खुद पर हुए राजनीतिक हमले को घटिया बताते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि वे आरबीआई गवर्नर के तौर पर आगे भी काम करना चाहते थे, जिससे बैंकों की बैलेंस शीट को साफ करने का अपना अधूरा काम पूरा कर सकें. लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा कर यहां से जाते हुए भी खुश हैं.
राजन ने कहा कि सरकार के साथ बातचीत की प्रकिया उस स्टेज पर नहीं पहुंच सकी जहां वे अपने पद पर बने रहने के लिए सहमत हो सकें. राजन ने जून में फैसला किया था कि वे अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले टर्म की मांग नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि वे अगले टर्म या सरकार में आगे कैरियर को लेकर कभी चिंतित नहीं थे और देश के हित में जो भी कर सकते थे किया. राजन ने कहा कि वे बेस्ट टीम प्लेयर थे.
खास मकसद से किए गए हमले
राजन ने कहा कि यूनिवर्सिटी में रहने की वजह से उनकी चमड़ी काफी मोटी हो गई है लेकिन उस समय जो हमले हुए वे घटिया नहीं थे. उन्होंने बताया कि उन पर हाल में हुए कुछ हमले घटिया थे. ये हमले किसी खास मकसद से किए गए. बिना किसी आधार के आरोप लगाए गए थे. इसी वजह से मैंने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया.
स्वामी ने लगाए थे आरोप
अपने कार्यकाल के आखिरी दौर में राजन ने भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के व्यक्तिगत हमलों का सामना किया. स्वामी ने आरोप लगाया था कि पूर्व आईएफ चीफ इकनॉमिस्ट मानसिक तौर पर पूरी तरह से भारतीय नहीं हैं और उन्होंने गुप्त और संवेदनशील वित्तीय सूचनाएं विदेश भेजी हैं.