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“..तो खत्म हो जाएगा मेरा करियर”

भारत की बेस्ट शटलर कही जाने वाली सायना नेहवाल ने अपने करियर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. रियो ओलंपिक में अपनी चोट के कारण शुरुआत में ही बाहर होने वाली सायना वापसी की कोशिशों में लगी हैं लेकिन उन्हें अपने दिल में कहीं ऐसा लगता है कि उनका करियर खत्म होने की ओर है.

भारत की सबसे बड़ी बैडमिंटन स्टार सायना ने एक इंटरव्यू में कहा, 'कई लोग सोचते हैं कि मेरा करियर खत्म हो जाएगा और मैं वापसी नहीं कर पाऊंगी. मुझे भी अपने दिल के अंदर कहीं महसूस होता है कि मेरा करियर खत्म होने की ओर है. देखते हैं कि आगे क्या होता है क्योंकि भविष्य के बारे में आप कुछ नहीं जानते.' लंदन ओलंपिक 2012 में ब्रोन्ज मेडल जीतने वाली सायना रियो ओलंपिक में घुटने की चोट से प्रभावित रहीं और ग्रुप दौर में ही ओलंपिक से बाहर हो गईं.

रियो से लौटने के बाद उन्होंने अपने घुटने की सर्जरी कराई. सायना इस समय कोर्ट पर ट्र्रेनिंग कर रही हैं और उनके कोच विमल कुमार सायना की वापसी को लेकर किसी भी तरह की जल्दबाजी में नहीं है.

26 वर्षीय सायना ने 15 नवंबर से होने वाले चाइना ओपन सुपर सीरीज टूर्नामेंट से वापसी करने पर अपनी नजरें टिका रखी हैं. उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ कड़ी मेहनत करना चाहती हूं. मैं देखना चाहती हूं कि मेरा शरीर कितना फिट रहता है और मैं उन क्षेत्रों में काम कर रही हूं जो मेरे लिए कमजोर हैं. मैं फिलहाल जीतने या हारने के बारे में कुछ नहीं सोच रही हूं.'

सायना ने कहा, 'मुझे कहीं ज्यादा खुशी होगी अगर लोग सोचते हैं कि मैं खत्म हो चुकी हूं. दूसरे नजरिये से देखें तो यह अच्छा लगता है कि लोग मेरे बारे में ज्यादा सोचते हैं. मैं अभी अगले एक साल के बारे में सोचूंगी, फिर मैं साल-दर-साल आगे बढूंगी. मैं अपने लिए अगले पांच-छह वर्षों का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं कर रही. मेरी सोच अगले एक-दो या तीन सालों में बदल सकती है.'

उन्होंने कहा, 'फिलहाल मुझे यह देखना है कि मेरा शरीर कितना फिट रहता है क्योंकि ये चोटें काफी दर्दनाक हैं. अगर मैं कोई टूर्नामेंट जीत भी जाती हूं तो खुशी उतनी ज्यादा नहीं होगी क्योंकि चोटों का दर्द काफी सहना पड़ा है.'

सायना ने कहा, 'अपनी चोट के दर्द के दौरान मैंने अपनी मां से पूछा था कि काफी दर्द हो रहा है, अब क्या होगा. मेरी मां ने कहा था कि क्या हो गया, कुछ नहीं हुआ है. तुम खेलना. उन्हीं की प्रेरणा है कि मैं आज फिर खड़ी हो पाई हूं. मां ने हमेशा मेरा साथ दिया है. मुझे खुशी है कि मेरे पास ऐसे माता-पिता हैं जो खराब समय में इतने मजबूत बन गए. कई माता-पिता तो ऐसे समय में टूट जाते हैं लेकिन उन्हें सलाम है कि वह मुझसे भी ज्यादा मजबूत रहे.'

चोट से उबरने के बाद सायना के लिए वापसी आसान नहीं होगी और उन्हें अपना कार्यक्रम ध्यान से तैयार करना होगा. सायना 15 नवंबर से चाइना ओपन में और उसके बाद 22 नवंबर से हॉन्गकॉन्ग ओपन में हिस्सा ले सकती हैं. उनकी भागेदारी के बारे में अंतिम फैसला कुछ दिनों में ले लिया जाएगा.

सायना का कहना है कि वह रिजल्ट के बारे में चिंता किए बगैर कुछ मैच खेलना चाहती हैं. सायना यह भी मानती हैं कि अगर वह चीन में कोर्ट पर उतरती हैं तब वह 100 फीसदी फिट नहीं होंगी लेकिन वह अपना बेस्ट करने की कोशिश करेंगी.

वर्ल्ड रैंकिंग में आठवें नंबर पर मौजूद सायना का फिलहाल लक्ष्य दुबई में साल के अंत पर होने वाले सुपर सीरीज फाइनल्स में जगह बनाने पर है जो दुनिया की टॉप आठ खिलाड़ियों में खेला जाता है. अपने करियर से संतुष्ट सायना ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपने करियर में बहुत कुछ हासिल किया. नंबर वन रैंकिंग, ओलंपिक मेडल, वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल, सभी बड़े टूर्नामेंट में मेडल, इससे ज्यादा और क्या चाहिए. मैंने अभी कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है. मुझे सिर्फ फिट रहना है और रिजल्ट खुद-ब-खुद आएंगे. फिलहाल मैं ज्यादा कुछ नहीं सोच रही हूं.'

गूगल के एलो एप में शामिल हुए कई नए फीचर

गूगल ने हाल ही में लॉन्च किए गए अपने मैसेजिंग एप एलो को वर्जन 2.0 पर अपग्रेड कर दिया है. इस एप में कंपनी ने कई नए फीचर शामिल कराए हैं. नए अपडेट में मल्टीटास्किंग को आसान बनाया गया है. यानी एप पर कई स्क्रीन एक साथ खोली जा सकती हैं.

इसके अलावा जीआईफ कीबोर्ड और क्विक रिप्लाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है. इसके तहत एलो का उपयोग करने वाले यूजर होमस्क्रीन से ही चैट का जवाब दे सकते हैं.

एलो एप के जरिए उन लोगों को भी मैसेज भेजा जा सकता है जो इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. इन लोगों को यह मैसेज एसएमएस के रूप में मिलता है.

एलो पर गूगल असिस्टेंट यूजर से चैट करते समय दोस्ताना व्यवहार कायम करता है. अगर आपको बोरियत महसूस हो रही है तो गूगल असिस्टेंट से चैट कर सकते हैं. उदाहरण के लिए यूजर गूगल असिस्टेंट से गाना सुनाने के लिए ‘सिंग मी ए सॉन्ग’ कमांड दे सकते हैं.

अब व्‍हाट्सएप पर भेजें हाईक स्‍टीकर्स

इसमें कोई संदेह नहीं रह गया है कि हाईक मैसेंजर, स्‍टीकर्स के मामले में बहुत अपग्रेड है. ये अन्‍य आईएम एप्‍लीकेशन के मुकाबले कहीं ज्‍यादा एडवांस है. यूआई के टर्म में, कॉलिंग सुविधा भी इसमें काफी अच्‍छी है.

अगर आप व्‍हाट्सएप यूज करते हैं और उसमें चैट को एक्‍सप्रेसिव बनाने के लिए हाईक मैसेंजर के स्‍टीकर्स का इस्‍तेमाल करना चाहते हैं तो इस तरह कर सकते हैं: स्‍टेप 1: हाईक पर Stickey प्राप्‍त करना

हाईक मैसेंजर पर जाएं और इसकी सेटिंग में जाएं. यहां आपको Stickey विकल्‍प मिलेगा.

स्‍टेप 2: हाईक Stickey से व्‍हाट्सएप को सेलेक्‍ट करना

आप जब Stickey पर क्लिक करेंगे तो आपके सामने कई सारे विकल्‍प आएंगे. इसमें से व्‍हाट्सएप पर टिक कर दें.

स्‍टेप 3: व्‍हाट्सएप पर जाएं

जब आप व्‍हाट्सएप पर जाएंगे. तो आप पाएंगे कि व्‍हाट्सएप होम पेज पर हाईक ऑइकन स्‍टक हो जाएगा.

स्‍टेप 4: स्‍टीकर भेजें

अब आप जिसे भी चैट करना चाहें, चैट करें और स्‍टीकर भेजें.

स्‍टेप 5: आईओएस यूजर्स के लिए

अगर आप आईफोन यूजर हैं तो हाईक यूजर स्‍टीकर पर लॉन्‍ग प्रेस करके इसे शेयर वाय के जरिए किस दूसरे एप में इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

दमदार हैं iPhone 8 के फीचर्स

ऐप्पल के अगले साल आने वाले iPhone 8 के बारे में काफी अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि 2017 में लॉन्च होने वाले iPhone8 वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करेगा. ऐसा भी कहा जा रहा है कि फॉक्सकॉन ने इस फोन के जरूरी कॉम्पोनेंट बनाने शुरू भी कर दिए हैं.

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस फोन में वायरलेस चार्जिंग की सुविधा केवल प्रीमियम वैरिएंट में ही उपलब्ध होगी. इसके साथ ही इस फोन का समय पर आना इस पर भी निर्भर करेगा कि फॉक्सकॉन समय से कॉम्पोनेंट की सप्लाई कर पाता है या नहीं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि ऐप्पल  लॉन्ग डिस्टेंस वायरलेस चार्जिंग टेक्नॉलजी पर भी काम कर रहा है लेकिन यह नहीं पता चला है कि वह इसमें इतना सफल हो भी सका है कि उसे 2017 के iPhone में दे सके.

इससे पहले इस फोन के बारे में ऐसी सूचनाएं आईं थीं कि इसके तीन वैरिएंट पेश किए जाएंगे जिसमें प्रीमियम वैरिएंट में OLED डिस्प्ले पैनल आएगा. जबकि बाकी के दो वैरिएंट में LTPS डिस्प्ले दिया जाएगा. इसके अलावा iPhone 8 में ऐज टू ऐज बैजल डिस्प्ले के साथ आएगा. साथ ही, इस फोन से होम बटन हटाकर टच आईडी लगाया जा सकता है. पहले ही यह खबर भी आ चुकी है कि ऐप्पल का नया फोन मेटल की जगह फुल ग्लास बॉडी में आएगा.

गौरतलब है कि साल 2017 में ऐप्पल  अपने इस सफल फोन के लॉन्चिंग की दसवीं सालगिरह मानाएगा. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि अगले साल ऐप्पल  iPhone के दमदार अपग्रेड के साथ बाजार में आएगा.

जन्मदिन मनाने मन्नत छोड़ अलीबाग पहुंचे शाहरुख खान

आज 2 नवंबर को शाहरुख खान अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं. मगर इस बार वह अपना जन्मदिन मीडिया व अपने प्रशंसकों से दूर एकांत में मुंबई से करीबन तीन सौ किलोमीटर दूर अलीबाग में अपने  चंद दोस्तों के संग मना रहे हैं. सूत्र दावा कर रहे हैं कि शाहरुख खान के जन्म उत्सव का हिस्सा बनने के लिए कास्ट्यूम डिजाइनर मनीष मल्होत्रा के अलावा फिल्मकार करण जोहर सुबह से ही अलीबाग पहुंच चुके हैं. शाम तक कई दूसरे सितारे भी पहुंचने वाले हैं.

मगर अभिनेता बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब शाहरुख खान ने अपना जन्मदिन मुंबई की बजाय अलीबाग में मनाने का निर्णय लिया हो. शाहरुख खान जब से मुंबई के बांदरा इलाके में स्थित मन्नत बंगले में रहते आ रहे हैं, तब से वह अपने जन्म दिन पर मन्नत के अंदर मीडिया के साथ मेल मिलाप और मीडिया संग गपशप करते आए हैं. उसके बाद वह अपने बंगले मन्नत के सामने खड़े अपने प्रशंसकों का हाथ हिलाकार अभिवादन स्वीकार करते रहे हैं. मगर यह पहली बार है जब शाहरुख खान ने अपने जन्मदिन पर इस बार मीडिया व अपने प्रशंसकों से भी दूरी बनायी है. इसकी कोई खास वजह  है या नहीं, इस पर हमारी नजर बनी हुई है.

‘मिर्जिया’ की असफलता के बावजूद खुश हैं राकेश ओमप्रकाश मेहरा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार राकेश ओमप्रकाश मेहरा के करियर पर गौर किया जाए तो एक बात उभर कर आती है कि उनकी एक फिल्म सफल, तो दूसरी असफल होती है. राकेष ओमप्रकाश मेहरा निर्देशित पहली फिल्म ‘‘अक्स’’ असफल थी, फिर ‘रंग दे बसंती’ हिट, फिर ‘दिल्ली 6’ असफल, उसके बाद ‘भाग मिल्खा भाग’ हिट और अब उनकी नई फिल्म ‘‘मिर्जिया’’ को असफल माना जा रहा है. जब हमने फिल्म ‘मिर्जिया’ की असफलता पर चर्चा करने के लिए राकेश ओमप्रकाश मेहरा से मुलाकात की, तो उन्होने स्वयं खुले दिल से स्वीकार किया कि उनकी फिल्म ‘मिर्जिया’ हिट नहीं है.

राकेश ओमप्रकाश मेहरा से मुलाकात होने पर हमने उनसे सीधा सवाल किया कि उनकी फिल्म ‘‘मिर्जिया’’ को तो सफलता नहीं मिली? इस पर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने ‘‘सरिता’’ पत्रिका से  कहा- ‘‘इस फिल्म के प्रदर्शन के बाद मुझे तीन तरह के रिस्पांस मिले. मैं इस बात को स्वीकार करता हूं कि मैं जो चाह रहा था, वैसा रिस्पांस इस फिल्म को बाक्स आफिस पर नहीं मिला. दूसरा रिस्पांस यह रहा कि पूरी दुनिया से जिस तरह के फिल्म आलोचकों व दर्शकों के रिव्यू आए हैं, उनसे इस बात का आभास होता है कि हमारा जो यह नया प्रयोगात्मक प्रयास था, वह सफल रहा. खासकर विदेशों से, न्यूयार्क टाइम्स सहित कई बड़े अखबारों ने बहुत प्रशंसा की है. पर भारतीय फिल्म आलोचकों ने फिल्म की धज्जियां उड़ा दी. लंदन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हमारी फिल्म ‘मिर्जिया’ ओपनिंग फिल्म थी. फिल्म देखने के बाद प्रशंसकों ने खड़े होकर 15 मिनट तक तालियां बजाकर फिल्म ओर हमारी टीम को सराहा. लंदन में अच्छा रिस्पांस मिला. इस फिल्मोत्सव में पूरे विश्व से 165 पत्रकार आए थे, उन्होंने भी तारीफ की. दूसरे दिन दो बार हमारी फिल्म दिखायी गयी. ‘मिर्जिया’ ने वहां पर भारत में टायलेट बनाने के अच्छे काम के लिए एक लाख पचहत्तर हजार पौंड जमा किए.

विदेशों में लोगों ने मुझसे कहा कि आज नहीं, मगर कुछ वर्षों के बाद लोग इस बात को महसूस करेंगें कि मैने भारतीय कलात्मक सिनेमा को नई जिंदगी दी है. मैंने अपनी फिल्म ‘मिर्जिया’ के माध्यम से भारत की गरीबी या भारत की झोपड़पट्टियों  को विदेशों में नहीं बेचा. अब तक हर भारतीय फिल्मकार इसी तरह की चीजों को अपनी फिल्म में दिखाकर पश्चिमी देशों के फिल्म समारोहों में घुसते रहे हैं. पर हमने अपनी फिल्म में भारतीय कहानी को संगीत के साथ ‘मिर्जिया’ से हमने विदेशी धरती पर सिनेमा का ‘भारतीय संगीत’ का एक नया जानर खोल दिया है. भारत में गीत संगीत युक्त सिनेमा काफी पसंद किया जाता है, अब विदेश वाले भी पसंद करने लगे.’’

राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने आगे कहा-‘‘लेकिन भारत में यह फिल्म कम पसंद की गयी. इससे मेरी समझ में आया कि मैंने कथा कथन शैली में जो नया प्रयोग किया, उसमें और काम करने की जरुरत थी. इस नई कथा कथन शैली को बड़े दर्शक वर्ग तक कैसे पहुंचाया जाए, उस पर काफी काम करना चाहिए था. देखिए, हम जब कोई नई शैली विकसित करते हैं, तो यह देखते हैं कि वह चलती है या नहीं, उसके बाद हम उसे आगे लेने के लिए उपाय करते हैं. देखिए ‘मिर्जिया’ का पूरा खेल नया था, इसमें मैं जितना भी आगे बढ़ा हूं, वह सफलता ही है. देखिए, जब हम हाईजंप मारते हैं, तो हमें पता होता है कि इसका रिकार्ड क्या है और उस रिकार्ड को तोड़ना लक्ष्य होता है. पर यहां तो ऐसा कुछ था ही नहीं. यह तो पूरा नया खेल था, तो हमने जो भी किया, वह एक रिकार्ड बना है. यह हमारी पहली छलांग रही.’’

राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने इसी संदर्भ में आगे कहा-‘‘तीसरा रिस्पांस यह है कि फिल्म सिनेमाघरों से पूरी तरह से नहीं उतरी है. कुछ दर्शक अभी भी ‘मिर्जिया’ देख रहे हैं. इससे यह बात साफ हुई है कि हम आगे ही बढ़े हैं. पर सिंगल थिएटरों में यह फिल्म बिलकुल नहीं चली. देखिए, फिल्म ‘मिर्जिया’ सफल हो जाती, तो मुझे बहुत ज्यादा खुशी न होती और नहीं चली, तो बहुत ज्यादा गम नही है. मैं अपने अंदर के संयम को बरकरार रखते हुए अपने काम और इस फिल्म की बाक्स आफिस रपट पर गौर कर रहा हूं. लोग यह मान रहे हैं कि इस फिल्म में कुछ बात तो है.’’

जब हमने कहा कि फिल्म ‘‘मिर्जिया’’ के सिंगल थिएटरों में बिलकुल न चलने की क्या वजह रही? इस पर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने कहा-‘‘मुझे लगता है कि जब हम कोई नई चीज कर रहे हों, तो दर्शकों को विश्वास में लेना जरुरी होता है कि हम ऐसा कुछ नया करने जा रहे हैं, वह हम नहीं कर पाएं. दर्शक सिनेमा घर के अंदर प्रेम कहानी देखने गया था, नई कथा कथन की शैली को अनुभव करने के लिए नहीं गया था, इसलिए उसे फिल्म पसंद नही आयी.’’

वह आगे कहते हैं-‘‘हमें पता था कि हम सौ करोड़ वाली फिल्म नहीं बना रहे हैं. इसी के चलते हमने अपना बजट कंट्रोल किया. अब तक सेटेलाइट, संगीत आदि अधिकार बेचने पर 75 प्रतिशत लागत वसूल हो चुकी है. 15 करोड़ में सेटेलाइट अधिकार और 6 करोड़ में संगीत के अधिकार बिके हैं. संगीत में ओवर फ्लो हुआ तो कुछ और राशि मिल जाएगी. हमारी फिल्म का बजट 30 करोड़ है. हम 21 करोड़ वापस पा चुके हैं. बाकी की राशि हमें बाक्स आफिस से एकत्र करनी है. अब कितनी हो पाती है, वह वक्त ही बताएगा. पर भारतीय बाक्स आफिस के आधार पर शायद हम तीस करोड़ के आस पास ही पहुंच पाएंगे. यदि हम ओवरसीज के बाक्स आफिस के कलेक्शन को मिला लेंगे, तो हम तीस करोड़ के आंकड़े को पार कर ले जाएंगे. इस तरह लग रहा है कि हमारी मूल राशि वापस आ जाएगी. पर हमारा नया प्रयोग सफल हो गया, इसकी मुझे खुशी है. जबकि अभी तो हमने डिजिटल बेचना शुरू ही नहीं किया है. इस तरह हमारी फिल्म एवरेज पर पहुंच जाएगी, पर हिट कतई नहीं होगी.’’

सुपर पावर मिली, तो खत्म करुंगी भ्रष्टाचार: दृष्टि धामी

धारावाहिक ‘मधुबाला’ से प्रसिद्धि प्राप्त करने वाली टीवी अभिनेत्री दृष्टि धामी एक मॉडल और डांसर हैं. गुजराती परिवार में जन्मी दृष्टि ने मॉडलिंग और म्यूजिक वीडियो से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद उन्हें धारावाहिकों में काम मिला. वह स्पष्टभाषी और हंसमुख हैं. एक आम महिला की तरह हैं जिसे अपने काम से लगाव है. लेकिन इस बात से नाराज़गी है कि उन्हें लोग कम बोलने वाली समझते हैं, जबकि वह ऐसी नहीं. उनका अपनी टीम और साथी कलाकार के साथ अच्छा ताल-मेल रहता है. काम की सफलता को एन्जॉय करते हुए उन्होंने अपने प्रेमी और व्यवसायी नीरज खेमका से शादी की. वह टीवी जगत की सबसे अधिक मेहनताना लेने वाली अभिनेत्री मानी जाती हैं. इन दिनों वह ‘स्टार प्लस’ पर आने वाले धारावाहिक ‘परदेस में है मेरा दिल’ में मुख्य भूमिका निभा रही है, पेश है उनसे बातचीत के अंश.

प्र. इस धारावाहिक से जुड़ने की वजह क्या है?

मैं इसे ना तो कर ही नहीं सकती थी, क्योंकि कॉम्बिनेशन इतना अच्छा है. जिसमें कहानी, प्रोडक्शन टीम, स्टार प्लस आदि सब अच्छे हैं. इसके अलावा आस्ट्रिया की शूटिंग, क्लिकनिक्सन का सेट ये सब अच्छे हैं. इसलिए ना बोलने की कोई वजह ही नहीं थी. पूरी कहानी बहुत सुंदर है, मैंने 25 दिन का आउटडोर किया, पर एक पल के लिए नहीं लगा कि हमें कोई परेशानी हुई हो. सबकुछ हमने समय से ख़तम किया.

प्र. इसमें आपकी भूमिका क्या है?

में एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की हूं जो अपने माता-पिता और परिवार की देखभाल करती है. लेकिन वह ‘लूजर’ है और सही व्यक्ति को शादी के लिए ढूंढ रही है. एक समय ऐसा आता है जब दो हारे हुए व्यक्ति एक साथ मिलते हैं और उन्हें वह सब कुछ मिल जाता है जिसकी वे चाहत रखते थे.

प्र. इस चरित्र के साथ अपने आप को कितना जोड़ पाती हैं?

मां के साथ मेरी बोन्डिंग बहुत अच्छी है, इस धारावाहिक के दौरान मैंने जो भी शूट किये, बार-बार मां की याद दिलाते रहे हैं. मां के चरित्र के अलावा मैं किसी और चीज से अपने-आप को जोड़ नहीं सकती, क्योंकि मैं लूज़र नहीं, न तो मैं शादी के लिए किसी को ढूंढ रही हूं. इस धारावाहिक में दिखाए गए हर दृश्य से कोई भी महिला अपने आप को जोड़ सकती है. दृश्य हो या संवाद सारे नेचुरल है. आसपास घटने वाले हैं.

प्र. इसे करने में मुश्किलें कहा आ रही हैं?

अर्जुन के साथ शूट करने की मुश्किलें सबसे अधिक आ रही हैं, क्योंकि मैं उसे सालों से जानती हूं और अब इस तरह की एक्टिंग कर रही हूं. जो अजीब लगता है, इसके अलावा निर्देशक जो बहुत ही सधे हुए हैं, उनके साथ काम करने के लिए बहुत तैयार रहना पड़ता है. इतना ही नहीं ऑस्ट्रिया में एक ख़ास दिन मैं ‘फ़ास्ट’ पर थी और मायनस फाइव डीग्री पर मुझे छोटी ड्रेस में शूट करना पड़ा. सारे प्रोडक्शन टीम ने मुझे संभाला और सहयोग दिया, जिससे अभिनय आसान हुआ.

प्र. आउटडोर शूटिंग में अपने स्किन का ध्यान कैसे रखती हैं?

मैं सनस्क्रीन लगाती हूं इसके अलावा जो समस्या आती है, मेकअप मैन उसे मेकअप के द्वारा ठीक कर देते हैं.

प्र. शादी के बाद जिंदगी कितनी बदली है?

बदलाव कुछ नहीं, पहले मां के पास सोती थी, अब पति के पास. मेरे सास-ससुर मेरा बहुत ख्याल करते हैं. मैं उस घर की बहू नहीं बेटी हूं. डेढ़ साल से कोई समस्या नहीं है.

प्र. पति का कितना सहयोग होता है?

पति का सहयोग बहुत है, नीरज के माता-पिता और मेरे माता-पिता की राजी के बिना ये मैं कर नहीं पाती थी. वह दूसरे क्षेत्र से जुड़े हैं, इसके बावजूद भी मैं उनसे हर बात को डिस्कस करती हूं. कहानी और एसाइनमेंट को साईन करने से पहले उनकी राय अवश्य लेती हूं.

प्र. पति के साथ सामंजस्य कैसे बिठाती हैं?

दिन में कई बार आपस में बातचीत हो जाती है. खाना खाया की नहीं, सेट पर पहुंची की नहीं आदि सभी बातों को वे पूछते रहते हैं और मैं भी पूछती हूं. इस तरह कनेक्ट रहते हैं, घर पर जाकर एक साथ बैठ कर मूवीज देखते रहते हैं. रविवार को जब मेरी छुट्टी रहती है तो हम दोनों दोस्तों से मिलने चले जाते हैं. इसके अलावा छुट्टी लेकर कही घूमने भी जाते हैं.

प्र. करियर का टर्निंग पाइंट किसे मानती हैं?

सारे ही काम लाइफ के किसी न किसी रूप में टर्निंग पॉइंट होते हैं. पहले म्यूजिक वीडियो किया, उससे मेरा चेहर सबको दिखा. फिर ‘मधुबाला’ धारावाहिक मिला. फिर एकता कपूर जैसी प्रोड्यूसर मिली. सबको जोडकर ही यहां तक पहूंची हूं. इतना जरुर है कि मधुबाला की वजह से मेरी पहचान घर-घर में हुई. मुझे ख़ुशी है कि जब मैं ऑस्ट्रिया गई थी वहां भी मेरे फैन मिले. मेलिना नाम की एक महिला जिन्हें मेरी भाषा नहीं आती थी. उन्होंने मेरे शो ‘मधुबाला’ को ‘सबटाइटल’ के सहारे देखा था. म्युनिख से 3 घंटे ड्राइव कर वह मुझसे मिलने आई थी. जो बड़ी बात थी.

प्र. जीवन में कोई मलाल रह गया है?

ऑस्ट्रिया की ट्रिप के बाद हमने जाना कि हमें कैसे जीना है. रिवर राफ्टिंग, स्किइंग आदि सब सीखने की इच्छा पैदा हुई है. समय मिलने पर वह भी सीख लूंगी.

प्र. सुपर पावर मिले तो क्या बदलना चाहती है?

कुछ खास बदलना नहीं चाहती. लेकिन शहर को साफ-सुथरा और भ्रष्टाचार को देश से हटाना चाहती हूं. मुझे जो भी मिला मैं उसी में संतुष्ट हूं.

प्र. जीवन में खुश रहने का मंत्र क्या है?

हमेशा सकारात्मक सोच रखें, जो मिले उसमें खुश रहें. हर दिन को अपने हिसाब से मनाये.

मोहम्मद रफी का अपमान

करण जोहर अपनी फिल्म ‘‘ऐ दिल है मुश्किल’’ के बाक्स आफिस कलेक्शन को लेकर खुश हो रहे हैं. उनकी फिल्म ने महज तीन दिन यानी कि वीकेंड में ही फिल्म की लागत का आधा हिस्सा वसूल कर लिया. तीन दिन के अंदर इस फिल्म ने बाक्स आफिस पर विदेशों में 41 करोड़ पांच लाख रूपए तथा भारत में 35 करोड़ साठ लाख रूपए एकत्र किए. मगर मशहूर गायक मो. रफी के बेटे शाहिद रफी ने करण जोहर पर अपने पिता का अपमान करने का आरोप लगाया है. वास्तव में फिल्म में एक जगह रणबीर कपूर से अनुष्का शर्मा कहती हैं-‘‘मो.रफी गाते नहीं रोते थे.’’ शाहिद रफी का मानना है कि इस संवाद द्वारा करण जोहर ने उनके पिता का अपमान किया है.

मुंबई के एक अंग्रेजी दैनिक के से बात करते हुए मो. रफी के बेटे शाहिद रफी ने कहा-‘‘इस संवाद की वजह से फिल्म की कहानी न आगे बढ़ती है और न ही पीछे जाती है. इस संवाद की वजह से फिल्म की कहानी पर कोई असर नहीं होता. तो फिर इस संवाद को रखने की वजह क्या थी. क्या यह संवाद लिखते समय या लिखने के बाद उन्हे अहसास नहीं हुआ कि वह किस महान गायक की बात कर रहे हैं. मेरे पिता के देहांत के 36 वर्ष बाद भी बौलीवुड के किसी भी गायक के मुकाबले मेरे पिता मो.रफी के प्रशंसकों की तादात आज भी सबसे ज्यादा है. मेरे पिता विनम्र और संगीत के इंस्टीट्यूट थे. लोग उनकी पूजा करते हैं. अब तक किसी ने भी मेरे पिता के खिलाफ अपशब्द नहीं कहे. पर करण जोहर ने अपमान किया है. जिसने यह संवाद लिखा वह मूर्ख है. मेरे पिता ने शम्मी कपूर, राजेंद्र कुमार, ज्वाय मुखर्जी, विश्वजीत जैसे महान कलाकारों के लिए गाया है. कम से कम करण जोहर से इस तरह की उम्मीद नहीं थी. मेरे पिता ने करण जोहर के पिता यश जोहर की 1980 की फिल्म ‘दोस्ताना’ में भी एक गीत ‘मेरे दोस्त किस्सा यह क्या हो गया, सुना है कि तू बेवफा हो गया..’ गाया था. शायद करण जोहर पर शोहरत का नया कुछ ज्यादा ही चढ़ गया है.’’

सूत्रों के अनुसार शाहिद रफी अब सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी से संपर्क कर सलाह लेने वाले हैं कि इस मसले पर किस तरह की कार्रवाही की जानी चाहिए.

अर्जुन और मलाइका के बीच कुछ तो है

एक तरफ अरबाज खान और मलाईका अरोड़ा खान के बीच अलगाव हो चुका है, तो दूसरी तरफ मलाईका अरोड़ा खान व अभिनेता तथा बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर के बीच बढ़ रही मुलाकातें कई तरह की खबरों को जन्म दे रही हैं. कुछ माह पहले भी अर्जुन कपूर ने मलाईका अरोड़ा खान के साथ रात बितायी थी, पर अर्जुन कपूर ने इस बात से साफ इंकार कर दिया था. पर अब दिवाली के बाद सोमवार की रात भी अर्जुन कपूर और मलाईका अरोड़ा की मुलाकातों की खबरें गर्म हैं.

सूत्रों का दावा है कि मुंबई में खार जिमखाना के पास तुसकोने हाइट्स इमारत, जिसमें मलाईका अरोड़ा खान रहती हैं, में रात साढ़े दस बजे अर्जुन कपूर घुसे थे, उसके बाद रात डेढ़ बजे वह इस इमारत से बाहर निकले. जब वह इस इमारत से बाहर निकल रहे थे, उस वक्त इमारत के बार मौजूद एक वेब साइट के पत्रकार ने अपने वेबकैमरा में अर्जुन कपूर को कैद करने का प्रयास किया, तो वह मुंह छिपाकर चलते बने. इससे कई तरह की खबरें गर्म हैं.

लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर अर्जुन कपूर और मलाईका अरोड़ा खान के बीच क्या खिचड़ी पक रही है. हो सकता है कि इस बार अर्जुन कपूर अपनी सफाई देते हुए यह कहें कि वह इस इमारत में मलाईका नहीं किसी और से मिलने गए थे. पर अहम सवाल यही है कि ऐसे में उन्हें मुंह छिपाकर भागने की जरुरत क्यों पड़ी?

कार्टूनिस्ट सुखवंत कलसी का ‘चाचा भतीजा’

इन दिनों टीवी पर बच्चों के लिए प्रसारित हो रही एनीमेशन फिल्में व एनीमेशन सीरीज काफी लोकप्रियता बटोर रही हैं. जब से धीरज बेरी निर्देशित व केतन मेहता की कंपनी द्वारा निर्मित बाल एनीमेशन सीरीज ‘‘मोटू पतलू’’ ने सफलता के नए रिकार्ड कायम किए हैं, तब से इस तरह के विषयों पर कई एनीमेशन सीरीज बन रही हैं. इसी के चलते इन दिनों ‘हंगामा टीवी’ पर प्राइम टाइम स्लाट दोपहर ढाई बजे मशहूर कार्टूनिस्ट सुखवंत कलसी लिखित व धीरज बेरी निर्देशित बाल सुपर हीरो वाली एनीमेशन सीरीज ‘‘बुरे काम का बुरा नतीजा क्यों भई चाचा हां भतीजा’’ के नाम से प्रसारित हो रहा है, जिसे लोग ‘चाचा भतीजा’ भी कह रहे हैं.

एनीमेशन सीरीज ‘‘बुरे काम का बुरा नतीजा क्यों भई चाचा हां भतीजा’’ के लेखक सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट व टीवी के ‘मूवर्स एंड शेकर्स’, ‘जानी आला रे’, ‘कामेडी नाइट्स विथ कपिल’, ‘राजू हाजिर हो’, ‘नानसेंस अनलिमिटेड’, ‘फंजाबी चक दे’, ‘लाफ्टर चैलेंज’ और ‘कामेडी सर्कस’ सहित कई बडे़ कामेडी सीरियलों के लेखक सुखवंत कलसी हैं. सुखवंत कलसी ने 34 साल पहले एक एक्शन कामिक हीरो की रचना की थी और वह कामिक हीरो सीक्रेट एजेंट 005 जूनियर जेम्स बान्ड अपने चाचू बलवंत राय चौधरी के साथ मिलकर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाता है.

हास्य सीरियल लिखते लिखते बच्चों के लिए एनीमेशन सीरीज की तरफ मुड़ने के सवाल पर सुखवंत कलसी कहते हैं-‘‘मैं बच्चों की एक लोकप्रिय पत्रिका का करीब तीस साल से संपादन कर रहा हूं. बच्चों के साथ मेरा काफी करीबी रिश्ता रहा है. इसीलिए अब मैं टेलीवीजन पर बच्चों के लिए काम कर रहा हूं.’’

आगे की योजना की चर्चा करते हुए सुखवंत कलसी ने कहा- ‘‘करीब तीस वर्षों से मूर्खिस्तान कार्टून सीरीज प्रिंट मीडिया के अलावा सोशल मीडिया पर भी काफी पापुलर है. वाट्स्एप्प के जरिए मैं अपने दोस्तों के साथ साथ बालीवुड के कई बडे़ दिग्गजों को मूर्खिस्तान का एक कार्टून डेली पोस्ट करता हूं, जो कि काफी सराहा जाता है. 2017 में मूर्खिस्तान की भी एनीमेशन सीरीज शुरू हो जाएगी. इसके अलावा दो हास्य व रोमांचक फिल्में लिख रहा हूं.’’

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