भारत और न्यूजीलैंड 8 से 12 अक्तूबर के बीच जब अपने जमाने के बेमिसाल बल्लेबाज सैयद मुश्ताक अली की जन्मभूमि पर पहली बार आयोजित किये जा रहे टेस्ट मैच में खेलने उतरेंगे. यह मैच इंदौर के होलकर स्टेडियम में दोनों टीमों के बीच 28 साल के लम्बे अंतराल के बाद दूसरा मुकाबला होगा.

हालांकि, इस बार खेल का प्रारूप बदला होगा और स्टेडियम भी अलग होगा. भारत और न्यूजीलैंड का इंदौर में एक ही बार आमना-सामना हुआ है. यह भिड़ंत नेहरू स्टेडियम में 15 दिसंबर 1988 को खेले गये वनडे मैच में हुई, जब दिलीप वेंगसरकर की अगुवाई वाली मेजबान टीम ने जॉन राइट की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड टीम को 53 रन से हराया था.

कृष्णमाचारी श्रीकांत ने इस मैच में अपनी गेंदबाजी से कमाल दिखाकर 32 रन देकर पांच विकेट लिये थे और वह तब भारत के पहले ऐसे गेंदबाज बने थे जिन्होंने दो वनडे मैचों में पांच या इससे अधिक विकेट लिये.

नेहरू स्टेडियम की हालत खराब होने के कारण इसमें वर्ष 2001 में अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन बंद कर दिया गया था. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुकाबले मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के होलकर स्टेडियम में खेले जाने लगे.

एमपीसीए के सचिव मिलिंद कनमड़ीकर ने बताया कि हालांकि भारत-न्यूजीलैंड टेस्ट मैच की मेजबानी का संकेत मिलने के बाद संघ ने पहले ही इस मुकाबले की तैयारियां शुरू कर दी थीं. लेकिन मैच का कार्यक्रम घोषित होने के बाद अब इन तैयारियों की रफ्तार बढ़ा दी गयी है.

वैसे करीब 27,000 दर्शकों की क्षमता वाला होलकर स्टेडियम भारतीय टीम के लिये बेहद भाग्यशाली रहा है. पिछले एक दशक में इस स्टेडियम में भारत ने चार एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और मेजबान टीम को चारों मुकाबलों में जीत हासिल हुई है.

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