एप्स, अनऑथराइज्ड सर्विलेंस से बचाता है. यह मालवेयर को ढूंढकर डिलीट कर देता है. यह लोकेशन ट्रेकिंग एप्स को मॉनिटर करता है. साथ ही यह मेलिसियल कोड्स और अनवांटेड प्रोग्राम को स्कैन भी करता है.

रेटिंग- 4.2

इन्स्टॉल- 1 करोड़

एंड्रॉयड- 2.3 या इससे ऊपर

साइज- 9.4 MB

भारत में बीएमडब्ल्यू 3-सीरीज का पेट्रोल वर्जन लॉन्च

मशहूर लग्जरी कार मैन्युफैक्चरर BMW ने भारत में 3-सीरीज के पेट्रोल वेरियंट को भारत में लॉन्च कर दिया है. कंपनी ने इस कार को '320आई' नाम दिया है. 320आई की कीमत 36.90 लाख रुपये से लेकर 42.70 लाख रुपये तक है.

दिल्ली-एनसीआर में डीजल कारों पर लगे बैन से पार पाने और नुकसान को कम से कम रखने के लिए BMW ने इस कार को लॉन्च किया है. 2000सीसी और उससे ऊपर के डीजल इंजन वाली कारों के दिल्ली-एनसीआर में बैन होने के बाद से मर्सीडीज, ऑडी और बीएमडब्ल्यू जैसी लग्जरी कार कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

नई 320आई में 2.0-लीटर का टर्बोचार्ज इंजन दिया गया है. इस इंजन से 184पीएस तक की ताकत और 270 एनएम तक टॉर्क जेनरेट हो सकता है. इस इंजन को 8-स्पीड जेडएफ ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से जोड़ा गया है. 3-सीरीज का मुकाबला जैगवार एक्सई, मर्सीडीज सी-क्लास और आउडी की नई ए-4 से होगा.

पेट्रोल इंजन वाली 3-सीरीज को भारत में सीधे इंपोर्ट कर बेचा जाएगा जबकि इसके डीजल वर्जन का निर्माण यहीं किया जा रहा है. लुक्स और फीचर्स के मामले में इस कार का डीजल और पेट्रोल वर्जन एक जैसे ही हैं.

कार के टॉप वेरियंट में एलईडी हैडलैम्प्स, सनरूफ, हीटेड विंग मिरर और 17-इंच के अलॉय वील्स लगे हैं. इसके अलावा 205 वॉट के साउंड सिस्टम से जुड़ा 8.8-इंच की स्क्रीन वाला 'आईड्राइव' इन्फोटेनमेंट सिस्टम भी दिया गया है. बताया जा रहा है कि कार की बुकिंग जून 2016 से शुरू होगी.

वॉट्सएप ने दी डेस्कटॉप यूजर्स को सौगात

अपनी मैसेजिंग सर्विस वेब पर उपलब्ध कराने के करीब 16 महीने बाद फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वॉट्सएप ने डेस्कटॉप यूजर्स के लिए नई सौगात पेश की है. कंपनी का कहना है कि वॉट्सएप अब विंडोज 8 और इसके बाद के वर्जन व मैक ओएस एक्स 10.9 (मावेरिक्स) और इसके ऊपर के वर्जन के लिए उपलब्‍ध है. अब वॉट्सएप एंड्रॉयड, आईओएस, ब्लैकबेरी, और विंडोज फोन के अलावा दूसरों के बीच भी है.

डेस्कटॉप एप्लिकेशन

"वॉट्सएप वेब की तरह, हमारा डेस्कटॉप एप्लिकेशन बस आपके फोन का ही एक एक्सटेंशन है. इस एप के जरिए आप अपने मोबाइल डिवाइस से बातचीत और संदेशों को डेक्सटॉप पर देख सकते हैं. इसके इस्तेमाल के लिए भी आपको मोबाइल एप्लिकेशन चालू रखना होगा.

वॉट्सएप वेब से कैसे अलग है

वॉट्सएप वेब से यह कैसे अलग है, इस पर बात करें तो इसके लिए आपको किसी ब्राउजर में वॉट्सएप ओपेन करने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए आपको अलग से डेस्कटॉप वॉट्सएप एप अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करना है.

कैसे करें लॉग इन

डेस्कटॉप एप्लिकेशन में लॉग इन करने के लिए आपको अपने वॉट्सएप मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर एक QR कोड को स्कैन करने की जरूरत होगी. जैसे कि आप वेब वॉट्सएप में करते आए हैं. एक बार जब आप ऐसा करते हैं तो सभी चैट कंप्यूटर स्क्रीन पर लोड हो जाएगी.

डेस्कटॉप एप्लिकेशन की खासियत

डेस्कटॉप एप्लिकेशन का फायदा यह है कि अपने सभी पसंदीदा कीबोर्ड शॉर्टकट का इस्तेमाल यहां कर सकते हैं. चैट को जूम इन और जूम आउट भी कर सकते हैं.

वॉट्सएप डेस्कटॉप एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय महसूस किया गया है कि यह वेब वॉट्सएप के बहुत अलग नहीं है. अभी भी आपको डेस्कटॉप वॉट्सएप के इस्तेमाल के दौरान मोबाइल डेटा ऑन रखने की जरूरत है. हां, यूजर इंटरफेस पहले से बेहतर किया गया है. आप यहां से डेस्कटॉप वॉट्सएप डाउनलोड कर सकते हैं. इसके लिए लगभग आपको 61 एमबी डेटा का जरूरत होगी.

‘शाहरूख अब मेरे लिए कंपिटिशन नहीं हैं….’- सलमान खान

शाहरूख खान, आमिर खान और सलमान खान सालों से बॉलीवुड पर राज कर रहे हैं और कोई शक नहीं कि फैंस इन्हें बेहद प्यार करती है. तीनों खान के बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में दी हैं. ताजा बात करें तो एक ओर जहां तीनों खान आपसे में अच्छे दोस्त हैं. वहीं उनके फैंस के बीच अभी भी तलवारें तनी रहती हैं कि कौन किससे बेहतर है.

खैर, जब सलमान खान ने इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बहुत ही दिलचस्प जवाब दिया. सलमान खान ने कहा, 'लोगों ने सालों से मुझे, शाहरूख और आमिर को बहुत प्यार दिया है.. उनकी वजह से आज हम यहां हैं.. लिहाजा, हम अब एक दूसरे के लिए कंपिटिशन नहीं हैं.. ना शाहरूख, आमिर मेरे लिए कोई कंपिटिशन हैं.. ना मैं उनके लिए..'

सलमान ने आगे कहा, मैं किसी के साथ कंपिटिशन नहीं करता.. मेरी रेस खुद से है. जो मुझे पसंद नहीं करते.. वो मुझे बोल देते हैं- भाई तू आजकल अच्छा काम कर रहा है.. या नहीं कर रहा है.

इस सुपरस्टार ने कंपिटिशन की बात पर कहा, जब हमने इंडस्ट्री में एंट्री ली थी तो हम अपने सीनिसर से कंपिटिशन करते थे. आज अपने जूनियर्स से भिड़ना काफी मुश्किल है. आज हम सीनियर पोजिशन पर हैं. जब सलमान खान से पूछा गया कि इरफान, नवाजुद्दीन सिद्दिकी जैसे सितारों को यहां अपनी पहचान बनाने में बहुत मुश्किल होती है.. जिस पर सलमान ने कहा, जो सफल नहीं होते, वो ऐसे जुमलों का इस्तेमाल करते हैं.

उन्होंने ये भी कहा, हमारा कौन सा गॉडफादर था यार.. शाहरूख और आमिर को किसने सपोर्ट कर दिया था? अक्षय कुमार ने खुद से पहचान बनाई.. अजय देवगन फाइट मास्टर के बेटे हैं.. मैं राइटर का बेटा हूं.. हमेशा बड़े स्टार के बेटे या बेटी सफल ही नहीं होते. सलमान ने आगे कहा- फिल्म इंडस्ट्री किसी की जागीर नहीं है. यहां फैंस फैसला लेते हैं उन्हें आपकी फिल्म देखनी है या नहीं. हमारे लिए भी यहां टिकना काफी मुश्किल रहा है.. और अभी भी है. यहां कई वैसे एक्टर भी फेल हुए हैं, जो फिल्मी बैकग्राउंड से थे.. यहां टिकना हर किसी के लिए मुश्किल होता है..

हम्मम.. इसमें कोई शक नहीं कि सलमान ने काफी पते की बात की है.

सूखे से होगा 6,50,000 करोड़ रुपये का नुकसान

देश के 10 राज्यों में भीषण सूखे के चलते अर्थव्यवस्था को करीब 6,50,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. एक अध्ययन के मुताबिक 256 जिलों के करीब 33 करोड़ लोग सूखे से बुरी तरह प्रभावित हैं.

लगातार दो साल मॉनसून खराब रहने, जलाशयों में पानी की कमी और भूजल के स्तर में लगातार जारी गिरावट के चलते देश के 10 सूखा प्रभावित राज्यों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है. एसोचैम के अध्ययन के मुताबिक खासतौर पर महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है.

एसोचैम के मुताबिक, 'एक सामान्य आंकड़ा है कि इस सूखे के चलते देश की अर्थव्यवस्था को 100 अरब डॉलर यानी करीब 6,50,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना होगा.' एसोचैम ने कहा कि यदि इस साल मॉनसून की स्थिति सही रहती है तो भी बीते साल के सूखे का असर कम से कम आने वाले छह महीनों तक बना रहेगा.

अध्ययन के अनुसार, 'सूखा प्रभावित इलाकों में एक से दो महीने तक लोगों को पानी, भोजन और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रति व्यक्ति 3,000 रुपये खर्च करना होगा.'एसोचैम ने कहा कि सूखे से करीब 33 करोड़ लोग बुरी तरह प्रभावित हैं और इस संकट से निपटने में हर महीने एक लाख करोड़ रुपये खर्च करना होगा.

 इसके अलावा बिजली, फर्टिलाइजर और अन्य वस्तुओं पर दी जाने वाली सब्सिडी को जोड़ दें तो यह आंकड़ कहीं ज्यादा हो जाता है. अध्ययन के मुताबिक सूखे के चलते आर्थिक संसाधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ने वाला है, इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगने वाली राशि को राहत के कार्यों पर खर्च करना होगा.

ग्रामीण इलाकों से पलायन में भी इजाफा होगा, जिससे शहरी ढांचे और आपूर्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ने की आशंका है.

 

कहीं आपके पास भी नकली नोट तो नहीं?

आपके पास जो नोट है, वह नकली भी हो सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर 10 लाख में 250 नोट नकली हैं, यानी कुल 400 करोड़ रुपये के नकली नोट लोगों के पास हैं. नकली नोटों पर हुए अध्ययन से पता चला है कि बाजार में हर साल 70 करोड़ रुपये के नकली नोटों को चलाया जाता है.

ये चौंकाने वाला खुलासा ‘नकली भारतीय करेंसी नोट के सर्कुलेशन की मात्रा के आकंलन’ के अध्ययन से हुआ है. यह अध्ययन भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) कोलकाता द्वारा किया गया है. अध्ययन में कहा गया है कि 100 और 500 के नकली नोट हजार रुपये के नकली नोट से जल्दी पकड़ में आते हैं.

अध्ययन के अनुसार, नकली नोटों की पहचान मुख्य रूप से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा की जाती है. हालांकि, उनकी रिपोर्टिंग अनियमित है. तीन बैंक एक्सिस, एचडीएफसी व आईसीआईसीआई नियमित रिपोर्ट करते हैं. आईएसआई ने निष्कर्ष निकाला है कि जब्ती और पता लगाने का मौजूदा सिस्टम नकली नोटों का पता लगाने के लिए काफी है.

संस्थान कहती है कि नकली नोटों की खोज को सुधारा जा सकता है. नकली नोटों की मात्रा को हर साल 20 फीसदी घटाया जा सकता है. एनआइए की जांच के मुताबिक भारत में नकली नोट सबसे ज्यादा पाकिस्तान से आता है.

देश में आर्थिक आतंकवाद से निपटने के लिए मजबूत योजना बनाने का प्रस्ताव है. इसमें एनआइए, सीबीआई, आईबी, डीआईआई, रॉ के साथ राज्यों की पुलिस भी होगी.

सुरक्षा के लिए हजार के नोट में किये गये खास बदलाव

नकली नोटों से निजात पाने के लिए आरबीआई ने कुछ आवश्यक कदम उठाये हैं. जल्द ही दोनों संख्या पैनलों में अंगरेजी अक्षर ‘आर’ बने हुए 1,000 रुपये वर्ग के बैंक नोटों को जारी किये जायेंगे. इन नोटों पर सीधी तरफ सभी अन्य सुरक्षा विशेषताएं मौजूद होंगी, जिनमें अंकों का बढ़ता आकार, ब्लीड लाइनें और बड़ा पहचान चिह्न शामिल है.

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