Download App

Thieves Targeting Tourists At Rio Olympic In Brazil

ब्राजील के रियो में ओलिंपिक चल रहा है, लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों को यहां के चोर निशाना बना रहे हैं. वे बेखौफ चलते रास्‍ते पर्यटकों के हैंडबैग, वॉलेट लेकर भाग जाते हैं. इतना ही नहीं कुछ चोर तो पकड़ में भी आ जाते हैं और उनकी धुनाई शुरू हो जाती है, लेकिन वे चोरी करना नहीं छोड़ते.

रियो डि जेनेरियो का यह वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें चोर चोरी के लिए पर्यटकों के पीछे पड़ जाते हैं.

ब्राजील में चल रहे रियो ओलिंपिक ने वहां के चोरों को लूट का मौका दे दिया. कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिसमें टीनएज लड़के दिनदहाड़े वहां आए पर्यटकों का सामान छीनते नजर आ रहे हैं. ये लड़के खुलेआम ऐसी वारदात को अंजाम दे रहे हैं. पर्यटकों से ज्यादातर उनके पर्स, मोबाइल, ईयर फोन और इसी तरह के गैजेट्स छीने जा रहे हैं. ऐसी घटनाओं के वक्त ये लड़के कभी अकेले होते हैं तो कभी ग्रुप में.

रियो ओलंपिक में चोरी हो रहा सामान, सुरक्षा बढी़

ओलंपिक में भाग लेने के लिए पहुंचे आस्ट्रेलियाई दल का एक लैपटाप और टीम पोशाकें चोरी हो गईं हैं, जिसके कारण ओलंपिक खेल गांव में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. आस्ट्रेलियाई दल की नेता किटी चिलर ने बताया कि आग लगने की एक घटना के बाद जब उनके खिलाडिय़ों और अधिकारियों को बाहर जाने के लिए कहा गया तब यह चोरी हुई.

उन्होंने कहा कि पांचवें तल से साईकिलिंग के हमारे एक अधिकारी का लैपटाप चुरा लिया गया. आइटी से जुड़े हमारे उपकरणों से भी छेड़छाड़ की गई. बीच में जब मैं अंदर आई तो मैंने तीन अग्निशमन अधिकारियों को हमारी टीम शर्ट ले जाते हुए देखा. मैं नहीं जानती कि वे कौन थे. मुझे नहीं पता कि वे कितनी शर्ट लेकर गए और हां यह चिंता का विषय है." चिलर ने कहा कि आग लगने की घटना के बाद आयोजकों ने ओलंपिक गांव की सुरक्षा बढ़ा दी है.

वहीं, रियो ओलंपिक के खेलगांव में डेनमार्क के खिलाड़ियों ने कहा कि उनका सामान चोरी हो गया है. इसके लिए आयोजकों ने उनसे सार्वजनिक माफी मांगी है. ऐसी घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर झटका माना जा रहा है. चोरी की ऐसी कई घटनाएं खेलगांव से सुनने को मिल रही हैं.

डेनमार्क के दल प्रमुख मोर्टिन रोडविट ने टीवी टू को बताया कि मोबाइल फोन, कपड़े और आई पैड गायब हो गए हैं. उन्होंने कहा, ‘खेलगांव में हमारी जरूरतों और अनुरोध के बाद कई अतिरिक्त कर्मचारी, सफाईकर्मी और हाउसकीपर लाए गए हैं लेकिन यहां सिलसिलेवार चोरियां हो रही हैं. फोन, आई पैड और चादरें तक चोरी हो गई हैं.’ डेनमार्क के दल ने 18 जुलाई को यहां आने के बाद से करीब 150 शिकायतें दर्ज कराई है. इसके अलावा आस्ट्रेलियाई दल का लैपटॉप और टीम शर्ट चोरी हो गए हैं.

जाते-जाते राजन ने कही ‘मन की बात’

खुद पर हुए राजनीतिक हमले को घटिया बताते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि वे आरबीआई गवर्नर के तौर पर आगे भी काम करना चाहते थे, जिससे बैंकों की बैलेंस शीट को साफ करने का अपना अधूरा काम पूरा कर सकें. लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा कर यहां से जाते हुए भी खुश हैं.

राजन ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत की प्रकिया उस स्‍टेज पर नहीं पहुंच सकी जहां वे अपने पद पर बने रहने के लिए सहमत हो सकें. राजन ने जून में फैसला किया था कि वे अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले टर्म की मांग नहीं करेंगे. उन्‍होंने कहा कि वे अगले टर्म या सरकार में आगे कैरियर को लेकर कभी चिंतित नहीं थे और देश के हित में जो भी कर सकते थे किया. राजन ने कहा कि वे बेस्‍ट टीम प्‍लेयर थे.

खास मकसद से किए गए हमले

राजन ने कहा कि यूनिवर्सिटी में रहने की वजह से उनकी चमड़ी काफी मोटी हो गई है लेकिन उस समय जो हमले हुए वे घटिया नहीं थे. उन्‍होंने बताया कि उन पर हाल में हुए कुछ हमले घटिया थे. ये हमले किसी खास मकसद से किए गए. बिना किसी आधार के आरोप लगाए गए थे. इसी वजह से मैंने उन पर कोई ध्‍यान नहीं दिया.

स्वामी ने लगाए थे आरोप

अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में राजन ने भाजपा सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के व्यक्तिगत हमलों का सामना किया. स्‍वामी ने आरोप लगाया था कि पूर्व आईएफ चीफ इकनॉमिस्‍ट मानसिक तौर पर पूरी तरह से भारतीय नहीं हैं और उन्‍होंने गुप्‍त और संवेदनशील वित्‍तीय सूचनाएं विदेश भेजी हैं.

 राजन ने कहा कि जब लोगों ने उनसे पूछा कि क्‍या वे दूसरा टर्म चाहते थे तो उन्होंने कहा कि हालांकि उन्‍होंने आरबीआई में अपनी सभी पहल तीन साल के कार्यकाल को ध्‍यान में रख कर शुरू की थी लेकिन सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट साफ करने और मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी फ्रेमवर्क स्‍थापित करने का काम अधूरा है.

रियो: सेल्फी बनेगी सजा-ए-मौत की वजह

क्या सेल्फी लेना जान पर भारी पड़ सकता है, तो हां, यह मुमकिन है. दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक सेल्फी काफी हिट है. वायरल हो चुकी इस तस्वीर में दो लेडी जिमनास्ट साथ में हैं. अब आप सोच रहे होंगे कि दो जिमनास्ट एकसाथ फोटो लें तो यह गुनाह तो नहीं है!

बिल्कुल सही, यह आपकी नज़र में गुनाह भले ही न हो लेकिन जिस देश से ये इत्तेफाकक रखती हैं, वहां यह गुनाह से भी कम नहीं है.

जी हां, हम बात कर रहे हैं उत्तरी कोरिया की हॉन्ग यूं और दक्षिणी कोरिया की एथलीट यू लू की. ये दोनों इन दिनों रियो ओलंपिक में भाग ले रही हैं. इन्होंने ट्रेनिंग सेशन के दौरान दोनों देशों की आपसी कड़वाहट को नजरअंदाज करते हुए खेल भावना दिखाई और एकसाथ फोटो क्लिक की.

लेकिन यह सेल्फी इसे लेने वाली महिला जिमनास्ट हॉन्ग यूं के लिए जानलेवा साबित हो सकती है.

​मौत का है नियम

दरअसल, नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया में दुश्मनी है. नॉर्थ कोरिया में यह नियम है कि अपने दुश्मन देश के लोगों के साथ सेल्फी लेने पर सजा-ए-मौत सुनाई जाती है. वैसे भी वहां का तानाशाह किम जोंग बेरहम है.

उनकी सनक के आगे किसी की नहीं चलती. दुनियाभर में उनके किस्से मशहूर हैं. यहां तक कि वो अपने सबसे खास इंसान पर भी जल्द रहम नहीं करते. किसी को मौत के घाट उतार देना उनके लिए बाएं हाथ का खेल है.

इस सेल्फी के सामने आने के बाद से पूरे नॉर्थ कोरिया की टीम में पशोपेश की स्थिति बनी हुई है. दुश्मन देश की खिलाड़ी के साथ सेल्फी लेने का खामियाजा इस उत्तर कोरिया की एथलीट को उठाना ही पड़ेगा.

फोन खुद बताएगा कैसे करें मरम्मत

एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल करने वाले  जितने भी लोग हैं सभी के मन में कभी ना कभी अपने एंड्रॉयड फोन के सिस्टम के बारे में जानने का ख्याल आता होगा. बहुत सी चीजों के बारे में हमें अपने फोन में से ही जानकारी मिल जाती है लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जिनकी जानकारी आपको फोन के अंदर नहीं मिलती.

स्मार्टफोन के अंदर कुछ ऐसे जादुई कोड होते हैं जिनके इस्तेमाल से आप अपने फोन की सभी जरूरी चीजों के बारे में जान सकते हैं और साथ ही एंड्रॉयड फोन में होने वाली समस्याओं को भी सुलझा सकते हैं.

आज हम आपको एंड्रॉयड के कुछ ऐसे कोड्स के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आपको फोन में परेशानी होने के बाद सर्विस सेंटर की मदद नहीं लेनी पड़ेगी, आप खुद ही कोड्स का इस्तेमाल करके अपना फोन ठीक कर सकते हैं.

1. सबसे पहले फोन का डायल पैड खोलें और *#*#4636#*#* इस कोड को डालें. इसे डायल करते ही आपके सामने फोन इंफॉरमेशन, बैटरी इंफॉरमेशन, यूसेज स्टैटिक्स और वाईफाई इंफॉरमेशन का ऑप्शन आएगा.

2. फोन इंफॉरमेशन को क्लिक करते ही आपके सामने फोन से संबंधित IMEI नंबर, नेटवर्क सर्विस, GPRS जैसी कई जानकारियां सामने आ जाएंगी.

3. बैटरी इनफॉरमेशन को क्लिक करने पर वहां आपको फोन के बैटरी के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी. ​आपके फोन की बैटरी कितने फीसदी चार्ज है और बैटरी की हेल्थ कैसी है. यह सभी जानकारियां आपके सामने आ जाएंगी.

4. यूसेज स्टैटिक्स के जरिए आप जान सकते हैं कि आपने किस फीचर को कितने समय तक इस्तेमाल किया है.

5. आपके लिए वाईफाई से संबंधित जानकारी प्राप्त करना बहुत ही जरूरी है. यहां आपको वाईफाई कनेक्शन के बारे में पूरी जानकारी मिलती है. वाईफाई कनेक्ट है या नहीं, कौन-कौन से नेटवर्क उपलब्ध हैं अैर नेटवर्क स्ट्रेंथ कैसा है. इसके अलावा भी कई तकनीकी जानकारियां मिलेंगी.

कुछ कोड्स ऐसे भी हैं जिनकी मदद से आप एंड्रॉयड के कुछ फंक्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

1. *#*#7780#*#*: इस कोड का उपयोग आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन को रीसेटिंग के लिए कर सकते हैं. इसके माध्यम से सिर्फ एप्लिकेशन डेटा और एप्लिकेशन को डिलीट किया जा सकता है.

2. *2767*3855#: यदि एंड्रॉयड स्मार्टफोन को पूरी तरह से वाइप करना चाहते हैं तो यह कोड कार्य करेगा. डेटा वाइप कर यह फर्मवेयर को फिर से इंस्टॉल करेगा.

3. *#*#34971539#*#*: फोन के कैमरा से सम्बंधित जानकारी के लिए इस कोड का उपयोग कर सकते हैं.

4.*#*#273283*255*663282*#*#*: फाइल बैकअप के लिए इस कोड का उपयोग करें.

5. *#*#0*#*#*: एलसीडी डिसप्ले टेस्ट के लिए इस कोड को टाइप करें.

कहीं आपका पीएफ कंपनी की जेब में तो नहीं जा रहा?

आप हर महीने अपनी सैलरी के पैसों से पीएफ भरते है. आपकी मेहनत की कमाई का एक हिस्सा आपकी कंपनी आपके पीएफ के लिए भरती भी है या नहीं या सारे पीएफ के पैसे कंपनी की जेब में चले जाते है. यह सवाल इसलिए क्योंकि देशभर में हजारों कंपनियां ऐसी हैं जिन पर ईपीएफओ का हजारों करोड़ रुपये बकाया है. यानी, उन कंपनियों ने कर्मचारियों की सैलरी से काटे रुपये खुद ही गटक लिए.

10,000 से ज्यादा कंपनियां कर रही धोखा

ऐसा करने वाली कोई एक दो कंपनियां नहीं है जो इस तरह से पीएफ के पैमेंट में गड़बड़ कर रही हैं. 10,000 से ज्यादा कंपनियों ने एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड पेमेंट्स में गड़बड़ी की है. इनमें 2,200 कंपनियों पर ईपीएफओ का कम-से-कम 2,200 करोड़ रुपये बकाया है. यह राशि एंप्लॉयीज की सैलरी से काटी गई वह रकम है जिसे ईपीएफओ में जमा करवाना चाहिए था.

बढ़ रही गड़बड़ कंपनियों की तादाद

गड़बड़ियां करनेवाली संस्थाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. 2014-15 में डिफॉल्टर्स की तादाद 10,091 थी जो दिसंबर 2015 में बढ़कर 10,932 हो गई. ऑनलाइन कन्जयूमर फोरम पर शिकायतों की बाढ़ आ रही है. नौकरी छोड़नेवाले या रिटायर होनेवाले सैकड़ों कर्मचारियों को पीएफ का पैसा नहीं मिल रहा mहै.

तमिलनाडु टॉप पर

डिफॉल्टर्स की लिस्ट में पुदुचेरी और तमिलनाडु की 2,644 कंपनियों के साथ टॉप पर हैं. इनके बाद महाराष्ट्र (1,692), केरल और लक्षद्वीप (1,118) का नंबर आता है.

टॉप डिफॉल्टर कंपनियां

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया गड़बड़ी करनेवाली संस्थाओं में टॉप पर है. उसके पास ईपीएफओ का 192 करोड़ का बकाया है. फिर नंबर आता है मुंबई के एचबीएल ग्लोबल, दिल्ली के अहलुवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स इंडिया लि. का जिन पर 64.5 करोड़ और 54.5 करोड़ रुपये बकाया है.

कंपनियों पर केस

डिफॉल्टिंग कंपनियों को दंडित किए जाने के लिए ईपीएफओ ने 2012-13 में 317 मामले दर्ज करवाए थे जो 2015 के आखिर में बढ़कर 1491 हो चुके हैं.

ईपीएफओ की गड़बड़ी

सैलरीड क्लास की बचत के पहरेदार के रूप में ईपीएफओ कहीं ज्यादा गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है. यह तब तक एंप्लॉयीज को नहीं बताता है कि उनकी कंपनियां गड़बड़ी कर रही हैं जब तक कि एंप्लॉयी पैसे निकालने के लिए ईपीएफओ के पास नहीं जाते. ऐसे में सेटलमेंट का इंतजार कर रहे लोगों की तादाद बढ़ रही है. वहीं, ईपीएफओ में भ्रष्टाचार बेरोकटोक बरकरार है.

Facebook को टक्कर देने आ रहा है Orkut

ऑरकुट के बारे में आपको याद ही होगा. जी हां, हम सभी के लिए पहली सोशल साइट, जिसके माध्‍यम से हम कॉलेज में दोस्‍तों से जुड़ा करते थे. ऑरकुट को 2014 में बंद कर दिया गया था. जब इसे बंद किया गया, तब ऑरकुट के फाउंडर ने किसी भी प्रकार की अगली योजना की जानकारी नहीं दी.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऑरकुट के फाउंडर का नाम बुयुक्‍कोकेट्न है. हाल ही में इन्‍होंने अपनी एक नई सोशल साइट को लांच किया है. इस साइट का मुख्‍य उद्देश्‍य, फेसबुक को टक्‍कर देना है.

इस सोशल साइट में लोग कई कैटेगरी के हिसाब से अपनी तरीके के लोगों का चयन करके उन्‍हें अपना दोस्‍त बना सकते हैं. इस बारे में बुयुक्‍कोकेट्न ने ब्‍लॉग पोस्‍ट किया है कि, सोशल नेट‍वर्किंग साइट में ऑरकुट ने एक क्रांति ला दी थी, जिससे लोगों ने एक दूसरे के साथ जुड़ने के लिए सीख ली और प्रेरित हुए.

उसी दिशा में आप सभी का आभार व्‍यक्‍त करते हुए अब मैं एक नई सोशल साइट को आप सभी के समक्ष ला रहा हूं.

हैलो एप्लिकेशन क्या है?

हैलो के बारे में फाउंडर ने कहा कि मैं अलविदा कहने में कच्‍चा हूँ इसलिए हैलो बोल रहा हूँ. यह एक पहली ऐसी सोशल साइट है जिसे लाइक पर नहीं बल्कि प्‍यार पर बनाया गया है. यह अगली पीढ़ी के लिए ऑरकुट है. इससे लोग अपनी रूचियों के हिसाब से जुड़ पाएंगे. इस प्रकार, हम फिर से एक नए तरीके से जुडेंगे.

हैलो, दुनिया का ऐसा शब्‍द है जिसे हर देश और जगह के लोग जानते हैं और यहीं आपको दोस्‍त बना देता है. इस सोशल साइट का हिस्‍सा बनने के लिए आपको इसमें साइन अप करना होगा. इसके लिए, वेबसाइट पर जाएं और अपनी मेलआईडी डालकर स्‍वयं को रजिस्‍टर करें. ध्‍यान रहें कि यह साइट आपके पैशन के आधार पर बनाई गई है तो आपको लोगों का चयन भी उसी के अनुसार करना होगा.

आपको एक सूची भी प्रदर्शित की जाएगी. आप चाहें तो बाद में इसमें बदलाव भी कर सकते हैं. आप अपनी रूचि के अन्‍य लोगों से भी मिल सकते हैं.

उपलब्‍धता:

हैलो, सोशल साइट तीन भाषाओं में है. इंग्लिश, फ्रैंच और पुर्तगाली में अभी इसे तैयार किया गया है. कम्‍पनी ने हैलो एप को भी आईओएस और एंड्रायड के लिए तैयार कर दिया है. यह, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, और ब्राजील में उपलब्ध है. जल्‍दी ही इसे भारत में भी लांच किए जाने का इरादा है. साथ ही उसी समय में, जर्मनी और मैक्सिकों में भी लांच कर दिया जाएगा.

घर गिरवी रखकर गए ओलंपिक, जीता मेडल

रियो ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए इंडियन एथलीट्स कड़ी मेहनत कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश के लिए पहला ओलंपिक मेडल किसने जीता था. ये हैं ओलंपिक के गुमनाम हीरो खाशाबा दादासाहब जाधव. दादासाहब जाधव ने फिललैंड में हुए 1952 समर ओलंपिक में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

कॉलेज के प्रिंसिपल के पास गिरवी रखा घर

दादासाहब जाधव ने 1948 में पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लिया. तब कोल्हापुर के महाराजा ने उनकी लंदन यात्रा का खर्चा उठाया था. हालांकि, तब वह कोई भी कुश्ती का मैच नहीं जीत पाए थे.

इसके बाद उन्होंने 1952 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया, लेकिन यहां जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. उन्होंने इसके लिए लोगों से पैसे मांगे, चंदा इकट्ठा किया. घरवालों ने भी पैसे जुटाने में उनकी मदद की.

राज्य सरकार से बार-बार मदद मांगने के बाद उन्हें चार हजार रुपए की राशि मिली. बाकी के पैसों का इंतजाम करने के लिए उन्हें अपना घर, कॉलेज के प्रिंसिपल के पास गिरवी रखना पड़ा था. इसके बदले प्रिंसिपल ने उन्हें सात हजार रुपए की मदद की थी.

लाइफ पर बन रही है फिल्म

खाशाबा दादासाहब जाधव के लाइफ पर बॉलीवुड अभिनेता रितेश देशमुख ‘पॉकेट डायनेमो’ नाम की फिल्म बना रहे हैं. फिल्म में दादासाहब के बेटे रंजीत जाधव रितेश का सपोर्ट कर रहे हैं. यह फिल्म हिंदी के अलावा मराठी भाषा में भी आएगी.

इसके अलावा राइटर संजय सुधाने ने उन पर वीर के.डी. जाधव के नाम से किताब भी लिखी है.

चूक गए थे गोल्ड मेडल से

जाधव ने ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता, लेकिन वो गोल्ड जीतने से चूक गए थे. दरअसल, वो यहां मैट सर्फेस पर एडजस्ट नहीं कर पा रहे थे.

इसके अलावा नियम के खिलाफ यहां लगातार दो बाउट रखवाए गए थे. जाधव के गोल्ड नहीं जीत पाने का एक कारण ये भी था.

फिर लड़ी थी फाइट

भारत लौटने के बाद जाधव का जोरदार वेलकम हुआ. उन्हें देखने के लिए स्टेशन पर हजारों की भीड़ थी. लोग कई बैलगाड़ी लेकर उन्हें लेने आए थे.

जाधव अपने प्रिंसिपल का एहसान नहीं भूले थे और अब वो अपना घर वापस चाहते थे. इसके लिए उन्होंने फिर कुश्ती लड़ी.

वापस आते ही उन्होंने कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की. इसमें उन्होंने खुद भी हिस्सा लिया और कई बाउट जीते. कुश्ती में जीते गए पैसे उन्होंने अपने प्रिंसिपल को वापस किए और गिरवी रखा घर छुड़वाया था.

पुलिस डिपार्टमेंट में की स्पोर्ट्स कोटे की शुरुआत

1955 में जाधव को मुंबई पुलिस में स्पोर्ट्स कोटे से सब-इंस्पेक्टर की नौकरी मिली. कई सालों तक वे इसी पोस्ट पर बने रहे. 1982 में उन्हें छह महीने के लिए असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर का पद मिला था.

पुलिस डिपार्टमेंट में स्पोर्ट्स कोटा जाधव के ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद ही शुरू हुआ था. आज भी पुलिस में कई लोगों की भर्ती इस कोटे से होती है.

उन्होंने 25 सालों तक पुलिस डिपार्टमेंट में नौकरी की, लेकिन साथ काम करने वालों को पता नहीं चला कि वो ओलंपिक चैम्पियन हैं. रिटायरमेंट के दो साल बाद 1984 में उनकी एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी. दादासाहब के नाम पर दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में रेसलिंग स्टेडियम भी है.

मरने के बाद मिला अर्जुन अवॉर्ड

दादासाहब जाधव को 1983 में फाय फाउंडेशन ने "जीवन गौरव" अवॉर्ड से सम्मानित किया. 1990 में इन्हें मेघनाथ नागेश्वर अवॉर्ड से (मरणोपरांत) नवाजा गया. उनकी मौत के बाद 1993 में शिवाजी छत्रपति पुरस्कार और 2001 में भारत सरकार ने उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया.

इन गूगल ऐप्स के बारे में नहीं जानते होंगे आप

चाहे आपके पास ऐंड्रॉयड फोन हो या आईओएस, यह तो तय है कि आप रोजाना कुछ गूगल ऐप्स यूज करते होंगे. लेकिन क्या आप इन गूगल ऐप्स के बारे में जानते हैं, जो आपके लिए बड़े काम के हैं?

ऐंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर: अगर आपका ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन कहीं खो जाए तो ऐंड्रॉयड डिवाइस मैनेजर उसे ढूंढने में आपकी मदद करेगा. यह ऐप आपके फोन को ट्रैक करता है और खोए या चोरी हुए फोन को वापस पाने में आपकी मदद कर सकता है. इतना ही नहीं, इसके जरिए आप दूर से भी अपने हैंडसेट को फैक्टरी रीसेट कर सकते हैं बशर्ते पहले से ही आपने इस फंक्शनैलिटी को कॉनफिगर कर रखा हो.

गूगल अथॉन्टिकेटर: अगर आप टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन यूज करते हैं तो आपके लिए यह ऐप जरूरी है. इस ऐप के जरिए टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन वाले अकाउंट्स को आसानी से लागइन किया जा सकता है. इसके बारे में सबसे खास बात यह है कि कई गूगल डिवाइसेस के लिए यह ऑफलाइन भी काम करता है.

जेस्चर सर्च: इस ऐप की मदद से आप ऐप्स से लेकर सेटिंग्स तक स्कीन जेस्चर के जरिए ऐकसस कर सकते हैं. आपकी सर्च और रिफाइन होती जाएगी जब आप ज्यादा जेस्चर ऐड करेंगे. तो अगर आपको टाइपिंग से नफरत है तो जेस्चर काम कर जाएगा.

गूगल कीप: इस ऐप के जरिए आप कहीं भी चलते-फिरते नोट्स बना सकते हैं. इसमें कलर कोडेड नोट, क्विक टु-डु लिस्ट, रिमाइंडर… बहुत कुछ है. और चूंकि ये सभी आपके गूगल अकाउंट से सिंक्ड हैं, ये आपकी सभी डिवाइसेस पर मौजूद मिलेंगे.

गूगल इनबॉक्स: जीमेल आपके मेल्स को बहुत अच्छी तरह हैंडल करता है, लेकिन गूगल इनबॉक्स में कुछ अलग फीचर्स हैं. फ्लाइट चेक-इन्स, ट्रांजैक्शन रिसीट्स आदि के साथ इसमें कई ऐक जैसे मेसेजेस का बंडल बनाकर स्नूज करने का फीचर भी है.

गूगल माय बिजनस: माय बिजनस ऐप बिजनस इंफर्मेशन को वेरिफाइ करने, कस्टमर रिव्यू मैनेज करने और ब्रैंड बिल्डिंग में मदद करता है. यह आपको न सिर्फ इस बारे में जानकारी रखने में मदद करता है कि आपके बिजनस में क्या चल रहा है बल्कि कस्टमर्स के बीच चर्चा के बारे में भी बताता है.

आर्ट ऐंड कल्चर: आर्ट ऐंड कल्चर के इस्तेमाल के लिए आपको आर्ट लवर होने की जरूरत नहीं. इसके लिए ऐप है. अपने नाम के मुताबिक आर्ट ऐंड कल्चर आर्ट ऐंड आर्टेफैक्ट्स से जुड़े दुनियाभर के करब 1000 म्यूजियम्स की जानकारी आपको देता है. आप इस ऐप के जरिए कला के बारे में काफी जानकारी हासिल कर सकते हैं.

आसान हुए KYC के नियम

अब बैंकों में ग्राहकों को नो यॉर कस्टमर (KYC) से जुड़े दस्तावेजों को लेकर परेशानी नहीं होगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इसके लिए सेल्फ अटेस्टेशन की अनुमति दे दी है और रूल्स आसान बनाए हैं. RBI के गवर्नर रघुराम राजन का मानना है कि KYC रूल्स बैंकों में ग्राहकों की परेशानी की एक बड़ी वजह हैं और इसलिए इन्हें आसान बनाया गया है.

उन्होंने बताया, 'हाल के समय में KYC रूल्स को काफी आसान किया गया है, लेकिन ऐसा संभव है कि बैंक की लोकल ब्रांच को इसकी जानकारी नहीं हो. अगर आपकी ब्रांच को इन आसान मानकों की जानकारी नहीं है तो आप RBI के वेबपेज पर जाकर उन्हें यह दिखा सकते हैं.' राजन ने कहा कि नए KYC रूल्स के तहत ग्राहक पते में बदलाव को सेल्फ-सर्टिफाई कर सकते हैं और इसके लिए बैंक की ब्रांच में जाने की जरूरत नहीं होगी.

राजन ने लोगों को उन फर्जी ईमेल से बचने के लिए कहा, जिनमें बैंक अकाउंट की डीटेल्स बताने पर लाखों डॉलर देने का वादा किया जाता है. RBI और सेबी ने मिलकर पिछले सप्ताह 'सचेत' नाम की एक वेबसाइट लॉन्च की थी. इस पर आप यह पता लगा सकते हैं कि डिपॉजिट लेने वाली एंटिटी रेगुलेटर के साथ रजिस्टर्ड है या नहीं. इसके अलावा वेबसाइट पर गैर कानूनी एंटिटीज की ओर से ठगे जाने की शिकायत भी की जा सकती है. इसके अलावा इस पर उन एंटिटीज की जानकारी दी जा सकती है जो गैर कानूनी तरीके से लोगों से डिपॉजिट ले रही हैं.

सानिया-हिंगिस की राहें हुई जुदा

एक साथ 14 खिताब जीत चुकीं भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और उनकी करिश्माई जोड़ीदार स्विटजरलैंड की मार्टिना हिंगिस ने एक साथ बिताई अपनी 16 महीने की सुनहरी साझेदारी को अब साथ समाप्त करने का निर्णय कर लिया है। इन दोनों जोड़ीदारों ने पिछले साल टेनिस की दुनिया में तहलका मचा दिया था, जब उन्होंने साल के अंत के डब्ल्यूटीए चैंपियनशिप सहित नौ खिताब अपनी झोली में डाले थे.

सानिया और स्विस स्टार मार्टिना ने पिछले साल मार्च में लगातार तीन खिताब (इंडियन वेल्स, मियामी और चार्ल्सटन में) जीत दर्ज कर धमाके के साथ अपनी भागीदारी की शुरुआत की थी.

मार्टिना के साथ भागीदारी में चार्ल्सटन में खिताब जीतकर सानिया दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बनी थीं. मार्टिना के साथ ही उन्होंने विम्बलडन में अपना पहला महिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब भी जीता था. बाद में इस जोड़ी ने 2015 यूएस ओपन भी जीता था.

सानिया के करीबी सूत्रों ने कहा, 'हां, साझेदारी खत्म हो गई है. इन्होंने पिछले पांच महीनों में उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं हासिल किए. आप देखिए, वे शीर्ष 100 के बाहर की खिलाड़ियों से हार गई और यह साफ दिखता है कि कुछ गलत है. लेकिन यह एक नियमित प्रक्रिया है, अगर परिणाम नहीं मिल रहे तो आप जोड़ीदार बदल सकते हैं.'

सानिया अब दुनिया की 21वें नंबर की चेक गणराज्य की खिलाड़ी बारबोरा स्ट्रीकोवा के साथ, जबकि हिंगिस अमेरिका की कोको वंदेवेघे के साथ जोड़ी बनाएंगी.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें