Download App

‘रुस्तम’ का टाइटल ट्रैक रिलीज

अक्षय कुमार की अगली फिल्म 'रुस्तम' का टाइटल ट्रैक रिलीज हो गया है. 'रुस्तम वही' नाम के इस गाने में अक्षय कुमार की रुस्तम पावरी के किरदार में पूरी जर्नी की झलक दिखाई गई है.

सस्पेंस और थ्र‍िल से भरपूर इस गाने में रुस्तम पावरी की जिंदगी के कई पहलूओं को दिखाया गया है. गाने में 1950 के दशक के लाइफस्टाइल की झलक भी दिखाई गई है. सुक्रिती कक्कड़ ने इस फास्ट ट्रैक को आवाज दी है. मनोज मुनताशिर ने इस गाने को लिखा है.

टीनू सुरेश देसाई के निर्देशन में बनी यह फिल्म केएम नानावटी बनाम महाराष्ट्र राज्य के केस पर आधारित है. इस फिल्म में अक्षय नेवी ऑफिसर की भूमिका में हैं. यह फिल्म रितिक रोशन स्टारर फिल्म 'मोहेन जोदाड़ो' के साथ 12 अगस्त को रिलीज होने जा रही है.

खुद हिस्ट्री में फेल होते थे आशुतोष गोवारिकर

जल्द अपनी आने वाली फिल्म 'Mohenjo Daro' को पर्दे पर उतारने के लिए तैयार जाने माने निर्देशक आशुतोष गोवारिकर के बारे में एक दिलचस्प बात सामने आई. बॉलीवुड में हिट हिस्टोरिकल फिल्में देने वालें आशुतोष गोवारिकर स्कूल के दिनों में हिस्ट्री सब्जेक्ट में फेल हो जाते थे.

हालांकि गोवारिकर अपने स्कूल के दिनों में भले ही हिस्ट्री में पास नहीं हुए हों, लेकिन बीते दिनों की अनकही कहानियां हमेशा से उन्हें आकर्षित करती रही हैं.  इतिहास के बैकग्राउंड पर बेस्ड अपनी आने वाली फिल्म मोहेन जोदारो के प्रमोशनल इवेंट में गोवारिकर ने संवाददाताओं को बताया, 'मुझे डेट्स कभी याद नहीं रहतीं. मैं हिस्ट्री के सब्जेक्ट में पास नहीं हुआ… मेरा ज्योग्रफी से भी कोई वास्ता नहीं. लेकिन, मुझे अनकही कहानियां लुभाती हैं. आशुतोष ने कहा, मोहन जोदारो और सिंधु घाटी सभ्यता का जिक्र करते हुए जो भी शहर या समाज है जिसे मैं जानता नहीं था. इसने मुझे उस काल की कहानी बयां करने के लिए आकर्षित किया.

अपनी पहली फिल्म 'लगान' से 52 साल के इस फिल्मकार ने हमेशा से ऐसे काल को दिखाना पसंद किया है जिनके बारे में इतिहास की किताबों में सिर्फ पढ़ा गया हो. 'जोधा अकबर' के बाद सिंधु घाटी सभ्यता के दौर को चित्रित करती मोहन जोदारो के लीड एक्टर रितिक रोशन के साथ उनकी दूसरी फिल्म है. उन्होंने कहा, वहां क्या कुछ हुआ होगा, किस तरह के लोग होंगे और कैसे वो रहते होंगे, इस बात में मेरी दिलचस्पी रही है. मुझे खुशी है मैंने यह फिल्म बनाई और मुझे उम्मीद है कि मैंने फिल्म के साथ न्याय किया है.

बाजार में छा गई चांदी की राखी

भाई और बहन के बीच प्रेम के त्यौहार रक्षाबंधन में राखी का बहुत महत्व होता है. कलाई में राखी को बांध कर रक्षाबंधन को सैलीब्रेट किया जाता है. राखी धागे से तैयार होती है. समय के साथ धागे से तैयार होने वाली राखी बदल गई है. अब सूती धागे के साथ रेशम के धागे से राखी तैयार होने लगी है. राखी अब सूत और रेशम के साथसाथ सोने और चांदी से भी तैयार होने लगी है.

सोने से बनने वाली राखी मंहगी होती है. ऐेसे में चांदी से बनने वाली राखी काफी पंसद की जाने लगी है. चांदी से तैयार होने वाली राखी 150 रूपये से लेकर 1000 रूपये तक में मिलती है. कुछ राखियां चांदी और सोने के पानी से तैयार की जाती है. इनकी कीमत 100 से लेकर 250 रूपये तक होती है. वैसे शौकीन लोगों के लिये आर्डर पर सोने चांदी और डायमंड से राखी तैयार की जाती है. इनकी कीमत 1 लाख तक होती है.

लखनऊ के चैक सर्राफा बाजार में विनोद ज्वेलर्स के मालिक विनोद माहेश्वरी का कहना है कि ग्राहकों को सबसे अधिक चांदी से तैयार राखी पंसद आती है. 4-5 साल पहले जब इस तरह की राखी का चलन शुरू हुआ था तब से अब तक उसकी मांग दिनोदिन बढ़ती जा रही है. चांदी की राखी के गिफ्ट पैक के साथ रोली, अक्षत जैसे जरूरी सामान भी रखे जाते है. अब लोग साधारण राखियों की जगह पर चांदी की राखी पंसद करने लगे है.

चांदी के ब्रेसलेट तो लोग पहले से ही पहनना पसंद करते हैं और अब राखी भी पसंद करने लगे है. इस बार राखी के त्यौहार के समय चांदी की राखियों की डिमांड ब-सजयने वाली है.ऐसे में राखियों के त्यौहार में डिजाइनर राखी का मजा लीजिये.

अरुणाचल बना केन्द्र सरकार के गले की फांस

कांग्रेस मुक्त भारत के अपने अभियान में सफल होने के लिये भारतीय जनता पार्टी ने जो हथकंडे खेले अब उसकी साख पर ही बट्टा लगा रहे हैं. उत्तराखंड और अरूणाचल प्रदेश में चुनी हुई कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने का जो काम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया अदालत ने उसको सही नहीं माना और वहां कांग्रेस की सरकारों को बहाल कर दिया.

केन्द्र सरकार के फैसले पर अदालत का निर्णय एक सबक जैसा है. देश के संविधान के हिसाब से काम न करने से सरकार केन्द्र सरकार अलोचना से घिर गई है.राजनीतिक रूप से उत्तराखंड और अरूणाचल बहुत महत्वपूर्ण भले न हो पर यहां मिली सफलता ने कांग्रेस को उठ खड़े होने की ताकत दे दी है.वह केन्द्र सरकार के विरोधी दलों के प्रति सौतेलेपन को मुद्दा बनाकर विपक्ष की लड़ाई का केन्द्र बिन्दू बन सकती है.

विपक्ष में रहते भाजपा जिस नैतिकता की बात करती थी सरकार में आते ही उसे तार-तार करके रख दिया है. 2 साल में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिया गया यह तीसरा बड़ा झटका है.

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र द्वारा नियुक्त राज्यपालों की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘राज्यपाल का कंडक्ट न सिर्फ निष्पक्ष होना चाहिये बल्कि निष्पक्ष दिखना भी चाहिये. उनको राजनीतिक दलों की लड़ाई से दूर रहना चाहिये.’

प्रदेशो में जबजब विरोधी दल की सरकार होती है राज्यपाल की भूमिका और कामकाज पर सवाल उठते हैं. उत्तर प्रदेश में राज्यपाल को लेकर सत्तापक्ष समाजवादी पार्टी के कुछ नेता नाराज रहते हैं. कई बार राज्यपाल पर आरएसएस का आदमी होने को आरोप तक लगाया जाता है. जब भाजपा सत्ता में थी तब वह दूसरे दलों पर ऐसे आरोप लगाती थी. सत्ता मे आकर वह भाजपा वही काम कर रही है जिसके लिये कभी वह कांग्रेस को कोसा करती थी.

अरूणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने दिल्ली में अरूणाचल भवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अरूणाचल प्रदेश की ही तरह यह उत्तराखंड में पहले ही हो चुका है.

उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सत्ता को दोबारा हासिल करने में सफलता पाई थी. इन फैसलों का प्रभाव भाजपा की इमेज पर पड़ा है. भाजपा इस बात को जानती समझती है.

पूरे देश में यह संदेश गया है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने संविधान के खिलाफ काम किया है.अदालत के फैसले के बाद केन्द्र सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है.संविधान के मुददे पर पार्टी इस तरह को जोखिम नहीं लेना चाहती थी.इसके बाद भी ऐसा हो गया जिससे केन्द्र सरकार को बचना चाहिये था.       

मोदी सरकार के रणनीतिकार द्वारा संवैधानिकता और राजनीतिक मर्यादा को ताक पर रखकर की जाने वाली इन योजनाओं के फेल होने पर सरकार पर सवालिया निशान लगने लगे हैं.

भाजपा संविधान की रक्षा की दुहाई देती थी पर सत्ता में आकर वह बदल चुकी है. केन्द्र और राज्य सरकार के बीच संबंधों को संविधान में पूरी तरह से समझाया गया है.केन्द्र सरकार अपने अधिकार का दुरूपयोग करके राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करती है. इससे तानाशाही की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है.  

‘रैकेट की रानी’ पर फिल्म, प्रेरक और लाजवाब होगी: शाहरुख

बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान ने टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की आत्मकथा ‘ऐस अगेन्स्ट ऑड्स' का विमोचन किया. उन्होंने इस अवसर पर पत्रकारों से कहा, ‘‘सही में मुझे लगता है कि हम अपनी लड़कियों के प्रति जितना अधिक प्यार दिखाएंगे, अपनी महिलाओं के प्रति जितना प्यार और सम्मान दिखाएंगे, हमें सानिया जैसी कई विश्वस्तरीय उपलब्धियां देखने को मिलेंगी. इस दुनिया में महिलाओं की तुलना में किसी ने भी बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं की है.' शाहरुख ने कहा, वह (सानिया) ‘रैकेट की रानी’ है.

सानिया ने हमारे देश को गौरवान्वित किया है. हम पीटी उषा, मेरी कॉम और सानिया मिर्जा जैसे लोगों को याद करते हैं जिनसे प्रेरणा लेकर कई लड़कों और लड़कियों ने खेलों को पेशेवर कॅरियर के तौर पर अपनाया और हमारे देश का मान बढ़ाया.

इस अवसर पर सानिया ने कहा, ‘‘मैंने केवल इतना किया कि उनसे (शाहरुख) कहा कि क्या आप मेरी जिंदगी के अहम हिस्से का विमोचन कर सकते हो. मेरे बस इतने कहने पर वो यहां आ गए.'

उन्होंने कहा, ईश्वर की कृपा से मेरा कॅरियर लंबा रहा. कोर्ट के अंदर और बाहर मनोरंजक कॅरियर रहा. मुझे खुशी है कि मैं इसे पेश करने में सफल रही.

इस किताब में सानिया की महिला युगल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनने की यात्रा तथा अपना सपना साकार करने के लिये उन्होंने जिन चुनौतियों का सामना किया उनका वर्णन है. हार्पर कालिन्स किताब का प्रकाशक है और यह देश के प्रमुख बुकस्टोर पर उपलब्ध है.

सानिया पर फिल्म, बहुत प्रेरक और लाजवाब होगी

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान का मानना है कि टेनिस स्टार सानिया मिर्जा पर बनने वाली कोई भी फिल्म प्रेरक होगी. और वह चाहेंगे कि इस तरह की फिल्म का निर्माण वह करें.

अभिनेता ने हैदराबाद में ‘एस अगेंस्ट ऑड्स’ शीषर्क वाली सानिया की आत्मकथा के औपचारिक विमोचन के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘जब भी सानिया पर फिल्म बनेगी, मुझे लगता है कि वह बहुत प्रेरक और लाजवाब होगी.’

 हल्के फुल्के अंदाज में शाहरूख ने कहा, ‘और.. मैं नहीं जानता.. आप उन्हीं से पूछें कि क्या वह मुझे उनके प्रेमी की भूमिका अदा करने की इजाजत देंगी. लेकिन, निश्चित तौर पर मैं इस फिल्म का निर्माण करूंगा.’

शाहरूख ने यह उम्मीद जताई कि भारतीय खेलों पर आधारित फिल्में जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम होंगी.

लिंक्डइन पर यूं ही न करें ऑफर एक्सेप्ट

लिंक्डइन पर किसी भी प्रोफेशनल के सैकड़ों दोस्त हो जाते हैं. यहां पर किसी से भी कनेक्ट होने के रिक्वेस्ट को मान लेना बड़ी आम बात है. लिंक्डइन पर ज्यादातर लोगों को जो भी मैसेज किया जाता है वो काम से जुड़ा होता है इसलिए कई लोग प्रोफेशनल दोस्त बनाने से नहीं हिचकिचाते हैं.

लेकिन किसी के भी ऐसे रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लेना क्या ठीक है. ईमेल, ट्विटर या फेसबुक पर आपको नौकरी के लिए अगर कोई कनेक्ट करेगा तो आप सावधान हो जाएंगे. लेकिन लिंक्डइन पर लोग ऐसे सावधान नहीं होते हैं और किसी भी नौकरी से जुड़े ईमेल को पढ़ना बहुत ही आम बात है.

लेकिन लिंक्डइन पर स्पैम और वायरस का कोई भी शिकार हो सकता है. यहां पर आपके काम और पढ़ाई के बारे में, ईमेल और भी काफी कुछ जानकारी मिल जाती है. पढ़ाई हो या अलग अलग जगह नौकरी, इन सभी के बारे में अक्सर तारीख के साथ जानकारी दी होती ही. ऐसी जानकारी किसी के लिए लिंक्डइन पर देना आम बात है इसलिए थोड़ा सावधानी बरतना बहुत जरूरी है.

प्रोफाइल असली नहीं

लिंक्डइन पर कनेक्ट करने के पहले किसी के भी प्रोफाइल को जरा ध्यान से देखिये. अगर उसमें ऐसा कुछ भी दिख रहा है जिसपर विश्वास करना मुश्किल है तो उससे नहीं कनेक्ट करना बढ़िया होगा. अगर किसी के प्रोफाइल में ढेर साली स्पेलिंग की गलतियां हैं तो उससे भी कनेक्ट नहीं कीजिये. हो सकता है कि वो प्रोफाइल असली नहीं हो.

अगर कोई आपसे कनेक्ट करते ही आपके ईमेल के बारे में पूछता है तो थोड़ा सावधान हो जाइए क्योंकि किसी भी हैकर के लिए वो पहला कदम होता है. उसके नाम और कंपनी के नाम के बारे में एक बार गूगल सर्च कर लीजिए ताकि जिससे आप बात कर रहे हैं वो कोई गलत काम करने की ताक में नहीं हो. एक बार उस आदमी के दूसरे सोशल नेटवर्क पर प्रोफाइल चेक कर लेने में कोई हर्ज नहीं है.

प्रोफाइल को देखने से रोकें

लिंक्डइन पर अपने प्राइवेसी टैब में बदलाव करने के बाद कुछ लोगों को अपने प्रोफाइल को देखने से रोक सकते हैं. किसी को भी अपने बारे में बिना किसी वजह के जानकारी नहीं दीजिये. अगर जानकारी मांगी जाए तो उसे सिर्फ उनके ऑफिस के ईमेल पर ऐसी जानकारी देनी चाहिए. वैसे भी, कोई भी कंपनी अगर आपसे जानकारी चाहेगी तो पहले वो आपके लिंक्डइन प्रोफाइल को देखकर आपके बारे में जानकारी तैयार कर लेगी.

लिंक्डइन दुनिया का सबसे बड़ा ऑनलाइन प्रोफेशनल नेटवर्क है और इसीलिए हैकरों की दुनिया में कई लोग इसपर नजर रखते हैं. 2012 में लिंक्डइन के लाखों सब्सक्राइबर की जानकारी किसी हैकर ग्रुप के हाथों लग गयी थी.

उसका असर ऐसा हुआ है कि चंद महीने पहले एक बार फिर उसका खतरा फैल गया था और लिंक्डइन ने अपने सभी सब्सक्राइबर को पासवर्ड बदलने को कहा था. लिंक्डइन पर अपने बारे में जानकारी की सुरक्षा के बारे में ये वीडियो आप देख सकते हैं.

पुराना स्मार्टफोन भी आ सकता है आपके काम

पुराने स्मार्टफोन को घर के लिए सिक्योरिटी कैमरा बना सकते हैं. ये तो आपने सुना और पढ़ा होगा. ऐसा करना बहुत आसान है और घर के लिए वो काम की चीज होती है. लेकिन पुराने स्मार्टफोन को कई और काम में लाया जा सकता है.

सिक्योरिटी कैमरा और घर के डिवाइस के मीडिया कंट्रोलर के अलावा ये  स्मार्टफोन  कई और काम आ सकते हैं.

– किसी भी नए ऐप को परखने के पहले पुराने  स्मार्टफोन  पर डाउनलोड करना समझदारी का काम होगा. पुराने  स्मार्टफोन  में उन्हें डाउनलोड करके कुछ दिन इस्तेमाल करके देख लीजिए कि वो आपके काम की चीज है कि नहीं.

– घर पर ऐसे  स्मार्टफोन  को रखकर उसे वीडियो चैट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बस गूगल हैंगऑउट,स्काइप या कई और ऐप में से कोई एक डाउनलोड कर लीजिए.

– ऑफिस के डेस्क पर पुराने  स्मार्टफोन  में अगर अर्थकैम डाउनलोड करके कनेक्ट कर दें तो दिन भर नए और नायाब तस्वीरें देखने को मिलेंगी. अगर आपके इलाके में पब्लिक कैमरे लगे हैं तो उनसे घर निकलने के पहले ट्रैफिक पर भी एक नजर डाल सकते हैं.

यूं भी हो सकता है इस्तेमाल

– स्मार्टफोन  आपके लिए पुराना हो गया हो लेकिन बच्चों के लिए फिर भी वो बहुत काम की चीज है. एंड्रायड 4.3 या उसके बाद के ऑपरेटिंग सिस्टम पर आप बच्चों के लिए अलग प्रोफाइल बना कर रख सकते हैं. उनके लिए ऐप डाउनलोड करके उनके खेलने या कुछ सीखने का इंतजाम कर सकते हैं. अगर बच्चों के टैबलेट या  स्मार्टफोन  पर समय को सीमित करना चाहते हैं तो उसके लिए जूडल्स किड मोड डाउनलोड कर सकते हैं.

– गेमिंग के शौकीनों के लिए पुराने  स्मार्टफोन  पर वीडियो गेम खेलना शायद बहुत बढ़िया नहीं होगा. लेकिन कई ऐसे गेम हैं जिनके लिए आपको बढ़िया प्रोसेसर और ढेर साड़ी स्टोरेज स्पेस नहीं चाहिए. अगर रेसिंग या स्ट्रेटेजी वाले गेम खेलने हैं जिनमें ग्राफिक्स और वीडियो काफी होता है तो ऐसे गेम के लिए ये  स्मार्टफोन  ठीक नहीं होंगे. लेकिन कई और गेम के लिए ये सबसे बढ़िया डिवाइस हैं.

– अगर टैबलेट पुराना हो गया है तो उसे किसी भी डिजिटल फोटो फ्रेम की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. डेफ्रेम नाम के ऐप को डाउनलोड कर लीजिए और उसके बाद अपने सभी फोटो को उस पर पर लोड कर दीजिए. अगर अपने फ्लिकर या इंस्टाग्राम अकाउंट से चाहें तो उससे भी अपने फोटो को इस पर स्ट्रीम कर सकते हैं.

है कोई दिक्कत तो भगवान को करो कॉल

अगर अब भारतीय क्रिकेट टीम का कोई खिलाड़ी मुश्किल में फंसता है या फिर किसी भी तरह की  जरूरत पड़ने पर वह सीधे क्रिकेट के भगवान से बात कर सकता है. खास बात ये है कि खिलाड़ियों ने इस सीक्रेट कॉ़लिंग का राज खुद नहीं खोला है बल्कि ये बात खुद मास्टर ब्लास्टर ने बताई है.

सचिन तेंदुलकर भले ही टीम का हिस्सा ना हो लेकिन उनका अनुभव और उनकी सीख टीम इंडिया के काम आ रही है. उन्होंने कहा कि मैं टीम के खिलाड़ियों के लिए बड़े भाई की तरह हूं. मैंने उन्हें अपने फोन नंबर दिए है और मुझे काफी फोन भी आते है. साथ ही जो लोग मझे फोन करते हैं इसे लेकर हम बाहर बात नहीं करते हैं.

वहीं नई दिशा में बढ़ रही टीम इंडिया को भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब गेंदबाज अनिल कुंबले जैसे खिलाड़ी का साथ हेड कोच के तौर पर मिला है तो दूसरी तरफ क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर पर्दे के पीछे एक तरह से बैटिंग कोच की भूमिका भी निभाते रहेंगे.

कुंबले को लेकर सचिन का कहना है कि उनके पुराने साथी अनिल कुंबले भी कोच के तौर पर अपनी पहली सीरीज में कामयाबी हासिल करेंगे. सचिन ने कहा कि मैंने कुंबले के साथ क्रिकेट खेला है तो मुझे अच्छे से पता है कि वो क्या सोचते हैं और वो मैच से पहले कैसे तैयार होते हैं.

तेंदुलकर का मानना है कि मौजूदा भारतीय टीम को कुंबले जैसे शख्सियत की मौजूदगी से काफी फायदा होगा. उसकी वजह है कि जिस अंदाज में कुंबले ने अपनी क्रिकेट पारी खेली और असाधारण कामयाबी हासिल की. उस फॉर्मूले को अपनाना किसी के लिए भी मुश्किल नहीं होगा.

इंडियाबुल्स ग्रुप पर आईटी की कड़ी कार्रवाई

इंडियाबुल्स ग्रुप पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का बड़ा छापा पड़ा है. देशभर में ग्रुप के प्रमोटरों और दफ्तरों पर आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं. खबरों के मुताबिक, अलग-अलग जगहों पर जारी छापों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के करीब 1000 अधिकारी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि ग्रुप के प्रमोटरों के बीच हुए बंटवारे को लेकर गड़बड़ियां सामने आई हैं. इसी वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे पड़ रहे हैं.

गौरतलब है कि इंडियाबुल्स देश का बड़ा बिजनस हाउस है जो रियल एस्टेट, फाइनैंशल सर्विसेज, सिक्यॉरिटीज और पावर सेक्टर में काम करता है. जुलाई 2014 में ग्रुप के प्रमोटरों ने कंपनी को रीस्ट्रक्चर करने के लिए इसमें बंटवारे का फैसला लिया था. प्रमोटरों का यह फैसला कंपनी खड़ा करने के लिए साथ आने के 14 साल बाद आया था.

रीस्ट्रक्चरिंग के तहत चेयरमैन और को-फाउंडर समीर गहलौत का हाउजिंग फाइनैंस, रियल एस्टेट, सिक्यॉरिटीज और होलसेल ट्रेडिंग बिजनस पर नियंत्रण रहा. इस तरह गहलौत के हाथों में इंडियाबुल्स हाउजिंग फाइनैंस लिमिटेड, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट लि., इंडियाबुल्स सिक्यॉरिटीज लि. और इंडियाबुल्स होलसेल सर्विसेज लि. का संचालन आ गया था.

तो 90% तक घट जायेंगे आपके डेटा कॉस्ट

दूरसंचार नियामक ट्राई ने आज गैर-दूरसंचार कंपनियों द्वारा सार्वजनिक वाई-फाई लगाए जाने की अनुमति देने पर लोगों के विचार मांगे हैं. ट्राई ने कहा है कि इस तरह के सस्ते वाई-फाई ढांचे से इंटरनेट की कीमतों में 90 फीसदी तक की कमी आ सकती है और तेज गति की इंटरनेट सुविधा भी मिलेगी.

सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्कों के माध्यम से ब्राडबैंड प्रसार पर अपने एक परिचर्चा पत्र में ट्राई ने कहा है कि सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का अर्थ वृहद है और इसका आशय लाइसेंस धारी सेवा प्रदाताओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई हॉटस्पॉट बनाए जाने तक सीमित नहीं है. इसमें ऐसे छोटे उद्यमी या कोई बेहद छोटी संस्था भी शामिल हो सकती है जो लोगों के साझा प्रयोग के लिए वाई-फाई नेटवर्क का विस्तार करने में भागीदारी कर सकती है. नियामक ने इस संबंध में लोगों से 10 अगस्त तक अपने विचार साझा करने को कहा है.

दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओआईए ने ट्राई के समान स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के प्रस्ताव का समर्थन किया है. संगठन का कहना है कि सरकार को ट्राई के समान स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के सुझाव पर अमल करना चाहिए या अगर अंतरिम भारांश वाले औसत फार्मूले को अपनाने का फैसला करती है तो उसे इस संबंध में स्पष्ट समय सीमा तय करनी चाहिए.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें