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सेलिब्रिटीज की जिंदगी आसान बना देगी ये तकनीक

हॉलीवुड हो या बॉलीवुड आजकल दोनों जगहों की सेलिब्रिटीज के बीच दिल्ली का एक लड़का चर्चा का विषय बना हुआ है. सभी सेलिब्रिटीज इसे मिलना चाहते हैं और कई तो मिल भी चुके हैं और कुछ ने फोन पर बात की है. इस लड़के का नाम है सैफ सिद्दकी और इसने एक ऐसा आविष्कार  कर दिया है जिससे अब सेलब्रिटीज की लाइफ आसान हो जाने वाली है.

क्या है मामला

सेलब्रिटीज को अक्सर पैपराजी यानी दिनभर पीछा करते फोटोग्राफर्स से निपटना पड़ता है. उन्हें अपनी जिंदगी में एक प्राइवेट मूवमेंट के लिए भी कई बार सोचना पड़ता है. कितनी बार तो ऐसे पलों में खींची गईं उनकी तस्वीरों से उन्हें पब्लिक लाइफ में काफी बदनामी भी झेलनी पड़ जाती है. दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़े सैफ ने एक ऐसा स्कार्फ इन्वेंट किया है जो आपको पैपराजी से बचाता है.

कैसे करता है काम

अगर किसी ने इस स्कार्फ को गले में पहना है तो फोटो क्लिक करने पर ये स्कार्फ उसके चेहरे पर अंधेरा बना देता है. इससे फोटो में सेलिब्रिटी का चेहरा नहीं आता. दरअसल ये स्कार्फ कैमरे के फ्लैश से निकलने वाली रौशनी को रिफ्लेक्ट कर देता है जिससे फोटो खराब हो जाती है. सैफ इसे मशहूर हॉलीवुड फिल्म हैरी पॉटर का 'अदृश्य चोगा' कहकर बुलाते हैं. खबरों के मुताबिक पेरिस हिल्टन, मडोना और लेडी गागा जैसे लोगों ने इस स्कार्फ को खरीदने की इच्छा जाहिर की है. बॉलीवुड से भी कई लोगों ने इसे खरीदने के लिए इंटरेस्ट दिखाया है.

तो इन दोनों में से कोई लेंगे राजन की जगह

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के संभावित उत्तराधिकारी की लिस्ट और छोटी हो कर दो नामों तक पहुंच गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ बातचीत के बाद आरबीआई के नए गवर्नर के नाम पर मुहर लगाएंगे.

पिछले हफ्ते शॉर्टलिस्ट हुए चार नामों से आरबीआई के पूर्व डेप्युटी गवर्नर सुबीर गोकर्ण और राकेश मोहन गवर्नर पद के प्रबल दावेदार हैं. इनके अलावा आरबीआई के डेप्युटी गवर्नर उर्जित पटेल और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य भी गवर्नर पद की दावेदार हैं.

सरकार में कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले हफ्ते यह जानकारी दी कि सरकार एसबीआई चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य का कार्यकाल कम से कम एक साल बढ़ाने का सोच रही है. अगर अरुंधति का कार्यकाल बढ़ता है तो यह साफ हो जाएगा की वह आरबीआई के गवर्नर की रेस में नहीं हैं.

इस वर्ष 4 सितंबर को गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल पूरा हो रहा है. राजन की जगह कौन लेगा इसका फैसला 15 जुलाई तक होगा.

सामने आया अक्षय कुमार का झूठ

बौलीवुड में अपने आपको सबसे ज्यादा चर्चित, सबसे ज्यादा सफल अदाकार साबित करने के लिए हाथ पांव मार रहे अक्षय कुमार नित नई गलत खबरें फैलाते रहते हैं. जबकि सूत्रों की माने तो हकीकत यह है कि फिल्म निर्माण में उनके पुराने साथी धीरे धीर उनका साथ छोड़ते जा रहे हैं. जबकि पिछले कुछ वर्षों में ‘फुगली’, ‘इंटरटेनमेंट’, ‘द शोकीन्स’, ‘हे ब्रो’, ‘गब्बर इज बैक’, ‘सिंह इज ब्लिंग’ सहित उनकी कई फिल्में बाक्स आफिस पर मुंह की खा चुकी हैं. उनकी नई फिल्म ‘‘रूस्तम’’ बहुत जल्द रिलीज होने वाली है. इसके अलावा उनकी किसी फिल्म की शूटिंग नहीं चल रही है. मगर वह हर सप्ताह किसी न किसी फिल्म की खबर फैलाते हुए खुद को सुर्खियों में बनाए रखते हैं.

जब आधी फिल्म इंडस्ट्री ‘आइफा अवार्ड’ के लिए स्पेन में थी, तब अक्षय कुमार की तरफ से खबर फैलायी गयी कि अक्षय कुमार ने दिव्या कुमार खोसला की नई फिल्म के लिए 56 करोड़ रूपए मेहनताना लिया है. इस खबर के बाजार में आते ही हर किसी को आश्चर्य हुआ था. सूत्रों की माने तो टीसीरीज को जानने व समझने वालों को पता है कि टीसीरीज इतनी बड़ी रकम किसी को नहीं दे सकता.

मगर अब यह खबर गलत साबित हो चुकी है. दिव्या खोसला कुमार का संबंध टीसीरीज कंपनी से है. टीसीरीज के भूषण कुमार की पत्नी हैं दिव्या खोसला कुमार. वह टीसीरीज की एक निदेशक भी हैं. अब तक दिव्या खोसला कुमार ने ‘यारियां’ और ‘सनम रे’ जैसी फिल्में निर्देशित की हैं, जिन्हे टीरीज ने ही निर्मित किया था. अब सूत्रों से बातें सामने आ रही हैं, उसके अनुसार अक्षय कुमार और टीसीरीज के काफी अच्छे संबंध है. ‘बेबी’ सहित कुछ फिल्मे अक्षय कुमार टीसीरीज के साथ कर चुके हैं. इसलिए अक्षय कुमार को यकीन था कि वह जो भी खबर फैलाएंगे उसका टीसीरीज या दिव्या खोसला कुमार की तरफ से विरोध नहीं होगा.

लेकिन ‘आइफा अवार्ड’ से यानी कि स्पेन से वापस लौटते ही दिव्या खोसला कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होने बालीवुड के किसी भी स्टार को इतनी बड़ी रकम देकर साइन नहीं किया है. उन्होने यह भी कहा है कि इतनी बड़ी रकम देने की पेशकश भी नहीं की है. दिव्या खोसला कुमार का दावा है कि अभी तक उन्होने अपनी नई फिल्म की पटकथा ही तैयार नहीं की हैं. जब वह पटकथा लिख लेंगी, उसके बाद कलाकारों के चयन पर विचार करना शुरू करेंगी. दिव्या खोसला कुमार के इस स्पष्टीकरण से 56 करोड़ का सच सामने आ गया है.

रवि का आईसीसी की क्रिकेट समिति से इस्तीफा!

सुर्खियों में बने हुए टीम इंडिया के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री ने अब आईसीसी की क्रिकेट समिति से इस्तीफा दे दिया है. मीडिया प्रतिनिधि के रूप में पिछले छह साल से इस समिति के सदस्य शास्त्री ने अपना इस्तीफा भेज दिया है.

अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या बीसीसीआई द्वारा उन्हें नजरअंदाज कर अनिल कुंबले को टीम इंडिया का चीफ कोच नियुक्त किए जाने की वजह से उन्होंने ऐसा कदम उठाया है.

शास्त्री पिछले काफी समय से यह पद छोड़ने के बारे में सोच रहे थे और उन्होंने आइसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर को अपनी इच्छा से पहले ही अवगत करा दिया था.

आइसीसी और बीसीसीआई के अधिकांश अधिकारी इस समय इडिनबर्ग में आइसीसी की वार्षिक कॉन्फ्रेंस में व्यस्त हैं. इस वजह से शास्त्री द्वारा किस वजह से यह पद छोड़ा गया इसका पता नहीं चल पाया है.

बताया जाता है कि शास्त्री ने शशांक मनोहर को बता दिया है कि उन्होंने इस कमेटी में काफी समय बिता लिया है, इसलिए अब किसी और को उनकी जगह लिया जाना चाहिए.

इस समिति की आमतौर पर बैठक गर्मियों में होती है और पिछले कुछ समय से आइपीएल की समाप्ति के बाद इसकी बैठक होती रही है. आइपीएल के कमेंट्री अनुबंध की वजह से शास्त्री का इस बैठक में शामिल हो पाना मुश्किल होता है. इस वर्ष 2 और 3 जून को हुई बैठक में वे शामिल नहीं हो पाए थे.

बीसीसीआई ने पिछले दिनों पूर्व निदेशक शास्त्री की दावेदारी को दरकिनार कर अनिल कुंबले को टीम इंडिया का चीफ कोच नियुक्त किया था. इसके बाद शास्त्री ने यह बात कहकर क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली पर निशाना साधा था कि जब उनका इंटरव्यू हुआ था तो गांगुली उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे.

इसके बाद गांगुली ने भी उन पर पलटवार किया था और कई पूर्व क्रिकेटरों ने भी शास्त्री की आलोचना की थी.

क्या सचमुच हकीकत बन जायेगी टाइम मशीन?

टाइम मशीन यानी वो मशीन जिसमें बैठकर इंसान अपने अतीत और भविष्य का सफर कर सकता है. इस ख्याल को सुनकर ही आप चौंक जाएंगे. क्या वाकई ऐसा करना मुमकिन है. अमेरिकी प्रोफेसर रोनाल्ड मैले की बात मानें तो ये दूर की बात नहीं है.

एक ऐसी मशीन जिसमें बैठकर आप अपने वक्त को दगा दे सकेंगे और यही नहीं, ये मशीन अभी तक की साइंस और लोगों की सोच को एकदम बदल डालेगी. फिजिक्स के प्रोफेसर रोनाल्ड मैले का दावा है कि जल्द ही उसकी टाइम मशीन दुनिया के सामने होगी.

प्रोफेसर मैले टाइम मशीन के लिए रिंग लेजर टैक्नीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें लेजर किरणों का इस्तेमाल करके भूत, वर्तमान और भविष्य को मौजूदा स्थान और समय के जरिए बदलने की कोशिश की जा रही है.

प्रोफेसर मैले के महंगे प्रयोग को अंजाम तक पहुंचाने के लिए लाखों पौंड चाहिए और इतना पैसा कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी के पास नहीं हैं, इसलिए यूनिवर्सिटी ने शोध में मदद देने के लिए एक अकाउंट खोल दिया है. ताकि दुनिया भर के लोग उसमें इतना पैसा इकट्ठा कर दें कि टाइम मशीन बनाई जा सके. इस प्रोग्राम का नाम है स्पेस-टाइम ट्विस्टिंग बाय लाइट प्रोजेक्ट.

टाइम मशीन देखने में कैसी लगेगी. जिसमें बैठकर आप अपने समय के बाहर यात्रा करेंगे. इसकी एक तस्वीर एचजी वैल्स ने अपनी किताब में खींची है. जिसे बाद में हॉलीवुड की कई फिल्मों ने पर्दे पर उतारा.

डिजायनरों और वैज्ञानिकों ने इसके कई प्रोटोटाइप तैयार किए हैं और लगातार उन्हें बेहतर बनाने की कोशिशें चल रही हैं. टाइम मशीन को थ्रीडी ज्योमेट्री की मदद से तैयार किया जा रहा है.

इंसान के बैठने के लिए इसमें जरूरी आरामदायक जगह होगी. समय को आगे-पीछे करने के लिए किस तरह इसके पहिए काम करेंगे. इस पर पूरा ध्यान दिया गया है.

कंप्यूटर से तैयार किए गए सैकड़ों ऐसे मॉडलों को वैज्ञानिक परख रहे हैं, ताकि उनकी क्षमता का अंदाज लगाया जा सके. टाइम मशीन के जिन मॉडल्स को पहले तैयार किया गया था, उनमें लकड़ी का इस्तेमाल ज्यादा हुआ था. इसके बाद इनमें ग्लास का इस्तेमाल हुआ. अब जो मॉडल बन रहे हैं, वो बेहतरीन फाइबर और ग्लास का मिला-जुला रूप होंगे.

मशीन को ज्यादा से ज्यादा हल्का बनाने की कोशिश की जा रही है.हालांकि मशीन अंतरिक्ष में नहीं बल्कि समय में यात्रा करेगी. इसके चलने के तरीके पर खास ध्यान रखा गया है.

ये टाइम मशीन हमारे मौजूदा अंतरिक्ष यानों की तरह नहीं होगी.इसमें पहिए होंगे, लेकिन वो समय को आगे-पीछे करेंगे न कि मशीन को. इसे खड़ा करने के लिए इसके पैर होंगे जो किसी भी तरह की सतह पर मशीन को खड़ा करने में मददगार होंगे.  

28 साल बाद यहां होगा भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट

भारत और न्यूजीलैंड 8 से 12 अक्तूबर के बीच जब अपने जमाने के बेमिसाल बल्लेबाज सैयद मुश्ताक अली की जन्मभूमि पर पहली बार आयोजित किये जा रहे टेस्ट मैच में खेलने उतरेंगे. यह मैच इंदौर के होलकर स्टेडियम में दोनों टीमों के बीच 28 साल के लम्बे अंतराल के बाद दूसरा मुकाबला होगा.

हालांकि, इस बार खेल का प्रारूप बदला होगा और स्टेडियम भी अलग होगा. भारत और न्यूजीलैंड का इंदौर में एक ही बार आमना-सामना हुआ है. यह भिड़ंत नेहरू स्टेडियम में 15 दिसंबर 1988 को खेले गये वनडे मैच में हुई, जब दिलीप वेंगसरकर की अगुवाई वाली मेजबान टीम ने जॉन राइट की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड टीम को 53 रन से हराया था.

कृष्णमाचारी श्रीकांत ने इस मैच में अपनी गेंदबाजी से कमाल दिखाकर 32 रन देकर पांच विकेट लिये थे और वह तब भारत के पहले ऐसे गेंदबाज बने थे जिन्होंने दो वनडे मैचों में पांच या इससे अधिक विकेट लिये.

नेहरू स्टेडियम की हालत खराब होने के कारण इसमें वर्ष 2001 में अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन बंद कर दिया गया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुकाबले मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के होलकर स्टेडियम में खेले जाने लगे.

एमपीसीए के सचिव मिलिंद कनमड़ीकर ने बताया कि हालांकि भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच की मेजबानी का संकेत मिलने के बाद संघ ने पहले ही इस मुकाबले की तैयारियां शुरू कर दी थीं. लेकिन मैच का कार्यक्रम घोषित होने के बाद अब इन तैयारियों की रफ्तार बढ़ा दी गयी है.

वैसे करीब 27,000 दर्शकों की क्षमता वाला होलकर स्टेडियम भारतीय टीम के लिये बेहद भाग्यशाली रहा है. पिछले एक दशक में इस स्टेडियम में भारत ने चार एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और मेजबान टीम को चारों मुकाबलों में जीत हासिल हुई है.

इस स्टेडियम में पिछला एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 14 अक्तूबर 2015 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया था. इस मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 22 रन से पराजित किया था. यही वह मैदान है जिस पर वीरेंद्र सहवाग ने 8 दिसंबर 2011 को वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच में 219 रन की पारी खेलकर सचिन तेंदुलकर के वनडे में एक पारी में सर्वाधिक रन के तत्कालीन रिकॉर्ड को तोड़ा था.

सहवाग का रिकॉर्ड बाद में रोहित शर्मा ने अपने नाम कर दिया था. बीसीसीआई की गत नवंबर में आयोजित वाषिर्क साधारण सभा (एजीएम) में इंदौर के साथ पुणे, राजकोट, विशाखापट्टनम, धर्मशाला और रांची को टेस्ट केंद्र का दर्जा प्रदान किया गया था.

VIDEO: ‘रूस्तम’ का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज

बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की मोस्ट अवेटेड फिल्म रूस्तम का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज हो गया है. इस फिल्म में अक्षय कुमार नौसेना के अधिकारी रूस्तम पावरी की भूमिका निभा रहे हैं. इस ईमानदार ऑफिसर की देशभक्ति पर सवाल तब उठते हैं जब उस पर आरोप लगता है कि उसने एक शख्स का मर्डर कर दिया है.  जैसा कि जब पोस्टर रिलीज हुआ था तब उसपर लिखा था, ‘तीन शॉटस जिन्होंने देश को स्तब्ध कर दिया.’

अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए रूस्तम क्या करता है यही आपको फिल्म में देखने को मिलेगा. अब ये ऑफिसर गद्दार है, कातिल है या देशभक्त है इसका फैसला तो फिल्म देखने के बाद ही होगा.

यह पहली बार नहीं है जब अक्षय बचाव अधिकारी की भूमिका में हैं. इससे पहले वह ‘हॉलीडे: ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’ में सेना के अधिकारी की भूमिका में नजर आ चुके हैं. वहीं ‘एयरलिफ्ट’ और ‘गब्बर इज बैक’ में भी वह महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आए.

रूस्तम में इलियाना डीक्रूज और ईशा गुप्ता भी नजर आएंगी.

ट्रेलर देखने के बाद ऐसा लगता है कि ये फिल्म रितिक रोशन की फिल्म ‘मोहनजोदारो’ को कड़ी टक्कर देने वाली है. ये दोनों फिल्में एक ही दिन सिनेमाघरों में 12 अगस्त को रिलीज होने वाली हैं. अक्षय की ‘रूस्तम’ को टीनू सुरेश देसाई ने डायरेक्ट किया है तो वहीं रितिक की ‘मोहनजोदारो’ को आशुतोष गोवारिकर ने डायरेक्ट किया है. फैंस को दोनों ही फिल्मों का बेसब्री से इंतजार है. अब देखना ये होगा कि बाजी कौन मार ले जाता है.

फेसबुक ने रीडिजाइन किया ‘लाइक बटन’

फेसबुक अपने छोटे से नीले रंग के 'Like बटन' से लोगो हटा रहा है. सोशल मीडिया कंपनी का कहना है कि रिसर्च से पता चला है कि यूजर्स 'f' वाले लोगो के बजाय 'थम्स अप' वाले सिंबल पर ज्यादा क्लिक करते हैं.

कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, 'हमारा मानना था कि लाइक बटन पर लोग थम्स अप के आइकॉन को अच्छे ढंग से समझ सकेंगे. इसके लिए हमने टेस्ट लिए. नतीजा यह रहा कि थम्स अप वाले बटन्स से एंगेजमेंट बढ़ गया. इसलिए हम लाइक बटन से f लोगो हटाकर थम्स अप का आइकॉन लगा रहे हैं.'

इसके अलावा फेसबुक ने Share, follow और save to Facebook बटन भी रीडिजाइन किए हैं, मगर इनमें f लोगो बरकरार रखा गया है. फेसबुक को लगता है कि नए डिजाइन से ज्यादा क्लिक मिलेंगे. फेसबुक का कहना है कि लाइक बटन पर 30 फीसदी इम्प्रेशन अब मोबाइल डिवाइसेज से आ रहे हैं.

डिवेलपर्स अपनी वेबसाइट्स पर ये नए बटन लगा सकते हैं. जिन्होंने पहले वाले बटन डाले हैं, फेसबुक का कहना है कि आने वाले हफ्तों में वे अपने आप अपडेट हो जाएंगे.

कंपनी ने क्रोम ब्राउजर के लिए भी कुछ नए एक्सटेंशन जारी किए हैं, जिनसे Save और Share करने के लिए फेसबुक ओपन करने की जरूरत नहीं रहेगी. ये एक्सटेंशन क्रोम वेब स्टोर पर उपलब्ध हैं.

तो इन्होंने भी लगाया बैंकों को चूना

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट-2016 में कहा है कि बैंकों के जो डिफॉल्ट बढ़ रहे हैं उनके लिए बड़े और मझोले लेवल के कॉरपोरेट्स जिम्मेदार हैं. रिपोर्ट के अनुसार, बैंको का लोन डिफाल्ट 20 करोड़ रुपए से ज्यादा बढ़ा है.

आरबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बढ़ते डिफॉल्ट के कारण ही बैंकों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ रहा है. लोन डिफॉल्ट के लिए कॉरपोरेट्स जिम्मेदार हैं. रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा 20 से 50 करोड़ के लोन डिफॉल्ट जनवरी से दिसंबर 2015 के बीच हुए. इनकी हिस्सेदारी 6.2 प्रतिशत रही.

आरबीआई के अनुसार, लोन न चुका पाने की वजह से बड़े कॉरपोरेट्स की क्रेडिट क्वालिटी में भी गिरावट दर्ज की गई.

नहीं थम रहा गांगुली-शास्त्री घमासान

टीम इंडिया को अनिल कुंबले के रूप में नया हेड कोच तो मिल गया है. लेकिन कोच के चयन को लेकर दो पूर्व दिग्गजों में विवाद अभी भी जारी है. कोच के दावेदारों में शामिल रहे रवि शास्त्री और सलाहकार समिति के सदस्य सौरव गांगुली में छह दिन बाद भी बयानों की जंग चल रही है.

शास्त्री ने कहा था कि उनके इंटरव्यू के समय गांगुली वहां मौजूद नहीं थे. उनका यह रवैया अपमानजनक था. जवाब में गांगुली ने कहा- अगर उन्हें लग रहा है कि वे मेरे कारण कोच नहीं बने, तो वे मूर्खों को दुनिया में जी रहे हैं.

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर और पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी दो पूर्व कप्तानों रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच टीम के हेड कोच की नियुक्ति को लेकर चल रही जुबानी जंग को लेकर एक दूसरे अलग विचार रखते हैं. बेदी ने तो गांगुली पर सीधा हमला बोल दिया.

संजय मांजेरकर ने ट्वीट किया, ‘मुझे लगता है कि सौरव से अधिक रवि पद के लिए नहीं चुने जाने से खफा है. यह उनके लिए नया अनुभव है. बीसीसीआई ने कोच के रूप में बेहतर व्यक्ति को चुना.’

उधर बिशन सिंह बेदी ने शास्त्री का समर्थन करते हुए ट्वीट किया, ‘कोच पद के लिए नहीं चुने जाने के अलावा रवि शास्त्री का चयन प्रक्रिया पर नाराजगी जताना सही है जहां एक चयनकर्ता अनुपस्थित हो गया. वह बोर्ड से ऊपर तो नहीं है.’

इस मामले में कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. गुस्साये गांगुली ने शास्त्री पर जवाबी हमला बोला. उन्होंने इस पूर्व भारतीय ऑलरांडर की बैंकॉक में छुट्टियां मनाते हुए इंटरव्यू देने पर इस पद को लेकर उनकी गंभीरता को लेकर सवाल उठाये.

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गांगुली ने शास्त्री के इस सुझाव पर भड़क गये जिसमें उन्होंने कहा था कि अगली बार जब साक्षात्कार लिये जा रहे हों तो उन्हें उपस्थित होना चाहिए. गांगुली ने कहा, ‘‘इससे मुझे गुस्सा आया कि वह मुझे सलाह दे रहे हैं कि मुझे इस तरह की बैठकों में उपस्थित होना चाहिए. मैं पिछले कुछ समय से बीसीसीआई की बैठकों का हिस्सा रहा हूं और मैं हमेशा उनके लिये उपलब्ध रहा. रवि को मेरी सलाह है कि जब भारत के कोच और सबसे महत्वपूर्ण पद के लिये चयन हुआ तब उन्हें समिति के सामने होना चाहिए था ना कि बैकाक छुट्टियां मनाते हुए प्रस्तुति देनी चाहिए थी.’’

गांगुली ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यदि रवि शास्त्री को लगता है कि उनके भारतीय कोच नहीं बन पाने के लिये सौरव गांगुली जिम्मेदार हैं तो फिर वह गलतफहमी में जी रहे हैं.’’

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