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खुशखबरी: कैंसर, HIV की दवाएं होंगी सस्ती

नैशनल फार्मासूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने कैंसर और एचआईवी दवाओं सहित कई जरूरी ड्रग्स के दाम में कटौती की है. एनपीपीए ने अपने नोटिफिकेशन में एंटीबायॉटिक डॉक्सिसायक्लिन (100mg) के प्राइस की सीमा तय की है और नेशनल लिस्ट फॉर एसेंशियल मेडिसिन्स (एनएलईएम) में पहले से शामिल 23 दवाओं की कीमतों की अधिकतम सीमा बदली है. इससे इन दवाओं के दाम में 10 पर्सेंट से 35 पर्सेंट तक की कमी आएगी.

इस लिस्ट में ब्लड, ओवरीज और ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली मेलफलान (2mg) और मेलफलान (5mg) और शरीर में विशेष प्रकार के कैंसर सेल्स ग्रोथ धीमी करने के लिए इस्तेमाल होने वाली क्लोरामब्यूसिल (2mg) शामिल हैं. एनपीपीए ने एचआईवी इंफेक्शंस के इलाज में काम आने वाली एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं- जिडोवुडाइन (300mg) और लेमिवुडाइन (150mg) + जिडोवुडाइन (300mg) कॉम्बिनेशन की अधिकतम कीमतों में भी बदलाव किया है.

इस महीने आ जाएगा एंड्रॉयड का नया वर्जन

जल्द ही एंड्रॉयड लवर्स और यूजर्स को नया एंड्रॉयड वर्जन मिलने जा रहा है. हर साल गूगल अपने नए वर्जन की लॉन्चिंग वॉर्षिक सम्मेलन के दौरान करता था, मगर खबरों के मुताबिक इस बार सम्मेलन से पहले ही गूगल नए वर्जन को जारी कर देगा. इस नए वर्जन का नाम Android Nougat (एंड्रॉयड नॉगट) है.

हर साल एक नए एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का मतलब होता था नया Nexus स्मार्टफोन, मगर इस साल ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा. जानकारों की माने तो नया एंड्रॉयड 7.0 अगस्त माह में आ जाएगा. लीक से पता लगा है कि नेक्सस 5 यूजर को एंड्रॉयड अपेट नहीं मिलेगा. ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि जल्द आने वाला Samsung Galaxy Note 7 नए एंड्रॉयड नॉगट ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ लॉन्च होगा.

हालांकि आने वाले समय में लॉन्च होने वाले नेक्सस स्मार्टफोन में नया ऑपरेटिंग सिस्टम होगा, मगर हर बार की तरह नेक्सस के साथ नए वर्जन को लॉन्च नहीं किया जाएगा. इससे पहले HTC ने भी घोषणा की थी कि कंपनी के HTC 10 , HTC One A9 और HTC One M9 स्मार्टफोन में नया एंड्रॉयड वर्जन मौजूद होगा.

टिप्सटर इवान ब्लास के मुताबिक 5 अगस्त को गूगल एंड्रॉयड नॉगट का सिक्योरिटी अपडेट के साथ ही पब्लिक वर्जन जारी करेगी. एंड्रॉयड 7.0 नॉगट के कई नए फीचर के साथ आने की उम्मीद है, इसमें कई कैमरा अपग्रेड शामिल हो सकते हैं.

रिपोर्ट्स की मानें तो इनमें ग्रिड ऑपशन और मैनुअल एक्सपोजर मोड के फिर से आ जाएंगे. नए कैमरा ऐप में पुराने स्टैंडर्ड 3×3 फ्रेम के अलावा तीन और ग्रिडलाइन विकल्प भी मिलेंगे. इसके आलावा मैनुअल एक्सपोजर फीचर से ब्राइटनेस को अपने हिसाब से कम या बढ़ा सकते हैं.

सैफ की जगह लेंगे सलमान खान

लगभग डेढ़ माह पहले ही ‘‘सरिता’’ पत्रिका में हमने बताया था कि किस तरह शादीशुदा हीरोईनों के साथ साथ उनके पतियों का करियर भी उनकी शादी के बाद निरंतर पतन की ओर अग्रसर है.

http://www.sarita.in/article/bollywood-four-couples-are-unemployed

‘‘सरिता’’ पत्रिका में यह बात उजागर की गयी थी कि सैफ के पास फिलहाल कोई फिल्म नहीं है. अब सूत्रों से पता चला है कि फिल्म ‘‘रेस’’ फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म ‘‘रेस 3’’ बनने जा रही है, मगर इस फिल्म के निर्माता व निर्देशक ने सैफ अली खान की जगह सलमान खान को जोड़ने का मन बना लिया है.

सूत्रों की माने तो सलमान खान ने भी इस फिल्म को करने के लिए हामी भर दी है. मगर इस बात को फिलहाल कबूल करने को कोई तैयार नहीं है.

रेलवे टिकट बुक करें बस एक क्लिक में

त्‍योहार, छुट्टी या व्‍यस्‍त दिनों आईआरसीटीसी से ट्रेन टिकट बुक कराना अब और भी आसान हो जाएगा. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी ) ने यात्रियों के लिए एक बार फिर से ई-वॉलेट की सुविधा पेश की है. इसके तहत आईआरसीटीसी अकाउंट धारक निशुल्क पंजीकरण की सुविधा का फायदा उठा सकते हैं. आईआरसीटीसी ने अपने पोर्टल पर ई-टिकटिंग के लिए सस्ता, विश्वसनीय और गड़बड़ी से मुक्त भुगतान के लिए 30 अक्टूबर तक मुफ्त ई-वॉलेट की सुविधा शुरू की है.

आईआरसीटीसी ने एक पायलट परियोजना के रूप में 2012 में ई-वॉलेट की सुविधा शुरू की थी. इसके बाद इस साल 16 मई- 15 जून के बीच एक महीने के लिए निःशुल्क पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. उसके बाद 16 जून से इस तरह के पंजीकरण के लिए 50 रुपये का शुल्क लिया जा रहा था. अब एक बार फिर यात्रियों को सुविधा देते हुए आईआरसीटीसी ने 27 जुलाई से 30 अक्टूबर तक मुफ्त रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा शुरू की है.

आईआरसीटीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. ए. के. मनोचा के मुताबिक आईआरसीटीसी ने अपने पोर्टल पर आसानी से और सुविधाजनक रूप से टिकट का आरक्षण कराने के लिए रेल यात्रियों में ई- वॉलेट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए ई-वॉलेट पंजीकरण शुल्क 27 जुलाई से 30 अक्टूबर तक माफ कर दिया है.

आईआरसीटीसी की ई- वॉलेट के इसकी वेबसाइट पर अन्य भुगतान विकल्पों की तुलना में कई फायदे हैं. इसे 100 रुपये के गुणकों में टॉप- अप किया जा सकता है और अधिकतम 10,000 रुपये का टॉप- अप किया जा सकता है. भुगतान का यह विकल्प अन्य भुगतान विकल्पों की तुलना में सस्ता है और प्रति ट्रांजैक्शन केवल पांच रुपये का शुल्क लिया जाता है.

एक नहीं अब अनेक रास्ते दिखायेगा गूगल मैप

प्रौद्योगिकी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार गूगल के नेविगेशन एप गूगल मैप्स एप्पल IOS के लिए एक नया फीचर लेकर आया है. इसमें इस्तेमाल करने वालों को एक ही दौरे के दौरान कई ठिकानों को जोड़ने की सुविधा मिलेगी. अमेरिकी मीडिया नेटवर्क कंपनी द वर्ज ने शुक्रवार को कहा है, "आम तौर पर नेविगेशन एप आपको सिर्फ एक जगह ए से बी तक जाने का निर्देश देते हैं.

इस एप को इस्तेमाल करने वाले नए मैप्स किसी को बी से सी, डी, ई और इस तरह के और भी कई जगह को शामिल कर सकते हैं. इससे यदि यात्रा पर निकलने वाला व्यक्ति आसपास की सैर करना चाहता है और कहीं-कहीं थोड़ी देर के लिए रुकना चाहता है तो यह बहुत आसान हो गया है".

एक माह पहले ही इस फीचर को एंड्रायड पर शुरू किया गया है. फिलहाल यह वेब पर उपलब्ध है.गूगल ने इसी हफ्ते मैप्स की डिजाइन में भी सुधार किया है.

एटीएम की समस्या ऐसे सुलझायें

सुमित ने छह बार एटीएम से दस हजार रुपये निकालने की कोशिश की. तीन बार सॉरी की पर्ची बाहर आई पर चौथी बार बैंक स्टेटमेंट में दस हजार की कटौती दिखाई गई जबकि पैसे इस बार भी नहीं निकले. बैंक ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया और ट्रांजैक्शन को सफल बताया. जांच करने पर पता चला कि मशीन कई दिन से खराब चल रही थी जिसके कारण उसे हटाने की प्रकिया भी बैंक में चल रही थी. कन्जयूमर कोर्ट ने जब सीसीटीवी फुटेज मांगी तो कैमरा खराब निकला. इसके बाद कोर्ट ने बैंक से कहा कि वह सुमित को दस हजार रुपये लौटाए.

एटीएम जाने पर ऐसी समस्याओं का हमें आए दिन सामना करना पड़ता है. कभी मशीन खराब तो कभी कोई और समस्या. आपने मशीन में कोड डाला, लेकिन पैसे नहीं निकले और पर्ची निकल आई कि आपके इतने पैसे कट गए. अगर आपको ऐसी किसी भी समस्या का सामना करना पड़ा हो तो आप इन तरीकों से शिकायत कर सकते हैं.

ऐसे करें शिकायत

अगर एटीएम में ट्रांजैक्शन करते वक्त पैसे बाहर नहीं आते और आपके अकाउंट से उतनी रकम कट जाती है तो आप अपने बैंक में इसकी शिकायत कर सकते हैं. 7 दिनों के अन्दर आपको आपकी रकम मिल जानी चाहिए. इससे ज्यादा दिन लगने पर बैंक आपको 100 रुपये रोजाना के हिसाब से पेनल्टी देगा. एटीएम से संबंधित किसी और समस्या के लिए भी सबसे पहले आप अपने बैंक में ही शिकायत करें. एक महीने तक अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आप इसके बाद बैंकिंग लोकपाल (ऑम्बड्समैन) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर लोकपाल के पास नहीं जाना चाहते तो कन्जयूमर कोर्ट की भी मदद ले सकते हैं, लेकिन इसमें किसी भी सिस्टम की मदद लेने से पहले बैंक को आपकी शिकायत लेने पर कार्रवाई करने के लिए एक महीने का समय देना जरूरी होता है.

ATM यूज करते वक्त रहें अलर्ट

एटीएम इस्तेमाल करते वक्त सुनिश्चित करें कि आपके आस-पास कोई दूसरा शख्स न हो जो आपका पासवर्ड देख ले. ट्रांजैक्शन में मुश्किल होती दिखे तो उसे कैंसल करना न भूलें. किसी अंजान शख्स की मदद बिल्कुल भी न लें.

नरसिंह को मिली क्लीन चीट, रियो की राह कठिन

नैशनल ऐंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने पहलवान नरसिंह यादव को डोपिंग के आरोप से तो बरी कर दिया है, लेकिन नरसिंह ओलंपिक में खेल पाएंगे या नहीं, इस पर अब भी कोई फैसला नहीं हो पाया है.

नरसिंह के आगे अभी भी चुनौतियां कुछ कम नहीं हैं लेकिन काम तेज हो तो वह रियो ओलंपिक में शिरकत करने से चंद कदमों की दूरी पर ही हैं.

नरसिंह के रियो में जाने के लिए उनके सामने अब दो चुनौतियां हैं. पहली यह कि डोपिंग मामले में नैशनल ऐंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) द्वारा उन्हें बेकसूर ठहरा दिए जाने के फैसले को वर्ल्ड ऐंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) कोर्ट ऑफ आर्बिटरेशन में चुनौती ना दे.

दूसरा यह कि इंटरनैशनल ओलंपिक काउंसिल नरसिंह की जगह 74 किलोग्राम कैटिगरी में रियो जाने वाले प्रवीण राणा की जगह वापस नरसिंह को लाने का निवेदन मान ले.

इस सब को होने में काफी समय लग सकता है लेकिन 26 वर्षीय नरसिंह के पास अब ज्यादा समय नहीं बचा है क्योंकि रियो में 74 किलोग्राम कैटिगरी का मुकाबला 19 अगस्त को होना है और जॉर्जिया में ट्रेनिंग ले रही भारतीय टीम 11 अगस्त तक रियो पहुंचेगी.

इन सबके अलावा वाडा और वर्ल्ड बॉडी को नाडा के फैसले को 21 दिनों में चुनौती देनी होगी. कुल मिलाकर नरसिंह के पास अब केवल 10 दिन बचे हैं क्योंकि 11 अगस्त को भारतीय कुश्ती टीम को रियो पहुंचना है.

उधर केंद्रीय खेलमंत्री विजय गोयल ने कहा है कि रियो में नरसिंह खेलेंगे या नहीं, इसका फैसला भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI: रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया), अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महासंघ (IWF: इंटरनैशनल रेसलिंग फेडरेशन), अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC: इंटरनैशनल ओलंपिक कमिटी) और विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA: वर्ल्ड ऐंटी-डोपिंग एजेंसी) के हाथों में है.

गौरतलब है कि नाडा का फैसला आने के बाद ही भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कह दिया था कि नरसिंह को ओलंपिक भेजने के लिए वह इंटरनैशनल रेसलिंग फेडरेशन को पत्र लिखेंगे और इसके लिए पूरा प्रयास करेंगे.

नाडा के महानिदेशक अग्रवाल ने नरसिंह यादव पर फैसले को पढ़ते हुए कहा, ‘‘हमने बीते समय के (दो जून तक) के नमूने को ध्यान में रखा, जिसमें उसका कोई भी नमूना पॉजिटिव नहीं पाया गया था. यह बात समझ से बाहर थी कि एक बार यह प्रतिबंधित पदार्थ लेने से फायदा होगा. इसलिए पैनल का विचार था कि एक बार लिया गया पदार्थ ‘जान-बूझकर’ नहीं लिया गया था.’’

नरसिंह ने भी WFI के सपॉर्ट के लिए उसका शुक्रिया अदा किया. इस बारे में जब खुद नरसिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलने की उन्हें पूरी उम्मीद है. नरसिंह ने बताया कि इसी वजह से उन्होंने इस पूरे विवाद के दौरान भी अपनी प्रैक्टिस नहीं छोड़ी थी और वह देश को मेडल दिलाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

फैसले के बाद पहलवान नरसिंह यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा. नरसिंह ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार हूं, जिन्‍होंने न्‍याय पाने में मेरी मदद की, मुझे उम्‍मीद है कि रियो ओलंपिक में पदक जरूर जीतूंगा.'

इंटरनैट विनाश का जरिया

दुनिया ने पिछले 25 साल में बहुत तरक्की की है. इंटरनैट ने जिंदगी बदल डाली. हर तरह की जानकारी सैकंड में मिल जाती है. सारी दुनिया एक धागे में बंध गई. क्या वाकई दुनिया ने ‘पा’ के सफेद ग्लोब जैसा एक ग्लोब बना डाला है जिस में देशों की लाइनें ही नहीं थीं? क्या वाकई हम ग्लोबल विलेज बन रहे हैं?

शायद नहीं. यह ठीक है कि 18वीं, 19वीं और 20वीं सदी की तरह की लड़ाइयां अब नहीं हो रही हैं पर अब उस से ज्यादा दहशत का माहौल है. यह दहशत बढ़ रही है, इंटरनैट के फैलाव की तरह. लगता है जैसेजैसे इंटरनैट बढ़ रहा है, उस का असर गहरा हो रहा है, दुनिया की समस्याएं बढ़ रही हैं, लोगों में खाई बढ़ रही है.

अमेरिका में पुलिस वालों को मारा जाने लगा है. अमेरिकी पुलिस कालों को जन्मजात अपराधी मान कर उन्हें कभी भी बंदूक का निशाना बना डालती है. सीरिया और उत्तरी अफ्रीका के झगड़ों से परेशान लाखों परिवार सुरक्षा व रोजीरोटी की तलाश में जान जोखिम में डाल कर यूरोप में जबरन घुस रहे हैं, नंगे पांव, बिना खाना साथ लिए, छोटे बच्चों और बूढ़े बाप के साथ.

भारत कौन सा बचा है. कश्मीर फिर उबल रहा है. आरक्षण के पक्ष व विपक्ष की लाइनें उभरने लगी हैं. गौ सेवकों ने इसलामिक स्टेट जैसा संगठन बनाने की तैयारी कर ली है. माओवादी किसी भी तरह काबू में नहीं आ रहे.

इन सब को आपस में कौन जोड़ रहा है? वही इंटरनैट जिस ने दुनिया के देशों की नक्शे पर खिंची लाइनें मिटा दी हैं. कोई भी किशोर सैकंडों में फ्रांस के नीस शहर में 9 टन के ट्रक की चपेट में आए 80 लोगों का ट्रक द्वारा कुचले जाने वाला वीडियो देख सकता है पर क्या यह उन्हें वायलैंस के खिलाफ तैयार कर रहा है या वायलैंस पू्रफ बना रहा है.

इसलामिक स्टेट का फैलाव भी इंटरनैट और सैटेलाइट फोन के जरिए हुआ है. उस से मौत का संदेश उसी तरह फैला है जैसे यूरोप की फैक्ट्रियों की चिमनियों का धुआं और गाडि़यों का प्रदूषण एशियाअफ्रीका तक फैला है.

इंटरनैट आशा का संदेश ले कर आया था पर अब विध्वंसक बन गया है. हर किशोर के हाथ में अब खिलौना बेकार की बातों या हिंसक वीडियो खेलों से भरा है. इंटरनैट उत्पादन की बात नहीं कर रहा, शांति का दूत नहीं है, प्रेरक नहीं है, सफलता की कहानियां नहीं कहता. यह तो एक जरिया बन गया है विनाश का.

किशोरों, युवाओं या दफ्तरों से इसे अब छीना नहीं जा सकता. इस पर कंट्रोल नहीं हो सकता. लेकिन यह तो कहा जा सकता है कि खबरदार, यहां इंटरनैट चालू है. खतरा है.                                                     

मेरी जांघों पर सफेद रंग की धारियां पड़ गईं हैं. कोई सरल घरेलू उपाय बताएं.

सवाल

मैं 21 साल की अविवाहित युवती हूं. मेरी जांघों पर सफेद रंग की धारियां पड़ गईं हैं. ये बहुत बुरी दिखती हैं. मैं इन से छुटकारा पाना चाहती हूं. कोई सरल घरेलू उपाय बताएं?

जवाब

किशोर उम्र में और बाद में वयस्क होने पर विवाहित जीवन में गर्भ ठहरने पर जब शरीर का वजन अचानक बढ़ता है, तो शरीर के कई अंगों खास कर जांघों, पेट और वक्ष पर चरबी बढ़ने से त्वचा के संयोजी ऊतकों पर अचानक भारी दबाव आ जाता है, जिस से उन में दरारें उत्पन्न हो जाती हैं, शुरू में उन का रंग लाल जामुनी होता है, पर जब ये दरारें भर जाती हैं तो इन का रंग सफेद हो जाता है. इन्हें स्ट्रैच मार्क्स कहते हैं.

उम्र के साथ ये सफेद धारियां खुदबखुद थोड़ी हलकी हो जाती हैं. लेकिन इन्हें हलका करने के लिए डर्मैटोलौजी में कई प्रकार के इलाज आजमाए गए हैं. यदि स्त्री गर्भवती नहीं है, तो वह त्वचा विशेषज्ञ से सलाह ले कर रेटिनो ए क्रीम लगा कर देख सकती है. कुछ डर्मैटोलौजिस्ट एनडी याग लेजर से भी इलाज करते हैं. पर दोनों ही विधियों में इलाज की कामयाबी की दर सीमित ही है. अच्छाई इसी में है कि इन के प्रति विचलित होने के बजाय इन्हें शरीर की सामान्य जैविक क्रिया के रूप में स्वीकार कर लिया जाए.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

डिलीट हो के भी डिलीट नहीं होती व्हाट्सएप चैट

व्हाट्सएप पर आप कई बार अपनी चैट डिलीट करते होंगे. कभी मैमोरी की वजह से तो कभी पर्सनल इश्यू की वजह से हम व्हाट्सएप चैट को हम डिलीट कर देते हैं. जिसके बाद आपके सामने से व्हाट्सएप चैट गायब हो जाती है, यानी डिलीट हो जाती है लेकिन नहीं. चैट डिलीट नहीं होती है, बल्कि करीब दो महीने तक वो चैट सेव रहती है.

खैर ऐसा हम नहीं कह रहे हैं यह कहना iOS रिसर्चर जोनाथन डिजायरस्की का, जो कि कहते हैं व्हाट्सएप आपकी चैट को सेव रखता है. डिजायरस्की के मुताबिक चैट को डिलीट, रिमूव या क्लियर ऑल चैट करके भी डिलीट नहीं होती. यदि आपको चैट डिलीट करनी है तो आप व्हाट्सएप को अपने फोन से हटा दें, तो चैट डिलीट हो सकती हैं.

हालांकि उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ऐसा जानबूझकर नहीं करता है. आपको बता दें कि फेसबुक के आधीन होने के बाद व्हाट्सएप ने यूज़र्स की चैट को सिक्योर करने के लिए एंड टू एंड एन्क्रिप्शन शुरू किया जो किया आपकी चैट और व्हाट्सएप डाटा को सेफ करता है.

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