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राजश्री परिवार में बिखराव

ताराचंद बड़जात्या ने 15 अगस्त, 1947 के दिन बड़े जतन के साथ ‘राजश्री प्रोडक्शन’ की शुरुआत की थी. उन की मौजूदगी में ही उन के बेटे राजकुमार बड़जात्या, कमल कुमार बड़जात्या, अजीत कुमार बड़जात्या भी इस कंपनी के साथ फिल्म बिजनैस में लग गए. फिर ताराचंद बड़जात्या के पोते व पोतियां भी इस कंपनी के साथ जुड़ गए. लेकिन इन दिनों बौलीवुड में इस परिवार के अंदर विघटन की खबरें काफी गरम हैं. सूरज बड़जात्या और कविता बड़जात्या के बीच रचनात्मक मतभेद काफी बढ़ चुके हैं. दोनों ने अलगअलग राह पकड़ ली है. हालांकि परिवार इन अफवाहों को नकार रहा है.

लंबी उम्र का राज

जिस का डर था वही बात हो गई. हम न कहते थे कि ऐसे बदनउघाड़ु व सनसनीखेज करतब चुपचाप देखते रहो और आंखें तर करते रहो, ज्यादा होहल्ला न करो. मगर कुछ सिरफिरों ने पुलिस के पास गुहार की थी कि एक कोल्ड डिंरक ब्रैंड के प्रोमोशन के सिलसिले में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नायिका ने बेहद कम व उत्तेजक कपड़ों में और बहुत ही अश्लील मुद्राएं बनाते हुए यह नृत्य आइटम नंबर पेश किया था. ग्लैमरस और बिंदास छवि के बलबूते पर अपनी पहचान बनाने वाली नायिका इन दिनों बहुत गहरे सदमे में है. डिप्रैशन के दौर से गुजरते हुए उस ने ऐलान कर दिया है कि वह अब साड़ी पहन कर स्टेज शो किया करेगी.

अरे मियां, कोल्ड  ड्रिंक को लोकप्रिय बनाने के लिए क्या रामायण का पाठ करवाया जाता. ऐसे बिंदास गाने सुन कर ही तो लोग मस्ती में झूमझूम कर  ड्रिंक का आनंद उठाते हैं. देख नहीं रहे कि जब से टीवी पर सैक्स बढ़ा है तो देखने वालों की संख्या भी बढ़ी है. अध्यात्म वाले कार्यक्रम भी बहुत आते हैं और चटपटे कार्यक्रमों की भी भरमार है कि परिवार के साथ बैठ कर टीवी देखना मुश्किल होता जा रहा है. अब भारतीय पुलिस इतनी अनाड़ी भी नहीं कि शीलअश्लील का भेद न समझे. पुलिस ने अश्लील डांस करने का मामला दर्ज तो किया और साथ ही हीरोइन साहिबा को तलब किया. जनता को कुछ तो मीठी गोली देनी ही थी न. पुलिस जानती है कि अंदर से सभी चाहते हैं कि ऐसे कार्यक्रम खूब चलते रहें मगर बाहर से नैतिकता का मुलम्मा चढ़ाना भी जरूरी है.

नायिका ने कहा कि शो के दौरान उस ने एक लंबी स्कर्ट पहनी हुई थी जो पारदर्शी थी और उस का डांस भी शालीन था. पुलिस को यकीन आ गया और उस ने नायिका को चेतावनी दे कर छोड़ दिया. यह किस्सा है कोल्हापुर का मगर नांदेड़ में नायिका का डांस देखने वाली भीड़ पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. यही कारण है कि औरंगाबाद में शो को रोक दिया गया है. अब नायिका का कहना है, ‘नासिक में स्टेज पर लोग मुझे साड़ी में देखेंगे. साड़ी में भी मैं खूबसूरत ही दिखूंगी. यह उन लोगों के लिए सबक है जो समझते हैं कि मैं सिर्फ तंग और कम कपड़ों में ही अच्छी लगती हूं या स्टेज पर जा सकती हूं. अब लोग मुझे देख कर खुद ही अपने कपड़े फाड़ने लगें तो मैं क्या करूं?’

गालिब ने कितनी बेताबी से दिल पर हाथ रख कर कहा था, ‘हाय उस चार गिरह कपड़े की किस्मत गालिब, जिस की किस्मत में हो महबूब का गिरेबां होना.’ तब माशूक के गिरेबान में झांकने के लिए कितना सब्र करना पड़ता था. इतना ढांप कर रखती थी महिलाएं अपनेआप को कि तंग आ कर भरी जवानी में ही संन्यास लेने का मन करता होगा. अब वक्त ने करवट बदली थी. फैशन के नाम पर ही सही, औरतें कुछ बिंदास लहजे में आई ही थीं कि नैतिकता का मामला खड़ा हो गया. समाज को आगे बढ़ने दो मियां. फैशन शो के दौरान मौडलों के वस्त्र फिसलने की बढ़ती तथाकथित शर्मनाक घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए केंद्र सरकार कड़े कदम उठाने पर विचार कर रही है. इस के तहत फैशन मौडलों के लिए रैंप पर शो के दौरान अंडरगारमैंट आदि पहनने की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाएगी. सरकारी अफसरमौडलों को पहले चैक करेंगे और उस के बाद वे रैंप पर उतारी जाएंगी. केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय इस बाबत प्राप्त सुझावों पर विचार कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके. बहुत से लोगों को पता ही होगा कि फैशन वीक के दौरान रैंप पर मौडल के कपड़े फिसलने से खासा विवाद खड़ा हो गया था.

राज्यसभा में नैशनल फैशन टैक्नोलौजी इंस्ट्टियूट विधेयक पर चर्चा के दौरान फैशन शो में मौडलों के कपड़े फिसलने का मामला जोरशोर से उठा. सदस्यों का मत था कि ऐसा जानबूझ कर किया गया ताकि फैशन शो पब्लिसिटी हासिल कर सके. सब का एकमत था कि इस पर रोक लगनी चाहिए. एक सदस्य ने भोलेपन से कहा कि उस ने कई ऐसे फैशन शो देखे हैं और कई शो वाकई अच्छे भी हैं. कुछ सदस्य बोले कि चिंता की बात तो यह है कि आज के डिजाइनर जो परिधान तैयार कर रहे हैं उन में कपड़ों का आकार घटता जा रहा है. सदन के बुजुर्ग सदस्य इस बात पर एकमत थे कि डिजाइनरों को ऐसे सुझाव दिए जाएं कि वे ऐसे परिधान तैयार करें जिस में कपड़ों की खपत अधिक हो. गालिब चचा ने कहा था, ‘चंद तसवीरें बुतां, चंद हसीनों के खतूत, बाद मरने के ये सामान मेरे घर से निकला.’ उन दिनों छापाखाना इतना विकसित नहीं हुआ था कि हसीनों के बडे़ स्केल पर सुंदर चित्र उपलब्ध होते. तभी तो गालिब साहब इतनी लंबी उम्र जी कर हसीन महिलाओं की चंद तसवीरें ही जमा कर पाए.

च्यवनऋषि से ले कर हकीम लुकमान तक हार गए मगर लंबी उम्र जीने का राज एक राज ही बना रहा. अखबार की ताजा खबर है कि आखिर लंबी उम्र जीने का राज पता चल ही गया. दुनियाभर के वैज्ञानिक भले ही लंबी उम्र का राज ढूंढ़ने में दिनरात जुटे हुए हैं मगर चीन के 94 वर्षीय हुआंग चुनेई की मानें तो सुंदर महिलाओं की तसवीरें देखने से लोगों की आयु बढ़ सकती है. इन महाशय का कहना है कि हर रोज आकर्षक महिलाओं की कामुक तसवीरें देखने से उन की उम्र लंबी हो गई है. आज से 20 साल पहले हुआंग बाबू नौकरी से रिटायर हुए थे. अब कोई खास काम तो था नहीं. अच्छीखासी पैंशन मिलती थी. उन्होंने सुंदर महिलाओं की तसवीरें एकत्र करनी शुरू कर दीं. उन का कहना है कि उन के पास आकर्षक महिलाओं की 1 लाख से ज्यादा तसवीरें हैं जो अपनेआप में एक रिकौर्ड है. मनोवैज्ञानिक उन्हें रोगी कह सकते हैं मगर इन तसवीरों को देख कर उन्हें अजीब किस्म का नशा हो जाता है. हर रोज हुआंग साहब घंटों इन तसवीरों को देखते हैं. इस से उन की देखने और सुनने की क्षमता जस की तस बनी हुई है.

उन की पसंदीदा महिलाओं में ताइवान की मशहूर मौडल लिन और हौलीवुड की सैक्सी ऐक्ट्रैस कैमरून डियाज हैं. बौलीवुड की सैक्स क्वीन मल्लिका शेरावत की हसीन तसवीर उन की एलबम में नहीं है, इस का उन्हें अफसोस है. हुआंग चुनेई अगर भारत में यह राज खोलते तो उन के बेटों को शर्म आती और वे बयान देते कि बूढ़ा इस उम्र में सनकी और ठरकी हो गया है. मगर चीन में हुआंग के बेटों को अपने आशिकमिजाज पिता पर नाज है जो देर रात तक दिलकश महिलाओं की तसवीरों की कटिंग करते रहते हैं. किसी बड़े फिल्मी समारोह के दौरान वे सबकुछ भूल कर टैलीविजन से चिपक जाते हैं. हुआंग का कहना है कि उन के बाद उन के बेटे और पोते इन तसवीरों को देखेंगे. अभी हाल में एक इंटरनैट कंपनी ने यह राज खोला है कि इंटरनैट के प्रयोग में भारत के लोग केवल सैक्सी साइट्स ही खंगालते हैं जबकि विदेशी अध्यात्म से संबंधित सामग्री इंटरनैट पर ढूंढ़ते हैं.

बाहर के लोग सैक्स से उकता चुके हैं जबकि दक्षिण एशिया के लोगों को हसीन नजारे देखने का मौका अभीअभी ही मिला है. हुआंग इस हसीन शौक के अकेले रसिया नहीं हैं. उन के करोड़ों हमखयाल भारत में बसते हैं.

दिन दहाड़े

मैं अपनी कुछ सहकर्मियों के साथ एक सैमिनार में भाग लेने के लिए मुंबई जा रही थी. हम 4 महिलाएं एक ही डब्बे में थीं. दोपहर के समय हम सब गपशप में व्यस्त थीं, तभी एक साधारण सी दिखने वाली महिला बैग लिए अपने 2 बच्चों के साथ हमारे डब्बे में आई और बैठने के लिए थोड़ा सा स्थान मांगने लगी. हम सब को बच्चों पर दया आ गई और उसे ऊपर वाली सीट पर जाने का संकेत कर दिया और फिर बातों में व्यस्त हो गईं. 2 स्टेशन बाद वह महिला कुछ बुदबुदाई और नमस्कार कर के चली गई. रात को जब मैं अपने ऊपर वाली सीट पर गई तो देखा ऊपर रखे मेरे बैग से एक चादर व कुछ नकदी जो मैं ने खरीदारी के लिए अलग रखी थी, गायब थीं. हम दिनदहाड़े ठगी जा चुकी थीं.

नीलू चोपड़ा, जनकपुरी (न.दि.)

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मेरे बेटे ने एक मौल से पैंट का कपड़ा खरीदा और दर्जी के पास सिलाने ले गया. दर्जी ने कपड़ा देखा और उस से पूछा, ‘‘कितने का खरीदा और कहां से?’’ बेटे ने जब बताया तो दर्जी कहने लगा, हमारे पास भी पैंट के ब्रैंडेड कपड़े हैं और सस्ते भी. बेटे ने कपड़ा देखा तो उसे अच्छा लगा और अगले दिन मुझे उस के पास ले गया. मुझे भी कपड़ा अच्छा लगा लेकिन तभी मुझे ध्यान आया कि ब्रैंडेड कपड़े पर कंपनी का नाम हर मीटर के बाद किनारे पर छपा होता है. दर्जी से जब मैं ने यह बात कही तो बोला, ‘‘हां, होता है लेकिन मेरे पास वैसा नहीं है.’’ हम ने न उस से कपड़ा खरीदा और न ही उसे सिलने के लिए दिया. इस तरह हम ठगतेठगते बचे.

गिरिजा शंकर प्रसाद, ग्रेटर नोएडा (उ.प्र.)

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मैं अपनी कार से पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) अपने घर वापस जा रहा था. गाड़ी ड्राइवर चला रहा था. कार फतेहगढ़ साहिब से जब चली थी तो रात के 10 बजे थे. अभी हम बस्सी के समीप पहुंचने वाले थे कि 2 व्यक्ति मोटरसाइकिल से हमारी गाड़ी के पीछे लग गए. रास्ता बिलकुल सुनसान था. एक व्यक्ति ने पुलिस की वरदी पहनी थी. दूसरा सादे कपड़ों में था. दोनों ही नशे में धुत थे. वे दोनों हमारे ड्राइवर से गाड़ी के कागज दिखाने को कह रहे थे. ड्राइवर ने उन से कहा कि वे भले चालान कर दें, लेकिन वह गाड़ी के कागज नहीं दिखाएगा. जैसे ही हमारी कार बस्सी के पास पहुंची उन दोनों व्यक्तियों का कहीं अतापता नहीं था. हम फर्जी पुलिस वाले के हाथों से लुटने से बच गए थे.

प्रदीप गुप्ता, बिलासपुर (हि.प्र.)

बच्चों के मुख से

एक कार्यक्रम में मैं अपने 7 वर्षीय पौत्र के साथ गया था. कार्यक्रम में हर एक को 2-2 पंक्तियां किसी भी गीत की गानी थीं. एक सज्जन जो गाना नहीं चाहते थे, आयोजकों की काफी मिन्नतों के बाद बोले, ‘‘मेरा गला लगा हुआ है.’’

यह सुन मेरा पौत्र उठा और हर कुरसी के पीछे जा कर बड़े ही गौर से देखने लगा. जब उस की यह प्रक्रिया समाप्त हुई, मैं ने पूछा, ‘‘बेटा, क्या कर रहे थे?’’ वह बोला ‘‘बाबा, सब लोग झूठ बोल रहे हैं.’’ मैं ने पूछा, ‘‘वह कैसे?’’ वह बोला, ‘‘मैं ने हर अंकल की कुरसी के पीछे जा कर गौर से देखा कि सब अंकल लोगों के गले लगे हैं. किसी का भी गला कटा नहीं है.’’ उस की यह बात सुन पूरे उत्सव का रंग ही बदल गया.

डा. ओ पी गुप्ता, सागर (म.प.)

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मेरी 5 वर्षीय नवासी श्रेया अपना काम निकालने में चतुर है. एक दिन उसे अपने हाथों में मेहंदी लगवाने की इच्छा हुई. घर पर किसी ने उस के हाथ में मेहंदी नहीं लगाई तो वह हमारी पड़ोसिन के पास गई, बोली, ‘‘मेरे हाथों में मेहंदी लगा दीजिए.’’

‘‘बाद में लगा दूंगी,’’ पड़ोसिन ने कहा, ‘‘अब दोपहर में गरमी के कारण नींद आ रही है.’’ श्रेया ने कुछ देर में बहाना सोचा, फिर मीठे स्वर में कहा, ‘‘1-2 दिन में मेरे पापा की शादी है.’’ पड़ोसिन हंस पड़ी और उस ने उसी समय उस के मेहंदी लगा दी. पड़ोसिन ने सारी बातें दूसरे दिन हमें बताईं तो सब हंस पड़े. श्रेया के मम्मीपापा भी हंस रहे थे.

प्रेम प्रकाश ‘विद्रोही’, अलवर (राज.)

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मैं कैलिफोर्निया में रह रहे अपने बेटे के यहां गया था. मेरा 10 साल का पोता बड़ा बातूनी है. उसे खाने में ज्यादातर फास्टफूड ही पसंद है. वह फल खाने से कतराता है. जबकि कैलिफोर्निया के अधिकांश घरों में सेब और नारंगी के पेड़ भी लगे हुए थे. मेरी बहू उसे बारबार सेब खाने को कहती और समझाती, ‘डाक्टर से दूर रहना है तो एक सेब रोज खाओ.’ उस ने भी अपनी मां से कहा, ‘‘तभी मार्था आंटी के यहां से डाक्टर अंकल चले गए क्योंकि उन के पेड़ में काफी सेब फलते हैं.’’

यह सुन कर हम सभी हंसने लगे थे. दरअसल, उन की पड़ोसिन का नाम था मार्था जिन का अपने डाक्टर पति से हाल में ही तलाक हो चुका था और वे अकेले ही रह रहीं थीं.

श्रीप्रकाश, बोकारो (झारखंड

नरगिस फाखरी झूठ बोलकर किसे धोखा दे रहीं हैं…?

बौलीवुड में तीन माह से चर्चाएं गर्म हैं कि नरगिस फाखरी ने बौलीवुड को हमेशा के लिए अलविदा कह अमेरिका में बस गयी हैं. मगर कुछ दिन पहले ही नरगिस फाखरी ने ‘‘इंस्टग्राम’’ पर पोस्ट किया था कि वह बहुत जल्द भारत आ रही हैं और बौलीवुड को अलविदा कहने का उनका इरादा नहीं है. मगर अब जो नई खबर मिली है, उससे यह बात उभरकर आती है कि नरगिस फाखरी ने इंस्टाग्राम पर झूठ लिखा था. जी हां! एक तरफ वह बौलीवुड लौटने की बात कर रही हैं, तो दूसरी तरफ वह नई हौलीवुड फिल्म अनुबंधित कर रही हैं.

वास्तव में नई खबर यह है कि नरगिस फाखरी ने नम्रता सिंह गुजराल की हौलीवुड फिल्म ‘‘5 वेडिंग्स’’ अनुबंधित की है, जिसमें वह आस्कर नामित कलाकार कैंडी क्लार्क और ग्लोबल अवार्ड से नामित कलाकार बो डेरेक के साथ अभिनय करने वाली हैं. सूत्रों के अनुसार इस हौलीवुड फिल्म में नरगिस फाखरी केंद्रीय भूमिका निभा रही हैं. फिल्म की कहानी एक ऐसी अमेरिकन महिला पत्रकार की है, जो बौलीवुड वेडिंग्स पर किताब लिखने के लिए भारत आती है.

सूत्रों की माने तो इस फिल्म का कुछ हिस्सा भारत व कुछ हिस्सा हौलीवुड में ही फिल्माया जाएगा. तो क्या ‘इंस्टाग्राम’ में नरगिस ने जो कुछ लिखा उसके मायने यह थे कि वह इस हौलीवुड फिल्म की शूटिंग के लिए भारत आएंगी. पता नहीं इस तरह की बातें सोशल मीडिया पर लिखकर नरगिस जो झूठ बोल रही हैं, उससे वह किसे धोखा दे रही हैं..

रणदीप या संतोषी, आखिर किससे नाराज हैं अजय देवगन

वक्त वक्त की बात है. एक वक्त वह था, जब बौलीवुड में अजय देवगन और राज कुमार संतोषी जोड़ी की चर्चा हुआ करती थी. 2001 से 2008 के बीच अजय देवगन ने राज कुमार संतोषी के निर्देशन में ‘लज्जा’, ‘द लीजेंड आफ भगत सिंह’, ‘खाकी’, ‘हल्ला बोल’ जैसी फिल्में की. मगर 2008 के बाद अजय देवगन और राज कुमार संतोषी ने एक साथ कोई फिल्म नहीं की. बौलीवुड के बिचौलियों की माने तो ‘‘हल्ला बोल’’ के बाद अजय देवगन और राज कुमार संतोषी के बीच दूरियां बढ़ गयी. राज कुमार संतोषी ने उसके बाद दो फिल्में दूसरे कलाकारों संग बनायी, पर यह दोनो फिल्में बाक्स आफिस पर बुरी तरह से असफल रही.

इस वर्ष राज कुमार संतोषी ने रणदीप हुड्डा को लेकर फिल्म ‘‘बैटल आफ सारागढ़ी’’ के अलावा सलमान खान के साथ एक फिल्म की योजना पर काम शुरू किया. मगर एक सप्ताह पहले ही सलमान खान ने राज कुमार संतोषी की फिल्म करने से इंकार कर दिया. तो दूसरी तरफ अजय देवगन ने भी राज कुमार संतोषी के खिलाफ खुद भी ‘‘बैटल आफ सरागढ़ी’’ पर ही फिल्म ‘‘संस आफ सरदार’’ बनाने की घोषणा कर दी. बौलीवुड में चर्चाएं गर्म है कि अजय देवगन को जैसे ही राज कुमार संतोषी की फिल्म ‘बैटल आफ सारागढ़ी’ की भनक लगी, उन्होने जान बूझकर व आनन फानन में ‘‘संस आफ सरदार’’ बनाने की घोषणा की है.

वैसे अभी तक अजय देवगन ने अपनी इस फिल्म के लिए कलाकारों के नाम तय नही किए हैं. इस तरह वह राज कुमार संतोषी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. जबकि सभी को पता है कि अजय देवगन फिलहाल अपने निर्देशन में बन रही फिल्म ‘‘शिवाय’’ में व्यस्त हैं. उधर ‘‘बादशाहो’’ भी अजय देवगन के कारण अटकी हुई है. उधर अजय देवगन के इस कृत्य पर राज कुमार संतोषी कुछ भी कहने को तैयार नही हैं. वैसे कुछ लोगों की राय में अजय देवगन व रणदीप हुड्डा के बीच कभी कुछ अच्छा नहीं रहा. इसके अलावा सलमान खान के साथ रणदीप हुड्डा की जो नजदीकियां है, वह भी अजय देवगन को नापसंद है. इसी के चलते यह सारा खेल शुरू हुआ. पर अंदरूनी सच किसी को नही पता.

जबकि राज कुमार संतोषी की फिल्म ‘‘बैटल आफ सारागढ़ी’’ में 36वीं सिख रेजीमेंट के मिलिट्री कमांडर ईश्वर सिंह का किरदार निभा रहे अभिनेता रणदीप हुड्डा कहते हैं-‘‘मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देता हूं. वैसे एक ही विषय पर पहले भी कई फिल्में बन चुकी हैं. जिसकी फिल्म अच्छी होगी, उसे दर्शक पसंद करेगा. मैं इस फिल्म में अभिनय करने के लिए सिख इतिहास का गहन अध्ययन करने के साथ साथ तलवार बाजी व राइफल चलाने की ट्रेनिंग ले रहा हूं. मेरे लिए तो यह पीरियड एक्शन ड्रामा वाली फिल्म है.’’

अब 12 सितंबर को अमृतसर के सारागढ़ी गुरूद्वारा में ही फिल्म के मुहूर्त के साथ राज कुमार संतोषी अपनी फिल्म की शुरूआत करने वाले हैं. अजय देवगन की फिल्म को ‘ईरोज इंटरनेशल’ जैसी कारपोरेट कंपनी का साथ मिला है, तो दूसरी तरफ राज कुमार संतोषी की फिल्म ‘‘बैटल आफ सारागढ़ी’’ को ‘वेव सिनेमा’ का साथ मिला है. सूत्रों के अनुसार वेव सिनेमा ने रणदीप हुड्डा को ‘बैटल आफ सारागढ़ी’ के साथ ही दो अन्य फिल्मों के लिए अनुबंधित किया है. ‘‘वेव सिनेमा’’ के सीईओ राहुल मित्रा ने मीडिया से कहा है-‘‘फिल्म ‘सरबजीत’ देखने के बाद ही हमने रणदीप हुड्डा को ‘बैटल आफ सारागढ़ी’ के लिए अनुबंधित किया है. वह इस फिल्म के लिए तैयारी कर रहे हैं. वह मिलिट्री कमांडर का किरदार निभाने के लिए शारीरिक ट्रेनिंग के अलावा तलवार बाजी व विंटेज राइफल चलाने की भी ट्रेनिंग ले रहे हैं.’’

बहरहाल, खेल शुरू हो चुका है. अब देखना है कि बाक्स आफिस पर दर्शक अजय देवगन की फिल्म ‘संस आफ सरदार’ और रणदीप हुड्डा के अभिनय से सजी व राज कुमार संतोषी के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘‘बैटल अफ सारागढ़ी’’ में से किसे चुनते हैं.

क्या है बैटल आफ सारागढ़ी

फिल्म ‘‘बैटल आफ सरागढ़ी’’ की कहानी 12 सितंबर 1897 के दिन घटी घटना पर है. इस दिन दस हजार अफगान सैनिको ने ब्रिटिश इंडियन सेना पर हमला कर दिया था, जिसमें 21 सिख सैनिक थे. इन 21 सिखों ने ही दस हजार अफगानियों का मुकाबला किया था. ईश्वर सिंह को गंभीर चोटे आयी थी, पर युद्ध का मैदान छोड़ने की बजाय मृत्यू पर्यंत अफगानियों से युद्ध किया था. उनकी वीरता का सम्मान करने के लिए ब्रिटिश पार्लियामेंट ने ईश्वर सिंह को ‘‘इंडियन आर्डर आफ मेरिट’’ से सम्मानित किया था. इन सैनिकों के सम्मान में ही दो सारागढ़ी गुरूद्वारा निर्मित किए गए थे.

भगवान को चुनौती दे रियो पहुंचा शूटर

तीन साल पहले डॉक्टरों ने कह दिया था कि भारतीय निशानेबाज प्रकाश नांजप्पा का कॅरियर अब समाप्त हो गया है. लेकिन धुन के पक्के इस निशानेबाज ने डॉक्टरों को गलत साबित करते हुए रियो तक का सफर पूरा कर लिया है और अब उनका निशाना गोल्ड मेडल पर है.

2013 में नांजप्पा के कॅरियर पर उस समय काले बादल मंडराने लगे थे, जब स्पेन के ग्रनाडा में चल रहे वर्ल्ड कप में वह लकवाग्रस्त हो गए थे. डॉक्टरों ने उन्हें चेहरे के लकवे का पीड़ित बताया था.

बतौर नांजप्पा, 'मेरे लिए सबसे डरावना पल वह था जब डॉक्टरों ने मुझसे कहा था कि मुझे निशानेबाजी करना बंद करना पड़ेगा.'

उन्होंने कहा, 'इसने मुझे वापसी करने के लिए प्रेरित किया. जब मेरे साथ यह हादसा हुआ था, जब मैं अपने चेहरे को देखता था तो मुझे यह काफी डरावना लगता था. मुझे ऐसा लगता था कि मेरा निशानेबाजी कॅरियर खत्म हो गया है.'

नांजप्पा को इससे उबरने में छह सप्ताह लगे और पिछले दो साल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बाद यह 40 वर्षीय खिलाड़ी रियो ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल और 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा में पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक हैं.

कनाडा में बस जाने के बाद कई सालों तक खेल से दूर रहे नांजप्पा ने 2009 में निशानेबाजी को गंभीरता से लिया. उन्होंने कहा, 'मैं अब 40 साल का हूं, लेकिन यह सिर्फ संख्या है. इससे मेरी निशानेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला.'

..तो नहीं होगा स्मार्टफोन Addiction

हर कोई अपने छोटे से लेकर बड़े काम के लिए स्मार्टफोन पर डिपेंडेंट है. फोन पर डिपेंडेंसी ने एडिक्शन का रूप ले लिया है. अगर आपको भी लगता है कि आप स्मार्टफोन एडिक्ट हो गए हैं तो इससे बचने के लिए हम बता रहे हैं टिप्स जो आपके लिए काफी यूजफुल हो सकती हैं.

1. नोटिफिकेशन ऑफ करें

इस बात की तरफ हमारा ध्यान नहीं जाता लेकिन ये सच है कि जैसे ही फोन में नोटिफिकेशन पॉप अप होता है हमारा ध्यान सीधा फोन की तरफ जाता है और हम फोन चेक करने लगते हैं. इसे स्मार्टफोन एडिक्शन कह सकते हैं. अपने आप को इससे बचाने के लिए नोटिफिकेशन ऑफ कर दें. अगर ऐसा करना पॉसिबल नहीं है तो आप दिन में कम से कम कुछ घंटों के लिए नोटिफिकेशन जरूर ऑफ करें.

2. फोन से हटाएं सोशल मीडिया ऐप

स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा सोशल मीडिया और फ्री मैसेजिंग ऐप्स यूज होते हैं. ये ऐप्स यूजर को अपना डिवाइस चेक करने के लिए मेंटली फोर्स करती हैं. एक रिसर्च के मुताबिक एक यूजर दिन में 25 से 100 बार सोशल मीडिया देखने के लिए अपना फोन चेक करता है. इसलिए आप स्मार्टफोन एडिक्शन कम करने के लिए इन ऐप्स को फोन से हटा दें.

3. फोन में कोई मीडिया न रखें

सोशल मीडिया के बाद ऑडियो-वीडियो देखने के लिए स्मार्टोपन का यूज सबसे ज्यादा होता है. ऐसे में ऑडियो-वीडियो जैसे मीडिया फाइल्स अपने स्मार्टफोन में रखने से बचें. इन्हें कम्प्यूटर में भी सेव किया जा सकता है.

4. फोन यूसेज को लिमिट करें

अगर आपको बुरी तरह से स्मार्टफोन एडिक्शन है और इसे कम करना चाहते हैं तो स्मार्टफोन यूसेज कम कर दें.

ऐसे सेट करें यूसेज लिमिट

– खाना खाते समय फोन यूज न करें

– बाथरूम में फोन लेकर न जाएं

– फैमिली फंक्शन या सोशल इवेंट्स में फोन कम यूज करें

– किसी से बात करते समय फोन यूज न करें

– साइकोलॉजिस्ट बेडरूम में फोन न यूज करने की सलाह देते हैं.

5. ग्रूप चैट्स को म्यूट करें

वॉट्सऐप, फेसबुक और हाइक जैसे ऐप्स पर सबसे ज्यादा मैसेजेस ग्रुप में आते हैं. कई बार ग्रुप कन्वर्सेशन में इंट्रेस्टेड न होने के बावजूद भी आप नोटिफिकेशन देख कर बार-बार चैट चेक करते हैं. इससे बचने के लिए अनवॉन्टेड ग्रुप से एग्जिट कर दें. अगर आपको किसी ग्रुप में रहना जरूरी है तो उसे म्यूट भी किया जा सकता है.

6. सोने से पहले फोन को एयरप्लेन मोड पर रखें

सोने से पहले अपना स्मार्टफोन एयरप्लेन मोड पर रख दें. ऐसा करने से नोटिफिकेशन्स से फोन बीप होने पर आपकी नींद डिस्टर्ब नहीं होगी.

7. ट्रेडिशनल अलार्म क्लॉक यूज करें

आजकल हर कोई अपने अपने छोटे से लेकर बड़े काम के लिए स्मार्ट डिवाइसेस पर डिपेंड है. अपने छोटे-छोटे कामों जैसे कि सुबह की अलार्म सेट करने या टाइम चेक करने के लिए ट्रेडिशनल अलार्मक्लॉक या रिस्ट वॉच का यूज किया जा सकता है.

राहुल ने कोहली को दी टेंशन

भारत और वेस्टइंडीज के बीच  चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल ने 158 रन की पारी खेलकर भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया मगर उनकी इस पारी ने टीम के कप्तान विराट कोहली जरूर टेंशन में आ गए हैं. राहुल की इस पारी से विराट के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है.

कैसी परेशानी में हैं विराट कोहली

दरअसल लोकेश राहुल को दूसरे टेस्ट मैच में चोटिल मुरली विजय की जगह टीम में जगह दी गई थी. टीम में ओपनर के तौर पर मुरली विजय और शिखर धवन फिक्स थे. अब राहुल को जैसे ही मौका मिला उन्होंने मौके का पूरा फायदा उठाया और कमाल की पारी खेल दी.

अब तीसरे टेस्ट मैच के लिए अगर मुरली विजय फिट हो जाते हैं तो कोहली के सामने ये परेशानी खड़ी हो जाएगी कि वो मुरली विजय, शिखर धवन और लोकेश राहुल में से किसे टीम में ओपनर के तौर पर चुने.

मुरली टेस्ट मैच में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं. हालांकि पहले टेस्ट में इंडीज के खिलाफ वो फेल हो गए थे. वहीं पहले टेस्ट में धवन ने अच्छी पारी खेली थी. इसके बाद लोकेश राहुल को जैसे ही मौका मिला उन्होंने गजब की बल्लेबाजी करते हुए 158 रन की पारी खेल दी.

खैर अब तीसरे टेस्ट के लिए इनमें से किसी दो खिलाड़ी को ही टीम में ओपनर के तौर पर शामिल किया जाएगा. अब वो दोनों कौन होंगे ये देखना दिलचस्प रहेगा.

रहाणे का विराट रिकॉर्ड

वहीं मैच की पहली पारी में अजिंक्य रहाणे ने भी अपने बल्ले से जोरदार प्रदर्शन किया और शतक लगाया. रहाणे का ये वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में पहला शतक है जबकि ये उनके टेस्ट कॅरियर का सातवां शतक था.

इसके अलावा रहाणे ने टेस्ट क्रिकेट में वो कमाल किया जो उनसे पहले किसी भी अन्य खिलाड़ी ने नहीं किया था.

खेली कमाल की पारी

अजिंक्य रहाणे पहली बार वेस्टइंडीज दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने आए हैं. हालांकि पहले टेस्ट में वो कुछ खास नहीं कर पाए थे मगर दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने अपने बल्ले से धमाल करते हुए शानदार शतक लगाया.

रहाणे ने 231 गेंदों का सामना करते हुए इंडीज के खिलाफ उसकी धरती पर अपना पहला टेस्ट शतक लगाया. अपनी इस पारी में रहाणे ने 13 चौके और दो छक्के लगाए. रहाणे पहली पारी में 108 रन बनाकर नाबाद रहे.

रहाणे ने किया ये कमाल

अजिंक्य रहाणे ने वर्ष 2013 से अब तक लगातार भारत के लिए 8 टेस्ट सीरीज खेले हैं. इन टेस्ट सीरीज के मैचों में रहाणे ने कम से कम एक इनिंग में 90 या उससे ज्यादा रनों की पारी जरूर खेली है. वो पहले ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने ऐसा किया है.

अब आरटीओ ने कंगना का रास्ता रोका

आम तौर पर माना जाता है कि फिल्म कलाकारों के लिए अपना हर काम कराना बहुत आसान होता है. पर अभिनेत्री कंगना रानौट के साथ ऐसा नहीं है. कंगना रानौट अपना ड्रायविंग लायसेंस हिमाचल प्रदेश से महाराष्ट् तबादला करवाना चाहती हैं. इसके लिए उन्होने मुंबई में अंधेरी के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ( आरटीओ) में आवेदन दिया था. जिस पर अंधेरी के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने फिलहाल रोक लगा दी है.

‘क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय’ के अनुसार ड्रायविंग लायसेंस में पता बदलने के लिए कंगना रानौट को स्थानीय निवासी होने के सबूत के साथ साथ ड्रायविंग लायसेंस भी जमा करना था. पर कंगना ने ऐसा नहीं किया.

उधर कंगना रानौट कहती हैं-‘‘मुझे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से अब तक कोई पत्र नहीं मिला है. मैं 27 जुलाई को अपनी बायोमैट्रिक विवरण दर्ज कराने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय गयी थी. उसके बाद से मुझे कोई सूचना नहीं मिली है.’’

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