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5 करोड़ रुपये वसूलने की करण जोहर की योजना

बौलीवुड और इससे जुड़े लोग निराले ही कहे जाएंगे. बौलीवुड के फिल्मकारों के आगे सारे व्यवसायी असफल ही कहे जाएंगे. जी हां! करण जोहर ने अपनी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को प्रदर्शित करने के एवज में ‘आर्मी वेलफेअर फंड’ में पांच करोड़ देने का वादा किया है, मगर करण जोहर अपनी जेब से यह धनराशि नहीं देने वाले हैं, बल्कि दर्शकों से पैसे वसूल करके ही देने वाले हैं.

यह एक कटु सत्य है. अब ऐश्वर्या राय बच्चन, रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के अभिनय से सजी करण जोहर की फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ को देखने के लिए एक दर्शक को 2200 रुपए देने पड़ सकते हैं. जी हां! करण जोहर ने अपनी फिल्म के लिए टिकट दर काफी बढ़ा दी है. हमें पता चला है कि मल्टीप्लैक्स में पीवीआर ने सबसे ज्यादा टिकट के दाम बढ़ाएं हैं. दिल्ली में पीवीआर प्लेटिनम सुपीरियर सीट के लिए एक दर्शक को 2200 रुपये देने पड़ रहे हैं. जबकि प्लेटिनम सीट के लिए 2000 रुपये देने पड़ रहे हैं.

इतना ही नहीं गुड़गांव का अम्बीएंस मल्टीप्लैक्स गोल्ड क्लास के लिए एक टिकट के सोलह सौ रुपये ले रहा है. मजेदार बात यह है कि मुंबई में 800 रुपये से ज्यादा की टिकट किसी भी मल्टीप्लैक्स में नहीं है. और वह भी मुंबई के कुर्ला इलाके के पीवीआर मल्टीप्लैक्स में ही 800 रुपये की टिकट है. अब इस तरह टिकट के दाम में बढ़ोतरी करके कितने दिन में कितने करोड़़ इकट्ठे होते हैं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

पिछले एक दो वर्षो से यह रिवाज सा बन गया है कि जब भी कोई बड़ी फिल्म प्रदर्शित होती है, तो हर मल्टीप्लैक्स टिकट के दाम बढ़ा देता है, इसका हिस्सा निर्माता की झोली में भी जाता है. इसके बावजूद अतीत में कई बड़ी फिल्में अपनी लागत नहीं वसूल कर पायीं. जबकि सौ रूपए की टिकट के दाम के बावजूद मराठी भाषा की फिल्म ‘‘सैराट’’ ने सौ करोड़़ कमा लिए. इससे यह बात भी उभरकर आती है कि टिकट के दाम बढ़ाने से सिनेमाघर के अंदर जाने वाले दर्शकों की संख्या में कमी आती है और बढ़ी हुई टिकट दर के ही चलते दर्शक सिनेमाघर में फिल्म देखने की बजाय पायरेसी से मिली फिल्म या इंटरनेट पर या फिर डेढ़ माह का इंतजार कर टीवी पर फिल्म को देखना पसंद करता है. यदि इस पर बौलीवुड के फिल्मकार गौर करेंगे, तो पाएंगे कि उनके टिकट के दाम बढ़ाने का असली खामियाजा उन्हे ही भुगतना पड़ता है.

इस पर टिप्पणी करते हुए एक वेबसाइट से बात करते हुए फिल्म वितरक अक्षय राठी ने कहा है-‘‘इस तरह टिकट के दाम बढ़ाने के पीछे दर्शकों को दूध पिलाना मकसद नहीं होता. बल्कि फिल्म की पायरेसी हो, उससे पहले ज्यादा लाभ कमाने की मंशा होती है. पर कुछ दर्शकों के लिए एक टिकट के लिए नौ सौ रूपए के साथ ही पापकार्न और कोक का दाम चुकाना तथा घर से सिनेमा घर तक आने जाने का किराया खर्च करना बहुत महंगा सौदा होता है. पर कहते हैं कि जिन्हे फिल्म देखना है, वह तो देखेंगे ही.’’

अब इस तरह बड़ी फिल्म के नाम पर सिनेमा घरों में टिकट के दाम बढ़ाना कितना जायज है,इस पर बहस तो होनी ही चाहिए. ज्ञातब्य है कि कुछ दिन पहले तक ‘‘महाराष्ट् नवनिर्माण सेना’’, करण जोहर की फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ को प्रदर्शित होने न देने का ऐलान किया था. पर फिल्म के प्रदर्शन से एक सप्ताह पहले एक समझौते के तहत करण जोहर ने फिल्म के प्रदर्शन के एवज में ‘आर्मी वेलफेअर फंड’ में पांच करोड़ रूपए देने का वादा किया था.

उधर ‘एमएनएस’ ने जिस तरह फिल्म के निर्माता को ‘आर्मी वेलफेअर फंड’ में पांच करोड़ देने के लिए बाध्य किया है, उसका भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के साथ साथ रेणुका शहाणे, शबाना आजमी, अजय देवगन सहित कुछ कलाकारों ने जोरदार तरीके से विरोध किया है.

उधर सीमा पार से भी भारतीय सेना के निर्णय की तारीफ की जा रही है. जी हां! एक अखबार के मुताबिक पाकिस्तानी सिनेमाघर मालिकों ने भारतीय सेना के इस निर्णय की तारीफ की है, किसी से भी जबरन ‘आर्मी वेलफेअर फंड’ में पैसे देने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए.’’ 

सपा में जारी है ‘घात-प्रतिघात’

72 घंटे से अधिक तक चला समाजवादी का पार्टी हाई वोल्डेज ड्रामा अब भी खत्म नहीं हो रहा है. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव पहली बार कमजोर पड़ते दिखे हैं. उनके लिये बेटे अखिलेश यादव को दरकिनार करना सरल नहीं है, तो भाई शिवपाल को भी छोड़ना मुश्किल काम है. ऐसे में फौरीतौर पर मुलायम ने सुलह समझौते को दिखा कर अखिलेश-शिवपाल के बीच सुलह करा दी. इस सुलह के बाद भी आपस में ‘घात-प्रतिघात’ जारी है. सुलह समझौते की तय शर्ते भी पूरी नहीं हुई है. अब मुलायम खुद कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

एक तरफ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शिवपाल और उनके साथी मंत्रियों का निलंबन वापस नहीं किया, तो प्रदेश का पार्टी मुखिया होने के नाते शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन वापस नहीं लिया. पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अगले मुख्यमंत्री के नाम पर चुनाव के बाद तय करने को कहा है.

समाजवादी पार्टी के इस विवाद में मुलायम यह चाहते थे कि न किसी की जीत हो न किसी की हार हो. चुनाव तक सभी एक रहें, इसके बाद पार्टी अपना नेता समय देखकर तय करेगी. अपने स्तर पर मुलायम ने यह बात पूरी की. इसके बाद भी अखिलेश और शिवपाल दोनो ही अपने अपने दांव चलने से बाज नहीं आ रहे हैं.

ऐसे में अब मुलायम ने इस झगड़े से दूरी बना ली है. समाजवादी पार्टी में मचे घमासान का असर मुलायम की सेहत पर भी पड़ रहा है. इस विवाद को सुलझाने के दौरान 2 बार उनकी तबीयत खराब हुई. अखिलेश और शिवपाल दोनो ही यह कह रहे है कि नेताजी यानि मुलायम सिंह यादव की बात सभी मानेंगे. ऐसे में मुलायम चाहते हैं कि समय के साथ सब सुलझ जाये.

मुलायम के लिये एक पक्ष का चुनाव करना संभव नहीं है. ऐसे में वह बिना किसी तरह के अतिरिक्त विवाद के मसले को ठंडा करने में लगे हैं. पार्टी शिवपाल के हवाले और सरकार अखिलेश के हवाले कर मुलायम बीच का रास्ता निकाल रहे हैं. जिस तरह से पार्टी और सरकार के बीच सुलह समझौते की शर्तों को पूरा नहीं किया जा रहा. इससे साफ है कि मामला रफादफा नहीं हुआ है.

ताजा घटनाक्रम में शिवपाल यादव ने अखिलेश मंत्रिमंडल के सदस्य पवन कुमार पांडेय को 6 साल के लिये पार्टी से बाहर कर दिया है. पवन पांडेय पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशू मलिक को थप्पड मारने का आरोप है. पार्टी के इस कदम का सरकार की तरफ से क्या जबाव आता है यह देखने वाली बात होगी.

कोहली से सीखूंगा रन कैसे बनाते हैः टॉम लाथम

न्यूजीलैंड टीम के इस दौरे के सबसे अच्छे बल्लेबाज साबित हुए टॉम लाथम भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली के मुरीद हो गए हैं. कीवी टीम के ओपनर लाथम ने कहा है कि उन्हें विराट कोहली से सीखने की जरूरत है.

लाथम ने कहा है कि उन्हें विराट से यह सीखने की जरूरत है कि विराट कैसे अपनी पारियों को आगे बढ़ाते हैं और उन्हें बड़े स्कोर में तब्दील करते हैं.

लाथम ने कहा है, 'अगर आपको जीतना है तो बड़े शतक बनाने होते हैं. विराट कोहली को देखिए. वह भारत के लिए जिस तरह से मैच फिनिश करते हैं. मुझे उम्मीद है कि मैं उनकी तरह मैच फिनिश कर सकूंगा.'

लाथम ने पिछले तीनों वनडे में शानदार खेल दिखाया है, बस वह अपनी पारी को आगे बढ़ा पाने में नाकाम रहे हैं. उन्होंने पहले वनडे में 79 नाबाद, दूसरे वनडे में 46 और तीसरे वनडे में 61 रन बनाए थे.

अब आप भी वॉट्सएप्प से करिए Video Call

अगर आप वॉट्सएप्प वीडियो कॉल का लाभ उठाना चाहते हैं तो बस आपको इसके लिए वॉट्सएप्प का BETA वर्जन अपडेट करना होगा.

एक लंबे इंतजार के बाद वॉट्सएप्प से भी अब आप Video calling कर सकते हैं.  वीडियो कॉल फीचर तो वॉट्सएप्प पहले ही शुरू कर चुका है लेकिन इस सुविधा का अभी तक यूजर्स लाभ नहीं उठा सके हैं. अगर आप वॉट्सएप्प वीडियो कॉल करना चाहते हैं तो बस आपको इसके लिए वॉट्सएप्प का BETA वर्जन अपडेट करना होगा. आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आपके वॉट्सएप्प में आप Video calling का लाभ उठा सकते हैं.

इन स्टेप्स को फॉलो कर उठाएं इस सर्विस का मजा..

1. व्हाट्सएप अपडेट करने के लिए सबसे पहले प्ले स्टोर को ओपन करें

2. अब मेन्यु में जाकर My Apps and Games पर क्लिक करें

3. यहां जाकर आपको अपने सभी एप दिखाई देंगे. साथ ही मेन मेन्यु में Installed, All और Beta लिखा दिखाई देगा.

4. आपको यहां Beta पर क्लिक करके अपने वॉट्सएप्प को अपडेट करना होगा.

5. ये अपडेट होने के बाद आप उसके चैट बॉक्स में जाएं जिसे आपको वीडियो कॉल करनी है.

6. ये अपडेट होने के बाद जब आप कॉल के बटन पर क्लिक करेंगे तो वहां आपको Voice और Video का ऑप्शन दिखाई देगा.

7. Video पर क्लिक करते ही फ्रंट कैमरा ओं हो जाएगा और कॉल शुरू हो जाएगी.

CBDT टैक्स पेयर्स को भेज रही है ‘थैंक्यू लेटर’

आयकर विभाग ने कहा कि वह वर्ष 2015-16 के लिए अतिरिक्त 10.15 लाख टैक्‍सपेयर्स को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा. विभाग इससे पहले 8.43 लाख टैक्‍सपेयर्स को इस तरह के प्रमाणपत्र भेज चुका है. ये प्रमाणपत्र इन करदाताओं को 2015-16 के दौरान दिए गए टैक्‍स के आधार पर ई-मेल से भेजे गए हैं.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) पिछले महीने से इस तरह के प्रशंसा प्रमाणपत्र विभिन्न श्रेणी के व्यक्तिगत टैक्‍सपेयर्स को आकलन वर्ष 2016-17 के दौरान उनके द्वारा भरे गए टैक्‍स के आधार पर भेज रहा है.

ये प्रमाणपत्र ऐसे मामलों में भेजे जा रहे हैं जहां पूरे इनकम टैक्‍स की अदायगी की गई है और कोई बकाया नहीं है. इसके अलावा रिटर्न निर्धारित तिथि के भीतर इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भरी गई है. सीबीडीटी ने एक नोटीफिकेशन में कहा, ‘अपनी नई पहल जारी रखते हुए सीबीडीटी ने 10.15 लाख और टैक्‍सपेयर्स को प्रशंसा प्रमाणपत्र भेजने के दूसरे दौर की शुरुआत की है. टैक्‍सपेयर्स को यह प्रशंसा पत्र सरकार की तरफ से उनके योगदान की सराहना करते हुए सीधे संदेश भेजना है.’

– यह प्रशंसा पत्र चार श्रेणियों के टैक्‍सपेयर्स को भेजा जा रहा है.

– एक करोड़ रुपए से अधिक का टैक्‍स देने वालों को.

– 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक का टैक्‍स देने वाले.

– 10 लाख से 50 लाख रुपए तक का टैक्‍स देने वाले.

– एक लाख से दस लाख रुपए तक टैक्‍स का भुगतान करने वाले.

– विभाग ने कहा है कि वह टैक्‍सपेयर्स के लिए विभिन्न सेवाओं में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध है.

– विभाग सभी टैक्‍सपेयर्स से स्वेच्छा से उनके हिस्से के टैक्‍स योगदान में सहयोग की अपेक्षा रखता है.

मेस्सी, रोनाल्डो को पछाड़ ग्रिएजमैन ने जीता ला लिगा पुरस्कार

एटलेटिको मैड्रिड के फॉरवर्ड अंतोइन ग्रिएजमैन ने लियोनेल मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो को पछाड़कर 2015-16 के सीजन के लिए ला लिगा बेस्ट फुटबॉलर का पुरस्कार जीता.

एटलेटिको के डिएगो सिमेओन को सीजन के बेस्ट कोच का पुरस्कार मिला जबकि बार्सीलोना के स्ट्राइकर लुईस सुआरेज को बेस्ट गैर यूरोपीय संघ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला. मेस्सी को बेस्ट फॉरवर्ड का पुरस्कार मिला.

एटलेटिको के जॉन ओबलाक को बेस्ट गोलकीपर और डिएगो गोडिन को बेस्ट डिफेंडर का पुरस्कार मिला. रीयाल मैड्रिड के लुका मोडरिच बेस्ट मिडफील्डर चुने गए.

महंगी हो सकती है ऐप बेस्ड कैब सर्विस

आने वाले समय में ओला और उबर जैसी ऐप-बेस्ड टैक्सी सर्विस महंगी हो सकती हैं. केंद्र सरकार ने ऐसी सर्विस के लिए एक पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें न्यूनतम किराए पर 2-3 गुना सर्ज प्राइसिंग को मंजूरी दी गई है. हालांकि इस ड्राफ्ट में केंद्र ने ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस का न्यूनतम और अधिकतम किराया निर्धारित करने का अधिकार राज्य सरकारों को दिया है. राज्य सरकारें टैक्सी सर्विस को शहर से बाहर चलाए जाने की अनुमति भी दे सकती हैं.

सूत्रों के मुताबिक, राज्यों के परिवहन विभाग, परिवहन मंत्रालय, नीति आयोग और इलैक्ट्रॉनिक व आईटी विभाग के बीच मंगलवार को हुई एक मीटिंग में इस बात पर सहमति बनी है कि इस नीति से यात्रियों को टैक्सी की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया, 'सर्ज प्राइसिंग पर सहमति देने से टैक्सी सर्विस कॉम्पिटिशन में कम से कम किराया रखने की कोशिश करेंगी. सभी ने माना कि मनमाने किराए से बचाने के लिए लोगों को कुछ ज्यादा किराया देना पड़ेगा इसलिए इसे सीमित किया जाना जरूरी है.'

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस नीति का मुख्य ध्यान टैक्सी की उपलब्धता को बढ़ाना है. हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट के ऑर्डर को देखते हुए इस पॉलिसी ड्राफ्ट को अगले महीने पहले कोर्ट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. सरकार का ऐसा मानना है कि ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस से लोगों को परिवहन की बेहतर सुविधा मिली है और इसके जरिए गाड़ियों की बढ़ती संख्या को सीमित किया जा सकता है. इसीलिए सड़क और परिवहन मंत्रालय ने टैक्सी के रजिस्ट्रेशन को आसान बनाए जाने का समर्थन किया है. हालांकि, ट्रैक्सी सर्विस राज्य सरकारों के नियमों को मानने के लिए बाध्य होंगी.

दमदार वाई-फाई कनेक्शन से खुद जुड़ जाएगा फोन

सार्वजनिक स्थलों पर एक नहीं, कई वाई-फाई कनेक्शन मौजूद होते हैं. इनमें से कुछ कनेक्शन के सिग्नल एक जगह पर बेहद दमदार तो दूसरे स्थान पर काफी कमजोर हो सकते हैं. सबसे दमदार सिग्नल पर इंटरनेट सर्फिंग का लुत्फ उठाने के लिए यूजर को फोन की सेटिंग में जाकर बार-बार वाई-फाई नेटवर्क बदलना पड़ता है. गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध कुछ एप इस झंझट से छुटकारा दिला सकते हैं. ये फोन को खुद ब-खुद क्षेत्र में मौजूद सबसे दमदार वाई-फाई नेटवर्क से जोड़ देते हैं.

वाई-फाई स्विचर

यह एप किसी इलाके में मौजूद सबसे दमदार वाई-फाई सिग्नल की पहचान में सक्षम है. यूजर जब एक जगह से दूसरी जगह पर जाता है तो उसके फोन में नए स्थान पर उपलब्ध सबसे दमदार वाई-फाई नेटवर्क अपने आप काम करने लगता है. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि यूजर ने संबंधित वाईफाई कनेक्शन का पासवर्ड फोन में सेव कर रखा हो. Wifi Switcher खोलते ही स्क्रीन पर वाईफाई नेटवर्क और उनके नाम दिखाई देते हैं. इनमें से उन नेटवर्क का चयन कर लें जिनके पासवर्ड आपको मालूम हैं. फिर पासवर्ड डालते ही ये ऑटो-कनेक्ट होने के लिए सेट हो जाएंगे. ‘वाई-फाई स्विचर’ में इंटरनेट कनेक्शन की रेंज तय करने का विकल्प भी मौजूद है. तय रेंज से कम क्षमता वाले वाई-फाई कनेक्शन खुद ब-खुद फोन से डिसकनेक्ट हो जाते हैं.

स्विफी : ऑटो स्विच बेस्ट

‘वाईफाई स्विचर’ की तर्ज पर काम करने वाला रहकाके SWIFI | Auto Switch Best WiFi भी इलाके में मौजूद सबसे मजबूत वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ने की सुविधा देता है, वो भी सेटिंग में कोई बदलाव किए बगैर. एप में सिग्नल को लेकर अपनी प्राथमिकताएं तय करने का विकल्प भी उपलब्ध है. मिसाल के तौर पर अगर यूजर को 4 गीगाहर्ट्ज की स्पीड पर इंटरनेट सर्फिंग बेहतर लगती है तो वे एप को कुछ इस तरह से सेट कर सकेंगे कि फोन इलाके में मौजूद 4 गीगाहट्र्ज या उससे अधिक क्षमता वाले सिग्नल से ही जुड़े. ‘स्विफी-ऑटो स्विच बेस्ट वाईफाई’ में वाई-फाई सिग्नल का आईपी एड्रेस भी देखा जा सकता है. यह तेजी से एक वाईफाई सिग्नल को छोड़ दूसरे वाईफाई सिग्नल से जुड़ जाता है.

योगेश्वर की लंदन ओलंपिक में सिल्वर की उम्मीद टूटी

भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त के लंदन ओलंपिक में जीते गये ब्रॉन्ज मेडल के सिल्वर में बदलने की संभावना लगभग समाप्त हो गयी है. दूसरी तरफ भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने दावा किया कि उसे इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है.

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने 2012 खेलों में पुरूष फ्रीस्टाइल में 60 किग्रा भार वर्ग में सिल्वर मेडल जीतने वाले रूस के स्वर्गीय पहलवान बेसिक कुदुकोव के खिलाफ जांच समाप्त करने का फैसला किया है जिससे ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले योगेश्वर की सिल्वर हासिल करने की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी.

कुदुकोव की 2013 में कार दुर्घटना में मौत हो गयी थी. उनके पुराने नमूने का वाडा ने कुछ दिन पहले फिर से टेस्ट किया था जो प्रतिबंधित स्टेरायड के सेवन के लिये पॉजीटिव पाया गया था.

रूसी कुश्ती महासंघ ने अपने बयान में दावा किया कि 2012 खेलों के उनके नमूने का इस साल फिर से टेस्ट किया गया और वह स्टेरॉयड टुरिनबोल के लिये पॉजीटिव पाया गया. उनका मामला तीन सदस्यीय आईओसी अनुशासन आयोग को सौंपा गया लेकिन समिति ने कुदुकोव के खिलाफ जांच खत्म करने का फैसला किया.

विश्व कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष जियोग्री ब्रयुसोव ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति बेसिक कुदुकोव को 2012 के लंदन ओलंपिक खेलों में जीत गये रजत पदक से वंचित नहीं करेगी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘रियो ओलंपिक से पहले हमें बताया गया था कि कुदुकोव का टेस्ट प्रतिबंधित दवा के लिये पॉजीटिव पाया गया है और योगेश्वर का ब्रॉन्ज मेडल सिल्वर में बदलने से पहले उनके 2012 लंदन ओलंपिक के नमूने का टेस्ट किया जाएगा. लेकिन इसके बाद हमें अब तक इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है.’’

आईओसी ने 2008 बीजिंग ओलंपिक और 2012 लंदन ओलंपिक के अलावा कई अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में लिये गये नमूनों का बेहतर तकनीक से फिर से टेस्ट करवाया ताकि उनमें प्रतिबंधित पदार्थों का पता लगाया जा सके.

जब यह खबर आयी थी कि कुदुकोव का टेस्ट पॉजीटिव पाया गया है और उनका सिल्वर योगेश्वर को मिलेगा तो भारतीय पहलवान ने यह पदक स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था और कहा था कि पदक इस स्वर्गीय पहलवान के परिजनों के पास ही रहना चाहिए. योगेश्वर ने ट्वीट किया था, ‘‘यदि संभव हो तो उन्हें पदक रखने की अनुमति मिलनी चाहिए. मेरे लिये मानवता सर्वोपरि है.’’

सेटिंग्स बदल कर बढ़ाएं बैटरी की लाइफ

स्मार्टफोन आज के समय की जरुरत बन चुकी है. जब भी हम फोन लेने जाते हैं तो कई फीचर्स को परखते हैं. कई लोग सबसे पहले फोन की बैटरी देखते हैं. जिस फोन की बैटरी अच्छी होती है वो खरीद लेते हैं. अच्छी बैटरी का फोन लेने के बाद भी फोन की बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है. ऐसे में हम आपको कुछ सेटिंग्स बताने जा रहे हैं जिससे आप अपने फोन की बैटरी को जल्दी खत्म होने से बचा सकते हैं. तो चलिए आपको इन सेटिंग्स के बारे में बता दें.

स्क्रीन टाइमआउट

सेट करने का मतलब ये है कि आप जब मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो खुद-ब-खुद स्क्रीन लॉक हो जाएगी. अगर आप इस सेटिंग को फोन में कर लेते हैं तो आपके फोन की बैटरी जल्दी खत्म नहीं होगी. आप इसमें खुद से सेलेक्ट कर सकते हैं कि कितनी सेकेंड/मिनट बाद स्क्रीन ऑफ हो जानी चाहिए.

जीपीएस:

आजकल जीपीएस का प्रयोग ज्यादा किया जाने लगा है. इससे लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. अगर आप जीपीएस का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप इसे ऑफर कर दें. इसके लगातार ऑन रहने से ये फोन की बैटरी को ज्यादा खर्च करता है.

पॉवर सेविंग मोड्स:

ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पावर सेविंग मोड्स ऑप्शन डिफॉल्ट आने लगा है अगर आपके फोन में ऑप्शन नहीं है देर न करें इसे जल्द गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लें और इसे हमेशा ऑन रखें.

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