आपके पास जो नोट है, वह नकली भी हो सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर 10 लाख में 250 नोट नकली हैं, यानी कुल 400 करोड़ रुपये के नकली नोट लोगों के पास हैं. नकली नोटों पर हुए अध्ययन से पता चला है कि बाजार में हर साल 70 करोड़ रुपये के नकली नोटों को चलाया जाता है.

ये चौंकाने वाला खुलासा ‘नकली भारतीय करेंसी नोट के सर्कुलेशन की मात्रा के आकंलन’ के अध्ययन से हुआ है. यह अध्ययन भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) कोलकाता द्वारा किया गया है. अध्ययन में कहा गया है कि 100 और 500 के नकली नोट हजार रुपये के नकली नोट से जल्दी पकड़ में आते हैं.

अध्ययन के अनुसार, नकली नोटों की पहचान मुख्य रूप से वाणिज्यिक बैंकों द्वारा की जाती है. हालांकि, उनकी रिपोर्टिंग अनियमित है. तीन बैंक एक्सिस, एचडीएफसी व आईसीआईसीआई नियमित रिपोर्ट करते हैं. आईएसआई ने निष्कर्ष निकाला है कि जब्ती और पता लगाने का मौजूदा सिस्टम नकली नोटों का पता लगाने के लिए काफी है.

संस्थान कहती है कि नकली नोटों की खोज को सुधारा जा सकता है. नकली नोटों की मात्रा को हर साल 20 फीसदी घटाया जा सकता है. एनआइए की जांच के मुताबिक भारत में नकली नोट सबसे ज्यादा पाकिस्तान से आता है.

देश में आर्थिक आतंकवाद से निपटने के लिए मजबूत योजना बनाने का प्रस्ताव है. इसमें एनआइए, सीबीआई, आईबी, डीआईआई, रॉ के साथ राज्यों की पुलिस भी होगी.

सुरक्षा के लिए हजार के नोट में किये गये खास बदलाव

नकली नोटों से निजात पाने के लिए आरबीआई ने कुछ आवश्यक कदम उठाये हैं. जल्द ही दोनों संख्या पैनलों में अंगरेजी अक्षर ‘आर’ बने हुए 1,000 रुपये वर्ग के बैंक नोटों को जारी किये जायेंगे. इन नोटों पर सीधी तरफ सभी अन्य सुरक्षा विशेषताएं मौजूद होंगी, जिनमें अंकों का बढ़ता आकार, ब्लीड लाइनें और बड़ा पहचान चिह्न शामिल है.

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